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Sunday, March 8, 2020











होलिका दहन का समय शाम 6:41 से शुरू
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कनीना। कनीना में होलिका दहन की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। ईंधन डाल डालकर होलिका दहन स्थल को सजाया जा रहा है। कनीना के बाबा मोलडऩाथ मेले के बाद तो इसी पर्व की तैयारियों में कस्बावासी जुट जाते हैं। जौ की फसल पकने लगी है जो होलिका दहन पर भूनकर परिवार द्वारा खाने की परंपरा चली आ रही है।
  इस बार जब होलिका दहन नौ मार्च को होने जा रहा है, होलिका दहन में तेजी आ गई है। डांडा गाडऩे के बाद से अब तक ऊंची होली बना दी गई है। वैसे तो होली के चलने वाले खेलों में इधर उधर पड़ी हुई कंटीली झाडिय़ां लाकर होलिका दहन स्थल पर डाली जाती हैं। आस पास तथा दूर दराज खड़ी कांटे की झाडिय़ों को उठाकर होलिका दहन स्थल पर डाल दिया जाता है।
   होलिका दहन की परंपरा के अनुसार होलिका दहन की सुबह सवेरे इस विशालकाय होलिका पर गोबर से बने हुए हथियार(जिन्हें ढाल एवं बिड़कला नाम से पुकारा जाता है ) डाल दिए जाते हैं। बताया जाता है कि होलिका दहन के समय जब प्रह्लाद भक्त एवं होलिका को एक साथ बैठाकर उन पर ईंधन डालकर आग लगा दी गई थी उस वक्त लोगों के पास जो हथियार थे वे भी होलिका दहन में डाल दिए गए थे तभी से लेकर आज तक यह परंपरा चली आ रही है। होलिका दहन में गोबर के ये हथियार भी डाले जाते हैं। होलिका दहन में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लोग प्रह्लाद भक्त के दुश्मन थे जो उन्हें जलाना चाहते थे।
होलिका दहन 6:41 से शुरू
  कनीना के अरविंद जोशी ज्योतिााचार्य का कहना है कि नौ मार्च को शाम 6:41 से होलिका दहन का मुहुर्त है। दहन रात नौ बजे तक उचित है। उन्होंने बताया कि इसी वक्त होलिका दहन करना सर्वथा उहचित रहेगा।
कनीना होलीवाला जोहड़ के विषय में डा मेहरचंद(82) का कहना है कि उनके पूर्वजों के वक्त से कनीना के एकमात्र स्थान पर ही होलिका दहन किया जाता रहा है। इस जोहड़ का नाम होली के कारण होलीवाला पड़ा है किंतु वर्षों पूर्व होलीवाला एवं  पीलिया जोहड़ दो जोहड़ होते थे। यहां पर मेनला भी लगने लगा है।
  फोटो कैप्शन 6: धनौंदा की होली का नजारा।


कोरोना वायरस पर संगोष्ठी आयोजित

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कनीना। राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हानी के प्रांगण में कोरोना वायरस से बचाव के बारे में जानकारी देने के लिए बीएमडी क्लब ने एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में प्रो कंवर सिंह ने मौजूद लोगों को बताया कि कोरोना वायरस कई प्रकार के वायरसों का समूह है। इसके बचाव के बारे में भी उन्होंने विस्तार रूप से जानकारी दी।
कोरोना वायरस से ना घबराएं।
 ये सावधानियां अपनाए-
  नियमित रूप से हाथ धोएं, छीकते और खांसते समय नाक और मुंह ढकें, किसी व्यक्ति को खांसी या बुखार हो तो दूरी बनाएं। अधिक जानकारी के लिए नजदीकी सरकारी अस्पताल से सम्पर्क करें।
शनिवार को राजकीय कन्या महाविद्यालय में संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कृष्ण कुमार ने बताया कि कोरोना वायरस आज विश्वभर में चिंता का विषय बना हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस को लेकर वैश्विक चेतावनी जारी की हुई है। अभी तक इस संक्रमण का उपचार नहीं मिल पाया है। डर सबसे बड़ी बीमारी है और वही सबसे बड़ा व्यापार है।  कृष्ण कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया पर कोई भ्रम एवं भ्रमित समाचार न दे। इस तरह की अवधारणाएं ना फैलाएं मार्केट में ऐसा कुछ नहीं है। एकडर का माहौल समाज में बन चुका है। जिससे सैकड़ों बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। इकोनॉमिक ठप चुकी है। वहीं फ्लाइट रद्द हो रहीं हैं। जिसका नुकसान सीधे-सीधे जनता को हो रहा हैं । सोशल मीडिया जो लोग बिना किसी जानकारी के बिना किसी अनुभव के इस बात को वायरल कर रहे हैं वो ऐसा ना करें । सच्चाई कुछ और ही है तो इस बारे में अफवाह ना फैलाएं ।
कार्यक्रम में डा कांता यादव, डा सुधीर यादव, नीतू कुमारी, कविता कुमारी, हरपाल, अनिल कुमार, दिनेश सिंह, कंवर सिंह सहित छात्राएं मौजूद रही ।
फोटो कैप्शन 1:  कोरोना वायरस के बारे में जानकारी देते हुए कृष्ण कुमार।

200 महिलाओं को दिया हुआ है रोजगार -प्रोफेसर पद छोड़कर जनहित कार्य में लगी 

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 कनीना। कनीना के वार्ड नंबर एक की पूनम यादव कालेज में शिक्षण का काम छोड़कर जनसेवा में जुटी हुई है और 200 महिलाओं को रोजगार दिया हुआ है। ये महिलाएं प्रतिमाह 5 हजार से 20 हजार रुपये तक घर बैठे कमा लेती हैं। उन्होंने 1200 महिलाओं को ट्रेनिंग भी दी हुई है।
 एमबीए, नेट तथा इकोनामिक्स में स्नातकोत्तर पास होते हुए तथा सहारनवास में कालेज में प्राध्यापिका पद पर कार्यरत थी। 2015 पूनम ने अब कनीना में ही महिलाओं के हित की जिम्मेदारी ली हुई है। वे युग इंटरप्राइजेज नाम से कैरी बैग बनवा रही है। जहां एक ओर सरकार पॉलीथिन हटाओ अभियान छेड़े हुए है वहीं यह महिला पालीथिन के स्थान पर कैरी बैग प्रयोग करने की प्रेरणा दे रही है। 200 महिलाएं उनके पास कभी कभार आती है और कच्ची सामग्री लेकर घर पर काम करती है। वे अपनी साधारण सिलाई मशीन के जरिए कैरी बैग की सिलाई करके करके कम से कम पांच हजार तथा अधिकतम 20 हजार रुपये कमा लेती हैं।
पूनम वर्ष 2015 से इस कार्य में लगी हुई है। पूनम ने बताया कि उन्हें स्वयं भी प्रति बैग 50 पैसे से एक रुपये कमा लेती हैं और सभी महिलाएं प्रतिदिन 1500 से 2000 बैग तैयार कर लेती है। उन्होंने बताया कि वे अपने घर पर बुलाकर महिलाओं को ट्रेनिंग देती हैं। इस कार्य के लिए उन्होंने अनुभवी तथा ट्रेनिंग देने वाली महिलाओं को भी नियुक्त कर रखा है ताकि वेे कैरी बैग निर्माण, सिलाई आदि की जानकारी दे सके।          तत्पश्चात वे कच्चा सामान लेकर अपने घर पर जब भी फुर्सत हो कैरी बैग सील सकती है। उन्होंने बताया कि यदि उनके पास मशीन नहीं है तो उनकी संस्था की मशीन उपलब्ध करवा देती है ताकि महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो सके। उन्होंने बताया कि जब महिलाएं फुर्सत में होती है तथा घर पर कोई काम नहीं होता उस समय वे अपने इस कार्य में जुट सकती है और इस प्रकार वे घर के काम के साथ-साथ समय रहते हुए अपना रोजगार भी कर सकती है।
 उन्होंने बताया कि उनके पति नवीन कुमार मार्केटिंग का काम करते हैं तथा विभिन्न संस्थाओं ,स्कूल, निजी संस्थाएं, दुकान, फैक्ट्री, कंपनी आदि से कैरी बैग का आर्डर लाते हैं। उन्हें आदेश मिलते ही वे महिलाओं को तुरंत प्रभाव से सिलाई बैग बनाने में व्यस्त हो जाती है और सिलाई बैग तैयार करके उन तक पहुंचाती हैं। उनके द्वारा तैयार किए कैरी बैग जिसको आवश्यकता है वहां तक पहुंचाने का कार्य करती है। इस प्रकार से वे जनहित और स्वयं के रोजगार में जुटी हुई है वहीं सैकड़ों महिलाओं को रोजगार देकर नाम कमा रही हैं। उनका कहना है कि समाज में महिलाएं आज अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है यदि उनके पास रोजगार नहीं तो बेरोजगार कर सकती है, यदि उनमें थोड़ी बहुत हिम्मत है तो समय निकाल कर इस प्रकार के कार्य को करके अपने परिवार का पालन पोषण भी कर सकती है। उन्होंने बताया कि कुछ महिलाएं तो 20 हजार रुपये प्रति माह तक इसी काम से कमा लेती है। इस काम में समय की कोई बंदिश नहीं है। यहां तक कि उन्हें कहीं जाने की जरूरत नहीं और सीधा-साधा सा काम उनको मिलता है। इस काम के जरिए वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है। उनका कहना है कि वे अपना रोजगार चलाने में सक्षम हो जाती है तो कुछ और मशीनें खरीद कर अपने कार्य को बढ़ा सकती है।
 फोटो कैप्शन 2: कैरी बैग बनाने की जानकारी महिलाओं को देती हुई पूनम यादव।


तरंग का हुआ समापन

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कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना में दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम तरंग का समापन हुआ। इस मौके पर सिंघानिया विश्वविद्यालय राजस्थान के उप-कुलपति प्रोफेसर उमाशंकर यादव उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य मेजर मनीराम लांबा ने निभाई।
  इस मौके पर महाविद्यालय के विद्यार्थियों ने विभिन्न प्रस्तुतियां दी। कार्यक्रम के आरंभ में महाविद्यालय के प्रो हरिओम भारद्वाज ने मुख्य अतिथि का अभिनंदन किया और उनके जीवन पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने इस कार्यक्रम में बतौर कार्यक्रम संयोजक की भूमिका निभाई।
  इस कार्यक्रम में कविता प्रतियोगिता में कविता  प्रथम वर्ष प्रथम,सरिता बीएससी द्वितीय वर्ष द्वितीय तथा प्रिया बीएससी तृतीय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में सोनिया ने प्रथम तथा गौरव ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। सोलों सांग में रोहित प्रथम स्थान तथा अंकित ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। सोलो डांस में नितिन ने प्रथम तथ, कविता ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया तथा शुभम अग्रवाल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
 ग्रुप डांस में मुस्कान, कविता, ज्योति, मेनका प्रिया की टीम ने प्रथम स्थान हासिल किया तथा तमन्ना एवं मेघना की टीम ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। पोस्टर प्रतियोगिता में  राहुल ने प्रथम, भावना ने द्वितीय तथा हेमंत ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
      रंगोली में कविता प्रथम ,पूजा द्वितीय सुष्मिता तृतीय स्थान पर रही। कोलाज मेकिंग में सरिता प्रथम, सपना द्वितीय, किरण तृतीय स्थान पर रही। निबंध लेखन में सोनिया शर्मा प्रथम, लागवी द्वितीय,निकिता तृतीय स्थान पर रही। बेस्ट आउट ऑफ वेस्ट में सनम ने प्रथम ,कविता ने द्वितीय तथा निर्मल ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मेहंदी प्रतियोगिता में प्रिया प्रथम, ममता द्वितीय प्रतिभा व सोनम दोनों तृतीय स्थान पर रही।
 इस अवसर पर प्रो संदीप, प्रो कुसुम, प्रो सुरेंद्र यादव, प्रो विनोद यादव, प्रो राकेश सिमोर, कंवरपाल, अजय प्रकाश, सोमबीर, मनीषा, मंजू, गजानंद, दीपक, छोटेलाल, अनिल, तरुण, दिनेश आदि उपस्थित थे।
 फोटो कैप्शन 3: उप कुलाधिपति प्रो उमाशंकर यादव को स्मृति चिह्न भेंट करते हुए कालेज प्राध्यापक।

रंग और गुलाल से सज गए बाजार

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कनीना। कनीना के बाजार में रंग और गुलाल सज गए हैं।  रंग गुलाल खेलने के लिए पिचकारियों की भरमार है। होलिका दहन के बाद 10 मार्च को को दुलेंडी का पर्व मनाया जाएगा।   
    इस बार सूखी होली, गुलाल तथा प्राकृतिक रंगों से होली खेलने के लिए युवा वर्ग आमजन को प्रेरित कर रहा है और आगे आ रहा है। उधर दुकानदार भरपूर सिंह, रोहित कुमार, योगेश कुमार ने बताया कि अभी से ही गुलाल की बिक्री बढ़ गई है वहीं बच्चे पिचकारियां खरीद रहे हैं तथा जमकर होली खेलने की संभावना जता रहे हैं। उन्होंने कहा कि मार्केट में आजकल नई-नई तकनीकी युक्त पिचकारियां आई हुई है वही विभिन्न प्रकार के रंग आए हुए हैं। रंगों के बजाय इस बार लोग विशेषकर युवा वर्ग गुलाल खरीद रहा है। उन्होंने बताया कि युवा वर्ग प्रत्येक व्यक्ति को प्रेरित कर रहा है कि होली पर पानी बचाना चाहिए, प्राकृतिक रंगों से होली खेले। रविंद्र कुमार शिक्षाविद का कहना है कि रासायनिक रंगों से होली खेलने से विभिन्न प्रकार के चर्म रोग ही नहीं अपितु गुर्दे, आंखों के रोग, एलर्जी तथा अन्य कई प्रकार के रोग होने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि किसी भी सूरत में रासायनिक रंगों से होली नहीं खेलनी चाहिए और प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करके या चंदन का टीका लगाकर होली खेलनी चाहिए। 80 प्रतिशत लोग तिलक लगाकर होली खेलने के पक्षधर हैं। प्रतिवर्ष होली के पर्व पर भारी मात्रा में रंग गुलाल बिकते हैं किंतु इस बार प्राकृतिक रंगों की बिक्री में बढ़ोतरी हो गई है। प्राकृतिक रंगों को बेचने वाले विक्की का कहना है कि अखबारों में पानी बचाने का संदेश तथा प्राकृतिक रंगों के प्रयोग करने की प्रेरणा देने के चलते उनके पास ऐसे युवा अधिक हैं जो प्राकृतिक रंग खरीदते हैं। उन्होंने मेहंदी,हल्दी, चुकंदर, पत्तों से बनाया हुआ रंग आदि प्रयोग करने पर बल दिया। डा अजीत कुमार का कहना है की होली सादगी से खेलनी चाहिए। अगर प्राथमिक रंगों से होली खेल रहे तो पहले शरीर पर सरसों का तेल लगा लेना चाहिए ताकि रंगों से छुटकारा आसानी से मिल सके वरना यह रंग कई दिनों तक नहीं छूटेंगे। बच्चे, बूढ़े, विधवा आदि का ख्याल रखने पर भी उन्होंने बल दिया।
फोटो कैप्शन 4: रंग, गुलाल एवं पिचकारी की भरमार।


पानी की बचत करेंगे तथा रासायनिक रंगों से बचने का प्रयास करेंगे
-चंदन का टीका लगाकर गले मिलेंगे

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कनीना। रंगों के पर्व होली को यादगार बनाने के लिए इस बार भी युवा कम से कम पानी का प्रयोग करेंगे तथा हो सके तो पानी बगैर होली खेलेंगे। गले मिलकर तथा टीका लगाकर ही होली खेलेंगे। गुलाल का भी कम से कम प्रयोग करेंगे। शिक्षित वर्ग ने सादगी एवं कम पानी प्रयोग करके मनाने पर बल दिया।
  इस मौके पर डा मुंशीराम मोहनपुर ने कहा कि रासायनिक रंगों का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए घातक साबित होता है वहीं इसका प्रयोग अधिक पानी को खराब करने का एक तरीका है। उन्होंने कहा कि कम से कम पानी प्रयोग करना चाहिए।
  सत्यवीर सिंह पड़तल ने इस मौके पर कहा कि होली एक पवित्र एवं हंसी खुशी से मनाने की शिक्षा देता है। ऐसे में हमें प्यार से एक दूसरे को चंदन आदि का टीका लगाकर या फूलों की होली खेलकर मनाना चाहिए। प्राकृतिक पदार्थों के संग मनाई गई होली सच्ची होली होगी।
  इस मौके पर सुनील कुमार प्राध्यापक एवं हसला ब्लाक अध्यक्ष ने इस मौके पर कहा कि पानी बचाना इस पर्व का प्रमुख कत्र्तव्य होगा। पेयजल की कमी होती जा रही है। ऐसे में होली मनाने के लिए हमें प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करने पर बल देना चाहिए। उन्होंने यह संदेश हर जन तक पहुंचाने की अपील की।
  इस मौके पर राजेश शास्त्री लूखी का कहना है कि इस होली के पर्व पर रासायनिक रंगों का त्याग करके प्राकृतिक रंगों का प्रयोग करेंगे। पानी की बचत करेंगे और भाईचारे का पैगाम देंगे। एक दूसरे से गले से मिलकर पर्व को बेहतर बनाएंगे।
 विजयपाल प्राध्यापक कनीना का कहना है कि दिनोंदिन पानी कम होता जा रहा है वहीं इंसान पानी का दुरुपयोग कर रहा है। एक ओर जहां खुशी का अवसर है तो क्यों न पानी की बचत करते हुए या तो कम से कम गुलाल लगाकर या फिर चंदन आदि का टीका लगाकर खुशी का इजहार किया जाए। उन्होंने कहा कि वे सभी को जल बचाने, रासायनिक रंगों से होली खेलने से बचने की प्रेरणा देंगे। यह जनहित का कार्य है और इस कार्य में अधिक से अधिक लोगों को आगे आना चाहिए।
  ईश्वर सिंह वरिष्ठ प्रवक्ता का कहना है कि होली का मतलब खुशी का पर्व होता है। इस पर्व में अधिक से अधिक खुशी तभी मिल सकती है जब जहरीले रंगों का त्याग करके प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाए। पूरे ही विश्व में जल की मांग बढ़ रही है तो जल को बचाना भी हमारा दायित्व बनता है। हमें जल की बचत करते हुए प्राकृतिक रंगों से या फिर एक दूसरे के गले से मिलकर हंसी खुशी होली का पर्व मनाना चाहिए। इस पर्व के कारण किसी को परेशानी नहीं देनी चाहिए।
फोटो कैप्शन: राजेश शास्त्री, सत्यवीर सिंह, सुनील कुमार, ईश्वर सिंह, डा मुंशीराम, विजयपाल।



अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हवन आयोजित 

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 कनीना। कनीना के आर्य समाज मंदिर में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर हवन आयोजित किया गया। इस मौके पर हवन में यजमान महिला को नियुक्त किया गया। इस अवसर पर राव मोहर सिंह प्रधान, मनफूल सिंह आर्य, कृष्ण प्रकाश, सरललता आदि मौजूद थे।



महिला सम्मान के लिए आयोजित हुई बैठक

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कनीना। नेताजी मेमोरियल क्लब कनीना में भारत विकास परिषद की ओर से अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर एक बैठक आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता सरिता भारद्वाज महिला प्रमुख भारत विकास ने की।
 इस मौके पर महिला दिवस पर नारी को समाज में उच्च सम्मान दिलवाने के लिए विचार विमर्श किया गया। इस अवसर पर प्रधान कंवरसेन वशिष्ठ ने बताया कि स्त्री का वर्षों से सम्मान होता आया है। वह भारतीय नारी गौरव का प्रतीक है। ऐसे में उनका सम्मान हम सभी का फर्ज बनता है। बैठक में 1 अप्रैल से सिलाई सेंटर में दाखिला करने का प्रस्ताव पारित किया और जिसमें 20 महिलाओं को सिलाई सिखलाई जाएगी। इस बैचके 3 महीने बाद ही नया बैच शुरू हो सकेगा। इस मौके पर सरकार द्वारा महिलाओं के लिए विशेष घोषणा करने की मांग की ताकि महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो सके। इस मौके पर शिव कुमार अग्रवाल, दलीप सिंह, महेश बोहरा, लखनलाल, कृष्ण सिंह धनपत साहब, गजराज, श्याम लाल शर्मा, सुरेश शमर्,ा प्रेम लाल, सुशीला यादव, उर्मिला जांगिड़, उर्मिला कौशिक, अरुणा कौशिक आदि मौजूद थे। फोटो कैप्शन 5: में बैठक का एक नजारा।


आइडियल वीमेन अचीवमेंट अवार्ड 2020  का आयोजन 

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कनीना। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर कुछ सशक्त महिलाओं का सम्मान
बरएमडर क्लब की ओर से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आइडियल वीमेन अचीवमेंट अवार्ड 2020 कार्ये्रम का आयोजन कर किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एडवोकेट रेखा यादव थी।
इस कार्यक्रम के तहत महिला सशक्तिकरण,प्रौढ़ शिक्षा ,झुग्गी झोपडिय़ों में नि:शुल्क शिक्षा देना ,खेल-कूद ,स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण , युवा नेतृत्व,मानवीय एवं पारिवारिक मूल्यों का संरक्षण ,जल संरक्षण आदि सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाली आदर्श महिलाओं का चयन किया गया।
मुख्य अतिथि एडवोकेट रेखा यादव ने कहा कि भारत में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिये सबसे पहले समाज में उनके अधिकारों और मूल्यों को मारने वाले उन सभी राक्षसी सोच को मारना जरूरी है जैसे दहेज प्रथा,अशिक्षा,यौन हिंसा, असमानता, भ्रूण हत्या, महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा।
कार्यक्रम संयोजक लक्की राव सीगडा ने भी विचार रखे। इस मौके पर लवली कनीना को सम्मानित किया गया। विकलांग होते हुए भी अपने भाई को पढ़ाया। इस मौके पर भारी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैपन 4: महिलाओं को सम्मानित करता बीएमडी क्लब।


गांजा एवं दारू पकड़ी 

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 कनीना। कनीना पुलिस ने खंड ग्राम धनौंदा में एक महिला से करीब 840 ग्राम गांजा तथा भारी मात्रा में शराब पकड़ी। मुखबिरी के आधार पर छापा मारकर दोनों चीजें बरामद की हैं। डीएसपी महेंद्रगढ़ यादराम के नेतृत्व में छापेमारी की गई।
 प्राप्त विवरण अनुसार रामगिरी बावरिया जाति धनौंदा निवासी के यहां मुखबिरी के आधार पर पुलिस ने डीएसपी महेंद्रगढ़ यादराम के नेतृत्व में छापेमारी की जिसमें करीब 840 ग्राम गांजा तथा 120 पव्वे देशी शराब के बरामद किए। पुलिस ने एनडीपीएस एवं आबकारी एक्ट के तहत महिला के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है और आगामी कार्रवाई जारी है।




देसी कट्टा बरामद 

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 कनीना। कनीना पुलिस ने बाघोत के एक व्यक्ति से देसी कट्टा तथा दो जीवित कारतूस बरामद किए है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और जो आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है।
 मिली जानकारी अनुसार महिपाल गुर्जर बाघोत निवासी के के यहां मुखबिरी के आधार पर कनीना पुलिस ने छापा मारकर अवैध देसी कट्टा बरामद किया तथा साथ में दो जीवित कारतूस भी बरामद किए हैं। संजय कुमार अनुसंधान अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं। आर्मस एक्ट 25/54/ 59 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आगामी कार्रवाई जारी है।


जगह-जगह टूट गए हैं सड़क मार्ग 

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 कनीना। क्षेत्र के आसपास गांवों में जहां विगत दिनों हुई 80 एमएम बारिश के चलते सड़क मार्गों पर चौड़े गड्ढे बन गए हैं सड़क के किनारे कट चुके हैं जिससे आवागमन प्रभावित हो रहा है।
कनीना के समीपी गांव बव्वा में जहां मुख्य मार्ग पर गहरा गड्ढा हो गया है वहीं मार्ग से गुजरने वाले दुपहिया वाहन चालक बार-बार इस गड्ढे में गिर रहे हैं। बड़ी दुर्घटना होने की आशंका है। बव्वा की सुरेंद्र कुमार, रोशन लाल पूर्व सरपंच, रामकिशन  बहादुर सिंह, कुलदीप सिंह आदि ने बताया कि सीहोर से बव्वा जाने वाले इस मार्ग पर गहरा गड्ढा बना हुआ है। इसकी प्रशासन सुध नहीं ले रहा है।
उधर कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय के सामने सड़क मार्ग पर गहरा गड्ढा बना हुआ है जिसमें कोई भी दुपहिया वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। इसी प्रकार बारिश ने सभी सीवर लाइनों के पास सड़क को क्षति पहुंचाई है।
 फोटो कैप्शन पांच: बव्वा का सड़क मार्ग पर बना गहरा गड्ढा दिखाते जन।


होली पर आयोजित होंगे मेले 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में होली के पर्व पर विभिन्न गांवों में मेले आयोजित होंगे तथा विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी।
 उधोदास आश्रम में महंत लालदास स्वयं होली खेलेंगे और यहां बहुत बड़ा मेला लगता है। इस मेले में पूरे भारत के भक्तजन पहुंचते हैं। रात को होलिका दहन के बाद से यहां शुरू हो जाती है और
रात को ही होलिका दहन के पश्चात से कार्रवाई शुरू हो जाती है। रात भर विभिन्न कायक्रम आयोजित किए जाते हैं तथा सुबह दुलेंडी के दिन संत लालदास होली खेलते तथा विभिन्न कार्यक्रम दिनभर आयोजित होते हैं। भंडारा भी आयोजित होता है।
बवानिया गांव में भी बड़ा मेला लगता है। उधर एसडीओ सोनू ने बताया कि उनके यहां  बाबा खेम दास का विशाल मेला आयोजित होगा।  जिसमें कबड्डी, वालीबाल, दौड़, रस्साकशी, ऊंची कूद आदि आयोजित होंगी। गांव भडफ़ में जहां ढफ बजाने की प्रथा चली आ रही है वहीं बाबा भीष्म का विशाल मेला लगता है। सरपंच महेंद्र यादव ने  बताया कि मेले में विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित होंगी। इस मेले में दूरदराज के भक्त पहुंचते हैं।
कनीना की समीपी गांव में निमोठ तथा कारोली में भी मेले आयोजित होते हैं जहां भारी संख्या में भक्तजन पहुंचते हैं।

अपरोच मार्गों की हालात जर्जर

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कनीना। कनीना और आसपास के गांवों को जाने वाले अप्रोच मार्गों की हालत जर्जर बन गई है जिसके चलते आवागमन में परेशानी हो रही है।
 कनीना से बाघोत वाया छितरौली मार्ग अति जर्जर बन गया है। इस मार्ग पर जहां सीएसडी कैंटीन भी स्थित है किंतु इस मार्ग सुध नहीं ली गई है। इस मार्ग पर चलते समय भारी परेशानी हो रही है। कनीना से करीरा मार्ग भी जर्जर बन गया है। करीरा में नवोदय विद्यालय स्थित है। यह मार्ग जर्जर हो चला है। कनीना से ककराला भी बहुत जर्जर हो गया है जिसके चलते आवागमन प्रभावित हो रहा है। कनीना से दादरी मार्ग का निर्माण भी नहीं हो पा रहा है जिसके चलते सड़क मार्ग धनौंदा आसपास बहुत बुरी तरह से टूट चुकी है। इसी प्रकार विभिन्न अप्रोच मार्ग भी जर्जर हो गए हैं। जिसके चलते परेशानी बढ़ती जा रही है।




ग्राम ककराला में चलाया सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान***********************************

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कनीना। ग्राम ककराला में महिला दिवस के मौके पर "सड़क सुरक्षा, जीवन सुरक्षा" नारे के साथ जागरूता अभियान चलाया गया। बाबा भैया सेवा दल द्वारा आयोजित इस अभियान में ग्रामीणों को निःशुल्क हैलमेट वितरित किये गये। सभी मौजूद ग्रामीणों ने सड़क सुरक्षा की प्रतिज्ञा लेकर दुपहिया वाहनों पर सवार होकर हैलमेट पहनकर गाँव के प्रमुख मार्गों में रैली निकालकर सड़क सुरक्षा के लिये सन्देश दिये। इस मौके पर मुख्य अतिथि के तौर पर पहुँचे कनीना थाना अधिकारी विकास कुमार ने बाईक रैली को हरी झंडी दिखाई। उन्होंने बताया वो युवाओं की इस पहल के लिये उन्हें धन्यवाद देतें हैं और इस तरह के जागरूकता अभियान समाज में समय समय पर होते रहने चाहिये। ग्रामीणों से उन्होंने कहा की हैलमेट को सिर्फ घर न लेकर रखें बल्कि इसको दैनिक जीवन में उपयोग करें। ज्यादातर सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की जान हैलमेट न पहनने के कारण जाती हैं और इसका नुकसान फिर पुरे परिवार, गाँव व समाज को होता है। सँस्था की तरफ से इस कैम्पेन के प्रमुख कर्णधार सुंदर लाल ने बताया कि वास्तविक सड़क हीरो वही है जो हैलमेट पहनेगा।
इस अवसर पर कनीना से पुलिस दल की तरफ से एस आई रामेश्वर, एएसआई सत्यवीर, हैड कॉन्स्टेबल रोशन लाल व अमित कुमार भी युवाओं का हौंसला बढाने पहुँचे। सँस्था की तरफ से मास्टर रामेश्वर दयाल, राजबीर सिंह व ग्राम सरपँच कृष्ण सिंह ने थाना अधिकारी व सभी अतिथियों का आभार जताया।
इस अभियान के प्रवक्ता राजबीर ने बताया कि वो गाँव में कई बार युवाओं को बिना हैलमेट दुपहिया वाहन चलाते देख बहुत चिंतित होते थे। इसीलिए उन्होंने सँस्था में ये प्रस्ताव डाला कि हमें सड़क सुरक्षा जागरूकता अभियान करते रहने। चाहिये। पूरे अभियान पर ग्राम पँचायत सदस्यों ने व सभी ग्रामीणों ने खुशी जाहिर की।इस मौके पर भूतपूर्व सरपँच दलीप सिंह, धर्मपाल थानेदार, कमेटी प्रधान कँवर सिंह, प्रताप, राजेन्द्र सिंह, पँच जय प्रकाश, श्री भगवान चेयरमैन, मनोज, मा० गुलसन, सुनील शर्मा, क्रिश, राममेहर, डा राजीव, महेंद्र यादव, दीपचंद, नवीन, सँस्था सदस्य और स्वंयसेवक व अन्य ग्रामीण मौजूद रहे।् फोटो साथ है

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