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Sunday, March 29, 2020

500 मास्क भेंट किए 
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कनीना। कनीना के समाजसेवी मनोज रोहिल्ला ने जिला उपायुक्त जगदीश शर्मा को 500 मास्क भेंट किए ताकि लोगों को वितरित करके कोरोनावायरस से बचा जा सके।
 मनोज कुमार ने यहां बताया कि उन्होंने अब तक तीन हजार के करीब मास्क लोगों को वितरित कर दिए हैं। उनकी इच्छा है कि भविष्य में भी वे इस प्रकार मास्क बांटते रहे ताकि लोगों की जिंदगी सुरक्षित रहें। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे घरों में रहे,  बाहर न निकलने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बार बार हाथों को साबुन से धोए ताकि रोगाणु नष्ट हो जाए।



कनीना पालिका ने दूसरी बार कीटनाशी दवा छिड़कवाई
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कनीना। नगर पालिका प्रशासन त्वरित गति से कोरोना से लडऩे के लिए कार्रवाई में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में दूसरी बार कीटों को मारने के लिए दवा का छिड़काव किया। पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि सोमवार को कस्बा कनीना सेनिटाइज किया जाएगा।
नगर पालिका प्रतिदिन सफाई कर्मियों की मदद से पूरे कस्बे की नियमित सफाई कर रही है वहीं विगत दिनों फागिंग भी करवाई गई थी। विगत बुधवार को श्रार कनीना नगरपालिका की ओर से कीटनाशक दवाई छिड़कवाई थी।
 जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार एवं लेखाकार शिवचरण शर्मा ने बताया कि 20 लीटर ब्लीचिंग तरल मंगवाया गया है जिसे 500 लीटर में पानी की टंकी में 250 ग्राम डालकर ट्रेक्टरों द्वारा रेलवे स्टेशन से अटेली मार्ग तथा विभिन्न स्थानों पर छिड़कवाया है। यह कार्रवाई करीब एक सप्ताह पहले की गई थी और रविवार को पुन: की है।  उन्होंने कहा कि इससे कीट विशेषकर मक्खी तथा मच्छर उत्पन्न नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि लोगों को मुनादी करवा जागरूक कर रहे हैं। प्रवासियों, असहयों, श्रमिकों के लिए कनीना पालिका में खाने का प्रबंध किया गया है वहीं पुलिस चौकी में भी यहां से खाना भेजकर गुजरने वाले लोगों को खिला रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस महामारी के समय आप अपना पूरा सहयोग दे, घरों से बाहर न आए तथा हाथों को बार-बार साफ करें। जो ऐतिहात बताई गई हैं उनका पालन जरूर करें।
 फोटो कैप्शन 4: ट्रैक्टर द्वारा कीटनाशी का स्प्रे करते हुए नगर पालिका कर्मचारी।


गांव गाहड़ा ,ककराला को किया गया सैनिटाइज 
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कनीना। गाहड़ा ग्राम पंचायत त्वरित गति से कोरोना से लडऩे के लिए कार्यवाही में जुटा हुआ है। गाहड़ा ग्राम पंचायत के माध्यम से कीटनाशक दवाई छिड़कवाई गई है। गाहड़ा गांव के सरपंच राजू इंदौरा ने जानकारी देते हुए बताया कि 200 ग्राम कीटनाशक को 500 लीटर पानी की टंकी में  डालकर ट्रेक्टर द्वारा गांव के मंदिर से गांव की सभी छोटी बड़ी गलियों में से होते हुए गांव के चारों तरफ इस कीटनाशक का छिड़काव किया गया है। उसके बाद हरिजन बस्ती, बीपीएल कालोनी, घासेडिय़ा की ढाणी, उमराव की ढाणी तथा विभिन्न स्थानों पर छिड़कवाया है।
गांव में कुछ युवाओं ने  एक ग्रुप बनाया हुआ हैं को कोरोना की जानकारी दे रहा है । उधर कनीना खंड के गांव ककराला में कृष्ण कुमार सरपंच ने बताया कि उन्होंने पूरे गांव को सेनिटाइज कर एक सौ मास्क बांटे हैं। वे लोगों को लगातार जागरूक कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 5: गाहड़ा में दवा का छिड़काव करते हुए।


आनलाइन टीचिंग शुरू की
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 कनीना। करोना में स्कूल बंदी के चलते जीआर इंटरनेशनल स्कूल ने आनलाइन टींचिग के माध्यम से घर बैठे शिक्षण शुरू करा दिया है।
देश भर में लॉकडाउन के चलते शिक्षण संस्थाओ के बंद हो जाने के कारण विद्यार्थी एवं अभिभावक वर्तमान सत्र में पढ़ाई लिखाई को लेकर चिंतित है। जहां एक और देशभर में होनहारों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी शिक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो गया है, वही स्कूलों के वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर भी डगमगा गया है।
विद्यालय के संचालक विजयपाल यादव जी ने बताया की लाकडाउन के इस खतरे को भांपते हुए विद्यालय के अनुभवी प्राचार्य दीपक वशिष्ठ के नेतृत्व में विद्यालय की कुशल अध्यापक टीम ने पहले ही एक ई-शिक्षा कार्ययोजना तैयार कर ली है जिस पर काम शुरू कर दिया गया है।
इसके अंतर्गत विद्यालय द्वारा एक एप्प पर एक हजार के लगभग विद्यार्थियों को जोड़ा गया है, जो प्रतिदिन सुबह 9:30 से 1:30 दोहपर तक विभिन्न विषयों की आनलाइन माध्यम से पढ़ाई करते है। अध्यापक निर्धारित समय में, प्रतिदिन होम असाइनमेंट भेजते है एवं जरूरत पडऩे पर फीडबैक लेते हैं।
साथ ही प्राइमरी क्लास में आक्सफोर्ड पब्लिशिंग कंपनी के माध्यम से डिजिटल सेवाएं, ई-लर्निंग, आनलाइन टीचिंग वीडियो आदि निशुल्क प्रदान की जा रही है।


झुग्गियों में की खाद्य सामग्री वितरित 
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कनीना। बीएमडी क्लब द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देश लाकडाउन की संवेदनशील स्थिति में बीएमडी सेवा मिशन के तहत सोशल डिस्टन्सिंग का ध्यान रखते हुए कनीना क्षेत्र के आस-पास की झुग्गियों में रहने वाले जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरित कर देश को सहयोगिता का संदेश दिया गया।   
         क्लब के प्रतिनिधियों चेयरमैन लक्की सीगड़ा ,सचिव इन्द्रजीत शर्मा, सदस्य कृष्ण कुमार व हिमांशु द्वारा खाद्य सामग्री वितरित की गई। चेयरमैन लक्की सीगड़ा ने कहा कि देश मे कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी में चलते सभी का सांझा सहयोग दूसरों के लिए अनमोल साबित हो सकता है। नि:स्वार्थ भावना से समाज के हित के लिए किया गया कार्य ही सच्ची सेवा होती है ।
 उधर श्रीश्याम मित्र मंडल कनीना भी लंगर के जरिये लोगों की सेवा में जुटा हुआ है। करीब एक दर्जन संस्थाएं इस काम में आगे आ रही हैं।
 
शराब से भरी गाड़ी ने एक व्यक्ति को टक्कर मारकर किया घायल
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कनीना। खंड के गांव तलवाना में शराब से भरी बोलेरो गाड़ी से एक व्यक्ति के घायल होने का मामला प्रकाश में आया है। घायल संजय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह गांव में ही अपने घर जा रहा था कि तभी तेज रफ्तार से आ रही एक बोलेरो गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी जिसमें वह घायल हो गया। जिसके बाद उसे उपचार के लिए कनीना अस्पताल में भेज दिया गया। सरपंच प्रतिनिधि रामनिवास बंसल ने बताया कि बोलेरो चालक घटना के बाद गाड़ी को मौके पर ही छोड़कर भाग गया है। जिसके बारे में पुलिस को सूचना देकर गाड़ी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि घायल के ब्यान पर गाड़ी चालक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गाड़ी को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

बे-जुबानों को बचाने के लिए प्रतिदिन खिला रहे हैं केले
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 कनीना। पूरा संसार जहां कोरोना की चपेट में है जगह-जगह गरीबों एवं मजदूरों के खाने पीने के लिए व्यवस्था की जा रही है। आवागमन के साधन बंद है और दिहाड़ी नहीं मिल रही है किंतु कस्बा कनीना के दो युवा बेजुबान प्राणियों को बचाने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। कनीना के महेश बोहरा और मोहन पार्षद का कहना है कि बंदरों की औ
ओर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए। ये बे-जुबान जानवर है। इनको भी खाना देना चाहिए। यही कारण है कि वे विगत कुछ दिनों से बव्वा,बहाला या फिर अपने घर पर जहां कईही बंदर नजर आते हैं तो उनके लिए केले उपलब्ध करवा रहे हैं। उनका कहना है कि यह बहुत बड़ा पुण्य का कार्य ।
फीस न वसूलने का आदेश----
महानिदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला ने सभी स्कूलों निजी स्कूलों में स्कूल खुलने तक किसी प्रकार की फीस नहीं लेने पर रोक लगाई है। उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि लॉकडाउन चल रहा है। इस समय  अभिभावकों से कोई फीस स्कूल खुलने के बाद ही तथा स्थिति सामान्य होने पर ही फीस लेने का आदेश दिया है।
हवन के जरिए कोरोना से छुटकारा पाने की प्रार्थना----
 धनौंदा में समाजसेविका पुष्पा परमार की प्रथम पुण्यतिथि पर हवन करते हुए पूरे देश में कोरोनावायरस वायरस से छुटकारा पाने की प्रभु से अपील की। जहां उन्होंने जहां ठाकुर अतरलाल और उनके परिवार में पुष्पा परमार को हवन के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की वहीं प्रभु से प्रार्थना की कि कोरोनावायरस के रोग से छुटकारा दिलाया जाए।
बाधित पटाई दौरान घर पर ऑनलाइन पढ़े--
 लॉकडाउन के चलते स्कूल शिक्षण संस्थाएं बंद है। पढ़ाई बाधित हो गई है वहीं कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम ने कहा है भिभावकों से अपील की है कि नियमित अपने विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रखें। ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई पूर्ण करवाने का प्रयास करे ताकि किसी प्रकार इस लॉकडाउन की अवधि की बाधित पढ़ाई पूरी हो सके। पूरे प्रदेश में जहां बोर्ड की परीक्षाएं भी बीच अधर में रुक गई है वहीं गृह परीक्षाएं भी नहीं हो पाई है। ऐसे में अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने का समय आ गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने उन साइटस की सूची भी जारी की है जहां से विद्यार्थी को आनलाइन पढ़ाई पूरी करने का अवसर मिल सके।
स्टाफ ने आनलाइन पढ़ाना शुरू किया-
राजकीय खेड़ी तलवाना स्कूल तथा आसपास विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षण के लिए जयपाल भौतिक शास्त्र प्रवक्ता ने स्कूल वेबसाइट पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवानी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जीएसएसएसखेड़ी तलवाना.इन पर जाकर कोई विद्यार्थी पाठ्य सामग्री पढ़ सकता है तथा घर रहकर अपना शिक्षण कार्य पूर्ण कर सकता है।
किसान जुटेे तेजी से लावणी में-----
 में विगत तीन-चार दिनों से मौसम खराब रहने के बाद मौसम साफ हो गया है जिसके चलते किसान एक बार फिर से त्वरित गति से सरसों कटाई में लग गए हैं। हजारों मजदूर दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं जो सरसों कटाई के बाद गेहूं की कटाई भी करेंगे। किसान त्वरित गति से इस कार्य को अंजाम देंगे वहीं प्रदेश सरकार ने गेहूं एवं सरसों की खरीद 15 अप्रैल से शुरू करने की बात कही है।
फोटो कैप्शन 01: बंदरों को केले खिालाते मोहन पार्षद
             02: खेतों में लावणी में जुटे किसान।


श्रमिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ,स्कूलों में किए जाए खाने एवं ठहरने के प्रबंध
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 कनीना। एक और जहां प्रदेश सरकार श्रमिकों और गरीब दिहाड़ीदारों के खाने के लिए प्रबंध करने के आदेश दे रही है वहीं गांव में भी सामाजिक लोग सहायतार्थ सामने आने लगे हैं ताकि गरीब, बेसहारों का सहारा बन सके।
चूंकि व्यापक प्रबंध न होने के कारण भारत विकास परिषद के अध्यक्ष कंवरसेन वशिष्ठ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सभी सरकारी स्कूलों में खाने और ठहरने का व्यापक प्रबंध किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में जहां मिड डे मील का राशन भी उपलब्ध है वही मिड डे मील वर्कर भी कार्यरत है। यदि मिड डे मील वर्कर को काम मिलेगा तो उनसे कि रोटी रोजी भी चल पाएगी वहीं सरकारी स्कूलों में ठहरने के भी व्यापक प्रबंध संभव है क्योंकि प्रत्येक विद्यालय में अनेकों कमरों की व्यवस्था होती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब सभी सरकारी स्कूलों में श्रमिकों, बेरोजगार, असहायों के लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था करवाई जाए जिससे इन श्रमिकों का पलायन रुक सकेगा।  
        उन्होंने कहा कि भारी संख्या में बेरोजगार दूसरे प्रदेशों से लावणी के यहां आए हुए हैं जिनके लिए ठहरने की व्यवस्था भी नहीं है। यहां तक की लावणी करवाने वाले उन्हें अपने घरों में भी नहीं ठहरने दे रहे हैं। या तो वे खंडहरनुमा घरों में ठहरते हैं या फिर दूर खेतों में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। उनके लिए खाने का भी प्रबंध नहीं है। वे अपने वतन को नहीं लौट पा रहे हें क्योंकि आवागमन के साधन भी नहीं हैं। कभी लावणी का काम मिल जाता है या फिर कभी नहीं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इन लोगों के लिए सरकारी स्कूलों में व्यापक प्रबंध कर सकती है क्योंकि सरकारी स्कूल भी इस समय बंद पड़े हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं हो सकेगी। श्रमिकों को ठहरने की व्यवस्था प्राप्त हो सकेगी वहीं खाने का प्रबंध भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बताया कि सरकारी स्कूलों में जहां पेयजल, बाथरूम, कमरे आदि की संपूर्ण व्यवस्था होती है वही रसोईघर भी बने हुए हैं। जहां पर खाने व ठहरने का प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार थोड़ा सा ध्यान दें तो इन स्कूलों में आने वाले कुछ दिनों में श्रमिकों के लिए ठहरने का बेहतरीन प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिनोंदिन भारी संख्या में मजदूर खाने के लिए खेतों से चलकर आते हैं। खाना तो मिल जाता है लेकिन उन्हें ठहरने का कोई विशेष प्रबंध नहीं मिल पाता। सरकार चाहे तो सरकारी स्कूल के कमरों में ठहरने की व्यवस्था कर सकती है जो इन श्रमिकों और गरीब लोगों के लिए बेहतरीन कदम साबित होगा।



पदयात्रा करते हुए सैकड़ों किमी तय कर रहे हैं श्रमिक
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कनीना। भारी संख्या में श्रमिक पैदल लौटकर निज घरों को जा रहे हैं। सड़क, नहर मार्ग के रास्ते या फिर रेलवे लाइन के साथ-साथ इन श्रमिकों की भारी संख्या देखने को मिल सकती । अधिकांश श्रमिक राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश प्रांतों से आए हुए हैं। या तो वे जिन फैक्ट्रियों में काम करते थे वह बंद हो चुकी हैं या लावणी का कार्य नहीं मिल रहा है जिसके चलते उन्हें मजबूरन लौटना पड़ रहा है।
इन श्रमिकों के समक्ष बड़ी मुसीबत यातायात की है। सरकारी या कोई प्राइवेट साधन भी उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि इन परिस्थितियों में उनका लौटना कठिन है परंतु मजबूरी वश वे पैदल यात्रा करने लगे हैं। अधिकांश मजदूर अपना सामान अपने साथ उठाएं लेकर जा रहे हैं जिससे पैदल चलना दूभर हो गया है। मजबूरी है कि उन्हें कोई अपने निजी साधन में भी नहीं बैठाते। एक और कोरोना का डर है वही पुलिस प्रशासन की परेशानी झेलनी पड़ सकती है। यही कारण है कि उनके लिए एकमात्र पैदल चलना ही बचा है। ग्रामीण क्षेत्रों से तो पैदल गुजरना संभव है लेकिन शहरों में पुलिस भी उन्हें रोक रही है।
 धर्म सिंह, भोलू, रामजीवन आदि ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश से आए हैं और अब वापिस अपने वतन को जा रहे हैं क्योंकि जिस फैक्ट्री में काम करते थे वह बंद हो चुकी है। ऐसे लोग दूरदराज, महेंद्रगढ़ चरखी दादरी आदि क्षेत्रों से या ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग कनीना कस्बे से होकर गुजर रहे हैं। कई कई तो कई कई दिनों से खाना भी नहीं खा सके है और पैदल ही गुजर रहे क्योंकि उनके पास पैसे भी नहीं होते। कनीना कस्बे में जहां यहां से गुजर रहे लोगों के लिए व्यापक प्रबंध नगर पालिका, श्रीश्याम मित्र मंडल आदि संस्थाओं ने किए है जिसके चलते उन्हें पुलिस प्रशासन या लोग पकड़कर जबरन खाना खिला रहे हैं ताकि खाना खाकर वे आगे बढ़ सके। ये लोग प्राइवेट साधनों में जाना चाहते हैं परंतु उनके समक्ष एक समस्या पुलिस बन गई है। निजी वाहनों एवं प्राइवेट वाहनों को पुलिस गुजरने नहीं दे रही है। कनीना के मोहन कुमार ने बताया कि प्रतिदिन उन्होंने सैकड़ों लोग ऐसे गुजरते देखे हैं परंतु वे असहाय है क्योंकि वे सिर्फ उनको खाना खिला सकते हैं और खिला कर भेज रहे हैं। महेश बोहरा, अनिल गर्ग, सुशील मित्तल, मोहित इसराना इन लोगों की सेवा करने में जुटे हुए हैं।
फोटो कैप्शन 3: अपने वतन को लौटकर जाते श्रमिक।




नियमों में बंधकर किए जा रहे दाह संस्कार 
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 कनीना। जहां पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है वही किसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्सव विवाह शादियां आदि नहीं हो रही है वही सरकारी दायित्व के अनुसार लोग भी इक_े नहीं हो रहे हैं। इन परिस्थितियों में भी जब किसी घर में किसी की मृत्यु हो जाती है तो नियमों में बंध कर ही उसका अंतिम संस्कार भी किया जा रहा है। अब मृतक के रिश्तेदारों, यारों और प्यारों को भी नहीं बुलाया जाता। न हीं मातमपुरसी मनाई जाती, रसम पगड़ी के कार्यक्रम भी बंद हो गए हैं तथा 2-4 व्यक्ति पहुंचकर नियमों में बंध कर अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
जहां विगत दिनों ककराला में एक पूर्व पंच चंद्रावली की मृत्यु हुई थी तो उसमें सभी नियमों को बध कर उसका अंतिम संस्कार संस्कार किया गया था। वहीं रविवार को कनीना खंड के गांव रामबास में दो व्यक्तियों की मौत होने पर उनका अंतिम संस्कार भी नियमों में बंधकर तथा दो चार व्यक्तियों ने जाकर ही पूर्ण किया। वेद प्रकाश नंबरदार ने बताया कि उनके गांव रामबास में रामस्वरूप करीब 90 वर्षीय तथा श्योराम 70 वर्षीय व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। जिनके दाह संस्कार गिने-चुने व्यक्ति  पहुंचे और एक एक मीटर फासले पर चलते हुए किया क्रियाकर्म किया गया। किसी प्रकार की सूचना रिश्तेदारों आदि को सूचित किया और नहीं बुलाया। वेद प्रकाश नंबरदार ने बताया कि ये लोग कई दिनों कुछ दिनों से बीमार थे।


अब श्रमिक स्कूलों में रुकेंगे
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कनीना। खंड शिक्षा अधिकारी कनीना ने सभी स्कूल प्राचार्यों और मौलिक मुख्य अध्यापकों को निर्देश दिए है कि औद्योगिक क्षेत्रों से श्रमिक आ रहे हैं जिनके ठहरने, खाने-पीने की व्यवस्था स्कूल में ही की जानी है जिसके मद्देनजर जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार सभी स्कूलों में बिजली, पानी एवं टॉयलेट, दरिया अधिकारी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम ने बताया कि कोई भी श्रमिक विद्यालय में ठहर सकता है और उनके खाने-पीने और ठहरने का प्रबंध किया जाना सुनिश्चित है।
इस संबंध में उन्होंने बताया कि खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, ग्राम सचिव, प्राचार्य सरपंच आदि की एक कमेटी गठित की गई है।



बे-जुबानों को बचाने के लिए प्रतिदिन खिला रहे हैं केले
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 कनीना। पूरा संसार जहां कोरोना की चपेट में है जगह-जगह गरीबों एवं मजदूरों के खाने पीने के लिए व्यवस्था की जा रही है। आवागमन के साधन बंद है और दिहाड़ी नहीं मिल रही है किंतु कस्बा कनीना के दो युवा बेजुबान प्राणियों को बचाने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। कनीना के महेश बोहरा और मोहन पार्षद का कहना है कि बंदरों की औ
ओर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए। ये बे-जुबान जानवर है। इनको भी खाना देना चाहिए। यही कारण है कि वे विगत कुछ दिनों से बव्वा,बहाला या फिर अपने घर पर जहां कईही बंदर नजर आते हैं तो उनके लिए केले उपलब्ध करवा रहे हैं। उनका कहना है कि यह बहुत बड़ा पुण्य का कार्य ।
फीस न वसूलने का आदेश----
महानिदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला ने सभी स्कूलों निजी स्कूलों में स्कूल खुलने तक किसी प्रकार की फीस नहीं लेने पर रोक लगाई है। उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि लॉकडाउन चल रहा है। इस समय  अभिभावकों से कोई फीस स्कूल खुलने के बाद ही तथा स्थिति सामान्य होने पर ही फीस लेने का आदेश दिया है।
हवन के जरिए कोरोना से छुटकारा पाने की प्रार्थना----
 धनौंदा में समाजसेविका पुष्पा परमार की प्रथम पुण्यतिथि पर हवन करते हुए पूरे देश में कोरोनावायरस वायरस से छुटकारा पाने की प्रभु से अपील की। जहां उन्होंने जहां ठाकुर अतरलाल और उनके परिवार में पुष्पा परमार को हवन के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की वहीं प्रभु से प्रार्थना की कि कोरोनावायरस के रोग से छुटकारा दिलाया जाए।
बाधित पटाई दौरान घर पर ऑनलाइन पढ़े--
 लॉकडाउन के चलते स्कूल शिक्षण संस्थाएं बंद है। पढ़ाई बाधित हो गई है वहीं कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम ने कहा है भिभावकों से अपील की है कि नियमित अपने विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रखें। ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई पूर्ण करवाने का प्रयास करे ताकि किसी प्रकार इस लॉकडाउन की अवधि की बाधित पढ़ाई पूरी हो सके। पूरे प्रदेश में जहां बोर्ड की परीक्षाएं भी बीच अधर में रुक गई है वहीं गृह परीक्षाएं भी नहीं हो पाई है। ऐसे में अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने का समय आ गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने उन साइटस की सूची भी जारी की है जहां से विद्यार्थी को आनलाइन पढ़ाई पूरी करने का अवसर मिल सके।
स्टाफ ने आनलाइन पढ़ाना शुरू किया-
राजकीय खेड़ी तलवाना स्कूल तथा आसपास विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षण के लिए जयपाल भौतिक शास्त्र प्रवक्ता ने स्कूल वेबसाइट पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवानी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जीएसएसएसखेड़ी तलवाना.इन पर जाकर कोई विद्यार्थी पाठ्य सामग्री पढ़ सकता है तथा घर रहकर अपना शिक्षण कार्य पूर्ण कर सकता है।
किसान जुटेे तेजी से लावणी में-----
 में विगत तीन-चार दिनों से मौसम खराब रहने के बाद मौसम साफ हो गया है जिसके चलते किसान एक बार फिर से त्वरित गति से सरसों कटाई में लग गए हैं। हजारों मजदूर दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं जो सरसों कटाई के बाद गेहूं की कटाई भी करेंगे। किसान त्वरित गति से इस कार्य को अंजाम देंगे वहीं प्रदेश सरकार ने गेहूं एवं सरसों की खरीद 15 अप्रैल से शुरू करने की बात कही है।
फोटो कैप्शन 01: बंदरों को केले खिालाते मोहन पार्षद
             02: खेतों में लावणी में जुटे किसान।


श्रमिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ,स्कूलों में किए जाए खाने एवं ठहरने के प्रबंध
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कनीना। एक और जहां प्रदेश सरकार श्रमिकों और गरीब दिहाड़ीदारों के खाने के लिए प्रबंध करने के आदेश दे रही है वहीं गांव में भी सामाजिक लोग सहायतार्थ सामने आने लगे हैं ताकि गरीब, बेसहारों का सहारा बन सके।
चूंकि व्यापक प्रबंध न होने के कारण भारत विकास परिषद के अध्यक्ष कंवरसेन वशिष्ठ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सभी सरकारी स्कूलों में खाने और ठहरने का व्यापक प्रबंध किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में जहां मिड डे मील का राशन भी उपलब्ध है वही मिड डे मील वर्कर भी कार्यरत है। यदि मिड डे मील वर्कर को काम मिलेगा तो उनसे कि रोटी रोजी भी चल पाएगी वहीं सरकारी स्कूलों में ठहरने के भी व्यापक प्रबंध संभव है क्योंकि प्रत्येक विद्यालय में अनेकों कमरों की व्यवस्था होती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब सभी सरकारी स्कूलों में श्रमिकों, बेरोजगार, असहायों के लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था करवाई जाए जिससे इन श्रमिकों का पलायन रुक सकेगा।  
        उन्होंने कहा कि भारी संख्या में बेरोजगार दूसरे प्रदेशों से लावणी के यहां आए हुए हैं जिनके लिए ठहरने की व्यवस्था भी नहीं है। यहां तक की लावणी करवाने वाले उन्हें अपने घरों में भी नहीं ठहरने दे रहे हैं। या तो वे खंडहरनुमा घरों में ठहरते हैं या फिर दूर खेतों में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। उनके लिए खाने का भी प्रबंध नहीं है। वे अपने वतन को नहीं लौट पा रहे हें क्योंकि आवागमन के साधन भी नहीं हैं। कभी लावणी का काम मिल जाता है या फिर कभी नहीं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इन लोगों के लिए सरकारी स्कूलों में व्यापक प्रबंध कर सकती है क्योंकि सरकारी स्कूल भी इस समय बंद पड़े हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं हो सकेगी। श्रमिकों को ठहरने की व्यवस्था प्राप्त हो सकेगी वहीं खाने का प्रबंध भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बताया कि सरकारी स्कूलों में जहां पेयजल, बाथरूम, कमरे आदि की संपूर्ण व्यवस्था होती है वही रसोईघर भी बने हुए हैं। जहां पर खाने व ठहरने का प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार थोड़ा सा ध्यान दें तो इन स्कूलों में आने वाले कुछ दिनों में श्रमिकों के लिए ठहरने का बेहतरीन प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिनोंदिन भारी संख्या में मजदूर खाने के लिए खेतों से चलकर आते हैं। खाना तो मिल जाता है लेकिन उन्हें ठहरने का कोई विशेष प्रबंध नहीं मिल पाता। सरकार चाहे तो सरकारी स्कूल के कमरों में ठहरने की व्यवस्था कर सकती है जो इन श्रमिकों और गरीब लोगों के लिए बेहतरीन कदम साबित होगा।

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