पदयात्रा करते हुए सैकड़ों किमी जा रहे हैं श्रमिक
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कनीना। भारी संख्या में श्रमिक पैदल लौटकर निज घरों को जा रहे हैं। सड़क, नहर मार्ग के रास्ते या फिर रेलवे लाइन के साथ-साथ इन श्रमिकों की भारी संख्या देखने को मिल सकती । अधिकांश श्रमिक राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश प्रांतों से आए हुए हैं। या तो वे जिन फैक्ट्रियों में काम करते थे वह बंद हो चुकी हैं या लावणी का कार्य नहीं मिल रहा है जिसके चलते उन्हें मजबूरन लौटना पड़ रहा है।
इन श्रमिकों के समक्ष बड़ी मुसीबत यातायात की है। सरकारी या कोई प्राइवेट साधन भी उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि इन परिस्थितियों में उनका लौटना कठिन है परंतु मजबूरी वश वे पैदल यात्रा करने लगे हैं। अधिकांश मजदूर अपना सामान अपने साथ उठाएं लेकर जा रहे हैं जिससे पैदल चलना दूभर हो गया है। मजबूरी है कि उन्हें कोई अपने निजी साधन में भी नहीं बैठाते। एक और कोरोना का डर है वही पुलिस प्रशासन की परेशानी झेलनी पड़ सकती है। यही कारण है कि उनके लिए एकमात्र पैदल चलना ही बचा है। ग्रामीण क्षेत्रों से तो पैदल गुजरना संभव है लेकिन शहरों में पुलिस भी उन्हें रोक रही है।
धर्म सिंह, भोलू, रामजीवन आदि ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश से आए हैं और अब वापिस अपने वतन को जा रहे हैं क्योंकि जिस फैक्ट्री में काम करते थे वह बंद हो चुकी है। ऐसे लोग दूरदराज, महेंद्रगढ़ चरखी दादरी आदि क्षेत्रों से या ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग कनीना कस्बे से होकर गुजर रहे हैं। कई कई तो कई कई दिनों से खाना भी नहीं खा सके है और पैदल ही गुजर रहे क्योंकि उनके पास पैसे भी नहीं होते। कनीना कस्बे में जहां यहां से गुजर रहे लोगों के लिए व्यापक प्रबंध नगर पालिका, श्रीश्याम मित्र मंडल आदि संस्थाओं ने किए है जिसके चलते उन्हें पुलिस प्रशासन या लोग पकड़कर जबरन खाना खिला रहे हैं ताकि खाना खाकर वे आगे बढ़ सके। ये लोग प्राइवेट साधनों में जाना चाहते हैं परंतु उनके समक्ष एक समस्या पुलिस बन गई है। निजी वाहनों एवं प्राइवेट वाहनों को पुलिस गुजरने नहीं दे रही है। कनीना के मोहन कुमार ने बताया कि प्रतिदिन उन्होंने सैकड़ों लोग ऐसे गुजरते देखे हैं परंतु वे असहाय है क्योंकि वे सिर्फ उनको खाना खिला सकते हैं और खिला कर भेज रहे हैं। महेश बोहरा, अनिल गर्ग, सुशील मित्तल, मोहित इसराना इन लोगों की सेवा करने में जुटे हुए हैं।
फोटो कैप्शन 7: अपने वतन को लौटकर जाते श्रमिक।
श्रमिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ,स्कूलों में किए जाए खाने एवं ठहरने के प्रबंध
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कनीना। एक और जहां प्रदेश सरकार श्रमिकों और गरीब दिहाड़ीदारों के खाने के लिए प्रबंध करने के आदेश दे रही है वहीं गांव में भी सामाजिक लोग सहायतार्थ सामने आने लगे हैं ताकि गरीब, बेसहारों का सहारा बन सके।
चूंकि व्यापक प्रबंध न होने के कारण भारत विकास परिषद के अध्यक्ष कंवरसेन वशिष्ठ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सभी सरकारी स्कूलों में खाने और ठहरने का व्यापक प्रबंध किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में जहां मिड डे मील का राशन भी उपलब्ध है वही मिड डे मील वर्कर भी कार्यरत है। यदि मिड डे मील वर्कर को काम मिलेगा तो उनसे कि रोटी रोजी भी चल पाएगी वहीं सरकारी स्कूलों में ठहरने के भी व्यापक प्रबंध संभव है क्योंकि प्रत्येक विद्यालय में अनेकों कमरों की व्यवस्था होती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब सभी सरकारी स्कूलों में श्रमिकों, बेरोजगार, असहायों के लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था करवाई जाए जिससे इन श्रमिकों का पलायन रुक सकेगा। उन्होंने कहा कि भारी संख्या में बेरोजगार दूसरे प्रदेशों से लावणी के यहां आए हुए हैं जिनके लिए ठहरने की व्यवस्था भी नहीं है। यहां तक की लावणी करवाने वाले उन्हें अपने घरों में भी नहीं ठहरने दे रहे हैं। या तो वे खंडहरनुमा घरों में ठहरते हैं या फिर दूर खेतों में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। उनके लिए खाने का भी प्रबंध नहीं है। वे अपने वतन को नहीं लौट पा रहे हें क्योंकि आवागमन के साधन भी नहीं हैं। कभी लावणी का काम मिल जाता है या फिर कभी नहीं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इन लोगों के लिए सरकारी स्कूलों में व्यापक प्रबंध कर सकती है क्योंकि सरकारी स्कूल भी इस समय बंद पड़े हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं हो सकेगी। श्रमिकों को ठहरने की व्यवस्था प्राप्त हो सकेगी वहीं खाने का प्रबंध भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बताया कि सरकारी स्कूलों में जहां पेयजल, बाथरूम, कमरे आदि की संपूर्ण व्यवस्था होती है वही रसोईघर भी बने हुए हैं। जहां पर खाने व ठहरने का प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार थोड़ा सा ध्यान दें तो इन स्कूलों में आने वाले कुछ दिनों में श्रमिकों के लिए ठहरने का बेहतरीन प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिनोंदिन भारी संख्या में मजदूर खाने के लिए खेतों से चलकर आते हैं। खाना तो मिल जाता है लेकिन उन्हें ठहरने का कोई विशेष प्रबंध नहीं मिल पाता। सरकार चाहे तो सरकारी स्कूल के कमरों में ठहरने की व्यवस्था कर सकती है जो इन श्रमिकों और गरीब लोगों के लिए बेहतरीन कदम साबित होगा।
बे-जुबानों को बचाने का उठा रहे बीडा
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कनीना। पूरा संसार जहां कोरोना की चपेट में है जगह-जगह गरीबों एवं मजदूरों के खाने पीने के लिए व्यवस्था की जा रही है। आवागमन के साधन बंद है और दिहाड़ी नहीं मिल रही है किंतु कस्बा कनीना के दो युवा बेजुबान प्राणियों को बचाने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। कनीना के महेश बोहरा और मोहन पार्षद का कहना है कि बंदरों की औ
ओर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए। ये बे-जुबान जानवर है। इनको भी खाना देना चाहिए। यही कारण है कि वे विगत कुछ दिनों से बव्वा,बहाला या फिर अपने घर पर जहां कईही बंदर नजर आते हैं तो उनके लिए केले उपलब्ध करवा रहे हैं। उनका कहना है कि यह बहुत बड़ा पुण्य का कार्य ।
फीस न वसूलने का आदेश----
महानिदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला ने सभी स्कूलों निजी स्कूलों में स्कूल खुलने तक किसी प्रकार की फीस नहीं लेने पर रोक लगाई है। उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि लॉकडाउन चल रहा है। इस समय अभिभावकों से कोई फीस स्कूल खुलने के बाद ही तथा स्थिति सामान्य होने पर ही फीस लेने का आदेश दिया है।
हवन के जरिए कोरोना से छुटकारा पाने की प्रार्थना----
धनौंदा में समाजसेविका पुष्पा परमार की प्रथम पुण्यतिथि पर हवन करते हुए पूरे देश में कोरोनावायरस वायरस से छुटकारा पाने की प्रभु से अपील की। जहां उन्होंने जहां ठाकुर अतरलाल और उनके परिवार में पुष्पा परमार को हवन के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की वहीं प्रभु से प्रार्थना की कि कोरोनावायरस के रोग से छुटकारा दिलाया जाए।
बाधित पटाई दौरान घर पर ऑनलाइन पढ़े-- लॉकडाउन के चलते स्कूल शिक्षण संस्थाएं बंद है। पढ़ाई बाधित हो गई है वहीं कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम ने कहा है भिभावकों से अपील की है कि नियमित अपने विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रखें। ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई पूर्ण करवाने का प्रयास करे ताकि किसी प्रकार इस लॉकडाउन की अवधि की बाधित पढ़ाई पूरी हो सके। पूरे प्रदेश में जहां बोर्ड की परीक्षाएं भी बीच अधर में रुक गई है वहीं गृह परीक्षाएं भी नहीं हो पाई है। ऐसे में अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने का समय आ गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने उन साइटस की सूची भी जारी की है जहां से विद्यार्थी को आनलाइन पढ़ाई पूरी करने का अवसर मिल सके।
स्टाफ ने आनलाइन पढ़ाना शुरू किया-
राजकीय खेड़ी तलवाना स्कूल तथा आसपास विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षण के लिए जयपाल भौतिक शास्त्र प्रवक्ता ने स्कूल वेबसाइट पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवानी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जीएसएसएसखेड़ी तलवाना.इन पर जाकर कोई विद्यार्थी पाठ्य सामग्री पढ़ सकता है तथा घर रहकर अपना शिक्षण कार्य पूर्ण कर सकता है।
किसान लग गए तेजी से लावणी मे-----
में विगत तीन-चार दिनों से मौसम खराब रहने के बाद शनिवार को मौसम साफ हो गया है जिसके चलते किसान एक बार फिर से त्वरित गति से सरसों कटाई में लग गए हैं। हजारों मजदूर दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं जो सरसों कटाई के बाद गेहूं की कटाई भी करेंगे। किसान त्वरित गति से इस कार्य को अंजाम देंगे वहीं प्रदेश सरकार ने गेहूं एवं सरसों की खरीद 15 अप्रैल से शुरू करने की बात कही है।
फोटो कैप्शन 3: बंदरों को केले खिालाते मोहन पार्षद
4: खेतों में लावणी में जुटे किसान।
3000 रुपये कोरोना राहत कोष में दिए
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कनीना। कनीना ग्राम पंचायत सुंदरारह की महिला सरपंच ललिता कुमारी ने 3000 रुपये मुख्यमंत्री कोरोनावायरस राहत कोष में भेजे हैं। इससे पहले भी भारी संख्या में लोग कोरोनावायरस में एक-एक माह का मानदेय या नकद राशि भेजी है।
ललिता कुमारी ने बताया कि राहत कोष में जो राशि जा रही है उससे कोरोना पीडि़तों को लाभ मिल सकेगा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इस प्रकार के कोष में दान देने की अपील की है।
अवकाश के दिन भी पूरा पालिका प्रशासन बनाता है खाना और खिलाता है श्रमिकों को
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सरपंच ने बांटे मास्क, गांव में छिड़कवाई दवा, खिला रहे हैं निशुल्क भोजन
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कनीना। लॉकडाउन के पांचवें दिन जहां नगरपालिका कार्यालय में मजदूरों और असहायों के लिए खाना पैक कर वितरित किया वहीं विभिन्न संस्थाएं आगे आई। पुलिस ने पांच चालान बनाए।
खाना वितरित-
नगरपालिका कार्यालय में शुक्रवार से कारीगरों एवं मजदूरों के लिए खाने का प्रबंध कर दिया है। दो बार खाना बना कर खिलाया जा रहा है एमीई चमनलाल, राजाराम सचिव और प्रधान सतीश जेलदार, पालिका के पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा, लेखाकार शिवचरण शर्मा आदि स्वयं अपने हाथों से खाना बनाते हैं। जहां कार्यालय का अवकाश है किंतु ये कर्मी सुबह-शाम गरीबों और भूखों कारीगरों को खाना खिला रहे हैं। खाना खाने वालों की संख्या करीब 800 व्यक्ति प्रतिदिन पहुंच गई है।
मित्र मंडल दूर दराज तक खिला रहा है खाना-
कनीना के श्री श्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग अपने साथियों सचिन शर्मा,रविंद्र बंसल, मोहित जैलदार आदि की सहायता से खाना दूर दराज तक खाना खिला रहे हैं। जहां भी कोई झुग्गी झोपड़ी या गरीब व्यक्ति नजर आते हैं या पुलिस चौकी में कोई दूर दराज का व्यक्ति आता है तो उसे बिठाकर खाना खिला रहे हैं। शुक्रवार से यह कार्यक्रम शुरू किया था। कई अन्य सामाजिक संस्थान एवं लोग इस प्रकार खाना खिलाते आ रहे हैं।
पांच चालान काटे-
गोविंद सिंह एसआई एवं विकास कुमार इंस्पेक्टर आदि ने मुख्य मार्ग से गुजरने वाले दुपहिया वाहनों को रोका और कारण जाना किंतु अकारण ही घूमने वाले पांच लोगों के चालान हेलमेट आदि न पहनने पर काट दिए हैं
सरपंच आए आगे-
कोरोनावायरस से दो-दो हाथ करने के लिए अब सरपंच भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कनीना उपमंडल के गांव ढाणा में सरपंच सुशील कुमार ने कोरोना से बचने के लिए लोगों को जागरूक, पूरे ही गांव में दवा का छिड़काव करवाया ,सेनिटाइजर वितरित किए। वहींगांव में बाहर से आए और मजदूर ,गरीब, दिहाड़ीदार लोगों के लिए पूरे ही गांव एवं पंचायत की ओर से भोजन कराया जा रहा है।
खंड के गांव मोड़ी में कोरोनावायरस को भगाने के लिए सरपंच महेंद्र सिंह ने अपने सहयोगियों कुलदीप, कर्मवीर, अजय आदि की सहायता से गांव मोड़ी व गांव गोमली में तथा सीमा क्षेत्र की ढाणियों में दवाई स्प्रे करवाई।
युवा आए आगे-
खंड के गांव इसराना और नांगल के युवा समाजसेवियों ने खाद्य सामग्री एकत्र कर कनीना के आसपास बसी झुग्गी झोपडिय़ों में वंचित लोगों तक पहुंचाया खाद्य सामग्री के अलावा जरूरी दवाइयां और मास्क भी उपलब्ध करवाएं। रेशम मेडिकल स्टोर ने चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। पिछले 3 दिन से युवा लगातार गरीब लोगों तक खाद्य पहुंचा रहे हैं(
फोटो कैप्शन 1:मास्क बांटेते हुए सरपंच ढाणा
2: कनीना पालिका में गरीबों के लिए भोजन तैयार करते एमई चमनलाल एवं अन्य।
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