केनरा बैंक का एटीएम उखाडऩे का प्रयास,एटीएम में लगी आग, फायर ब्रिगेड ने आकर बुझाई आग
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कनीना। कनीना बस स्टैंड के पास छितरौली मार्ग पर स्थित केनरा बैंक का एटीएम रात को अज्ञात चोरों ने उखाडऩे का प्रयास किया। शटर काटकर अज्ञात चोर अंदर घुसे किंतु एटीएम मशीन को काटते वक्त शॉर्ट सर्किट हो गया और आग लग गई। तत्पश्चात हूटर बजने लगा जिससे अज्ञात चोर मशीन को छोड़कर भाग खड़े हुए। तत्काल मौके पर पुलिस पहुंची और फायर ब्रिगेड को बुलाया। फायर बिग्रेड ने आकर के एटीएम की आग बुझाई।
जानकारी मशीन में मंगलवार को मशीन में तीन लाख रुपये राशि डाली तथा वर्तमान कंप्यूटर एक लाख 20 हजार 300 रुपये दर्शा रहा है। अभी तक एटीएम मशीन नहीं खोला जा सका है। विभिन्न स्थानों से इंजीनियर बुलाए गए हैं। इंजीनियर मशीन को खोलकर पता लगाएंगे कि राशि की चोरी हुई है या नहीं। सुबह से ही भारी पुलिस बल तथा बैंक अधिकारी, बैंक के कर्मचारी मौके पर पहुंच चुके हैं।
बैंक मैनेजर धर्मपाल ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है जिसमें कहा गया है कि मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह सात बजे के मध्य किसी अनजान व्यक्ति द्वारा बैंक परिसर में घुसकर एटीएम तोडऩे का प्रयास किया है।
अज्ञात चोर बिल्डिंग के गेट के पश्चिम दिशा में लगे एटीएम के कमरे का एक ताला तोड़ दिया किंतु दूसरा ताला नहीं टूटने पर एटीएम के कमरे का शटर गैस वेल्डिंग से काट दिया गया है। अंदर एटीएम को गैस वेल्डिंग से काटा गया है जिसके चलते एटीएम मशीन क्षतिग्रस्त हो गई है और उसमें आग लगने की वजह से सेंसर से हूटर बज उठे। जिसकी आवाज सुनकर मकान मालिक अशोक कुमार आदि मौके पर आए और एटीएम को काटने वाले लोग भाग खड़े हुए।
मिली जानकारी अनुसार अशोक कुमार द्वारा इसकी सूचना बैंक के अधिकारी तथा कर्मचारियों को दी और कर्मचारियों ने मैनेजर को सूचित किया। तत्पश्चात एटीएम मशीन से एक लाख बीस हजार 300 रुपये बैलेंस सिस्टम द्वारा बताया जा रहा है। पैनल वाले इंजीनियर आकर एटीएम मशीन में कैश केबिन में बैलेंस राशि सुरक्षित है या नहीं, चोरी कर ले गए या नहीं का पता लगाएंगे।
अब पुलिस सीसीटीवी कैमरा द्वारा पता लगाएगी कि घटना को अंजाम देने वाले कैसे और किस प्रकार प्रवेश कर गए? अभी तक बैंक के इंजीनियर मौके पर नहीं पहुंचे हैं, पहुंचने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
फोटो कैप्शन 4 से 7: कैनरा बैंक के एटीएम से संबंधित है।
बासौड़ा मेले में उमड़ी भीड़, कनीना के माता मंदिर में चूरमा चढ़ाया
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कनीना। कनीना के समीपी गांव बव्वा में शीतला माता का विशाल मेला लगा और बाल उतरवाने की रस्म पूरी की गई। अपार भीड़ जुटी और प्रसाद वितरित किया गया। आगामी तीन व दस अप्रैल को बुधवारों के दिन भी यह मेला लगेगा। कनीना के माता मंदिर में भी माता शीतला पर्व मनाया और चूरमा अर्पित करके घरों में चूरमे का प्रसाद ग्रहण किया।
बव्वा का यह मेला बासौड़ा का मेला नाम से जाना जाता है। इस मेले में दूर दराज के भक्त आकर विभिन्न प्रकार का प्रसाद न केवल माता स्थल पर चढ़ाते हैं अपितु बांटते भी हैं जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस मेले में बच्चों के बाल उतरवाने तथा नव विवाहित जोड़ों की धोक लगाने की रस्म भी पूरी होती है। वैसे तो दुलेंडी के दिन से ही बाल उतरवाने की होड़ विभिन्न मंदिरों में लग जाती है। बिशनदास मंदिर निमोठ, जैनाबाद का उधोदास आश्रम तथा सीहा आदि स्थानों पर बाल उतरवाए जाते हैं परंतु बव्वा की माता पर बासौड़ा को ही बाल उतरवाने का विशेष रिवाज हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि यूं तो गुडग़ांव की माता पर भारी भीड़ जुटती है किंतु जो भक्त गुडग़ांव की माता तक नहीं पहुंच पाते वे बव्वा की इस माता तक आकर शीश नवाते हैं। इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि लगातार तीन बुधवारों को मेला लगता है।
नव विवाहित जोड़ों ने माता स्थल पर आकर धोक लगाकर मन्नत मांगी वहीं घरों में पैदा हुए नवजात शिशुओं के बाल उतारने की रस्म को पूरा किया गया।
बव्वा के लालाराम, सुरेंद्र सिंह, सीटू महेश आदि ने बताया कि मेले में मंदिर के पास बने जोहड़ की मिट्टी छांटने की परंपरा महिलाएं पूर्ण करती हैं किंतु इस जोहड़ में गंदा पानी भरा होने से परेशानी रहती है। उधर कनीना की माता शीतला मंदिर में सुबह सवेरे से महिलाओं और पुरुषों का तांता लगा रहा। यहां चूरमे का भोग लगाया गया और वहीं बैठ कर चूरमा खाया गया। चूरमे को घर लाकर भी खाने की परंपरा को पूर्ण किया। माता शीतला पर्व और बासौड़ा पर्व एक दूसरे से मिलते जुलते हैं। अभी कुछ गांवों में बासौड़ा का पर्व मना लिया गया है।
कनीना की शकुंतला, अमीश कुमार, आशा यादव, शर्मिला आदि ने बताया कि वह वर्षों से इस माता मंदिर में आ रही है और चूरमा चढ़ा कर अपने घर जाती है। चूरमा अर्पित करने की परंपरा बहुत जल्दी पूर्ण कर ली जाती है।
फोटो कैप्शन 2 व 1: मेले स्थल पर भीड़।
कनीना नगर पालिका की बैठक 20 मार्च को
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कनीना। 20 मार्च को प्रात: 11 बजे नगर पालिका कार्यालय में बजट वित्त वर्ष 2020-21 को लेकर के एक बैठक आयोजित की गई है जिसकी अध्यक्षता प्रधान सतीश कुमार नगरपालिका करेंगे। इस संबंध में सभी पार्षदों को सूचित कर दिया गया है वहीं सांसद एवं हलका विधायक को भी सूचित कर दिया गया है। विस्तृत जानकारी देते हुए पार्षद मोहन कुमार ने बताया कि इस बैठक में सभी 13 पार्षद, सांसद, हलका विधायक तथा मनोनीत पार्षदों को सूचना भेजी गई है।
मास्क की कालाबाजारी रोकने के दिए आदेश
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कनीना। एसडीएम कार्यालय कनीना में एसडीएम रणवीर सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें फूड सप्लाई, खाद्य आपूर्ति विभाग, नगरपालिका,स्वास्थ्य तथा पब्लिक हेल्थ आदि के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए रणवीर सिंह ने कहा किस समय कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है इसके बचाव में ऐतिहात बरतना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने आदेश दिया कि किसी प्रकार की मास्क की कोई कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए जाने चाहिए वहीं लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी इस बात का ध्यान रखें कि नियमित हाथों की सफाई करें, भीड़वाले स्थानों पर न जाए, खांसी जुकाम वाले व्यक्तियों से थोड़ा बच कर रहे। उन्होंने कहा यहां तक की अबई कोरोना से संबंधित समस्या किसी विद्यार्थी में हो तो दूसरे वक्त विद्यार्थी तक उन्होंने इस मौके पर सभी ऐतिहात बरतने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक जरूर करें तथा अफवाहों से बचने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि अक्सर रोग फैलने पर अफवाहों का बाजार गर्म होता है लेकिन अफवाहें किसी हाल में फैलने न दी जाए। इस अवसर पर एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव, डॉ नेहा, डा रवि निहाल अस्पताल, सुशील जेई पब्लिक हेल्थ, खाद्य आपूर्ति विभाग से बृज लाल गुप्ता इंस्पेक्टर, नगर पालिका से हितेश जेई आदि विभिन्न पदाधिकारियों ने भाग लिया।
फोटो कैप्शन 8 एवं 9: एसडीएम रणबीर सिंह बैठक लेते हुए।
हर जगह चर्चा है कोरोना वायरस
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कनीना। कोरोना वायरस को लेकर के हर जगह चर्चा है। जहां स्कूल कालेजों का अवकाश घोषित किया हुआ है वहीं शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल कार्यालय में जाना पड़ रहा है। यही नहीं भीड़ वाले स्थानों पर लोग जाने से कतरा ने लगे हैं। बैठक वगैरह भी स्थगित कर दी गई हैं। मांस मीट की दुकानों पर बहुत कम लोग पहुंच रहे रहे हैं। यही नहीं जहां भी जाए लोग कोरोनावायरस पर चर्चा करते नजर आते हैं।
यद्यपि लोग जागरूक भी है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है किंतु एक दूसरे से जानकारी हासिल कर रहे हैं। व्हाट्सएप पर फेसबुक पर तो आए दिन कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
यहां तक कि लोग परेशान नजर आए कि आखिर इस वायरस से कैसे निपटा जा सके? उधर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां डॉक्टर और अन्य कर्मचारी मुस्तैदी से कार्य में लगे हुए हैं वहीं नए भवन में कार्यालय अस्पताल स्थानांतरित होने के बाद लोगों की भीड़ बढ़ गई है। भारी संख्या में मरीज पर्चियां बनवाते या दवाइयां लेते देखे गए। जहां बैठने की सुविधा कम हैं। ऐसे में लोगों की मांग उठने लगी है कि कनीना अस्पताल में पेशेंट पर्ची बनाने वाले तथा दवाइयां प्रदान करने वाले वार्डों के समक्ष बैठने के लिए, मरीजों के बैठने के लिए और कुर्सियों का प्रबंध किया जाए। डाक्टर भी मास्क लगाकर कार्य कर रहे हैं वहीं कुछ लोग भी अब तो मास्क लगाकर इधर-उधर घूमते देखे जा सकते हैं। पहली बार कोरोना के कारण हर जगह वस्तुएं, दुकानें, आनलाइन खरीद आदि प्रभावित होने लगी हैं। खाने-पीने की वस्तुओं में बहुत एहतियात बरत रहे हैं और इधर उधर से खाने-पीने की वस्तुएं भी नहीं खरीद रहे हैं।
पहली बार कोरोना वायरस से इतने अधिक बेचैन लोग नजर आए। लोगों का कहना है कि इस रोग कि जब तक कोई दवा न बन जाए तब तक उन्हें परेशानी झेलनी ही पड़ेगी।
जौ की खेती भूले किसान
-दो वर्षों से महज सौ हेक्टेयर में हुई बीजाई
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कनीना। किसान जौ की खेती कम होती जा रही है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष कनीना खंड के गांवों में महज एक सौ हेक्टेयर पर जौ उगाए गए हैं। जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्रयोग करते है। अब किसानों को पूजा के लिए या राबड़ी के लिए जौ खरीदकर लाने पड़ते हैं।
कभी कनीना खंड में हजारों एकड़ में जौ की खेती की जाती थी। जौ न केवल पूजा आदि बल्कि हवन आदि में भी काम आता हैं। जब नवरात्रे आते हैं या गर्मी में राबड़ी बनानी हो या फिर जौ चनी की रोटी खानी हो तो जौ याद आता है। होली पूजा में जौ भूने जाते हैं तो दूर दराज से ढूंढ ढूंढकर लाए गए।
होली के पर्व पर जहां जौ को भूनकर पूरा परिवार चखता है और तत्पश्चात ही लावणी की शुरुआत होती आ रही है। जब हवन कराना हो, गंगा स्नान करना हो,धानी बनवानी हो, सत्तू बनाने के लिए या राबड़ी एवं बीयर आदि की बात चलती है तो जौ याद आते हैं।
किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह एवं राजेंद्र सिंह ने बताया कि जौ की पैदावार तो बेहतर होती है तथा पानी की कम जरूरत होती है किंतु इसकी तूड़ी पशु नहीं खाते वहीं इसके रेट गेहूं की तुलना में कम हैं जिसके कारण जौ नहीं उगाया जाता है। एक जमाना था जब हर घर में जौ की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। अब जमाना लद गया है। जौ की खेती करना किसान भूल रहे हैं। 30 साल पहले जौ की अधिक खेती होती थी। पशुओं को भी जौ चारे के रूप में दिया जाता था। जौ की रोटी को खूब मजे से खाया जाता था जो सेहत के लिए अति लाभकारी मानी जाती थी। ठंडाई के रूप में राबड़ी खाता था किंतु अब जौ की बीयर पीने में उत्साह दर्शाते हैं और इसे बीयर से बनने वाला पेय बताते हैं।
उपमंडल कृषि अधिकारी डा अजय यादव ने बताया कि कनीना खंड में जौ की खेती एक सौ हेक्टेयर तो महेंद्रगढ़ खंड में 440 हेक्टेयर पर की गई है। अब सत्तू, धाणी, पूजाके लिए जौ तथा हवन आदि के लिए जौ बाजार से किसान खरीदते हैं।
कहावत है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। जौ उगाने का युग फिर से लौटकर आता नजर आता है। आज भी कुछ बुजुर्ग जौ को लाकर खाते हैं। दिनोंदिन राबड़ी की मांग बढ़ रही है। ठंडाई के रूप में राबड़ी को प्रति गिलास के हिसाब से बेचा भी जाता है। ऐसे में लगता है कि जौ की खेती आने वाले समय में फिर से हुआ करेगी।
फोटो कैप्शन 1: कनीना में जौ की खेती दिखाता किसान।
लड्डू बांटकर खुशी जताई
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कनीना। रामचंद्र जांगिड़ के राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने पर कनीना मंडी में पिछड़ा वर्ग के लोगों ने खुशी व्यक्त कर एक दूसरे को बधाई दी। इस मौके पर ब्रह्मदत्त जांगिड़ ने कहा कि रामचंद्र जांगिड़ सभी के चहेते हैं और वे जनहित के कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उनका राज्यसभा पहुंचना बहुत जरूरी था। वे राज्यसभा में पहुंच गए इसके लिए उन्होंने एक दूसरे को बधाई दी।
इस अवसर पर ब्रह्मदत्त जांगिड़, राजेंद्र कुमार, कृपाराम, मामन चंद, सोमदत्त, संतोष कुमार अशोक वर्मा, बिजेंद्र गर्ग, अशोक कोका तथा अन्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 9: लड्डू बांटकर खुशी व्यक्त करते हुए लोग।
अस्पताल में सैनिटाइजेशन किया
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कनीना। कोरोनावायरस को लेकर के प्रशासन चुस्त दुरुस्त है वही कनीना के उप नागरिक अस्पताल में भी पूरी सावधानी बरती जा रही है। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां विभिन्न मरीज एवं जन आकर बैठते हैं वहां पर सैनिटाइजेशन किया।
मिली जानकारी अनुसार सोडियम हाइपोक्लोरेट दवा का छिड़काव उप नागरिक अस्पताल के उन स्थानों पर किया जहां मरीज तथा लोग आकर बैठते हैं। ऐसे स्थानों पर कोरोनावायरस के होने की संभावना अधिक होती है नागरिक अस्पताल के डाक्टरों ने इस कार्य को अंजाम दिया। हेल्थ इंस्पेक्टर शीशराम की देखरेख में यह कार्रवाई पूर्ण की।
अस्पताल में जहां मरीजों की संख्या बढऩे लगी है वही कोरोना वायरस के आने की अधिक संभावना बढ़ी है। यही कारण है कि यहां प्रतिदिन नए कदम उठाए जा रहे हैं। जहां फ्लू कार्नर बनाया गया वहीं आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। तत्पश्चात इस प्रकार का कदम उठाया जा रहा है।
फोटो कैप्शन 10: सैनिटाइजेशन करते हुए उप नागरिक अस्पताल कनीना के कर्मी।
मशीनों ने छीन लिया मजदूरों का रोजगार
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां सरसों की लावणी पूरे यौवन पर है वहीं किसान जल्दी से जल्दी लावणी करने के चक्कर में मशीनों द्वारा कटाई करवा रहे हैं। यद्यपि मशीनें कई मजदूरों का काम एक घंटे में कर देती है किंतु इससे मजदूरों का रोजगार छीनता जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में दूसरे प्रांतों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार,मध्य प्रदेश आदि से करीब हर वर्ष 400 से 500 मजदूर आते हैं। ये मजदूर दिन रात मेहनत करके पैसे कमा कर अपने वतन लौटते हैं। इन मजदूरों की मजदूरी भी अब धीरे धीरे कम हो रही है। मजदूर रामलाल, रेनूमती श्यामू ने बताया कि किसान जल्दी काम निपटने के चक्कर में मशीनें बुलवाकर उनसे कटाई का काम ले रहे हैं जिससे उनका रोजगार खत्म हो रहा है। जिसका इन मजदूरों में रोष भी है।
उल्लेखनीय है कि जहां मजदूर एक एकड़ फसल सरसों की कटाई का कार्य जहां एक से दो दिनों में पूरा करते हैं वही 2200 से 2500 रुपए तक लेते हैं वही कंबाइन मशीन 2100 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सरसों की कटाई आदि का कार्य कर रही है किंतु अंतर इतना है कि मशीनों द्वारा सरसों की कटाई आदि का कार्य एक घंटे में ही पूरा कर दिया जाता है। मशीन द्वारा कटाई करने वाले पंजाब के सुखविंदर ने बताया कि वे इस क्षेत्र में करीब दो माह तक कार्य करते हैं पहले सरसों की लावणी फिर दूसरी मशीनों द्वारा गेहूं की लावणी का कार्य करते हैं। एक समय था जब हरियाणा में मशीनों से कटाई नहीं करवाते थे आप लोगों का रुझान मशीनों द्वारा कटाई करवाने की ओर बढ़ा है। इसलिए जहां मशीन चालक खुश है। वहीं मजदूर नाखुश है
फोटो कैप्शन 10: मशीनों से कटाई करते हुए।
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कनीना। कनीना बस स्टैंड के पास छितरौली मार्ग पर स्थित केनरा बैंक का एटीएम रात को अज्ञात चोरों ने उखाडऩे का प्रयास किया। शटर काटकर अज्ञात चोर अंदर घुसे किंतु एटीएम मशीन को काटते वक्त शॉर्ट सर्किट हो गया और आग लग गई। तत्पश्चात हूटर बजने लगा जिससे अज्ञात चोर मशीन को छोड़कर भाग खड़े हुए। तत्काल मौके पर पुलिस पहुंची और फायर ब्रिगेड को बुलाया। फायर बिग्रेड ने आकर के एटीएम की आग बुझाई।
जानकारी मशीन में मंगलवार को मशीन में तीन लाख रुपये राशि डाली तथा वर्तमान कंप्यूटर एक लाख 20 हजार 300 रुपये दर्शा रहा है। अभी तक एटीएम मशीन नहीं खोला जा सका है। विभिन्न स्थानों से इंजीनियर बुलाए गए हैं। इंजीनियर मशीन को खोलकर पता लगाएंगे कि राशि की चोरी हुई है या नहीं। सुबह से ही भारी पुलिस बल तथा बैंक अधिकारी, बैंक के कर्मचारी मौके पर पहुंच चुके हैं।
बैंक मैनेजर धर्मपाल ने कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है जिसमें कहा गया है कि मंगलवार की रात और बुधवार की सुबह सात बजे के मध्य किसी अनजान व्यक्ति द्वारा बैंक परिसर में घुसकर एटीएम तोडऩे का प्रयास किया है।
अज्ञात चोर बिल्डिंग के गेट के पश्चिम दिशा में लगे एटीएम के कमरे का एक ताला तोड़ दिया किंतु दूसरा ताला नहीं टूटने पर एटीएम के कमरे का शटर गैस वेल्डिंग से काट दिया गया है। अंदर एटीएम को गैस वेल्डिंग से काटा गया है जिसके चलते एटीएम मशीन क्षतिग्रस्त हो गई है और उसमें आग लगने की वजह से सेंसर से हूटर बज उठे। जिसकी आवाज सुनकर मकान मालिक अशोक कुमार आदि मौके पर आए और एटीएम को काटने वाले लोग भाग खड़े हुए।
मिली जानकारी अनुसार अशोक कुमार द्वारा इसकी सूचना बैंक के अधिकारी तथा कर्मचारियों को दी और कर्मचारियों ने मैनेजर को सूचित किया। तत्पश्चात एटीएम मशीन से एक लाख बीस हजार 300 रुपये बैलेंस सिस्टम द्वारा बताया जा रहा है। पैनल वाले इंजीनियर आकर एटीएम मशीन में कैश केबिन में बैलेंस राशि सुरक्षित है या नहीं, चोरी कर ले गए या नहीं का पता लगाएंगे।
अब पुलिस सीसीटीवी कैमरा द्वारा पता लगाएगी कि घटना को अंजाम देने वाले कैसे और किस प्रकार प्रवेश कर गए? अभी तक बैंक के इंजीनियर मौके पर नहीं पहुंचे हैं, पहुंचने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
फोटो कैप्शन 4 से 7: कैनरा बैंक के एटीएम से संबंधित है।
बासौड़ा मेले में उमड़ी भीड़, कनीना के माता मंदिर में चूरमा चढ़ाया
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कनीना। कनीना के समीपी गांव बव्वा में शीतला माता का विशाल मेला लगा और बाल उतरवाने की रस्म पूरी की गई। अपार भीड़ जुटी और प्रसाद वितरित किया गया। आगामी तीन व दस अप्रैल को बुधवारों के दिन भी यह मेला लगेगा। कनीना के माता मंदिर में भी माता शीतला पर्व मनाया और चूरमा अर्पित करके घरों में चूरमे का प्रसाद ग्रहण किया।
बव्वा का यह मेला बासौड़ा का मेला नाम से जाना जाता है। इस मेले में दूर दराज के भक्त आकर विभिन्न प्रकार का प्रसाद न केवल माता स्थल पर चढ़ाते हैं अपितु बांटते भी हैं जिसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस मेले में बच्चों के बाल उतरवाने तथा नव विवाहित जोड़ों की धोक लगाने की रस्म भी पूरी होती है। वैसे तो दुलेंडी के दिन से ही बाल उतरवाने की होड़ विभिन्न मंदिरों में लग जाती है। बिशनदास मंदिर निमोठ, जैनाबाद का उधोदास आश्रम तथा सीहा आदि स्थानों पर बाल उतरवाए जाते हैं परंतु बव्वा की माता पर बासौड़ा को ही बाल उतरवाने का विशेष रिवाज हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि यूं तो गुडग़ांव की माता पर भारी भीड़ जुटती है किंतु जो भक्त गुडग़ांव की माता तक नहीं पहुंच पाते वे बव्वा की इस माता तक आकर शीश नवाते हैं। इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि लगातार तीन बुधवारों को मेला लगता है।
नव विवाहित जोड़ों ने माता स्थल पर आकर धोक लगाकर मन्नत मांगी वहीं घरों में पैदा हुए नवजात शिशुओं के बाल उतारने की रस्म को पूरा किया गया।
बव्वा के लालाराम, सुरेंद्र सिंह, सीटू महेश आदि ने बताया कि मेले में मंदिर के पास बने जोहड़ की मिट्टी छांटने की परंपरा महिलाएं पूर्ण करती हैं किंतु इस जोहड़ में गंदा पानी भरा होने से परेशानी रहती है। उधर कनीना की माता शीतला मंदिर में सुबह सवेरे से महिलाओं और पुरुषों का तांता लगा रहा। यहां चूरमे का भोग लगाया गया और वहीं बैठ कर चूरमा खाया गया। चूरमे को घर लाकर भी खाने की परंपरा को पूर्ण किया। माता शीतला पर्व और बासौड़ा पर्व एक दूसरे से मिलते जुलते हैं। अभी कुछ गांवों में बासौड़ा का पर्व मना लिया गया है।
कनीना की शकुंतला, अमीश कुमार, आशा यादव, शर्मिला आदि ने बताया कि वह वर्षों से इस माता मंदिर में आ रही है और चूरमा चढ़ा कर अपने घर जाती है। चूरमा अर्पित करने की परंपरा बहुत जल्दी पूर्ण कर ली जाती है।
फोटो कैप्शन 2 व 1: मेले स्थल पर भीड़।
कनीना नगर पालिका की बैठक 20 मार्च को
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कनीना। 20 मार्च को प्रात: 11 बजे नगर पालिका कार्यालय में बजट वित्त वर्ष 2020-21 को लेकर के एक बैठक आयोजित की गई है जिसकी अध्यक्षता प्रधान सतीश कुमार नगरपालिका करेंगे। इस संबंध में सभी पार्षदों को सूचित कर दिया गया है वहीं सांसद एवं हलका विधायक को भी सूचित कर दिया गया है। विस्तृत जानकारी देते हुए पार्षद मोहन कुमार ने बताया कि इस बैठक में सभी 13 पार्षद, सांसद, हलका विधायक तथा मनोनीत पार्षदों को सूचना भेजी गई है।
मास्क की कालाबाजारी रोकने के दिए आदेश
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कनीना। एसडीएम कार्यालय कनीना में एसडीएम रणवीर सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित की गई जिसमें फूड सप्लाई, खाद्य आपूर्ति विभाग, नगरपालिका,स्वास्थ्य तथा पब्लिक हेल्थ आदि के पदाधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए रणवीर सिंह ने कहा किस समय कोरोना वायरस तेजी से फैलता जा रहा है इसके बचाव में ऐतिहात बरतना जरूरी है। इसके लिए उन्होंने आदेश दिया कि किसी प्रकार की मास्क की कोई कालाबाजारी नहीं होनी चाहिए। बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा के व्यापक प्रबंध किए जाने चाहिए वहीं लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि वे स्वयं भी इस बात का ध्यान रखें कि नियमित हाथों की सफाई करें, भीड़वाले स्थानों पर न जाए, खांसी जुकाम वाले व्यक्तियों से थोड़ा बच कर रहे। उन्होंने कहा यहां तक की अबई कोरोना से संबंधित समस्या किसी विद्यार्थी में हो तो दूसरे वक्त विद्यार्थी तक उन्होंने इस मौके पर सभी ऐतिहात बरतने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक जरूर करें तथा अफवाहों से बचने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि अक्सर रोग फैलने पर अफवाहों का बाजार गर्म होता है लेकिन अफवाहें किसी हाल में फैलने न दी जाए। इस अवसर पर एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव, डॉ नेहा, डा रवि निहाल अस्पताल, सुशील जेई पब्लिक हेल्थ, खाद्य आपूर्ति विभाग से बृज लाल गुप्ता इंस्पेक्टर, नगर पालिका से हितेश जेई आदि विभिन्न पदाधिकारियों ने भाग लिया।
फोटो कैप्शन 8 एवं 9: एसडीएम रणबीर सिंह बैठक लेते हुए।
हर जगह चर्चा है कोरोना वायरस
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कनीना। कोरोना वायरस को लेकर के हर जगह चर्चा है। जहां स्कूल कालेजों का अवकाश घोषित किया हुआ है वहीं शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल कार्यालय में जाना पड़ रहा है। यही नहीं भीड़ वाले स्थानों पर लोग जाने से कतरा ने लगे हैं। बैठक वगैरह भी स्थगित कर दी गई हैं। मांस मीट की दुकानों पर बहुत कम लोग पहुंच रहे रहे हैं। यही नहीं जहां भी जाए लोग कोरोनावायरस पर चर्चा करते नजर आते हैं।
यद्यपि लोग जागरूक भी है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है किंतु एक दूसरे से जानकारी हासिल कर रहे हैं। व्हाट्सएप पर फेसबुक पर तो आए दिन कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
यहां तक कि लोग परेशान नजर आए कि आखिर इस वायरस से कैसे निपटा जा सके? उधर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां डॉक्टर और अन्य कर्मचारी मुस्तैदी से कार्य में लगे हुए हैं वहीं नए भवन में कार्यालय अस्पताल स्थानांतरित होने के बाद लोगों की भीड़ बढ़ गई है। भारी संख्या में मरीज पर्चियां बनवाते या दवाइयां लेते देखे गए। जहां बैठने की सुविधा कम हैं। ऐसे में लोगों की मांग उठने लगी है कि कनीना अस्पताल में पेशेंट पर्ची बनाने वाले तथा दवाइयां प्रदान करने वाले वार्डों के समक्ष बैठने के लिए, मरीजों के बैठने के लिए और कुर्सियों का प्रबंध किया जाए। डाक्टर भी मास्क लगाकर कार्य कर रहे हैं वहीं कुछ लोग भी अब तो मास्क लगाकर इधर-उधर घूमते देखे जा सकते हैं। पहली बार कोरोना के कारण हर जगह वस्तुएं, दुकानें, आनलाइन खरीद आदि प्रभावित होने लगी हैं। खाने-पीने की वस्तुओं में बहुत एहतियात बरत रहे हैं और इधर उधर से खाने-पीने की वस्तुएं भी नहीं खरीद रहे हैं।
पहली बार कोरोना वायरस से इतने अधिक बेचैन लोग नजर आए। लोगों का कहना है कि इस रोग कि जब तक कोई दवा न बन जाए तब तक उन्हें परेशानी झेलनी ही पड़ेगी।
जौ की खेती भूले किसान
-दो वर्षों से महज सौ हेक्टेयर में हुई बीजाई
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कनीना। किसान जौ की खेती कम होती जा रही है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष कनीना खंड के गांवों में महज एक सौ हेक्टेयर पर जौ उगाए गए हैं। जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्रयोग करते है। अब किसानों को पूजा के लिए या राबड़ी के लिए जौ खरीदकर लाने पड़ते हैं।
कभी कनीना खंड में हजारों एकड़ में जौ की खेती की जाती थी। जौ न केवल पूजा आदि बल्कि हवन आदि में भी काम आता हैं। जब नवरात्रे आते हैं या गर्मी में राबड़ी बनानी हो या फिर जौ चनी की रोटी खानी हो तो जौ याद आता है। होली पूजा में जौ भूने जाते हैं तो दूर दराज से ढूंढ ढूंढकर लाए गए।
होली के पर्व पर जहां जौ को भूनकर पूरा परिवार चखता है और तत्पश्चात ही लावणी की शुरुआत होती आ रही है। जब हवन कराना हो, गंगा स्नान करना हो,धानी बनवानी हो, सत्तू बनाने के लिए या राबड़ी एवं बीयर आदि की बात चलती है तो जौ याद आते हैं।
किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह एवं राजेंद्र सिंह ने बताया कि जौ की पैदावार तो बेहतर होती है तथा पानी की कम जरूरत होती है किंतु इसकी तूड़ी पशु नहीं खाते वहीं इसके रेट गेहूं की तुलना में कम हैं जिसके कारण जौ नहीं उगाया जाता है। एक जमाना था जब हर घर में जौ की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। अब जमाना लद गया है। जौ की खेती करना किसान भूल रहे हैं। 30 साल पहले जौ की अधिक खेती होती थी। पशुओं को भी जौ चारे के रूप में दिया जाता था। जौ की रोटी को खूब मजे से खाया जाता था जो सेहत के लिए अति लाभकारी मानी जाती थी। ठंडाई के रूप में राबड़ी खाता था किंतु अब जौ की बीयर पीने में उत्साह दर्शाते हैं और इसे बीयर से बनने वाला पेय बताते हैं।
उपमंडल कृषि अधिकारी डा अजय यादव ने बताया कि कनीना खंड में जौ की खेती एक सौ हेक्टेयर तो महेंद्रगढ़ खंड में 440 हेक्टेयर पर की गई है। अब सत्तू, धाणी, पूजाके लिए जौ तथा हवन आदि के लिए जौ बाजार से किसान खरीदते हैं।
कहावत है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। जौ उगाने का युग फिर से लौटकर आता नजर आता है। आज भी कुछ बुजुर्ग जौ को लाकर खाते हैं। दिनोंदिन राबड़ी की मांग बढ़ रही है। ठंडाई के रूप में राबड़ी को प्रति गिलास के हिसाब से बेचा भी जाता है। ऐसे में लगता है कि जौ की खेती आने वाले समय में फिर से हुआ करेगी।
फोटो कैप्शन 1: कनीना में जौ की खेती दिखाता किसान।
लड्डू बांटकर खुशी जताई
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कनीना। रामचंद्र जांगिड़ के राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने पर कनीना मंडी में पिछड़ा वर्ग के लोगों ने खुशी व्यक्त कर एक दूसरे को बधाई दी। इस मौके पर ब्रह्मदत्त जांगिड़ ने कहा कि रामचंद्र जांगिड़ सभी के चहेते हैं और वे जनहित के कार्यों में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि उनका राज्यसभा पहुंचना बहुत जरूरी था। वे राज्यसभा में पहुंच गए इसके लिए उन्होंने एक दूसरे को बधाई दी।
इस अवसर पर ब्रह्मदत्त जांगिड़, राजेंद्र कुमार, कृपाराम, मामन चंद, सोमदत्त, संतोष कुमार अशोक वर्मा, बिजेंद्र गर्ग, अशोक कोका तथा अन्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 9: लड्डू बांटकर खुशी व्यक्त करते हुए लोग।
अस्पताल में सैनिटाइजेशन किया
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कनीना। कोरोनावायरस को लेकर के प्रशासन चुस्त दुरुस्त है वही कनीना के उप नागरिक अस्पताल में भी पूरी सावधानी बरती जा रही है। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां विभिन्न मरीज एवं जन आकर बैठते हैं वहां पर सैनिटाइजेशन किया।
मिली जानकारी अनुसार सोडियम हाइपोक्लोरेट दवा का छिड़काव उप नागरिक अस्पताल के उन स्थानों पर किया जहां मरीज तथा लोग आकर बैठते हैं। ऐसे स्थानों पर कोरोनावायरस के होने की संभावना अधिक होती है नागरिक अस्पताल के डाक्टरों ने इस कार्य को अंजाम दिया। हेल्थ इंस्पेक्टर शीशराम की देखरेख में यह कार्रवाई पूर्ण की।
अस्पताल में जहां मरीजों की संख्या बढऩे लगी है वही कोरोना वायरस के आने की अधिक संभावना बढ़ी है। यही कारण है कि यहां प्रतिदिन नए कदम उठाए जा रहे हैं। जहां फ्लू कार्नर बनाया गया वहीं आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। तत्पश्चात इस प्रकार का कदम उठाया जा रहा है।
फोटो कैप्शन 10: सैनिटाइजेशन करते हुए उप नागरिक अस्पताल कनीना के कर्मी।
मशीनों ने छीन लिया मजदूरों का रोजगार
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां सरसों की लावणी पूरे यौवन पर है वहीं किसान जल्दी से जल्दी लावणी करने के चक्कर में मशीनों द्वारा कटाई करवा रहे हैं। यद्यपि मशीनें कई मजदूरों का काम एक घंटे में कर देती है किंतु इससे मजदूरों का रोजगार छीनता जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में दूसरे प्रांतों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार,मध्य प्रदेश आदि से करीब हर वर्ष 400 से 500 मजदूर आते हैं। ये मजदूर दिन रात मेहनत करके पैसे कमा कर अपने वतन लौटते हैं। इन मजदूरों की मजदूरी भी अब धीरे धीरे कम हो रही है। मजदूर रामलाल, रेनूमती श्यामू ने बताया कि किसान जल्दी काम निपटने के चक्कर में मशीनें बुलवाकर उनसे कटाई का काम ले रहे हैं जिससे उनका रोजगार खत्म हो रहा है। जिसका इन मजदूरों में रोष भी है।
उल्लेखनीय है कि जहां मजदूर एक एकड़ फसल सरसों की कटाई का कार्य जहां एक से दो दिनों में पूरा करते हैं वही 2200 से 2500 रुपए तक लेते हैं वही कंबाइन मशीन 2100 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से सरसों की कटाई आदि का कार्य कर रही है किंतु अंतर इतना है कि मशीनों द्वारा सरसों की कटाई आदि का कार्य एक घंटे में ही पूरा कर दिया जाता है। मशीन द्वारा कटाई करने वाले पंजाब के सुखविंदर ने बताया कि वे इस क्षेत्र में करीब दो माह तक कार्य करते हैं पहले सरसों की लावणी फिर दूसरी मशीनों द्वारा गेहूं की लावणी का कार्य करते हैं। एक समय था जब हरियाणा में मशीनों से कटाई नहीं करवाते थे आप लोगों का रुझान मशीनों द्वारा कटाई करवाने की ओर बढ़ा है। इसलिए जहां मशीन चालक खुश है। वहीं मजदूर नाखुश है
फोटो कैप्शन 10: मशीनों से कटाई करते हुए।
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