झुग्गियों में रहने वाले लोगों को खाद्य सामग्री और मास्क बांटे
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कनीना। इसराना गांव के युवकों ने कनीना में रह रहे दिहाड़ी मजदूरों एवं झुगगी झोपडिय़ों में रहने वाले लोगों को खाद्य सामग्री और मास्क बांटे। इस दौरान मोहित इसराना ने लोगों को जनता कफ्र्यू के लिए शपथ दिलाई।
उन्होंने कहा कोरोनावायरस को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सावधानियां बरतते हुए वायरस से बचने की कोशिश करें। उन्होंने बताया कि आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दिन में कम से कम 20 बार साबुन या सेनीटाइजर से हाथ साफ करने चाहिए। किसी भी परिस्थितियों में अपना घर ना छोड़े। शासन एवं प्रशासन की मदद द्वारा लोगों की हर संभव मदद की जाएगी। इस अवसर पर रेशम मेडिकल स्टोर के संचालक धीरज सेन द्वारा लोगों को मास्क वितरित किए गए।
इस मौके पर राजवीर शर्मा,सोमपाल चौहान , रवि यादव, चेतन, कार्तिक सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 2: झुग्गी झोपडिय़ों के लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करते लोग।
अभी तक कोई कोरोनावायरस पीडि़त नहीं
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कनीना। प्रशासन एवं सरकार के अतिरिक्त कनीना उप नागरिक अस्पताल की त्वरित कार्रवाई, डाक्टरों के उचित मार्गदर्शन, समाजसेवियों द्वारा लोगों को जागरूक करने तथा मास्क आदि बांटे जाने के अतिरिक्त लोगों के समझदारी से काम लेने के चलते अभी तक कनीना में कोई कोरोनावायरस पीडि़त नहीं है जबकि हजारों दूसरे प्रदेशों से लोग लावणी करने के लिए मजदूरी पर आए हुए हैं।
डाक्टरों की टीम का कहना है कि क्वारेंटाइन के केस जरूर मिलते हैं जो दूसरे देशों से शिक्षा पाने या घूमने के लिए गए थे, उनके कनीना में आगमन पर 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया जाता है और पता लगाया जाता है कि कहीं कोई विदेशों में रहकर वायरस का प्रभाव तो नहीं है। अगर रोग के लक्षण दिखाई दे तो जांच कराई जाएगी। परंतु अफवाहें न फैलाकर उन क्वारेंटाइन किए लोगों से मिलने की भूलकर भी कोशिश न करे।
गांवों में भी गांव के सरपंच कर रहे हैं लॉकडाउन
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कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न गांवों के सरपंच भी पूरे भारत के लॉकडाउन में अपना सहयोग कर रहे हैं।
इस संबंध में भडफ़ के सरपंच महेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी की ओर से कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए जो हिदायतें मिली थी उनका पालन कर रहे हैं और गांव को लॉकडाउन किया हुआ है। उन्होंने बताया कि गांव के बाहर विदेश यात्रा करके आए हुए अगर कोई हो तो या दूसरे शहरों से रोजगार करके आने वाले व्यक्तियों पर नजर रखी हुई है। कोई व्यक्ति बाहर से आता है तो उसे 14 दिन तक अलग कमरे में रखने की हिदायत का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार के आदेशानुसार गांव में कोई भी धार्मिक आयोजन सामाजिक समारोह 14 अप्रैल तक नहीं होने दिया जाएगा। वहीं 5 या 5 से अधिक व्यक्ति इक_े नहीं होने दिए जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश लोग घर के अंदर ही रह रहे हैं वही सरकारी कार्यालय के कार्य ईमेल या दूरभाष से पूर्ण किए जा रहे हैं। ताश खेलने और हुक्का पीने पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है, सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए लोगों को वे समय-समय पर प्रेरित किया जा रहा है।
बंदरों से मिली राहत
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कनीना। क्षेत्र में कोरोना से जहां संपूर्ण जगत महामारी की चपेट में है वही क्षेत्र के युवा बच्चे एवं बुजुर्ग मोबाइल का बड़ा सावधानी से प्रयोग कर रहे हैं।
कुछ लोग तो अधिकांश समय ताश खेलने तथा बहुत से लोग घर के अंदर रह कर बिता रहे हैं। जहां बच्चे भी गलियों में नहीं खेल रहे हैं वहीं युवा वर्ग भी अधिकांश समय घर के अंदर ही बीता रहा है, यद्यपि मोबाइल प्रयोग बहुत कम कर रहा है वहीं कुछ वस्तुओं को सावधानी से प्रयोग कर रहा है। क्षेत्र में जहां बंदरों की दहशत थी उससे जरूर राहत मिली है। दिन भर समस्त परिवार घर के अंदर रहता है ऐसे में बंदर अगर आते हैं तो सारा परिवार टूट पड़ता है। यही कारण है कि बंदरों की शामत आ गई है।
उधर महेश कुमार और मोहन कुमार ने बताया कि बंदरों के लिए बहाला में जहां लोग उन्हें खाना डालने जाते हैं किंतु सरकार द्वारा आवाजाही की पाबंदी के चलते वहां पर भी लोग नहीं जा पा रहे। ऐसे में जहां इंसानों के लिए एक संकट की घड़ी है वही जानवरों के लिए भी खाने की समस्या बन गई है। जहां लाखों रुपए के नुकसान प्रतिमाह बंदर पहुंचा रहे थे उससे जरूर राहत मिली है।
आवश्यक वस्तुओं की दुकान खुल रही है वहां नियमों के तहत जाकर अपना सामान खरीदते हैं और तुरंत घर पर चले आते हैं। मास्क प्रयोग की जा रही है वही सैनिटाइजर भी प्रयोग किए जा रहे हैं। अब तो जिन घरों में कम पढ़े लिखे लोग हैं वे भी सैनिटाइजर एवं मास्क प्रयोग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय की कनीना अच्छी बंदरों से बेहद परेशान रहे हैं। बार-बार नगरपालिका से उनको दूर छुड़वाने की बात कही जाती रही है वहीं अब तक एक बार 1080 बंदर दूर भिजवाया है किंतु अब 14 अप्रैल तक बंदरों की शामत आ गई है क्योंकि घर के अंदर घुसकर जो नुकसान करते थे उससे जरूर बच गए हैं।
फोटो कैप्शन 1: बंदरों को खाना खिलाते हुए मोहन कुमार।
एक महीने का मानदेय राहत कोष में दिया
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सहयोगी, कनीना। कनीना खंड के गांव भडफ़ तथा ककराला के सरपंच महेंद्र सिंह तथा कृष्ण कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 3000-3000 अर्थात एक 1 महीने का मानदेय भेजा है।
उन्होंने कहा कि इस समय पूरा देश ही वायरस की चपेट में है। लोगों को धन की जरूरत है। तबाही पूरे विश्व में देखी जा सकती है। ऐसे में इस संकट की घड़ी में वे लोगों के साथ हैं और उन्होंने अपने एक एक महीने का मानदेय राहत कोष में भेजा है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे अधिक से अधिक धनराशि राहत कोष में भेजे हैं। उधर कनीना के भौतिक शास्त्र के प्रवक्ता सचिन शर्मा ने भी 2100 राहत कोष में भेजे हैं।
फोटो कैप्शन: महेंद्र सिंह तथा कृष्ण कुमार एवं सचिन प्रवक्ता।
जिला प्रशासन की हिदायतों की अनुपालना हेतु दिलों जान से जुटने का आह्वान
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कनीना। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रजा भलाई संगठन के अध्यक्ष ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने अपने कार्यकर्ता साथियों को सरकार तथा जिला प्रशासन की हिदायतों की अनुपालना हेतु दिलों जान से जुटने का आह्वान किया है।
अतरलाल ने फोन पर संगठन पदाधिकारियों से फीडबैक लेते हुए कहा कि हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोगों को जागरूक करना है। ये लॉकडाउन जनता के हित में है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को शासन तथा प्रशासन का पूरा सहयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद वे अटेली विधानसभा क्षेत्र के अपने कार्यकर्ताओं से फोन पर फीडबैक ले रहे हैं। जहां किसी गांव व कस्बे में लोगों की कोई समस्या सामने आ रही है तो वह जिला प्रशासन के संज्ञान में लाकर समस्या का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से कोरोना वायरस संकट को हल्के में न लेने तथा अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की।
कोरोना कोष में दिया एक महीने का मानदेय
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव खैराणा के सरपंच रामेश्वर सिंह यादव ने स्वेच्छा से कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए कोरोना वायरस सहायता फंड में अपना एक महीने का मानदेय दिया है। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से देश और दुनिया में कोरोनावायरस ने पूरे विश्व में तबाही मचा दी है। संकट की इस घड़ी में आज देश पर करोड़ों रुपए का अचानक से बोझ पढऩा लाजमी है । उन्होंने उम्मीद जताई कि संकट के समय में लोग देशहित में जरूर आगे आएंगे।
एसडीएम ने किया गांवों का दौरा, लोगों को दी हिदायत
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना के एसडीएम रणवीर सिंह ने कनीना उपमंडल के गांव गोमला भोजावास तथा चेलावास गांव का दौरा किया और वहां लोक डाउन की स्थिति का जायजा लेने के पश्चात कनीना मंडी में पैदल चलते हुए सब्जी की दुकान दौरान ने दुकानदारों को आवश्यक हिदायत दी।
एसडीएम ने कोका गांव के पास ताश खेलने वाले लोगों को हिदायत दी कि वे इस प्रकार का या तो खेल न खेले या फिर दूर-दूर बैठकर खेले। वहीं उन्होंने भीड़ जमा न करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि अभी तक कोई ऐसा आदेश नहीं है कि कोई निश्चित समय पर ही ग्राहक घर से बाहर आए। अभी तक पूरा दिन मार्केट खुली रखने के आदेश दिए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस इसी बीमारी को रोक सकती है। उन्होंने किसानों को कहा कि वे किसी भी प्रकार की कोई दुविधा महसूस न करें। अनाज मंडी की हालात बढिय़ा है और ठीक समय पर उनकी खरीद करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपने खेतों में कटाई का कार्य जारी रख सकते हैं किंतु वहां भी दूरी बनाकर रखे। उन्होंने नगरपालिका को आदेश दिया हुआ है कि दुकानदारों को मास्क एवं दस्ताने प्रयोग करते हुए सामान दे।
फोटो कैप्शन: रणवीर सिंह एसडीएम
दो आरोपियों को किया न्यायालय में पेश
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कनीना। उपमंडल के गांव कपूरी में विगत दिनों मनसादास मंदिर के महंत रामभजन दास के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हें जमानत मिल गई है।
मामले की जांच कर रहे एएसआई गोविंद सिंह ने बताया कि मंदिर के महंत रामभजन के द्वारा तीन लोगों के खिलाफ उसके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दी गई थी। बुधवार को भी अन्य दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां उसे उन्हें जमानत मिल गई है। जिसमें क आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा चुका था। उल्लेखनीय है कि महंत रामभजन दास ने गांव के ही हिम्मत, प्रेमपाल व राजपाल के खिलाफ मंदिर में आकर उसके साथ मारपीटाई करने व जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दी गई थी। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हें जमानत मिल गई है।
अंधड़ और बारिश ने किसानों की लावणी की प्रभावित
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कनीना। क्षेत्र में तीन दिनों से हल्की बारिश के चलते किसानों की लावणी प्रभावित हुई। किसान इस समय खेतों में त्वरित गति से फसल कटाई में लगे हुए थे लेकिन मंगलवार को अंधड़ इतनी तेज था कि जगह-जगह पेड़ टूटकर गिर गए। एक ओर जहां कोरोनावायरस के चलते लोग घरों में घुसे हुए थे वहीं सड़क और मार्गों पर इक्का दुक्का लोग इधर उधर जाते नजर आए।
कनीना क्षेत्र में हल्की बारिश के कारण किसानों की फसल कटाई का कार्य बार बार रुका है। मिली जानकारी अनुसार किसानों को अपनी फसल कटाई का कार्य पूर्ण करना है। जहां रविवार को जनता कफ्र्यू लगा वहीं सोमवार को फसल कटाई के बाद मंगलवार को फसल कटाई बारिश ने बाधित कर दी। बुधवार और गुरुवार को हल्की बारिश आई। बारिश के चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि इस वक्त अगर कोई ओलावृष्टि आदि आई तो उनकी संपूर्ण मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी। क्षेत्र में बदलते मौसम को लेकर के परेशान हैं।
किसान अजीत कुमार, कृष्ण कुमार, महेश कुमार, सुरेश कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि इस समय सरसों की लावणी चल रही है। गेहूं की लावणी आने में कुछ समय बाकी है।
उधर अंधड़ से किसान रेस्ट हाउस के पास रास्ते में पेड़ गिर गया वहीं कई पेड़ों की टहनियां टूटकर गिर गई। अंधड़ अति तेज था।
लाक डाउन का तीसरा दिन--
बार-बार दुकानें बंद करवानी पड़ी
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कनीना। कनीना क्षेत्र में लाक डाउन का दो दिन ठीक-ठाक बीता। लाक डाउन के तीसरे दिन जहां सुबह से किराना, सब्जी, फल, चिकित्सालय, मेडिकल स्टोर आदि खुले हुए थे वही प्रात: 11 बजे बाद उनको पुलिस द्वारा बंद करवाने की कार्रवाई शुरू हो गई। जिसके चलते सभी दुकानें बंद करा दी गई। महज चिकित्सालय एवं मेडिकल स्टोर खुले हुए थे। मरीजों की संख्या सरकारी अस्पताल एवं निजी अस्पतालों में कम रही। वही कुछ लोग सड़कों पर किसान इधर-उधर चहल कदमी करते नजर आए। वहीं बाइकों पर लोग इधर उधर जा रहे थे। निजी वाहन पूर्णतया बंद देखे गए।
क्षेत्र में सुबह से ही एक बार बहुत सी दुकानें खुल गई लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें बंद करवा दिया गया। सब्जी एवं फल की दुकानें एवं किराना की दुकानें भी बंद करवा दी। उधर पालिका की ओर से गाड़ी द्वारा दुकान खोलने का समय भी बार-बार घोषित किया गया जिसके चलते दुकानें बंद रही। लोग घरों में ही कैद रहे या तो कैरम बोर्ड खेलते नजर आए या बच्चों के साथ समय बिताते नजर आए। अधिकांश लोगों ने अपने बच्चों के साथ समय बिताया और वे खुश नजर आए। लंबे समय तक यदि घर में रहना पड़ा तो दुकानदारों को परेशानी हो सकती है। क्योंकि उनकी रोटी रोजी का साधन दुकान ही तो हैं।
दुकानें खुलते ही ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिली। दुकानों पर भी कई कई दुकान दुकानदार और ग्राहक नजर आए जिन्होंने अधिकांश ने मास्क तक भी नहीं पहन रखा था। वही बाइकों पर दो-दो सवार नजर आए जिनमें से बहुत कम ने मास्क पहन रखा था। जहां रोडवेज बस एवं निजी बस से पूर्णतया बंद रही वहीं रेलवे स्टेशन भी सुनसान नजर आया। पार्क में भी पुलिस ने लोगों को बैठने नहीं दिया वहीं आसपास क्षेत्रों में कहीं भी भीड़ नजर नहीं आई।
किसान अपने खेतों में त्वरित गति से लावणी करते नजर आए। बैंकों में भी सैनिटाइजर रखे हुए थे जहां हाथ साफ करके निश्चित दूरी पर खड़े होकर ही बैंकों में पैसों का लेनदेन करने दिया। बैंकों का समय प्रात: दस से शाम दो बजे तक रखा गया है। यह पहला अवसर है जब किसानों की फसल कटाई का समय चल रहा है वही महामारी का प्रकोप भी चल रहा है। कर्मचारी, अधिकारी भी घरों में ही नजर आए। पुलिस जगह-जगह घूमती एवं लोगों को हिदायत देती नजर आई वहीं सामाजिक कार्यकर्ता भी लोगों को रोग के प्रति जागरूक करते नजर आए।
फोटो कैप्शन 06: कैरम बोर्ड पर समय बिताते दुकानदार।
कनीना पालिका ने कीटनाशी दवा छिड़कवाई
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कनीना। नगर पालिका प्रशासन त्वरित गति से कोरोना से लडऩे के लिए कार्रवाई में जुटा हुआ है। नगर पालिका प्रतिदिन सफाई कर्मियों की मदद से पूरे कस्बे की नियमित सफाई कर रही है वहीं विगत दिनों फागिंग भी करवाई गई थी। बुधवार को कनीना नगरपालिका की ओर से कीटनाशक दवाई छिड़कवाई गई।
जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार एवं लेखाकार शिवचरण शर्मा ने बताया कि 20 लीटर ब्लीचिंग तरल मंगवाया गया है जिसे 500 लीटर में पानी की टंकी में 250 ग्राम डालकर दो ट्रेक्टरों द्वारा रेलवे स्टेशन से अटेली मार्ग तथा विभिन्न स्थानों पर छिड़कवाया है। इस प्रकार 500-500 लीटर की सात टंकिया छिड़कवा दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे कीट विशेषकर मक्खी तथा मच्छर उत्पन्न नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि लोगों को मुनादी करवा जागरूक कर रहे हैं। जो दुकानें खोली जा सकती है उनकी जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस महामारी के समय आप अपना पूरा सहयोग दे, घरों से बाहर न आए तथा हाथों को बार-बार साफ करें। जो ऐतिहात बताई गई हैं उनका पालन जरूर करें।
फोटो कैप्शन 7 व 8: ट्रैक्टर द्वारा कीटनाशी का स्प्रे करते हुए नगर पालिका कर्मचारी।
पुलिस मुस्तैद, लोग हुए जागरूक
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कनीना। जहां पूरा ही देश महामारी से जूझ रहा है वही कोरोनावायरस को हराने के लिए लॉक डाउन चल रहा है। पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से अपनी भूमिका निभा रहा है। पुलिस प्रशासन ने गुरुवार को वाहनों पर आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया तथा आवागमन कर रहे दुपहिया वाहन चालक तथा अन्य से पूर्ण जानकारी लेने के पश्चात आवश्यक होने पर जाने दिया।
एसएचओ इंस्पेक्टर विकास कुमार तथा सीटी इंचार्ज गोविंद सिंह एएसआई तथा पुलिस बल जहां दुकान-दुकान पर जाकर देख रहा था तथा अनावश्यक खड़े हुए लोगों को तितर-बितर कर रहे थे वही आने जानेवाले लोगों को आवश्यक हिदायत भी दे रहे थे।
उल्लेखनीय है कि कनीना कस्बे में लॉक डाउन का यह दूसरा दिन है। पहले दिन जहां दुकानें बंद रही वहीं दूसरे दिन कुछ आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी बंद रही। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। वहीं किसानों को भी इधर उधर जाने पर पूरी जांच करके जाने दिया जा रहा है। कनीना पुलिस ने यहां तक की साइकिल सवारों को भी रोका और उन्हें अपने घर पर रहने का संदेश दिया।
ज्यादा समय सड़क सुनसान थी। कभी कभी इक्का-दुक्का किसान आदि अपने खेतों में जाते नजर आए। वाहन चालकों को बाइक पर जाते लोगों को वार्निंग भी दी गई और बताया कि उनके हित के लिए यह चेतावनी दी जा रही है। ऐसे में उन्हें मदद करनी चाहिए ताकि देश इस महामारी से निपट सके।
फोटो कैप्शन 9 तथा 10: पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से अपनी भूमिका निभाते हुए।
बरती जा रही हैं व्यापक सावधानियां
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कनीना। कनीना कस्बे में जहां फल, सब्जी तथा आवश्यक सेवाओं के स्टोर खुले हैं वहां ग्राहकों को स्पेशल हिदायत दी हुई है दुकानों के आगे बनाए गए घेरे में खड़े हो। जहां पर निश्चित दूरी पर ही ग्राहक खड़े होकर सामान ले सकते हैं। दुकानदारों को भी सख्त हिदायत है कि अपने हाथों में छस्ताने तथा मुंह पर मास्क पहने रखे। बार-बार हाथों को धोकर सब्जी तथा फल की बिक्री करें।
दुकानदार भी सभी नियमों का पालन करते हुए ग्राहकों को घेरे में खड़े होने के आदेश दे रहे थे। जो निर्धारित दूरी पर एक मीटर दूरी पर बनाए गए हैं। यहां तक कि सामान देते वक्त सभी हिदायतों का पालन किया जा रहा थाञ
फोटो कैप्शन 11 एवं 12: घेरों में खड़े होकर सब्जी देते हुए एवं खरीदते हुए।
निलेश ने 11000 रुपये राहत कोष में भेजे
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कनीना। पतंजलि योग समिति महेंद्रगढ़ के जिला प्रभारी नीलेश मुद्गल नेअपने निजी कोष से 11 हजार रुपये कोरोना राहत कोष में भेजे हैं। पहले भी वो समय समय जरूरत पडऩे पर पर इस प्रकार की मदद करते आ रहे हैं।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि कोविड-19 एक कोरोनावायरस जनित बीमारी है जिससे लडऩे के लिए हम सभी का फर्ज बनता है। ऐसे में वे भी 11000 रुपये राहत कोष में दे रहे हैं ताकि किसी जरूरतमंद के काम आए। उन्होंने कहा हम सभी मिलकर इस लड़ाई में शामिल हो सकते ताकि अदृश्य दुश्मन से मुकाबला किया जा सके। उल्लेखनीय है कि इससे पहले योग में यूजीसी नेट परीक्षा 2018 में पास करने पर 31000 रुपये की छात्रवृत्ति भी उन्होंने शहीद के परिजनों को के लिए दे दी थी। वहीं लोगों को समय समय पर जागरूक कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन निलेश मुद्गल।
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कनीना। इसराना गांव के युवकों ने कनीना में रह रहे दिहाड़ी मजदूरों एवं झुगगी झोपडिय़ों में रहने वाले लोगों को खाद्य सामग्री और मास्क बांटे। इस दौरान मोहित इसराना ने लोगों को जनता कफ्र्यू के लिए शपथ दिलाई।
उन्होंने कहा कोरोनावायरस को लेकर ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी सावधानियां बरतते हुए वायरस से बचने की कोशिश करें। उन्होंने बताया कि आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। दिन में कम से कम 20 बार साबुन या सेनीटाइजर से हाथ साफ करने चाहिए। किसी भी परिस्थितियों में अपना घर ना छोड़े। शासन एवं प्रशासन की मदद द्वारा लोगों की हर संभव मदद की जाएगी। इस अवसर पर रेशम मेडिकल स्टोर के संचालक धीरज सेन द्वारा लोगों को मास्क वितरित किए गए।
इस मौके पर राजवीर शर्मा,सोमपाल चौहान , रवि यादव, चेतन, कार्तिक सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 2: झुग्गी झोपडिय़ों के लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करते लोग।
अभी तक कोई कोरोनावायरस पीडि़त नहीं
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कनीना। प्रशासन एवं सरकार के अतिरिक्त कनीना उप नागरिक अस्पताल की त्वरित कार्रवाई, डाक्टरों के उचित मार्गदर्शन, समाजसेवियों द्वारा लोगों को जागरूक करने तथा मास्क आदि बांटे जाने के अतिरिक्त लोगों के समझदारी से काम लेने के चलते अभी तक कनीना में कोई कोरोनावायरस पीडि़त नहीं है जबकि हजारों दूसरे प्रदेशों से लोग लावणी करने के लिए मजदूरी पर आए हुए हैं।
डाक्टरों की टीम का कहना है कि क्वारेंटाइन के केस जरूर मिलते हैं जो दूसरे देशों से शिक्षा पाने या घूमने के लिए गए थे, उनके कनीना में आगमन पर 14 दिनों के लिए क्वारेंटाइन किया जाता है और पता लगाया जाता है कि कहीं कोई विदेशों में रहकर वायरस का प्रभाव तो नहीं है। अगर रोग के लक्षण दिखाई दे तो जांच कराई जाएगी। परंतु अफवाहें न फैलाकर उन क्वारेंटाइन किए लोगों से मिलने की भूलकर भी कोशिश न करे।
गांवों में भी गांव के सरपंच कर रहे हैं लॉकडाउन
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कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न गांवों के सरपंच भी पूरे भारत के लॉकडाउन में अपना सहयोग कर रहे हैं।
इस संबंध में भडफ़ के सरपंच महेंद्र सिंह ने बताया कि उन्हें खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी की ओर से कोरोनावायरस को फैलने से रोकने के लिए जो हिदायतें मिली थी उनका पालन कर रहे हैं और गांव को लॉकडाउन किया हुआ है। उन्होंने बताया कि गांव के बाहर विदेश यात्रा करके आए हुए अगर कोई हो तो या दूसरे शहरों से रोजगार करके आने वाले व्यक्तियों पर नजर रखी हुई है। कोई व्यक्ति बाहर से आता है तो उसे 14 दिन तक अलग कमरे में रखने की हिदायत का पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार के आदेशानुसार गांव में कोई भी धार्मिक आयोजन सामाजिक समारोह 14 अप्रैल तक नहीं होने दिया जाएगा। वहीं 5 या 5 से अधिक व्यक्ति इक_े नहीं होने दिए जा रहा हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश लोग घर के अंदर ही रह रहे हैं वही सरकारी कार्यालय के कार्य ईमेल या दूरभाष से पूर्ण किए जा रहे हैं। ताश खेलने और हुक्का पीने पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है, सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए लोगों को वे समय-समय पर प्रेरित किया जा रहा है।
बंदरों से मिली राहत
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कनीना। क्षेत्र में कोरोना से जहां संपूर्ण जगत महामारी की चपेट में है वही क्षेत्र के युवा बच्चे एवं बुजुर्ग मोबाइल का बड़ा सावधानी से प्रयोग कर रहे हैं।
कुछ लोग तो अधिकांश समय ताश खेलने तथा बहुत से लोग घर के अंदर रह कर बिता रहे हैं। जहां बच्चे भी गलियों में नहीं खेल रहे हैं वहीं युवा वर्ग भी अधिकांश समय घर के अंदर ही बीता रहा है, यद्यपि मोबाइल प्रयोग बहुत कम कर रहा है वहीं कुछ वस्तुओं को सावधानी से प्रयोग कर रहा है। क्षेत्र में जहां बंदरों की दहशत थी उससे जरूर राहत मिली है। दिन भर समस्त परिवार घर के अंदर रहता है ऐसे में बंदर अगर आते हैं तो सारा परिवार टूट पड़ता है। यही कारण है कि बंदरों की शामत आ गई है।
उधर महेश कुमार और मोहन कुमार ने बताया कि बंदरों के लिए बहाला में जहां लोग उन्हें खाना डालने जाते हैं किंतु सरकार द्वारा आवाजाही की पाबंदी के चलते वहां पर भी लोग नहीं जा पा रहे। ऐसे में जहां इंसानों के लिए एक संकट की घड़ी है वही जानवरों के लिए भी खाने की समस्या बन गई है। जहां लाखों रुपए के नुकसान प्रतिमाह बंदर पहुंचा रहे थे उससे जरूर राहत मिली है।
आवश्यक वस्तुओं की दुकान खुल रही है वहां नियमों के तहत जाकर अपना सामान खरीदते हैं और तुरंत घर पर चले आते हैं। मास्क प्रयोग की जा रही है वही सैनिटाइजर भी प्रयोग किए जा रहे हैं। अब तो जिन घरों में कम पढ़े लिखे लोग हैं वे भी सैनिटाइजर एवं मास्क प्रयोग कर रहे हैं।
उल्लेखनीय की कनीना अच्छी बंदरों से बेहद परेशान रहे हैं। बार-बार नगरपालिका से उनको दूर छुड़वाने की बात कही जाती रही है वहीं अब तक एक बार 1080 बंदर दूर भिजवाया है किंतु अब 14 अप्रैल तक बंदरों की शामत आ गई है क्योंकि घर के अंदर घुसकर जो नुकसान करते थे उससे जरूर बच गए हैं।
फोटो कैप्शन 1: बंदरों को खाना खिलाते हुए मोहन कुमार।
एक महीने का मानदेय राहत कोष में दिया
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सहयोगी, कनीना। कनीना खंड के गांव भडफ़ तथा ककराला के सरपंच महेंद्र सिंह तथा कृष्ण कुमार ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 3000-3000 अर्थात एक 1 महीने का मानदेय भेजा है।
उन्होंने कहा कि इस समय पूरा देश ही वायरस की चपेट में है। लोगों को धन की जरूरत है। तबाही पूरे विश्व में देखी जा सकती है। ऐसे में इस संकट की घड़ी में वे लोगों के साथ हैं और उन्होंने अपने एक एक महीने का मानदेय राहत कोष में भेजा है। उन्होंने लोगों से भी अपील की है कि वे अधिक से अधिक धनराशि राहत कोष में भेजे हैं। उधर कनीना के भौतिक शास्त्र के प्रवक्ता सचिन शर्मा ने भी 2100 राहत कोष में भेजे हैं।
फोटो कैप्शन: महेंद्र सिंह तथा कृष्ण कुमार एवं सचिन प्रवक्ता।
जिला प्रशासन की हिदायतों की अनुपालना हेतु दिलों जान से जुटने का आह्वान
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कनीना। कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए प्रजा भलाई संगठन के अध्यक्ष ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने अपने कार्यकर्ता साथियों को सरकार तथा जिला प्रशासन की हिदायतों की अनुपालना हेतु दिलों जान से जुटने का आह्वान किया है।
अतरलाल ने फोन पर संगठन पदाधिकारियों से फीडबैक लेते हुए कहा कि हमें दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोगों को जागरूक करना है। ये लॉकडाउन जनता के हित में है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को शासन तथा प्रशासन का पूरा सहयोग करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के बाद वे अटेली विधानसभा क्षेत्र के अपने कार्यकर्ताओं से फोन पर फीडबैक ले रहे हैं। जहां किसी गांव व कस्बे में लोगों की कोई समस्या सामने आ रही है तो वह जिला प्रशासन के संज्ञान में लाकर समस्या का समाधान कर रहे हैं। उन्होंने लोगों से कोरोना वायरस संकट को हल्के में न लेने तथा अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील भी की।
कोरोना कोष में दिया एक महीने का मानदेय
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव खैराणा के सरपंच रामेश्वर सिंह यादव ने स्वेच्छा से कोरोना वायरस की महामारी को देखते हुए कोरोना वायरस सहायता फंड में अपना एक महीने का मानदेय दिया है। उन्होंने कहा कि आज जिस प्रकार से देश और दुनिया में कोरोनावायरस ने पूरे विश्व में तबाही मचा दी है। संकट की इस घड़ी में आज देश पर करोड़ों रुपए का अचानक से बोझ पढऩा लाजमी है । उन्होंने उम्मीद जताई कि संकट के समय में लोग देशहित में जरूर आगे आएंगे।
एसडीएम ने किया गांवों का दौरा, लोगों को दी हिदायत
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना के एसडीएम रणवीर सिंह ने कनीना उपमंडल के गांव गोमला भोजावास तथा चेलावास गांव का दौरा किया और वहां लोक डाउन की स्थिति का जायजा लेने के पश्चात कनीना मंडी में पैदल चलते हुए सब्जी की दुकान दौरान ने दुकानदारों को आवश्यक हिदायत दी।
एसडीएम ने कोका गांव के पास ताश खेलने वाले लोगों को हिदायत दी कि वे इस प्रकार का या तो खेल न खेले या फिर दूर-दूर बैठकर खेले। वहीं उन्होंने भीड़ जमा न करने की हिदायत दी। उन्होंने कहा कि अभी तक कोई ऐसा आदेश नहीं है कि कोई निश्चित समय पर ही ग्राहक घर से बाहर आए। अभी तक पूरा दिन मार्केट खुली रखने के आदेश दिए हुए हैं।
उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंस इसी बीमारी को रोक सकती है। उन्होंने किसानों को कहा कि वे किसी भी प्रकार की कोई दुविधा महसूस न करें। अनाज मंडी की हालात बढिय़ा है और ठीक समय पर उनकी खरीद करने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान अपने खेतों में कटाई का कार्य जारी रख सकते हैं किंतु वहां भी दूरी बनाकर रखे। उन्होंने नगरपालिका को आदेश दिया हुआ है कि दुकानदारों को मास्क एवं दस्ताने प्रयोग करते हुए सामान दे।
फोटो कैप्शन: रणवीर सिंह एसडीएम
दो आरोपियों को किया न्यायालय में पेश
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कनीना। उपमंडल के गांव कपूरी में विगत दिनों मनसादास मंदिर के महंत रामभजन दास के साथ हुई मारपीट के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हें जमानत मिल गई है।
मामले की जांच कर रहे एएसआई गोविंद सिंह ने बताया कि मंदिर के महंत रामभजन के द्वारा तीन लोगों के खिलाफ उसके साथ मारपीट कर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दी गई थी। बुधवार को भी अन्य दोनों आरोपियों को न्यायालय में पेश किया गया। जहां उसे उन्हें जमानत मिल गई है। जिसमें क आरोपी को पहले ही गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया जा चुका था। उल्लेखनीय है कि महंत रामभजन दास ने गांव के ही हिम्मत, प्रेमपाल व राजपाल के खिलाफ मंदिर में आकर उसके साथ मारपीटाई करने व जान से मारने की धमकी देने की शिकायत दी गई थी। जिस पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। जहां से उन्हें जमानत मिल गई है।
अंधड़ और बारिश ने किसानों की लावणी की प्रभावित
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कनीना। क्षेत्र में तीन दिनों से हल्की बारिश के चलते किसानों की लावणी प्रभावित हुई। किसान इस समय खेतों में त्वरित गति से फसल कटाई में लगे हुए थे लेकिन मंगलवार को अंधड़ इतनी तेज था कि जगह-जगह पेड़ टूटकर गिर गए। एक ओर जहां कोरोनावायरस के चलते लोग घरों में घुसे हुए थे वहीं सड़क और मार्गों पर इक्का दुक्का लोग इधर उधर जाते नजर आए।
कनीना क्षेत्र में हल्की बारिश के कारण किसानों की फसल कटाई का कार्य बार बार रुका है। मिली जानकारी अनुसार किसानों को अपनी फसल कटाई का कार्य पूर्ण करना है। जहां रविवार को जनता कफ्र्यू लगा वहीं सोमवार को फसल कटाई के बाद मंगलवार को फसल कटाई बारिश ने बाधित कर दी। बुधवार और गुरुवार को हल्की बारिश आई। बारिश के चलते किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों का कहना है कि इस वक्त अगर कोई ओलावृष्टि आदि आई तो उनकी संपूर्ण मेहनत मिट्टी में मिल जाएगी। क्षेत्र में बदलते मौसम को लेकर के परेशान हैं।
किसान अजीत कुमार, कृष्ण कुमार, महेश कुमार, सुरेश कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि इस समय सरसों की लावणी चल रही है। गेहूं की लावणी आने में कुछ समय बाकी है।
उधर अंधड़ से किसान रेस्ट हाउस के पास रास्ते में पेड़ गिर गया वहीं कई पेड़ों की टहनियां टूटकर गिर गई। अंधड़ अति तेज था।
लाक डाउन का तीसरा दिन--
बार-बार दुकानें बंद करवानी पड़ी
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कनीना। कनीना क्षेत्र में लाक डाउन का दो दिन ठीक-ठाक बीता। लाक डाउन के तीसरे दिन जहां सुबह से किराना, सब्जी, फल, चिकित्सालय, मेडिकल स्टोर आदि खुले हुए थे वही प्रात: 11 बजे बाद उनको पुलिस द्वारा बंद करवाने की कार्रवाई शुरू हो गई। जिसके चलते सभी दुकानें बंद करा दी गई। महज चिकित्सालय एवं मेडिकल स्टोर खुले हुए थे। मरीजों की संख्या सरकारी अस्पताल एवं निजी अस्पतालों में कम रही। वही कुछ लोग सड़कों पर किसान इधर-उधर चहल कदमी करते नजर आए। वहीं बाइकों पर लोग इधर उधर जा रहे थे। निजी वाहन पूर्णतया बंद देखे गए।
क्षेत्र में सुबह से ही एक बार बहुत सी दुकानें खुल गई लेकिन पुलिस द्वारा उन्हें बंद करवा दिया गया। सब्जी एवं फल की दुकानें एवं किराना की दुकानें भी बंद करवा दी। उधर पालिका की ओर से गाड़ी द्वारा दुकान खोलने का समय भी बार-बार घोषित किया गया जिसके चलते दुकानें बंद रही। लोग घरों में ही कैद रहे या तो कैरम बोर्ड खेलते नजर आए या बच्चों के साथ समय बिताते नजर आए। अधिकांश लोगों ने अपने बच्चों के साथ समय बिताया और वे खुश नजर आए। लंबे समय तक यदि घर में रहना पड़ा तो दुकानदारों को परेशानी हो सकती है। क्योंकि उनकी रोटी रोजी का साधन दुकान ही तो हैं।
दुकानें खुलते ही ग्राहकों की भारी भीड़ देखने को मिली। दुकानों पर भी कई कई दुकान दुकानदार और ग्राहक नजर आए जिन्होंने अधिकांश ने मास्क तक भी नहीं पहन रखा था। वही बाइकों पर दो-दो सवार नजर आए जिनमें से बहुत कम ने मास्क पहन रखा था। जहां रोडवेज बस एवं निजी बस से पूर्णतया बंद रही वहीं रेलवे स्टेशन भी सुनसान नजर आया। पार्क में भी पुलिस ने लोगों को बैठने नहीं दिया वहीं आसपास क्षेत्रों में कहीं भी भीड़ नजर नहीं आई।
किसान अपने खेतों में त्वरित गति से लावणी करते नजर आए। बैंकों में भी सैनिटाइजर रखे हुए थे जहां हाथ साफ करके निश्चित दूरी पर खड़े होकर ही बैंकों में पैसों का लेनदेन करने दिया। बैंकों का समय प्रात: दस से शाम दो बजे तक रखा गया है। यह पहला अवसर है जब किसानों की फसल कटाई का समय चल रहा है वही महामारी का प्रकोप भी चल रहा है। कर्मचारी, अधिकारी भी घरों में ही नजर आए। पुलिस जगह-जगह घूमती एवं लोगों को हिदायत देती नजर आई वहीं सामाजिक कार्यकर्ता भी लोगों को रोग के प्रति जागरूक करते नजर आए।
फोटो कैप्शन 06: कैरम बोर्ड पर समय बिताते दुकानदार।
कनीना पालिका ने कीटनाशी दवा छिड़कवाई
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कनीना। नगर पालिका प्रशासन त्वरित गति से कोरोना से लडऩे के लिए कार्रवाई में जुटा हुआ है। नगर पालिका प्रतिदिन सफाई कर्मियों की मदद से पूरे कस्बे की नियमित सफाई कर रही है वहीं विगत दिनों फागिंग भी करवाई गई थी। बुधवार को कनीना नगरपालिका की ओर से कीटनाशक दवाई छिड़कवाई गई।
जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार एवं लेखाकार शिवचरण शर्मा ने बताया कि 20 लीटर ब्लीचिंग तरल मंगवाया गया है जिसे 500 लीटर में पानी की टंकी में 250 ग्राम डालकर दो ट्रेक्टरों द्वारा रेलवे स्टेशन से अटेली मार्ग तथा विभिन्न स्थानों पर छिड़कवाया है। इस प्रकार 500-500 लीटर की सात टंकिया छिड़कवा दी गई है। उन्होंने कहा कि इससे कीट विशेषकर मक्खी तथा मच्छर उत्पन्न नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि लोगों को मुनादी करवा जागरूक कर रहे हैं। जो दुकानें खोली जा सकती है उनकी जानकारी दे रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस महामारी के समय आप अपना पूरा सहयोग दे, घरों से बाहर न आए तथा हाथों को बार-बार साफ करें। जो ऐतिहात बताई गई हैं उनका पालन जरूर करें।
फोटो कैप्शन 7 व 8: ट्रैक्टर द्वारा कीटनाशी का स्प्रे करते हुए नगर पालिका कर्मचारी।
पुलिस मुस्तैद, लोग हुए जागरूक
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कनीना। जहां पूरा ही देश महामारी से जूझ रहा है वही कोरोनावायरस को हराने के लिए लॉक डाउन चल रहा है। पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से अपनी भूमिका निभा रहा है। पुलिस प्रशासन ने गुरुवार को वाहनों पर आवाजाही पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया तथा आवागमन कर रहे दुपहिया वाहन चालक तथा अन्य से पूर्ण जानकारी लेने के पश्चात आवश्यक होने पर जाने दिया।
एसएचओ इंस्पेक्टर विकास कुमार तथा सीटी इंचार्ज गोविंद सिंह एएसआई तथा पुलिस बल जहां दुकान-दुकान पर जाकर देख रहा था तथा अनावश्यक खड़े हुए लोगों को तितर-बितर कर रहे थे वही आने जानेवाले लोगों को आवश्यक हिदायत भी दे रहे थे।
उल्लेखनीय है कि कनीना कस्बे में लॉक डाउन का यह दूसरा दिन है। पहले दिन जहां दुकानें बंद रही वहीं दूसरे दिन कुछ आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी बंद रही। इस दौरान पुलिस प्रशासन ने अपनी गतिविधियां बढ़ा दी हैं। वहीं किसानों को भी इधर उधर जाने पर पूरी जांच करके जाने दिया जा रहा है। कनीना पुलिस ने यहां तक की साइकिल सवारों को भी रोका और उन्हें अपने घर पर रहने का संदेश दिया।
ज्यादा समय सड़क सुनसान थी। कभी कभी इक्का-दुक्का किसान आदि अपने खेतों में जाते नजर आए। वाहन चालकों को बाइक पर जाते लोगों को वार्निंग भी दी गई और बताया कि उनके हित के लिए यह चेतावनी दी जा रही है। ऐसे में उन्हें मदद करनी चाहिए ताकि देश इस महामारी से निपट सके।
फोटो कैप्शन 9 तथा 10: पुलिस प्रशासन मुस्तैदी से अपनी भूमिका निभाते हुए।
बरती जा रही हैं व्यापक सावधानियां
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कनीना। कनीना कस्बे में जहां फल, सब्जी तथा आवश्यक सेवाओं के स्टोर खुले हैं वहां ग्राहकों को स्पेशल हिदायत दी हुई है दुकानों के आगे बनाए गए घेरे में खड़े हो। जहां पर निश्चित दूरी पर ही ग्राहक खड़े होकर सामान ले सकते हैं। दुकानदारों को भी सख्त हिदायत है कि अपने हाथों में छस्ताने तथा मुंह पर मास्क पहने रखे। बार-बार हाथों को धोकर सब्जी तथा फल की बिक्री करें।
दुकानदार भी सभी नियमों का पालन करते हुए ग्राहकों को घेरे में खड़े होने के आदेश दे रहे थे। जो निर्धारित दूरी पर एक मीटर दूरी पर बनाए गए हैं। यहां तक कि सामान देते वक्त सभी हिदायतों का पालन किया जा रहा थाञ
फोटो कैप्शन 11 एवं 12: घेरों में खड़े होकर सब्जी देते हुए एवं खरीदते हुए।
निलेश ने 11000 रुपये राहत कोष में भेजे
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कनीना। पतंजलि योग समिति महेंद्रगढ़ के जिला प्रभारी नीलेश मुद्गल नेअपने निजी कोष से 11 हजार रुपये कोरोना राहत कोष में भेजे हैं। पहले भी वो समय समय जरूरत पडऩे पर पर इस प्रकार की मदद करते आ रहे हैं।
उन्होंने इस मौके पर कहा कि कोविड-19 एक कोरोनावायरस जनित बीमारी है जिससे लडऩे के लिए हम सभी का फर्ज बनता है। ऐसे में वे भी 11000 रुपये राहत कोष में दे रहे हैं ताकि किसी जरूरतमंद के काम आए। उन्होंने कहा हम सभी मिलकर इस लड़ाई में शामिल हो सकते ताकि अदृश्य दुश्मन से मुकाबला किया जा सके। उल्लेखनीय है कि इससे पहले योग में यूजीसी नेट परीक्षा 2018 में पास करने पर 31000 रुपये की छात्रवृत्ति भी उन्होंने शहीद के परिजनों को के लिए दे दी थी। वहीं लोगों को समय समय पर जागरूक कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन निलेश मुद्गल।
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