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Monday, March 16, 2020

    बार एसोसिएशन कनीना के चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न 
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 कनीना। कनीना बार एसोसिएशन के चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न हुए। इस मौके पर योग और रामकुमार यादव करीरा तथा एपीओ राकेश मानपुरा की देखरेख में सभी चुनाव संपन्न हुए।
बार के सभी अधिवक्ताओं ने सर्वसम्मति से सभी पदाधिकारियों का निर्विरोध चुनाव किया  जिनमें प्रधान पद के लिए राम अवतार कनीनवाल, उपप्रधान सुभाष शर्मा, सह सचिव कुलदीप यादव रामबास, सचिव योगेश कुमार गुप्ता तथा कोषाध्यक्ष मीनाक्षी यादव को चुना गया।
 इस मौके पर आरएस यादव प्रधान ने कहा कि वे बार की सभी समस्याओं का समाधान सभी अधिवक्ताओं की सहमति से करेंगे। उन्होंने एकजुट होकर कार्य करने की अपील की।
 फोटो कैप्शन 7: बार एसोसिएशन कनीना के चुने हुए प्रधान एवं अन्य।



परीक्षाएं चल रही है शांति पूर्वक 

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कनीना। एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने  कनीना खंड के गांव भोजावास, दौंगड़ा अहीर, कनीना के दोनों केंद्र,पोता एवं खेड़ी आदि स्कूलों में चल रही है। बोर्ड की चल रही परीक्षाओं का निरीक्षण किया।  सभी परीक्षाएं शांतिपूर्वक चल रही थी। किसी प्रकार का अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए नहीं पकड़ा गया। उल्लेखनीय है कि विगत दिनों चेयरमैन हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के चेयरमैन फ्लाइंग में कनीना क्षेत्र के 3 स्कूलों को स्थानांतरित कर दिया था तथा जहां बाहृ हस्तक्षेप पाया गया था। तब से विद्यार्थी डर के मारे परीक्षा दे रहे हैं और नकल से बचने का प्रयास कर रहे हैं।

उत्तर पुस्तिकाएं कनीना में ही हो जमा 

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कनीना। कनीना खंड में चल रही भिवानी बोर्ड की परीक्षाओं को नकल रहित बनाने के लिए एसडीएम रणबीर सिंह के निर्देश पर सोमवार को एसडीएम कार्यालय कनीना में 9 परीक्षा नियंत्रकों की बैठक ली गई। जिसमें एसडीएम कार्यालय से अधीक्षक सुरेंद्र व सुनील कुमार भी शामिल रहे।
वहीं परीक्षा केन्द्रों पर कानून व्यवस्था को लेकर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विकास कुमार भी मौके पर ही उपस्थित रहे। बैठक के दौरान एसडीएम रणबीर सिंह ने सभी कर्मचारियों को खंड में हो रही बोर्ड की परीक्षाओं पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के लिए सभी कर्मचारियों को सख्ती से अपनी ड्यूटी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर ड्यूटी देने वाले कर्मचारी सख्त होंगे तो परीक्षाओं में हो रही नकल को आसानी से रोका जा सकता है। वहीं बैठक को संबोधित करते हुए थानाध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि अगर कोई भी कर्मचारी व परीक्षार्थी नकल रोकने में हस्तक्षेप करता पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। वहीं केन्द्र अधीक्षकों की मांगों पर उन्होंने परीक्षा केंद्र के बाहर अतिरिक्त पुलिस लगाने का आश्वासन दिया। बैठक के दौरान परीक्षा नियंत्रकों ने एसएचओ विकास कुमार को बताया कि उन्हें परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जमा करवाने के लिए महेंद्रगढ़ पांच बजे से पहले पहुंचना होता है। लेकिन भारी ट्रैफिक व जाम होने की वजह से उनके सामने विकट समस्या बनी हुई है। उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं को कनीना में ही जमा करवाने का प्रावधान बनाए जाने की मांग की।  
बैठक के बाद सोमवार को परीक्षा केन्द्रों पर काफी सख्ती देखी गई। सोमवार को कक्षा 12वीं का अंग्रेजी विषय का पेपर था। जिसको लेकर अधिकतर केन्द्रों पर विद्यार्थियों के जूते व जुराब निकलवाकर उन्हें परीक्षा के लिए बैठाया गया ताकि विद्यार्थी जूतों व जुराबों में नकल को रखकर कमरे के अन्दर न ले जा सके। सोमवार को कनीना खंड के परीक्षा केन्द्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा सम्पन्न हुई।
फोटो कैप्शन 7: बोर्ड की परीक्षाएं नकल रहित करने को लेकर आयोजित कनीना में एक बैठक।


    कोरोना वायरस से सहमे हुए हैं लोग
- अंडे एवं मांस आदि की बिक्री घटी है 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां  नोवेल कोरोनावायरस को लेकर के चिंतित है। लोग प्राय दिनभर कोरोनावायरस की चर्चाएं छेड़ते रहते हैं। यदि किसी को सामान्य सर्दी जुकाम भी लग जाता है तो उसे शंका की दृष्टि से देखने लग जाते हैं।
 कोरोनावायरस ने जहां विश्व में बुरा प्रभाव डाला है वहीं इसे महामारी घोषित कर दिया है। अब लोग धीरे-धीरे इस रोग के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं। जहां मास का प्रयोग नहीं कर  रहे हैं वही हाथ भी नहीं मिला रहे हैं। अक्सर इस रोग के प्रति जानकारी हासिल करते देखे गए हैं लेकिन इतना होते हुए भी कोई क्षेत्र में व्यापक प्रबंध नहीं किए गए हैं। कोरोना वायरस का नाम लेते ही जहां लोग सचेत हो जाते हैं वहीं स्कूल कालेजों की 31 मार्च तक छुट्टियां घोषित कर रखी है। अब केवल पेपर देने के लिए विद्यार्थी स्कूलों में आ रहे हैं। जहां हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है वही सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी जारी है कक्षा 1 से 8 तक परीक्षाएं 17 मार्च से शुरू हो रही है। ऐसे में विद्यार्थी परीक्षा देने जरूर आ रहे हैं किंतु कोरोनावायरस से उन्होंने जगह-जगह जागरूक किया जा रहा है।
 इस रोग से सावधानी से ही बचा जा सकता है।
कनीना कस्बे के जसवंत सिंह का कहना है कि रोग चाहे कहीं से भी आया हो लेकिन इस वक्त हमें ऐतिहात की जरूरत है। मास्क आदि का प्रयोग करके तथा हाथों को नियमित साफ करके ही हम इस रोग से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस रोग से डरना भी नहीं चाहिए किंतु सचेत जरूर रहना चाहिए। थोड़ी सी असावधानी इस रोग का कारण हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम नमस्ते के स्थान पर हाथ मिलाते आ रहे हैं उस हाथ मिलाने का प्रचलन बंद कर देना चाहिए। उनका कहना है कि रोग से बचने के लिए हर प्रकार की सावधानी जैसे हाथों को धोना नाक को बार बार हाथ न लगाना आदि बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
 सुनील कुमार का कहना है कि स्कूलों और कालेजों को 31 मार्च तक इसलिए बंद कर दिया है कि वे भीड़ वाली स्थान बन जाते हैं। भीड़ में जहां रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस से बचने के लिए जहां अलग-अलग बातें बताई जा रही है वहीं उन्होंने शुद्ध सात्विक भोजन करने, हाथों को नियमित धोने, खांसी जुकाम, बुखार आदि होने पर डॉक्टर की सलाह लेने की बात कही। उनका कहना है कि इस रोग से अब तो दो-दो हाथ करने जरूरी हो गए हैं।
मुकेश नंबरदार का कहना है किस रोग में शुद्ध शाकाहारी भोजन प्रयोग करना चाहिए। उनका कहना है कि माना जा रहा है कि यह रोग मांसाहारी लोगों से शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में पहले ही मांसाहारी लोग कम है। ऐसे में उन्होंने मांस अंडे आदि नहीं प्रयोग करने की सलाह दी। उनका कहना है कि यदि रोग से बचना है तो शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए।
 महेंद्र शर्मा का कहना है कि रोग घातक है किंतु इसका यह अर्थ यह नहीं किसका मुकाबला नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतनी चाहिए। इसी सावधानी बरतने से ही इंसान रोगों से बच सकता है। उन्होंने कहा कि मास्क प्रयोग करनी चाहिए और मास्क एकमात्र रोग से बचने का बेहतर जरिया है। उन्होंने बताया कि आंतों को बेहतरीन हैंडवाश प्रयोग करना चाहिए। शरीर एवं हाथों की नियमित सफाई करनी चाहिए। इस रोग से बचने के लिए हाथ नहीं मिलाने चाहिए। अगर कोई नजर आए तो उससे बचने की सलाह दी।
उधर डॉ वेद प्रकाश का कहना है कि रोग अति घातक है जिसकी कोई विशेष औषधि या नहीं बनी है। इसलिए उन्होंने इस रोग से बचने का तरीका सावधानी बेहतर बताया। उनका कहना है कि सावधानी बरतने से इंसान इस रोग से बच सकता है। नियमित हाथों को धोना, शरीर के अंगों को बार-बार न छूना, सर्दी जुकाम, बुखार, खांसी आदि होते ही डॉक्टर की सलाह लेने की बात कही। मास्क प्रयोग करने पर बल दिया।
फोटो कैप्शन :जसवंत सिंह बबलू, मुकेश नंबरदार, महेंद्र शर्मा, सुनील कुमार तथा डॉ वेदप्रकाश


      बासौड़ा का पर्व मनाया गया

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कनीना। सोमवार को कनीना एवं आस पास गांवों में बासौड़ा का पर्व धूमधाम से मनाया गया। सोमवार को जो परिवार बासौड़ा नहीं मना सकते वे बुधवार को भी यह पर्व मना रहे हैं। चौराहों, माता मंदिर नजदीक मोलडऩाथ मंदिर भारी मात्रा में अन्न जीवों के लिए डालकर पूजा की गई। पूरा परिवार बासी भोजन खाता है। वर्तमान में माता का नया मंदिर निर्मित किया गया है।
  बासी भोजन खाकर रोगों से बचने की परंपरा जो वर्षों से चली आ रही है के तहत कस्बा में बासौड़ा पर्व मनाया गया। रविवार को पकवान एवं भोजन पकाकर रखा था जो सोमवार की सुबह बाबा मोलडऩाथ आश्रम के पास माता मंदिर में अर्पित करके पूरे परिवार ने बासी भोजन किया। यही नहीं अपितु चौराहों पर, धार्मिक स्थानों पर तथा कई अन्य स्थानों पर आज चावल एवं पकवान बिखरे पड़े देखे। कुत्ते, बंदर एवं कौवों ने खाने का लुत्फ उठाया।
  बासौड़ा की पूजा अर्चना स्थलों पर कूड़े से प्लास्टिक आदि बिनने वालों का तांता लगा देखा और वे चढ़ाए जाने वाले कुछ पैसों पर लड़ते झगड़ते देखे गए। उधर जो व्यक्ति इस दिन पर्व नहीं मना पाए उनके लिए बुधवार होता है।  बुधवार को जहां गुडग़ांव वाली मां के नाम पर हर घर से चूरमा चढ़ाया जाएगा। मंगलवार 17 मार्च को चूरमा बनाकर रखा जाएगा।
  महिलाएं शीतला माता के गीत गाते हुए माता स्थल तक पहुंच रही थी। ग्रुप में महिलाएं माता स्थल पर जा रही थी।
फोटो कैप्शन 3: कनीना की शीतला माता पर प्रसाद चढ़ाती महिलाएं।


18 मार्च मेला-
विशाल मेला लग रहा है शीतला माता का
-बाल उतरवाने की प्रथा पूर्ण की जाती है

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कनीना।  कनीना से मात्र छह किमी दूर गांव बव्वा में शीतला माता अपने भक्तों के कष्ट हरने वाली तथा सबकी मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी है। यहां न केवल बाल उतरवाने की रस्म पूरी की जाती है अपितु गठजोड़े की जात भी दी जाती है। बासौड़ा पर्व पर दूर दराज से भक्तजन आकर यहां प्रसाद चढ़ाते और माता के नाम की मिट्टी छांटते हैं। यहां बुधवार 18 मार्च को विशाल मेला लगता है जिसे माता मेला, गुडग़ांव वाली माता मेला नाम से जाना जाता है। यह मेला आगामी तीन सप्ताह पडऩे वाले बुधवारों को लगेगा।
   यूं तो प्रमुख रूप से चार शीतला माताएं प्रसिद्ध मानी गई हैं जिनमें से प्रथम गुडग़ांव स्थित शीतला माता तत्पश्चात महेंद्रगढ़ व घड़ी महासर व अंतिम बव्वा की माता हैं। बव्वा की माता तो आस पास के करीब 60 गांवों में माता की मान्यता है और गहन आस्था है। इस गांव से चाहे कोई कितनी ही दूर क्यों न बैठा हो किंतु इस बासौड़ा पर्व पर यहां आकर जरूर धोक लगाता है। वैसे तो प्रत्येक बुधवार को यहां तांता लगा रहता है किंतु होली के बाद आने वाले पहले बुधवार को सबसे अधिक भीड़ लगती है जिसे बासोड़ा मेला नाम से जाना जाता है। इसके बाद दूसरे बुधवार को कम तथा तीसरे बुधवार को और भी कम भीड़ मिलती है।
      सुरेंद्र कुमार्र, सीटू, सुदेश यदव ने बताया कि जब से गांव बसा है तभी से यहां की माता की पूजा अर्चना की जाती रही है। प्रारंभ में यहां माता का भव्य मंदिर नहीं था महज एक जाट या खेजड़ी या शमी के पेड़ के नीचे मंढी बनी हुई थी जहां माता की पूजा होती थी। इस मंढ़ी के सामने ही दूसरी मंढ़ी थी जिसे शीतला माता नाम से पुकारते थे। अब इन दोनों माताओं  बुध माता एवं शीतला माता का एक भव्य मंदिर है जो दूर से ही भक्तों को आकर्षित करता है। मंदिर के पास ही एक जोहड़ है जहां से भक्तजन मिट्टी छांटकर माता की जय के नारे लगाते हैं।
   भव्य मंदिर करीब आठ वर्षों पहले माता भवन निर्माण समिति के तत्वावधान में करवाया गया है। इस भव्य मंदिर में माता की मूर्ति विराजमान है जहां लोग बासौड़ा पर्व पर आकर तीयल, नारियल एवं प्रसाद चढ़ाते हैं बच्चा जन्म लेता है उसके बाल उतरवाने का भी रिवाज चला आ रहा है। बासौड़ा पर्व पर भक्तजन अपने बच्चे के बाल उतरवाने यहां आते हैं और बाल उतरवाने की परंपरा पूर्ण करते हैं। नव विवाहित वर-वधु भी यहां आकर गठजोड़े की जात देते हैं अर्थात नव विवाहित वर एवं वधू माता के यहां आकर आशीर्वाद पाते हैं। वर्षों से यह प्रथा चली आ रही है।
    गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि चेचक रोग में माता शीतला के यहां पूजा अर्चना करने से चेचक रोग से राहत मिलती है और बासी भोजन खाया जाता है। गांव के राजीव सुलतानिया का कहना है कि क्षेत्र का यह सबसे बड़ी भीड़ वाला मेला होता है।
फोटो कैप्शन 4: गांव बव्वा का शीतला मंदिर जहां मेला लगने जा रहा है।
             5: मंदिर का भव्य द्वार।


17 सालों से अहम भूमिका निभा रही है कनीना गौशाला 

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 कनीना। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला वर्ष 2003 से क्षेत्र में है भूमिका निभा रही है। गायों की सेवा हो रही है वहीं गायों का दूध लोगों के रोगों को दूर करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
श्रीकृष्ण गौशाला कनीना वासियों के सहयोग से स्थापित हुई थी जो 2003 की रजिस्टर्ड है( यहां करीब दो हजार गाय जिनमें से 27 गाय दुधारू है। गाए दिन-रात गौशाला में रहकर खुश हैं।
 विस्तृत जानकारी देते हुए हुकुम सिंह प्रधान गोशाला कनीना ने बताया कि कनीना गौशाला में 27 गाय दुधारू है। प्रतिदिन 70 लीटर दूध दे रही है जो 40 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक जाता है।
गाय के दूध की भारी मांग है। दूर दराज के लोग दूध ले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 15 आदमी गायों की सेवा कर रहे हैं। 5 ट्रैक्टर ट्रॉली गायों की के लिए अन्न एवं चारा लाकर उनकी सेवा में लगी हुई हैं।
 कनीना गोशाला में देवराज महाशय,जगमाल सिंह, हुकुम सिंह, डा मेहरचंद, यादवेंद्र यादव, मनफूल सिंह, हुकुम सिंह आदि कनीना गौााला के प्रधान रह चुके हैं। गौशाला बड़ी बेणी नामक स्थान पर स्थापित है। जहां के लिए गौशाला द्वार बनाया गया है वहीं गायों को रखने के लिए धूप एवं छाया तथा हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। गौशाला प्रतिवर्ष अपना वार्षिक उत्सव मनाती है तथा लोगों में देसी गाय पालने की प्रवृत्ति को पैदा कर रही है। गौ सेवा में गौशाला में सेवारत होशियार सिंह ने बताया कि वह गायों की सेवा करके बहुत प्रसन्न हैं। जहां गाय के गोबर से खाद बनाया जा रहा है वहीं गोबर गैस प्लांट भी लगाया गया है। कनीना के समाजसेवी भगत सिंह ने समय समय पर दान दक्षिणा देकर इसमें सहयोग किया हुआ है।  देसी गाय का दूध, घी, मक्खन आदि की भारी मांग है। यही कारण है एक बार फिर से गायों की सेवा करने में लोग जुट गए हैं। पुराने समय में गाय को माता का दर्जा देते थे वैसे ही गायों के प्रति एक बार फिर से रोगों से बचने के लिए उनकी सेवा की प्रवृत्ति बढ़ी है।
फोटो कैप्शन 1: कनीना गौशाला का एक नजारा साथ में गौशाला के गेट की फोटो।


ट्रेनों के स्थायी ठहराव के लिए सौंपा ज्ञापन

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कनीना। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में रविवार को आए ओमप्रकाश एडीओ मंत्री, विधायक सीताराम यादव तथा सांसद चौधरी धर्मवीर को कनीना खास रेल स्टेशन पर विभिन्न ट्रेनों के स्थायी ठहराव के लिए एक ज्ञापन सौंपा।
 ज्ञापन में विभिन्न पंचायतों के हस्ताक्षर, सरपंच, नगरपालिका सदस्यों आदि के हस्ताक्षर सहित संघर्ष समिति कनीना, व्यापार मंडल कनीना के प्रधान, पार्षद नगर पालिका कनीना एवं क्षेत्रवासियों ने यह ज्ञापन सौंपा।
 ज्ञापन में कहा गया है कि लंबे समय से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर सभी ट्रेनों के ठहराव की मांग चली आ रही है किंतु बार बार निवेदन करने के बाद भी ठहराव नहीं करती। उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि नवरात्रों के घड़ी गांव के मेले के दृष्टिगत दो ट्रेनों का आवागमन का अस्थायी ठहराव किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी ट्रेनों का स्थायी ठहराव किया जाए ताकि क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से चली आ रही है।
 उन्होंने सभी ट्रेनों के ठहराव की मांग की ताकि पुरानी मांग पूरी हो सके वहीं पर लोगों को राहत मिल सके। ज्ञापन सुमेर सिंह चेयरमैन, कंवरसेन वशिष्ठ, सतपाल साहब तथा विभिन्न गणमान्य लोगों जिनमें राजेंद्र सिंह लोढ़ा पूर्व प्रधान, दिलीप सिंह पूर्व प्रधान पालिका आदि ने ज्ञापन सौंपा। सांसद ने ज्ञापन लेकर ट्रेनों के ठहराव के स्थायी ठहराव का आश्वासन दिया।
 फोटो कैप्शन 2: मंत्री तथा सांसद को ट्रेनों के ठहराव के लिए ज्ञापन सौंपते एवं मांगपत्र सौंपते कनीना वासी।

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