पांच मार्च से कनीना में लग रहा है शक्कर मेला
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कनीना। महेंद्रगढ़ एवं रेवाड़ी की सीमा पर बसी कान्हा की नगरी कनीना में पांच मार्च से मेला लगने जा रहा है जिसे शक्कर मेला नाम से जाना जाता है। सामान्य बस स्टैंड के पास बाबा मोलडऩाथ आश्रम स्थित जहां प्रत्येक वर्ष फाल्गुन शुक्ल एकादशी को उनकी स्मृति में मेला लगता है। इस मेले में प्रदेशभर से श्रद्धालु आते हैं। शक्कर का प्रसाद चढ़ाया जाता है इसलिए यह मेला शक्कर मेला नाम से भी प्रसिद्ध है।
बाबा मोलडऩाथ बाल साधु एवं तपस्वी थे। बाबा को अपनी आंखों से देखने वाले अनेकों व्यक्ति जीवित हैं। प्रत्यक्षदर्शियों अनुसार जहां आज मन्दिर है वहां कभी विशालकाय जाल का वृक्ष था और पास में विशाल जंगल था। तपस्वी ने विशाल जाल के नीचे ही अपना निवास एवं तप स्थल बनाया। जब से उन्होंने यहां पदार्पण किया तभी से किसी प्रकार के रोग तथा आपदायें नहीं आई।
बताया जाता है कि हैजे के रोग तथा ओलावृष्टि को भगाने की शक्ति थी। यही कारण है कि आज की भी ये रोग फैलने की आशंका होती है तो उन्हीं का नाम श्रद्धा से लिया जाता है। बाबा उस वक्त विचरने वाले गीदड़ों तथा मोरों को चुग्गा देतेे थे। विक्रमी सवंत 2006 में बाबा ने ठण्डे पानी की समाधि लगायी। कई घण्टे पानी में रहने के कारण उन्हें ठंड लग गई और वे अस्वस्थ रहने लगे। फाल्गुन एकादशी को उन्होंने चोला त्याग दिया। चोला त्यागने से पूर्व उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि जिस भी अवस्था में प्राण त्यागे जाये उसी अवस्था में दफनाना। पूरे कस्बा में बाबा की झांकियां निकाली और मन्दिर स्थल पर दफनाया गया। तभी से उन्हीं की याद में प्रत्येक वर्ष फाल्गुन एकादशी को विशाल मेला लगाता है। बाबा मोलडऩाथ जिन्हें बालकनाथ नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने मांदी, कांवी भोजावास, रोड़वाल, मानसरोवर, नीमराणा आदि स्थानों पर भी तप किया किंतु उनका प्रमुख स्थल कनीना में ही है।
कौन कौन से कार्यक्रम आयोजित होंगे--
मेले की पूर्व रात्रि पांच मार्च को मोलडऩाथ मैदान कनीना में जागरण आयोजित किया जा रहा है जिसमें जींद से रामधन गोस्वामी, झांसी से सुभाष फौजी, भिवानी से रजनी जांगड़ा, हांसी से प्रहलाद फागण बाबा के गुणगान करेंगे। छह मार्च को सुबह ऊंट एवं देशी घोडिय़ों की दौड़ आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऊंटों की दौड़ में प्रथम पुरस्कार 45 हजार का दिया जाएगा,दूसरा पुरस्कार 35 हजार तथा तीसरा पुरस्कार 21 हजार का दिया जाएगा वहीं देसी घोडिय़ों की दौड़ में प्रथम पुरस्कार 45 हजार का होगा दूसरा पुरस्कार 35 हजार तो तीसरा 21 हजार का होगा। 31 हजार तक का दंगल आयोजित होगा वही रस्साकशी में 5100 रुपये का इनाम प्रथम तथा 3100 का दूसरा ईनाम दिया जाएगा। घोड़ी चाल में प्रथम पुरस्कार 15 हजार तो दूसरा पुरस्कार दस हजार का होगा वहीं तीसरा इनाम भी दिया जाएगा। घोड़ों की दौड़ में प्रथम पुरस्कार 11 हजार, दूसरा पुरस्कार 8100 रुपये तथा तीसरा पुरस्कार 5100 रुपये का होगा। वहीं मेले के तीसरे दिन दूरदराज से आए हुए संतों को प्रसाद वितरित करके विदा किया जाता है।
फोटो कैप्शन एक : बाबा मोलडऩाथ आश्रम
युवक की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत
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कनीना। कनीना में शादी से कन्यादान करके वापस घर लौट रहे व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार धर्मपाल निवासी छितरोली जो धनौन्दा में टेंट आदि का कार्य करता था सोमवार की शाम कनीना में संपन्न हुई एक शादी में से अपने घर वापस लौट रहा था कि जब वह अटेली मोड़ से थोड़ा आगे एक निजी तेल मिल के सामने पहुंचा तो आगे से आ रहे हाइवा ट्रक ने उसे टक्कर मार दी जिसके कारण उसकी दर्दनाक मौत हो गई। वही प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी सुचना तुरन्त प्रभाव से कनीना पुलिस को देकर मामले से अवगत कराया जहां पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मौके का मुआयना किया तथा शव को अपने कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई आरंभ कर दी है। वही मंगलवार को पुलिस ने मृतक धर्मपाल का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया है। वही पुलिस ने मृतक के भाई के बयान पर मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। समूचे गांव में शोक की लहर है।
कनीना-चंडीगढ बस सेवा बहाल करने की गुहार, लोगों को हो रही है भारी समस्या
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कनीना। कनीना से चंड़ीगढ़ चलने वाली बस पिछले चार दिन से बंद हो जाने के कारण क्षेत्र के लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिन पहले स्थानीय विधायक व कनीना एसडीएम के अथक प्रयासों से यह बस चली थी जिसके बाद क्षेत्र के लोगों विधायक व उपमंडल अधिकारी का धन्यवाद भी किया था लेकिन कुछ दिन बाद ही कनीना से चंडीगढ जाने वाली गाड़ी बंद हो जाने के कारण प्रतिदिन इस रूट पर चलने वाले यात्रियों को दिक्कत उठानी पड़ रही है जिसके कारण सवारियों में प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है।
चंडीगढ़ जाने वाले यात्री रतन सिंह, अनिल यादव बालरोडिय़ा, अजीत सिंह, पूर्व पंच सुनील कुमार, घनश्याम सिंह, बीर सिंह, यशपाल सिंह के अलावा अन्य सवारियों ने बताया कि उन्हें महीने में चार दिन के लिए कनीना से चंडीगढ़ जाना पड़ता है और इस बस चलने से हमें काफी फायदा हुआ था लेकिन अब कुछ दिन से बस नहीं चलने के कारण उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वही उक्त समस्या के बारे में जब जीएम नारनौल प्रदीप अहलावत से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि उक्त बस को जल्दी ही पुन: चालू कर दिया जाएगा।
श्याम बाबा की पदयात्रा चार मार्च को को
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कनीना। श्रीश्याम मित्र मंडल (रजिस्टर्ड) कनीना मंडी द्वारा जहां 29 फरवरी को छठा विशाल जागरण आयोजित करवाया था वहीं अब चार मार्च को पदयात्रा जैतपुर तक चलेगी।
विस्तृत जानकारी देते हुए श्रीश्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग ने बताया कि 29 फरवरी को कनीना मंडी में विशाल जागरण आयोजित किया गया था वहीं अब चार मार्च को श्याम मंदिर कनीना से जैतपुर धाम तक की पदयात्रा रवाना होगी वहीं दूसरी पदयात्रा छह मार्च को कनीना मंडी के राधाकृष्ण मंदिर से श्रीश्याम मंदिर कनीना तक पहुंचेगी।
जैतपुर धाम-कनीना से करीब 22 किमी दूर जैतपुर का खाटू श्याम मंदिर स्थित है जहां छह मार्च को बड़ा मेला लगने जा रहा है। इस मेले में भक्त निशान लेकर पहुंचते हैं और बाबा को अर्पित करते हैं। हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त जैतपुर जाते हैं। जो भक्त खाटू धाम राजस्थान नहीं पहुंच पाते हैं वे जैतपुर धाम जाते हैं। कनीना से भोजावास, रातांकलां, प्रतापुर होते हुए हुडिय़ा जैतपुर जाते हैं और मन की मुरादें पाते हैं।
प्रसिद्ध है जैतपुर का श्याम मंदिर
-श्याम बाबा के मेले में छह मार्च को अपार भीड़ उमड़ेगी
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कनीना। जो भक्त करीब 200 किमी दूर राजस्थान में खाटू श्याम धाम पर नहीं जा सकते हैं उनके लिए जैतपुर का धाम विख्यात है। हुडिय़ा-जैतपुर यहां से 22 किमी दूर राजस्थान में स्थित है जहां पदयात्री निशान लेकर जा रहे हैं। प्रति वर्ष यहां पर कई हजार निशान अर्पित किए जाते हैं और खाटू श्याम भक्त पैदल चलकर जाते हैं। कनीना, अटेली, नारनौल तथा महेंद्रगढ़ के अलावा आस पास के भक्त जो एक ही दिन में अपना निशान खाटू को अर्पित करना चाहते हैं और अधिक दूर चलने में असमर्थ हैं उनके लिए यह खाटू श्याम मंदिर जाना जाता है।
जैतपुर में छह मार्च को खाटू श्याम मेला लगने जा रहा है जिसमें अपार भीड़ जुटेगी। कलकत्ता तथा अलवर के शृंगारकर्ता प्रतिदिन ताजा फूलों से बाबा का शृंगार करते हैं। करीब 300 वर्ष पुराने इस श्याम मंदिर का वर्तमान में जीर्णोंद्धार करवाया गया है।
भक्त अपने घर से खाटू श्याम का निशान लेकर पदयात्रा करता हुआ कनीना से भोजावास तथा राताकलां से जैतपुर पहुंचता है। अपने निशान को बाबा पर अर्पित करके संतुष्ट हो जाता है। भक्तों ने बताया कि इस धाम तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। फाल्गुन एकादशी को यहां विशाल मेला लगता है जिसमें भक्त यहां आकर मन्नत मांगते हैं। माना जाता है कि उनकी मन्नतें पूर्ण हो जाती हैं।
कनीना व आस पास के भक्त जैतपुर जाएंगे। 22 किमी के इस सफर में वे मोहनपुर, भोजावास, रातां से होकर प्रतापुर एवं जैतपुर पहुंचते हैं। इस पदयात्रा में उनके साथ जल एवं खाने पीने का सामान वाहन में साथ साथ चलता है। डीजे पर थिरकते पैर एवं रंग गुलाल में भीगे भक्त खुशी खुशी जैतपुर के लिए रवाना हो रहे हैं। भारी संख्या में भक्त आपने साथ अमर ज्योति लेकर जा रहे हैं। यह ज्योति भी जैतपुर धाम पर अर्पित की जा रही है।
फोटो कैप्शन 2: खाटू श्याम जैतपुर का एक दृश्य।
कनीना क्षेत्र में चल रही है परीक्षाएं शांतिपूर्वक
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कनीना। कनीना क्षेत्र में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए 12 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जिनमें सभी में परीक्षा शांतिपूर्वक चल रही हैं। एसडीएम कनीना, खंड शिक्षा अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों ने अलग अलग समय पर विभिन्न परीक्षा केंद्रों का औचक दौरा किया और सभी जगह शांतिपूर्ण चलती पाई गई। इस बार स्कूलों के बाहर मेले नहीं लग रहे हैं और ग्राम पंचायतें नकल रोकने में पूरा सहयोग कर रही हैं।
कनीना क्षेत्र में जहां सीबीएसई के दो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जीएल और एसडी स्कूलों में सीबीएसई की परीक्षाएं चल रही हैं वहीं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 3 मार्च से बारहवीं की परीक्षा शुरू हो गई है। पहला पेपर हिंदी का चला वहीं दसवीं की परीक्षा चार मार्च से शुरू हो रही हैं जहां उनका पहला पेपर सामाजिक विज्ञान का होगा।
कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 12वीं की परीक्षा हिंदी विषय की शांतिपूर्वक चली। केंद्र अधीक्षक ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर 214 परीक्षार्थियों परीक्षा दे रहे जहां कुल 217 परीक्षार्थी थे जिनमें से 3 अनुपस्थित रहे।
वहीं राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी के केंद्र अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि यहां 108 परीक्षार्थियों ने हिंदी की बारहवीं की परीक्षा दी है और सभी परीक्षार्थी उपस्थित रहे। उधर 4 मार्च को दसवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान का परीक्षा परीक्षा होगी। दसवीं में 129 विद्यार्थी परीक्षा देंगे। वहीं कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 215 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।
परीक्षा केंद्रों पर नकल की प्रवृत्ति नहीं देखने को मिली। जिसको लेकर के लगता है कि अब उन नकल की प्रवृत्ति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। परीक्षा केंद्रों पर व्यापक पुलिस का प्रबंध किया गया है वहीं ग्राम पंचायतें भी सहयोग कर रही हैं।
क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी -
खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम यादव ने बताया कि कनीना खंड में दसवीं के 12 परीक्षा केंद्र है जबकि 12वीं कक्षा के लिए 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। बारहवीं कक्षा के लिए सभी परीक्षा केंद्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में बनाए गए हैं जबकि दसवीं कक्षा के परीक्षा केंद्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त सेहलंग एवं बाघोत में राजकीय उच्च विद्यालयों में भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी नसीब सिंह के आदेशानुसार जहां परीक्षा केंद्रों पर केंद्र अधीक्षक गेस्ट शिक्षक नियुक्त किए गए थे उनको कार्यभार मुक्त करके रेगुलर शिक्षक को केंद्र अधीक्षक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बेवल, भोजावास और पोता परीक्षा केंद्रों पर अतिथि शिक्षक केंद्र अधीक्षक नियुक्त हो गए थे जिन्हें कार्यभार मुक्त कर दिया गया है तथा रेगुलर शिक्षकों को केंद्र अधीक्षक बना दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उन्होंने बेवल,भोजावास तथा पोता परीक्षा केंद्रों का दौरा किया जहां परीक्षाएं शांतिपूर्वक चल रही थी।
एसडीएम कनीना ने भी किया दौरा -
एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने भी परीक्षा केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने भोजवास तथा बवानिया दो परीक्षा केंद्रों का दौरा किया जहां परीक्षाएं शांतिपूर्वक चलती पाई गई। कहीं भी किसी परीक्षा केंद्रों पर अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए नहीं पाया गया वहीं केंद्र के बाहर मेले और भीड़ देखने को नहीं मिली। इस बार परीक्षाएं शांतिपूर्वक चल रही हैं।
फोटो कैप्शन 5: एसडीएम कनीना रणवीर सिंह परीक्षा केंद्र बवानिया का दौरा करते हुए।
ओलावृष्टि से हुई फसल को हुआ नुकसान,
ज्ञापन देने का सिलसिला जारी
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कनीना। विगत दिनों ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान को लेकर किसान परेशान हैं और एक के बाद एक ज्ञापन देने का सिलसिला जारी है। सोमवार को जहां चेलावास के दर्जनों किसानों ने एसडीएम कनीना रणबीर सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम ज्ञापन सौंपा था वहीं मंगलवार को मानपुरा के लोगों ने एक ज्ञापन एसडीएम कनीना के मार्फत सरकार को भेजकर स्पेशल गिरदावरी करवाकर नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। कर ओलावृष्टि से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की है।
मानपुरा के किसानों ने एसडीएम रणबीर सिंह कनीना के माध्यम से दिए गए ज्ञापन में बताया कि गत दिनों बारिश एवं ओलावृष्टि से किसान की खड़ी फसल 80 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई है जिससे किसान की आशा पर पानी फिर गया है और किसान एक बार फिर भूखे मरने की कगार पर पहुंच गया है। इस लिए मुख्यमंत्री से मांग कर कनीना उपमंडल में ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए गिरदावरी कराने की गुहार लगाई है। एसडीएम कनीना ने ज्ञापन लेकर अविलंब कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
फोटो कैप्शन 6: मुआवजे की मांग के लिए मानपुरा के किसान एसडीएम कनीना को ज्ञापन देते।
भीष्मदास मेला 10 मार्च को
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव भडफ़ में 10 मार्च को बाबा भीष्म का मेला लगने जा रहा है जिसमें खेलकूद, भंडारा आयोजित होंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए सरपंच महेंद्र यादव ने बताया कि 8 मार्च को वालीबाल शूटिंग का आयोजन किया गया है। जिसमें 5100 रुपये का इनाम दिया जाएगा वही 9 मार्च को रात्रि भजन कीर्तन आयोजित होंगे। 10 मार्च को भंडारा एवं खेलों का आयोजन होगा।
उन्होंने बताया कि मेले में ढफ प्रतियोगिता आयोजित की गई है जिसमें प्रथम इनाम 2100 रुपये का है। 10 मार्च को दुलेंडी के दिन कबड्डी 21000 रुपये की, रस्साकशी 5100 रुपये, लंबी कूद तथा ऊंची कूद 2100 रुपये, बूढ़ों की दौड़ 1100 रुपये की होगी।
खंड कृषि अधिकारी का हुआ तबादला
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कनीना। कनीना खंड कृषि अधिकारी सज्जन सिंह धनखड़ का तबादला महेंद्रगढ़ हो गया है वहीं उनके स्थान पर अब गजानंद शर्मा ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
सर्वे एवं मुआवजे का अब रहेगा इंतजार
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कनीना। कनीना क्षेत्र में गत दिनों हुई ओलावृष्टि के बाद अब किसान अपने अपनी फसल की गिरदावरी एवं मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक बीमित किसानों द्वारा टाइप-1 के फार्म कृषि कार्यालय महेंद्रगढ़ में जमा करवा दिए गए हैं। तत्पश्चात सर्वे के लिए कंपनी तथा कृषि अधिकारी खेत खेत में जाकर सर्वे करेंगे और फिर टाइप-3 द्वारा किसानों की मुआवजा राशि मिलने की संभावना बनेगी किंतु अभी तक टाइप-एक के तहत ही कार्रवाई चल रही है।
जिन किसानों की फसल का बीमा नहीं था उनकी फसल का मुआवजा सरकार के रहनुमाई पर निर्भर करता है। सरकार चाहे तो सर्वे एवं मुआवजा त्वरित गति से कर सकती है। ऐसे में सर्वे किए जाने का बेसब्री से इंतजार है।
गजराज सिंह, अजय कुमार एवं कांता किसानों ने बताया की फसल में ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचाया है परंतु उनका कहना है कि 2018-19 की 4 एकड़ जमीन की मुआवजा राशि भी अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि उन्होंने चार एकड़ फसल का बीमा करवाया था जिसमें पानी खड़ा होने से फसल बर्बाद हो गई थी। सर्वे भी हो चुकी है किंतु अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिली है।
जहां ओलावृष्टि का कनीना खंड कृृषि अधिकारी कार्यालय के तहत आने वाले 60 गांवों में थोड़ा अधिक जरूर हुआ है। अभी तक अगेती फसल उगाने वाले किसान अधिक परेशान है क्योंकि अगैती फसल उगाने वाले किसानों की गेहूं की फसल ने बाल निकाल रखी थी और पकान की ओर जा रही थी जिसमें अधिक नुकसान हुआ है। वैसे ही सरसों की अगैती फसल को भी अधिक नुकसान हुआ है जबकि पछेती फसल में अभी तक पकान नहीं हुआ था। ऐसे में अलग अलग मात्रा में नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। कुछ जगह 60 प्रतिशत से भी अधिक नुकसान होना बताया जा रहा है तो कहीं कुछ कम भी आंका जा रहा है।
महावीर सिंह किसान करीरा ने बताया कि उनकी बेर की फसल भी अंधड़ व बारिश ने नष्ट कर दी है। अभी किसान कंपनी तथा कृषि अधिकारियों द्वारा उनकी फसल में हुए नुकसान के सर्वे का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि निकट भविष्य में जल्द ही उनकी फसल में हुए नुकसान का सर्वे किया जाएगा तत्पश्चात सरकार को नुकसान के बारे में अवगत कराने के पश्चात ही उन्हें मुआवजा राशि मिलने के आसार बनेंगे।
होलिका दहन की चल रही हैं तैयारियां
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कनीना। कनीना में होलिका दहन की कार्रवाई में तेजी आ गई है। तेजी से होलिका दहन स्थल पर र्इंधन डाला जा रहा है। होली खेलने के दिन अब लद गए हैं। महज र्इंधन डालकर होलिका दहन करने की औपचारिकता भर रह गई हैं। होलीवाला जोहड़ पर एक माह पूर्व से ही र्इंधन डालने का सिलसिला शुरू हो जाता है। और 9 मार्च को इस बार होली का दहन होने जा रहा है जिसको लेकर के सभी तैयारियां जारी हैं।
कनीना में दो स्थानों पर होलिका दहन होता है वहीं कनीना मंडी में भी होलिका दहन किया जाता है। कस्बे में होलीवाला जोहड़ नजदीक करीरा रोड पर ये औपचारिकताएं पूर्ण की जाती है।
होली दहन के बारे में कनीना के बुजुर्ग मेहर चंद तथा हेड मास्टर करतार सिंह बताते हैं कि उनके बुजुर्गों के समय से यहां होलिका दहन होता आ रहा है। अब तो इस होलिका दहन स्थल पर मेला भी लगने लगा है।
फोटो कैप्शन 4: होली का दहन स्थल पर ईंधन डालने की कार्रवाई।
दुलेंडी पर लगेगा मेला, संत स्वयं खेलेंगे होली
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कनीना। बाबा उधोदास मंदिर पर होली मेला लगने जा रहा है। होलिका दहन नौ मार्च को होली के अवसर पर जागरण होगा तथा दुलेंडी 10 मार्च को बाबा उधोदास की याद में वर्षों से विशाल मेला लगने जा रहा है। भक्तों की अपार भीड़ यहां जमा होती है वहीं संत लालदास स्वयं भक्तों के संग होली खेलते हैं।
कनीना से नौ किमी दूर ग्राम जैनाबाद में बाबा उधोदास का भव्य मंदिर स्थित है। इसी मंदिर के सामने बाबा की समाधि तथा बाबा के बाद में आए उनके शिष्यों की समाधियों वाला मंदिर है। इन समाधियों में सबसे पहले बाबा उधोदास की समाधि है। इस समाधि के ऊपर की ओर झांक कर देखे तो सैकड़ों वर्ष पुरानी पेंट व ब्रुश से की हुई कलाकारी दिखाई पड़ती है जो आज भी अपनी आब नहीं खो पाई है। यह वही स्थान है जहां अनवरत पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहता है तथा दीप जलते रहते हैं।
होली के दिन भजन-कीर्तन के समय यहां भारी भीड़ जुटती है। प्रत्येक पूर्णिमा के दिन यहां का नजारा देखने लायक होता है जब प्रवचन, भजन एवं कीर्तन का आगाज किया जाता है किंतु रंगों के त्योहार होली की रात को यहां विशेष जागरण चलता है तथा दिन के समय ढोल एवं नगाड़ों के बीच होली जमकर खेली जाती है। महंत लालदास के साथ होली खेलते भक्तों को देखा जा सकता है। यहां पर हरियाणा ही नहीं अपितु दूसरे राज्यों के भक्तजन भी आकर मन्नतें मांगते हैं। माना जाता है कि उनकी मन्नत पूर्ण हो जाती है जिसके चलते वे दंपति यहां गठ जोड़े की जात देने आते हैं। गांव जैनाबाद के पास से कंशावती नदी बहती थी। इसी नदी के किनारे पर उधोदास का जन्म हुआ। उधोदास धुन के पक्के और मन के सच्चे थे। उनके गुरू का नाम दाताराम था। उधोदास ने कंशावती नदी के किनारे एक वृक्ष के नीचे तप और ध्यान लगाते हुए दुखियों के दर्द को मिटाया।
बाबा उधोदास की समाधि बनी हुई है जहां अनवरत दीपक जलता रहता है। ढफ और नगाड़ों के बीच हर्षोल्लास के साथ महंत लालदास जी धुलेंडी खेलते हैं। बाबा लालदास ने गायों के लिए बाबा के नाम पर एक गौशाला बनवाई हुई है। संत लालदास की देखरेख में गांव ही नहीं अपितु मंदिर को चार चांद लग चुके हैं।
फोटो कैप्शन 4: जैनाबाद का उधोदास आश्रम।
पौधरोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण संदेश
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कनीना। उपमंडल के गांव कोटिया में सोमवार को समाज सेवी संगठन बृजेश्वर मंदिर कमेटी द्वारा पौधा रोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके तहत समाज सेवी संगठन के सदस्यों द्वारा मंदिर के आस पास, खेल मैदान के बाहर सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर छायादार करीब 100 पौधे लगाए। इस दौरान सभी ने पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी भी ली।
इस अवसर पर नवीन कुमार ने कहा कि अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। इससे पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा तथा प्रदूषण की समस्या से भी बचा जा सकेगा। पेड़ पौधे जीवन का आधार होते हैं। इनकी देखरेख सभी की जिम्मेदारी बनती है। इस अवसर पर संगठन के कार्यकर्ता ओम प्रकाश, नवीन कुमार, प्रदीप कुमार इंद्रजीत ओमपाल सहित संगठन के अन्य सदस्य मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 8: कोटिया में पौधारोपण करते हुए।
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कनीना। महेंद्रगढ़ एवं रेवाड़ी की सीमा पर बसी कान्हा की नगरी कनीना में पांच मार्च से मेला लगने जा रहा है जिसे शक्कर मेला नाम से जाना जाता है। सामान्य बस स्टैंड के पास बाबा मोलडऩाथ आश्रम स्थित जहां प्रत्येक वर्ष फाल्गुन शुक्ल एकादशी को उनकी स्मृति में मेला लगता है। इस मेले में प्रदेशभर से श्रद्धालु आते हैं। शक्कर का प्रसाद चढ़ाया जाता है इसलिए यह मेला शक्कर मेला नाम से भी प्रसिद्ध है।
बाबा मोलडऩाथ बाल साधु एवं तपस्वी थे। बाबा को अपनी आंखों से देखने वाले अनेकों व्यक्ति जीवित हैं। प्रत्यक्षदर्शियों अनुसार जहां आज मन्दिर है वहां कभी विशालकाय जाल का वृक्ष था और पास में विशाल जंगल था। तपस्वी ने विशाल जाल के नीचे ही अपना निवास एवं तप स्थल बनाया। जब से उन्होंने यहां पदार्पण किया तभी से किसी प्रकार के रोग तथा आपदायें नहीं आई।
बताया जाता है कि हैजे के रोग तथा ओलावृष्टि को भगाने की शक्ति थी। यही कारण है कि आज की भी ये रोग फैलने की आशंका होती है तो उन्हीं का नाम श्रद्धा से लिया जाता है। बाबा उस वक्त विचरने वाले गीदड़ों तथा मोरों को चुग्गा देतेे थे। विक्रमी सवंत 2006 में बाबा ने ठण्डे पानी की समाधि लगायी। कई घण्टे पानी में रहने के कारण उन्हें ठंड लग गई और वे अस्वस्थ रहने लगे। फाल्गुन एकादशी को उन्होंने चोला त्याग दिया। चोला त्यागने से पूर्व उन्होंने इच्छा जाहिर की थी कि जिस भी अवस्था में प्राण त्यागे जाये उसी अवस्था में दफनाना। पूरे कस्बा में बाबा की झांकियां निकाली और मन्दिर स्थल पर दफनाया गया। तभी से उन्हीं की याद में प्रत्येक वर्ष फाल्गुन एकादशी को विशाल मेला लगाता है। बाबा मोलडऩाथ जिन्हें बालकनाथ नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने मांदी, कांवी भोजावास, रोड़वाल, मानसरोवर, नीमराणा आदि स्थानों पर भी तप किया किंतु उनका प्रमुख स्थल कनीना में ही है।
कौन कौन से कार्यक्रम आयोजित होंगे--
मेले की पूर्व रात्रि पांच मार्च को मोलडऩाथ मैदान कनीना में जागरण आयोजित किया जा रहा है जिसमें जींद से रामधन गोस्वामी, झांसी से सुभाष फौजी, भिवानी से रजनी जांगड़ा, हांसी से प्रहलाद फागण बाबा के गुणगान करेंगे। छह मार्च को सुबह ऊंट एवं देशी घोडिय़ों की दौड़ आयोजित की जाएगी। उन्होंने बताया कि ऊंटों की दौड़ में प्रथम पुरस्कार 45 हजार का दिया जाएगा,दूसरा पुरस्कार 35 हजार तथा तीसरा पुरस्कार 21 हजार का दिया जाएगा वहीं देसी घोडिय़ों की दौड़ में प्रथम पुरस्कार 45 हजार का होगा दूसरा पुरस्कार 35 हजार तो तीसरा 21 हजार का होगा। 31 हजार तक का दंगल आयोजित होगा वही रस्साकशी में 5100 रुपये का इनाम प्रथम तथा 3100 का दूसरा ईनाम दिया जाएगा। घोड़ी चाल में प्रथम पुरस्कार 15 हजार तो दूसरा पुरस्कार दस हजार का होगा वहीं तीसरा इनाम भी दिया जाएगा। घोड़ों की दौड़ में प्रथम पुरस्कार 11 हजार, दूसरा पुरस्कार 8100 रुपये तथा तीसरा पुरस्कार 5100 रुपये का होगा। वहीं मेले के तीसरे दिन दूरदराज से आए हुए संतों को प्रसाद वितरित करके विदा किया जाता है।
फोटो कैप्शन एक : बाबा मोलडऩाथ आश्रम
युवक की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत
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कनीना। कनीना में शादी से कन्यादान करके वापस घर लौट रहे व्यक्ति की सड़क दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई। पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार धर्मपाल निवासी छितरोली जो धनौन्दा में टेंट आदि का कार्य करता था सोमवार की शाम कनीना में संपन्न हुई एक शादी में से अपने घर वापस लौट रहा था कि जब वह अटेली मोड़ से थोड़ा आगे एक निजी तेल मिल के सामने पहुंचा तो आगे से आ रहे हाइवा ट्रक ने उसे टक्कर मार दी जिसके कारण उसकी दर्दनाक मौत हो गई। वही प्रत्यक्षदर्शियों ने इसकी सुचना तुरन्त प्रभाव से कनीना पुलिस को देकर मामले से अवगत कराया जहां पुलिस ने मौके पर पहुंच कर मौके का मुआयना किया तथा शव को अपने कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई आरंभ कर दी है। वही मंगलवार को पुलिस ने मृतक धर्मपाल का पोस्टमार्टम करा शव परिजनों को सौंप दिया है। वही पुलिस ने मृतक के भाई के बयान पर मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। समूचे गांव में शोक की लहर है।
कनीना-चंडीगढ बस सेवा बहाल करने की गुहार, लोगों को हो रही है भारी समस्या
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कनीना। कनीना से चंड़ीगढ़ चलने वाली बस पिछले चार दिन से बंद हो जाने के कारण क्षेत्र के लोगों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार पिछले कुछ दिन पहले स्थानीय विधायक व कनीना एसडीएम के अथक प्रयासों से यह बस चली थी जिसके बाद क्षेत्र के लोगों विधायक व उपमंडल अधिकारी का धन्यवाद भी किया था लेकिन कुछ दिन बाद ही कनीना से चंडीगढ जाने वाली गाड़ी बंद हो जाने के कारण प्रतिदिन इस रूट पर चलने वाले यात्रियों को दिक्कत उठानी पड़ रही है जिसके कारण सवारियों में प्रशासन के प्रति रोष पनप रहा है।
चंडीगढ़ जाने वाले यात्री रतन सिंह, अनिल यादव बालरोडिय़ा, अजीत सिंह, पूर्व पंच सुनील कुमार, घनश्याम सिंह, बीर सिंह, यशपाल सिंह के अलावा अन्य सवारियों ने बताया कि उन्हें महीने में चार दिन के लिए कनीना से चंडीगढ़ जाना पड़ता है और इस बस चलने से हमें काफी फायदा हुआ था लेकिन अब कुछ दिन से बस नहीं चलने के कारण उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वही उक्त समस्या के बारे में जब जीएम नारनौल प्रदीप अहलावत से बात कि गई तो उन्होंने बताया कि उक्त बस को जल्दी ही पुन: चालू कर दिया जाएगा।
श्याम बाबा की पदयात्रा चार मार्च को को
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कनीना। श्रीश्याम मित्र मंडल (रजिस्टर्ड) कनीना मंडी द्वारा जहां 29 फरवरी को छठा विशाल जागरण आयोजित करवाया था वहीं अब चार मार्च को पदयात्रा जैतपुर तक चलेगी।
विस्तृत जानकारी देते हुए श्रीश्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग ने बताया कि 29 फरवरी को कनीना मंडी में विशाल जागरण आयोजित किया गया था वहीं अब चार मार्च को श्याम मंदिर कनीना से जैतपुर धाम तक की पदयात्रा रवाना होगी वहीं दूसरी पदयात्रा छह मार्च को कनीना मंडी के राधाकृष्ण मंदिर से श्रीश्याम मंदिर कनीना तक पहुंचेगी।
जैतपुर धाम-कनीना से करीब 22 किमी दूर जैतपुर का खाटू श्याम मंदिर स्थित है जहां छह मार्च को बड़ा मेला लगने जा रहा है। इस मेले में भक्त निशान लेकर पहुंचते हैं और बाबा को अर्पित करते हैं। हर वर्ष हजारों की संख्या में भक्त जैतपुर जाते हैं। जो भक्त खाटू धाम राजस्थान नहीं पहुंच पाते हैं वे जैतपुर धाम जाते हैं। कनीना से भोजावास, रातांकलां, प्रतापुर होते हुए हुडिय़ा जैतपुर जाते हैं और मन की मुरादें पाते हैं।
प्रसिद्ध है जैतपुर का श्याम मंदिर
-श्याम बाबा के मेले में छह मार्च को अपार भीड़ उमड़ेगी
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कनीना। जो भक्त करीब 200 किमी दूर राजस्थान में खाटू श्याम धाम पर नहीं जा सकते हैं उनके लिए जैतपुर का धाम विख्यात है। हुडिय़ा-जैतपुर यहां से 22 किमी दूर राजस्थान में स्थित है जहां पदयात्री निशान लेकर जा रहे हैं। प्रति वर्ष यहां पर कई हजार निशान अर्पित किए जाते हैं और खाटू श्याम भक्त पैदल चलकर जाते हैं। कनीना, अटेली, नारनौल तथा महेंद्रगढ़ के अलावा आस पास के भक्त जो एक ही दिन में अपना निशान खाटू को अर्पित करना चाहते हैं और अधिक दूर चलने में असमर्थ हैं उनके लिए यह खाटू श्याम मंदिर जाना जाता है।
जैतपुर में छह मार्च को खाटू श्याम मेला लगने जा रहा है जिसमें अपार भीड़ जुटेगी। कलकत्ता तथा अलवर के शृंगारकर्ता प्रतिदिन ताजा फूलों से बाबा का शृंगार करते हैं। करीब 300 वर्ष पुराने इस श्याम मंदिर का वर्तमान में जीर्णोंद्धार करवाया गया है।
भक्त अपने घर से खाटू श्याम का निशान लेकर पदयात्रा करता हुआ कनीना से भोजावास तथा राताकलां से जैतपुर पहुंचता है। अपने निशान को बाबा पर अर्पित करके संतुष्ट हो जाता है। भक्तों ने बताया कि इस धाम तक आसानी से पहुंचा जा सकता है। फाल्गुन एकादशी को यहां विशाल मेला लगता है जिसमें भक्त यहां आकर मन्नत मांगते हैं। माना जाता है कि उनकी मन्नतें पूर्ण हो जाती हैं।
कनीना व आस पास के भक्त जैतपुर जाएंगे। 22 किमी के इस सफर में वे मोहनपुर, भोजावास, रातां से होकर प्रतापुर एवं जैतपुर पहुंचते हैं। इस पदयात्रा में उनके साथ जल एवं खाने पीने का सामान वाहन में साथ साथ चलता है। डीजे पर थिरकते पैर एवं रंग गुलाल में भीगे भक्त खुशी खुशी जैतपुर के लिए रवाना हो रहे हैं। भारी संख्या में भक्त आपने साथ अमर ज्योति लेकर जा रहे हैं। यह ज्योति भी जैतपुर धाम पर अर्पित की जा रही है।
फोटो कैप्शन 2: खाटू श्याम जैतपुर का एक दृश्य।
कनीना क्षेत्र में चल रही है परीक्षाएं शांतिपूर्वक
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कनीना। कनीना क्षेत्र में हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं के लिए 12 परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जिनमें सभी में परीक्षा शांतिपूर्वक चल रही हैं। एसडीएम कनीना, खंड शिक्षा अधिकारी तथा अन्य अधिकारियों ने अलग अलग समय पर विभिन्न परीक्षा केंद्रों का औचक दौरा किया और सभी जगह शांतिपूर्ण चलती पाई गई। इस बार स्कूलों के बाहर मेले नहीं लग रहे हैं और ग्राम पंचायतें नकल रोकने में पूरा सहयोग कर रही हैं।
कनीना क्षेत्र में जहां सीबीएसई के दो परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं। जीएल और एसडी स्कूलों में सीबीएसई की परीक्षाएं चल रही हैं वहीं हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की 3 मार्च से बारहवीं की परीक्षा शुरू हो गई है। पहला पेपर हिंदी का चला वहीं दसवीं की परीक्षा चार मार्च से शुरू हो रही हैं जहां उनका पहला पेपर सामाजिक विज्ञान का होगा।
कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 12वीं की परीक्षा हिंदी विषय की शांतिपूर्वक चली। केंद्र अधीक्षक ने बताया कि परीक्षा केंद्र पर 214 परीक्षार्थियों परीक्षा दे रहे जहां कुल 217 परीक्षार्थी थे जिनमें से 3 अनुपस्थित रहे।
वहीं राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी के केंद्र अधीक्षक अनिल कुमार ने बताया कि यहां 108 परीक्षार्थियों ने हिंदी की बारहवीं की परीक्षा दी है और सभी परीक्षार्थी उपस्थित रहे। उधर 4 मार्च को दसवीं कक्षा की सामाजिक विज्ञान का परीक्षा परीक्षा होगी। दसवीं में 129 विद्यार्थी परीक्षा देंगे। वहीं कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 215 परीक्षार्थी परीक्षा देंगे।
परीक्षा केंद्रों पर नकल की प्रवृत्ति नहीं देखने को मिली। जिसको लेकर के लगता है कि अब उन नकल की प्रवृत्ति धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। परीक्षा केंद्रों पर व्यापक पुलिस का प्रबंध किया गया है वहीं ग्राम पंचायतें भी सहयोग कर रही हैं।
क्या कहते हैं खंड शिक्षा अधिकारी -
खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम यादव ने बताया कि कनीना खंड में दसवीं के 12 परीक्षा केंद्र है जबकि 12वीं कक्षा के लिए 10 परीक्षा केंद्र बनाए गए है। बारहवीं कक्षा के लिए सभी परीक्षा केंद्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों में बनाए गए हैं जबकि दसवीं कक्षा के परीक्षा केंद्र राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों के अतिरिक्त सेहलंग एवं बाघोत में राजकीय उच्च विद्यालयों में भी बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी नसीब सिंह के आदेशानुसार जहां परीक्षा केंद्रों पर केंद्र अधीक्षक गेस्ट शिक्षक नियुक्त किए गए थे उनको कार्यभार मुक्त करके रेगुलर शिक्षक को केंद्र अधीक्षक बनाया गया है। उन्होंने बताया कि बेवल, भोजावास और पोता परीक्षा केंद्रों पर अतिथि शिक्षक केंद्र अधीक्षक नियुक्त हो गए थे जिन्हें कार्यभार मुक्त कर दिया गया है तथा रेगुलर शिक्षकों को केंद्र अधीक्षक बना दिया गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने बताया कि उन्होंने बेवल,भोजावास तथा पोता परीक्षा केंद्रों का दौरा किया जहां परीक्षाएं शांतिपूर्वक चल रही थी।
एसडीएम कनीना ने भी किया दौरा -
एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने भी परीक्षा केंद्रों का दौरा किया। उन्होंने भोजवास तथा बवानिया दो परीक्षा केंद्रों का दौरा किया जहां परीक्षाएं शांतिपूर्वक चलती पाई गई। कहीं भी किसी परीक्षा केंद्रों पर अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए नहीं पाया गया वहीं केंद्र के बाहर मेले और भीड़ देखने को नहीं मिली। इस बार परीक्षाएं शांतिपूर्वक चल रही हैं।
फोटो कैप्शन 5: एसडीएम कनीना रणवीर सिंह परीक्षा केंद्र बवानिया का दौरा करते हुए।
ओलावृष्टि से हुई फसल को हुआ नुकसान,
ज्ञापन देने का सिलसिला जारी
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कनीना। विगत दिनों ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान को लेकर किसान परेशान हैं और एक के बाद एक ज्ञापन देने का सिलसिला जारी है। सोमवार को जहां चेलावास के दर्जनों किसानों ने एसडीएम कनीना रणबीर सिंह के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा के नाम ज्ञापन सौंपा था वहीं मंगलवार को मानपुरा के लोगों ने एक ज्ञापन एसडीएम कनीना के मार्फत सरकार को भेजकर स्पेशल गिरदावरी करवाकर नुकसान की भरपाई करने की मांग की है। कर ओलावृष्टि से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग की है।
मानपुरा के किसानों ने एसडीएम रणबीर सिंह कनीना के माध्यम से दिए गए ज्ञापन में बताया कि गत दिनों बारिश एवं ओलावृष्टि से किसान की खड़ी फसल 80 प्रतिशत फसल नष्ट हो गई है जिससे किसान की आशा पर पानी फिर गया है और किसान एक बार फिर भूखे मरने की कगार पर पहुंच गया है। इस लिए मुख्यमंत्री से मांग कर कनीना उपमंडल में ओलावृष्टि से हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिए गिरदावरी कराने की गुहार लगाई है। एसडीएम कनीना ने ज्ञापन लेकर अविलंब कार्रवाई करने का आश्वासन दिया।
फोटो कैप्शन 6: मुआवजे की मांग के लिए मानपुरा के किसान एसडीएम कनीना को ज्ञापन देते।
भीष्मदास मेला 10 मार्च को
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव भडफ़ में 10 मार्च को बाबा भीष्म का मेला लगने जा रहा है जिसमें खेलकूद, भंडारा आयोजित होंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए सरपंच महेंद्र यादव ने बताया कि 8 मार्च को वालीबाल शूटिंग का आयोजन किया गया है। जिसमें 5100 रुपये का इनाम दिया जाएगा वही 9 मार्च को रात्रि भजन कीर्तन आयोजित होंगे। 10 मार्च को भंडारा एवं खेलों का आयोजन होगा।
उन्होंने बताया कि मेले में ढफ प्रतियोगिता आयोजित की गई है जिसमें प्रथम इनाम 2100 रुपये का है। 10 मार्च को दुलेंडी के दिन कबड्डी 21000 रुपये की, रस्साकशी 5100 रुपये, लंबी कूद तथा ऊंची कूद 2100 रुपये, बूढ़ों की दौड़ 1100 रुपये की होगी।
खंड कृषि अधिकारी का हुआ तबादला
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कनीना। कनीना खंड कृषि अधिकारी सज्जन सिंह धनखड़ का तबादला महेंद्रगढ़ हो गया है वहीं उनके स्थान पर अब गजानंद शर्मा ने कार्यभार ग्रहण कर लिया है।
सर्वे एवं मुआवजे का अब रहेगा इंतजार
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कनीना। कनीना क्षेत्र में गत दिनों हुई ओलावृष्टि के बाद अब किसान अपने अपनी फसल की गिरदावरी एवं मुआवजे का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक बीमित किसानों द्वारा टाइप-1 के फार्म कृषि कार्यालय महेंद्रगढ़ में जमा करवा दिए गए हैं। तत्पश्चात सर्वे के लिए कंपनी तथा कृषि अधिकारी खेत खेत में जाकर सर्वे करेंगे और फिर टाइप-3 द्वारा किसानों की मुआवजा राशि मिलने की संभावना बनेगी किंतु अभी तक टाइप-एक के तहत ही कार्रवाई चल रही है।
जिन किसानों की फसल का बीमा नहीं था उनकी फसल का मुआवजा सरकार के रहनुमाई पर निर्भर करता है। सरकार चाहे तो सर्वे एवं मुआवजा त्वरित गति से कर सकती है। ऐसे में सर्वे किए जाने का बेसब्री से इंतजार है।
गजराज सिंह, अजय कुमार एवं कांता किसानों ने बताया की फसल में ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचाया है परंतु उनका कहना है कि 2018-19 की 4 एकड़ जमीन की मुआवजा राशि भी अभी तक नहीं मिली है। उन्होंने बताया कि उन्होंने चार एकड़ फसल का बीमा करवाया था जिसमें पानी खड़ा होने से फसल बर्बाद हो गई थी। सर्वे भी हो चुकी है किंतु अभी तक मुआवजा राशि नहीं मिली है।
जहां ओलावृष्टि का कनीना खंड कृृषि अधिकारी कार्यालय के तहत आने वाले 60 गांवों में थोड़ा अधिक जरूर हुआ है। अभी तक अगेती फसल उगाने वाले किसान अधिक परेशान है क्योंकि अगैती फसल उगाने वाले किसानों की गेहूं की फसल ने बाल निकाल रखी थी और पकान की ओर जा रही थी जिसमें अधिक नुकसान हुआ है। वैसे ही सरसों की अगैती फसल को भी अधिक नुकसान हुआ है जबकि पछेती फसल में अभी तक पकान नहीं हुआ था। ऐसे में अलग अलग मात्रा में नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। कुछ जगह 60 प्रतिशत से भी अधिक नुकसान होना बताया जा रहा है तो कहीं कुछ कम भी आंका जा रहा है।
महावीर सिंह किसान करीरा ने बताया कि उनकी बेर की फसल भी अंधड़ व बारिश ने नष्ट कर दी है। अभी किसान कंपनी तथा कृषि अधिकारियों द्वारा उनकी फसल में हुए नुकसान के सर्वे का इंतजार कर रहे हैं। माना जा रहा है कि निकट भविष्य में जल्द ही उनकी फसल में हुए नुकसान का सर्वे किया जाएगा तत्पश्चात सरकार को नुकसान के बारे में अवगत कराने के पश्चात ही उन्हें मुआवजा राशि मिलने के आसार बनेंगे।
होलिका दहन की चल रही हैं तैयारियां
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कनीना। कनीना में होलिका दहन की कार्रवाई में तेजी आ गई है। तेजी से होलिका दहन स्थल पर र्इंधन डाला जा रहा है। होली खेलने के दिन अब लद गए हैं। महज र्इंधन डालकर होलिका दहन करने की औपचारिकता भर रह गई हैं। होलीवाला जोहड़ पर एक माह पूर्व से ही र्इंधन डालने का सिलसिला शुरू हो जाता है। और 9 मार्च को इस बार होली का दहन होने जा रहा है जिसको लेकर के सभी तैयारियां जारी हैं।
कनीना में दो स्थानों पर होलिका दहन होता है वहीं कनीना मंडी में भी होलिका दहन किया जाता है। कस्बे में होलीवाला जोहड़ नजदीक करीरा रोड पर ये औपचारिकताएं पूर्ण की जाती है।
होली दहन के बारे में कनीना के बुजुर्ग मेहर चंद तथा हेड मास्टर करतार सिंह बताते हैं कि उनके बुजुर्गों के समय से यहां होलिका दहन होता आ रहा है। अब तो इस होलिका दहन स्थल पर मेला भी लगने लगा है।
फोटो कैप्शन 4: होली का दहन स्थल पर ईंधन डालने की कार्रवाई।
दुलेंडी पर लगेगा मेला, संत स्वयं खेलेंगे होली
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कनीना। बाबा उधोदास मंदिर पर होली मेला लगने जा रहा है। होलिका दहन नौ मार्च को होली के अवसर पर जागरण होगा तथा दुलेंडी 10 मार्च को बाबा उधोदास की याद में वर्षों से विशाल मेला लगने जा रहा है। भक्तों की अपार भीड़ यहां जमा होती है वहीं संत लालदास स्वयं भक्तों के संग होली खेलते हैं।
कनीना से नौ किमी दूर ग्राम जैनाबाद में बाबा उधोदास का भव्य मंदिर स्थित है। इसी मंदिर के सामने बाबा की समाधि तथा बाबा के बाद में आए उनके शिष्यों की समाधियों वाला मंदिर है। इन समाधियों में सबसे पहले बाबा उधोदास की समाधि है। इस समाधि के ऊपर की ओर झांक कर देखे तो सैकड़ों वर्ष पुरानी पेंट व ब्रुश से की हुई कलाकारी दिखाई पड़ती है जो आज भी अपनी आब नहीं खो पाई है। यह वही स्थान है जहां अनवरत पूजा अर्चना का सिलसिला चलता रहता है तथा दीप जलते रहते हैं।
होली के दिन भजन-कीर्तन के समय यहां भारी भीड़ जुटती है। प्रत्येक पूर्णिमा के दिन यहां का नजारा देखने लायक होता है जब प्रवचन, भजन एवं कीर्तन का आगाज किया जाता है किंतु रंगों के त्योहार होली की रात को यहां विशेष जागरण चलता है तथा दिन के समय ढोल एवं नगाड़ों के बीच होली जमकर खेली जाती है। महंत लालदास के साथ होली खेलते भक्तों को देखा जा सकता है। यहां पर हरियाणा ही नहीं अपितु दूसरे राज्यों के भक्तजन भी आकर मन्नतें मांगते हैं। माना जाता है कि उनकी मन्नत पूर्ण हो जाती है जिसके चलते वे दंपति यहां गठ जोड़े की जात देने आते हैं। गांव जैनाबाद के पास से कंशावती नदी बहती थी। इसी नदी के किनारे पर उधोदास का जन्म हुआ। उधोदास धुन के पक्के और मन के सच्चे थे। उनके गुरू का नाम दाताराम था। उधोदास ने कंशावती नदी के किनारे एक वृक्ष के नीचे तप और ध्यान लगाते हुए दुखियों के दर्द को मिटाया।
बाबा उधोदास की समाधि बनी हुई है जहां अनवरत दीपक जलता रहता है। ढफ और नगाड़ों के बीच हर्षोल्लास के साथ महंत लालदास जी धुलेंडी खेलते हैं। बाबा लालदास ने गायों के लिए बाबा के नाम पर एक गौशाला बनवाई हुई है। संत लालदास की देखरेख में गांव ही नहीं अपितु मंदिर को चार चांद लग चुके हैं।
फोटो कैप्शन 4: जैनाबाद का उधोदास आश्रम।
पौधरोपण कर दिया पर्यावरण संरक्षण संदेश
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कनीना। उपमंडल के गांव कोटिया में सोमवार को समाज सेवी संगठन बृजेश्वर मंदिर कमेटी द्वारा पौधा रोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसके तहत समाज सेवी संगठन के सदस्यों द्वारा मंदिर के आस पास, खेल मैदान के बाहर सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर छायादार करीब 100 पौधे लगाए। इस दौरान सभी ने पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी भी ली।
इस अवसर पर नवीन कुमार ने कहा कि अधिक से अधिक पौधे लगाकर उनकी देखभाल भी करनी चाहिए। इससे पर्यावरण भी संरक्षित रहेगा तथा प्रदूषण की समस्या से भी बचा जा सकेगा। पेड़ पौधे जीवन का आधार होते हैं। इनकी देखरेख सभी की जिम्मेदारी बनती है। इस अवसर पर संगठन के कार्यकर्ता ओम प्रकाश, नवीन कुमार, प्रदीप कुमार इंद्रजीत ओमपाल सहित संगठन के अन्य सदस्य मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 8: कोटिया में पौधारोपण करते हुए।
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