गायों की घरों में तो बछड़ों की गौशाला में सेवा हो- मंत्री
सांसद एवं मंत्री ने दिए 21-21 लाख रुपये
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कनीना। गायों की घरों में तो बछड़ों की गौशालाओं में सेवा होनी चाहिए। श्रीकृष्ण गौशाला कनीना के वार्षिक उत्सव में यह उद्गार हरियाणा के मंत्री ओमप्रकाश एडीओ ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि गाय हर रूप में पूजनीय है। गाय की हर चीज काम आती है। उन्होंने कहा की बड़ी से बड़ी दरिद्रता गायों की पूजा से गाय घर में रखने से दूर हो सकती है। यहां तक की बीमारी भी गायब हो सकती है। उन्होंने कहा कि दिनोंदिन बहुत से रोग सामने आ रहे हैं। कभी हैजा तो अब कैंसर, कभी चेचक तो अब कोरोना वायरस। ये समस्याएं गोमूत्र, गाय के दूध,घी,मक्खन तथा अन्य पदार्थों के सेवन करने से इन रोगों को दूर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आज के दिन लोग गायों से दूर भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि गायों का मूत्र, दूध सभी एंटीबायोटिक्स का काम करती है। उन्होंने कहा कि हर घर में एक-एक गाय पालनी चाहिए और घर में रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गायों को घर में पालना चाहिए तथा बछड़ों को गौशाला में सेवा करनी चाहिए क्योंकि बछड़ों की कद्र घट रही है। कभी खेती करने में काम आते थे किंतु आधुनिक बैल का काम ट्रैक्टर कर रहा है। इस मौके पर उन्होंने 21 लाख रुपये गौशाला को देने की घोषणा की।
सांसद महेंद्रगढ़-भिवानी चौधरी धर्मवीर ने कहा कि आज के दिन देशी गायों की बजय पश्चिमी देशों की काली पीली गाय लोग पाल रहे हैं। इन गायों का दूध गुणकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि आज अन्न,फल एवं सब्जी आदि में जहर खा रहे हैं। यही कारण है कि रोग दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। इन बीमारियों के पीछे सभी पदार्थों में मिलावट होना प्रमुख कारण है। यदि हम देसी गायों का दूध पीएंगे और देशी गाय के मूत्र एवं अन्य पदार्थों का प्रयोग करेंगे तो निसंदेह रोगों से छुटकारा मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि काली, पीली गाय जो भी पश्चिम देशों से आती है नहीं पालनी चाहिए क्योंकि उन्हें अक्सर टीबी की बीमारी होती है और वे हृदय फेल होने के कारण अक्सर मर जाती । ऐसे में उनका दूध पीना भी हानिकारक होता है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि डाक्टरों ने उन्हें पारस अस्पताल में छोटा सा ट्यूमर होने की सूचना दी और उन्होंने गोमूत्र प्रयोग करके इस ट्यूमर को ठीक कर लिया। उन्होंने कहा कि हम लाख प्रयास करते हैं किंतु फिर भी जीवन नहीं बचा सकते जिसके पीछे उन्होंने कहा कि अन्न,फल सब्जियों में भारी मात्रा में यूरिया तथा रासायनिक दवाई छिड़कने हैं जो हम खा रहे हैं जिसके कारण यह समस्या उत्पन्न होती है कि रोगी बढ़ते ही जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गायों की हमें पूजा करनी चाहिए और गायों को जरूर पालना चाहिए। उन्होंने कनीना गौशाला प्रबंधक कमेटी का इस बात के लिए आभार जताया कि वह 11 हजार-11 हजार में एक एक सदस्य बनाकर एक सौ गाए खरीद रहे हैंजिनकी देखरेख महिलाएं करेंगी। उन्होंने कहा कि देसी गायों का गोबर, दूध, मूत्र सभी दवाओं में प्रयोग करते हैं और प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने गायों को पालने में महिलाओं का अहम योगदान बताया और कहा कि महिलाएं गुटबाजी और राजनीति को दूर करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने गायों देसी गायों को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने बताया कि उनके लोकसभा क्षेत्र में 74 गौशाला आए हैं जो गायों की सेवा कर रही हैं। ये देसी गाय पश्चिमी देशों की गायों से हजार गुना बेहतर होती है। इस मौके पर उन्होंने 21 लाखे रुपये गौशाला को देने की घोषणा की।
इस मौके पर सीताराम यादव अटेली विधायक, मास्टर दिलीप सिंह पालिका पूर्व प्रधान, राजेंद्र सिंह लोढ़ा पालिका पूर्व प्रधान, इंद्र लाल शर्मा, केसी शर्मा आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए और इस मौके पर एक मांग पत्र भी मंत्री को सौंपा। इस अवसर पर रागिनी प्रतियोगिता एवं हवन भी आयोजित किया गया।
इस मौके पर राव मोहर सिंह, मनफूल सिंह आर्य, कंवरसेन वशिष्ठ, सुमेर सिंह चेयरमैन, मुकेश नंबरदार, उपप्रधान अशोक ठेकेदार, एसडीएम कनीना रणबीर सिंह,ब्रह्मदत्त,मास्टर सोमदत्त, राजेंद्र प्रसाद, सुरेंद्र शर्मा, हंसराज सोनी, बाबूलाल नंबरदार, विष्णुदत्त हुकम सिंह गौशाला प्रधान, कृष्ण प्रकाश,सतीा जांगिड़ उमेश यादव,राजेन्द्र उर्फ थान सिंह,सतबीर यादव सेहलंग,मास्टर भुप सिंह,ओमबीर नम्बरदार रसुलपुर,मनोज यादव आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 4: मंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए
पांच: ओमप्रकाश मंत्री संबोधित करते हुए
6: उपस्थित भीड़
ट्रेनों के स्थायी ठहराव के लिए सौंपा ज्ञापन
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कनीना। कनीना श्रीकृष्ण गौशाला में आए ओमप्रकाश एडीओ मंत्री, विधायक सीताराम यादव तथा सांसद चौधरी धर्मवीर को कनीना खास रेल स्टेशन पर विभिन्न ट्रेनों के स्थायी ठहराव के लिए एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में विभिन्न पंचायतों के हस्ताक्षर, सरपंच, नगरपालिका सदस्यों आदि के हस्ताक्षर सहित संघर्ष समिति कनीना, व्यापार मंडल कनीना के प्रधान, पार्षद नगर पालिका कनीना एवं क्षेत्रवासियों ने यह ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि लंबे समय से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर सभी ट्रेनों के ठहराव की मांग चली आ रही है किंतु बार बार निवेदन करने के बाद भी ठहराव नहीं करती। उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि नवरात्रों के घड़ी गांव के मेले के दृष्टिगत दो ट्रेनों का आवागमन का अस्थायी ठहराव किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी ट्रेनों का स्थायी ठहराव किया जाए ताकि क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से चली आ रही है।
उन्होंने सभी ट्रेनों के ठहराव की मांग की ताकि पुरानी मांग पूरी हो सके वहीं पर लोगों को राहत मिल सके। ज्ञापन सुमेर सिंह चेयरमैन, कंवरसेन वशिष्ठ, सतपाल साहब तथा विभिन्न गणमान्य लोगों जिनमें राजेंद्र सिंह लोढ़ा पूर्व प्रधान, दिलीप सिंह पूर्व प्रधान पालिका आदि ने ज्ञापन सौंपा। सांसद ने ज्ञापन लेकर ट्रेनों के ठहराव के स्थायी ठहराव का आश्वासन दिया।
फोटो कैप्शन सात: मंत्री तथा सांसद को ट्रेनों के ठहराव के लिए ज्ञापन सौंपते एवं मांगपत्र सौंपते कनीना वासी।
17 सालों से अहम भूमिका निभा रही है कनीना गौशाला
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कनीना। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला वर्ष 2003 से क्षेत्र में है भूमिका निभा रही है। गायों की सेवा हो रही है वहीं गायों का दूध लोगों के रोगों को दूर करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
श्रीकृष्ण गौशाला कनीना वासियों के सहयोग से स्थापित हुई थी जो 2003 की रजिस्टर्ड है( यहां करीब दो हजार गाय जिनमें से 27 गाय दुधारू है। गाए दिन-रात गौशाला में रहकर खुश हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए हुकुम सिंह प्रधान गोशाला कनीना ने बताया कि कनीना गौशाला में 27 गाय दुधारू है। प्रतिदिन 70 लीटर दूध दे रही है जो 40 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक जाता है।
गाय के दूध की भारी मांग है। दूर दराज के लोग दूध ले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 15 आदमी गायों की सेवा कर रहे हैं। 5 ट्रैक्टर ट्रॉली गायों की के लिए अन्न एवं चारा लाकर उनकी सेवा में लगी हुई हैं।
कनीना गोशाला में देवराज महाशय,जगमाल सिंह, हुकुम सिंह, डा मेहरचंद, यादवेंद्र यादव, मनफूल सिंह, हुकुम सिंह आदि कनीना गौााला के प्रधान रह चुके हैं। गौशाला बड़ी बेणी नामक स्थान पर स्थापित है। जहां के लिए गौशाला द्वार बनाया गया है वहीं गायों को रखने के लिए धूप एवं छाया तथा हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। गौशाला प्रतिवर्ष अपना वार्षिक उत्सव मनाती है तथा लोगों में देसी गाय पालने की प्रवृत्ति को पैदा कर रही है। गौ सेवा में गौशाला में सेवारत होशियार सिंह ने बताया कि वह गायों की सेवा करके बहुत प्रसन्न हैं। जहां गाय के गोबर से खाद बनाया जा रहा है वहीं गोबर गैस प्लांट भी लगाया गया है। कनीना के समाजसेवी भगत सिंह ने समय समय पर दान दक्षिणा देकर इसमें सहयोग किया हुआ है। देसी गाय का दूध, घी, मक्खन आदि की भारी मांग है। यही कारण है एक बार फिर से गायों की सेवा करने में लोग जुट गए हैं। पुराने समय में गाय को माता का दर्जा देते थे वैसे ही गायों के प्रति एक बार फिर से रोगों से बचने के लिए उनकी सेवा की प्रवृत्ति बढ़ी है।
फोटो कैप्शन 8 कनीना गौशाला का एक नजारा
जीआर में लगा एक दिवसीय योग-शिविर
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कनीना। जीआर इंटरनेशनल स्कूल प्रांगण में एक दिवसीय योग-शिविर का आयोजन किया गया। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से आए योग-प्रशिक्षक विनोद कुमार ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को जीवन में योग का महत्व समझाते हुए विभिन्न आसन एवं प्राणायाम की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जीवन में योग-साधना धारण करने वाला व्यक्ति संस्कारवान, बलवान एवं चरित्रवान होता है। आसन के विषय में परिचय देते हुए कहा कि आसन शरीर की क्रिया है जबकि प्राणायाम सांसों की क्रिया होती है। इन सबका अभ्यास विद्यार्थी जीवन से आरंभ करना चाहिए। इन सब से ब्रह्मचर्य का पालन करने की सामथ्र्यता बढ़ती है। योग के नियम जैसे ब्रह्म मुहूर्त में उठना, प्राणायाम करना, बाह्य एवं आंतरिक शरीर को पुष्ट बनाते हैं तथा मनुष्य द्वेष, छल-कपट से दूरहो जाता है एवं उसमें तप,संतोष, स्वाध्याय की प्रवृत्ति उत्पन्न होती है। इस अवसर पर उन्होंने सूर्य-नमस्कार का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि सूर्य-नमस्कार के बारह आसन माने जाते हैं जिनमें से सात आसन आने के एवं पांच आसन जाने के लिए बताए गए हैं। जिनमें अष्टांग आसन, पर्वत आसन, भुजंग आसन आदि प्रमुख है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को ताड़ आसन, शीर्षासन आदि का अभ्यास भी करवाया। प्राणायाम को आत्मा से परमात्मा का मिलन बताते हुए उन्होंने कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रस्त्रिका, वायु मुद्रा, भ्रामरी आदि प्रणायामों के विषय में बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योग के माध्यम से बड़ी-से-बड़ी व्याधि को भी भगाया जा सकता है अत: हमें अपने जीवन में योग को अवश्य ही धारण करना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य दीपक वशिष्ठ, धर्मवीर, मनोज शर्मा, अभय शर्मा, योगेन्द्र कुमार, अमरजीत, पिनाकी मुखर्जी आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 2: व्यायाम करते जीआर के विद्यार्थी।
कन्या जन्म पर संस्था ने किया सम्मानित
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कनीना। कन्या जन्म को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल द्वारा चलाई गई मुहिम मेरी बेटी मेरी पहचान के तहत गोमला में कन्या के माता पिता को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
खंड के गांव गोमला में मुकेश कुमार के घर पोती निधि का जन्म हुआ जिससे पूरे परिवार में खुशी की लहर थी। कन्या के दादा मुकेश कुमार और दादी सुनीता देवी ने बताया कि पोती निधि के जन्म होते ही पूरे परिवार में खुशी का माहौल छाया हुआ है। उन्हें एक पोती की तमन्ना थीं जो भगवान ने पूर्ण की है। आज के युग में लड़कियों को कम नहीं आंकना चाहिए। आज की बेटियां बार्डर पर देश सेवा तक कर रही हैं। इस दौरान लड़की के पिता मंजीत व माता अर्चना देवी ने भी बेटी निधि को लक्ष्मी का अवतार कहा।
अवसर पर रणजीत सिंह जेई,विकाश, सीमा रानी, मुकेश देवी व आशा वर्कर मौजूद रही।
फोटो कैप्शन 3: गोमला में लड़की के जन्म पर परिजनों को सम्मानित करते बीइंग ह्यूमेन सेवा मंडल।
प्रशांत ने पास की गेट की परीक्षा
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कनीना। गुढ़ा गांव के प्रशांत पुत्र राजकुमार मुख्याध्यापक ने भौतिक शास्त्र में गेट की परीक्षा पास की है। उन्होंने ओबीसी कैटेगरी से यह परीक्षा पास करके क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनका यह प्रथम प्रयास था। उनके पिता राजकुमार पड़तल में मुख्याध्यापक हैं।
इस मौके पर उन्हें बधाई देने वालों में पूर्व मुख्याध्यापक राव भगवान सिंह, उनके दादा सूबेदार करण सिंह, कप्तान महाबीर सिंह, सत्येंद्र शास्त्री, सेठ महिपाल सिंह, सज्जन बोहरा, सुनील कुमार प्रधान, हेमसा प्रधान बाबू लाल आदि ने बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: प्रशांत।
कोरोना वायरस से जागरूक करना चाहिए
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संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना मंडी स्थित लाला शिवलाल धर्मशाला में विश्व हिंदू परिषद की बैठक आयोजित की गई जिसमें विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री प्रेम शंकर ने विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि वर्तमान में दुनिया में करोना वायरस का प्रकोप चल रहा है। इसके लिए समाज को जागरूक करना चाहिए और इसके बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को बताना चाहिए।
इसी के साथ उन्होंने सामाजिक समरसता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर चलना चाहिए। एकता का परिचय देना चाहिए यही समरसता है। भारतीय संस्कृति के रीति रिवाज को निभाना चाहिए, दुर्गा पूजा, नव संवत्सर आदि हिंदू संस्कृति के उत्सव धूमधाम से मनाने चाहिए।
हिंदू परिषद के प्रांत प्रचार प्रमुख सुशील शास्त्री ने आगामी कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए राम मंदिर के विषय में होने वाले आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री रामजीवन, प्रखंड अध्यक्ष महेा बोहरा,प्रखंड मंत्री मनोज एडवोकेट, सत्संग प्रमुख दिलावर, बजरंग दल संयोजक राजपाल और खंड संघ चालक शिवकुमार, हरीराम मित्तल, देशराज आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 3: राम मंदिर की जानकारी देते प्रेम शंकर।
सोमवार को मनाया जा रहा है बासौड़ा पर्व
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कनीना। कनीना क्षेत्र में सोमवार 16 मार्च को बासौड़ा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व पुराने समय से मनाया जाता आ रहा है। इस पर्व के प्रति लोगों में गहन आस्था है। सोमवार को शीतला मां की पूजा करने के बाद समस्त परिवार बासी भोजन सोमवार को करेगा।
इस पर्व के तहत लोग रात को भोजन बनाकर रख देते हैं और सुबह होने पर माता स्थल पर ले जाकर उसकी पूजा करते हैं और फिर इसे ग्रहण किया जाता है। उधर कनीना के समीपी गांव बव्वा में तीन सप्ताह तक आगामी बुधवारों को यह पर्व मनाया जाएगा।
बासौढ़ा का त्यौहार क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है। उतर भारत का प्रसिद्ध त्यौहार बासौढ़ा बासौड़ा, शीतला, पूजन तथा शीतला अष्टमी आदि नामों से जाना जाता है। चैत्र माह के रंगों के त्योहार होली के बाद रविवार या बुधवार को भोजन बनाकर रखा जाता है। पूरा परिवार ही बासी भोजन खाता है।
बासौढ़ा त्योहार मनाने के पीछे पुत्र कामना तथा शीतला रोगों से बचना माना जाता है। पुराने वक्त में चेचक या शीतला रोग अधिक होता था जिसमें लाखों व्यक्तियों की प्रतिवर्ष मृत्यु हो जाती थी। स्त्रियां शीतला माता की पूजा करके परिवार को रोगों से बचाने की प्रार्थना करती थी। तभी से यह त्योहार चला आ रहा है। त्योहार से एक दिन पूर्व विभिन्न पकवान बनाकर रख दिये जाते हैं। जिसमें चावल प्रमुख होता है। अगली रोज सुबह सवेरे उठ स्नान व शीतला माता की पूजा कर, जीवों को भोजन खिलाकर पूरा परिवार ही बासी भोजन करता है।
पुराने वक्त में बासी भोजन खाने के पीछे एक दंतकथा भी प्रचलित है जिसके अनुसार एक बुढिय़ा गांव से बाहर झोपड़ी में रहती थी। वह बासी भोजन करती थी जो ग्रामवासी देते थे। एक बार भयंकर शीतला रोग फैला। ग्रामीण रोग पीडि़त हो गए परन्तु बुढिय़ा खुश व रोग रहित थी। ग्रामीणों ने बुढिय़ा से रोग रहित होने का कारण पूछा। बुढिय़ा ने बताया की वह बासी भोजन करती है, तभी से ग्रामीणों ने उनके पदचिह्नों पर चलना शुरू कर दिया। परम्परा वर्तमान में भी चली आ रही है।
बासौढ़ा के दिन चावल पकाकर आपसी आदान प्रदान करने की परम्परा भी चली आ रही है। इस परम्परा को कंडवारी नाम से जाना जाता है। पुत्रवती माता चावल पकाकर घर-घर बंटवाती है। प्रत्येक घर परिवार में यह प्रथा चली आ रही है बासी भोजन के पीछे वैज्ञानिक आधार भी माना जाता है।
कूड़े से गड्ढों को भरने में लगी हुई है नगरपालिका
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कनीना। कनीना कस्बा से कूड़ा कचरा प्रतिदिन उठाकर नगरपालिका के वाहन विभिन्न स्थानों पर विशेषकर जंगलों(बेणियों) की गड्ढों को भरने में लगे हुए। कनीना की वैसे तो आधा दर्जन जंगल (बेणियों) होती थी किंतु अब महज दो बेणियां जर्जर हालात में है। अधिकांश पर चारों तरफ से कब्जा हो गया है जिसके चलते वहां पर पेड़ पौधों को भी नष्ट कर दिया है।
जंगलों(बेणियों) में जहां लोगों ने अवैध रूप से मिट्टी काटकर बेच डाली है वही इन गड्ढों को भरने में नगरपालिका के वाहन जुटे हुए हैं( कनीना नगरपालिका के तहत दो वाहन खुली बाड़ी के, दो ट्रैक्टर ट्राली तथा 2 ऊंट गाडिय़ां लगी हुई है। सभी 13 वार्डों में कूड़ा कचरा प्रतिदिन नियत समय पर गाडिय़ां पहुंचती है और उनसेकचरा इकट्ठा कर पीपलवाली तथा मानका नामक जंगलों(बेणियों) केअतिरिक्त अन्य स्थानों के गड्ढों को भरने का प्रयास किया जा रहा है जिसके चलते मिट्टी की अवैध कटाई रुकी है। कूड़े कचरे का भविष्य में कोई निपटान मिल जाएगा तो निपटारा किया जा सकेगा। तत्पश्चात उम्मीद है कि जंगलों(बेणियों) को अतिक्रमण से मुक्त करवाया जाएगा।
कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि वर्तमान में सात वाहन समस्त कस्बे के कूड़े कचरे को उठाकर गड्ढों को भरने के कार्य में जुटे हुए हैं भविष्य में कोई निपटारा इस डाले गए कूड़े कचरे का मिल जाएगा तो किया जाएगा। इससे मिट्टी का अवैध खनन भी बंद हो गया है।
उन्होंने बताया कि अतिक्रमण एक गंभीर समस्या बन गई है। जिससे निपटारा पाने के लिए जंगलों(बेणियों) की पैमाइश करवाई जाएगी। अभी तक अतिक्रमण की जानकारी उच्चाधिकारियों तक भी पहुंचा दी गई है।
कैसे ले जाते हैं कचरा-
कनीना नगरपालिका के दो खुली बाड़ी के गाडिय़ां कनीना का गुणगान करते हुए गलियों से गुजरती है ताकि लोगों को पता लग जाता है कि कूड़ा इकट्ठा
करने वाली गाड़ी आ रही है और लोग अपने घरों में हथेली तथा कूड़ेदान में इकट्ठा किया हुआ कूड़ा इन गाडिय़ों में तुरंत डाल देते हैं। इकट्ठा किया गया कूड़ा ले जाकर जंगलों(बेणियों) में डाल दिया जाता है। इस प्रकार जहां कनीना को साफ सुथरा रखा जा रहा है वहीं बेणियों में भी मिट्टी कटाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
फोटो कैप्शन 1: कनीना की जंगलों(बेणियों) में डाला गया कूड़ा कचरा।
सांसद एवं मंत्री ने दिए 21-21 लाख रुपये
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कनीना। गायों की घरों में तो बछड़ों की गौशालाओं में सेवा होनी चाहिए। श्रीकृष्ण गौशाला कनीना के वार्षिक उत्सव में यह उद्गार हरियाणा के मंत्री ओमप्रकाश एडीओ ने व्यक्त किए।
उन्होंने कहा कि गाय हर रूप में पूजनीय है। गाय की हर चीज काम आती है। उन्होंने कहा की बड़ी से बड़ी दरिद्रता गायों की पूजा से गाय घर में रखने से दूर हो सकती है। यहां तक की बीमारी भी गायब हो सकती है। उन्होंने कहा कि दिनोंदिन बहुत से रोग सामने आ रहे हैं। कभी हैजा तो अब कैंसर, कभी चेचक तो अब कोरोना वायरस। ये समस्याएं गोमूत्र, गाय के दूध,घी,मक्खन तथा अन्य पदार्थों के सेवन करने से इन रोगों को दूर किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि आज के दिन लोग गायों से दूर भाग रहे हैं। उन्होंने कहा कि गायों का मूत्र, दूध सभी एंटीबायोटिक्स का काम करती है। उन्होंने कहा कि हर घर में एक-एक गाय पालनी चाहिए और घर में रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गायों को घर में पालना चाहिए तथा बछड़ों को गौशाला में सेवा करनी चाहिए क्योंकि बछड़ों की कद्र घट रही है। कभी खेती करने में काम आते थे किंतु आधुनिक बैल का काम ट्रैक्टर कर रहा है। इस मौके पर उन्होंने 21 लाख रुपये गौशाला को देने की घोषणा की।
सांसद महेंद्रगढ़-भिवानी चौधरी धर्मवीर ने कहा कि आज के दिन देशी गायों की बजय पश्चिमी देशों की काली पीली गाय लोग पाल रहे हैं। इन गायों का दूध गुणकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि आज अन्न,फल एवं सब्जी आदि में जहर खा रहे हैं। यही कारण है कि रोग दिनों दिन बढ़ते जा रहे हैं। इन बीमारियों के पीछे सभी पदार्थों में मिलावट होना प्रमुख कारण है। यदि हम देसी गायों का दूध पीएंगे और देशी गाय के मूत्र एवं अन्य पदार्थों का प्रयोग करेंगे तो निसंदेह रोगों से छुटकारा मिल सकता है।
उन्होंने कहा कि काली, पीली गाय जो भी पश्चिम देशों से आती है नहीं पालनी चाहिए क्योंकि उन्हें अक्सर टीबी की बीमारी होती है और वे हृदय फेल होने के कारण अक्सर मर जाती । ऐसे में उनका दूध पीना भी हानिकारक होता है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए बताया कि डाक्टरों ने उन्हें पारस अस्पताल में छोटा सा ट्यूमर होने की सूचना दी और उन्होंने गोमूत्र प्रयोग करके इस ट्यूमर को ठीक कर लिया। उन्होंने कहा कि हम लाख प्रयास करते हैं किंतु फिर भी जीवन नहीं बचा सकते जिसके पीछे उन्होंने कहा कि अन्न,फल सब्जियों में भारी मात्रा में यूरिया तथा रासायनिक दवाई छिड़कने हैं जो हम खा रहे हैं जिसके कारण यह समस्या उत्पन्न होती है कि रोगी बढ़ते ही जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गायों की हमें पूजा करनी चाहिए और गायों को जरूर पालना चाहिए। उन्होंने कनीना गौशाला प्रबंधक कमेटी का इस बात के लिए आभार जताया कि वह 11 हजार-11 हजार में एक एक सदस्य बनाकर एक सौ गाए खरीद रहे हैंजिनकी देखरेख महिलाएं करेंगी। उन्होंने कहा कि देसी गायों का गोबर, दूध, मूत्र सभी दवाओं में प्रयोग करते हैं और प्रयोग करना चाहिए। उन्होंने गायों को पालने में महिलाओं का अहम योगदान बताया और कहा कि महिलाएं गुटबाजी और राजनीति को दूर करने में अहम भूमिका निभा सकती हैं। उन्होंने गायों देसी गायों को बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने बताया कि उनके लोकसभा क्षेत्र में 74 गौशाला आए हैं जो गायों की सेवा कर रही हैं। ये देसी गाय पश्चिमी देशों की गायों से हजार गुना बेहतर होती है। इस मौके पर उन्होंने 21 लाखे रुपये गौशाला को देने की घोषणा की।
इस मौके पर सीताराम यादव अटेली विधायक, मास्टर दिलीप सिंह पालिका पूर्व प्रधान, राजेंद्र सिंह लोढ़ा पालिका पूर्व प्रधान, इंद्र लाल शर्मा, केसी शर्मा आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए और इस मौके पर एक मांग पत्र भी मंत्री को सौंपा। इस अवसर पर रागिनी प्रतियोगिता एवं हवन भी आयोजित किया गया।
इस मौके पर राव मोहर सिंह, मनफूल सिंह आर्य, कंवरसेन वशिष्ठ, सुमेर सिंह चेयरमैन, मुकेश नंबरदार, उपप्रधान अशोक ठेकेदार, एसडीएम कनीना रणबीर सिंह,ब्रह्मदत्त,मास्टर सोमदत्त, राजेंद्र प्रसाद, सुरेंद्र शर्मा, हंसराज सोनी, बाबूलाल नंबरदार, विष्णुदत्त हुकम सिंह गौशाला प्रधान, कृष्ण प्रकाश,सतीा जांगिड़ उमेश यादव,राजेन्द्र उर्फ थान सिंह,सतबीर यादव सेहलंग,मास्टर भुप सिंह,ओमबीर नम्बरदार रसुलपुर,मनोज यादव आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 4: मंत्री को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए
पांच: ओमप्रकाश मंत्री संबोधित करते हुए
6: उपस्थित भीड़
जहां लती है गौ माता की सुख की सांस, वही होता है देवी देवता निवास:ओमप्रकाश यादव
मंत्री ओमप्रकाश यादव ने 21 लाखा व सांसद चौ. धर्मबीर सिंह ने श्री कृष्ण गौशाला को दिया 21 लाख रूपये का अनुदान
मंत्री ओमप्रकाश यादव ने 21 लाखा व सांसद चौ. धर्मबीर सिंह ने श्री कृष्ण गौशाला को दिया 21 लाख रूपये का अनुदान
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कनीना।जहां गौमाता खडी होकर सुख की सांस लेती है, वही 33 करोड़ देवी देवता निवास करते हैं। उक्त बातें रविवार को प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने श्री कृष्ण गौशाला कनीना के स्थापना दिवस पर लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारत जैसे ऋर्षि मुनियों के देश में गौमाता का बहुत महत्व स्थान है। गौमाता में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है। जो व्यक्ति सच्चे मन से गौमाता की सेवा करता है। उसका जीवन अवश्य सफल होता है। गौ माता की सेवा कभी बेकार नहीं जाती उन्होंने कहा कि गौ माता के मूत्र से कैंसर जैसी बीमारियों पर भी काबु हुआ है। उन्होंने अपने सरकारी कोष से गो शाला में 21 लाख रूपये का अनुदान देने की घोषणा की। इस मौके पर भिवानी -महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर में एक गाय को जरूर पालना चाहिए। आज मनुष्य विभिन्न प्रकार की बीमारियों से गिरा जा रहा है। उसका कारण यह है कि मनुष्य को शुद्ध दूध दही अनाज उपलब्ध नहीं हो पाता है। अगर मनुष्य देशी गाय का दूध पिएंगा तो मनुष्य बीमारियों से दूर रहेगा। चौधरी धर्मवीर सिंह ने गौशाला में 21लाख रूपये का अनुदान देने की घोषणा की। इस मौके पर अटेली विधानसभा क्षेत्र के विधायक सीताराम यादव ने कहा कि बधाई के पात्र हैं कनीना के लोग जो आपसी मतभेद भुलाकर इस श्री कृष्ण गौशाला के लिए चारा व धन इकट्ठा करके गौ की सेवा कर रहे हैं। कार्यक्रम में गौशाला समिति द्वारा प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओम प्रकाश यादव,चौधरी धर्मवीर सिंह व सीताराम यादव को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर गौशाला प्रधान हुकम सिंह पहलवान,नगरपालिका के पूर्व प्रधान मास्टर दलीप सिंह पूर्व प्रधान राजेंद्र लोढ़ा उमेश यादव,राजेन्द्र उर्फ थान सिंह,सतबीर यादव सेहलंग,मास्टर भुप सिंह,ओमबीर नम्बरदार रसुलपुर,मनोज यादव सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन: श्री कृष्ण गौशाला कनीना समिति द्वारा मुख्य अतिथि ओम प्रकाश यादव को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित करते हुए साथ में संासद चौ. धर्मवीर सिंह व विधायक सीताराम यादव
कनीना।जहां गौमाता खडी होकर सुख की सांस लेती है, वही 33 करोड़ देवी देवता निवास करते हैं। उक्त बातें रविवार को प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओमप्रकाश यादव ने श्री कृष्ण गौशाला कनीना के स्थापना दिवस पर लोगों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि भारत जैसे ऋर्षि मुनियों के देश में गौमाता का बहुत महत्व स्थान है। गौमाता में 33 करोड़ देवी देवताओं का वास है। जो व्यक्ति सच्चे मन से गौमाता की सेवा करता है। उसका जीवन अवश्य सफल होता है। गौ माता की सेवा कभी बेकार नहीं जाती उन्होंने कहा कि गौ माता के मूत्र से कैंसर जैसी बीमारियों पर भी काबु हुआ है। उन्होंने अपने सरकारी कोष से गो शाला में 21 लाख रूपये का अनुदान देने की घोषणा की। इस मौके पर भिवानी -महेंद्रगढ़ लोकसभा क्षेत्र के सांसद चौधरी धर्मवीर सिंह ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घर में एक गाय को जरूर पालना चाहिए। आज मनुष्य विभिन्न प्रकार की बीमारियों से गिरा जा रहा है। उसका कारण यह है कि मनुष्य को शुद्ध दूध दही अनाज उपलब्ध नहीं हो पाता है। अगर मनुष्य देशी गाय का दूध पिएंगा तो मनुष्य बीमारियों से दूर रहेगा। चौधरी धर्मवीर सिंह ने गौशाला में 21लाख रूपये का अनुदान देने की घोषणा की। इस मौके पर अटेली विधानसभा क्षेत्र के विधायक सीताराम यादव ने कहा कि बधाई के पात्र हैं कनीना के लोग जो आपसी मतभेद भुलाकर इस श्री कृष्ण गौशाला के लिए चारा व धन इकट्ठा करके गौ की सेवा कर रहे हैं। कार्यक्रम में गौशाला समिति द्वारा प्रदेश के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री ओम प्रकाश यादव,चौधरी धर्मवीर सिंह व सीताराम यादव को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर गौशाला प्रधान हुकम सिंह पहलवान,नगरपालिका के पूर्व प्रधान मास्टर दलीप सिंह पूर्व प्रधान राजेंद्र लोढ़ा उमेश यादव,राजेन्द्र उर्फ थान सिंह,सतबीर यादव सेहलंग,मास्टर भुप सिंह,ओमबीर नम्बरदार रसुलपुर,मनोज यादव सहित अनेकों लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन: श्री कृष्ण गौशाला कनीना समिति द्वारा मुख्य अतिथि ओम प्रकाश यादव को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित करते हुए साथ में संासद चौ. धर्मवीर सिंह व विधायक सीताराम यादव
ट्रेनों के स्थायी ठहराव के लिए सौंपा ज्ञापन
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कनीना। कनीना श्रीकृष्ण गौशाला में आए ओमप्रकाश एडीओ मंत्री, विधायक सीताराम यादव तथा सांसद चौधरी धर्मवीर को कनीना खास रेल स्टेशन पर विभिन्न ट्रेनों के स्थायी ठहराव के लिए एक ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में विभिन्न पंचायतों के हस्ताक्षर, सरपंच, नगरपालिका सदस्यों आदि के हस्ताक्षर सहित संघर्ष समिति कनीना, व्यापार मंडल कनीना के प्रधान, पार्षद नगर पालिका कनीना एवं क्षेत्रवासियों ने यह ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि लंबे समय से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर सभी ट्रेनों के ठहराव की मांग चली आ रही है किंतु बार बार निवेदन करने के बाद भी ठहराव नहीं करती। उन्होंने ज्ञापन में कहा है कि नवरात्रों के घड़ी गांव के मेले के दृष्टिगत दो ट्रेनों का आवागमन का अस्थायी ठहराव किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी ट्रेनों का स्थायी ठहराव किया जाए ताकि क्षेत्र के लोगों की लंबे समय से चली आ रही है।
उन्होंने सभी ट्रेनों के ठहराव की मांग की ताकि पुरानी मांग पूरी हो सके वहीं पर लोगों को राहत मिल सके। ज्ञापन सुमेर सिंह चेयरमैन, कंवरसेन वशिष्ठ, सतपाल साहब तथा विभिन्न गणमान्य लोगों जिनमें राजेंद्र सिंह लोढ़ा पूर्व प्रधान, दिलीप सिंह पूर्व प्रधान पालिका आदि ने ज्ञापन सौंपा। सांसद ने ज्ञापन लेकर ट्रेनों के ठहराव के स्थायी ठहराव का आश्वासन दिया।
फोटो कैप्शन सात: मंत्री तथा सांसद को ट्रेनों के ठहराव के लिए ज्ञापन सौंपते एवं मांगपत्र सौंपते कनीना वासी।
17 सालों से अहम भूमिका निभा रही है कनीना गौशाला
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कनीना। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला वर्ष 2003 से क्षेत्र में है भूमिका निभा रही है। गायों की सेवा हो रही है वहीं गायों का दूध लोगों के रोगों को दूर करने में अहम भूमिका निभा रहा है।
श्रीकृष्ण गौशाला कनीना वासियों के सहयोग से स्थापित हुई थी जो 2003 की रजिस्टर्ड है( यहां करीब दो हजार गाय जिनमें से 27 गाय दुधारू है। गाए दिन-रात गौशाला में रहकर खुश हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए हुकुम सिंह प्रधान गोशाला कनीना ने बताया कि कनीना गौशाला में 27 गाय दुधारू है। प्रतिदिन 70 लीटर दूध दे रही है जो 40 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिक जाता है।
गाय के दूध की भारी मांग है। दूर दराज के लोग दूध ले जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 15 आदमी गायों की सेवा कर रहे हैं। 5 ट्रैक्टर ट्रॉली गायों की के लिए अन्न एवं चारा लाकर उनकी सेवा में लगी हुई हैं।
कनीना गोशाला में देवराज महाशय,जगमाल सिंह, हुकुम सिंह, डा मेहरचंद, यादवेंद्र यादव, मनफूल सिंह, हुकुम सिंह आदि कनीना गौााला के प्रधान रह चुके हैं। गौशाला बड़ी बेणी नामक स्थान पर स्थापित है। जहां के लिए गौशाला द्वार बनाया गया है वहीं गायों को रखने के लिए धूप एवं छाया तथा हर प्रकार की सुविधा उपलब्ध है। गौशाला प्रतिवर्ष अपना वार्षिक उत्सव मनाती है तथा लोगों में देसी गाय पालने की प्रवृत्ति को पैदा कर रही है। गौ सेवा में गौशाला में सेवारत होशियार सिंह ने बताया कि वह गायों की सेवा करके बहुत प्रसन्न हैं। जहां गाय के गोबर से खाद बनाया जा रहा है वहीं गोबर गैस प्लांट भी लगाया गया है। कनीना के समाजसेवी भगत सिंह ने समय समय पर दान दक्षिणा देकर इसमें सहयोग किया हुआ है। देसी गाय का दूध, घी, मक्खन आदि की भारी मांग है। यही कारण है एक बार फिर से गायों की सेवा करने में लोग जुट गए हैं। पुराने समय में गाय को माता का दर्जा देते थे वैसे ही गायों के प्रति एक बार फिर से रोगों से बचने के लिए उनकी सेवा की प्रवृत्ति बढ़ी है।
फोटो कैप्शन 8 कनीना गौशाला का एक नजारा
जीआर में लगा एक दिवसीय योग-शिविर
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कनीना। जीआर इंटरनेशनल स्कूल प्रांगण में एक दिवसीय योग-शिविर का आयोजन किया गया। पतंजलि योगपीठ हरिद्वार से आए योग-प्रशिक्षक विनोद कुमार ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को जीवन में योग का महत्व समझाते हुए विभिन्न आसन एवं प्राणायाम की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि जीवन में योग-साधना धारण करने वाला व्यक्ति संस्कारवान, बलवान एवं चरित्रवान होता है। आसन के विषय में परिचय देते हुए कहा कि आसन शरीर की क्रिया है जबकि प्राणायाम सांसों की क्रिया होती है। इन सबका अभ्यास विद्यार्थी जीवन से आरंभ करना चाहिए। इन सब से ब्रह्मचर्य का पालन करने की सामथ्र्यता बढ़ती है। योग के नियम जैसे ब्रह्म मुहूर्त में उठना, प्राणायाम करना, बाह्य एवं आंतरिक शरीर को पुष्ट बनाते हैं तथा मनुष्य द्वेष, छल-कपट से दूरहो जाता है एवं उसमें तप,संतोष, स्वाध्याय की प्रवृत्ति उत्पन्न होती है। इस अवसर पर उन्होंने सूर्य-नमस्कार का विशेष महत्व बताते हुए कहा कि सूर्य-नमस्कार के बारह आसन माने जाते हैं जिनमें से सात आसन आने के एवं पांच आसन जाने के लिए बताए गए हैं। जिनमें अष्टांग आसन, पर्वत आसन, भुजंग आसन आदि प्रमुख है। उन्होंने छात्र-छात्राओं को ताड़ आसन, शीर्षासन आदि का अभ्यास भी करवाया। प्राणायाम को आत्मा से परमात्मा का मिलन बताते हुए उन्होंने कपालभाति, अनुलोम-विलोम, भ्रस्त्रिका, वायु मुद्रा, भ्रामरी आदि प्रणायामों के विषय में बच्चों को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि योग के माध्यम से बड़ी-से-बड़ी व्याधि को भी भगाया जा सकता है अत: हमें अपने जीवन में योग को अवश्य ही धारण करना चाहिए। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य दीपक वशिष्ठ, धर्मवीर, मनोज शर्मा, अभय शर्मा, योगेन्द्र कुमार, अमरजीत, पिनाकी मुखर्जी आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 2: व्यायाम करते जीआर के विद्यार्थी।
कन्या जन्म पर संस्था ने किया सम्मानित
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कनीना। कन्या जन्म को बढ़ावा देने के लिए सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल द्वारा चलाई गई मुहिम मेरी बेटी मेरी पहचान के तहत गोमला में कन्या के माता पिता को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
खंड के गांव गोमला में मुकेश कुमार के घर पोती निधि का जन्म हुआ जिससे पूरे परिवार में खुशी की लहर थी। कन्या के दादा मुकेश कुमार और दादी सुनीता देवी ने बताया कि पोती निधि के जन्म होते ही पूरे परिवार में खुशी का माहौल छाया हुआ है। उन्हें एक पोती की तमन्ना थीं जो भगवान ने पूर्ण की है। आज के युग में लड़कियों को कम नहीं आंकना चाहिए। आज की बेटियां बार्डर पर देश सेवा तक कर रही हैं। इस दौरान लड़की के पिता मंजीत व माता अर्चना देवी ने भी बेटी निधि को लक्ष्मी का अवतार कहा।
अवसर पर रणजीत सिंह जेई,विकाश, सीमा रानी, मुकेश देवी व आशा वर्कर मौजूद रही।
फोटो कैप्शन 3: गोमला में लड़की के जन्म पर परिजनों को सम्मानित करते बीइंग ह्यूमेन सेवा मंडल।
प्रशांत ने पास की गेट की परीक्षा
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कनीना। गुढ़ा गांव के प्रशांत पुत्र राजकुमार मुख्याध्यापक ने भौतिक शास्त्र में गेट की परीक्षा पास की है। उन्होंने ओबीसी कैटेगरी से यह परीक्षा पास करके क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनका यह प्रथम प्रयास था। उनके पिता राजकुमार पड़तल में मुख्याध्यापक हैं।
इस मौके पर उन्हें बधाई देने वालों में पूर्व मुख्याध्यापक राव भगवान सिंह, उनके दादा सूबेदार करण सिंह, कप्तान महाबीर सिंह, सत्येंद्र शास्त्री, सेठ महिपाल सिंह, सज्जन बोहरा, सुनील कुमार प्रधान, हेमसा प्रधान बाबू लाल आदि ने बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: प्रशांत।
कोरोना वायरस से जागरूक करना चाहिए
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संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना मंडी स्थित लाला शिवलाल धर्मशाला में विश्व हिंदू परिषद की बैठक आयोजित की गई जिसमें विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय संगठन मंत्री प्रेम शंकर ने विभिन्न विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हुए बताया कि वर्तमान में दुनिया में करोना वायरस का प्रकोप चल रहा है। इसके लिए समाज को जागरूक करना चाहिए और इसके बचाव के तरीकों के बारे में लोगों को बताना चाहिए।
इसी के साथ उन्होंने सामाजिक समरसता के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि समाज के प्रत्येक वर्ग को साथ लेकर चलना चाहिए। एकता का परिचय देना चाहिए यही समरसता है। भारतीय संस्कृति के रीति रिवाज को निभाना चाहिए, दुर्गा पूजा, नव संवत्सर आदि हिंदू संस्कृति के उत्सव धूमधाम से मनाने चाहिए।
हिंदू परिषद के प्रांत प्रचार प्रमुख सुशील शास्त्री ने आगामी कार्यक्रमों की चर्चा करते हुए राम मंदिर के विषय में होने वाले आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के जिला मंत्री रामजीवन, प्रखंड अध्यक्ष महेा बोहरा,प्रखंड मंत्री मनोज एडवोकेट, सत्संग प्रमुख दिलावर, बजरंग दल संयोजक राजपाल और खंड संघ चालक शिवकुमार, हरीराम मित्तल, देशराज आदि विशेष रूप से उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 3: राम मंदिर की जानकारी देते प्रेम शंकर।
सोमवार को मनाया जा रहा है बासौड़ा पर्व
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कनीना। कनीना क्षेत्र में सोमवार 16 मार्च को बासौड़ा का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व पुराने समय से मनाया जाता आ रहा है। इस पर्व के प्रति लोगों में गहन आस्था है। सोमवार को शीतला मां की पूजा करने के बाद समस्त परिवार बासी भोजन सोमवार को करेगा।
इस पर्व के तहत लोग रात को भोजन बनाकर रख देते हैं और सुबह होने पर माता स्थल पर ले जाकर उसकी पूजा करते हैं और फिर इसे ग्रहण किया जाता है। उधर कनीना के समीपी गांव बव्वा में तीन सप्ताह तक आगामी बुधवारों को यह पर्व मनाया जाएगा।
बासौढ़ा का त्यौहार क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है। उतर भारत का प्रसिद्ध त्यौहार बासौढ़ा बासौड़ा, शीतला, पूजन तथा शीतला अष्टमी आदि नामों से जाना जाता है। चैत्र माह के रंगों के त्योहार होली के बाद रविवार या बुधवार को भोजन बनाकर रखा जाता है। पूरा परिवार ही बासी भोजन खाता है।
बासौढ़ा त्योहार मनाने के पीछे पुत्र कामना तथा शीतला रोगों से बचना माना जाता है। पुराने वक्त में चेचक या शीतला रोग अधिक होता था जिसमें लाखों व्यक्तियों की प्रतिवर्ष मृत्यु हो जाती थी। स्त्रियां शीतला माता की पूजा करके परिवार को रोगों से बचाने की प्रार्थना करती थी। तभी से यह त्योहार चला आ रहा है। त्योहार से एक दिन पूर्व विभिन्न पकवान बनाकर रख दिये जाते हैं। जिसमें चावल प्रमुख होता है। अगली रोज सुबह सवेरे उठ स्नान व शीतला माता की पूजा कर, जीवों को भोजन खिलाकर पूरा परिवार ही बासी भोजन करता है।
पुराने वक्त में बासी भोजन खाने के पीछे एक दंतकथा भी प्रचलित है जिसके अनुसार एक बुढिय़ा गांव से बाहर झोपड़ी में रहती थी। वह बासी भोजन करती थी जो ग्रामवासी देते थे। एक बार भयंकर शीतला रोग फैला। ग्रामीण रोग पीडि़त हो गए परन्तु बुढिय़ा खुश व रोग रहित थी। ग्रामीणों ने बुढिय़ा से रोग रहित होने का कारण पूछा। बुढिय़ा ने बताया की वह बासी भोजन करती है, तभी से ग्रामीणों ने उनके पदचिह्नों पर चलना शुरू कर दिया। परम्परा वर्तमान में भी चली आ रही है।
बासौढ़ा के दिन चावल पकाकर आपसी आदान प्रदान करने की परम्परा भी चली आ रही है। इस परम्परा को कंडवारी नाम से जाना जाता है। पुत्रवती माता चावल पकाकर घर-घर बंटवाती है। प्रत्येक घर परिवार में यह प्रथा चली आ रही है बासी भोजन के पीछे वैज्ञानिक आधार भी माना जाता है।
कूड़े से गड्ढों को भरने में लगी हुई है नगरपालिका
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कनीना। कनीना कस्बा से कूड़ा कचरा प्रतिदिन उठाकर नगरपालिका के वाहन विभिन्न स्थानों पर विशेषकर जंगलों(बेणियों) की गड्ढों को भरने में लगे हुए। कनीना की वैसे तो आधा दर्जन जंगल (बेणियों) होती थी किंतु अब महज दो बेणियां जर्जर हालात में है। अधिकांश पर चारों तरफ से कब्जा हो गया है जिसके चलते वहां पर पेड़ पौधों को भी नष्ट कर दिया है।
जंगलों(बेणियों) में जहां लोगों ने अवैध रूप से मिट्टी काटकर बेच डाली है वही इन गड्ढों को भरने में नगरपालिका के वाहन जुटे हुए हैं( कनीना नगरपालिका के तहत दो वाहन खुली बाड़ी के, दो ट्रैक्टर ट्राली तथा 2 ऊंट गाडिय़ां लगी हुई है। सभी 13 वार्डों में कूड़ा कचरा प्रतिदिन नियत समय पर गाडिय़ां पहुंचती है और उनसेकचरा इकट्ठा कर पीपलवाली तथा मानका नामक जंगलों(बेणियों) केअतिरिक्त अन्य स्थानों के गड्ढों को भरने का प्रयास किया जा रहा है जिसके चलते मिट्टी की अवैध कटाई रुकी है। कूड़े कचरे का भविष्य में कोई निपटान मिल जाएगा तो निपटारा किया जा सकेगा। तत्पश्चात उम्मीद है कि जंगलों(बेणियों) को अतिक्रमण से मुक्त करवाया जाएगा।
कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि वर्तमान में सात वाहन समस्त कस्बे के कूड़े कचरे को उठाकर गड्ढों को भरने के कार्य में जुटे हुए हैं भविष्य में कोई निपटारा इस डाले गए कूड़े कचरे का मिल जाएगा तो किया जाएगा। इससे मिट्टी का अवैध खनन भी बंद हो गया है।
उन्होंने बताया कि अतिक्रमण एक गंभीर समस्या बन गई है। जिससे निपटारा पाने के लिए जंगलों(बेणियों) की पैमाइश करवाई जाएगी। अभी तक अतिक्रमण की जानकारी उच्चाधिकारियों तक भी पहुंचा दी गई है।
कैसे ले जाते हैं कचरा-
कनीना नगरपालिका के दो खुली बाड़ी के गाडिय़ां कनीना का गुणगान करते हुए गलियों से गुजरती है ताकि लोगों को पता लग जाता है कि कूड़ा इकट्ठा
करने वाली गाड़ी आ रही है और लोग अपने घरों में हथेली तथा कूड़ेदान में इकट्ठा किया हुआ कूड़ा इन गाडिय़ों में तुरंत डाल देते हैं। इकट्ठा किया गया कूड़ा ले जाकर जंगलों(बेणियों) में डाल दिया जाता है। इस प्रकार जहां कनीना को साफ सुथरा रखा जा रहा है वहीं बेणियों में भी मिट्टी कटाव को रोकने का प्रयास किया जा रहा है।
फोटो कैप्शन 1: कनीना की जंगलों(बेणियों) में डाला गया कूड़ा कचरा।
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