सड़क हादसे में तीन मरे, 4 घायल
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कनीना। कनीना से करीब 4 किलोमीटर दूर रेवाड़ी सीमा में भडफ़ के पास एक गाड़ी, बाइक सवार तथा स्कूटी सवार आपस में टकरा गए जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया। कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में ले जाए गए तीन लोगों को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। घायलों की हालात स्थिर बताई जाती है।
मिली जानकारी अनुसार लालचंद तथा संजय एक बाइक पर सवार होकर तथा कैलाश एवं महावीर एक स्कूटी पर सवार होकर सीहा जिला रेवाड़ी में मेले में दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जा रहे थे। सीहा की ओर से गाड़ी आ रही थी कि भडफ़ के पास सीहा की ओर जा रहे मोटरसाइकिल सवार तथा स्कूटी सवार को रोंद दिया। घाटना में करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में आस पास के लोगों ने भर्ती कराया।
कनीना उप नागरिक अस्पताल में ले जाए गए घायल कैलाश पाली गोठड़ा, महावीर रिवासा तथा संजय रसूलपुर को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि लालचंद तथा अन्य घायलों हो गए ने विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जिनकी हालात स्थित बताई जाती है। घटना को लेकर दिनभर उप नागरिक अस्पताल में भारी जमावड़ा रहा। होली के पर्व को लोग भूल गए और हंसी खुशी क्रंदन में बदल गई। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
दुर्घटना कितनी भयंकर थी की गाड़ी आगे तथा साइड से बुरी तरह से पिचक गई जबकि मोटरसाइकिल और स्कूटी बुरी तरह से टूट गई। गाड़ी इस दुर्घटना के बाद सड़क किनारे बनी घर के पास पानी की छोटी टंकी के पास जाकर रुक गई। हादसे में घायलों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया गया जहां घायलों की हालत स्थिर बताई जाती है। मारुति गाड़ी में कनीना के लोग सवार थे। बाबूलाल तथा कुलदीप रसूलपुर के बयान पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा पुलिस जांच में जुट गई है।
फोटो कैप्शन एक से 3: दुर्घटना के बाद गाड़ी, बाइक एवं स्कूटी।
संगीत दोपहरी ने मोहा मन
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कनीना। कनीना की आरएस वाटिका में संगीत दोपहरी का कार्यक्रम दुलेंडी की खुशी में आयोजित किया गया। बलवान सिंह आर्य तथा कृष्ण प्रकाश मुख्याध्यापक के संयुक्त प्रयासों से यह प्रथम बार कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें दूरदराज से संगीत प्रेमियों तथा लोगों ने गीत, भजन, संगीत, गजल तथा रागिनी आदि का आनंद लिया।
करीब 4 घंटे चले इस कार्यक्रम में कृष्ण प्रकाश, नेमीचंद, यादराम यादव, लियाकत अली, अनिल झगडू,अजीत बेदी गुढ़ा, मोहित शेखावत, मयूर सागर, मनीष, रमन आदि ने जमकर गजल भजन, गीत, संगीत सुनाया और न केवल स्वयं गीतों पर थिरके अपितु उपस्थित लोगों को भी अपने भजनों पर थिरकाया।
दिन भर होली खेलने के पश्चात इस कार्यक्रम का लोगों ने लुत्फ उठाया। इस मौके पर कनीना के विजयपाल चेयरमैन, विजय सिंह चेयरमैन, अशोक पैकन प्राचार्य, सुनील कुमार प्राचार्य, राव मोहर सिंह प्रधान आर्य समाज, मनफूल आर्य, रविंद्र बंसल, बलवान आर्य, कृष्णप्रकाश, मुकेश नंबरदार, अनिल सरपंच, राजकुमार कनीनवाल, सचिन कुमार प्रवक्ता, मनोज कुमार रोहिल्ला,
नवीन कुमार, सुमेर सिंह चेयरमैन आदि उपस्थित थे।
इस मौके पर गुलाल की बजाय फूलों से होली खेली गई तथा खुशी मनाई गई। इस अवसर पर कृष्ण प्रकाश एवं बलवान सिंह आर्य ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें बुराइयों को इस होली के पर्व के साथ ही जला देना चाहिए और नेक नीयत से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा जिस प्रकार प्रह्लाद भक्त को आज भी याद किया जाता है उसी प्रकार नेक नियति से काम करने वाले व्यक्ति की कदर होती है। उन्होंने कहा कि अक्सर हम पानी को व्यर्थ बहाते हैं, पानी नहीं बहाना चाहिए, पेड़ पौधों को नहीं काटना चाहिए, रंग गुलाल की बजाय हमें प्राकृतिक रंगों से होली खेलनी चाहिए। यही संदेश हमें हर सभी को देना चाहिए ताकि भविष्य में जल और पेड़ बच सके। इस मौके पर सभी ने शपथ ली कि भविष्य में जल और पेड़ों को बताएंगे वही को बेटी को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ाएंगे और महान बनाएंगे।
फोटो कैप्शन 4 और 5: आयोजित संगीत दोपहरी का एक नजारा।
हंसी खुशी से रंगों का पर्व दुलेंडी संपन्न
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कनीना। कनीना में धुलेंडी का पर्व होली का पर्व धूमधाम से संपन्न हुआ। होली के पर्व पर किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला है। दिन भर लोग रंग गुलाल से होली खेलते नजर आए।
उल्लेखनीय है कि युवा वर्ग में पहली बार देखने को मिला कि पानी की बचत कर रहे थे तथा प्राकृतिक रंग एवं गुलाल आदि से होली खेल रहे थे। अजीत कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने पहली बार हल्दी, टेसू के फूल, चुकंदर का रस, पत्तों के रस एवं मेहंदी आदि से होली खेली और पानी को बचत किया पहली बार क्षेत्र में सूखी होली खेलने को मिली। वहीं यदाकदा कुछ लोग पानी बिखेरते भी नजर आए। विगत वर्षों से कनीना क्षेत्र में गंदे पानी डालने कीचड़ में डालने आदि की घटनाएं घटती रहती थी किंतु इस बार होली पर ऐसी कोई घटना नहीं देखने को मिली। सरकारी स्कूलों में होलिका दहन के दिन अवकाश न होने के कारण शिक्षण संस्थाओं में रंगों की होली खेलते नजर आए। वहीं दुुलेंडी के दिन तो दिन भर सड़कों, गलियों में होली खेलते लोग नजर आए। क्षेत्र में भडफ़ एवं जैनाबाद,सीहा, निमोठ, बवानिया आदि गांवों में मेले लगे वहीं जैनाबाद आश्रम में लाल दास महाराज ने होली खेली और भक्तों पर रंग डाला। भक्तों ने भी महाराज पर रंग डाला। होली का पर्व धूमधाम से विभिन्न संस्थाओं में भी मनाया गया। होली खेलते महिलाएं, पुरुष एवं बच्चे देखे गए।
दुलेंडी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस बार रंगों का कम प्रयोग हुआ तथा गुलाल से होली खेलते देखे गए। पानी भी प्रयोग किया गया किंतु इस बार कम पानी प्रयोग किया। कई स्थानों पर मेले लगे तथा बाल उतरवाने की परंपरा पूर्ण की गई।
दिवस दुलेंडी का पर्व क्षेत्र में पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। आपस में गुलाल लगाकर होली खेलते देखे गए। संत लालदास उधोदास आश्रम स्वयं भक्तों से होली खेलते देखे गए। कई स्थानों पर मेले लगे। जैनाबाद, कारोली, कनीना तथा कई अन्य स्थानों पर होली के पर्व पर मेले लगे।
कनीना के सामान्य बस स्टैंड पर तथा अनाज मंडी में सभी दुकानें बंद रही और वे होली खेलते देखे गए। विभिन्न संस्थानों एवं समाजसेवियों के अनुरोध पर इस बार कम पानी का प्रयोग हुआ। बच्चे एवं युवा ही अधिक संख्या में होली खेलते मिले।
दुलेंडी पर अकसर लड़ाई झगड़ा होता रहा है किंतु इस बार शांतिपूर्वक पर्व संपन्न हो गया। पत्रकार, समाजसेवी, नेता एवं सामान्य जन बढ़ चढ़कर गुलाल लगा रहे थे।
फोटो कैप्शन 6 से 8: होली खेलते कनीना के लोग।
हाउसिंग बोर्ड हरियाणा द्वारा द्वारा बीपीएल फ्लैटों के निकाले गए ड्रा में हुई धांधली को लेकर गांव रसूलपुर के बीपीएल परिवारों ने सीएम विंडों में लगाई शिकायत
कनीना I गांव रसूलपुर के बीपीएल परिवारों के द्वारा हाउसिंग बोर्ड हरियाणा के द्वारा बीपीएल फ्लैटों के निकाले गए ड्रा में गड़बड़ी करने की शिकायत सीएम विंडों में लगाई गई है। शिकायत कर्ता अमित, हरिसिंह, बाबुलाल, मनोज आदि ने बताया कि हाउंसिंग बोर्ड हरियाणा के द्वारा निकाले गए प्राइवेट कलोनाईजर बीपीएल फ्लैट के लिए आवेदन मांगे थे और आवेदन करने की अंतिम तिथि 29 फरवरी 2020 थी। जिसमें उनके द्वारा फ्लैट के लिए आवेदन किया गया था। उन्होंने बताया कि उपरोक्त बीपीएल फ्लैटों का अलॉटमैंट का ड्रा 6 मार्च 2020 को किया गया है। जिसकी सूचना उन्हें एसएमएस के द्वारा 7 मार्च 2020 को प्राप्त हुई कि ड्रा हो चुका है। हरियाणा सरकार की बीपीएल पॉलिसी के पैरा 25.1 के अनुसार हाउसिंग बोर्ड हरियाणा को ड्रा करने की सूचना सार्वजनिक तौर पर तीन अखबारों में प्रकाशित करनी थी। जबकि ऐसा नहीं किया गया और हाउसिंग बोर्ड हरियाणा द्वारा खुल्ले तौर से उल्लंघन किया है और पॉलिसी के पैरा नम्बर 25.2 के अनुसा कुल फ्लैटों के 25 प्रतिशत प्रतीक्षा सूची जारी करनी थी जो कि जारी नहीं की गई। जिससे स्पष्ट होता है कि गलत तरीके से ड्रा निकाले गए है। वहीं ड्रा के बाद सफल उम्मीदवारों की सूचि देखने के बाद ऐसा लगता है कि कर्मचारियों की मिलीभगत से और सफल उम्मीदवारों से दुर्भीसंधि करते हुए फ्लैट दिए गए है। हाउसिंग बोर्ड हरियाणा की साईट पर उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर यह पाया गया है कि जीन्द जिले के बुटानी गांव के 26 लोगों को बीपीएल फ्लैट आबंटित किए गए है। जिससे संदेह होता कि उक्त फ्लैटों का ड्रा गलत तरीके से निकाला गया है और उपरोक्त सफल उम्मीदवारों की अग्रित राशि का भुगतान भी एक ही खाते से किया गया है। जबकि अन्य हजारों व्यक्तियों में से महज 2-4 लोगों को ही बीपीएल फ्लैट आबंटित किए गए है। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को बीपीएल प्लॉटों से वंचित किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि बीपीएल फ्लैट सफल उम्मीदवारों से मिलकर तथा खुफिया तरीके से निकाले गए है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है। शिकायत कर्ताओं ने ड्रा को कैंसिल करके दोबारा से सभी उम्मीदवारों की उपस्थिति में ड्रा निकलवाने व इस धांधली में सम्लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
होलिका दहन विभिन्न तरीकों से मनाया गया
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कनीना। कनीना क्षेत्र में होलिका दहन के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। मेले लगे तथा भंडारा भी आयोजित किया गया। कनीना के ज्योतिषाचार्य अरविंद जोशी के अनुसार करीब पौने सात बजे सोमवार को हालिका दहन किया जाना था वैसा ही किया गया।
विगत एक माह पूर्व से ही होलिका दहन डांडा गाडऩे की प्रथा से शुरू हो जाता है। यद्यपि इस बार होली के खेल, गीत एवं पर्व कम आयोजित किए गए किंतु होलिका दहन पर व्रत रखकर होलिका की पूजा अर्चना का कार्यक्रम दिनभर चलता रहा। होलिका दहन पर बाड़, कांटेदार झाडिय़ा एवं युद्ध में प्रयोग किए जाने वाले हथियारों के प्रतीक भी प्रयोग किए गए। दुलेंडी की सुबह फिर से होलिका दहन स्थल की पूजा की जाएगी तथा गाड़ा गया डांडा निकालकर संवत का पता लगाया जाएगा।
क्षेत्र में कई जगह होली के मेले आयोजित किए गए। कनीना के होलीवाला जोहड़ पर बसासत के वक्त से होली मनाई जाती आ रही है तथा जोहड़ का नाम भी होलीवाला जोहड़ रखा गया है। यहां पर होली का दिनभर मेला लगा तथा होलिका दहन स्थल पर पूजा अर्चना चलती रही। बाबूजी वेदप्रकाश द्वारा यहां पर सद्भावना बतौर पकवान खिलाने का कार्यक्रम दिनभर चलता रहा। विगत वर्ष होलिका दहन के दिन भी उन्होंने इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित किया था।
कनीना मंडी में भी होली मनाई गई। समीपी गांवों में भी होलिका दहन चला।
मान्यताएं-
होलिका दहन से पूर्व प्रह्लाद भक्त को बचाने के लिहाज से व्रत रखते हुए पूजा की जाती है ताकि प्रह्लाद भक्त बच जाए। आज भी वो पुरानी यादें लोगों के जीन में बसी हुई हैं। बताया जाता है कि जब प्रह्लाद भक्त बच गए और होलिका जल गई तो खुशी में रंगों का पर्व मनाया गया जो आज भी चला आ रहा है। होली से अगले दिन दुलेंडी खेली जाती है।
माना जाता है कि प्रह्लाद भक्त को मारने के लिए कितने ही लोगों के हाथों में हथियार थे जो होलिका दहन पर यह समझकर डाल दिए गए कि अब प्रह्लाद मर जाएगा। यह प्रथा आज भी चली आ रही है और गोबर के हथियार आग में डाले जाते हैं। इनको ढाल एवं बिड़ला आदि नाम से जाना जाता है। जब होलिका दहन किया जाता है तो कुछ औरतें उसे बूझा देती हैं। यह भी पुराने वक्त की याद ताजा कर रही है। आग बूझाने वाली औरतें प्रह्लाद को बचाने के पक्ष में थी जबकि आग लगाने वाला उन्हें जलाना चाहता था। आज भी कई मान्यताएं यूं की यूं चली आ रही हैं।
फोटो कैप्शन 9: होलिका दहन का नजारा।
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कनीना। कनीना से करीब 4 किलोमीटर दूर रेवाड़ी सीमा में भडफ़ के पास एक गाड़ी, बाइक सवार तथा स्कूटी सवार आपस में टकरा गए जिसमें आधा दर्जन लोग घायल हो गए जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में ले जाया गया। कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में ले जाए गए तीन लोगों को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है। घायलों की हालात स्थिर बताई जाती है।
मिली जानकारी अनुसार लालचंद तथा संजय एक बाइक पर सवार होकर तथा कैलाश एवं महावीर एक स्कूटी पर सवार होकर सीहा जिला रेवाड़ी में मेले में दौड़ प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए जा रहे थे। सीहा की ओर से गाड़ी आ रही थी कि भडफ़ के पास सीहा की ओर जा रहे मोटरसाइकिल सवार तथा स्कूटी सवार को रोंद दिया। घाटना में करीब आधा दर्जन लोग घायल हो गए जिन्हें विभिन्न अस्पतालों में आस पास के लोगों ने भर्ती कराया।
कनीना उप नागरिक अस्पताल में ले जाए गए घायल कैलाश पाली गोठड़ा, महावीर रिवासा तथा संजय रसूलपुर को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि लालचंद तथा अन्य घायलों हो गए ने विभिन्न अस्पतालों में भर्ती कराया गया है जिनकी हालात स्थित बताई जाती है। घटना को लेकर दिनभर उप नागरिक अस्पताल में भारी जमावड़ा रहा। होली के पर्व को लोग भूल गए और हंसी खुशी क्रंदन में बदल गई। पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
दुर्घटना कितनी भयंकर थी की गाड़ी आगे तथा साइड से बुरी तरह से पिचक गई जबकि मोटरसाइकिल और स्कूटी बुरी तरह से टूट गई। गाड़ी इस दुर्घटना के बाद सड़क किनारे बनी घर के पास पानी की छोटी टंकी के पास जाकर रुक गई। हादसे में घायलों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया गया जहां घायलों की हालत स्थिर बताई जाती है। मारुति गाड़ी में कनीना के लोग सवार थे। बाबूलाल तथा कुलदीप रसूलपुर के बयान पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है तथा पुलिस जांच में जुट गई है।
फोटो कैप्शन एक से 3: दुर्घटना के बाद गाड़ी, बाइक एवं स्कूटी।
संगीत दोपहरी ने मोहा मन
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कनीना। कनीना की आरएस वाटिका में संगीत दोपहरी का कार्यक्रम दुलेंडी की खुशी में आयोजित किया गया। बलवान सिंह आर्य तथा कृष्ण प्रकाश मुख्याध्यापक के संयुक्त प्रयासों से यह प्रथम बार कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें दूरदराज से संगीत प्रेमियों तथा लोगों ने गीत, भजन, संगीत, गजल तथा रागिनी आदि का आनंद लिया।
करीब 4 घंटे चले इस कार्यक्रम में कृष्ण प्रकाश, नेमीचंद, यादराम यादव, लियाकत अली, अनिल झगडू,अजीत बेदी गुढ़ा, मोहित शेखावत, मयूर सागर, मनीष, रमन आदि ने जमकर गजल भजन, गीत, संगीत सुनाया और न केवल स्वयं गीतों पर थिरके अपितु उपस्थित लोगों को भी अपने भजनों पर थिरकाया।
दिन भर होली खेलने के पश्चात इस कार्यक्रम का लोगों ने लुत्फ उठाया। इस मौके पर कनीना के विजयपाल चेयरमैन, विजय सिंह चेयरमैन, अशोक पैकन प्राचार्य, सुनील कुमार प्राचार्य, राव मोहर सिंह प्रधान आर्य समाज, मनफूल आर्य, रविंद्र बंसल, बलवान आर्य, कृष्णप्रकाश, मुकेश नंबरदार, अनिल सरपंच, राजकुमार कनीनवाल, सचिन कुमार प्रवक्ता, मनोज कुमार रोहिल्ला,
नवीन कुमार, सुमेर सिंह चेयरमैन आदि उपस्थित थे।
इस मौके पर गुलाल की बजाय फूलों से होली खेली गई तथा खुशी मनाई गई। इस अवसर पर कृष्ण प्रकाश एवं बलवान सिंह आर्य ने अपने वक्तव्य में कहा कि हमें बुराइयों को इस होली के पर्व के साथ ही जला देना चाहिए और नेक नीयत से कार्य करना चाहिए। उन्होंने कहा जिस प्रकार प्रह्लाद भक्त को आज भी याद किया जाता है उसी प्रकार नेक नियति से काम करने वाले व्यक्ति की कदर होती है। उन्होंने कहा कि अक्सर हम पानी को व्यर्थ बहाते हैं, पानी नहीं बहाना चाहिए, पेड़ पौधों को नहीं काटना चाहिए, रंग गुलाल की बजाय हमें प्राकृतिक रंगों से होली खेलनी चाहिए। यही संदेश हमें हर सभी को देना चाहिए ताकि भविष्य में जल और पेड़ बच सके। इस मौके पर सभी ने शपथ ली कि भविष्य में जल और पेड़ों को बताएंगे वही को बेटी को पढ़ा लिखा कर आगे बढ़ाएंगे और महान बनाएंगे।
फोटो कैप्शन 4 और 5: आयोजित संगीत दोपहरी का एक नजारा।
हंसी खुशी से रंगों का पर्व दुलेंडी संपन्न
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कनीना। कनीना में धुलेंडी का पर्व होली का पर्व धूमधाम से संपन्न हुआ। होली के पर्व पर किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं मिला है। दिन भर लोग रंग गुलाल से होली खेलते नजर आए।
उल्लेखनीय है कि युवा वर्ग में पहली बार देखने को मिला कि पानी की बचत कर रहे थे तथा प्राकृतिक रंग एवं गुलाल आदि से होली खेल रहे थे। अजीत कुमार, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि उन्होंने पहली बार हल्दी, टेसू के फूल, चुकंदर का रस, पत्तों के रस एवं मेहंदी आदि से होली खेली और पानी को बचत किया पहली बार क्षेत्र में सूखी होली खेलने को मिली। वहीं यदाकदा कुछ लोग पानी बिखेरते भी नजर आए। विगत वर्षों से कनीना क्षेत्र में गंदे पानी डालने कीचड़ में डालने आदि की घटनाएं घटती रहती थी किंतु इस बार होली पर ऐसी कोई घटना नहीं देखने को मिली। सरकारी स्कूलों में होलिका दहन के दिन अवकाश न होने के कारण शिक्षण संस्थाओं में रंगों की होली खेलते नजर आए। वहीं दुुलेंडी के दिन तो दिन भर सड़कों, गलियों में होली खेलते लोग नजर आए। क्षेत्र में भडफ़ एवं जैनाबाद,सीहा, निमोठ, बवानिया आदि गांवों में मेले लगे वहीं जैनाबाद आश्रम में लाल दास महाराज ने होली खेली और भक्तों पर रंग डाला। भक्तों ने भी महाराज पर रंग डाला। होली का पर्व धूमधाम से विभिन्न संस्थाओं में भी मनाया गया। होली खेलते महिलाएं, पुरुष एवं बच्चे देखे गए।
दुलेंडी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस बार रंगों का कम प्रयोग हुआ तथा गुलाल से होली खेलते देखे गए। पानी भी प्रयोग किया गया किंतु इस बार कम पानी प्रयोग किया। कई स्थानों पर मेले लगे तथा बाल उतरवाने की परंपरा पूर्ण की गई।
दिवस दुलेंडी का पर्व क्षेत्र में पूरे उत्साह के साथ मनाया गया। आपस में गुलाल लगाकर होली खेलते देखे गए। संत लालदास उधोदास आश्रम स्वयं भक्तों से होली खेलते देखे गए। कई स्थानों पर मेले लगे। जैनाबाद, कारोली, कनीना तथा कई अन्य स्थानों पर होली के पर्व पर मेले लगे।
कनीना के सामान्य बस स्टैंड पर तथा अनाज मंडी में सभी दुकानें बंद रही और वे होली खेलते देखे गए। विभिन्न संस्थानों एवं समाजसेवियों के अनुरोध पर इस बार कम पानी का प्रयोग हुआ। बच्चे एवं युवा ही अधिक संख्या में होली खेलते मिले।
दुलेंडी पर अकसर लड़ाई झगड़ा होता रहा है किंतु इस बार शांतिपूर्वक पर्व संपन्न हो गया। पत्रकार, समाजसेवी, नेता एवं सामान्य जन बढ़ चढ़कर गुलाल लगा रहे थे।
फोटो कैप्शन 6 से 8: होली खेलते कनीना के लोग।
हाउसिंग बोर्ड हरियाणा द्वारा द्वारा बीपीएल फ्लैटों के निकाले गए ड्रा में हुई धांधली को लेकर गांव रसूलपुर के बीपीएल परिवारों ने सीएम विंडों में लगाई शिकायत
कनीना I गांव रसूलपुर के बीपीएल परिवारों के द्वारा हाउसिंग बोर्ड हरियाणा के द्वारा बीपीएल फ्लैटों के निकाले गए ड्रा में गड़बड़ी करने की शिकायत सीएम विंडों में लगाई गई है। शिकायत कर्ता अमित, हरिसिंह, बाबुलाल, मनोज आदि ने बताया कि हाउंसिंग बोर्ड हरियाणा के द्वारा निकाले गए प्राइवेट कलोनाईजर बीपीएल फ्लैट के लिए आवेदन मांगे थे और आवेदन करने की अंतिम तिथि 29 फरवरी 2020 थी। जिसमें उनके द्वारा फ्लैट के लिए आवेदन किया गया था। उन्होंने बताया कि उपरोक्त बीपीएल फ्लैटों का अलॉटमैंट का ड्रा 6 मार्च 2020 को किया गया है। जिसकी सूचना उन्हें एसएमएस के द्वारा 7 मार्च 2020 को प्राप्त हुई कि ड्रा हो चुका है। हरियाणा सरकार की बीपीएल पॉलिसी के पैरा 25.1 के अनुसार हाउसिंग बोर्ड हरियाणा को ड्रा करने की सूचना सार्वजनिक तौर पर तीन अखबारों में प्रकाशित करनी थी। जबकि ऐसा नहीं किया गया और हाउसिंग बोर्ड हरियाणा द्वारा खुल्ले तौर से उल्लंघन किया है और पॉलिसी के पैरा नम्बर 25.2 के अनुसा कुल फ्लैटों के 25 प्रतिशत प्रतीक्षा सूची जारी करनी थी जो कि जारी नहीं की गई। जिससे स्पष्ट होता है कि गलत तरीके से ड्रा निकाले गए है। वहीं ड्रा के बाद सफल उम्मीदवारों की सूचि देखने के बाद ऐसा लगता है कि कर्मचारियों की मिलीभगत से और सफल उम्मीदवारों से दुर्भीसंधि करते हुए फ्लैट दिए गए है। हाउसिंग बोर्ड हरियाणा की साईट पर उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर यह पाया गया है कि जीन्द जिले के बुटानी गांव के 26 लोगों को बीपीएल फ्लैट आबंटित किए गए है। जिससे संदेह होता कि उक्त फ्लैटों का ड्रा गलत तरीके से निकाला गया है और उपरोक्त सफल उम्मीदवारों की अग्रित राशि का भुगतान भी एक ही खाते से किया गया है। जबकि अन्य हजारों व्यक्तियों में से महज 2-4 लोगों को ही बीपीएल फ्लैट आबंटित किए गए है। उन्होंने कहा कि पात्र लोगों को बीपीएल प्लॉटों से वंचित किया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि बीपीएल फ्लैट सफल उम्मीदवारों से मिलकर तथा खुफिया तरीके से निकाले गए है और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया गया है। शिकायत कर्ताओं ने ड्रा को कैंसिल करके दोबारा से सभी उम्मीदवारों की उपस्थिति में ड्रा निकलवाने व इस धांधली में सम्लिप्त अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है।
होलिका दहन विभिन्न तरीकों से मनाया गया
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कनीना। कनीना क्षेत्र में होलिका दहन के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। मेले लगे तथा भंडारा भी आयोजित किया गया। कनीना के ज्योतिषाचार्य अरविंद जोशी के अनुसार करीब पौने सात बजे सोमवार को हालिका दहन किया जाना था वैसा ही किया गया।
विगत एक माह पूर्व से ही होलिका दहन डांडा गाडऩे की प्रथा से शुरू हो जाता है। यद्यपि इस बार होली के खेल, गीत एवं पर्व कम आयोजित किए गए किंतु होलिका दहन पर व्रत रखकर होलिका की पूजा अर्चना का कार्यक्रम दिनभर चलता रहा। होलिका दहन पर बाड़, कांटेदार झाडिय़ा एवं युद्ध में प्रयोग किए जाने वाले हथियारों के प्रतीक भी प्रयोग किए गए। दुलेंडी की सुबह फिर से होलिका दहन स्थल की पूजा की जाएगी तथा गाड़ा गया डांडा निकालकर संवत का पता लगाया जाएगा।
क्षेत्र में कई जगह होली के मेले आयोजित किए गए। कनीना के होलीवाला जोहड़ पर बसासत के वक्त से होली मनाई जाती आ रही है तथा जोहड़ का नाम भी होलीवाला जोहड़ रखा गया है। यहां पर होली का दिनभर मेला लगा तथा होलिका दहन स्थल पर पूजा अर्चना चलती रही। बाबूजी वेदप्रकाश द्वारा यहां पर सद्भावना बतौर पकवान खिलाने का कार्यक्रम दिनभर चलता रहा। विगत वर्ष होलिका दहन के दिन भी उन्होंने इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित किया था।
कनीना मंडी में भी होली मनाई गई। समीपी गांवों में भी होलिका दहन चला।
मान्यताएं-
होलिका दहन से पूर्व प्रह्लाद भक्त को बचाने के लिहाज से व्रत रखते हुए पूजा की जाती है ताकि प्रह्लाद भक्त बच जाए। आज भी वो पुरानी यादें लोगों के जीन में बसी हुई हैं। बताया जाता है कि जब प्रह्लाद भक्त बच गए और होलिका जल गई तो खुशी में रंगों का पर्व मनाया गया जो आज भी चला आ रहा है। होली से अगले दिन दुलेंडी खेली जाती है।
माना जाता है कि प्रह्लाद भक्त को मारने के लिए कितने ही लोगों के हाथों में हथियार थे जो होलिका दहन पर यह समझकर डाल दिए गए कि अब प्रह्लाद मर जाएगा। यह प्रथा आज भी चली आ रही है और गोबर के हथियार आग में डाले जाते हैं। इनको ढाल एवं बिड़ला आदि नाम से जाना जाता है। जब होलिका दहन किया जाता है तो कुछ औरतें उसे बूझा देती हैं। यह भी पुराने वक्त की याद ताजा कर रही है। आग बूझाने वाली औरतें प्रह्लाद को बचाने के पक्ष में थी जबकि आग लगाने वाला उन्हें जलाना चाहता था। आज भी कई मान्यताएं यूं की यूं चली आ रही हैं।
फोटो कैप्शन 9: होलिका दहन का नजारा।
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