कोरोनावायरस से बचने के लिए बरतें ऐतिहात
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कनीना। कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में आयोजित आशा वर्कर, एएनएम तथा अन्य कर्मियों की बैठक को संबोधित करते हुए कनीना के एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने कहा कि पूरे विश्व में कोरोनावायरस कोहराम मचा रहा है। इससे बचने का एकमात्र उपाय ऐतिहात बरतना है।कुछ सावधानियां हमें बरतनी चाहिए जिसके चलते इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि नियमित हाथों की सफाई करनी चाहिए, भीड़वाले स्थानों पर नहीं जाना चाहिए। मुंह पर मास्क लगाना चाहिए तभी इस वायरस से बचा जा सकता है।
उन्होंने लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया और कहा कि अपने अपने क्षेत्र में जो भी लोग मिलते हैं उन्हें जरूर जागरूक करना चाहिए ताकि इस रोग से और इस महामारी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि अभी तक इस रोग से बहुत से लोग सहमे हुए हैं। यदि वे नियमित सफाई नहीं कर रहे हो, हाथों को सेनीटाइजर से साफ नहीं कर रहे हो तथा जो भीड़ वाले क्षेत्रों में घूमते रहते हैं उन्हें जरूर डरना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय रहते इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। यदि किसी प्रकार की परेशानी सामने आती है तो तुरंत डाक्टरों से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बेहतर दर्जे के सैनिटाइजर प्रयोग करने मासिक प्रयोग करने की सलाह दी। इस अवसर पर एएनएम तथा आशा वर्कर द्वारा पूछे गए प्रश्नों के भी उन्होंने मौके पर ही उत्तर दिए और अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने की शपथ ली।
फोटो कैप्शन 6: आशा वर्कर तथा एएनएम को कोरोना वायरस की जानकारी देते हुए एसएमओ धर्मेंद्र यादव।
कोरोना वायरस से लडऩे के प्रबंध किए हैं अस्पताल में
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कनीना। कनीना के नागरिक अस्पताल में जहां नोवेल कोरोना वायरस से बचने के लिए तथा किसी प्रकार की आपातकाल होने के समय उप नागरिक अस्पताल में एक वार्ड बनाया गया है। 216 नंबर वार्ड कोरोना प्रभावित और संभावित लोगों की जांच के लिए यह वार्ड बनाया गया है।
इसकी जानकारी देते हुए एसएमओ डॉ धर्मेंद्र यादव ने बताया कि इस वार्ड में जहां सैनिटाइजर एवं मास्क आदि का प्रबंध किया गया है वहीं बेड की व्यवस्था की गई है। हालांकि अभी तक अस्पताल में बेड कम है किंतु माना जा रहा है कि भविष्य में और भी बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि फ्लू कार्नर बनाया गया है और आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है ताकि किसी आपातकाल के समय या संभावित वायरस से पीडि़त व्यक्ति को इस वार्ड में रखा जा सके और उसका समुचित इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा कि उनके तहत आने वाले सभी चिकित्सा केंद्रों को जहां पोस्टर, बैनर आदि का प्रबंध कर दिए गए हैं वहीं मास्क और सैनिटाइजर प्रबंध के आदेश दे दिए गए हैं ताकि इस रोग से हर हालात में दो-दो हाथ किए जा सके। उन्होंने कहा बताया कि कनीना के लिए आपातकाल नंबर भी दिए गए हैं ताकि आपातकाल नंबर पर संपर्क करके और कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी दी जा सकती है तथा किसी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहे तो पूछी जा सकती है।
उन्होंने अफवाह पर ध्यान नहीं देने की बात कही तथा आपातकाल नंबर 9416237 358 पर किसी प्रकार की जानकारी के लिए संपर्क करने की भी बात कही।
हर जगह चर्चा है कोरोना वायरस
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कनीना। कोरोना वायरस को लेकर के हर जगह चर्चा है। जहां स्कूल कालेजों का अवकाश घोषित किया हुआ है वहीं शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल कार्यालय में जाना पड़ रहा है। यही नहीं भीड़ वाले स्थानों पर लोग जाने से कतरा ने लगे हैं। बैठक वगैरह भी स्थगित कर दी गई हैं। मांस मीट की दुकानों पर बहुत कम लोग पहुंच रहे रहे हैं। यही नहीं जहां भी जाए लोग कोरोनावायरस पर चर्चा करते नजर आते हैं।
यद्यपि लोग जागरूक भी है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है किंतु एक दूसरे से जानकारी हासिल कर रहे हैं। व्हाट्सएप पर फेसबुक पर तो आए दिन कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
यहां तक कि लोग परेशान नजर आए कि आखिर इस वायरस से कैसे निपटा जा सके? उधर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां डॉक्टर और अन्य कर्मचारी मुस्तैदी से कार्य में लगे हुए हैं वहीं नए भवन में कार्यालय अस्पताल स्थानांतरित होने के बाद लोगों की भीड़ बढ़ गई है। भारी संख्या में मरीज पर्चियां बनवाते या दवाइयां लेते देखे गए। जहां बैठने की सुविधा कम हैं। ऐसे में लोगों की मांग उठने लगी है कि कनीना अस्पताल में पेशेंट पर्ची बनाने वाले तथा दवाइयां प्रदान करने वाले वार्डों के समक्ष बैठने के लिए, मरीजों के बैठने के लिए और कुर्सियों का प्रबंध किया जाए। डाक्टर भी मास्क लगाकर कार्य कर रहे हैं वहीं कुछ लोग भी अब तो मास्क लगाकर इधर-उधर घूमते देखे जा सकते हैं। पहली बार कोरोना के कारण हर जगह वस्तुएं, दुकानें, आनलाइन खरीद आदि प्रभावित होने लगी हैं। खाने-पीने की वस्तुओं में बहुत एहतियात बरत रहे हैं और इधर उधर से खाने-पीने की वस्तुएं भी नहीं खरीद रहे हैं।
पहली बार कोरोना वायरस से इतने अधिक बेचैन लोग नजर आए। लोगों का कहना है कि इस रोग कि जब तक कोई दवा न बन जाए तब तक उन्हें परेशानी झेलनी ही पड़ेगी।
फोटो कैप्शन 7: उप नागरिक अस्पताल में दवाएं लेते मरीज।
31 मार्च तक रहेगा वर्क सस्पेंड
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********************************* कनीना। बार एसोसिएशन कनीना की एक आपातकालीन बैठक प्रधान हरीश गाहड़ा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण के संबंध में बुलाई गई थी।
प्रधान ने कहा कि बार काउंसिल पंजाब एवं हरियाणा के आदेशानुसार अदालती कार्यों का 31 मार्च तक वर्क सस्पेंड रहेगा। केवल अर्जेंट कार्य बेल एवं स्टे आदि में अधिवक्ता अदालत में पेश होंगे तथा प्रशासन के आदेश अनुसार बार प्रधान ने सभी मुवक्किलों एवं अधिवक्ताओं से अनुरोध किया कि न्यायालय परिसर में भीड़ ना करके कम से कम समय में न्यायालय में अपना काम निपटारा न्यायिक परिसर को खाली रखें। प्रशासन के आदेश अनुसार महामारी के प्रकोप को देखते हुए 31 मार्च तक बार रूम भी बंद रहेगा।
डेढ़ लाख के काटे चालान
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कनीना। कनीना सिटी इंचार्ज गोविंद सिंह ने सोमवार तथा मंगलवार को वाहनों के चालान काटकर डेढ़ लाख रुपये के करीब राशि वसूली। विगत दिनों से इस प्रकार की गतिविधियां जारी है तथा भारी वाहनों तथा दुपहिया वाहनों जिनमें पटाखे छोडऩा आदि शामिल है कि चालान काटे जा रहे हैं। चालान काटे जाने के भय से दुपहिया वाहन चालक भी इधर उधर से वाहनों को दौड़ाते देखे गए।
परीक्षा केंद्रों पर देखी गई शक्ति
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कनीना। कनीना के परीक्षा केंद्रों पर मंगलवार को शक्ति देखी गई। जहां परीक्षा केंद्रों के बाहर हुड़दंग करने वालों की सिटी इंचार्ज गोविंद सिंह ने धरपकड़ की वही बाहृ हस्तक्षेप को पूर्ण रूप से रोका गया। उल्लेखनीय है कि विगत दिनों सेहलंग स्कूल का केंद्र कनीना के स्कूल में स्थापित किया गया है जिसके चलते दुकानों पर भीड़ तो देखी गई किंतु हस्तक्षेप नहीं था।
मार्किंग सेंटर बनाया जाए
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कनीना। कनीना उपमंडल स्तर पर मार्किंग सेंटर बनाने की मांग एक बार फिर से बलवती हो गई है। हर वर्ष यह मांग उठती है परंतु दफन हो जाती हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा मार्किंग सेंटर बनाए जाने की मांग बलवती हो रही है। वर्तमान में शिक्षक मार्किंग के लिए 20 किमी दूर जा रहे हैं जिससे धन एवं समय की बर्बादी हो रही हैं। कनीना मार्किंग सेंटर होने से सरकार को धन का लाभ होगा तथा शिक्षकों को दूर दराज नहीं जाना होगा।
अध्यापक नेता निर्मल शास्त्री ने कहा कि कनीना को उपमंडल का दर्जा दिया हुआ है। यहां पर मार्किंग सेंटर बनाना उचित होगा ताकि मार्किंग के लिए शिक्षकों को दूर दराज न जाना पड़ेगा जिससे सरकार का धन बचेगा वहीं शिक्षकों का समय बच पाएगा। अभी तक मार्किंग के लिए महेंद्रगढ़ जाना पड़ता है या फिर नारनौल जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अप्रैल मामह में मार्किंग शुरू होने के आसार बने हुए हैं।
जौ की खेती भूले किसान
-दो वर्षों से महज सौ हेक्टेयर में हुई बीजाई
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कनीना। किसान जौ की खेती कम होती जा रही है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष कनीना खंड के गांवों में महज एक सौ हेक्टेयर पर जौ उगाए गए हैं। जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्रयोग करते है। अब किसानों को पूजा के लिए या राबड़ी के लिए जौ खरीदकर लाने पड़ते हैं।
कभी कनीना खंड में हजारों एकड़ में जौ की खेती की जाती थी। जौ न केवल पूजा आदि बल्कि हवन आदि में भी काम आता हैं। जब नवरात्रे आते हैं या गर्मी में राबड़ी बनानी हो या फिर जौ चनी की रोटी खानी हो तो जौ याद आता है। होली पूजा में जौ भूने जाते हैं तो दूर दराज से ढूंढ ढूंढकर लाए गए।
होली के पर्व पर जहां जौ को भूनकर पूरा परिवार चखता है और तत्पश्चात ही लावणी की शुरुआत होती आ रही है। जब हवन कराना हो, गंगा स्नान करना हो,धानी बनवानी हो, सत्तू बनाने के लिए या राबड़ी एवं बीयर आदि की बात चलती है तो जौ याद आते हैं।
किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह एवं राजेंद्र सिंह ने बताया कि जौ की पैदावार तो बेहतर होती है तथा पानी की कम जरूरत होती है किंतु इसकी तूड़ी पशु नहीं खाते वहीं इसके रेट गेहूं की तुलना में कम हैं जिसके कारण जौ नहीं उगाया जाता है। एक जमाना था जब हर घर में जौ की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। अब जमाना लद गया है। जौ की खेती करना किसान भूल रहे हैं। 30 साल पहले जौ की अधिक खेती होती थी। पशुओं को भी जौ चारे के रूप में दिया जाता था। जौ की रोटी को खूब मजे से खाया जाता था जो सेहत के लिए अति लाभकारी मानी जाती थी। ठंडाई के रूप में राबड़ी खाता था किंतु अब जौ की बीयर पीने में उत्साह दर्शाते हैं और इसे बीयर से बनने वाला पेय बताते हैं।
उपमंडल कृषि अधिकारी डा अजय यादव ने बताया कि कनीना खंड में जौ की खेती एक सौ हेक्टेयर तो महेंद्रगढ़ खंड में 440 हेक्टेयर पर की गई है। अब सत्तू, धाणी, पूजाके लिए जौ तथा हवन आदि के लिए जौ बाजार से किसान खरीदते हैं।
कहावत है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। जौ उगाने का युग फिर से लौटकर आता नजर आता है। आज भी कुछ बुजुर्ग जौ को लाकर खाते हैं। दिनोंदिन राबड़ी की मांग बढ़ रही है। ठंडाई के रूप में राबड़ी को प्रति गिलास के हिसाब से बेचा भी जाता है। ऐसे में लगता है कि जौ की खेती आने वाले समय में फिर से हुआ करेगी।
फोटो कैप्शन 8: कनीना में जौ की खेती दिखाता किसान।
उत्तर पुस्तिकाएं कनीना में ही हो जमा
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कनीना। कनीना खंड में चल रही भिवानी बोर्ड की परीक्षाओं को नकल रहित बनाने के लिए एसडीएम रणबीर सिंह के निर्देश पर सोमवार को एसडीएम कार्यालय कनीना में 9 परीक्षा नियंत्रकों की बैठक ली गई। जिसमें एसडीएम कार्यालय से अधीक्षक सुरेंद्र व सुनील कुमार भी शामिल रहे।
वहीं परीक्षा केन्द्रों पर कानून व्यवस्था को लेकर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विकास कुमार भी मौके पर ही उपस्थित रहे। बैठक के दौरान एसडीएम रणबीर सिंह ने सभी कर्मचारियों को खंड में हो रही बोर्ड की परीक्षाओं पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के लिए सभी कर्मचारियों को सख्ती से अपनी ड्यूटी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर ड्यूटी देने वाले कर्मचारी सख्त होंगे तो परीक्षाओं में हो रही नकल को आसानी से रोका जा सकता है। वहीं बैठक को संबोधित करते हुए थानाध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि अगर कोई भी कर्मचारी व परीक्षार्थी नकल रोकने में हस्तक्षेप करता पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। वहीं केन्द्र अधीक्षकों की मांगों पर उन्होंने परीक्षा केंद्र के बाहर अतिरिक्त पुलिस लगाने का आश्वासन दिया। बैठक के दौरान परीक्षा नियंत्रकों ने एसएचओ विकास कुमार को बताया कि उन्हें परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जमा करवाने के लिए महेंद्रगढ़ पांच बजे से पहले पहुंचना होता है। लेकिन भारी ट्रैफिक व जाम होने की वजह से उनके सामने विकट समस्या बनी हुई है। उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं को कनीना में ही जमा करवाने का प्रावधान बनाए जाने की मांग की।
बैठक के बाद सोमवार को परीक्षा केन्द्रों पर काफी सख्ती देखी गई। सोमवार को कक्षा 12वीं का अंग्रेजी विषय का पेपर था। जिसको लेकर अधिकतर केन्द्रों पर विद्यार्थियों के जूते व जुराब निकलवाकर उन्हें परीक्षा के लिए बैठाया गया ताकि विद्यार्थी जूतों व जुराबों में नकल को रखकर कमरे के अन्दर न ले जा सके। सोमवार को कनीना खंड के परीक्षा केन्द्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा सम्पन्न हुई।
फोटो कैप्शन 4: बोर्ड की परीक्षाएं नकल रहित करने को लेकर आयोजित कनीना में एक बैठक।
बार एसोसिएशन कनीना के चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न
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कनीना। कनीना बार एसोसिएशन के चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न हुए। इस मौके पर योग और रामकुमार यादव करीरा तथा एपीओ राकेश मानपुरा की देखरेख में सभी चुनाव संपन्न हुए।
बार के सभी अधिवक्ताओं ने सर्वसम्मति से सभी पदाधिकारियों का निर्विरोध चुनाव किया जिनमें प्रधान पद के लिए राम अवतार कनीनवाल, उपप्रधान सुभाष शर्मा, सह सचिव कुलदीप यादव रामबास, सचिव योगेश कुमार गुप्ता तथा कोषाध्यक्ष मीनाक्षी यादव को चुना गया।
इस मौके पर आरएस यादव प्रधान ने कहा कि वे बार की सभी समस्याओं का समाधान सभी अधिवक्ताओं की सहमति से करेंगे। उन्होंने एकजुट होकर कार्य करने की अपील की।
फोटो कैप्शन 3: बार एसोसिएशन कनीना के चुने हुए प्रधान एवं अन्य।
कोरोना वायरस से सहमे हुए हैं लोग
- अंडे एवं मांस आदि की बिक्री घटी है
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां नोवेल कोरोनावायरस को लेकर के चिंतित है। लोग प्राय दिनभर कोरोनावायरस की चर्चाएं छेड़ते रहते हैं। यदि किसी को सामान्य सर्दी जुकाम भी लग जाता है तो उसे शंका की दृष्टि से देखने लग जाते हैं।
कोरोनावायरस ने जहां विश्व में बुरा प्रभाव डाला है वहीं इसे महामारी घोषित कर दिया है। अब लोग धीरे-धीरे इस रोग के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं। जहां मास का प्रयोग नहीं कर रहे हैं वही हाथ भी नहीं मिला रहे हैं। अक्सर इस रोग के प्रति जानकारी हासिल करते देखे गए हैं लेकिन इतना होते हुए भी कोई क्षेत्र में व्यापक प्रबंध नहीं किए गए हैं। कोरोना वायरस का नाम लेते ही जहां लोग सचेत हो जाते हैं वहीं स्कूल कालेजों की 31 मार्च तक छुट्टियां घोषित कर रखी है। अब केवल पेपर देने के लिए विद्यार्थी स्कूलों में आ रहे हैं। जहां हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है वही सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी जारी है कक्षा 1 से 8 तक परीक्षाएं 17 मार्च से शुरू हो रही है। ऐसे में विद्यार्थी परीक्षा देने जरूर आ रहे हैं किंतु कोरोनावायरस से उन्होंने जगह-जगह जागरूक किया जा रहा है।
इस रोग से सावधानी से ही बचा जा सकता है।
कनीना कस्बे के जसवंत सिंह का कहना है कि रोग चाहे कहीं से भी आया हो लेकिन इस वक्त हमें ऐतिहात की जरूरत है। मास्क आदि का प्रयोग करके तथा हाथों को नियमित साफ करके ही हम इस रोग से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस रोग से डरना भी नहीं चाहिए किंतु सचेत जरूर रहना चाहिए। थोड़ी सी असावधानी इस रोग का कारण हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम नमस्ते के स्थान पर हाथ मिलाते आ रहे हैं उस हाथ मिलाने का प्रचलन बंद कर देना चाहिए। उनका कहना है कि रोग से बचने के लिए हर प्रकार की सावधानी जैसे हाथों को धोना नाक को बार बार हाथ न लगाना आदि बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
सुनील कुमार का कहना है कि स्कूलों और कालेजों को 31 मार्च तक इसलिए बंद कर दिया है कि वे भीड़ वाली स्थान बन जाते हैं। भीड़ में जहां रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस से बचने के लिए जहां अलग-अलग बातें बताई जा रही है वहीं उन्होंने शुद्ध सात्विक भोजन करने, हाथों को नियमित धोने, खांसी जुकाम, बुखार आदि होने पर डॉक्टर की सलाह लेने की बात कही। उनका कहना है कि इस रोग से अब तो दो-दो हाथ करने जरूरी हो गए हैं।
मुकेश नंबरदार का कहना है किस रोग में शुद्ध शाकाहारी भोजन प्रयोग करना चाहिए। उनका कहना है कि माना जा रहा है कि यह रोग मांसाहारी लोगों से शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में पहले ही मांसाहारी लोग कम है। ऐसे में उन्होंने मांस अंडे आदि नहीं प्रयोग करने की सलाह दी। उनका कहना है कि यदि रोग से बचना है तो शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए।
महेंद्र शर्मा का कहना है कि रोग घातक है किंतु इसका यह अर्थ यह नहीं किसका मुकाबला नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतनी चाहिए। इसी सावधानी बरतने से ही इंसान रोगों से बच सकता है। उन्होंने कहा कि मास्क प्रयोग करनी चाहिए और मास्क एकमात्र रोग से बचने का बेहतर जरिया है। उन्होंने बताया कि आंतों को बेहतरीन हैंडवाश प्रयोग करना चाहिए। शरीर एवं हाथों की नियमित सफाई करनी चाहिए। इस रोग से बचने के लिए हाथ नहीं मिलाने चाहिए। अगर कोई नजर आए तो उससे बचने की सलाह दी।
उधर डॉ वेद प्रकाश का कहना है कि रोग अति घातक है जिसकी कोई विशेष औषधि या नहीं बनी है। इसलिए उन्होंने इस रोग से बचने का तरीका सावधानी बेहतर बताया। उनका कहना है कि सावधानी बरतने से इंसान इस रोग से बच सकता है। नियमित हाथों को धोना, शरीर के अंगों को बार-बार न छूना, सर्दी जुकाम, बुखार, खांसी आदि होते ही डॉक्टर की सलाह लेने की बात कही। मास्क प्रयोग करने पर बल दिया।
फोटो कैप्शन :जसवंत सिंह बबलू, मुकेश नंबरदार, महेंद्र शर्मा, सुनील कुमार तथा डॉ वेदप्रकाश
18 मार्च मेला-
विशाल मेला लग रहा है शीतला माता का
-बाल उतरवाने की प्रथा पूर्ण की जाती है
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कनीना। कनीना से मात्र छह किमी दूर गांव बव्वा में शीतला माता अपने भक्तों के कष्ट हरने वाली तथा सबकी मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी है। यहां न केवल बाल उतरवाने की रस्म पूरी की जाती है अपितु गठजोड़े की जात भी दी जाती है। बासौड़ा पर्व पर दूर दराज से भक्तजन आकर यहां प्रसाद चढ़ाते और माता के नाम की मिट्टी छांटते हैं। यहां बुधवार 18 मार्च को विशाल मेला लगता है जिसे माता मेला, गुडग़ांव वाली माता मेला नाम से जाना जाता है। यह मेला आगामी तीन सप्ताह पडऩे वाले बुधवारों को लगेगा।
यूं तो प्रमुख रूप से चार शीतला माताएं प्रसिद्ध मानी गई हैं जिनमें से प्रथम गुडग़ांव स्थित शीतला माता तत्पश्चात महेंद्रगढ़ व घड़ी महासर व अंतिम बव्वा की माता हैं। बव्वा की माता तो आस पास के करीब 60 गांवों में माता की मान्यता है और गहन आस्था है। इस गांव से चाहे कोई कितनी ही दूर क्यों न बैठा हो किंतु इस बासौड़ा पर्व पर यहां आकर जरूर धोक लगाता है। वैसे तो प्रत्येक बुधवार को यहां तांता लगा रहता है किंतु होली के बाद आने वाले पहले बुधवार को सबसे अधिक भीड़ लगती है जिसे बासोड़ा मेला नाम से जाना जाता है। इसके बाद दूसरे बुधवार को कम तथा तीसरे बुधवार को और भी कम भीड़ मिलती है।
सुरेंद्र कुमार्र, सीटू, सुदेश यदव ने बताया कि जब से गांव बसा है तभी से यहां की माता की पूजा अर्चना की जाती रही है। प्रारंभ में यहां माता का भव्य मंदिर नहीं था महज एक जाट या खेजड़ी या शमी के पेड़ के नीचे मंढी बनी हुई थी जहां माता की पूजा होती थी। इस मंढ़ी के सामने ही दूसरी मंढ़ी थी जिसे शीतला माता नाम से पुकारते थे। अब इन दोनों माताओं बुध माता एवं शीतला माता का एक भव्य मंदिर है जो दूर से ही भक्तों को आकर्षित करता है। मंदिर के पास ही एक जोहड़ है जहां से भक्तजन मिट्टी छांटकर माता की जय के नारे लगाते हैं।
भव्य मंदिर करीब आठ वर्षों पहले माता भवन निर्माण समिति के तत्वावधान में करवाया गया है। इस भव्य मंदिर में माता की मूर्ति विराजमान है जहां लोग बासौड़ा पर्व पर आकर तीयल, नारियल एवं प्रसाद चढ़ाते हैं बच्चा जन्म लेता है उसके बाल उतरवाने का भी रिवाज चला आ रहा है। बासौड़ा पर्व पर भक्तजन अपने बच्चे के बाल उतरवाने यहां आते हैं और बाल उतरवाने की परंपरा पूर्ण करते हैं। नव विवाहित वर-वधु भी यहां आकर गठजोड़े की जात देते हैं अर्थात नव विवाहित वर एवं वधू माता के यहां आकर आशीर्वाद पाते हैं। वर्षों से यह प्रथा चली आ रही है।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि चेचक रोग में माता शीतला के यहां पूजा अर्चना करने से चेचक रोग से राहत मिलती है और बासी भोजन खाया जाता है। गांव के राजीव सुलतानिया का कहना है कि क्षेत्र का यह सबसे बड़ी भीड़ वाला मेला होता है।
फोटो कैप्शन 1: गांव बव्वा का शीतला मंदिर जहां मेला लगने जा रहा है।
2: मंदिर का भव्य द्वार।
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कनीना। कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में आयोजित आशा वर्कर, एएनएम तथा अन्य कर्मियों की बैठक को संबोधित करते हुए कनीना के एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने कहा कि पूरे विश्व में कोरोनावायरस कोहराम मचा रहा है। इससे बचने का एकमात्र उपाय ऐतिहात बरतना है।कुछ सावधानियां हमें बरतनी चाहिए जिसके चलते इस रोग से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि नियमित हाथों की सफाई करनी चाहिए, भीड़वाले स्थानों पर नहीं जाना चाहिए। मुंह पर मास्क लगाना चाहिए तभी इस वायरस से बचा जा सकता है।
उन्होंने लोगों को जागरूक करने का आह्वान किया और कहा कि अपने अपने क्षेत्र में जो भी लोग मिलते हैं उन्हें जरूर जागरूक करना चाहिए ताकि इस रोग से और इस महामारी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि अभी तक इस रोग से बहुत से लोग सहमे हुए हैं। यदि वे नियमित सफाई नहीं कर रहे हो, हाथों को सेनीटाइजर से साफ नहीं कर रहे हो तथा जो भीड़ वाले क्षेत्रों में घूमते रहते हैं उन्हें जरूर डरना चाहिए। उन्होंने कहा कि समय रहते इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है। यदि किसी प्रकार की परेशानी सामने आती है तो तुरंत डाक्टरों से संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बेहतर दर्जे के सैनिटाइजर प्रयोग करने मासिक प्रयोग करने की सलाह दी। इस अवसर पर एएनएम तथा आशा वर्कर द्वारा पूछे गए प्रश्नों के भी उन्होंने मौके पर ही उत्तर दिए और अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करने की शपथ ली।
फोटो कैप्शन 6: आशा वर्कर तथा एएनएम को कोरोना वायरस की जानकारी देते हुए एसएमओ धर्मेंद्र यादव।
कोरोना वायरस से लडऩे के प्रबंध किए हैं अस्पताल में
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कनीना। कनीना के नागरिक अस्पताल में जहां नोवेल कोरोना वायरस से बचने के लिए तथा किसी प्रकार की आपातकाल होने के समय उप नागरिक अस्पताल में एक वार्ड बनाया गया है। 216 नंबर वार्ड कोरोना प्रभावित और संभावित लोगों की जांच के लिए यह वार्ड बनाया गया है।
इसकी जानकारी देते हुए एसएमओ डॉ धर्मेंद्र यादव ने बताया कि इस वार्ड में जहां सैनिटाइजर एवं मास्क आदि का प्रबंध किया गया है वहीं बेड की व्यवस्था की गई है। हालांकि अभी तक अस्पताल में बेड कम है किंतु माना जा रहा है कि भविष्य में और भी बेड की व्यवस्था कर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि फ्लू कार्नर बनाया गया है और आइसोलेशन वार्ड की व्यवस्था की गई है ताकि किसी आपातकाल के समय या संभावित वायरस से पीडि़त व्यक्ति को इस वार्ड में रखा जा सके और उसका समुचित इलाज किया जा सके। उन्होंने कहा कि उनके तहत आने वाले सभी चिकित्सा केंद्रों को जहां पोस्टर, बैनर आदि का प्रबंध कर दिए गए हैं वहीं मास्क और सैनिटाइजर प्रबंध के आदेश दे दिए गए हैं ताकि इस रोग से हर हालात में दो-दो हाथ किए जा सके। उन्होंने कहा बताया कि कनीना के लिए आपातकाल नंबर भी दिए गए हैं ताकि आपातकाल नंबर पर संपर्क करके और कोरोना वायरस से संबंधित जानकारी दी जा सकती है तथा किसी प्रकार की जानकारी हासिल करना चाहे तो पूछी जा सकती है।
उन्होंने अफवाह पर ध्यान नहीं देने की बात कही तथा आपातकाल नंबर 9416237 358 पर किसी प्रकार की जानकारी के लिए संपर्क करने की भी बात कही।
हर जगह चर्चा है कोरोना वायरस
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कनीना। कोरोना वायरस को लेकर के हर जगह चर्चा है। जहां स्कूल कालेजों का अवकाश घोषित किया हुआ है वहीं शिक्षकों और कर्मचारियों को स्कूल कार्यालय में जाना पड़ रहा है। यही नहीं भीड़ वाले स्थानों पर लोग जाने से कतरा ने लगे हैं। बैठक वगैरह भी स्थगित कर दी गई हैं। मांस मीट की दुकानों पर बहुत कम लोग पहुंच रहे रहे हैं। यही नहीं जहां भी जाए लोग कोरोनावायरस पर चर्चा करते नजर आते हैं।
यद्यपि लोग जागरूक भी है। लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है किंतु एक दूसरे से जानकारी हासिल कर रहे हैं। व्हाट्सएप पर फेसबुक पर तो आए दिन कोरोनावायरस के सबसे ज्यादा जानकारी उपलब्ध कराई जा रही हैं।
यहां तक कि लोग परेशान नजर आए कि आखिर इस वायरस से कैसे निपटा जा सके? उधर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां डॉक्टर और अन्य कर्मचारी मुस्तैदी से कार्य में लगे हुए हैं वहीं नए भवन में कार्यालय अस्पताल स्थानांतरित होने के बाद लोगों की भीड़ बढ़ गई है। भारी संख्या में मरीज पर्चियां बनवाते या दवाइयां लेते देखे गए। जहां बैठने की सुविधा कम हैं। ऐसे में लोगों की मांग उठने लगी है कि कनीना अस्पताल में पेशेंट पर्ची बनाने वाले तथा दवाइयां प्रदान करने वाले वार्डों के समक्ष बैठने के लिए, मरीजों के बैठने के लिए और कुर्सियों का प्रबंध किया जाए। डाक्टर भी मास्क लगाकर कार्य कर रहे हैं वहीं कुछ लोग भी अब तो मास्क लगाकर इधर-उधर घूमते देखे जा सकते हैं। पहली बार कोरोना के कारण हर जगह वस्तुएं, दुकानें, आनलाइन खरीद आदि प्रभावित होने लगी हैं। खाने-पीने की वस्तुओं में बहुत एहतियात बरत रहे हैं और इधर उधर से खाने-पीने की वस्तुएं भी नहीं खरीद रहे हैं।
पहली बार कोरोना वायरस से इतने अधिक बेचैन लोग नजर आए। लोगों का कहना है कि इस रोग कि जब तक कोई दवा न बन जाए तब तक उन्हें परेशानी झेलनी ही पड़ेगी।
फोटो कैप्शन 7: उप नागरिक अस्पताल में दवाएं लेते मरीज।
31 मार्च तक रहेगा वर्क सस्पेंड
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********************************* कनीना। बार एसोसिएशन कनीना की एक आपातकालीन बैठक प्रधान हरीश गाहड़ा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण के संबंध में बुलाई गई थी।
प्रधान ने कहा कि बार काउंसिल पंजाब एवं हरियाणा के आदेशानुसार अदालती कार्यों का 31 मार्च तक वर्क सस्पेंड रहेगा। केवल अर्जेंट कार्य बेल एवं स्टे आदि में अधिवक्ता अदालत में पेश होंगे तथा प्रशासन के आदेश अनुसार बार प्रधान ने सभी मुवक्किलों एवं अधिवक्ताओं से अनुरोध किया कि न्यायालय परिसर में भीड़ ना करके कम से कम समय में न्यायालय में अपना काम निपटारा न्यायिक परिसर को खाली रखें। प्रशासन के आदेश अनुसार महामारी के प्रकोप को देखते हुए 31 मार्च तक बार रूम भी बंद रहेगा।
डेढ़ लाख के काटे चालान
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कनीना। कनीना सिटी इंचार्ज गोविंद सिंह ने सोमवार तथा मंगलवार को वाहनों के चालान काटकर डेढ़ लाख रुपये के करीब राशि वसूली। विगत दिनों से इस प्रकार की गतिविधियां जारी है तथा भारी वाहनों तथा दुपहिया वाहनों जिनमें पटाखे छोडऩा आदि शामिल है कि चालान काटे जा रहे हैं। चालान काटे जाने के भय से दुपहिया वाहन चालक भी इधर उधर से वाहनों को दौड़ाते देखे गए।
परीक्षा केंद्रों पर देखी गई शक्ति
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कनीना। कनीना के परीक्षा केंद्रों पर मंगलवार को शक्ति देखी गई। जहां परीक्षा केंद्रों के बाहर हुड़दंग करने वालों की सिटी इंचार्ज गोविंद सिंह ने धरपकड़ की वही बाहृ हस्तक्षेप को पूर्ण रूप से रोका गया। उल्लेखनीय है कि विगत दिनों सेहलंग स्कूल का केंद्र कनीना के स्कूल में स्थापित किया गया है जिसके चलते दुकानों पर भीड़ तो देखी गई किंतु हस्तक्षेप नहीं था।
मार्किंग सेंटर बनाया जाए
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कनीना। कनीना उपमंडल स्तर पर मार्किंग सेंटर बनाने की मांग एक बार फिर से बलवती हो गई है। हर वर्ष यह मांग उठती है परंतु दफन हो जाती हैं। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा मार्किंग सेंटर बनाए जाने की मांग बलवती हो रही है। वर्तमान में शिक्षक मार्किंग के लिए 20 किमी दूर जा रहे हैं जिससे धन एवं समय की बर्बादी हो रही हैं। कनीना मार्किंग सेंटर होने से सरकार को धन का लाभ होगा तथा शिक्षकों को दूर दराज नहीं जाना होगा।
अध्यापक नेता निर्मल शास्त्री ने कहा कि कनीना को उपमंडल का दर्जा दिया हुआ है। यहां पर मार्किंग सेंटर बनाना उचित होगा ताकि मार्किंग के लिए शिक्षकों को दूर दराज न जाना पड़ेगा जिससे सरकार का धन बचेगा वहीं शिक्षकों का समय बच पाएगा। अभी तक मार्किंग के लिए महेंद्रगढ़ जाना पड़ता है या फिर नारनौल जाना पड़ता है। उन्होंने बताया कि अप्रैल मामह में मार्किंग शुरू होने के आसार बने हुए हैं।
जौ की खेती भूले किसान
-दो वर्षों से महज सौ हेक्टेयर में हुई बीजाई
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कनीना। किसान जौ की खेती कम होती जा रही है। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष कनीना खंड के गांवों में महज एक सौ हेक्टेयर पर जौ उगाए गए हैं। जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्रयोग करते है। अब किसानों को पूजा के लिए या राबड़ी के लिए जौ खरीदकर लाने पड़ते हैं।
कभी कनीना खंड में हजारों एकड़ में जौ की खेती की जाती थी। जौ न केवल पूजा आदि बल्कि हवन आदि में भी काम आता हैं। जब नवरात्रे आते हैं या गर्मी में राबड़ी बनानी हो या फिर जौ चनी की रोटी खानी हो तो जौ याद आता है। होली पूजा में जौ भूने जाते हैं तो दूर दराज से ढूंढ ढूंढकर लाए गए।
होली के पर्व पर जहां जौ को भूनकर पूरा परिवार चखता है और तत्पश्चात ही लावणी की शुरुआत होती आ रही है। जब हवन कराना हो, गंगा स्नान करना हो,धानी बनवानी हो, सत्तू बनाने के लिए या राबड़ी एवं बीयर आदि की बात चलती है तो जौ याद आते हैं।
किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह एवं राजेंद्र सिंह ने बताया कि जौ की पैदावार तो बेहतर होती है तथा पानी की कम जरूरत होती है किंतु इसकी तूड़ी पशु नहीं खाते वहीं इसके रेट गेहूं की तुलना में कम हैं जिसके कारण जौ नहीं उगाया जाता है। एक जमाना था जब हर घर में जौ की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। अब जमाना लद गया है। जौ की खेती करना किसान भूल रहे हैं। 30 साल पहले जौ की अधिक खेती होती थी। पशुओं को भी जौ चारे के रूप में दिया जाता था। जौ की रोटी को खूब मजे से खाया जाता था जो सेहत के लिए अति लाभकारी मानी जाती थी। ठंडाई के रूप में राबड़ी खाता था किंतु अब जौ की बीयर पीने में उत्साह दर्शाते हैं और इसे बीयर से बनने वाला पेय बताते हैं।
उपमंडल कृषि अधिकारी डा अजय यादव ने बताया कि कनीना खंड में जौ की खेती एक सौ हेक्टेयर तो महेंद्रगढ़ खंड में 440 हेक्टेयर पर की गई है। अब सत्तू, धाणी, पूजाके लिए जौ तथा हवन आदि के लिए जौ बाजार से किसान खरीदते हैं।
कहावत है कि इतिहास अपने आप को दोहराता है। जौ उगाने का युग फिर से लौटकर आता नजर आता है। आज भी कुछ बुजुर्ग जौ को लाकर खाते हैं। दिनोंदिन राबड़ी की मांग बढ़ रही है। ठंडाई के रूप में राबड़ी को प्रति गिलास के हिसाब से बेचा भी जाता है। ऐसे में लगता है कि जौ की खेती आने वाले समय में फिर से हुआ करेगी।
फोटो कैप्शन 8: कनीना में जौ की खेती दिखाता किसान।
उत्तर पुस्तिकाएं कनीना में ही हो जमा
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कनीना। कनीना खंड में चल रही भिवानी बोर्ड की परीक्षाओं को नकल रहित बनाने के लिए एसडीएम रणबीर सिंह के निर्देश पर सोमवार को एसडीएम कार्यालय कनीना में 9 परीक्षा नियंत्रकों की बैठक ली गई। जिसमें एसडीएम कार्यालय से अधीक्षक सुरेंद्र व सुनील कुमार भी शामिल रहे।
वहीं परीक्षा केन्द्रों पर कानून व्यवस्था को लेकर थाना प्रभारी इंस्पेक्टर विकास कुमार भी मौके पर ही उपस्थित रहे। बैठक के दौरान एसडीएम रणबीर सिंह ने सभी कर्मचारियों को खंड में हो रही बोर्ड की परीक्षाओं पर पूर्ण रूप से अंकुश लगाने के लिए सभी कर्मचारियों को सख्ती से अपनी ड्यूटी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अगर ड्यूटी देने वाले कर्मचारी सख्त होंगे तो परीक्षाओं में हो रही नकल को आसानी से रोका जा सकता है। वहीं बैठक को संबोधित करते हुए थानाध्यक्ष विकास कुमार ने कहा कि अगर कोई भी कर्मचारी व परीक्षार्थी नकल रोकने में हस्तक्षेप करता पाया गया तो उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज होगी। वहीं केन्द्र अधीक्षकों की मांगों पर उन्होंने परीक्षा केंद्र के बाहर अतिरिक्त पुलिस लगाने का आश्वासन दिया। बैठक के दौरान परीक्षा नियंत्रकों ने एसएचओ विकास कुमार को बताया कि उन्हें परीक्षा की उत्तर पुस्तिका जमा करवाने के लिए महेंद्रगढ़ पांच बजे से पहले पहुंचना होता है। लेकिन भारी ट्रैफिक व जाम होने की वजह से उनके सामने विकट समस्या बनी हुई है। उन्होंने उत्तर पुस्तिकाओं को कनीना में ही जमा करवाने का प्रावधान बनाए जाने की मांग की।
बैठक के बाद सोमवार को परीक्षा केन्द्रों पर काफी सख्ती देखी गई। सोमवार को कक्षा 12वीं का अंग्रेजी विषय का पेपर था। जिसको लेकर अधिकतर केन्द्रों पर विद्यार्थियों के जूते व जुराब निकलवाकर उन्हें परीक्षा के लिए बैठाया गया ताकि विद्यार्थी जूतों व जुराबों में नकल को रखकर कमरे के अन्दर न ले जा सके। सोमवार को कनीना खंड के परीक्षा केन्द्रों पर शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षा सम्पन्न हुई।
फोटो कैप्शन 4: बोर्ड की परीक्षाएं नकल रहित करने को लेकर आयोजित कनीना में एक बैठक।
बार एसोसिएशन कनीना के चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न
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कनीना। कनीना बार एसोसिएशन के चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न हुए। इस मौके पर योग और रामकुमार यादव करीरा तथा एपीओ राकेश मानपुरा की देखरेख में सभी चुनाव संपन्न हुए।
बार के सभी अधिवक्ताओं ने सर्वसम्मति से सभी पदाधिकारियों का निर्विरोध चुनाव किया जिनमें प्रधान पद के लिए राम अवतार कनीनवाल, उपप्रधान सुभाष शर्मा, सह सचिव कुलदीप यादव रामबास, सचिव योगेश कुमार गुप्ता तथा कोषाध्यक्ष मीनाक्षी यादव को चुना गया।
इस मौके पर आरएस यादव प्रधान ने कहा कि वे बार की सभी समस्याओं का समाधान सभी अधिवक्ताओं की सहमति से करेंगे। उन्होंने एकजुट होकर कार्य करने की अपील की।
फोटो कैप्शन 3: बार एसोसिएशन कनीना के चुने हुए प्रधान एवं अन्य।
कोरोना वायरस से सहमे हुए हैं लोग
- अंडे एवं मांस आदि की बिक्री घटी है
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां नोवेल कोरोनावायरस को लेकर के चिंतित है। लोग प्राय दिनभर कोरोनावायरस की चर्चाएं छेड़ते रहते हैं। यदि किसी को सामान्य सर्दी जुकाम भी लग जाता है तो उसे शंका की दृष्टि से देखने लग जाते हैं।
कोरोनावायरस ने जहां विश्व में बुरा प्रभाव डाला है वहीं इसे महामारी घोषित कर दिया है। अब लोग धीरे-धीरे इस रोग के प्रति जागरूक होते जा रहे हैं। जहां मास का प्रयोग नहीं कर रहे हैं वही हाथ भी नहीं मिला रहे हैं। अक्सर इस रोग के प्रति जानकारी हासिल करते देखे गए हैं लेकिन इतना होते हुए भी कोई क्षेत्र में व्यापक प्रबंध नहीं किए गए हैं। कोरोना वायरस का नाम लेते ही जहां लोग सचेत हो जाते हैं वहीं स्कूल कालेजों की 31 मार्च तक छुट्टियां घोषित कर रखी है। अब केवल पेपर देने के लिए विद्यार्थी स्कूलों में आ रहे हैं। जहां हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं चल रही है वही सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं भी जारी है कक्षा 1 से 8 तक परीक्षाएं 17 मार्च से शुरू हो रही है। ऐसे में विद्यार्थी परीक्षा देने जरूर आ रहे हैं किंतु कोरोनावायरस से उन्होंने जगह-जगह जागरूक किया जा रहा है।
इस रोग से सावधानी से ही बचा जा सकता है।
कनीना कस्बे के जसवंत सिंह का कहना है कि रोग चाहे कहीं से भी आया हो लेकिन इस वक्त हमें ऐतिहात की जरूरत है। मास्क आदि का प्रयोग करके तथा हाथों को नियमित साफ करके ही हम इस रोग से बच सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस रोग से डरना भी नहीं चाहिए किंतु सचेत जरूर रहना चाहिए। थोड़ी सी असावधानी इस रोग का कारण हो सकती है। उन्होंने कहा कि हम नमस्ते के स्थान पर हाथ मिलाते आ रहे हैं उस हाथ मिलाने का प्रचलन बंद कर देना चाहिए। उनका कहना है कि रोग से बचने के लिए हर प्रकार की सावधानी जैसे हाथों को धोना नाक को बार बार हाथ न लगाना आदि बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
सुनील कुमार का कहना है कि स्कूलों और कालेजों को 31 मार्च तक इसलिए बंद कर दिया है कि वे भीड़ वाली स्थान बन जाते हैं। भीड़ में जहां रोग लगने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस से बचने के लिए जहां अलग-अलग बातें बताई जा रही है वहीं उन्होंने शुद्ध सात्विक भोजन करने, हाथों को नियमित धोने, खांसी जुकाम, बुखार आदि होने पर डॉक्टर की सलाह लेने की बात कही। उनका कहना है कि इस रोग से अब तो दो-दो हाथ करने जरूरी हो गए हैं।
मुकेश नंबरदार का कहना है किस रोग में शुद्ध शाकाहारी भोजन प्रयोग करना चाहिए। उनका कहना है कि माना जा रहा है कि यह रोग मांसाहारी लोगों से शुरुआत हुई। उन्होंने कहा कि भारत जैसे देश में पहले ही मांसाहारी लोग कम है। ऐसे में उन्होंने मांस अंडे आदि नहीं प्रयोग करने की सलाह दी। उनका कहना है कि यदि रोग से बचना है तो शुद्ध शाकाहारी भोजन करना चाहिए।
महेंद्र शर्मा का कहना है कि रोग घातक है किंतु इसका यह अर्थ यह नहीं किसका मुकाबला नहीं किया जाए। उन्होंने कहा कि सावधानी बरतनी चाहिए। इसी सावधानी बरतने से ही इंसान रोगों से बच सकता है। उन्होंने कहा कि मास्क प्रयोग करनी चाहिए और मास्क एकमात्र रोग से बचने का बेहतर जरिया है। उन्होंने बताया कि आंतों को बेहतरीन हैंडवाश प्रयोग करना चाहिए। शरीर एवं हाथों की नियमित सफाई करनी चाहिए। इस रोग से बचने के लिए हाथ नहीं मिलाने चाहिए। अगर कोई नजर आए तो उससे बचने की सलाह दी।
उधर डॉ वेद प्रकाश का कहना है कि रोग अति घातक है जिसकी कोई विशेष औषधि या नहीं बनी है। इसलिए उन्होंने इस रोग से बचने का तरीका सावधानी बेहतर बताया। उनका कहना है कि सावधानी बरतने से इंसान इस रोग से बच सकता है। नियमित हाथों को धोना, शरीर के अंगों को बार-बार न छूना, सर्दी जुकाम, बुखार, खांसी आदि होते ही डॉक्टर की सलाह लेने की बात कही। मास्क प्रयोग करने पर बल दिया।
फोटो कैप्शन :जसवंत सिंह बबलू, मुकेश नंबरदार, महेंद्र शर्मा, सुनील कुमार तथा डॉ वेदप्रकाश
18 मार्च मेला-
विशाल मेला लग रहा है शीतला माता का
-बाल उतरवाने की प्रथा पूर्ण की जाती है
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कनीना। कनीना से मात्र छह किमी दूर गांव बव्वा में शीतला माता अपने भक्तों के कष्ट हरने वाली तथा सबकी मनोकामना पूर्ण करने वाली देवी है। यहां न केवल बाल उतरवाने की रस्म पूरी की जाती है अपितु गठजोड़े की जात भी दी जाती है। बासौड़ा पर्व पर दूर दराज से भक्तजन आकर यहां प्रसाद चढ़ाते और माता के नाम की मिट्टी छांटते हैं। यहां बुधवार 18 मार्च को विशाल मेला लगता है जिसे माता मेला, गुडग़ांव वाली माता मेला नाम से जाना जाता है। यह मेला आगामी तीन सप्ताह पडऩे वाले बुधवारों को लगेगा।
यूं तो प्रमुख रूप से चार शीतला माताएं प्रसिद्ध मानी गई हैं जिनमें से प्रथम गुडग़ांव स्थित शीतला माता तत्पश्चात महेंद्रगढ़ व घड़ी महासर व अंतिम बव्वा की माता हैं। बव्वा की माता तो आस पास के करीब 60 गांवों में माता की मान्यता है और गहन आस्था है। इस गांव से चाहे कोई कितनी ही दूर क्यों न बैठा हो किंतु इस बासौड़ा पर्व पर यहां आकर जरूर धोक लगाता है। वैसे तो प्रत्येक बुधवार को यहां तांता लगा रहता है किंतु होली के बाद आने वाले पहले बुधवार को सबसे अधिक भीड़ लगती है जिसे बासोड़ा मेला नाम से जाना जाता है। इसके बाद दूसरे बुधवार को कम तथा तीसरे बुधवार को और भी कम भीड़ मिलती है।
सुरेंद्र कुमार्र, सीटू, सुदेश यदव ने बताया कि जब से गांव बसा है तभी से यहां की माता की पूजा अर्चना की जाती रही है। प्रारंभ में यहां माता का भव्य मंदिर नहीं था महज एक जाट या खेजड़ी या शमी के पेड़ के नीचे मंढी बनी हुई थी जहां माता की पूजा होती थी। इस मंढ़ी के सामने ही दूसरी मंढ़ी थी जिसे शीतला माता नाम से पुकारते थे। अब इन दोनों माताओं बुध माता एवं शीतला माता का एक भव्य मंदिर है जो दूर से ही भक्तों को आकर्षित करता है। मंदिर के पास ही एक जोहड़ है जहां से भक्तजन मिट्टी छांटकर माता की जय के नारे लगाते हैं।
भव्य मंदिर करीब आठ वर्षों पहले माता भवन निर्माण समिति के तत्वावधान में करवाया गया है। इस भव्य मंदिर में माता की मूर्ति विराजमान है जहां लोग बासौड़ा पर्व पर आकर तीयल, नारियल एवं प्रसाद चढ़ाते हैं बच्चा जन्म लेता है उसके बाल उतरवाने का भी रिवाज चला आ रहा है। बासौड़ा पर्व पर भक्तजन अपने बच्चे के बाल उतरवाने यहां आते हैं और बाल उतरवाने की परंपरा पूर्ण करते हैं। नव विवाहित वर-वधु भी यहां आकर गठजोड़े की जात देते हैं अर्थात नव विवाहित वर एवं वधू माता के यहां आकर आशीर्वाद पाते हैं। वर्षों से यह प्रथा चली आ रही है।
गांव के बुजुर्ग बताते हैं कि चेचक रोग में माता शीतला के यहां पूजा अर्चना करने से चेचक रोग से राहत मिलती है और बासी भोजन खाया जाता है। गांव के राजीव सुलतानिया का कहना है कि क्षेत्र का यह सबसे बड़ी भीड़ वाला मेला होता है।
फोटो कैप्शन 1: गांव बव्वा का शीतला मंदिर जहां मेला लगने जा रहा है।
2: मंदिर का भव्य द्वार।
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