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Friday, July 31, 2020
बारिश से गाहडा गांव की सड़क पर भरा पानी, आवागमन में लोगों को हो रही है दिक्कतें ************************************ ************************************ कनीना। कस्बे में गुरुवार को तेज हवाओं और बरसात के चलते मौसम में बदलाव आ गया है। बारिश से कस्बे के गांव गाहडा के मुख्य सड़क पर जलभराव हो गया, जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतें हो रही हैं। कस्बे के मौसम में बदलाव का दौर लगातार जारी है। दो दिन पूर्व हुई बरसात के बाद अचानक उमश हो गया जिससे रात अचानक बादलों की गडग़ड़ाहट के साथ तेज हवाएं चलने लगीं। देखते ही देखते रात को धीरे धीरे बरसात फिर से शुरू हो गई। यह बरसात सुबह 5 बजे बंद हो गई थी। उसके बाद तकरीबन आठ बजे फिर से बरसात होने लगी। अधिक बारिश होने के कारण गाहडा गांव की मुख्य सड़क पर जलभराव के हालात हो गए। ग्रामीण सुरेश, राजेश, ओमप्रकाश, राजेंद्र, सुनील, सुशील, अमित, गोलू, राजू, आदि ने बताया कि गांव के मुख्य मार्ग पर जब भी बरसात होती है यहां पर पानी भर जाता है । ग्रामीण इसकी सूचना सरपंच राजू इंदौरा को कई बार दे चुके हैं ।
गांव के इस मुख्य मार्ग से सीहोर, कारोली, कोटिया, बव्वा, भहाला, नयागांव, छितरौली के ग्रामीण जाते हैं ।गांव का सरपंच इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहा है । आने जाने वालों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । ग्रामीणों का कहना है कि जलभराव की समस्या के बारे में सरपंच को कई बार अवगत करवाया गया है । अगर इस समस्या का समाधान जल्दी नहीं किया गया तो हम उच्च अधिकारियों से इसके बारे में अवगत करवाएंगे । फोटो कैप्शन 8: गाहड़ा मार्ग पर जलभराव से समस्या।
दो गुटों मारपिटाई में चार घायल *************************************** ********************************** कनीना। कनीना पुलिस में करण सिंह करीरा ने दी गई शिकायत में कहा गया है कि उनके करीब एक दर्जन पड़ोसियों ने उन पर धावा बोल दिया। इससे उनके परिवार के चार सदस्य घायल हो गए जिन्हें कनीना के सीएचसी में लाया गया था किंतु वे हायर सेंटर रेवाड़ी दाखिल हुई है कनीना पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कई महीनों से वेतन व पीएफ नंबर ने मिलने से कर्मियों में पनपा रोष **************************************** कनीना। बीएसएनल के तहत मजदूरों में शुक्रवार को उस वक्त रोष पनप गया जब उन्होंने ठेकेदार से वेतन के पैसे व पीएफ नंबर नहीं मिले। उन्होंने रविशंकर प्रसाद आईटी एवं दूरभाष मंत्री भारत सरकार को भेजे ज्ञापन में कहा है कि पानीपत तथा दो अन्य कंपनियों ने एजेंसियों ने उन्हें ठेके पर लगाया था। कनीना के बीएसएनल दूरभाष में सिक्योरिटी गार्ड के पद पर कार्यरत हैं परंतु उनसे टेक्नीशियन का काम करवाया जाता है। उन्हें टेक्नीशियन का काम आता नहीं फिर भी वह काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि कई महीनों से वेतन नहीं मिली है पीएफ नंबर भी नहीं मिले हैं। उनका कहना है कि ठेकेदार बदल दिए जाते हैं और नए ठेकेदार मनमर्जी करते हैं। उन्होंने अपना वेतन देने और पीएफ नंबर दिलवाने की सरकार से मांग की है।
रंग-रोगन करने आए व्यक्ति ने लड़की का अपहरण कर घर में रखे जेवरात व नगदी लेकर फरार, पुलिस ने किया मामला दर्ज ************************************* ************************************** कनीना। रंग रोगन करने आया व्यक्ति घर से चोरी कर गायब होने का मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार खण्ड के गांव सेहलंग निवासी मुकेश कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि विगत दिनों उन्होंने अपने मकान में रंग पेन्ट करने का ठेका हरमीत निवासी अरडीन थाना बहरोड़ को दिया था जो उनके घर में रखे एक लाख रुपये व अन्य घर में रखे जरूरी कागजात चोरी कर फरार हो गया वही इसकी सूचना उन्होंने कनीना पुलिस को देकर मामले से अवगत भी कराया था जिस पर कनीना पुलिस ने उक्त व्यक्ति के खिलाफ 20जून 2020 को चोरी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। व्यक्ति को कनीना पुलिस ने गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया था जिसकी आगामी पेशी 22 अक्टूबर 2020 को दी गई है। वही पीडि़त मुकेश ने यह भी बताया कि उक्त व्यक्ति ने वर्तमान में उन्हें और उनके परिवार को जान से मारने की धमकी दी है वही वो जब अपने परिवार के साथ अपने खेत में काम करने चला गया था तो उनकी बालिग बेटी घर पर अकेली थी। व्यक्ति हरमीत निवासी अरडीन अपने चार-पांच अन्य साथियों के साथ आकर उनके घर में रखे लगभग दस लाख रुपये का के गहने व पांच लाख रुपये नगदी तथा जबरदस्ती उनकी बेटी का अपहरण कर ले गया। उन्होंने यह भी बताया कि जब वो तथा उनका परिवार घर पहुंचे तो सारा सामान बिखरा पड़ा था तथा उनकी बेटी गायब थी। पड़ोसियों ने बताया कि हरमीत अपने अन्य चार-पांच साथियों के साथ आया था। उन्होंने पुलिस को उक्त शिकायत देकर सारे मामले से अवगत करा दिया गया है। वही पुलिस ने मुकेश के बयान पर गुरुवार को अपहरण की विभिन्न धाराओं के तहत हरमीत के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
तीन तलाक शिव बिल लागू होने से के बाद हो रहा है समाज हित ************************************ ************************************ कनीना। मुस्लिम समाज में तीन तलाक के विरुद्ध बिल आने के बाद सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। मुस्लिम समाज में लड़कियां कुछ निडर होकर चलने लगी है। उन्हें अब तीन तलाक का डर नहीं रहा है। वही अब मुस्लिम समाज कुछ राहत महसूस कर रहा है। कनीना के नौरंग खान का कहना है कि इस्लाम धर्म में तीन तलाक की कुरीति थी उसके विरुद्ध प्रधानमंत्री द्वारा बिल पारित करने के बाद उन कुरीतियों से छुटकारा मिला है। निश्चित रूप से समाज को लाभ हुआ है। अब तीन तलाक कम है विशेषकर महिलाओं को डर नहीं सता रहा है। उनका कहना है कि पहले महिलाओं के बच्चे हो जाते थे तब तीन तलाक कह कर छोड़ दिया जाता था तत्पश्चात वे महिलाएं अपने माता-पिता पर निर्भर रहती थी। उनकी दोबारा से शादी करना बहुत कठिन हो जाता था। अब ऐसा नहीं देखने को मिल रहा है। उन्होंने खुशी जताई इस प्रकार का नियम लागू होने से समाज में सुधार हुआ है किंतु उन्होंने मांग की है कि और सख्ती से लागू किया जाए। उधर नवीन अली का कहना है कि युवा पीढ़ी बहुत जागरूक हो गई है। जहां नरेंद्र मोदी का नियम तीन तलाक के विरुद्ध नियम पारित होने के बाद भी युवा पीढ़ी बहुत खुश है। उन्होंने कहा कि विगत करीब एक साल से युवा पीढ़ी में उत्साह देखने को मिलता युवा पीढ़ी लड़कियां निडर होकर स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने जाती है। उन्हें हर चीज का ज्ञान हो गया है। उन्होंने कहा कि अब न तो तीन तलाक का उन्हें भय सता रहा है और न ही किसी प्रकार की उन्हें अब चिंता हो रही है। यह समाज के हित का कानून लागू हुआ था। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है और भविष्य में और और सख्ती से लागू करें तो समाज को लाभ होगा । फोटो कैप्शन नौरंग खान एवं नवीन अली।
भक्तों के मन में श्रीराम बसते हैं-महेश कुमार ********************************* ************************************** कनीना। कनीना खंड के गांवों के जल एवं रज की खुशबू अयोध्या में बन रहे श्रीराम मंदिर से जाएगी। ये विचार विश्व हिंदू परिषद के कनीना प्रखंड अध्यक्ष महेश बोहरा ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम से जीवन जीने की बहुत अच्छी सीख एवं कला हमें मिली है। जिस प्रकार से राम भगत हनुमान जी ने अपना सीना चीरकर श्रीराम और माता सीता को दिखा दिया था ठीक उसी प्रकार से आज भी श्रीराम अपने भक्तों के मन में बसते हैं। उन्होंने विहिप कार्यकर्ताओं से निवेदन करते हुए कहा कि 14 वर्ष के वनवास के बाद जब श्री राम अयोध्या लौटे थे तो पूरे भारतवर्ष में दीपक जलाकर हर्ष उल्लास के साथ खुशी मनाई गई थी। अब तो 493 वर्ष बाद हमें यह मौका मिल रहा है आज का दिन हमारे लिए त्यौहार है करुणा महामारी से बचने के लिए सरकार द्वारा दिए गए निर्देश एवं सुझावों का पालन करते हुए मनाएं उन्होंने कहा कि लगातार जल एवं रज आने की प्रक्रिया दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को मुडायन, बेवल एवं करीरा से जल एवं मिट्टी आई है। उन्होंने कहा कि काफी गांव से उनके पास फोन आते हैं तो वे स्वयं जाकर वहां के पवित्र स्थानों से जल एवं रज लेकर आते हैं। आज उनके साथ विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ता हरेंद्र कुमार, करीरा और देशराज और गोविंद यादव क्रिश यादव अपने विहिप कार्यकर्ताओं के साथ कबीरा के हनुमान मंदिर एवं आश्रम से जल एवं रज लेकर आए। देशराज जी ने कहा कि श्री ाम बड़े सरल स्वभाव के हैं जिस युग में लंका पर विजय प्राप्त की थी उस युग में सिर्फ इसी बात से उनके स्वभाव का अंदाजा लगाया जा सकता है कि रावण वध के बाद बगैर मारकाट किए ही विभीषण को राज्य देकर आ गए गोविंद यादव ने कहा कि 5 अगस्त के दिन कनीना को श्रीराम के झंडों से सजाया जाएगा और दीपावली की तरह दीपक जलाकर पटाखे चलाकर त्योहार के रूप में मनाएंगे। करीरा से ईश्वरदास महाराज ने कहा कि पूरे भारतवर्ष के लिए बड़े गर्व की बात है बड़े सौभाग्य की बात है कि 5 तारीख को श्रीराम मंदिर के लिए भूमि पूजन हो रहा है। लगभग 500 साल की इंतजार के बाद यह शुभ घड़ी आई है तो इसमें हर हिंदुस्तानी को बहुत बड़ी खुशी है। फोटो कैप्शन 5: विभिन्न गांवों की माटी लेकर आते हुये महेश बोहरा।
भोजावास से कुंड सड़क मार्ग कूड़ा डाल कर किया जा रहा अवरुद्ध ********************************** ******************************** ,कनीना। भोजावास से कुंड की ओर जाने वाली सड़क को भोजावास में नायक बस्ती के पास सड़क पर कूड़ा डाल कर अवरुद्ध किया जा रहा है। ग्रामीण शेर सिंह, हवा सिंह, दयानंद ,ताराचंद, श्रीराम, राजाराम, विनोद, रमेश, रामपाल, मास्टर राम किशन, सोमदत्त पूर्व पंच आदि ने बताया कि इस सड़क मार्ग से गोमला, गोमली, ढाणी जरावत, ऊंचा जमालपुर, नांगल बास, दूदा होते हुए कुंड पहुंचा जाता है। लेकिन अब बरसात के समय में गांव भोजावास में इस सड़क से पैदल निकलना भी मुश्किल है । क्योंकि एक तरफ तो स्थानीय लोगों द्वारा सड़क पर कूड़ा डाला जा रहा है और दूसरी तरफ उस कूड़े करकट से कीचड़ और जलभराव की वजह से वहां से निकलना मुश्किल हो रहा है। इस सड़क मार्ग से सैकड़ों की संख्या में वाहन प्रतिदिन कुंड और रेवाड़ी के लिए आवागमन करते हैं। इसके साथ साथ आसपास के गांव गोमला, गोमली, ढाणी जरावत,ऊंचा आदि के सैकड़ों की संख्या में जाने वाले पैदल राहगीरों को भी बड़ी भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है लोगों को इस गंदे पानी और इस कीचड़ के बीच से ही निकलना होता है। प्रकाश सरपंच भोजावास यह रास्ता पीडब्ल्यूडी के अंडर आता है हमने अधिकारियों को इसके बारे में अवगत करवा रखा है प्रस्ताव भी हमने दे रखा है आज विधायक सीताराम यादव को भी इस रास्ते के बारे में अवगत करवाया गया है । हमारी कोशिश है कि जल्दी से जल्दी इस समस्या का समाधान किया जाए । जिसे राहगीरों को परेशानी ना हो । फोटो कैप्शन 6: भोजावास कुंड अवरुद्ध मार्ग।
माइनर टूटी फसल नष्ट ****************************** ******************** कनीना। जवाहरलाल नेहरू कनाल के धनौन्दा पंप हाउस से निकली बवाना माइनर के टूटने से गांव धनौन्दा के किसानों की 25-30 एकड़ में बोई गई कपास व बाजरा की फसल जलमग्न होने से बर्बाद हो गई। पीडि़त किसानों बीर सिंह, विजय दहिया, बंसी गुर्जर, बिजेंद्र, पप्पू ने कहा कि बवाना माइनर की सफाई न होने तथा रख-रखाव के अभाव में पिछले तीन-चार साल से हर साल बरसात के सीजन में बवाना माइनर टूट रही है। जिसके कारण धनौन्दा व खरकड़ा बास के किसानों की फसलें हर साल बर्बाद हो रही हैं। परन्तु नहर विभाग उनकी समस्या का समाधान नहीं कर रहा है। उन्होंने मुआवजे की मांग की है। इस अवसर पर किसानों ने समाजसेवी अतरलाल ने उपायुक्त के नाम एक प्रार्थना पत्र सौंप कर जिला प्रशासन से बर्बाद फसलों का मुआवजा देने की मांग की। अतरलाल ने किसानों को उनका प्रार्थना पत्र तत्काल उपायुक्त को प्रेषित करने का भरोसा देते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने बर्बाद फसलों का तत्काल सर्वे करवाकर मुआवजा देने की कार्यवाही नहीं की तो सीएम विंडो पर शिकायत की जाएगी। उन्होंने नहर विभाग से तत्काल माइनर की सफाई व मरम्मत कराने की मांग भी की। फोटो कैप्शन 3: धनौंदा में माइनर टूटने से भरा खेतों में पानी।
रंग-रोगन करने आए व्यक्ति ने लड़की का अपहरण कर घर में रखे जेवरात व नगदी लेकर फरार, पुलिस ने किया मामला दर्ज संवाद सहयोगी,कनीना। रंग रोगन करने आया व्यक्ति तीन तलाक शिव बिल लागू होने से के बाद हो रहा है समाज हित संवाद सहयोगी, कनीना। मुस्लिम समाज में तीन तलाक के विरुद्ध बिल आने के बाद सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं। मुस्लिम समाज में लड़कियां कुछ निडर होकर चलने लगी है। उन्हें अब तीन तलाक का डर नहीं रहा है। वही अब मुस्लिम समाज कुछ राहत महसूस कर रहा है। कनीना के नौरंग खान का कहना है कि इस्लाम धर्म में तीन तलाक की कुरीति थी उसके विरुद्ध प्रधानमंत्री द्वारा बिल पारित करने के बाद उन कुरीतियों से छुटकारा मिला है। निश्चित रूप से समाज को लाभ हुआ है। अब तीन तलाक कम है विशेषकर महिलाओं को डर नहीं सता रहा है। उनका कहना है कि पहले महिलाओं के बच्चे हो जाते थे तब तीन तलाक कह कर छोड़ दिया जाता था तत्पश्चात वे महिलाएं अपने माता-पिता पर निर्भर रहती थी। उनकी दोबारा से शादी करना बहुत कठिन हो जाता था। अब ऐसा नहीं देखने को मिल रहा है। उन्होंने खुशी जताई इस प्रकार का नियम लागू होने से समाज में सुधार हुआ है किंतु उन्होंने मांग की है कि और सख्ती से लागू किया जाए। उधर नवीन अली का कहना है कि युवा पीढ़ी बहुत जागरूक हो गई है। जहां नरेंद्र मोदी का नियम तीन तलाक के विरुद्ध नियम पारित होने के बाद भी युवा पीढ़ी बहुत खुश है। उन्होंने कहा कि विगत करीब एक साल से युवा पीढ़ी में उत्साह देखने को मिलता युवा पीढ़ी लड़कियां निडर होकर स्कूल में शिक्षा ग्रहण करने जाती है। उन्हें हर चीज का ज्ञान हो गया है। उन्होंने कहा कि अब न तो तीन तलाक का उन्हें भय सता रहा है और न ही किसी प्रकार की उन्हें अब चिंता हो रही है। यह समाज के हित का कानून लागू हुआ था। उन्होंने कहा कि इसके लिए सरकार ने बेहतरीन कार्य किया है और भविष्य में और और सख्ती से लागू करें तो समाज को लाभ होगा । फोटो कैप्शन नौरंग खान एवं नवीन अली।
आवारागर्दी करने वालों को बख्शा नही जाएगा- गोबिन्द ********************************** *************************** कनीना। बिना कागजों के बाइक लेकर चक्कर लगाने वाले बाइक सवार की हालत उस वक्त खस्ता हो गई जब कनीना सीटी इंचार्ज अपनी रूटीन चैङ्क्षकग कर रहा था और बाइक चालक वहा से गुजरा तो पुलिस ने हाथ दिया लेकिन यह चालक बाइक न रोक कर बाईक स्पीड में लेकर फरार हो गया वही गोबिन्द ने भी अपनी बाईक से इसका पीछा किया तो वह बाइक को लोक कर बाजरे के खेतों में घुस गया जिसको पुलिस अपनी गाड़ी में रखवा कर पुलिस चौकी ले आई तथा उसके पास को ई सीटी इंचार्ज ने उक्त बाईक का 28 हजार पांच सौ रुपये का चालान काट दिया है। गोबिन्द ने बताया कि बाईक पर नंबर भी नहीं थे तथा पीछे लिखा था कि (क्या कसूर था यार का)सीटी इंचार्ज ने कहा कि कनीना सीटी अमन-चेन की सीटी है। इसमें किसी भी प्रकार की गुण्डागर्दी को बरदाश्त सहन नहीं किया जाएगा।
कारगर होगी नई शिक्षा नीति-2020 ********************************** ****************************** कनीना। शिक्षाविद एवं खंड शिक्षा अधिकारी अटेली डा राजेंद्र सिंह यादव ने कहा है कि नई शिक्षा नीति-2020 शिक्षा नीति-1986 की की जगह लेगी। नई नीति से देश के स्कूलों और उच्च शिक्षा प्रणालियों में परिवर्तनकारी सुधार होगा। यह नीति बच्चों में जीवन जीने की जरूरी कौशल और जरूरी क्षमता क्षमताओं को विकसित किए जाने पर जोर देती है। अब कला, संगीत, शिल्प खेल, योग सामुदायिक सेवा ,अलग-अलग भाषाओं के ज्ञान 21वीं सदी के कोशल जैसे सभी विषयों को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। कॉलेजों को भी अधिक स्वायतता दी जाएगी। मल्टीपल एंट्री व एग्जेक्ट का विकल्प रखा गया है। मसलन 4 साल का इंजीनियरिंग कोर्स का कोई छात्र किसी कारणवश बीच में पढ़ाई छोड़ कर पढ़ाई छोड़ देता है तो उसे एक साल की शिक्षा पर सर्टिफिकेट में 2 साल पर डिप्लोमा दिया जाएगा। फ शोध को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन बनेगा। 10 +2 पैटर्न को सुधार कर 3 से 8 साल तक का बच्चा अर्ली चाइल्ड हूड केयर एजूकेशन (ईसीसीई नाम दिया जाएगा) पाएगा जिसके बाद तीसरी चौथी एवं पांचवी + 3(आठवीं) +4(बारहवीं) किया जाएगा जिसे 5+3+3। मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में कम से कम पांचवीं कक्षा तक पढऩे की व्यवस्था होगी। ऑनलाइन एवं पारदर्शी शिक्षा को आगे बढ़ाने पर जोर दिया गया है। रटने- रटाने के दौर से निकलकर ज्ञान-विज्ञान और बुद्धि कौशल पर फोकस किया गया है। करीब दो करोड़ बच्चों को फिर से स्कूल से जोड़ा जाएगा। अब कौशल विकास के तहत रुचि के मुताबिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। छात्रों को अभी रुचि को पर फैलाने का पूरा दायरा दिया गया है। नौँवीं कक्षा से विद्यार्थी विभिन्न व्यवसायिक कोर्स कर सकेंगे। अगर विद्यार्थी विज्ञान है और रुचि आर्ट विषय की है तो वो भी यह विषय पढ़ सकेगा। आर्टस का विद्यार्थी विज्ञान विषय भी पढ़ सकेगा। बच्चे को पढ़ाए गए विषयों का समय समय पर मूंल्यांकन भी किया जाएगा। पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी एवं शिक्षाविद डा रामानंद यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार श्रेष्ठ भारत की पहल के तहत संस्कृत समिति भारतीय भाषाओं को बढ़ावा दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति में कॉलेज विश्वविद्यालय और अन्य शिक्षण संस्थान बन्धनों से मुक्त होंगे। वही छात्रों के लिए जरूरत के मुताबिक शिक्षा हासिल करने का हक मिलेगा। धीरे-धीरे कॉलेजों के विश्वविद्यालय से संबंध होने की प्रणाली खत्म हो जाएगी। अगले 15 साल बाद कोई कॉलेज संबंध नहीं होगा। वही या तो स्वायत्त होगा या फिर किसी विश्वविद्यालय के अधीन होगा इसके साथ ही उच्च शिक्षा को नियमित करने और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हायर एजूकेशन कमिशन ऑफ इंडिया का गठन किया जाएगा। यह आयोग कानून और मेडिकल शिक्षा को छोड़कर पूरी उच्च शिक्षा की गुणवत्ता और नियमन की जानकारी संभालेगा। पूरी प्रणाली कैशलेस और ऑनलाइन काम करेगी। अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के से एक नई संस्था बनेगी और देश में मल्टी डिस्पीलियर एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी बनाई जाएगी । शिक्षा और शोध केंद्र के रूप में विकसित होगी। फोटो कैप्शन : पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी डा रामान्द यादव एवं डा राजेंद्र सिंह बीइओ अटेली
51 पौधे लगाए गए ****************************** ************************************ कनीना। डॉ. भीमराव अम्बेडकर जनसेवा ट्रस्ट पाथेड़ा द्वारा गांव के पार्क में पूर्वजों की याद में वृक्षारोपण अभियान चलाया गया। मुख्य अतिथि के रूप में पधारे प्रमुख समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट ने ग्रामीणों को पौधे भेंटकर अभियान का शुभारंभ किया। इस मौके पर शीशम, सहजन, अमरूद तथा जामुन के 51 पौधे लगाकर उनका सुरक्षित लालन-पालन करने का संकल्प लिया। अतरलाल ने वृक्षों की महता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग जैसी चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए वृक्ष लगाना बहुत जरूरी है। उन्होंने सभी ग्रामीणों से पूर्वजों की याद में एक-एक पौधा लगाने की अपील की।
मौत है सच्चाई -राव बहादुर /****************************** *************************** कनीना। जीवन मिथ्या है और मौत सच्चाई है जिसका सामना सभी प्राणियों को करना पड़ता है। ये विचार पूर्व विधायक एवं यदुवंशी शिक्षण संस्थान समूह के चेयरमैन राव बहादुर सिंह ने उस समय कहे जब वे पूर्व प्राचार्य लालचंद यादव की धर्मपत्नी लाली देवी के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना प्रकट करने उनके निवास स्थान गांव- बवानिया पहुंचे। उल्लेखनीय है कि लाली देवी का 25 जुलाई को आकस्मिक निधन हो गया था। वे विगत दिनों से अस्वस्थ थी। उनके निधन पर विभिन्न पदाधिकारी, अधिकारी समय समय पर आ रहे हैं। शोक प्रकट करने वालों में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के अनुज राजेंद्र कुमार शर्मा, डॉ. नरेश कुमार, प्राचार्य जगमाल सिंह, प्राचार्य रविंद्र कुमार प्राचार्य अशोक पैकन, विजयपाल, सुनील कुमार, खुशीराम एडवोकेट, लालचंद शास्त्री, सत्यपाल मास्टर, विनोद कुमार, यादव सभा, जींद के प्रधान अजीत सिंह यादव, सरपंच छाजू राम के अतिरिक्त अन्य गणमान्य लोगों ने शोक-संतप्त परिवार को सांत्वना दी। फोटो कैप्शन 1: शोक व्यक्त करते हुये राव बहादुर सिंह पूर्व विधायक।
जन्म दिन पर लगाये पौधे ***********************************
********************************** कनीना। कैलाश चंद शर्मा (बाबा केशी) के 65वें जन्मदिवस के अवसर पर बाबा लालगिरी आश्रम पर पौधरोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर पूर्व वन खंड अधिकारी कैलाश चंद शर्मा ने कहा कि सावन के इस पवित्र माह में पौधे लगाने का ही सबसे बड़ा धर्म है व प्रत्येक व्यक्ति को अपने जीवनकाल में एक पौधा अवश्य लगाकर उसकी देखभाल करनी चाहिए क्योंकि ऐसा करके ही हम अपनी धरा को सुरक्षित रख सकते है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिवर्ष एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए इसके लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। पौधे हमें औषधि के साथ साथ हैं फल, फूल, छाया देते हैं कथा पर्यावरण को संतुलित रखते हैं। मानव के जीवन में जल एवं पौधों का बहुत बड़ा महत्व है। हमारा जीवन पौधों के साथ है जुड़ा हुआ है। इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक का यह करते बनता है की अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएं। इस अवसर पर उनके साथ युवाओं की पूरी टीम उपस्थित थी जिन्होंने लालगिरी आश्रम के पवित्र प्रांगण में सफाई अभियान भी चलाया व नीम, पीपल,बड़, गुलमोहर,गुल्लर समेत 30 पौधे लगाए गए व पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया। इस अवसर प्रीतम , रवि, पंकज, देवेन्द्र, महेन्द्र, रविंद्र व सचिन उपस्थित रहे। फोटो कैप्शन : कैलाशचंद पौधारोपण करते हुए।
मौत है सच्चाई -राव बहादुर कनीना। जीवन मिथ्या है और मौत सच्चाई है जिसका सामना सभी प्राणियों को करना पड़ता है। ये विचार पूर्व विधायक एवं यदुवंशी शिक्षण संस्थान समूह के चेयरमैन राव बहादुर सिंह ने उस समय कहे जब वे पूर्व प्राचार्य लालचंद यादव की धर्मपत्नी लाली देवी के आकस्मिक निधन पर शोक संवेदना प्रकट करने उनके निवास स्थान गांव- बवानिया पहुंचे। उल्लेखनीय है कि लाली देवी का 25 जुलाई को आकस्मिक निधन हो गया था। वे विगत दिनों से अस्वस्थ थी। उनके निधन पर विभिन्न पदाधिकारी, अधिकारी समय समय पर आ रहे हैं। शोक प्रकट करने वालों में पूर्व शिक्षा मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा के अनुज राजेंद्र कुमार शर्मा, डॉ. नरेश कुमार, प्राचार्य जगमाल सिंह, प्राचार्य रविंद्र कुमार प्राचार्य अशोक पैकन, विजयपाल, सुनील कुमार, खुशीराम एडवोकेट, लालचंद शास्त्री, सत्यपाल मास्टर, विनोद कुमार, यादव सभा, जींद के प्रधान अजीत सिंह यादव, सरपंच छाजू राम के अतिरिक्त अन्य गणमान्य लोगों ने शोक-संतप्त परिवार को सांत्वना दी। फोटो कैप्शन 1: शोक व्यक्त करते हुये राव बहादुर सिंह पूर्व विधायक।
Thursday, July 30, 2020
नई शिक्षा नीति देश के लिए कारगर सिद्ध होगी ************************************* *********************************** कनीना। जहां देश में 72 वर्षों के बाद नई शिक्षा नीति की घोषणा की गई है। इस नई शिक्षा नीति से न केवल चहुमुखी विकास होने का की संभावना है वहीं शिक्षक वर्ग एवं विद्यार्थी वर्ग को विशेष लाभ होगा, अभिभावक भी खुश रहेंगे। क्षेत्र के विभिन्न शिक्षाविदों से इस संबंध में बात की गई उन्होंने अपने अपने विचार रखे। भारत विकास परिषद के ब्लाकाध्यक्ष नेता कंवर सेन वशिष्ठ का कहना है कि आज ही के 72 वर्षों बाद देश को बच्चों का सर्वांगीण विकास की दिशा में केंद्र सरकार ने देश को एक अच्छी शिक्षा नीति के कल्पना की है। इसे साकार रूप देने के लिए संपूर्ण शिक्षित अध्यापकों की आवश्यकता होगी। पहले प्राथमिकता के आधार पर तैयार किए जावें, जो देश के बच्चों को क्लर्क से ऊपर उठकर वैज्ञानिक शिक्षा प्राप्त करके अपने देश का नाम रोशन कर सके।और भारत एक शक्तिशाली देश बन कर दुनिया में एक नंबर में गिना जाए। यह तभी होगा जब देश के बच्चों का बुद्धि कौशल ऊपर उठेगा । भारत विकास परिषद नई शिक्षा नीति 2020 का स्वागत करती है और आशा करते हैं कि सरकार इसे क्रियान्वित करने में सजग रहेगी। पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी डा रामानंद यादव का कहना है कि नई शिक्षा नीति अभिभावकों के लिए बहुत लाभप्रद साबित होगी, जहां विद्यार्थी बेहतरीन शिक्षा प्राप्त करेंगे जो पूरे ही देश में लगभग एक समान होगी। इससे समानता का विकास होगा और विद्यार्थी कहीं भी जाकर शिक्षा ग्रहण कर सकेगा। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में विद्यार्थियों एवं अभिभावकों के लिए शकुन भरा होगा। अवॉर्डी शिक्षक बनवारी लाल का कहना है कि नई शिक्षा नीति में जो घोषणाएं की गई है, वास्तव में शिक्षक वर्ग के लिए बहुत लाभप्रद साबित होंगी, इसमें केवल एक बार ही पद तबादला किया जाना तथा शिक्षकों को समान रूप से सभी जगह सुविधाएं प्रदान करना, एक कारगर कदम होगा। उन्होंने कहा कि वास्तव में शिक्षा देश के विकास में अहम भूमिका निभाती है और शिक्षा के क्षेत्र में यदि कोई देशकमजोर रहेगा तो विकास भी अधूरा रहेगा किंतु नई शिक्षा नीति शिक्षकों के लिए गर्व की बात होगी। उधर सुनील कुमार यादव हसला ब्लॉक प्रधान ने कहा की नई शिक्षा नीति शिक्षकों के लिए बहुत कारगर होगी अब तक शिक्षक मिड डे मील का कार्य भी करते आए हैं वहीं विभिन्न प्रकार की तैनाती भी निभाते आए हैं। नई शिक्षा नीति में यह घोषणा की गई है कि केवल चुनाव ड्यूटी ही शिक्षक देंगे। उन्होंने स्वागत किया है उनका कहना है कि शिक्षकों के लिए वरदान साबित होगी। शिक्षक अपने शिक्षण कार्य में रुचि ले सकेंगे। अब तक शिक्षकों को अनेक कार्य दिए गए थे, इसके चलते शिक्षक अच्छे ढंग से अपने विद्यार्थियों को नहीं पढ़ पाए हैं। सभी में नई शिक्षा नीति को लेकर खुशी का माहौल है। फोटो कैप्शन: सुनील कुमार यादव, बनवारीलाल, कंवरसेन वशिष्ठ, डा रामानंद यादव।
अधूरी सड़क बनी जंजाल *************************** ******************************* कनीना। कनीना-चरखी दादरी सड़क मार्ग उन्हाणी-धनौंदा के बीच अधूरी पड़ी होने से परेशानी बढ़ गई है। जहां धनौंदा के पास नहर पर भारी बरसात का पानी जमा हो जाता है वही परेशानी और भी बढ़ जाती है। लंबे अरसे से इस सड़क निर्माण की बात चली आ रही थी किंतु घोंघे की चाल से कार्य करते करते आखिरकार इस कार्य को पूरा नहीं किया है जिसको लेकर क्षेत्र के लोगों में रोष है। राहगीर तथा ग्रामीण रमेश कुमार, दिनेश कुमार, रूपचंद, किशन कुमार, राजेश कुमार, सतपाल आदि ने बताया कि सड़क मार्ग चरखी दादरी पहुंचने का मार्ग है किंतु इस मार्ग को करीब 6 महीने से सही नहीं किया जा रहा है। अभी भी यह सड़क मार्ग धनोंदा नहर के पास से उन्हाणी मोड़ तक अधूरा पड़ा हुआ है यही नहीं सड़क के बीच में जहां नहर के पुल पर भारी बरसात का पानी जमा हो जाता है निकलने की एक इंच भी जगह नहीं है। जिसके चलते परेशानी बनी हुई है। लोगों ने मांग की है कि समय रहते सड़क निर्माण पूरा किया जाए तथा नहर के पुल पर पानी के बनने वाले जोहड़ भरे जाएं। फोटो कैप्शन 5: कनीना-चरखी दादरी मार्ग पर नहर के पुल पर खराब सड़क मार्ग।
101 पौधे लगाए, सुरक्षा की शपथ ली ****************************** ************************************** कनीना। प्रजा भलाई संगठन द्वारा गांव धनौन्दा में पूर्वजों की याद में वृक्षारोपण किया गया। संगठन के ठाकुर अतरलाल के निर्देशन में गांव के स्टेडियम में 101 औषधीय, फलदार व छायादार पौधे लगाए गए जिनमें अमरुद, पीपल, सहेजना, पापड़ी, गुलमोहर आदि प्रमुख हैं। वृक्षारोपण अभियान की शुरूआत कप्तान मदन सिंह, राजेन्द्र सिंह नम्बरदार, दिनेश पंच, कैलाश सेठ और कृष्ण शर्मा ने बाबा भैया की याद में जामुन का पौधा लगाकर की। इसके बाद कृष्णपाल सिंह तंवर, मीर सिंह वैद्य, सतपाल पंच, मुकेश स्वामी, बंशीलाल जोशी, प्रहलाद मास्टर, चेतन तंवर, वेद, जग्गी पंच, रवि कौशिक, दीपांशु अग्रवाल, रामबीर पंच, संजय, संदीप, राहुल, सचिन, मोनू, इन्द्रजीत, ईश्वर सिंह, लालाराम, सुभाश प्रजापत, शुभम, जैकी व हरिपाल योगी ने पूर्वजों की याद में पौधा रोपण कर लगाए गए पौधो को सुरक्षित पालने का संकल्प भी लिया। ठाकुर अतरलाल ने स्वयं सेवकों का धन्यवाद करते हुए कहा की उन्होंने वृक्षों की सुरक्षा करने का संकल्प लेकर ऐतिहासिक कार्य किया है। उन्होंने बताया कि पर्यावरण से जोडऩे और हरियाली को बढ़ावा देने के लिए यह अभियान गांव के अतिरिक्त पूरे जिला में चलाया जाएगा। प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिवर्ष एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए इसके लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। पौधे हमें औषधि के साथ साथ हैं फल, फूल, छाया देते हैं कथा पर्यावरण को संतुलित रखते हैं। मानव के जीवन में जल एवं पौधों का बहुत बड़ा महत्व है। हमारा जीवन पौधों के साथ है जुड़ा हुआ है। इसलिए भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कत्र्तव्य बनता है की अधिक से अधिक पौधे लगाए जाएं। क्योंकि वृक्ष लगाना आसान है परन्तु इनकी सुरक्षा की चौकीदारी करना कठिन है। इस अवसर पर स्वयं सेवकों ने पशु अस्पताल में भी पौधे लगाए। फोटो कैप्शन 3:गांव धनौन्दा में पूर्वजों की याद में सहेजना का पौधा लगाते हुए जन।
विभिन्न धार्मिक स्थानों की माटी इक_ी की *************************** ******************************* कनीना। विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष महेश बोहरा ने बताया कि उनके पास अलग-अलग गांव के पवित्र स्थानों से मिट्टी एवं जल रोजाना आ रहा है। अब तो दिन प्रतिदिन मिट्टी व जल देने वाले गांव की संख्या बढ़ती जा रही है। आज कोटिया गांव से जेपी यादव के नेतृत्व में प्राचीन बाबा बृजेश्वर मंदिर प्राचीन शिव मंदिर व ठाकुर जी महाराज जैसे पवित्र स्थानों पर से मिट्टी व जल लाकर अध्यक्ष महेश बोहरा को दी गई। जेपी यादव ने कहा कि जैसे हमें पता चला कि मिट्टी और जल अयोध्या जाएगा तो हम खुशी-खुशी अपने गांव के सभी धामों पर से मिट्टी में जल लेकर आए हैं जेपी यादव ने महेश बोला का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इतने कम समय में खंड के लगभग सभी गांव में यह मैसेज पहुंचा दिया और इनकी मेहनत के कारण हमारे गांव का मिट्टी और जल निर्माणाधीन राम मंदिर में अर्पित होने जा रहा है। अधिक जानकारी देते हुए महेश बोहरा ने बताया कि आज कोटिया, लिसान कारोली, बव्वा, सीहोर आदि गांव का मिट्टी में जल आ चुका है और शाम तक काफी गांव से आने भी बाकी है। श्री बोहरा ने बताया कि 1990 में कार सेवा में जाने वाले कारसेवकों को 5 अगस्त को राम मंदिर भूमि पूजन के दिन विश्व हिंदू परिषद की तरफ से मोमेंटो देकर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कार सेवकों की लिस्ट उनके पास है फिर भी जो कारसेवक हैं वह उनसे संपर्क करें और अपना नाम दर्ज करवाएं। 5 अगस्त का दिन ऐतिहासिक दिन होगा 14 साल का वनवास काटकर रामचंद्र जी जब अयोध्या लौटे थे तो ना केवल अयोध्या वासियों ने अपितु पूरे भारत वासियों ने दीपक जलाकर पटाखे चलाकर ढोल बजाकर खुशियां मनाई थी ठीक उसी प्रकार से 5 अगस्त के दिन खुशियां मनाएंगे। फोटो कैप्शन 4: विभिन्न गांवों के लोग मिट्टी व जल प्रदान करते हुए।
19 एमएएम बारिश हुई, किसान खुश *********************** ****************************** कनीना। गुरुवार को कनीना क्षेत्र में 19 एमएम बारिश हुई जिसके चलते गलियों में गंदा पानी खड़ा हुआ है। आवागमन में दिक्कत आई किंतु जल्द ही पानी सूख गया। यहां तक कि खेतों में भी पानी भरा खड़ा है। बारिश के परिणाम स्वरूप किसान खुश हैं। लंबे समय से इंतजार करने के बाद किसान खेतों की सिंचाई फव्वारों से करने लगे थे किंतु गुरुवार को इंद्रदेव प्रसन्न हुये और 19 एमएम बारिश से किसानों को प्रसन्न कर दिया। पुराने सूखे पड़े जोहड़ों में भी जहां पानी भर गया है। जहां बेहतर बारिश से सावन माह का एहसास हुआ वही किसान खुश हैं। अब बेहतर फसल होने के आसार बन गए हैं। बाजरा और कपास की खड़ी फसल में रौनक आ गई है। चारों ओर खुशियां छाई हुई है। लंबे समय से लोग बारिश होने के लिए यज्ञ कर रहे थे तथा बारिश का इंतजार कर रहे थे। कनीना के एडीओ विकाश कुमार ने बताया कि क्षेत्र में जहां कनीना क्षेत्र में जहां 5950 हेक्टेयर पर कपास, 21300 हेक्टेयर पर बाजरा, 30 हेक्टेयर पर मूंग, 390 हेक्टेयर ढैंचा, 510 हेक्टेयर पर चारा, 1760 हेक्टेयर पर गुआर, 30 हेक्टेयर पर दाले उगाई गई है। कपास एवं बाजरा दोनों ही फसल अच्छी तरह से बढ़ रही है तथा आने वाले समय में बेहतर होने व बंपर पैदावार देने की संभावना जताई जा रही है। किसान सूबे सिंह, रणधीर सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत सिंह आदि ने बताया कि सावन माह का आगमन अेच्छा नहीं हा किंतु अब बारिश ने उन्हें प्रसन्न कर दिया है। उनका कहना है कि कपास की फसल काफी बड़ी हो गई है वहीं बाजरे की फसल भी लहलहाने लगी है। दोनों की फसलों के लिए बारिश हो रही है। उन्होंने विश्वास जताया कि आने वाले समय में बेहतर पैदावार होगी। एक और जहां सरकार ने बाजरे का का समर्थन मूल्य भी बढ़ा दिया है बाजरे की अच्छी पैदावार होने की संभावना है। इससे किसानों को लाभ होगा। किसानों ने बताया कि दो प्रकार की फसल खेतों में उगाई गई है- अगैती तथा पछेती फसल। अगैती अब बड़ी हो चुकी है जबकि पछेती फसल अभी छोटी है। कुल मिलाकर फसल बेहतर है। कृषि अधिकारी भी मौसम को फसल के अनुकूल बता रहे हैं। किसान अभी अच्छी आरिश का इंतजार कर रहे हैं। वर्ष 1995 में क्षेत्र में भारी वर्षा हुई थी यद्यपि 1995 जैसी बारिश अभी तक नहीं हुई है किंतु कनीना क्षेत्र में गुरुवार को बेहतर बारिश हुई है। खेतों में जहां पानी खड़ा हो गया है वहीं जोहड़ भी अब लबालब भर गए हैं। कईसड़क मार्ग पर तथा कई अन्य स्थानों पर गंदा पानी जमा हो गया जिनसे पैदल निकालना दुष्कर हो रहा है। फोटो कैप्शन 1 एवं 2: बारिश के बाद फसल पर आब की है। एवं बारिश
सुरक्षा के साथ मनाएंगे रक्षाबंधन ************************* ***************************** कनीना खंड के धनौंदा स्कूल में कार्यरत शिक्षिका लक्ष्मी यादव वास्तव में भी बिसोहा में 2006 में विवाहिता है और उनके दो भाई महेंद्रगढ़ में रह रहे है। वे इस बार आवश्य रक्षाबंधन पर्व पर घर से चलकर जाएंगी। उनके दो भाई प्रवीण कुमार और नवीन कुमार उनका इंतजार करते हैं। हर बार बहन अपने भाइयों को राखी बांधने के लिए स्वयं चलकर जाती है। यद्यपि उनका कहना है कि कोरोना ने सबकी खुशियां छीन ली हैं। भाई बहन के पवित्र प्रेम को दखल किया है। उनका कहना है कि वे चाहे कैसे भी करें, निजी गाड़ी को सैनिटाइज करके और अपने साथ सेनीटाइजर लेकर महेंद्रगढ़ जाएंगी और दोनों भाइयों की कलाई पर राखी बांधेंगी। उन्होंने कहा कि बाजार की मिठाइयों से कोरोना फैलने की संभावना हो सकती है ऐसे में भी अपने हाथों से बढिय़ा मिठाई बनाकर तथा हाथों से बनाई हुई राखी लेकर जाएंगी साथ में सभी टीका आदि लगाने की सुविधा लेकर जाएंगी। उन्होंने कहा कि उनके दोनों भाई बेसब्री से इंतजार करते रहते हैं। अपने भाइयों की मनोस्थिति को समझती है। उन्होंने कहा कि इस बार पड़ा शुभ दिन है एक और जहां सावन का अंतिम सोमवार होगा वही रक्षाबंधन का पर्व मनाया जाएगा। धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से भी रक्षाबंधन पर्व खुशियों से भरा होगा। उन्होंने कहा कि एतिहात और सावधानियां भी जरूरी हैं। यद्यपि इस दिन को मनाना चाहिए बाजार से सामान यदि खरीदना भी तो सावधानियां बरतनी चाहिए। वे अपने भाइयों को बढिय़ा मिठाई खिलाएंगी तथा भाई भी अपने घर से बनी हुई वस्तुएं अपनी बहन को भेंट करेंगे। उन्होंने कहा कि वे बेसब्री से इंतजार कर रही है और अपने भाई के यहां जाकर रक्षाबंधन खुशी को और बढ़ाएंगी। फोटो कैप्शन: लक्ष्मी यादव
दुश्मन का सिर कलम करने की एकमात्र इच्छा रहती थी ------------------------------------------- ******************************* ******************************* कनीना। मेघनवासी निकास किंतु कनीना से महज 4 किलोमीटर दूर गुढ़ा गांव की सीमा में रह रहे पूर्व सूबेदार करण सिंह भारत पाक युद्ध 1971 में टैंक ऑपरेटर होते थे। जब 1971 का भारत-पाक युद्ध हो रहा था तो उसका उन्होंने संजीदा वर्णन किया है। बस उनका एक ही इरादा होता था कि दुश्मन का सिर अधिक से अधिक कलम किया जाए। वे अपने कमांडर को दुश्मन की सही स्थिति बताते थे और टैंक ऑपरेटर का काम करते थे। वे सटीक निशाना साधते थे ताकि दुश्मन किसी भी हाल में न बच सके। 75 वर्षीय करण सिंह जब 25 वर्ष के थे तब उन्होंने यह युद्ध देखा था और युद्ध क्षेत्र में उनकी आर्मी को भेजा गया था। जब भारत वर्ष आजाद भी नहीं हुआ था तब उनका जन्म (1945) हुआ था। 1945 में जन्मे करण सिंह की उम्र 26 वर्ष की तब उन्हें भारत-पाक युद्ध में भेजा गया था। वह आर्टिलरी में कार्यरत थे। उन्होंने बताया कि अगरतला से ढाका तक उनकी सेना पहुंच चुकी थी युद्ध भयंकर होता था जो गोली और बंदूकों केे बीच चलता था। उन्होंने बताया कि लडाई जून 1971 में शुरू हो गई थी लेकिन घोषणा नवंबर 1971 में की गई थी। मुक्ति वाहिनी सेना के साथ भारतीय सेना युद्ध मैदान में गई और दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए। उनके टैंक से निकलने वाले गोले दुश्मन का सिर कलम कर देते थे। सेना में भर्ती होने का जज्बा उनके माता-पिता ने पैदा किया। वे वर्ष 1991 में सेवानिवृत्त हो गए। उनकी पत्नी कौशल्या देवी ने जब उनके पति के युद्ध के लिए जाने समाचार सुना तो प्रसन्न हुई थी कि दुश्मन का सिर कलम करने में उनके पति भी होंगे। वर्तमान में उनका पुत्र रणधीर सूबेदार पद से सेवानिवृत्त हैं जबकि एक पौता मनीष कुमार वर्तमान में भारतीय नौसेना में नायब सूबदार के पद पर कार्यरत है। करण सिंह बताते हैं कि देशभक्ति का जज्बा उन्होंने बचपन से ही लिया जब स्कूल में पढ़ते थे तभी से शिक्षक उन्हें देशभक्ति का जज्बा भरते थे। तत्पश्चात जब वे बड़े होने लगे तब उनकी माता केसरी देवी तथा पिता अर्जुन सिंह ने उन्हें देशभक्ति का पाठ पढ़ाया और देशभक्तों के बारे में कहानियां सुनाना का जिम्मा भी लिया। देशभक्ति से ओतप्रोत गीत आदि समय समय सिखाते थे। देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत होकर उन्होंने निर्णय कर लिया कि वह सेना में भर्ती होंगे और दुश्मनों का सिर कलम करेंगे उस समय बांग्लादेश को आजाद करवाने के लिए भारत ने यह चढुाई की थी। जिसमें 16 दिसंबर 71 को पाकिस्तान की करारी हार हुई और बांग्लादेश के रूप में नया देश बना था। 16 दिसंबर को ही पाकिस्तानी सेना ने सरेंडर किया था। करण सिंह ने बताया कि पाकिस्तान में मुक्ति वाहिनी के रूप में जो सेना गठित की गई थी वह पाकिस्तान की सेना से लड़ी और भारतीय सेना का को रास्ता बताएं। यही कारण है कि पूर्व पाकिस्तान के नदियों के जल को पार करके भारतीय सेना ढाका तक पहुंच गई थी। करण सिंह बताते हैं कि आज भी सेना की बात चलती है तो उनका रोम-रोम प्रसन्न हो उठता है। वे अभी भी सेना में भर्ती होकर देश की सेवा करने का जज्बा रखते हैं। उनमें जोश भर जाता है और वह कहते हैं कि काश युद्ध में शहीद होते तो आज देश में उनका बहुत बड़ा नाम होता। तिरंगे में लिपटकर अपने गांव में आना चाहते थे लेकिन। वे युवाओं में सेना में भर्ती होने का जज्बा पैदा कर रहे हैं और जी जान से जुटे हुए हैं। फोटो कैप्शन करण सिंह राखी बांधने के लिए भाई को बुलाया है *************************** कनीना की ऋतु यादव कनीना में विवाहिता है किंतु उनके भाई गुरुग्राम में रहते हैं। यद्यपि गुरुग्राम में कोरोना भारी मात्रा में फैला हुआ है किंतु ऋतु को कोई परवाह नहीं है। उनका कहना है कि यदि भाई से मिलना हो तो कोरोना बाधक नहीं बनेगा। पहली बात तो वह दुआ कर रही है कि उनका भाई सही सलामत अच्छे ढंग से घर पहुंचे। वे बेसब्री से इंतजार करेंगी। उनका कहना है कि भाई बहन का प्यार तो यम समी के प्यार से भी अधिक पक्का होता है। उनका कहना है कि यदि नहीं आते तो हर हाल में गुडग़ांव जाकर अपने भाई के कलाई पर राखी बांधेंगी। परंतु उसके भाई ने वादा कर रखा है कि चाहे कोई साधन न हो हर हाल में कनीना पहुंचेंगे और अपनी बहन के राखी बांधेगी। संदीप कुमार गुडग़ांव में रहते हैं। उन्होंने देश के सभी भाइयों की सलामती की कामना की और कहा कि जो भाई अपनी बहनों के यहां राखी बंधवाने जा रहे हैं उनके लिए भगवान से दुआ करेंगे कि सभी खुश होकर जाए और बहन से राखी बंधवा कर वापिस पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोरोना ने उनकी राहों को रोका जरूर है किंतु भाई बहन के प्यार को यमराज भी नहीं रोक सकते। कोरोना की तो औकात क्या है? वह कहती है कि उनका भाई जरूर दिए गए समय पर पहुंचेगा और वे अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेंगी। उनका कहना है कि वह ग्रहणी है पढ़ी-लिखी ग्रहणी है हर बात का हम एक जान है मिठाई आदि का प्रबंध करके तिलक की तैयारियों सहित पहले ही कार्य में जुटी है ताकि इनका भाई ज्यों ही आएगा वह हाथों की कलाई पर राखी बांधेंगी। उनका कहना है कि रक्षाबंधन पर्व एक साल बाद आता है और भाई और बहन इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जहां बहन को भाई से कुछ उपहार मिलता है भाई भाई को बहन का प्यार नहीं अपितु रक्षा सूत्र भी प्राप्त होता है। उन्होंने खेद जताया कि जिन भाइयों की बहन नहीं है उन पर क्या बीती होगी उन्होंने कहा कि जरूर इस दिन हर भाई को अपनी बहन के हाथों से रक्षा सूत्र बंधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन सोमवार का दिन बहुत बहुत खुशी का अवसर होगा। इस जहां सावन का अंतिम सोमवार भी होगा वही उस दिन भारी भीड़ रहेगी। आवागमन में दिक्कत आ सकती है। फोटो: रितु यादव
ऑपरेशन विजय में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी सुनील कुमार ने कनीना ने *************************** ************************************* कनीना। कनीना के सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह ने जहां कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी आज भी सेवानिवृत्त होकर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में कार्यरत है। सुनील कुमार 21 जुलाई 1968 को कनीना के किसान परिवार में जन्मे जिनके तीन बहन और तीन भाई है। सुनील कुमार ने जहां सरकारी स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से दसवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की वहीं 1984 में प्रि- यूनिवर्सिटी(उस वक्त 11वीं की परीक्षा) की परीक्षा श्रीकृष्णा कॉलेज का मालिक से प्राप्त की। वे अपने जमाने के अच्छे बास्केटबाल के खिलाड़ी थे और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी किया वहीं कॉलेज में इंटर कॉलेज लेवल तक भी भाग लिया। तत्पश्चात 1986 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में नौकरी मिल गई एक सैनिक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में ही जनरल नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग भी पूरी कर डाली। आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई टेक्निकल कोर्स पूरे किए। तत्पश्चात पंजाब में सेवा करने का मौका मिला जहां पंजाब में उन दिनों उग्रवाद पूरे चरम पर था। सेना में के सहयोग से शांति स्थापित की। तत्पश्चात 1998 से 2000 तक जम्मू कश्मीर तथा अन्य क्षेत्रों में फील्ड एरिया में काम करने का मौका मिला और 1999 में ऑपरेशन विजय में शामिल होने का बखूबी मौका दिया गया। यद्यपि उनका कार्य अलग होने से वे समाज सेवा में सैनिकों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे। उन्होंने न केवल सैनिकों के परिवार वालों को भी सेवा करने का मौका मिला। ऑपरेशन विजय कामयाब हुआ और उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। जहां सेवा में रहते हुए उन्होंने स्नातक और बीएड की परीक्षा पास की 2003 में नायक पद से सेवानिवृत्त होकर घर आए और ब्लड बैंक में कार्य करने लगे। 2010 में उन्हें हरियाणा सरकार में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में नौकरी मिली। आज भी वे सेवा दे रहे हैं। उनकी सेवा उसे जहां हर इंसान प्रभावित है वहीं उनकी आर्मी की सेवा से सैनिक बहुत प्रभावित हुये थे। फोटो कैप्शन: सुनील गुढ़ा गांव में शिव मंदिर को तोड़ ने के मामले में पुलिस ने गांव के ही एक व्यक्ति के खिलाफ किया मामला दर्ज संवाद सहयोगी,कनीना। पुराने शिव मंदिर को खण्डित कर अवैध कब्जा करने के मामले में मामला दर्ज किया है। मिली जानकारी के अनुसार खंड के गांव गुढ़ा निवासी एक व्यक्ति ने गांव में बने पुराने शिव मंदिर की गुंबद तोड़कर अवैध कब्जा करना चाहा तो गांव के वर्तमान सरपंच व अन्य समाजसेवियों ने इसकी सूचना कनीना पुलिस को देकर उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा था जिस पर कनीना पुलिस के उपनिरीक्षक अमरजीत सिंह ने गांव गुढ़ा पहुंच कर उक्त मामले की गहनता से जांच कि तथा मंदिर को तोड़ कर अवैध कब्जा करने वाले विक्रम व उसके बेटे के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वही गांव के सरपंच व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उक्त मंदिर को क्षतिग्रस्त करने के मामले को लेकर गांव में रोष है। ऑपरेशन विजय में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी सुनील कुमार ने कनीना ने संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना के सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह ने जहां कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी आज भी सेवानिवृत्त होकर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में कार्यरत है। सुनील कुमार 21 जुलाई 1968 को कनीना के किसान परिवार में जन्मे जिनके तीन बहन और तीन भाई है। सुनील कुमार ने जहां सरकारी स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से दसवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की वहीं 1984 में प्रि- यूनिवर्सिटी(उस वक्त 11वीं की परीक्षा) की परीक्षा श्रीकृष्णा कॉलेज का मालिक से प्राप्त की। वे अपने जमाने के अच्छे बास्केटबाल के खिलाड़ी थे और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी किया वहीं कॉलेज में इंटर कॉलेज लेवल तक भी भाग लिया। तत्पश्चात 1986 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में नौकरी मिल गई एक सैनिक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में ही जनरल नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग भी पूरी कर डाली। आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई टेक्निकल कोर्स पूरे किए। तत्पश्चात पंजाब में सेवा करने का मौका मिला जहां पंजाब में उन दिनों उग्रवाद पूरे चरम पर था। सेना में के सहयोग से शांति स्थापित की। तत्पश्चात 1998 से 2000 तक जम्मू कश्मीर तथा अन्य क्षेत्रों में फील्ड एरिया में काम करने का मौका मिला और 1999 में ऑपरेशन विजय में शामिल होने का बखूबी मौका दिया गया। यद्यपि उनका कार्य अलग होने से वे समाज सेवा में सैनिकों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे। उन्होंने न केवल सैनिकों के परिवार वालों को भी सेवा करने का मौका मिला। ऑपरेशन विजय कामयाब हुआ और उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। जहां सेवा में रहते हुए उन्होंने स्नातक और बीएड की परीक्षा पास की 2003 में नायक पद से सेवानिवृत्त होकर घर आए और ब्लड बैंक में कार्य करने लगे। 2010 में उन्हें हरियाणा सरकार में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में नौकरी मिली। आज भी वे सेवा दे रहे हैं। उनकी सेवा उसे जहां हर इंसान प्रभावित है वहीं उनकी आर्मी की सेवा से सैनिक बहुत प्रभावित हुये थे। फोटो कैप्शन: सुनील
Wednesday, July 29, 2020
नारा लगाते हुए लायें मिट्टी *************************** *************************** ****************************** कनीना। एक ही नारा एक ही नाम, जय श्रीराम, जय श्रीराम। राम लला हम आएंगे मंदिर भव्य बनाएंगे का उद्घोष करते हुए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने झगड़ोली अन्नावास, बुचावास गांव से पवित्र स्थानों पर से मिट्टी एवं जल लेकर अध्यक्ष महेश बोहरा को देते हुए कहा कि हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि हमारे गांव की मिट्टी एवं जल राम मंदिर निर्माण में अर्पित होने के लिए भेजा जा रहा है। अधिक जानकारी देते हुए श्री बोहरा ने बताया कि प्रखंड के हर व्यक्ति को 5 अगस्त अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन एवं मंदिर निर्माण के लिए बहुत ज्यादा खुशी हो रही है। उनकी खुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके पास भिन्न-भिन्न गांव से रोजाना पवित्र स्थानों से मिट्टी एवं जल आ रहा है और सभी अयोध्या जाने के लिए तैयार हो रहे हैं। श्री बोहरा ने बताया कि लगभग 500 सालों तक खुशी का मौका, हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरे संसार में बसने वाले हिंदू को मिला है। इसलिए सभी के मन में अपार खुशी है। विश्व हिंदू परिषद को कोरोनावायरस की वजह से यह फैसला लेना पड़ा है कि गांव गांव से मंदिरों से आश्रमों से मिट्टी एवं जल मंगवाया जाए। श्री बोहरा ने कहां की अगर करोना संक्रमण नहीं होता तो विश्व हिंदू परिषद का बहुत ही बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर प्रत्येक गांव में रथ यात्रा के माध्यम से मिट्टी एवं जल लेने आती और प्रत्येक गांव में सत्संग करते हुए सभी मंदिर एवं आश्रमों से गुजरते हुए निकलना था। यह कार्यक्रम लगभग एक महीने चलाना था लेकिन संक्रमण के मद्देनजर यह फैसला लेना पड़ा। श्री बोहरा ने खंड के लोगों से आह्वान किया कि 5 जुलाई को बिल्कुल दीपावली की तरह धूमधाम से मनाएं, अपने घर में घी के दीपक जलाएं और सुबह अयोध्या में पूजन के समय अपने घर पर हवन यज्ञ, घंटा, घडिय़ाल एवं संस्थाओं व भक्ति गीत गाकर पूजा करें एवं खुशी मनाए। फोटो कैप्शन : विश्व हिंदु परिषद के महेश बोहरा
गौशाला को दिए पांच लाख रुपये ********************************* ****************************** ********************************* कनीना। रेवाड़ी निवासी पार्वती पत्नी वेदराम समाज सेविका ने कनीना की गौशाला को पांच लाख रुपये की राशि गौशाला को दी है। कनीना पालिका के प्रधान सतीश जेलदार, प्रधान गौशाला हुकमचंद ने उनका आभार व्यक्त करते हुए सम्मानित किया। इस मौके पर पार्वती ने कहा कि गायों की सेवा दुनिया में सबसे बेहतर होती है। हिंदू समाज में गायों की सदा पूजा होती आई हैं। ऐसे में उन्होंने गायों की सेवा करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण भी गाय पालते थे इसलिए आज भी उन्हें गोपाल नाम से जाना जाता है। गायों का दूध, घी,छाछ सभी उपयोगी होती है। गाय का दूध पिलाने से बच्चे भी बुद्धिमान बनते हैं। उन्होंने कहा कि गाय हमें स्वर्ग से प्राप्त अमृत देने वाले जीव है। इन को मां का दर्जा दिया गया है इनकी सेवा हर इंसान का फर्ज बनता है। इस मौके पर कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने कहा कि समय समय पर भक्त एवं सरकार गोशाला के लिए चंदा देते आ रहे हैं जिसके बल पर गौशाला चल रही है। कनीना कीगौशाला में करीब 2000 गायें हैं। इस मौके पर होशियार सिंह, राजेंद्र, बॉबी बाबूलाल आदि उपस्थित थे। फोटो कैप्शन 6: पार्वती को गुलदस्ता भेंट करते हुए कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार एवं अन्य।
े कनीना क्षेत्र में आए 4 केस कोरोना के **************************** संवाद सहयोगी,कनीना। कनीना क्षेत्र में दिनोंदिन कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार को चार कोरोना केस पाजिटिव और सामने आए हैं। मिली जानकारी अनुसार करीरा में दो तथा ककराला में एक केस वहीं झीगावन में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। करीरा मेंमिले दोनों कोरोना पॉजिटिव जमींदार हैं और घर पर ही रहते हैं। ये दोनों विगत दिनों आये कोरोना पाजिटिव के संपर्क में आये थे औा वे भी पोजिटिव हो गए हैं। दोनों को पटिकरा भेज दिया है तथा क्षेत्र को सेनिटाइज कर दिया है। दोनों ने 27 जुलाई को सैंपल दिया था। उधर झीगावन का एक किसान आंखें चेक करवाने के लिए नारनौल गया था और उनका भी 27 जुलाई को सैंपल हुआ था वह भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। सीएचसी मूुडियाखेड़ा तथा उप नागरिक अस्पताल कनीना ने आगामी कार्रवाई करते हुए क्षेत्र को की स्क्रीनिंग की है। मिली जानकारी अनुसार ककराला में टीम एक में राजवीर सिंह , स्नेहलता, सुनीता, आशा तथा टीम नंबर 2 में संतोष, प्रियंका, आशा, कांता, आशा वर्कर ने स्क्रीनिंग की जिसमें डॉक्टर अंकित तथा शीशराम एचआई सुपरवाइजर ने अहम भूमिका निभाई। उधर करीरा में डॉक्टर दीपांशु की अध्यक्षता में दो टीमें गठित की गई जिनमें राकेश, शारदा, आशा वर्कर, सुनीता, पार्वती, पिस्ता, आशा ने तथा शीशराम सुपरवाइजर ने मिलकर स्क्रीनिंग की कॉल करी रा में जहां कंटेनमेंट जोन में एक घर और चार व्यक्ति जबकि बफर जोन में 6 घर और 21 व्यक्तियों का स्क्रीनिंग की गई जबकि कोरोना पॉजिटिव दूसरे व्यक्ति के यहां कंटेनमेंट जोन में 5 घर 21 व्यक्ति, बफर जोन में 15 घर और 106 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। ककराला में जहां कंटेनमेंट जोन में एक घर चार व्यक्ति और बफर जोन में एक घर 10 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। ककराला के मरीज को घर पर आइसोलेट कर दिया गया है। उधर से एसएमओ डा धर्मेंद्र ने कहा कि इस वक्त व्यक्तिगत बचाव बहुत जरूरी हो गया है। अगर सावधानी बरती जाए तो कोरोनावायरस को रोका जा सकता है। ऐसे में उन्होंने एतिहात के सभी कदम अपनाने की अपील लोगों से की है। बिजली संबधित किसी भी समस्या के लिए
उपभोक्ताओं को परेशान नहीं होने दिया जाएगा- बुधराम सिंह ***************************** ******************************* कनीना। बिजली संबधित किसी भी प्रकार के कार्य लिए किसी को भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा। लोकडाउन के समय विभाग द्वारा बिजली संबधित समस्याओं को युद्ध स्तर पर ठीक किया गया था। ठीक उसी तरह से आज भी विभाग किसी भी छोटे से छोटी और बड़े से बड़ी समस्या के समाधान हेतु हर समय तैयार है। ये विचार बिजली विभाग के एक्षान बुधराम सिंह ने कनीना बिजली कार्यालय में आमजन कि समस्याएं सुनने के पश्चात पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए। इस अवसर पर बोलते हुए बुधराम सिंह ने कहा कि जिस प्रकार बिजली विभाग उपभोक्ताओं की समस्या सुनता तथा उनको हर सुविधाए उपलब्ध कराता है ठीक उसी प्रकार से बिजली उपभोक्ताओं बिजली चोरी नहीं करनी चाहिए तथा बिजली का बिल समय पर भरना चाहिए। क्योंकि अच्छी सुविधा के लिए हर माह बिजली बिल भरना भी अति आवश्यक है। वही एसडीओ नरेन्द्र कुमार ने भी बिजली उपभोक्ताओं को बताया बिजली की किसी भी समस्या के लिए उनको विभाग के कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़े इस लिए विभाग टोल फ्री नंबर जारी किया हुआ है ताकि आम उपभोक्ताओं को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। इस अवसर पर लगभग दो दर्जन बिजली उपभोक्ताओं की समस्या सुनी तथा विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर जेई पवन कुमार व अन्य स्टाफ मौजूद था। फोटो कैप्शन 3: एक्षन बुधराम बिजली की समस्याएं सुनते हुए।
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत संस्था ने लगाए पेड़ पौधे *************************** ********************************** कनीना। खण्ड के गांव मोहनपुर में सत्य भारती स्कूल मोहनपुर के बच्चों ने बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल सामाजिक संस्था के साथ मिलकर अपने अपने घरों में पौधे लगाए संस्था के सदस्यों ने बच्चों को घर घर जाकर पौधे वितरित किए व सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए पौधा रोपण किया गया। इस मौके पर 50 पौधे जामुन एवं तुलसी के लगाए। इस अवसर पर बच्चों ने प्रण लिया कि वे इन पौधों की देखभाल करेंगे संस्था अध्यक्ष नवीन कौशिक ने कहा कि संस्था द्वारा पूरे जुलाई और अगस्त तक लगातार जारी रहेगा संस्था द्वारा लोगों को घर घर जाकर पेड़ वितरित किया जा रहा है और हर दस दिन में पौधों की देखभाल कैसी हो रही है एक फोटो शेयर करने वाली मुहिम को समझाया जाता है। मास्टर राकेश कौशिक ने पर्यावरण के महत्व को समझाया तथा स्कूल की प्रिंसिपल हेमलता, राजकुमार, ज्योति,विमला, लेखराज ने संस्था को पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने का प्रण लिया। इस अवसर पर गजे सिंह इंदौरा, विकाश, पंकज आदि संस्था के सदस्यों ने बच्चों के साथ मिलकर पौधा रोपण किया। फोटो कैप्शन 5: जामुन का पौधा लगाते हुए संस्था के पदाधिकारी।
रोग बढ़ा, स्कूल लगे ************************ ******************************* कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां कोरोना रोग तेजी से बढ़ रहा है वहीं स्कूल लग रहे हैं। बिना विद्यार्थियों के स्कूल लग रहे हैं और जो काम अध्यापक घर पर करते थे वह काम अब स्कूलों में करना पड़ रहा है। जहां नेट की भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। शिक्षकों से इस संबंध में मिली जानकारी अनुसार कि घर पर अक्सर अधिकांश शिक्षक शहर कस्बे के पास रहते हैं जहां से नेट बेहतर कार्य करता है और विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने में सुविधा हो रही थी किंतु अब स्कूल में जाना पड़ता है। ऐसे स्कूल में से ही विद्यार्थियों तक आनलाइन शिक्षण करवाना पड़ता है, वहां नेट की सुविधा नहीं मिलती। बहुत से गांव में तो नेट काम नहीं करता इसलिए घंटों मोबाइल पर बैठे रहते हैं और बैटरी डाउन चली जाती है। जो कार्य घर पर करना होता था अब उन्हें स्कूल में करना पड़ रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव का कहना है कि सरकार के आदेशों के चलते उन्हें स्कूलों में जाना ही पड़ेगा। उधर खंड कनीना के एक स्कूल की एक शिक्षिका का पति कोरोना पोजिटिव है अब समस्या यह बन गई है कि यदि वह शिक्षिका स्कूल में आएगी तो कोरोना से पीडि़त स्टाफ भी हो सकता हैं। कुछ गांव तो ऐसे हैं जहां कोरोना के कई कई केस है और वहां पर शिक्षकों को जाना पड़ता है शिक्षकों के पास किसी प्रकार की कोई बचाव पक्ष की सुविधा नहीं है और तो और उन्हें उन स्कूलों में जाना पड़ रहा है जहां श्रमिक लंबे समय तक कोरोना काल में ठहरे थे। ऐसे में यदि कोई श्रमिक वहां कोरोना के समय पॉजिटिव रहा होगा। ऐसे कमरों में शिक्षक ठहरना पसंद नहीं करते हैं। उधर अभिभावक दिनेश कुमार, राम सिंह, दयाराम, धर्मवीर आदि ने बताया कि अभी किसी हाल में अपने बच्चों को स्कूल में तो क्या अपने घर से बाहर भी नहीं निकलने दे रहे हैं क्योंकि कोरोना तेजी से फैल रहा है और फैलने के कारण बच्चों में रोग होने की अधिक संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों को कमरों में ही रखा जाता है बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।
ऑपरेशन विजय में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी सुनील कुमार ने कनीना ने ************************* ****************************** कनीना। कनीना के सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह ने जहां कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी आज भी सेवानिवृत्त होकर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में कार्यरत है। सुनील कुमार 21 जुलाई 1968 को कनीना के किसान परिवार में जन्मे जिनके तीन बहन और तीन भाई है। सुनील कुमार ने जहां सरकारी स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से दसवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की वहीं 1984 में प्रि- यूनिवर्सिटी(उस वक्त 11वीं की परीक्षा) की परीक्षा श्रीकृष्णा कॉलेज का मालिक से प्राप्त की। वे अपने जमाने के अच्छे बास्केटबाल के खिलाड़ी थे और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी किया वहीं कॉलेज में इंटर कॉलेज लेवल तक भी भाग लिया। तत्पश्चात 1986 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में नौकरी मिल गई एक सैनिक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में ही जनरल नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग भी पूरी कर डाली। आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई टेक्निकल कोर्स पूरे किए। तत्पश्चात पंजाब में सेवा करने का मौका मिला जहां पंजाब में उन दिनों उग्रवाद पूरे चरम पर था। सेना में के सहयोग से शांति स्थापित की। तत्पश्चात 1998 से 2000 तक जम्मू कश्मीर तथा अन्य क्षेत्रों में फील्ड एरिया में काम करने का मौका मिला और 1999 में ऑपरेशन विजय में शामिल होने का बखूबी मौका दिया गया। यद्यपि उनका कार्य अलग होने से वे समाज सेवा में सैनिकों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे। वे बताते हैं कि युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की हालात उनसे देखाी नहीं जाती थी। वे दिनरात उनकी सेवा में जुटे रहते और सैनिकों को साहस के साथ बचाने का प्रयास करते। उन्होंने न केवल सैनिकों के परिवार वालों को भी सेवा करने का मौका मिला। ऑपरेशन विजय कामयाब हुआ और उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। जहां सेवा में रहते हुए उन्होंने स्नातक और बीएड की परीक्षा पास की 2003 में नायक पद से सेवानिवृत्त होकर घर आए और ब्लड बैंक में कार्य करने लगे। 2010 में उन्हें हरियाणा सरकार में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में नौकरी मिली। आज भी वे सेवा दे रहे हैं। उनकी सेवा उसे जहां हर इंसान प्रभावित है वहीं उनकी आर्मी की सेवा से सैनिक बहुत प्रभावित हुये थे। फोटो कैप्शन: सुनील
राखी बांधने के लिए भाई को बुलाया है ******************************** ******************************** ***************************** ऋतु
यादव कनीना में विवाहिता है किंतु उनके भाई गुरुग्राम में रहते हैं।
यद्यपि गुरुग्राम में कोरोना भारी मात्रा में फैला हुआ है किंतु ऋतु को कोई
परवाह नहीं है। उनका कहना है कि यदि भाई से मिलना हो तो कोरोना बाधक नहीं
बनेगा। पहली बात तो वह दुआ कर रही है कि उनका भाई सही सलामत अच्छे ढंग से
घर पहुंचे। वे बेसब्री से इंतजार करेंगी। उनका कहना है कि भाई बहन का प्यार
तो यम समी के प्यार से भी अधिक पक्का होता है। उनका कहना है कि यदि नहीं
आते तो हर हाल में गुडग़ांव जाकर अपने भाई के कलाई पर राखी बांधेंगी। परंतु
उसके भाई ने वादा कर रखा है कि चाहे कोई साधन न हो हर हाल में कनीना
पहुंचेंगे और अपनी बहन के राखी बांधेगी। संदीप कुमार गुडग़ांव में रहते हैं। उन्होंने
देश के सभी भाइयों की सलामती की कामना की और कहा कि जो भाई अपनी बहनों के
यहां राखी बंधवाने जा रहे हैं उनके लिए भगवान से दुआ करेंगे कि सभी खुश
होकर जाए और बहन से राखी बंधवा कर वापिस पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोरोना ने
उनकी राहों को रोका जरूर है किंतु भाई बहन के प्यार को यमराज भी नहीं रोक
सकते। कोरोना की तो औकात क्या है? वह कहती है कि उनका भाई जरूर दिए गए समय
पर पहुंचेगा और वे अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेंगी। उनका कहना है
कि वह ग्रहणी है पढ़ी-लिखी ग्रहणी है हर बात का हम एक जान है मिठाई आदि का
प्रबंध करके तिलक की तैयारियों सहित पहले ही कार्य में जुटी है ताकि इनका
भाई ज्यों ही आएगा वह हाथों की कलाई पर राखी बांधेंगी। उनका कहना है कि
रक्षाबंधन पर्व एक साल बाद आता है और भाई और बहन इस दिन का बेसब्री से
इंतजार करते हैं। जहां बहन को भाई से कुछ उपहार मिलता है भाई भाई को बहन का
प्यार नहीं अपितु रक्षा सूत्र भी प्राप्त होता है। उन्होंने खेद जताया कि
जिन भाइयों की बहन नहीं है उन पर क्या बीती होगी उन्होंने कहा कि जरूर इस
दिन हर भाई को अपनी बहन के हाथों से रक्षा सूत्र बंधकर उनकी लंबी उम्र की
कामना करती है उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन सोमवार का दिन बहुत बहुत खुशी का
अवसर होगा। इस जहां सावन का अंतिम सोमवार भी होगा वही उस दिन भारी भीड़
रहेगी। आवागमन में दिक्कत आ सकती है। फोटो: रितु यादव
शोक संवेदना व्यक्त की ************************ ***************************** कनीना।
अपने इष्ट जनों की सांत्वना और सहयोग दुख की घड़ी में बहुत बड़ा सबल होता
है। पूर्व प्राचार्य एवं प्रसिद्ध समाजसेवी लालचंद्र यादव बवानिया वाले की
धर्मपत्नी स्वर्गीय लाली देवी के दुखद निधन पर चौथे दिन भी शोक संतप्त
परिवार को धैर्य बंधाने के लिए दिनभर मित्रों व रिश्तेदारों का तांता लगा
रहा। इनमें शिक्षा विभाग से जुड़े अनेक प्रोफेसर, प्रधानाचार्य ,शिक्षक व
दूसरे कर्मचारी शामिल थे। मृतका का जेष्ठ पुत्र पुलिस कर्मचारी होने के
कारण हरियाणा पुलिस के अनेक अधिकारी व कर्मचारी भी सांत्वना देने पहुंचे।
गौरतलब है कि स्वर्गीय लाली देवी का निधन 25 जुलाई को हृदय गति रुकने के
कारण हो गया था। परिवार का दु:ख साझा करने के लिए पधारने वाले लोगों में
मुख्य रूप से कंवर सिंह यादव पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष , देवेंद्र यादव
पूर्व उप जिला प्रमुख, मि_ू राम चोपड़ा पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, पवन
खैरवाल अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा महेंद्रगढ़ , विजय पाल चेयरमैन
,संतोष कुमार पीटीआई , ओम प्रकाश शर्मा चेयरमैन हेरिटेज स्कूल, रविंद्र
यादव प्रधान सरपंच एसोसिएशन , पूर्व पुलिस अधीक्षक हीरालाल, ओम प्रकाश सैनी
प्रधानाचार्य ,कैप्टन सुरेंद्र सिंह प्रधान गौशाला महेंद्रगढ़ , विवेक
सिंह मंडल अध्यक्ष भाजपा ,प्रदीप यादव पूर्व मंडल अध्यक्ष ,दिलावर सिंह
ठेकेदार , जीवनराम मेघन वास ,ऋषिराज सोनी ,राम सिंह यादव पूर्व प्रधान
इनैलो,लक्ष्मी नारायण सैनी प्रधान हलवाई एसोसिएशन महेंद्रगढ़ व मास्टर
महावीर प्रसाद शर्मा झगडोली वाले अपने समस्त परिवार के साथ शामिल हुए।
Tuesday, July 28, 2020
ऑपरेशन विजय में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी सुनील कुमार ने कनीना ने *************************** ***************************** *************************** कनीना। कनीना के सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह ने जहां कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी आज भी सेवानिवृत्त होकर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में कार्यरत है। सुनील कुमार 21 जुलाई 1968 को कनीना के किसान परिवार में जन्मे जिनके तीन बहन और तीन भाई है। सुनील कुमार ने जहां सरकारी स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से दसवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की वहीं 1984 में प्रि- यूनिवर्सिटी(उस वक्त 11वीं की परीक्षा) की परीक्षा श्रीकृष्णा कॉलेज का मालिक से प्राप्त की। वे अपने जमाने के अच्छे बास्केटबाल के खिलाड़ी थे और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी किया वहीं कॉलेज में इंटर कॉलेज लेवल तक भी भाग लिया। तत्पश्चात 1986 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में नौकरी मिल गई एक सैनिक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में ही जनरल नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग भी पूरी कर डाली। आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई टेक्निकल कोर्स पूरे किए। तत्पश्चात पंजाब में सेवा करने का मौका मिला जहां पंजाब में उन दिनों उग्रवाद पूरे चरम पर था। सेना में के सहयोग से शांति स्थापित की। तत्पश्चात 1998 से 2000 तक जम्मू कश्मीर तथा अन्य क्षेत्रों में फील्ड एरिया में काम करने का मौका मिला और 1999 में ऑपरेशन विजय में शामिल होने का बखूबी मौका दिया गया। यद्यपि उनका कार्य अलग होने से वे समाज सेवा में सैनिकों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे। उन्होंने न केवल सैनिकों के परिवार वालों को भी सेवा करने का मौका मिला। ऑपरेशन विजय कामयाब हुआ और उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। जहां सेवा में रहते हुए उन्होंने स्नातक और बीएड की परीक्षा पास की 2003 में नायक पद से सेवानिवृत्त होकर घर आए और ब्लड बैंक में कार्य करने लगे। 2010 में उन्हें हरियाणा सरकार में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में नौकरी मिली। आज भी वे सेवा दे रहे हैं। उनकी सेवा उसे जहां हर इंसान प्रभावित है वहीं उनकी आर्मी की सेवा से सैनिक बहुत प्रभावित हुये थे। फोटो कैप्शन: सुनील गुढ़ा गांव में शिव मंदिर को तोड़ ने के मामले में पुलिस ने गांव के ही एक व्यक्ति के खिलाफ किया मामला दर्ज संवाद सहयोगी,कनीना। पुराने शिव मंदिर को खण्डित कर अवैध कब्जा करने के मामले में मामला दर्ज किया है। मिली जानकारी के अनुसार खंड के गांव गुढ़ा निवासी एक व्यक्ति ने गांव में बने पुराने शिव मंदिर की गुंबद तोड़कर अवैध कब्जा करना चाहा तो गांव के वर्तमान सरपंच व अन्य समाजसेवियों ने इसकी सूचना कनीना पुलिस को देकर उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा था जिस पर कनीना पुलिस के उपनिरीक्षक अमरजीत सिंह ने गांव गुढ़ा पहुंच कर उक्त मामले की गहनता से जांच कि तथा मंदिर को तोड़ कर अवैध कब्जा करने वाले विक्रम व उसके बेटे के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वही गांव के सरपंच व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उक्त मंदिर को क्षतिग्रस्त करने के मामले को लेकर गांव में रोष है। ऑपरेशन विजय में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी सुनील कुमार ने कनीना ने संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना के सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह ने जहां कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी आज भी सेवानिवृत्त होकर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में कार्यरत है। सुनील कुमार 21 जुलाई 1968 को कनीना के किसान परिवार में जन्मे जिनके तीन बहन और तीन भाई है। सुनील कुमार ने जहां सरकारी स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से दसवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की वहीं 1984 में प्रि- यूनिवर्सिटी(उस वक्त 11वीं की परीक्षा) की परीक्षा श्रीकृष्णा कॉलेज का मालिक से प्राप्त की। वे अपने जमाने के अच्छे बास्केटबाल के खिलाड़ी थे और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी किया वहीं कॉलेज में इंटर कॉलेज लेवल तक भी भाग लिया। तत्पश्चात 1986 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में नौकरी मिल गई एक सैनिक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में ही जनरल नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग भी पूरी कर डाली। आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई टेक्निकल कोर्स पूरे किए। तत्पश्चात पंजाब में सेवा करने का मौका मिला जहां पंजाब में उन दिनों उग्रवाद पूरे चरम पर था। सेना में के सहयोग से शांति स्थापित की। तत्पश्चात 1998 से 2000 तक जम्मू कश्मीर तथा अन्य क्षेत्रों में फील्ड एरिया में काम करने का मौका मिला और 1999 में ऑपरेशन विजय में शामिल होने का बखूबी मौका दिया गया। यद्यपि उनका कार्य अलग होने से वे समाज सेवा में सैनिकों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे। उन्होंने न केवल सैनिकों के परिवार वालों को भी सेवा करने का मौका मिला। ऑपरेशन विजय कामयाब हुआ और उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। जहां सेवा में रहते हुए उन्होंने स्नातक और बीएड की परीक्षा पास की 2003 में नायक पद से सेवानिवृत्त होकर घर आए और ब्लड बैंक में कार्य करने लगे। 2010 में उन्हें हरियाणा सरकार में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में नौकरी मिली। आज भी वे सेवा दे रहे हैं। उनकी सेवा उसे जहां हर इंसान प्रभावित है वहीं उनकी आर्मी की सेवा से सैनिक बहुत प्रभावित हुये थे। फोटो कैप्शन: सुनील
कोविड-19 के सैंपल लिये जाएंगे 11 बजे तक ************************************* ************************************** कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां कोविड-19 के सैंपल के लिए रजिस्ट्रेशन प्रात: 8:30 से 11 तक किये जाएंगे तत्पश्चात 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक कोरोना के सैंपल लिये जाएंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि समय बदल कर अब सैंपल पंजीकरण का समय प्रात: 11 बजे तक रख दिया है तत्पश्चात 1 घंटे के लिए कोविड सैंपल लिए जाएंगे।
3 केस कोरोना पाजिटिव कनीना क्षेत्र में मिले ********************************* ********************************* कनीना। कनीना क्षेत्र में तीन केस कोरोना के आए हैं। एक कोरोना केस भडफ़, दूसरा मोहनपुर नगर तथा तीसरा पड़तल में मिला है। तीनों की आगामी कार्रवाई करते हुए तीनों को ही घर पर आइसोलेट कर दिया गया है। मिली जानकारी अनुसार भडफ़ में एक व्यक्ति बावल कंपनी में कार्य करता है जो कोरोना पॉजिटिव मिला है जबकि मोहनपुर में कर्मचारी आर्मी में कार्यरत है वही पड़तल में मजदूर के रुप में कोरोना पॉजिटिव की पहचान की गई है। पड़तल तथा मोहनपुर भोजावास सीएचसी के तहत पड़ते हैं जबकि भडफ़ कनीना उप-नागरिक अस्पताल के तहत पड़ता है। डॉ दीपांशु, डॉक्टर दिनेश, शीशराम एमआई, राजकुमार सुपरवाइजर,पंकज, ऊषा,जयश्री, प्रवीण रेवती, राकेश, शारदा, सुनीता, आशा वर्कर ने मिलकर स्क्रीनिंग की तथा आगामी कार्रवाई पूर्ण की। उधर डॉ धर्मेंद्र एसएमओ ने कहा कि रोग से बचाव में ही बचाव संभव है। इस रोग से बचने का एकमात्र तरीका है कि मास्क पहने, हाथों को सेनिटाइजर से साफ करे तथा फिजिकल दूरी बनाए रखे। ऐतिहास के सभी नियमों का पालन करना चाहिए तभी रोग से बचा जा सकता है। फोटो कैप्शन 5: स्क्रीनिंग करते हुए कनीना उप नागरिक अस्पताल कर्मी।
कोरोना रोग के चलते कम सफर करेंगी महिलाएं ****************************************** *************************************** कनीना। इस बार यूं तो रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आ गया है किंतु महिलाएं रक्षाबंधन पर बहुत कम सफर करेंगी। कोरोनावायरस के फैलने से महिलाएं भी इस बार कम संख्या में इधर-उधर जाएंगी, वहीं पुरुष भी कम से कम जाएंगे। जहां महिला आशा, लक्ष्मी, मीना, बबली आदि ने बताया कि वे अपने भाइयों के पास जाकर राखी बांधना तो चाहती है किंतु कठिन काम हो गया है। कोरोनावायरस फैल रहा है। दूर दराज भाई बैठे होने से अब उन्होंने ऑनलाइन राखी भेजी है ताकि कम से कम राखी तो भाई तक पहुंच जाए। उधर कुछ लोगों से इस संबंध में जानकारी चाही तो रवि सुनील, दिनेश, महेश, राजू आदि ने बताया कि वे हर साल अपनी बहन के यहां जाते रहे हैं या फिर उनकी बहन यहां आती है किंतु इस बार कोरोना के चलते इधर-उधर नहीं जा पाएंगे। इसलिए अपनी बहनों से फोन पर ही राखी मंगवा कर बांध लेंगे। कोरोना के चलते यह घटना घट रही है उनके जीवन में पहली बार यह अवसर आया है जब रोग के कारण भाई बहन एक दूसरे के पास जाने में हिचकिचाहट महसूस करने लगे हैं। अब तो धड़ाधड़ आनलाइन राखी भेजी जा रही हैं। फोटो कैप्शन 6: बहन अपने छोटे भाई को राखी बांधते हुए।
कोविड-19 के सैंपल लिये जाएंगे 11 बजे तक कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां कोविड-19 के सैंपल के लिए रजिस्ट्रेशन प्रात: 8:30 से 11 तक किये जाएंगे तत्पश्चात 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक कोरोना के सैंपल लिये जाएंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि समय बदल कर अब सैंपल पंजीकरण का समय प्रात: 11 बजे तक रख दिया है तत्पश्चात 1 घंटे के लिए कोविड सैंपल लिए जाएंगे।
3 केस कोरोना पाजिटिव कनीना क्षेत्र में मिले कनीना। कनीना क्षेत्र में तीन केस कोरोना के आए हैं। एक कोरोना केस भडफ़, दूसरा मोहनपुर नगर तथा तीसरा पड़तल में मिला है। तीनों की आगामी कार्रवाई करते हुए तीनों को ही घर पर आइसोलेट कर दिया गया है। मिली जानकारी अनुसार भडफ़ में एक व्यक्ति बावल कंपनी में कार्य करता है जो कोरोना पॉजिटिव मिला है जबकि मोहनपुर में कर्मचारी आर्मी में कार्यरत है वही पड़तल में मजदूर के रुप में कोरोना पॉजिटिव की पहचान की गई है। पड़तल तथा मोहनपुर भोजावास सीएचसी के तहत पड़ते हैं जबकि भडफ़ कनीना उप-नागरिक अस्पताल के तहत पड़ता है। डॉ दीपांशु, डॉक्टर दिनेश, शीशराम एमआई, राजकुमार सुपरवाइजर,पंकज, ऊषा,जयश्री, प्रवीण रेवती, राकेश, शारदा, सुनीता, आशा वर्कर ने मिलकर स्क्रीनिंग की तथा आगामी कार्रवाई पूर्ण की। उधर डॉ धर्मेंद्र एसएमओ ने कहा कि रोग से बचाव में ही बचाव संभव है। इस रोग से बचने का एकमात्र तरीका है कि मास्क पहने, हाथों को सेनिटाइजर से साफ करे तथा फिजिकल दूरी बनाए रखे। ऐतिहास के सभी नियमों का पालन करना चाहिए तभी रोग से बचा जा सकता है। फोटो कैप्शन 5: स्क्रीनिंग करते हुए कनीना उप नागरिक अस्पताल कर्मी।
कोरोना रोग के चलते कम सफर करेंगी महिलाएं ********************************** ******************************* कनीना। इस बार यूं तो रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आ गया है किंतु महिलाएं रक्षाबंधन पर बहुत कम सफर करेंगी। कोरोनावायरस के फैलने से महिलाएं भी इस बार कम संख्या में इधर-उधर जाएंगी, वहीं पुरुष भी कम से कम जाएंगे। जहां महिला आशा, लक्ष्मी, मीना, बबली आदि ने बताया कि वे अपने भाइयों के पास जाकर राखी बांधना तो चाहती है किंतु कठिन काम हो गया है। कोरोनावायरस फैल रहा है। दूर दराज भाई बैठे होने से अब उन्होंने ऑनलाइन राखी भेजी है ताकि कम से कम राखी तो भाई तक पहुंच जाए। उधर कुछ लोगों से इस संबंध में जानकारी चाही तो रवि सुनील, दिनेश, महेश, राजू आदि ने बताया कि वे हर साल अपनी बहन के यहां जाते रहे हैं या फिर उनकी बहन यहां आती है किंतु इस बार कोरोना के चलते इधर-उधर नहीं जा पाएंगे। इसलिए अपनी बहनों से फोन पर ही राखी मंगवा कर बांध लेंगे। कोरोना के चलते यह घटना घट रही है उनके जीवन में पहली बार यह अवसर आया है जब रोग के कारण भाई बहन एक दूसरे के पास जाने में हिचकिचाहट महसूस करने लगे हैं। अब तो धड़ाधड़ आनलाइन राखी भेजी जा रही हैं। फोटो कैप्शन 6: बहन अपने छोटे भाई को राखी बांधते हुए।
अज्ञात चोरो ने तीन घरों में वारदात को दिया अंजाम ******************************** ******************************* कनीना। खण्ड के गांव भोजावास में एक ही रात को तीन घरों में चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार रामकुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपने परिवार के साथ अपने घर में सो रहा था कि रात को लगभग बारह बजे कुछ अज्ञात चोरों ने घर में घुस कर, घर में सोए हुए लोगों के दरवाजे बंद कर दिए तथा घर में रखा जेवरात , चांदी तथा नगद रूपये चोरी कर ले गए। रामकुमार के बेटे मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वह रात को लगभग तीन बजे वाशरूम के लिए उठे तो उन्होंने कमरे का दरवाजा खुला देखा तथा जब उन्होंने अंदर देखा तो सभी बक्शा व अन्य सामान बिखरा पड़ा था वही उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिजनों को जगाया वह सारी कहानी दिखाई, वही इसकी जानकारी सुबह कनीना पुलिस को देकर मामले से अवगत कराया जिस पर कनीना पुलिस ने मौके का मुआयना किया तथा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। वही इसी रात अन्य दो घरों में भी हुई चोरी की इस वारदात की सूचना पुलिस को देकर अवगत कराया गया है।
एसडीएम कनीना रणवीर सिंह की देखरेख में रात लगभग 11.30 बजे चलाया ऑपरेशन -ऑपरेशन बेयर फुट के तहत 60 फीसदी टीडी दल का किया सफाया ************************************ ****************************************** कनीना। जिला में राजस्थान की तरफ से आया टीडी दल का सोमवार को गांव बाघोत व उच्चत की बनी में ठहराव हुआ। उपायुक्त आरके सिंह के दिशा निर्देश पर एसडीएम कनीना रणवीर सिंह की देखरेख में रात लगभग 11.30 बजे ऑपरेशन बेयर फुट शुरू किया गया जिसमें 60 फीसदी टीडी दल का सफाया हो गया। राजस्थान की तरफ से आया यह टीडी दल दिनभर कई गांवों में घूमता रहा। कृषि विभाग के अधिकारियों तथा किसानों की सजगता के कारण यह कहीं भी नहीं बैठ पाया और फसलों पर किसी प्रकार का नुकसान नहीं किया। कृषि उपनिदेशक जसविंदर सिंह सैनी ने बताया कि इस अभियान में एचएलआरडीसी द्वारा आपूर्ति की गई दवाई का छिड़काव किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा टिड्डियों का सफाया हो सके। टिड्डियों का यह दल लगभग 4 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ था। उन्होंने बताया कि इस अभियान में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ किसानों का भी सहयोग रहा है। उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में कम से कम तीन बार टिड्डी दल आ चुका है किंतु हर बार उसे कनीना क्षेत्र से बिना नुकसान पहुंचाये ही भगा दिया गया। किसान सुरेंद्र सिंह, महेश कुमार, वीरेंद्र सिंह का कहना है कि उनके यहां टिड्डी दल को कई सालों के बाद देखने को मिला है। वर्षों पहले टिड्डी दल आते थे जो अब कई सालों के बाद फिर आया है। टिड्डी दल तो बहुत से बच्चों ने जीवन में पहली बार देखा है। भडफ़ गांव के सरपंच महेंद्र सिंह ने बताया कि विगत दिनों अचानक एक ट्ड्डिी दल नजर आया तुरंत लोगों को सूचित किया ताकि वे थाली कचौला बजाने लगे। लोगों ने जल्दी ट्ड्डिी दल को करीरा की ओर रवाना कर दिया और करीरा से होते हुए गाहड़ा, सीहोर की ओर गुजर गया था। महेंद्र सिंह सरपंच ने बताया कि ट्ड्डिी दल इतना बड़ा नहीं था। महज आधा किलो मीटर लंबा तथा आधा किलो मीटर चौड़ा गुजरा है। इससे पहले भी कनीना के गांव झीगावन, मोड़ी होकर एक टिड्डी दल गुजरा था। उधर पूर्व कृषि विशेषज्ञ डा देवराज यादव ने बताया कि जब ट्ड्डिी दल जब कहीं आए तो शोर शराबे करके इसे भगाया जा सकता है। डीजे बजा कर,कचोला, कांशी के बर्तन, छाज पीटकर, पीपा बजाकर तथा घरेलू उपकरण आदि से भगाया जा सकता है और इसे बैठने से रोका जा सकता है। जब टिड्डी दल रात को बैठ जाता है तो इस पर स्प्रे करके इसको खत्म किया जा सकता है अन्यथा इसे लाठी-डंडों से नहीं मारा जा सकता। उन्होंने बताया कि 2 बाई 2 किलोमीटर में लाखों टिड्डी दल चलते हैं और 1 दिन में 35,000 लोगों का खाना चट कर जाते हैं। ऐसे में जब भी कभी भी टिड्डी दल दिखाई दे तो तुरंत खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में सूचना देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि मौसम यदि अनुकूलित हुआ तो यह प्रवेश कर सकता है। यह सदा हवा की दिशा में ही चलता है। प्रतिदिन डेढ़ सौ किलोमीटर दूरी हवा की दिशा में तय कर सकता है। उन्होंने बताया कि यदि पछुआ हवा चलेगी तो हमारे इस क्षेत्र में टिड्डी दल आने की संभावना घट जाती है। उन्होंने बताया कि सावधानी में ही बचाव है। टिड्डी दल को रोकने के लिए जरूरी है कि समय पर सावधान रहें। यूं तो टिड्डियों ने कई देशों को परेशान कर रखा है वहीं देश देश के कुछ राज्य टिड्डी दल के कहर से जूझ रहे हैं। गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र इस समय टिड्डी दल से परेशान है। दिल्ली और यूपी भी अलर्ट है। किंतु जहां कहीं भी जाये वहां सब कुछ तबाह कर देते हैं। माना जाता है कि पूरी धरती के 1/5 भाग को कवर कर सकता है। टिड्डी दल संसार की 1/10 जनसंख्या की रोजी.रोटी छीन सकते हैं। जग में 60 देशों में इसका कहर चल रहा है। हनीमून ट्रिप पर आता है टिड्डी दल--- भारत में मॉनसून से पहले अपनी संख्या बढ़ाने के लिए टिड्डी दल भारत में आता है। भारत में कई जगह कहर बरपाने को तैयार है। ये अजीब जीव संख्या बढ़ाने के साथ साथ फसल को तबाह कर देते हैं। कैसे हो पहचान- टिड्डी दल झुंड में ही चलते हैं। मेटिंग के दो दिन बाद ही पीले टिड्डी अंडे देते हैं। मादा जमीन में करीब 6 इंच गहराई पर अंडे देती है। उस जगह सूराख हो जाता है और सूराख के मुंह पर सफेद पाउडर सा दिखाई पड़ता है। ऐसे में टिड्डी दल तीन-चार दिन एक जगह रुकते हैं। अंडे से लारवा निकलकर 30 दिन में ही पूरा वयस्क हो जाता है। दिनभर ये उड़ते हैं और शाम होते ही पेड़ों पर पौधों पर बैठ जाते हैं। रात भर बैठे रहते हैं फिर सूरज उगने के साथ ही उडऩे लगते हैं। ऐसे में खेत में आने से रोकने के लिए डीजे साउंड या जोर से ढोलक, ड्रम, थाली आवाज की जाये जो इन्हें पसंद नहीं है। साउंड इनको पसंद नहीं है। इससे ये भागते हैं।
फोटो कैप्शन 1-से 4: टीडी दल पर दवाई छिड़काव की तैयारियां करते कृषि विभाग के अधिकारी।
गुढ़ा गांव में शिव मंदिर को तोड़ ने के मामले में पुलिस ने गांव के ही एक व्यक्ति के खिलाफ किया मामला दर्ज *************************************** ***************************************
कनीना। पुराने शिव मंदिर को खण्डित कर अवैध कब्जा करने के मामले में मामला दर्ज किया है। मिली जानकारी के अनुसार खंड के गांव गुढ़ा निवासी एक व्यक्ति ने गांव में बने पुराने शिव मंदिर की गुंबद तोड़कर अवैध कब्जा करना चाहा तो गांव के वर्तमान सरपंच व अन्य समाजसेवियों ने इसकी सूचना कनीना पुलिस को देकर उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा था जिस पर कनीना पुलिस के उपनिरीक्षक अमरजीत सिंह ने गांव गुढ़ा पहुंच कर उक्त मामले की गहनता से जांच कि तथा मंदिर को तोड़ कर अवैध कब्जा करने वाले विक्रम व उसके बेटे के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वही गांव के सरपंच व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उक्त मंदिर को क्षतिग्रस्त करने के मामले को लेकर गांव में रोष है।
रोग बढ़ा, स्कूल लगे कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां कोरोना रोग तेजी से बढ़ रहा है वहीं स्कूल लग रहे हैं। बिना विद्यार्थियों के स्कूल लग रहे हैं और जो काम अध्यापक घर पर करते थे वह काम अब स्कूलों में करना पड़ रहा है। जहां नेट की भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है। शिक्षकों से इस संबंध में मिली जानकारी अनुसार कि घर पर अक्सर अधिकांश शिक्षक शहर कस्बे के पास रहते हैं जहां से नेट बेहतर कार्य करता है और विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने में सुविधा हो रही थी किंतु अब स्कूल में जाना पड़ता है। ऐसे स्कूल में से ही विद्यार्थियों तक आनलाइन शिक्षण करवाना पड़ता है, वहां नेट की सुविधा नहीं मिलती। बहुत से गांव में तो नेट काम नहीं करता इसलिए घंटों मोबाइल पर बैठे रहते हैं और बैटरी डाउन चली जाती है। जो कार्य घर पर करना होता था अब उन्हें स्कूल में करना पड़ रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव का कहना है कि सरकार के आदेशों के चलते उन्हें स्कूलों में जाना ही पड़ेगा। उधर खंड कनीना के एक स्कूल की एक शिक्षिका का पति कोरोना पोजिटिव है अब समस्या यह बन गई है कि यदि वह शिक्षिका स्कूल में आएगी तो कोरोना से पीडि़त स्टाफ भी हो सकता हैं। कुछ गांव तो ऐसे हैं जहां कोरोना के कई कई केस है और वहां पर शिक्षकों को जाना पड़ता है शिक्षकों के पास किसी प्रकार की कोई बचाव पक्ष की सुविधा नहीं है और तो और उन्हें उन स्कूलों में जाना पड़ रहा है जहां श्रमिक लंबे समय तक कोरोना काल में ठहरे थे। ऐसे में यदि कोई श्रमिक वहां कोरोना के समय पॉजिटिव रहा होगा। ऐसे कमरों में शिक्षक ठहरना पसंद नहीं करते हैं। उधर अभिभावक दिनेश कुमार, राम सिंह, दयाराम, धर्मवीर आदि ने बताया कि अभी किसी हाल में अपने बच्चों को स्कूल में तो क्या अपने घर से बाहर भी नहीं निकलने दे रहे हैं क्योंकि कोरोना तेजी से फैल रहा है और फैलने के कारण बच्चों में रोग होने की अधिक संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों को कमरों में ही रखा जाता है बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।