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Thursday, July 2, 2020


कंटेंटमेंट जोन में लापरवाही नहीं होगी बर्दाश्त- एसडीएम

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कनीना।एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने बृहस्पतिवार को कार्यालय में बैठक का आयोजन किया। बैठक में कंटेंटमेंट जोन से संबंधित सभी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।
बैठक में अधिकारियों को दिशा-निर्देश देते हुए एसडीएम रणबीर सिंह ने कहा कि कंटेंटमेंट जोन में संक्रमितों से लगातार शिकायतें मिल रही है। अधिकारी डृयूटी लगाने के बाद भी जोन की चेकिंग नहीं कर रहे है। वे स्वयं भी तीन-चार बार कंटेंटमेंट जोन का औचक निरीक्षण कर चुके है। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि यह महामारी का समय है, हमें अपना बचाव करते हुए आमजन व संक्रमित लोगों की भी समस्याओं की तरफ पूरा ध्यान रखना होगा। अगर कोई कर्मचारी व अधिकारी लापरवाही करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी।
बिना मास्क के घूमने वालों के करें चालान:
एसडीएम रणबीर सिंह ने कहा कि बिना मास्क घूमने वाले व थूकने वाले लोगों के चालान काटने में तेजी लाए। एसडीएम ने कहा  िकवे स्वयं भी बिना मास्क के घूमने वाले लोगों के चालान कर रहे है। उन्होंने कहा कि अकसर देखा जा रहा है कि कर्मचारी अपने दफृतरों में ही बैठे रहते है। जबकि चालान काटने में रूचि कम दिखा रहे है।
मेरिज पैलेस के संचालकों की ली बैठक
एसडीएम रणबीर सिंह ने शाम को मेरिज पैलेस संचालकों की भी बैठक ली। संचालकों को एसडीएम ने कहा कि शादी-विवाह में सोशल डिस्टेंथ का पूरा ध्यान रखा जाए। इसके साथ अगर कोई पैलेस में बिना मास्क के आता है तो उसकी जानकारी प्रशासन को दे। उन्होंने कहा कि पैलेस में अधिक लोगों की भीड को एकत्रित न होने दें। अगर वे ऐसा करते है तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
फोटो कैप्शन 2: एसडीएम बैठक लेते हुए।

कनीना में एक और कोरोना केस आने से अब कोरोना मरीजों की संख्या हुई 42 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में अब तक कोरोना के 42 केस पहुंच गए हैं कनीना का एक और कोरोनावायरस जिसमें एक परिजन जिसमें उनके परिजन पहले कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। स्वास्थ्य विभाग ने जाकर स्क्रीनिंग की कथा कंटेनमेंट जोन बनाया। मिली जानकारी अनुसार डाक्टरों की अध्यक्षता में राजेश कुमार, सुनील कुमार, सुशीला, सुमन और आशा वर्कर ने मिलकर कनीना मंडी में मिले केस बतौर स्क्रीनिंग की। इस मौके पर कंटेनमेंट जोन में चार घर तथा 18 व्यक्ति तथा बफर जोन में 29 घर तथा 144 व्यक्तियों का स्क्रीन किया गया। उधर मोबाइल टीम नारनौल ने भी कनीना में दौरा करके विभिन्न स्थानों पर विशेष कर कोंटेंनमेंट जोन में रहे लोगों का सैंपल लिया कोरोना पर नियंत्रण करने के लिए त्वरित कार्रवाई चल रही है।
कोरोना के केस बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐतिहात के नियमों का पालन न करने से भी समस्या बढ़ रही है। उधर डॉ धर्मेंद्र एसएमओ कहा कि जब तक नियमों का सख्ती से पालन नहीं करेंगे तब तक यह समस्या बरकरार रहेगी। उन्होंने कहा कि हाथ अच्छी प्रकार सैनिटाइजर से धोएं, मास्क प्रयोग करें, ब्लाउज प्रयोग करें। इस प्रकार रोग से बचने बचा जा सकता है।
 फोटो कैप्शन 1: स्क्रीनिंग करते हुए कनीना मंडी में स्वास्थ्य विभाग के लोग।



गर्मी से बचे
है  नुकसानदायक
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कनीना। गर्मी बढ़ रही है जिसको लेकर डॉक्टर धर्मेंद्र एसएमओ ने कहा कि कोरोना के बढऩे के साथ साथ गर्मी बढ़ रही है। गर्मी में बाहर नहीं निकलना चाहिए। गर्मी से बचना चाहिए। धूप तेज होती है, बहुत जरूरी काम हो तो मास्क लगाकर सिर को ढक कर ही बाहर जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इनसे जहां फूड प्वाइजनिंग की समस्या होती है उल्टी और दस्त लगते हैं। ऐसे में उन्होंने कहा कि गर्मी के साथ-साथ कोरोना से बचने के लिए नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि गर्मी में उल्टी तथा दस्त की बीमारी बढऩे की संभावना रहती है। ऐसे में उन्होंने कहा कि गर्मी के समय में घर के अंदर ही समय बिताए तो ज्यादा बेहतर होगा।


इस बार कावड़ आने की संभावनाएं क्षीण

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 कनीना। इस बार 5 जुलाई से लग रहे सावन में कावड़ आने की संभावनाएं क्षीण हो गई हैं। हर वर्ष लाखों कांवड़ लाकर बाघेश्वरी धाम पर चढ़ाई जाती है लेकिन इस बार कोरोना के चलते विभिन्न राज्यों के अधिकारियों की बैठक आयोजित हो चुकी है जिसमें किसी भी भक्त को गंगाजल लेकर चलने की अनुमति नहीं है। यदि ऐसा करता है तो उसे 14 दिन को क्वारेंटाइन में रखा जाएगा और उस अवधि का जो खर्चा होगा उसी से लिया जाएगा। ऐसे में लाखों भक्त इस बार मायूस होकर बैठेंगे। सावन माह में कनीना उपमंडल के गांव बाघोत में सबसे बड़ा मेला लगता है। जिसे बाघोश्वरी धाम मेला नाम से जाना जाता है। इस बार कांवड़ नहीं चढऩे की पूरी संभावना बन गई है। उधर आगे देखना है क्या बाघेश्वरी धाम पर लगने वाले मेले पर भी प्रतिबंध लगेगा या नहीं। हर वर्ष सावन माह में कृष्ण त्रयोदशी को यह मेला आयोजित होता है।

इको फें्रडली रूप से हर अवसर को पर्यावरण संरक्षण से जोडऩे की अपील के साथ गतिशील हैं पिंकी यादव 

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कनीना। काउंसलर पिंकी यादव कनीना क्षेत्र के आस-पास इको-फ्रेंडली रूप से हर अवसर को पर्यावरण संरक्षण से जोडऩे की अपील के साथ गतिशील हैं। विभिन्न महिलाओं को साथ लेकर पिंकी यादव ने न केवल पौधरोपण को गति प्रदान बल्कि महिलाओं को उनके आरक्षण के बारे में भी जागरूक किया। इन्होने हर अवसर पर पौधरोपण करने का कार्य किया हैं। चाहे बेटियों के जन्मदिवस पर एक बेटी -एक पौधा मुहिम हो,जन्मदिन एक सन्देश अभियान मिशन हो या रक्षाबंधन को वृक्षाबंधन से जोडऩे का मिशन हो हर मिशन में समाज को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक कर रही हैं। इन्होंने अब तक घर से लेकर सार्वजनिक स्थानों पर 1000 पौधे लगाकर पर्यावरण को संरक्षित करने में आहुति प्रदान की हैं एवं 2000 से ज्यादा  पौधे वितरित भी किए हैं।
पिंकी यादव का कहना हैं की पर्यावरण के संरक्षण के लिए हम सभी को साँझा कदम बढ़ाने की आवश्यकता हैं। प्रकृति का संतुलन भी पर्यावरण पर ही निर्भर करता हैं। हमारे त्यौहार एवं ऋतुएं भी पौधों के साथ जुड़ी हुई हैं। हमें हमारे त्योहारों को इको-फ्रेंडली रूप से पर्यावरण संरक्षण को समर्पित सरोकारों के साथ जोड़कर मनाना चाहिए। हमें जीवनशैली से ज्यादा सोच में बदलाव लाना पड़ेगा। कुदरत से छेड़छाड़ हमारे जीवन के लिए नुकसानदायक हैं। प्रकृति के पहरेदार हरे पेड़ों को कटाई से बचाना चाहिए। आज मानवीय मूल्य के साथ समझदारी के हिसाब से पर्यावरण संरक्षित  जैसे अभियानों को दिशा प्रदान करनी चाहिए। जागरूकता एवं संवेदनशीलता ही हमें पर्यावरण प्रेमी बना सकती हैं। पर्यावरण को समर्पित मुहिम तभी सार्थक होगी जब ज्यादा से ज्यादा युवा इस मिशन में बढ़-चढ़कर भाग लेंगे। प्रत्येक व्यक्ति को जन्मदिन के साथ -साथ अन्य अवसरों पर कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए ताकि समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो सके।
फोटो कैप्शन: पिंकी


भीषण गर्मी से पशु पालक परेशान

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कनीना। भीषण गर्मी पडऩे के साथ साथ अब लू चल रही हैं। दिन के समय घर से बाहर निकल पाना कठिन हो गया है। गर्मी में पेयजल एवं पशुओं के लिए जल की समस्या बढ़ रही है। पशु पालक बेहद परेशान हैं। दूध देने वाले पशु गर्मी के चलते कम दूध दे रहे हैं।
   पशुओं को भी गर्मी से बचाना जरूरी है ताकि पशुओं के दूध  में गिरावट न आए। पशुओं में गर्मी भी बढ़ रही है जिसे दूर करने के लिए देशी औषधियां अधिक कारगर होती हैं।
हरियाणा में भीषण गर्मी का दौर चल रहा है तापमान अधिक हो चुका है। जिसके चलते इंसान और पशु काफी तकलीफ में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
   पशु चिकित्सकों के अनुसार गर्मी की वजह से पशुओं का दूध उत्पादन काफी कम हो गया है साथ ही पशुओं में गर्मी से होने वाले रोगों का काफी इजाफा हुआ है जिसके चलते किसान अपने पशुओं को दिन में कई कई बार नहला रहे हैं।  जिससे पानी का दुरुपयोग हो रहा है।अच्छा दाना चारा कैल्शियम विटामिन मिनरल मिक्चर खिला रहे हैं। सूखा चारा और फीड के भाव में काफी इजाफा हुआ है साथ ही इन भारी-भरकम दवाइयों के खर्चे से किसान की पशुओं  से आमदनी कम होती जा रही है।
ऐसे बचाएं रोगों से एवं गर्मी से-
 इस बारे में कनीना के पशु वैद्य विक्की पंसारी का कहना है कि गर्मी से बचाने वाले पेड़ पौधे और फल बेल फल लेसवा आंवला, कैरी गुलाब सौंफ जो लोध गोखरू वाली घास,पोदीना, छुईमुई, दूधी धनिया,पालक मेहंदी गोंदिया, निंबू, तरबूज इसबगोल मुल्तानी मिट्टी शीशम पेड़ पौधों का प्रयोग करना चाहिए। उनका कहना है कि सोहजना पेड़ की पत्तियों से पशुओं को चारे के रूप में खिलाने से दूध की मात्रा में काफी इजाफा होता है। अगर किसान इस तरह के प्रयोग अपने पशुओं पर करेंगे तो लाभ मिलेगा।


पर्यावरण बिगाडऩा इंसान के हाथ में 

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संवाद सहयोगी,कनीना। दिनोंदिन पर्यावरण बिगड़ता जा रहा है जिसके चलते तापमान में बढ़ोतरी हो रही है, पेयजल संकट,छा रहा है।
 कनीना के सुरेंद्र कुमार, महेंद्र शर्मा का कहना है कि दक्षिण हरियाणा में भारी मात्रा में जाटी के पेड़ होते थे किंतु दिनों दिन किसानों ने उनको काट डाला है जिसके चलते बारिश कम हो रही है। वातावरण दूषित हो रहा है।
 सुमेर सिंह चेयरमैन, रवि कुमार, सुरेश कुमार आदि का कहना है कि लोग पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहे हैं। सड़कों पर एवं नहर के किनारे पेड़ों को नहीं बख्शा जा रहा है। यही कारण है कि वातावरण दूषित होता जा रहा है। तापमान में बढ़ोतरी हो रही है।
सुमेर सिंह चेयरमैन का कहना है कि दिनोंदिन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई की जा रही है जल को दूषित किया जा रहा है। उन्होंने अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने की लोगों से अपील की है। कनीना के अजीत कुमार, सूबे सिंह,राजेंद्र सिंह का कहना है ज्यों ज्यों पेड़ पौधे काटे जाएंगे त्यों त्यों तापमान बढ़ता जाएगा और वैज्ञानिकों के अनुसार तापमान यूं ही बढ़ता गया तो एक दिन ऐसा आएगा इंसान का जीना दूभर हो जाएगा।
कनीना के रविंद्र कुमार पूर्व शिक्षक इस मामले में अहम भूमिका निभा रहे हैं और भारी संख्या में पेड़ पौधे लगा रहे हैं। महावीर सिंह करीरा, गजराज सिंह मोड़ी, आशा यादव कनीना विभिन्न स्थानों पर एवं विभिन्न तरीकों से पेड़ पौधों की रक्षा कर रहे हैं। वहीं दूसरे लोगों को भी पेड़ पौधे लगाने की प्रेरणा दे रहे हैं।  शिक्षाविद निर्मल शास्त्री, कंवर सेन वशिष्ठ, कृष्ण सिंह पूर्व प्राचार्य, बनवारी लाल का कहना है कि जीवन तभी संभव हो पाएगा जब हम पेड़ पौधे लगाएंगे, पानी को बचाएंगे तथा प्रदूषित होने से वातावरण को बचाएंगे।


पर्यावरण संरक्षण के कोहिनूर बने, सीगड़ा के बेटे लक्की राव सिगडिय़ा

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राष्ट्रीय स्तर पर देश भर में एक लाख पौधे लगाने के संकल्प के साथ सेवारत हैं लक्कीराव सीगड़ा   

कनीना। युवाओं के बिना न तो हम अपने समाज को समृद्ध बना सकते हैं और न ही अपने पर्यावरण को । पर्यावरण में युवाओं की भागीदारी बहुत आवश्यक हैं,अपनी इसी सोच के कारण लक्कीराव सीगड़ा अनेकों युवाओं के प्रेरणास्त्रोत है,जिसके फलस्वरूप आधुनिक दुनिया में ऐसी भव्य सोच रखने वाले लक्की सीगड़ा आज अपने जीवन को पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में समर्पित कर सैकड़ों युवाओं एवं साथियों को पर्यावरण संरक्षण की राह पर ला चुके हैं। हाल ही में लक्की सीगड़ा बीएमडी क्लब के चेयरमैन के रूप में सेवा करते हुए एक परिवार-एक पौधा,एक बेटी-एक पौधा एवं पौधा रोपो - मृदा अपरदन रोको,रक्षाबंधन पर वृक्षाबन्धन जैसे मिशन के तहत पूरे देश में 1 लाख पौधे लगाने के संकल्प के साथ कार्य कर रहे हैं
आम इंसान सोचता है कि वो तो समाजसेवा कर ही नहीं सकता। समाजसेवा करने के लिए समय और पैसा चाहिए और दोनों चीज उनके पास नहीं होती। क्योंकि आम जनता का पूरा समय पैसा कमाने में ही खर्च हो जाता है। लेकिन आज हम मिलेंगे एक ऐसे व्यक्ति से, जो न तो कोई नेता है, न हीं कोई बड़ा अधिकारी।फिर भी उसने देश के सामने समाजसेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट उदाहरण पेश किया है। इस युवा का नाम है 'लक्की राव सीगड़ा Ó, जो गांव सीगड़ा जिला महेन्द्रगढ़ हरियाणा के रहने वाले हैं। ऐसे लोग बिरले होते हैं जो ऐसे सपने सोचते हैं और उनको पूरा भी करते हैं । इसी प्रकार की सोच साधारण परिवार में जन्मे एक बेटे की  है,जो एक पर्यावरण प्रेमी बन कर देश में पर्यावरण का संरक्षण के प्रति प्रेम की लहर लाना चाहता है।
पिछले 7 वर्षों से समाज सेवा और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में गतिशील होकर देश के कोने-कोने में बढ़-चढ़कर अतुलनीय योगदान दे रहे है। साथ ही  जल संरक्षण ,पर्यावरण संरक्षण ,युवा सशक्तिकरण,शहरी और ग्रामीण जनता के हितो के प्रयास के लिए एवं सतत विकास के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए भी कार्य कर रहे हैं।
लक्की राव सीगड़ा को सामाजिक लोगों से जुडऩे एवं कार्य करने की प्रेरणा अपने स्वर्गीय दादा जी अमीलाल यादव जी से भी मिली जो एक किसान थे। पढ़ाई के दौरान भी सीगड़ा का प्रकृति से मेरा बहुत लगाव था। गांव के कुछ युवा साथी भी एकत्रित होकर अक्सर बरसात के मौसम में भी पौधे लगाते थे।पढ़ाई के दौरान ही एक दूसरे की सहायता करते थे उसी सिलसिले में आगे बढ़ते-बढ़ते एक ग्रुप बनता गया। वर्तमान में सामाजिक संस्था बीएमडी क्लब के चेयरमैन पद का प्रतिनिधित्व करते हुए पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में लगातार नि:स्वार्थ भाव से कार्य किया जा रहा हैं।
लक्की राव सीगड़ा ने पर्यावरण संरक्षण और पेड़-पौधों के बारे में कहा की वृक्षों से ही प्रकृति की पहचान होती हैं। केवल पेड़ लगाना ही काफी नहीं हैं बल्कि उसकी मजबूती तक देख - रेख  करना भी जरूरी हैं । अगर हम पर्यावरण को सुरक्षित नहीं करेंगे तो भविष्य में आने वाली पीढिय़ों की सुरक्षा कैसे करेंगे। हमें हर अवसर पर कम से कम  एक पेड़ जरूर लगाना चाहिए और लगाकर उसका लालन -पालन करना चाहिए। हमें हमारे द्वारा लगाए गए पौधों की देखभाल स्वयं करनी चाहिए। अगर पर्यावरण स्वच्छ होगा तो हमारे आस -पास का पड़ोस स्वच्छ होगा।  पेड़-पौधे कुदरत का एक बहुत ही अनमोल तोहफा है। पेड़-पौधे. ये हमें फल, फूल, लकड़ी, बांस, ईंधन, इत्यादि बहुत सी चीजें प्राप्त होती हैं। पेड़-पौधों के बिना जीवन असंभव है। पेड़-पौधों की वजह से हीं आज इस संसार में हरियाली है और इन्हीं की वजह से आज हम जीवित हैं। पेड़-पौधे बिना हमसे कुछ लिए ही हमारी वर्षों तक सेवा करते हैं। भूमि को उपजाऊ बनाने में के लिए भी वृक्ष बहुत ज़रूरी हैं। पेड़ पौधे हमारे पृथ्वी को रंगीन बनाते हैं इनकी हरियाली और फूलों के रंग धरती की सुंदरता में चार चाँद लगाते हैं। पेड़ पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में भी सहायक होते हैं। पेड़ हर समुदाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। पेड़-पौधे शांतिपूर्ण एवं सुंदरतापूर्ण माहौल बनाते हैं। पेड़ ऑक्सीजन प्रदान करके, वायु की गुणवत्ता में सुधार, जलवायु में सुधार, जल संरक्षण, मिट्टी के संरक्षण और वन्यजीव को समर्थन देने के द्वारा पर्यावरण में विशेष योगदान देते हैं।
लक्की सीगड़ा ने युवाओं को सन्देश देते हुए भी कहा की बिना युवाओं की कोई भी काम सफल नहीं होता है। जागरूकता एवं सवेदनशीलता ही हमें पर्यावरण प्रेमी बना सकती हैं। पर्यावरण को समर्पित मुहिम एक परिवार -एक पौधा तभी सार्थक होगी जब ज्यादा से जायद युवा इस मिशन में बढ़-चढ़कर भाग लेंगे। प्रत्येक व्यक्ति को जन्मदिन के साथ -साथ अन्य अवसरों पर कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए ताकि समाज में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता उत्पन्न हो सके। हमें हरसंभव पेड़ो की कटाई को रोकना चाहिए एवं अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
चेयरमैन लक्की सीगड़ा के एक परिवार-एक पौधा मिशन से देश के हर घर- परिवार में जाग्रति आएगी और यह मिशन देशभर के युवाओं एवं समाज के साथ-साथ परिवारों को कम से कम एक पौधा लगाकर उसे लालन-पालन करने की प्रेरणा भी देगा। जिससे देश भर में पर्यावरण संरक्षण के प्रति एक नई क्रांति का आगाज होगा।
लक्की सीगड़ा का स्वप्न है  कि वह इंसानियत के लिये एक मिशाल बनें और उसकी पहचान एक इंसान के रूप मे हो और इसी पहचान को लेकर एक कारवाँ तैयार हो, जो इंसानियत कि पुनस्र्थापना करे एवं गर्व से कहे हम है इंसान।
पर्यावरण के प्रति इसी समर्पण को देखते हुए अनेकों बार लक्की राव सिगडिय़ा को स्टैंड फॉर सोशल अवार्ड,राष्ट्रीय अवार्ड विलक्षणा समाज सारथी सम्मान,भारत लीडरशिप अवार्ड,सोशल कंट्रीब्यूशन अवार्ड,इंडियाज साइनिंग स्टार अवार्ड,अपराजित सम्मान सहित विभिन्न ग्राम पंचायतों, प्रशासनिक अधिकारियों, सरकारी एवं गैर सरकारी विभागों और सामाजिक संस्थाओं द्वारा राष्ट्रीय,राज्य स्तरीय और दर्जनों क्षेत्रीय सम्मान से भी नवाजा जा चुका हैं। इनके द्वारा समय-समय पर राष्ट्रीय स्तर पर कई युवा सम्मेलनों,पर्यावरण जागरूकता सम्मेलनों सहित अन्य सेमिनारों में भी भाग लेकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया हैं।
 फोटो संलग्र हैं।

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