क्षेत्र में हुई हल्की बूंदाबांदी
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कनीना। कनीना में विगत दिनों करीब 30 एमएम बारिश के बाद गुरुवार दोपहर को बूंदाबांदी हुई। बूंदाबांदी लंबे समय तक चली। अच्छी बारिश का किसानों को इंतजार है। अभी तक उनकी आशा पूरी नहीं हो पाई है। बूंदाबांदी से ही काम चल रहा है। बाजरे की 19000 हेक्टेयर पर बीजाई की जानी है। यह बूंदाबांदी खड़ी बाजरा, कपास की फसल के लिए लाभप्रद मानी जा रही है।
दो केस कोरोना के आये
-किया होम आइसोलेट
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कनीना। कनीना क्षेत्र में शुक्रवार को दो केस कोरोना पाजिटिव आने से उप-नागरिक अस्पताल कनीना तथा सेहलंग सीएचसी कर्मचारियों ने दिनभर भागदौड़ करके भावी कार्रवाई कर दी है।
मिली जानकारी अनुसार करीरा में एक व्यक्ति कोरोना पोजिटिव पाया गया जो बावल कंपनी में काम करता है और प्रतिदिन आता जाता है।
वहीं सीहोर में एक डिफेंस कर्मी अलवर से 21 जुलाई को आया था। उन्होंने सैंपल दिया वह भी कोरोना पोजिटिव पाया गया है। डाक्टरों की टीम मय सुपरवाइजर शीशराम ने मिलकर स्क्रीनिंग की। दोनों को होम आइसोलेट कर दिया गया है। मिली जानकारी अनुसार कोरोनावायरस को लेकर उच्च अधिकारी भी चिंतित है।
उधर खंड कार्यालय में एसडीएम रणवीर सिंह की उपस्थिति में कनीना के सेक्टर कमेटी इंचार्च की मीटिंग आयोजित की गई। उन्होंने कोरोना के सभी चीजें उपलब्ध करवाने का आदेश दिया। जिसमें हाउस होल्ड सर्वे 100 प्रतिशत करवाने बारे, कोरोना के मरीजों के लिए कंटेनमेंट जोन बनवाने,जोन में हाजिरी सुनिश्चित करने , जरूरत की सभी चीजें उपलब्ध करवाने, सैनिटाइजर करवाने तथा यूनिट कमेटी द्वारा गांव में सर्वे करने बारे विचार-विमर्श करके मार्गदर्शन व आदेश दिए। जिसमें सभी 8 सेक्टर कमेटी के इंचार्ज तथा जोनल कमेटी का इंचार्ज युद्धवीर सिंह खंड विकास पंचायत अधिकारी उपस्थित हुए।
उधर कनीना उपमंडल उप नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉ धर्मेंद्र ने एक बार फिर से कहा है कि कोरोना से बचाव में ही बचाव है। कोरोना से बचने के लिए एतहास के सभी नियमों का पालन करना जरूरी है वरना कोरोना बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि जब भी कभी बाहर जाना पड़े तो सभी एतिहास की जरूरत पूरी करके, मास्क लगाकर ही घर से बाहर जाना चाहिए।
उधर कोरोना के प्रति अब लोगों का रुझान इतना बुरा नहीं है। कभी कोरोना की के सुनते थे तो गांव में हड़कंप मच जाती थी परंतु अब कोरोना को सामान्य बीमारी की तरह ही लेने लगे हैं जिसके चलते कोरोना से स्वस्थ होकर अधिकांश लोग आ रहे हैं। महज कनीना में एक ही व्यक्ति की मौत कोरोना की हुई है।
फोटो कैप्शन 5: स्क्रीनिंग करते उप नागरिक अस्पताल के कर्मी
6:रणवीर सिंह एसडीएमअधिकारियों की बैठक लेते हुए
प्रदेश भर की टॉपर को अधिकारियों ने किया सम्मानित
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कनीना। प्रदेश भर में 12वीं कक्षा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहमा की छात्रा मनीषा को उनके घर नकद इनाम देने अधिकारी पहुंचे।
उपाधीक्षक कार्यालय मौलिक शिक्षा अधिकारी नारनौल, विनय कुमार तथा सुशील कुमार शिक्षक मनीषा के घर पहुंचे। छात्रा ने 12वीं कक्षा में 500 में से 499 अंक लेकर प्रदेश भर में पहला स्थान पाया है। उन्होंने बच्ची का हौसला अफजाई के लिए 1100 तथा 500 रुपये इनाम राशि भेंट की।
उन्होंने बताया मनीषा के पिता मनोज कुमार महज एक किसान और सुनीता गृहिणी है जिन्होंने अपनी बच्ची को इस मुकाम तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है।
अभी तो सिद्ध कर दिया है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा किसी प्रकार कम नहीं दी जाती। उन्होंने छात्रा को भविष्य में कुछ और कर दिखाने की का आशीर्वाद दिया। उल्लेखनीय है कि भारी संख्या में अधिकारी इस बच्चे को प्रोत्साहन के लिए जा रहे हैं।
लड़की के माता-पिता भी खुश हैं। मनीषा अपनी सफलता का श्रेय बार-बार अपने गुरुजनों को और माता पिता को दे रही हैं।
फोटो कैप्शन 3: मनीषा को सम्मानित करते उपाधीक्षक एवं शिक्षक।
मेरी बेटी मेरी पहचान अभियान हो रही है कारगर साबित
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कनीना। मेरी बेटी मेरी पहचान के तहत नवजात बच्ची की मां को बीइंग ह्यूमैन सेवा सम्मानित किया गया।
इस संबंध में गांव मेई में रोहताश के घर में पोती हनी का जन्म हुआ जिससे परिवार में एक खुशी का माहौल था। हनी के दादा रोहताश ने बताया कि पोती के जन्म से पूरा परिवार खुश हुआ जिससे एक खुशनुमा माहौल है कन्या की दादी सरोज बाला ने बताया कि परिवार का सपना था कि एक कन्या का जन्म हो और भगवान ने मंशा पूरी कर दी। पिता बलवान और माता कौशल्या ने बताया कि बेटी हनी ने लक्ष्मी के रूप में जन्म लिया जिससे कि परिवार ने कन्या पूजन कर एक संदेश समाज को दिया है। इस अवसर पर सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल ने गांव में पहुँच कर कन्या को जन्म देने वाले माता पिता को संस्था द्वारा चलाये गए अभियान मेरी बेटी मेरी पहचान के तहत प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिसमें संस्था की तरफ से गजे सिंह इंदौरा व विकाश कुमार ने पहुंच कर परिवार को सम्मानित करते हुए बताया कि संस्था द्वारा दो साल पहले इस अभियान को शुरू किया गया था, जिसके तहत हम समाज में बेटियों को बचाने और लिंगानुपात को बराबर करने में प्रयासरत हैं विकाश कुमार ने बताया कि जिस घर में बेटियां जन्म लेती है वह स्वर्ग समान होते हैं। इस अवसर पर डाक्टर सीमा, आशा वर्कर व ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 4:नवजात बच्ची की मां को सम्मानित करती संस्था।
कारगिल शहीद
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कनीना। कोटिया गांव के कारगिल शहीद हनुमान सिंह यादव का जन्म कोटिया में उदमी राम एक्स सर्विसमैन के पुत्र थे तथा उनकी मां का नाम शांति देवी है। गांव कोटिया में 26 मार्च 1978 में जन्मे तथा राजकीय उच्च विद्यालय करीरा से दसवीं की परीक्षा पास की। वे 2 जनवरी 1997 में 5 पेरा रेजीमेंट सेंटर बेंगलुरु में भर्ती हुई। 25 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में युद्ध में शहीद हुए। उनके माता पिता जीवित हैं।
शहीद परमिंद्र-
परमेंद्र का जन्म 1 अप्रैल 1977 को उन्हाणीमें हवलदार राजेंद्र के घर पर हुआ। ये अपने परिवार में इकलौते पुत्र थे। 10 + 2 तक की शिक्षा पाने के बाद 24 जून 1997 को 286 मेडिकल रेजीमेंट आर्टरी में भर्ती होने के कुछ समय बाद ही 21 जून 1999 को शहीद हो गए। उनके माता-पिता अभी जीवित हैं।
शहीद शिव कुमार-
ककराला के शहीद शिवकुमार ककराला में ज 2 दिसंबर 1964 को जन्मे तथा 26 मई 1984 को 22 गर्नेडियर में कमान में भर्ती हुए तथा 24 जून 1999 को कारगिल में शहीद हुए। उनकी माता अभी जीवित है। उनके दो बच्चे एक पुत्र और एक पुत्री भी हैं।
शहीद अशोक कुमार-
सिपाही अशोक कुमार सिंह और 13 कुमाऊं रेजिमेंट में 1996 में भर्ती हुये। उनका जन्म 1 नवंबर 1977 को सीहोर में हुआ तथा स्नातक तक की परीक्षा पास करने के बाद रानीखेत में भर्ती हुए और ट्रेनिंग के तुरंत बाद उन्हें कारगिल युद्ध के लिए भेजा। 4 सितंबर 1999 को कारगिल में शहीद हो गए।
शहीद परमिंद्र-
परमेंद्र का जन्म 1 अप्रैल 1977 को उन्हाणीमें हवलदार राजेंद्र के घर पर हुआ। ये अपने परिवार में इकलौते पुत्र थे। 10 + 2 तक की शिक्षा पाने के बाद 24 जून 1997 को 286 मेडिकल रेजीमेंट आर्टरी में भर्ती होने के कुछ समय बाद ही 21 जून 1999 को शहीद हो गए। उनके माता-पिता अभी जीवित हैं।
शहीद शिव कुमार-
ककराला के शहीद शिवकुमार ककराला में ज 2 दिसंबर 1964 को जन्मे तथा 26 मई 1984 को 22 गर्नेडियर में कमान में भर्ती हुए तथा 24 जून 1999 को कारगिल में शहीद हुए। उनकी माता अभी जीवित है। उनके दो बच्चे एक पुत्र और एक पुत्री भी हैं।
शहीद अशोक कुमार-
सिपाही अशोक कुमार सिंह और 13 कुमाऊं रेजिमेंट में 1996 में भर्ती हुये। उनका जन्म 1 नवंबर 1977 को सीहोर में हुआ तथा स्नातक तक की परीक्षा पास करने के बाद रानीखेत में भर्ती हुए और ट्रेनिंग के तुरंत बाद उन्हें कारगिल युद्ध के लिए भेजा। 4 सितंबर 1999 को कारगिल में शहीद हो गए।
कारगिल शहीद
कनीना। कोटिया गांव के कारगिल शहीद हनुमान सिंह यादव का जन्म कोटिया में उदमी राम एक्स सर्विसमैन के पुत्र थे तथा उनकी मां का नाम शांति देवी है। गांव कोटिया में 26 मार्च 1978 में जन्मे तथा राजकीय उच्च विद्यालय करीरा से दसवीं की परीक्षा पास की। वे 2 जनवरी 1997 में 5 पेरा रेजीमेंट सेंटर बेंगलुरु में भर्ती हुई। 25 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में युद्ध में शहीद हुए। उनके माता पिता जीवित हैं।
शहीद परमिंद्र-
परमेंद्र का जन्म 1 अप्रैल 1977 को उन्हाणीमें हवलदार राजेंद्र के घर पर हुआ। ये अपने परिवार में इकलौते पुत्र थे। 10 + 2 तक की शिक्षा पाने के बाद 24 जून 1997 को 286 मेडिकल रेजीमेंट आर्टरी में भर्ती होने के कुछ समय बाद ही 21 जून 1999 को शहीद हो गए। उनके माता-पिता अभी जीवित हैं।
शहीद शिव कुमार-
ककराला के शहीद शिवकुमार ककराला में ज 2 दिसंबर 1964 को जन्मे तथा 26 मई 1984 को 22 गर्नेडियर में कमान में भर्ती हुए तथा 24 जून 1999 को कारगिल में शहीद हुए। उनकी माता अभी जीवित है। उनके दो बच्चे एक पुत्र और एक पुत्री भी हैं।
फोटो: शहीद हनुमान सिंह
कारगिल शहीद
कनीना। कोटिया गांव के कारगिल शहीद हनुमान सिंह यादव का जन्म कोटिया में उदमी राम एक्स सर्विसमैन के पुत्र थे तथा उनकी मां का नाम शांति देवी है। गांव कोटिया में 26 मार्च 1978 में जन्मे तथा राजकीय उच्च विद्यालय करीरा से दसवीं की परीक्षा पास की। वे 2 जनवरी 1997 में 5 पेरा रेजीमेंट सेंटर बेंगलुरु में भर्ती हुई। 25 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में युद्ध में शहीद हुए। उनके माता पिता जीवित हैं।
फोटो: शहीद हनुमान सिंह
अभिभावक नहींचाहते कोरोना काल में शिक्षण के लिए दूर
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कनीना। राजकीय डिग्री महाविद्यालय कनीना के वरिष्ठ प्राध्यापक सुरेंद्र कुमार का कहना है कि सरकार की के आदेशों का पालन करते हुए विगत समय में उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस चलाई थी। आप भविष्य में जो भी आदेश होगा उस अनुसार काम करेंगे साथ में वे चाहेंगे कि अधिक से अधिक बच्चे उनके कालेज में पढ़े। बाहर न जा करके वे कोरोना काल में यहीं पर शिक्षा ग्रहण करें। इसके लिए सरकार का जो भी आदेश होगा उनका पालन किया जाएगा उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास का भी विद्यालय में प्रावधान है।
उधर राजकीय महिला महाविद्यालय उन्हाणी के प्राचार्य विक्रम सिंह ने बताया कि उनके यहां कभी से पांच स्मार्ट क्लासेज है जबकि इस बार 10 स्मार्ट क्लासेज बनाई जा रही है। विद्यार्थी बहुत बेहतर ढंग से आधुनिक तरीके से शिक्षा पा सकते हैं और वे चाहते हैं कि उनके महाविद्यालय में अधिक से अधिक छात्राएं शिक्षा ग्रहण करें। कोरोना में दूरदराज न जाए इसके लिए भरसक प्रयास वे करेंगे। अपनी तरफ से प्रयास होगा तथा सरकार के आदेश का पालन भी किया जाएगा।
करेंगे
फोटो कैप्शन: विक्रम सिंह प्राचार्य
47 में से 31 मेधा सूचि में
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कनीना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम में एसडीम स्कूल छितरौली के विद्यार्थियों ने हरियाणा प्रदेश में स्कूल एवं माता-पिता का नाम रोशन किया है।
संस्था के चेयरमैन अजमेर सिंह दांगी ने बताया कि बारहवीं कक्षा के 47 विद्यार्थियों में से 31 विद्यार्थियों ने मेधावी सूची में नाम दर्ज करवाया विद्यालय की छात्रा प्रीति यादव ने 469/500 अंक प्राप्त करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि सीमा 446/500 अंक प्राप्त करके द्वितीय स्थान पर रही तथा कीर्ति तीसरे स्थान पर रही। साक्षी, मोनिका, सारिका, मनीषा, निकिता, राहुल एवं पंकज ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्कूल के टॉप 10 में स्थान दर्ज करवाया।
इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन ने सभी विद्यार्थियों कर्मठ शिक्षकों को बधाई देकर विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
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कनीना। कनीना में विगत दिनों करीब 30 एमएम बारिश के बाद गुरुवार दोपहर को बूंदाबांदी हुई। बूंदाबांदी लंबे समय तक चली। अच्छी बारिश का किसानों को इंतजार है। अभी तक उनकी आशा पूरी नहीं हो पाई है। बूंदाबांदी से ही काम चल रहा है। बाजरे की 19000 हेक्टेयर पर बीजाई की जानी है। यह बूंदाबांदी खड़ी बाजरा, कपास की फसल के लिए लाभप्रद मानी जा रही है।
दो केस कोरोना के आये
-किया होम आइसोलेट
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कनीना। कनीना क्षेत्र में शुक्रवार को दो केस कोरोना पाजिटिव आने से उप-नागरिक अस्पताल कनीना तथा सेहलंग सीएचसी कर्मचारियों ने दिनभर भागदौड़ करके भावी कार्रवाई कर दी है।
मिली जानकारी अनुसार करीरा में एक व्यक्ति कोरोना पोजिटिव पाया गया जो बावल कंपनी में काम करता है और प्रतिदिन आता जाता है।
वहीं सीहोर में एक डिफेंस कर्मी अलवर से 21 जुलाई को आया था। उन्होंने सैंपल दिया वह भी कोरोना पोजिटिव पाया गया है। डाक्टरों की टीम मय सुपरवाइजर शीशराम ने मिलकर स्क्रीनिंग की। दोनों को होम आइसोलेट कर दिया गया है। मिली जानकारी अनुसार कोरोनावायरस को लेकर उच्च अधिकारी भी चिंतित है।
उधर खंड कार्यालय में एसडीएम रणवीर सिंह की उपस्थिति में कनीना के सेक्टर कमेटी इंचार्च की मीटिंग आयोजित की गई। उन्होंने कोरोना के सभी चीजें उपलब्ध करवाने का आदेश दिया। जिसमें हाउस होल्ड सर्वे 100 प्रतिशत करवाने बारे, कोरोना के मरीजों के लिए कंटेनमेंट जोन बनवाने,जोन में हाजिरी सुनिश्चित करने , जरूरत की सभी चीजें उपलब्ध करवाने, सैनिटाइजर करवाने तथा यूनिट कमेटी द्वारा गांव में सर्वे करने बारे विचार-विमर्श करके मार्गदर्शन व आदेश दिए। जिसमें सभी 8 सेक्टर कमेटी के इंचार्ज तथा जोनल कमेटी का इंचार्ज युद्धवीर सिंह खंड विकास पंचायत अधिकारी उपस्थित हुए।
उधर कनीना उपमंडल उप नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉ धर्मेंद्र ने एक बार फिर से कहा है कि कोरोना से बचाव में ही बचाव है। कोरोना से बचने के लिए एतहास के सभी नियमों का पालन करना जरूरी है वरना कोरोना बढ़ सकता है। उन्होंने कहा कि जब भी कभी बाहर जाना पड़े तो सभी एतिहास की जरूरत पूरी करके, मास्क लगाकर ही घर से बाहर जाना चाहिए।
उधर कोरोना के प्रति अब लोगों का रुझान इतना बुरा नहीं है। कभी कोरोना की के सुनते थे तो गांव में हड़कंप मच जाती थी परंतु अब कोरोना को सामान्य बीमारी की तरह ही लेने लगे हैं जिसके चलते कोरोना से स्वस्थ होकर अधिकांश लोग आ रहे हैं। महज कनीना में एक ही व्यक्ति की मौत कोरोना की हुई है।
फोटो कैप्शन 5: स्क्रीनिंग करते उप नागरिक अस्पताल के कर्मी
6:रणवीर सिंह एसडीएमअधिकारियों की बैठक लेते हुए
प्रदेश भर की टॉपर को अधिकारियों ने किया सम्मानित
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कनीना। प्रदेश भर में 12वीं कक्षा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सीहमा की छात्रा मनीषा को उनके घर नकद इनाम देने अधिकारी पहुंचे।
उपाधीक्षक कार्यालय मौलिक शिक्षा अधिकारी नारनौल, विनय कुमार तथा सुशील कुमार शिक्षक मनीषा के घर पहुंचे। छात्रा ने 12वीं कक्षा में 500 में से 499 अंक लेकर प्रदेश भर में पहला स्थान पाया है। उन्होंने बच्ची का हौसला अफजाई के लिए 1100 तथा 500 रुपये इनाम राशि भेंट की।
उन्होंने बताया मनीषा के पिता मनोज कुमार महज एक किसान और सुनीता गृहिणी है जिन्होंने अपनी बच्ची को इस मुकाम तक पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है।
अभी तो सिद्ध कर दिया है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा किसी प्रकार कम नहीं दी जाती। उन्होंने छात्रा को भविष्य में कुछ और कर दिखाने की का आशीर्वाद दिया। उल्लेखनीय है कि भारी संख्या में अधिकारी इस बच्चे को प्रोत्साहन के लिए जा रहे हैं।
लड़की के माता-पिता भी खुश हैं। मनीषा अपनी सफलता का श्रेय बार-बार अपने गुरुजनों को और माता पिता को दे रही हैं।
फोटो कैप्शन 3: मनीषा को सम्मानित करते उपाधीक्षक एवं शिक्षक।
मेरी बेटी मेरी पहचान अभियान हो रही है कारगर साबित
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कनीना। मेरी बेटी मेरी पहचान के तहत नवजात बच्ची की मां को बीइंग ह्यूमैन सेवा सम्मानित किया गया।
इस संबंध में गांव मेई में रोहताश के घर में पोती हनी का जन्म हुआ जिससे परिवार में एक खुशी का माहौल था। हनी के दादा रोहताश ने बताया कि पोती के जन्म से पूरा परिवार खुश हुआ जिससे एक खुशनुमा माहौल है कन्या की दादी सरोज बाला ने बताया कि परिवार का सपना था कि एक कन्या का जन्म हो और भगवान ने मंशा पूरी कर दी। पिता बलवान और माता कौशल्या ने बताया कि बेटी हनी ने लक्ष्मी के रूप में जन्म लिया जिससे कि परिवार ने कन्या पूजन कर एक संदेश समाज को दिया है। इस अवसर पर सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल ने गांव में पहुँच कर कन्या को जन्म देने वाले माता पिता को संस्था द्वारा चलाये गए अभियान मेरी बेटी मेरी पहचान के तहत प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। जिसमें संस्था की तरफ से गजे सिंह इंदौरा व विकाश कुमार ने पहुंच कर परिवार को सम्मानित करते हुए बताया कि संस्था द्वारा दो साल पहले इस अभियान को शुरू किया गया था, जिसके तहत हम समाज में बेटियों को बचाने और लिंगानुपात को बराबर करने में प्रयासरत हैं विकाश कुमार ने बताया कि जिस घर में बेटियां जन्म लेती है वह स्वर्ग समान होते हैं। इस अवसर पर डाक्टर सीमा, आशा वर्कर व ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 4:नवजात बच्ची की मां को सम्मानित करती संस्था।
कारगिल शहीद
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कनीना। कोटिया गांव के कारगिल शहीद हनुमान सिंह यादव का जन्म कोटिया में उदमी राम एक्स सर्विसमैन के पुत्र थे तथा उनकी मां का नाम शांति देवी है। गांव कोटिया में 26 मार्च 1978 में जन्मे तथा राजकीय उच्च विद्यालय करीरा से दसवीं की परीक्षा पास की। वे 2 जनवरी 1997 में 5 पेरा रेजीमेंट सेंटर बेंगलुरु में भर्ती हुई। 25 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में युद्ध में शहीद हुए। उनके माता पिता जीवित हैं।
शहीद परमिंद्र-
परमेंद्र का जन्म 1 अप्रैल 1977 को उन्हाणीमें हवलदार राजेंद्र के घर पर हुआ। ये अपने परिवार में इकलौते पुत्र थे। 10 + 2 तक की शिक्षा पाने के बाद 24 जून 1997 को 286 मेडिकल रेजीमेंट आर्टरी में भर्ती होने के कुछ समय बाद ही 21 जून 1999 को शहीद हो गए। उनके माता-पिता अभी जीवित हैं।
शहीद शिव कुमार-
ककराला के शहीद शिवकुमार ककराला में ज 2 दिसंबर 1964 को जन्मे तथा 26 मई 1984 को 22 गर्नेडियर में कमान में भर्ती हुए तथा 24 जून 1999 को कारगिल में शहीद हुए। उनकी माता अभी जीवित है। उनके दो बच्चे एक पुत्र और एक पुत्री भी हैं।
शहीद अशोक कुमार-
सिपाही अशोक कुमार सिंह और 13 कुमाऊं रेजिमेंट में 1996 में भर्ती हुये। उनका जन्म 1 नवंबर 1977 को सीहोर में हुआ तथा स्नातक तक की परीक्षा पास करने के बाद रानीखेत में भर्ती हुए और ट्रेनिंग के तुरंत बाद उन्हें कारगिल युद्ध के लिए भेजा। 4 सितंबर 1999 को कारगिल में शहीद हो गए।
शहीद परमिंद्र-
परमेंद्र का जन्म 1 अप्रैल 1977 को उन्हाणीमें हवलदार राजेंद्र के घर पर हुआ। ये अपने परिवार में इकलौते पुत्र थे। 10 + 2 तक की शिक्षा पाने के बाद 24 जून 1997 को 286 मेडिकल रेजीमेंट आर्टरी में भर्ती होने के कुछ समय बाद ही 21 जून 1999 को शहीद हो गए। उनके माता-पिता अभी जीवित हैं।
शहीद शिव कुमार-
ककराला के शहीद शिवकुमार ककराला में ज 2 दिसंबर 1964 को जन्मे तथा 26 मई 1984 को 22 गर्नेडियर में कमान में भर्ती हुए तथा 24 जून 1999 को कारगिल में शहीद हुए। उनकी माता अभी जीवित है। उनके दो बच्चे एक पुत्र और एक पुत्री भी हैं।
शहीद अशोक कुमार-
सिपाही अशोक कुमार सिंह और 13 कुमाऊं रेजिमेंट में 1996 में भर्ती हुये। उनका जन्म 1 नवंबर 1977 को सीहोर में हुआ तथा स्नातक तक की परीक्षा पास करने के बाद रानीखेत में भर्ती हुए और ट्रेनिंग के तुरंत बाद उन्हें कारगिल युद्ध के लिए भेजा। 4 सितंबर 1999 को कारगिल में शहीद हो गए।
कारगिल शहीद
कनीना। कोटिया गांव के कारगिल शहीद हनुमान सिंह यादव का जन्म कोटिया में उदमी राम एक्स सर्विसमैन के पुत्र थे तथा उनकी मां का नाम शांति देवी है। गांव कोटिया में 26 मार्च 1978 में जन्मे तथा राजकीय उच्च विद्यालय करीरा से दसवीं की परीक्षा पास की। वे 2 जनवरी 1997 में 5 पेरा रेजीमेंट सेंटर बेंगलुरु में भर्ती हुई। 25 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में युद्ध में शहीद हुए। उनके माता पिता जीवित हैं।
शहीद परमिंद्र-
परमेंद्र का जन्म 1 अप्रैल 1977 को उन्हाणीमें हवलदार राजेंद्र के घर पर हुआ। ये अपने परिवार में इकलौते पुत्र थे। 10 + 2 तक की शिक्षा पाने के बाद 24 जून 1997 को 286 मेडिकल रेजीमेंट आर्टरी में भर्ती होने के कुछ समय बाद ही 21 जून 1999 को शहीद हो गए। उनके माता-पिता अभी जीवित हैं।
शहीद शिव कुमार-
ककराला के शहीद शिवकुमार ककराला में ज 2 दिसंबर 1964 को जन्मे तथा 26 मई 1984 को 22 गर्नेडियर में कमान में भर्ती हुए तथा 24 जून 1999 को कारगिल में शहीद हुए। उनकी माता अभी जीवित है। उनके दो बच्चे एक पुत्र और एक पुत्री भी हैं।
फोटो: शहीद हनुमान सिंह
कारगिल शहीद
कनीना। कोटिया गांव के कारगिल शहीद हनुमान सिंह यादव का जन्म कोटिया में उदमी राम एक्स सर्विसमैन के पुत्र थे तथा उनकी मां का नाम शांति देवी है। गांव कोटिया में 26 मार्च 1978 में जन्मे तथा राजकीय उच्च विद्यालय करीरा से दसवीं की परीक्षा पास की। वे 2 जनवरी 1997 में 5 पेरा रेजीमेंट सेंटर बेंगलुरु में भर्ती हुई। 25 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में युद्ध में शहीद हुए। उनके माता पिता जीवित हैं।
फोटो: शहीद हनुमान सिंह
अभिभावक नहींचाहते कोरोना काल में शिक्षण के लिए दूर
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कनीना। राजकीय डिग्री महाविद्यालय कनीना के वरिष्ठ प्राध्यापक सुरेंद्र कुमार का कहना है कि सरकार की के आदेशों का पालन करते हुए विगत समय में उन्होंने ऑनलाइन क्लासेस चलाई थी। आप भविष्य में जो भी आदेश होगा उस अनुसार काम करेंगे साथ में वे चाहेंगे कि अधिक से अधिक बच्चे उनके कालेज में पढ़े। बाहर न जा करके वे कोरोना काल में यहीं पर शिक्षा ग्रहण करें। इसके लिए सरकार का जो भी आदेश होगा उनका पालन किया जाएगा उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास का भी विद्यालय में प्रावधान है।
उधर राजकीय महिला महाविद्यालय उन्हाणी के प्राचार्य विक्रम सिंह ने बताया कि उनके यहां कभी से पांच स्मार्ट क्लासेज है जबकि इस बार 10 स्मार्ट क्लासेज बनाई जा रही है। विद्यार्थी बहुत बेहतर ढंग से आधुनिक तरीके से शिक्षा पा सकते हैं और वे चाहते हैं कि उनके महाविद्यालय में अधिक से अधिक छात्राएं शिक्षा ग्रहण करें। कोरोना में दूरदराज न जाए इसके लिए भरसक प्रयास वे करेंगे। अपनी तरफ से प्रयास होगा तथा सरकार के आदेश का पालन भी किया जाएगा।
करेंगे
फोटो कैप्शन: विक्रम सिंह प्राचार्य
47 में से 31 मेधा सूचि में
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कनीना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड द्वारा जारी कक्षा 12वीं के परीक्षा परिणाम में एसडीम स्कूल छितरौली के विद्यार्थियों ने हरियाणा प्रदेश में स्कूल एवं माता-पिता का नाम रोशन किया है।
संस्था के चेयरमैन अजमेर सिंह दांगी ने बताया कि बारहवीं कक्षा के 47 विद्यार्थियों में से 31 विद्यार्थियों ने मेधावी सूची में नाम दर्ज करवाया विद्यालय की छात्रा प्रीति यादव ने 469/500 अंक प्राप्त करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया जबकि सीमा 446/500 अंक प्राप्त करके द्वितीय स्थान पर रही तथा कीर्ति तीसरे स्थान पर रही। साक्षी, मोनिका, सारिका, मनीषा, निकिता, राहुल एवं पंकज ने उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए स्कूल के टॉप 10 में स्थान दर्ज करवाया।
इस अवसर पर विद्यालय के चेयरमैन ने सभी विद्यार्थियों कर्मठ शिक्षकों को बधाई देकर विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
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