ऑपरेशन विजय में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी सुनील कुमार ने कनीना ने
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कनीना। कनीना के सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह ने जहां कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी आज भी सेवानिवृत्त होकर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में कार्यरत है। सुनील कुमार 21 जुलाई 1968 को कनीना के किसान परिवार में जन्मे जिनके तीन बहन और तीन भाई है।
सुनील कुमार ने जहां सरकारी स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से दसवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की वहीं 1984 में प्रि- यूनिवर्सिटी(उस वक्त 11वीं की परीक्षा) की परीक्षा श्रीकृष्णा कॉलेज का मालिक से प्राप्त की।
वे अपने जमाने के अच्छे बास्केटबाल के खिलाड़ी थे और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी किया वहीं कॉलेज में इंटर कॉलेज लेवल तक भी भाग लिया। तत्पश्चात 1986 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में नौकरी मिल गई एक सैनिक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में ही जनरल नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग भी पूरी कर डाली।
आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई टेक्निकल कोर्स पूरे किए। तत्पश्चात पंजाब में सेवा करने का मौका मिला जहां पंजाब में उन दिनों उग्रवाद पूरे चरम पर था। सेना में के सहयोग से शांति स्थापित की। तत्पश्चात 1998 से 2000 तक जम्मू कश्मीर तथा अन्य क्षेत्रों में फील्ड एरिया में काम करने का मौका मिला और 1999 में ऑपरेशन विजय में शामिल होने का बखूबी मौका दिया गया। यद्यपि उनका कार्य अलग होने से वे समाज सेवा में सैनिकों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे। उन्होंने न केवल सैनिकों के परिवार वालों को भी सेवा करने का मौका मिला। ऑपरेशन विजय कामयाब हुआ और उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। जहां सेवा में रहते हुए उन्होंने स्नातक और बीएड की परीक्षा पास की
2003 में नायक पद से सेवानिवृत्त होकर घर आए और ब्लड बैंक में कार्य करने लगे। 2010 में उन्हें हरियाणा सरकार में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में नौकरी मिली। आज भी वे सेवा दे रहे हैं। उनकी सेवा उसे जहां हर इंसान प्रभावित है वहीं उनकी आर्मी की सेवा से सैनिक बहुत प्रभावित हुये थे। फोटो कैप्शन: सुनील
गुढ़ा गांव में शिव मंदिर को तोड़ ने के मामले में पुलिस ने गांव के ही एक व्यक्ति के खिलाफ किया मामला दर्ज
संवाद सहयोगी,कनीना। पुराने शिव मंदिर को खण्डित कर अवैध कब्जा करने के मामले में मामला दर्ज किया है।
मिली जानकारी के अनुसार खंड के गांव गुढ़ा निवासी एक व्यक्ति ने गांव में बने पुराने शिव मंदिर की गुंबद तोड़कर अवैध कब्जा करना चाहा तो गांव के वर्तमान सरपंच व अन्य समाजसेवियों ने इसकी सूचना कनीना पुलिस को देकर उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा था जिस पर कनीना पुलिस के उपनिरीक्षक अमरजीत सिंह ने गांव गुढ़ा पहुंच कर उक्त मामले की गहनता से जांच कि तथा मंदिर को तोड़ कर अवैध कब्जा करने वाले विक्रम व उसके बेटे के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वही गांव के सरपंच व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उक्त मंदिर को क्षतिग्रस्त करने के मामले को लेकर गांव में रोष है।
ऑपरेशन विजय में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी सुनील कुमार ने कनीना ने
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना के सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह ने जहां कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी आज भी सेवानिवृत्त होकर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में कार्यरत है। सुनील कुमार 21 जुलाई 1968 को कनीना के किसान परिवार में जन्मे जिनके तीन बहन और तीन भाई है।
सुनील कुमार ने जहां सरकारी स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से दसवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की वहीं 1984 में प्रि- यूनिवर्सिटी(उस वक्त 11वीं की परीक्षा) की परीक्षा श्रीकृष्णा कॉलेज का मालिक से प्राप्त की।
वे अपने जमाने के अच्छे बास्केटबाल के खिलाड़ी थे और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी किया वहीं कॉलेज में इंटर कॉलेज लेवल तक भी भाग लिया। तत्पश्चात 1986 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में नौकरी मिल गई एक सैनिक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में ही जनरल नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग भी पूरी कर डाली।
आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई टेक्निकल कोर्स पूरे किए। तत्पश्चात पंजाब में सेवा करने का मौका मिला जहां पंजाब में उन दिनों उग्रवाद पूरे चरम पर था। सेना में के सहयोग से शांति स्थापित की। तत्पश्चात 1998 से 2000 तक जम्मू कश्मीर तथा अन्य क्षेत्रों में फील्ड एरिया में काम करने का मौका मिला और 1999 में ऑपरेशन विजय में शामिल होने का बखूबी मौका दिया गया। यद्यपि उनका कार्य अलग होने से वे समाज सेवा में सैनिकों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे। उन्होंने न केवल सैनिकों के परिवार वालों को भी सेवा करने का मौका मिला। ऑपरेशन विजय कामयाब हुआ और उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। जहां सेवा में रहते हुए उन्होंने स्नातक और बीएड की परीक्षा पास की
2003 में नायक पद से सेवानिवृत्त होकर घर आए और ब्लड बैंक में कार्य करने लगे। 2010 में उन्हें हरियाणा सरकार में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में नौकरी मिली। आज भी वे सेवा दे रहे हैं। उनकी सेवा उसे जहां हर इंसान प्रभावित है वहीं उनकी आर्मी की सेवा से सैनिक बहुत प्रभावित हुये थे। फोटो कैप्शन: सुनील
कोविड-19 के सैंपल लिये जाएंगे 11 बजे तक
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कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां कोविड-19 के सैंपल के लिए रजिस्ट्रेशन प्रात: 8:30 से 11 तक किये जाएंगे तत्पश्चात 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक कोरोना के सैंपल लिये जाएंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि समय बदल कर अब सैंपल पंजीकरण का समय प्रात: 11 बजे तक रख दिया है तत्पश्चात 1 घंटे के लिए कोविड सैंपल लिए जाएंगे।
3 केस कोरोना पाजिटिव कनीना क्षेत्र में मिले
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कनीना। कनीना क्षेत्र में तीन केस कोरोना के आए हैं। एक कोरोना केस भडफ़, दूसरा मोहनपुर नगर तथा तीसरा पड़तल में मिला है। तीनों की आगामी कार्रवाई करते हुए तीनों को ही घर पर आइसोलेट कर दिया गया है।
मिली जानकारी अनुसार भडफ़ में एक व्यक्ति बावल कंपनी में कार्य करता है जो कोरोना पॉजिटिव मिला है जबकि मोहनपुर में कर्मचारी आर्मी में कार्यरत है वही पड़तल में मजदूर के रुप में कोरोना पॉजिटिव की पहचान की गई है। पड़तल तथा मोहनपुर भोजावास सीएचसी के तहत पड़ते हैं जबकि भडफ़ कनीना उप-नागरिक अस्पताल के तहत पड़ता है।
डॉ दीपांशु, डॉक्टर दिनेश, शीशराम एमआई, राजकुमार सुपरवाइजर,पंकज, ऊषा,जयश्री, प्रवीण रेवती, राकेश, शारदा, सुनीता, आशा वर्कर ने मिलकर स्क्रीनिंग की तथा आगामी कार्रवाई पूर्ण की।
उधर डॉ धर्मेंद्र एसएमओ ने कहा कि रोग से बचाव में ही बचाव संभव है। इस रोग से बचने का एकमात्र तरीका है कि मास्क पहने, हाथों को सेनिटाइजर से साफ करे तथा फिजिकल दूरी बनाए रखे। ऐतिहास के सभी नियमों का पालन करना चाहिए तभी रोग से बचा जा सकता है।
फोटो कैप्शन 5: स्क्रीनिंग करते हुए कनीना उप नागरिक अस्पताल कर्मी।
कोरोना रोग के चलते कम सफर करेंगी महिलाएं
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कनीना। इस बार यूं तो रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आ गया है किंतु महिलाएं रक्षाबंधन पर बहुत कम सफर करेंगी। कोरोनावायरस के फैलने से महिलाएं भी इस बार कम संख्या में इधर-उधर जाएंगी, वहीं पुरुष भी कम से कम जाएंगे।
जहां महिला आशा, लक्ष्मी, मीना, बबली आदि ने बताया कि वे अपने भाइयों के पास जाकर राखी बांधना तो चाहती है किंतु कठिन काम हो गया है। कोरोनावायरस फैल रहा है। दूर दराज भाई बैठे होने से अब उन्होंने ऑनलाइन राखी भेजी है ताकि कम से कम राखी तो भाई तक पहुंच जाए। उधर कुछ लोगों से इस संबंध में जानकारी चाही तो रवि सुनील, दिनेश, महेश, राजू आदि ने बताया कि वे हर साल अपनी बहन के यहां जाते रहे हैं या फिर उनकी बहन यहां आती है किंतु इस बार कोरोना के चलते इधर-उधर नहीं जा पाएंगे। इसलिए अपनी बहनों से फोन पर ही राखी मंगवा कर बांध लेंगे। कोरोना के चलते यह घटना घट रही है उनके जीवन में पहली बार यह अवसर आया है जब रोग के कारण भाई बहन एक दूसरे के पास जाने में हिचकिचाहट महसूस करने लगे हैं। अब तो धड़ाधड़ आनलाइन राखी भेजी जा रही हैं।
फोटो कैप्शन 6: बहन अपने छोटे भाई को राखी बांधते हुए।
कोविड-19 के सैंपल लिये जाएंगे 11 बजे तक
कनीना। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में जहां कोविड-19 के सैंपल के लिए रजिस्ट्रेशन प्रात: 8:30 से 11 तक किये जाएंगे तत्पश्चात 11 बजे से दोपहर 12 बजे तक कोरोना के सैंपल लिये जाएंगे। विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ डॉ धर्मेंद्र ने बताया कि समय बदल कर अब सैंपल पंजीकरण का समय प्रात: 11 बजे तक रख दिया है तत्पश्चात 1 घंटे के लिए कोविड सैंपल लिए जाएंगे।
3 केस कोरोना पाजिटिव कनीना क्षेत्र में मिले
कनीना। कनीना क्षेत्र में तीन केस कोरोना के आए हैं। एक कोरोना केस भडफ़, दूसरा मोहनपुर नगर तथा तीसरा पड़तल में मिला है। तीनों की आगामी कार्रवाई करते हुए तीनों को ही घर पर आइसोलेट कर दिया गया है।
मिली जानकारी अनुसार भडफ़ में एक व्यक्ति बावल कंपनी में कार्य करता है जो कोरोना पॉजिटिव मिला है जबकि मोहनपुर में कर्मचारी आर्मी में कार्यरत है वही पड़तल में मजदूर के रुप में कोरोना पॉजिटिव की पहचान की गई है। पड़तल तथा मोहनपुर भोजावास सीएचसी के तहत पड़ते हैं जबकि भडफ़ कनीना उप-नागरिक अस्पताल के तहत पड़ता है।
डॉ दीपांशु, डॉक्टर दिनेश, शीशराम एमआई, राजकुमार सुपरवाइजर,पंकज, ऊषा,जयश्री, प्रवीण रेवती, राकेश, शारदा, सुनीता, आशा वर्कर ने मिलकर स्क्रीनिंग की तथा आगामी कार्रवाई पूर्ण की।
उधर डॉ धर्मेंद्र एसएमओ ने कहा कि रोग से बचाव में ही बचाव संभव है। इस रोग से बचने का एकमात्र तरीका है कि मास्क पहने, हाथों को सेनिटाइजर से साफ करे तथा फिजिकल दूरी बनाए रखे। ऐतिहास के सभी नियमों का पालन करना चाहिए तभी रोग से बचा जा सकता है।
फोटो कैप्शन 5: स्क्रीनिंग करते हुए कनीना उप नागरिक अस्पताल कर्मी।
कोरोना रोग के चलते कम सफर करेंगी महिलाएं
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कनीना। इस बार यूं तो रक्षाबंधन का पर्व नजदीक आ गया है किंतु महिलाएं रक्षाबंधन पर बहुत कम सफर करेंगी। कोरोनावायरस के फैलने से महिलाएं भी इस बार कम संख्या में इधर-उधर जाएंगी, वहीं पुरुष भी कम से कम जाएंगे।
जहां महिला आशा, लक्ष्मी, मीना, बबली आदि ने बताया कि वे अपने भाइयों के पास जाकर राखी बांधना तो चाहती है किंतु कठिन काम हो गया है। कोरोनावायरस फैल रहा है। दूर दराज भाई बैठे होने से अब उन्होंने ऑनलाइन राखी भेजी है ताकि कम से कम राखी तो भाई तक पहुंच जाए। उधर कुछ लोगों से इस संबंध में जानकारी चाही तो रवि सुनील, दिनेश, महेश, राजू आदि ने बताया कि वे हर साल अपनी बहन के यहां जाते रहे हैं या फिर उनकी बहन यहां आती है किंतु इस बार कोरोना के चलते इधर-उधर नहीं जा पाएंगे। इसलिए अपनी बहनों से फोन पर ही राखी मंगवा कर बांध लेंगे। कोरोना के चलते यह घटना घट रही है उनके जीवन में पहली बार यह अवसर आया है जब रोग के कारण भाई बहन एक दूसरे के पास जाने में हिचकिचाहट महसूस करने लगे हैं। अब तो धड़ाधड़ आनलाइन राखी भेजी जा रही हैं।
फोटो कैप्शन 6: बहन अपने छोटे भाई को राखी बांधते हुए।
अज्ञात चोरो ने तीन घरों में वारदात को दिया अंजाम
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कनीना। खण्ड के गांव भोजावास में एक ही रात को तीन घरों में चोरी होने का मामला प्रकाश में आया है।
मिली जानकारी के अनुसार रामकुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह अपने परिवार के साथ अपने घर में सो रहा था कि रात को लगभग बारह बजे कुछ अज्ञात चोरों ने घर में घुस कर, घर में सोए हुए लोगों के दरवाजे बंद कर दिए तथा घर में रखा जेवरात , चांदी तथा नगद रूपये चोरी कर ले गए। रामकुमार के बेटे मनोज कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि जब वह रात को लगभग तीन बजे वाशरूम के लिए उठे तो उन्होंने कमरे का दरवाजा खुला देखा तथा जब उन्होंने अंदर देखा तो सभी बक्शा व अन्य सामान बिखरा पड़ा था वही उन्होंने कहा कि उन्होंने अपने परिजनों को जगाया वह सारी कहानी दिखाई, वही इसकी जानकारी सुबह कनीना पुलिस को देकर मामले से अवगत कराया जिस पर कनीना पुलिस ने मौके का मुआयना किया तथा अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। वही इसी रात अन्य दो घरों में भी हुई चोरी की इस वारदात की सूचना पुलिस को देकर अवगत कराया गया है।
एसडीएम कनीना रणवीर सिंह की देखरेख में रात लगभग 11.30 बजे चलाया ऑपरेशन
-ऑपरेशन बेयर फुट के तहत 60 फीसदी टीडी दल का किया सफाया
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कनीना। जिला में राजस्थान की तरफ से आया टीडी दल का सोमवार को गांव बाघोत व उच्चत की बनी में ठहराव हुआ। उपायुक्त आरके सिंह के दिशा निर्देश पर एसडीएम कनीना रणवीर सिंह की देखरेख में रात लगभग 11.30 बजे ऑपरेशन बेयर फुट शुरू किया गया जिसमें 60 फीसदी टीडी दल का सफाया हो गया।
राजस्थान की तरफ से आया यह टीडी दल दिनभर कई गांवों में घूमता रहा। कृषि विभाग के अधिकारियों तथा किसानों की सजगता के कारण यह कहीं भी नहीं बैठ पाया और फसलों पर किसी प्रकार का नुकसान नहीं किया।
कृषि उपनिदेशक जसविंदर सिंह सैनी ने बताया कि इस अभियान में एचएलआरडीसी द्वारा आपूर्ति की गई दवाई का छिड़काव किया गया ताकि ज्यादा से ज्यादा टिड्डियों का सफाया हो सके। टिड्डियों का यह दल लगभग 4 किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ था। उन्होंने बताया कि इस अभियान में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ किसानों का भी सहयोग रहा है।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में कम से कम तीन बार टिड्डी दल आ चुका है किंतु हर बार उसे कनीना क्षेत्र से बिना नुकसान पहुंचाये ही भगा दिया गया। किसान सुरेंद्र सिंह, महेश कुमार, वीरेंद्र सिंह का कहना है कि उनके यहां टिड्डी दल को कई सालों के बाद देखने को मिला है। वर्षों पहले टिड्डी दल आते थे जो अब कई सालों के बाद फिर आया है। टिड्डी दल तो बहुत से बच्चों ने जीवन में पहली बार देखा है।
भडफ़ गांव के सरपंच महेंद्र सिंह ने बताया कि विगत दिनों अचानक एक ट्ड्डिी दल नजर आया तुरंत लोगों को सूचित किया ताकि वे थाली कचौला बजाने लगे। लोगों ने जल्दी ट्ड्डिी दल को करीरा की ओर रवाना कर दिया और करीरा से होते हुए गाहड़ा, सीहोर की ओर गुजर गया था। महेंद्र सिंह सरपंच ने बताया कि ट्ड्डिी दल इतना बड़ा नहीं था। महज आधा किलो मीटर लंबा तथा आधा किलो मीटर चौड़ा गुजरा है।
इससे पहले भी कनीना के गांव झीगावन, मोड़ी होकर एक टिड्डी दल गुजरा था।
उधर पूर्व कृषि विशेषज्ञ डा देवराज यादव ने बताया कि जब ट्ड्डिी दल जब कहीं आए तो शोर शराबे करके इसे भगाया जा सकता है। डीजे बजा कर,कचोला, कांशी के बर्तन, छाज पीटकर, पीपा बजाकर तथा घरेलू उपकरण आदि से भगाया जा सकता है और इसे बैठने से रोका जा सकता है।
जब टिड्डी दल रात को बैठ जाता है तो इस पर स्प्रे करके इसको खत्म किया जा सकता है अन्यथा इसे लाठी-डंडों से नहीं मारा जा सकता।
उन्होंने बताया कि 2 बाई 2 किलोमीटर में लाखों टिड्डी दल चलते हैं और 1 दिन में 35,000 लोगों का खाना चट कर जाते हैं। ऐसे में जब भी कभी भी टिड्डी दल दिखाई दे तो तुरंत खंड कृषि अधिकारी कार्यालय में सूचना देनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि मौसम यदि अनुकूलित हुआ तो यह प्रवेश कर सकता है। यह सदा हवा की दिशा में ही चलता है। प्रतिदिन डेढ़ सौ किलोमीटर दूरी हवा की दिशा में तय कर सकता है। उन्होंने बताया कि यदि पछुआ हवा चलेगी तो हमारे इस क्षेत्र में टिड्डी दल आने की संभावना घट जाती है। उन्होंने बताया कि सावधानी में ही बचाव है। टिड्डी दल को रोकने के लिए जरूरी है कि समय पर सावधान रहें।
यूं तो टिड्डियों ने कई देशों को परेशान कर रखा है वहीं देश देश के कुछ राज्य टिड्डी दल के कहर से जूझ रहे हैं। गुजरात, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र इस समय टिड्डी दल से परेशान है। दिल्ली और यूपी भी अलर्ट है। किंतु जहां कहीं भी जाये वहां सब कुछ तबाह कर देते हैं।
माना जाता है कि पूरी धरती के 1/5 भाग को कवर कर सकता है। टिड्डी दल संसार की 1/10 जनसंख्या की रोजी.रोटी छीन सकते हैं। जग में 60 देशों में इसका कहर चल रहा है।
हनीमून ट्रिप पर आता है टिड्डी दल---
भारत में मॉनसून से पहले अपनी संख्या बढ़ाने के लिए टिड्डी दल भारत में आता है। भारत में कई जगह कहर बरपाने को तैयार है। ये अजीब जीव संख्या बढ़ाने के साथ साथ फसल को तबाह कर देते हैं।
कैसे हो पहचान-
टिड्डी दल झुंड में ही चलते हैं। मेटिंग के दो दिन बाद ही पीले टिड्डी अंडे देते हैं। मादा जमीन में करीब 6 इंच गहराई पर अंडे देती है। उस जगह सूराख हो जाता है और सूराख के मुंह पर सफेद पाउडर सा दिखाई पड़ता है। ऐसे में टिड्डी दल तीन-चार दिन एक जगह रुकते हैं।
अंडे से लारवा निकलकर 30 दिन में ही पूरा वयस्क हो जाता है। दिनभर ये उड़ते हैं और शाम होते ही पेड़ों पर पौधों पर बैठ जाते हैं। रात भर बैठे रहते हैं फिर सूरज उगने के साथ ही उडऩे लगते हैं। ऐसे में खेत में आने से रोकने के लिए डीजे साउंड या जोर से ढोलक, ड्रम, थाली आवाज की जाये जो इन्हें पसंद नहीं है। साउंड इनको पसंद नहीं है। इससे ये भागते हैं।
फोटो कैप्शन 1-से 4: टीडी दल पर दवाई छिड़काव की तैयारियां करते कृषि विभाग के अधिकारी।
गुढ़ा गांव में शिव मंदिर को तोड़ ने के मामले में पुलिस ने गांव के ही एक व्यक्ति के खिलाफ किया मामला दर्ज
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कनीना। पुराने शिव मंदिर को खण्डित कर अवैध कब्जा करने के मामले में मामला दर्ज किया है।
मिली जानकारी के अनुसार खंड के गांव गुढ़ा निवासी एक व्यक्ति ने गांव में बने पुराने शिव मंदिर की गुंबद तोड़कर अवैध कब्जा करना चाहा तो गांव के वर्तमान सरपंच व अन्य समाजसेवियों ने इसकी सूचना कनीना पुलिस को देकर उक्त व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने को कहा था जिस पर कनीना पुलिस के उपनिरीक्षक अमरजीत सिंह ने गांव गुढ़ा पहुंच कर उक्त मामले की गहनता से जांच कि तथा मंदिर को तोड़ कर अवैध कब्जा करने वाले विक्रम व उसके बेटे के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वही गांव के सरपंच व अन्य ग्रामीणों का कहना है कि उक्त मंदिर को क्षतिग्रस्त करने के मामले को लेकर गांव में रोष है।
रोग बढ़ा, स्कूल लगे
कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां कोरोना रोग तेजी से बढ़ रहा है वहीं स्कूल लग रहे हैं। बिना विद्यार्थियों के स्कूल लग रहे हैं और जो काम अध्यापक घर पर करते थे वह काम अब स्कूलों में करना पड़ रहा है। जहां नेट की भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।
शिक्षकों से इस संबंध में मिली जानकारी अनुसार कि घर पर अक्सर अधिकांश शिक्षक शहर कस्बे के पास रहते हैं जहां से नेट बेहतर कार्य करता है और विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने में सुविधा हो रही थी किंतु अब स्कूल में जाना पड़ता है। ऐसे स्कूल में से ही विद्यार्थियों तक आनलाइन शिक्षण करवाना पड़ता है, वहां नेट की सुविधा नहीं मिलती। बहुत से गांव में तो नेट काम नहीं करता इसलिए घंटों मोबाइल पर बैठे रहते हैं और बैटरी डाउन चली जाती है। जो कार्य घर पर करना होता था अब उन्हें स्कूल में करना पड़ रहा है।
खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव का कहना है कि सरकार के आदेशों के चलते उन्हें स्कूलों में जाना ही पड़ेगा। उधर खंड कनीना के एक स्कूल की एक शिक्षिका का पति कोरोना पोजिटिव है अब समस्या यह बन गई है कि यदि वह शिक्षिका स्कूल में आएगी तो कोरोना से पीडि़त स्टाफ भी हो सकता हैं। कुछ गांव तो ऐसे हैं जहां कोरोना के कई कई केस है और वहां पर शिक्षकों को जाना पड़ता है शिक्षकों के पास किसी प्रकार की कोई बचाव पक्ष की सुविधा नहीं है और तो और उन्हें उन स्कूलों में जाना पड़ रहा है जहां श्रमिक लंबे समय तक कोरोना काल में ठहरे थे। ऐसे में यदि कोई श्रमिक वहां कोरोना के समय पॉजिटिव रहा होगा। ऐसे कमरों में शिक्षक ठहरना पसंद नहीं करते हैं।
उधर अभिभावक दिनेश कुमार, राम सिंह, दयाराम, धर्मवीर आदि ने बताया कि अभी किसी हाल में अपने बच्चों को स्कूल में तो क्या अपने घर से बाहर भी नहीं निकलने दे रहे हैं क्योंकि कोरोना तेजी से फैल रहा है और फैलने के कारण बच्चों में रोग होने की अधिक संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों को कमरों में ही रखा जाता है बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।
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