नारा लगाते हुए लायें मिट्टी
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कनीना। एक ही नारा एक ही नाम, जय श्रीराम, जय श्रीराम। राम लला हम आएंगे मंदिर भव्य बनाएंगे का उद्घोष करते हुए विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने झगड़ोली अन्नावास, बुचावास गांव से पवित्र स्थानों पर से मिट्टी एवं जल लेकर अध्यक्ष महेश बोहरा को देते हुए कहा कि हमारे लिए बड़े सौभाग्य की बात है कि हमारे गांव की मिट्टी एवं जल राम मंदिर निर्माण में अर्पित होने के लिए भेजा जा रहा है। अधिक जानकारी देते हुए श्री बोहरा ने बताया कि प्रखंड के हर व्यक्ति को 5 अगस्त अयोध्या में होने वाले भूमि पूजन एवं मंदिर निर्माण के लिए बहुत ज्यादा खुशी हो रही है। उनकी खुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके पास भिन्न-भिन्न गांव से रोजाना पवित्र स्थानों से मिट्टी एवं जल आ रहा है और सभी अयोध्या जाने के लिए तैयार हो रहे हैं।
श्री बोहरा ने बताया कि लगभग 500 सालों तक खुशी का मौका, हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि पूरे संसार में बसने वाले हिंदू को मिला है। इसलिए सभी के मन में अपार खुशी है। विश्व हिंदू परिषद को कोरोनावायरस की वजह से यह फैसला लेना पड़ा है कि गांव गांव से मंदिरों से आश्रमों से मिट्टी एवं जल मंगवाया जाए। श्री बोहरा ने कहां की अगर करोना संक्रमण नहीं होता तो विश्व हिंदू परिषद का बहुत ही बड़ा कार्यक्रम आयोजित कर प्रत्येक गांव में रथ यात्रा के माध्यम से मिट्टी एवं जल लेने आती और प्रत्येक गांव में सत्संग करते हुए सभी मंदिर एवं आश्रमों से गुजरते हुए निकलना था। यह कार्यक्रम लगभग एक महीने चलाना था लेकिन संक्रमण के मद्देनजर यह फैसला लेना पड़ा। श्री बोहरा ने खंड के लोगों से आह्वान किया कि 5 जुलाई को बिल्कुल दीपावली की तरह धूमधाम से मनाएं, अपने घर में घी के दीपक जलाएं और सुबह अयोध्या में पूजन के समय अपने घर पर हवन यज्ञ, घंटा, घडिय़ाल एवं संस्थाओं व भक्ति गीत गाकर पूजा करें एवं खुशी मनाए।
फोटो कैप्शन : विश्व हिंदु परिषद के महेश बोहरा
गौशाला को दिए पांच लाख रुपये
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कनीना। रेवाड़ी निवासी पार्वती पत्नी वेदराम समाज सेविका ने कनीना की गौशाला को पांच लाख रुपये की राशि गौशाला को दी है। कनीना पालिका के प्रधान सतीश जेलदार, प्रधान गौशाला हुकमचंद ने उनका आभार व्यक्त करते हुए सम्मानित किया। इस मौके पर पार्वती ने कहा कि गायों की सेवा दुनिया में सबसे बेहतर होती है। हिंदू समाज में गायों की सदा पूजा होती आई हैं। ऐसे में उन्होंने गायों की सेवा करने की अपील की है।
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण भी गाय पालते थे इसलिए आज भी उन्हें गोपाल नाम से जाना जाता है। गायों का दूध, घी,छाछ सभी उपयोगी होती है। गाय का दूध पिलाने से बच्चे भी बुद्धिमान बनते हैं। उन्होंने कहा कि गाय हमें स्वर्ग से प्राप्त अमृत देने वाले जीव है। इन को मां का दर्जा दिया गया है इनकी सेवा हर इंसान का फर्ज बनता है।
इस मौके पर कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने कहा कि समय समय पर भक्त एवं सरकार गोशाला के लिए चंदा देते आ रहे हैं जिसके बल पर गौशाला चल रही है। कनीना कीगौशाला में करीब 2000 गायें हैं।
इस मौके पर होशियार सिंह, राजेंद्र, बॉबी बाबूलाल आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 6: पार्वती को गुलदस्ता भेंट करते हुए कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार एवं अन्य।
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कनीना क्षेत्र में आए 4 केस कोरोना के
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संवाद सहयोगी,कनीना। कनीना क्षेत्र में दिनोंदिन कोरोना केस बढ़ते जा रहे हैं। बुधवार को चार कोरोना केस पाजिटिव और सामने आए हैं। मिली जानकारी अनुसार करीरा में दो तथा ककराला में एक केस वहीं झीगावन में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
करीरा मेंमिले दोनों कोरोना पॉजिटिव जमींदार हैं और घर पर ही रहते हैं। ये दोनों विगत दिनों आये कोरोना पाजिटिव के संपर्क में आये थे औा वे भी पोजिटिव हो गए हैं। दोनों को पटिकरा भेज दिया है तथा क्षेत्र को सेनिटाइज कर दिया है। दोनों ने 27 जुलाई को सैंपल दिया था।
उधर झीगावन का एक किसान आंखें चेक करवाने के लिए नारनौल गया था और उनका भी 27 जुलाई को सैंपल हुआ था वह भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। सीएचसी मूुडियाखेड़ा तथा उप नागरिक अस्पताल कनीना ने आगामी कार्रवाई करते हुए क्षेत्र को की स्क्रीनिंग की है।
मिली जानकारी अनुसार ककराला में टीम एक में राजवीर सिंह , स्नेहलता, सुनीता, आशा तथा टीम नंबर 2 में संतोष, प्रियंका, आशा, कांता, आशा वर्कर ने स्क्रीनिंग की जिसमें डॉक्टर अंकित तथा शीशराम एचआई सुपरवाइजर ने अहम भूमिका निभाई। उधर करीरा में डॉक्टर दीपांशु की अध्यक्षता में दो टीमें गठित की गई जिनमें राकेश, शारदा, आशा वर्कर, सुनीता, पार्वती, पिस्ता, आशा ने तथा शीशराम सुपरवाइजर ने मिलकर स्क्रीनिंग की कॉल करी रा में जहां कंटेनमेंट जोन में एक घर और चार व्यक्ति जबकि बफर जोन में 6 घर और 21 व्यक्तियों का स्क्रीनिंग की गई जबकि कोरोना पॉजिटिव दूसरे व्यक्ति के यहां कंटेनमेंट जोन में 5 घर 21 व्यक्ति, बफर जोन में 15 घर और 106 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। ककराला में जहां कंटेनमेंट जोन में एक घर चार व्यक्ति और बफर जोन में एक घर 10 व्यक्तियों की स्क्रीनिंग की गई। ककराला के मरीज को घर पर आइसोलेट कर दिया गया है। उधर से एसएमओ डा धर्मेंद्र ने कहा कि इस वक्त व्यक्तिगत बचाव बहुत जरूरी हो गया है। अगर सावधानी बरती जाए तो कोरोनावायरस को रोका जा सकता है। ऐसे में उन्होंने एतिहात के सभी कदम अपनाने की अपील लोगों से की है।
बिजली संबधित किसी भी समस्या के लिए
उपभोक्ताओं को परेशान नहीं होने दिया जाएगा- बुधराम सिंह
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कनीना। बिजली संबधित किसी भी प्रकार के कार्य लिए किसी को भी परेशान नहीं होने दिया जाएगा। लोकडाउन के समय विभाग द्वारा बिजली संबधित समस्याओं को युद्ध स्तर पर ठीक किया गया था। ठीक उसी तरह से आज भी विभाग किसी भी छोटे से छोटी और बड़े से बड़ी समस्या के समाधान हेतु हर समय तैयार है।
ये विचार बिजली विभाग के एक्षान बुधराम सिंह ने कनीना बिजली कार्यालय में आमजन कि समस्याएं सुनने के पश्चात पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए। इस अवसर पर बोलते हुए बुधराम सिंह ने कहा कि जिस प्रकार बिजली विभाग उपभोक्ताओं की समस्या सुनता तथा उनको हर सुविधाए उपलब्ध कराता है ठीक उसी प्रकार से बिजली उपभोक्ताओं बिजली चोरी नहीं करनी चाहिए तथा बिजली का बिल समय पर भरना चाहिए। क्योंकि अच्छी सुविधा के लिए हर माह बिजली बिल भरना भी अति आवश्यक है। वही एसडीओ नरेन्द्र कुमार ने भी बिजली उपभोक्ताओं को बताया बिजली की किसी भी समस्या के लिए उनको विभाग के कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़े इस लिए विभाग टोल फ्री नंबर जारी किया हुआ है ताकि आम उपभोक्ताओं को बार-बार कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े। इस अवसर पर लगभग दो दर्जन बिजली उपभोक्ताओं की समस्या सुनी तथा विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारियों को जल्द से जल्द निपटाने के निर्देश भी दिए। इस अवसर पर जेई पवन कुमार व अन्य स्टाफ मौजूद था।
फोटो कैप्शन 3: एक्षन बुधराम बिजली की समस्याएं सुनते हुए।
पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ अभियान के तहत संस्था ने लगाए पेड़ पौधे
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कनीना। खण्ड के गांव मोहनपुर में सत्य भारती स्कूल मोहनपुर के बच्चों ने बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल सामाजिक संस्था के साथ मिलकर अपने अपने घरों में पौधे लगाए संस्था के सदस्यों ने बच्चों को घर घर जाकर पौधे वितरित किए व सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए पौधा रोपण किया गया। इस मौके पर 50 पौधे जामुन एवं तुलसी के लगाए। इस अवसर पर बच्चों ने प्रण लिया कि वे इन पौधों की देखभाल करेंगे संस्था अध्यक्ष नवीन कौशिक ने कहा कि संस्था द्वारा पूरे जुलाई और अगस्त तक लगातार जारी रहेगा संस्था द्वारा लोगों को घर घर जाकर पेड़ वितरित किया जा रहा है और हर दस दिन में पौधों की देखभाल कैसी हो रही है एक फोटो शेयर करने वाली मुहिम को समझाया जाता है। मास्टर राकेश कौशिक ने पर्यावरण के महत्व को समझाया तथा स्कूल की प्रिंसिपल हेमलता, राजकुमार, ज्योति,विमला, लेखराज ने संस्था को पर्यावरण संरक्षण में सहयोग करने का प्रण लिया। इस अवसर पर गजे सिंह इंदौरा, विकाश, पंकज आदि संस्था के सदस्यों ने बच्चों के साथ मिलकर पौधा रोपण किया।
फोटो कैप्शन 5: जामुन का पौधा लगाते हुए संस्था के पदाधिकारी।
रोग बढ़ा, स्कूल लगे
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कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां कोरोना रोग तेजी से बढ़ रहा है वहीं स्कूल लग रहे हैं। बिना विद्यार्थियों के स्कूल लग रहे हैं और जो काम अध्यापक घर पर करते थे वह काम अब स्कूलों में करना पड़ रहा है। जहां नेट की भारी परेशानियां झेलनी पड़ रही है।
शिक्षकों से इस संबंध में मिली जानकारी अनुसार कि घर पर अक्सर अधिकांश शिक्षक शहर कस्बे के पास रहते हैं जहां से नेट बेहतर कार्य करता है और विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाने में सुविधा हो रही थी किंतु अब स्कूल में जाना पड़ता है। ऐसे स्कूल में से ही विद्यार्थियों तक आनलाइन शिक्षण करवाना पड़ता है, वहां नेट की सुविधा नहीं मिलती। बहुत से गांव में तो नेट काम नहीं करता इसलिए घंटों मोबाइल पर बैठे रहते हैं और बैटरी डाउन चली जाती है। जो कार्य घर पर करना होता था अब उन्हें स्कूल में करना पड़ रहा है।
खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम यादव का कहना है कि सरकार के आदेशों के चलते उन्हें स्कूलों में जाना ही पड़ेगा। उधर खंड कनीना के एक स्कूल की एक शिक्षिका का पति कोरोना पोजिटिव है अब समस्या यह बन गई है कि यदि वह शिक्षिका स्कूल में आएगी तो कोरोना से पीडि़त स्टाफ भी हो सकता हैं। कुछ गांव तो ऐसे हैं जहां कोरोना के कई कई केस है और वहां पर शिक्षकों को जाना पड़ता है शिक्षकों के पास किसी प्रकार की कोई बचाव पक्ष की सुविधा नहीं है और तो और उन्हें उन स्कूलों में जाना पड़ रहा है जहां श्रमिक लंबे समय तक कोरोना काल में ठहरे थे। ऐसे में यदि कोई श्रमिक वहां कोरोना के समय पॉजिटिव रहा होगा। ऐसे कमरों में शिक्षक ठहरना पसंद नहीं करते हैं।
उधर अभिभावक दिनेश कुमार, राम सिंह, दयाराम, धर्मवीर आदि ने बताया कि अभी किसी हाल में अपने बच्चों को स्कूल में तो क्या अपने घर से बाहर भी नहीं निकलने दे रहे हैं क्योंकि कोरोना तेजी से फैल रहा है और फैलने के कारण बच्चों में रोग होने की अधिक संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में बच्चों को कमरों में ही रखा जाता है बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है।
ऑपरेशन विजय में बहुत बड़ी भूमिका निभाई थी सुनील कुमार ने कनीना ने
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कनीना। कनीना के सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह ने जहां कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी आज भी सेवानिवृत्त होकर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में कार्यरत है। सुनील कुमार 21 जुलाई 1968 को कनीना के किसान परिवार में जन्मे जिनके तीन बहन और तीन भाई है।
सुनील कुमार ने जहां सरकारी स्कूल राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना से दसवीं की परीक्षा अच्छे अंकों से पास की वहीं 1984 में प्रि- यूनिवर्सिटी(उस वक्त 11वीं की परीक्षा) की परीक्षा श्रीकृष्णा कॉलेज का मालिक से प्राप्त की।
वे अपने जमाने के अच्छे बास्केटबाल के खिलाड़ी थे और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी किया वहीं कॉलेज में इंटर कॉलेज लेवल तक भी भाग लिया। तत्पश्चात 1986 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में नौकरी मिल गई एक सैनिक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में ही जनरल नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग भी पूरी कर डाली।
आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई टेक्निकल कोर्स पूरे किए। तत्पश्चात पंजाब में सेवा करने का मौका मिला जहां पंजाब में उन दिनों उग्रवाद पूरे चरम पर था। सेना में के सहयोग से शांति स्थापित की। तत्पश्चात 1998 से 2000 तक जम्मू कश्मीर तथा अन्य क्षेत्रों में फील्ड एरिया में काम करने का मौका मिला और 1999 में ऑपरेशन विजय में शामिल होने का बखूबी मौका दिया गया। यद्यपि उनका कार्य अलग होने से वे समाज सेवा में सैनिकों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे। वे बताते हैं कि युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की हालात उनसे देखाी नहीं जाती थी। वे दिनरात उनकी सेवा में जुटे रहते और सैनिकों को साहस के साथ बचाने का प्रयास करते। उन्होंने न केवल सैनिकों के परिवार वालों को भी सेवा करने का मौका मिला। ऑपरेशन विजय कामयाब हुआ और उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। जहां सेवा में रहते हुए उन्होंने स्नातक और बीएड की परीक्षा पास की
2003 में नायक पद से सेवानिवृत्त होकर घर आए और ब्लड बैंक में कार्य करने लगे। 2010 में उन्हें हरियाणा सरकार में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में नौकरी मिली। आज भी वे सेवा दे रहे हैं। उनकी सेवा उसे जहां हर इंसान प्रभावित है वहीं उनकी आर्मी की सेवा से सैनिक बहुत प्रभावित हुये थे। फोटो कैप्शन: सुनील
राखी बांधने के लिए भाई को बुलाया है
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ऋतु यादव कनीना में विवाहिता है किंतु उनके भाई गुरुग्राम में रहते हैं। यद्यपि गुरुग्राम में कोरोना भारी मात्रा में फैला हुआ है किंतु ऋतु को कोई परवाह नहीं है। उनका कहना है कि यदि भाई से मिलना हो तो कोरोना बाधक नहीं बनेगा। पहली बात तो वह दुआ कर रही है कि उनका भाई सही सलामत अच्छे ढंग से घर पहुंचे। वे बेसब्री से इंतजार करेंगी। उनका कहना है कि भाई बहन का प्यार तो यम समी के प्यार से भी अधिक पक्का होता है। उनका कहना है कि यदि नहीं आते तो हर हाल में गुडग़ांव जाकर अपने भाई के कलाई पर राखी बांधेंगी। परंतु उसके भाई ने वादा कर रखा है कि चाहे कोई साधन न हो हर हाल में कनीना पहुंचेंगे और अपनी बहन के राखी बांधेगी। संदीप कुमार गुडग़ांव में रहते हैं।
उन्होंने देश के सभी भाइयों की सलामती की कामना की और कहा कि जो भाई अपनी बहनों के यहां राखी बंधवाने जा रहे हैं उनके लिए भगवान से दुआ करेंगे कि सभी खुश होकर जाए और बहन से राखी बंधवा कर वापिस पहुंचे। उन्होंने कहा कि कोरोना ने उनकी राहों को रोका जरूर है किंतु भाई बहन के प्यार को यमराज भी नहीं रोक सकते। कोरोना की तो औकात क्या है? वह कहती है कि उनका भाई जरूर दिए गए समय पर पहुंचेगा और वे अपने भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधेंगी। उनका कहना है कि वह ग्रहणी है पढ़ी-लिखी ग्रहणी है हर बात का हम एक जान है मिठाई आदि का प्रबंध करके तिलक की तैयारियों सहित पहले ही कार्य में जुटी है ताकि इनका भाई ज्यों ही आएगा वह हाथों की कलाई पर राखी बांधेंगी।
उनका कहना है कि रक्षाबंधन पर्व एक साल बाद आता है और भाई और बहन इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं। जहां बहन को भाई से कुछ उपहार मिलता है भाई भाई को बहन का प्यार नहीं अपितु रक्षा सूत्र भी प्राप्त होता है। उन्होंने खेद जताया कि जिन भाइयों की बहन नहीं है उन पर क्या बीती होगी उन्होंने कहा कि जरूर इस दिन हर भाई को अपनी बहन के हाथों से रक्षा सूत्र बंधकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है उन्होंने कहा कि रक्षाबंधन सोमवार का दिन बहुत बहुत खुशी का अवसर होगा। इस जहां सावन का अंतिम सोमवार भी होगा वही उस दिन भारी भीड़ रहेगी। आवागमन में दिक्कत आ सकती है।
फोटो: रितु यादव
शोक संवेदना व्यक्त की
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कनीना। अपने इष्ट जनों की सांत्वना और सहयोग दुख की घड़ी में बहुत बड़ा सबल होता है। पूर्व प्राचार्य एवं प्रसिद्ध समाजसेवी लालचंद्र यादव बवानिया वाले की धर्मपत्नी स्वर्गीय लाली देवी के दुखद निधन पर चौथे दिन भी शोक संतप्त परिवार को धैर्य बंधाने के लिए दिनभर मित्रों व रिश्तेदारों का तांता लगा रहा। इनमें शिक्षा विभाग से जुड़े अनेक प्रोफेसर, प्रधानाचार्य ,शिक्षक व दूसरे कर्मचारी शामिल थे। मृतका का जेष्ठ पुत्र पुलिस कर्मचारी होने के कारण हरियाणा पुलिस के अनेक अधिकारी व कर्मचारी भी सांत्वना देने पहुंचे। गौरतलब है कि स्वर्गीय लाली देवी का निधन 25 जुलाई को हृदय गति रुकने के कारण हो गया था। परिवार का दु:ख साझा करने के लिए पधारने वाले लोगों में मुख्य रूप से कंवर सिंह यादव पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष , देवेंद्र यादव पूर्व उप जिला प्रमुख, मि_ू राम चोपड़ा पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, पवन खैरवाल अध्यक्ष, भारतीय जनता युवा मोर्चा महेंद्रगढ़ , विजय पाल चेयरमैन ,संतोष कुमार पीटीआई , ओम प्रकाश शर्मा चेयरमैन हेरिटेज स्कूल, रविंद्र यादव प्रधान सरपंच एसोसिएशन , पूर्व पुलिस अधीक्षक हीरालाल, ओम प्रकाश सैनी प्रधानाचार्य ,कैप्टन सुरेंद्र सिंह प्रधान गौशाला महेंद्रगढ़ , विवेक सिंह मंडल अध्यक्ष भाजपा ,प्रदीप यादव पूर्व मंडल अध्यक्ष ,दिलावर सिंह ठेकेदार , जीवनराम मेघन वास ,ऋषिराज सोनी ,राम सिंह यादव पूर्व प्रधान इनैलो,लक्ष्मी नारायण सैनी प्रधान हलवाई एसोसिएशन महेंद्रगढ़ व मास्टर महावीर प्रसाद शर्मा झगडोली वाले अपने समस्त परिवार के साथ शामिल हुए।
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