40 साल बाद हुआ स्कूल क्रमोन्नत
-मिठाई बांट प्रवेश प्रारंभ
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कनीना। ककराला ग्राम में उच्च विद्यालय से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनने पर ग्रामवासियों में खुशी की लहर है। सोमवार को 11वीं कक्षा के प्रवेश जब स्कूल स्टाफ ने प्रारम्भ किये तो ग्रामीणों ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया।
प्रथम दिन स्कूल में 7 बच्चे प्रवेश लेने हेतु पहुँचे थे। प्रथम दिन खुशी, प्रीति, पूजा, मोनिका, लक्ष्मी, नचिता व प्रवीण ने प्रवेश हेतु आवेदन किया। प्रथम आवेदक खुशी व प्रवीण को ग्राम सरपंच कृष्ण सिंह ने मिठाई खिलाकर स्वागत किया।
इस मौके पर पहुँचे अभिभावकों ने बताया उन्हें बहुत खुशी है कि उनके बच्चों को अब 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिये ग्राम से बाहर दूर नहीं जाना पड़ेगा। इससे पहले ग्राम के अधिकतर बच्चे समीपवर्ती कनीना व रामबास के स्कूलों में पढऩे हेतु जाते थे। कई बार यातायात न होने के कारण लड़कियों को आने जाने में बहुत परेशानी होती थी। इसके कारण अभिभावकों को उन्हें लेने व छोडऩे साथ जाना पड़ता था।
संस्था के प्रवक्ता सुनील शर्मा ने बताया कि शैक्षणिक कमेटी आगे भी अपने पूरे प्रयास गांव की शिक्षा पर जारी रखेगी। सरपंच कृष्ण सिंह ने कहा कि स्कूल क्रमोन्नत के बाद अब 10+2 तक की शिक्षा ग्राम में ही मिल जायेगी व लड़कियों को एक सुरक्षित माहौल भी मिलेगा।
मुख्याध्यापक रामकुमार, 10+2 के प्रभारी कर्ण सिंह, बाबा भैया सेवा दल के सदस्य मा. सुनील कुमार, मा. गुलशन, सुंदर लाल, सुनील शर्मा ने बच्चों के स्वागत की पहले से योजना बनाई थी।
इस अवसर पर चौखराम थानेदार, धर्मपाल थानेदार, राजेन्द्र यादव, ईश्वर सिंह, पँचायत सदस्य जयप्रकाश, बाबूलाल, राजबीर, सुनील, रामौतार, एडवोकेट नरेश, सुरेंद्र सिंह, भूतपूर्व सरपंच दलीप सिंह, नरेश कुमार, मनोज कुमार, मा. वीरेन्द्र सिंह, रविन्द्र प्रकाश आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 2: ककराला में स्कूल क्रमोन्नत होने पर मिठाई बांट खुशी जताते हुए।
सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में रही भीड़
-सोमावती अमावस्या भी मनाई
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कनीना। सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में भारी भीड़ रही। बाघेश्वर धाम पर जलाभिषेक के लिए भीड़ रही वहीं विभिन्न गांवों में भी शिवालयों में भीड़ देखने को मिली। इस बार सोमावती अमावस्या होने से इस दिन का महत्व बढ़ गया। यूं सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां भीड़ रहती हैं किंतु कोरोना काल होने के कारण भीड़ अन्य वर्षों की बजाय कम रही।
महिलाओं ने व्रत रखा तथा दिनभर शिवलिंग अभिषेक कार्यक्रम चलता रहा। सावन 6 जुलाई से शुरू हुआ जो तीन अगस्त पूर्णिमा रक्षा बंधन दिन तक चलेगा जिसमें पांच सोमवार 6 जुलाई, 13 जुलाई, 29 जुलाई, 27 जुलाई तथा तीन अगस्त को पड़ रहे हैं। 19 जुलाई की शिवरात्रि भी थी। तीन अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार होगा। व्रत करने वाले सावन के समस्त सोमवारों को व्रत रखते हैं और शिवालयों में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। बाघोत में इस बार कांवड़ मेला भी नहीं लगा।
सावन के तेीसरे सोमवार को आज विभिन्न शिवालयों में भीड़ रही। भारी संख्या में श्रद्धालु कनीना स्थित 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाले शिवालय में जल अर्पित करते देखे गए। आगामी सोमवार को भी यहां भीड़ रहेगी। बाघेश्वर धाम पर जहां संतान पाने के इच्छुक वटवृक्ष पर धागा बांधते नजर आए वहीं जलाभिषेक करने के लिए भीड़ जमी रही।
महिलाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में व्रत रखा तथा शिवलिंग का अभिषेक किया। जल अर्पित करने वाले भक्तों में महिलाओं की संख्या अधिक थी। पुरुष भी व्रत रखते हैं।
फोटो कैप्शन 3: शिवलिंग पर जल अर्पित करते भक्तजन।
हर्बल पार्कों की हालात बदतर
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कनीना। बहुजन समाज पार्टी के नेता अतरलाल ने कोका, खेड़ी, मोहलड़ा, कारिया तथा बाछौद गांवों में बनाए गए हर्बल पार्कों की दिन प्रतिदिन खराब हो रही हालत पर चिंता प्रकट करते हुए राज्य सरकार तथा वन विभाग से इन हर्बल पार्कों पर पर्याप्त ध्यान देने की मांग की है।
अतरलाल ने उक्त हर्बल पार्कों का दौरा तथा निरीक्षण करने के बाद कहा कि हर्बल पार्क स्थापित करने के समय इनमें में शतावरी, सर्पगंधा, गिलोय, एलोय, तिलचट्टा, पत्थरचटा, नीम, शतावर, कालमेघ, इलायची, बेल पत्र, अर्जुन, सीताफल, नरगिस, कमल आदि के काफी मात्रा में औषधीय पौधे लगाए गए थे और आगे अधिक मात्रा में जड़ी बूटियों के पौधे इन हर्बल पार्कों में लगाने की योजना थी। परन्तु पिछले 5-6 सालों से इन पार्कों की तरफ कोई ध्यान नहीं देने के कारण औषधीय पौधे धीरे-धीरे नष्ट और कम होते जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा हर्बल पार्कों की ग्रांट में कटौती के कारण रख-रखाव के साधन तथा कर्मचारियों की कमी के चलते ये पार्क बदहाली के कगार पर पहुंच गए हैं। इनकी सुरक्षा तथा देखभाल के लिए एक-एक कर्मचारी जो रखे भी हुए हैं। वे भी अमूमन हाजिर नहीं रहते।
अतरलाल ने कहा कि करोड़ो की पंचायती भूमि तथा करोड़ों की लागत से बने ये हर्बल पार्क रख-रखाव के अभाव तथा सरकार की उदासीनता के चलते बदहाल होते जा रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार से इन हर्बल पार्कों के लिए ग्रांट बढ़ाने रख-रखाव पर विशेष पर्याप्त ध्यान देने और अधिक से अधिक मात्रा में औषधीय पौधे लगाने की मांग की।
फोटो कैप्शन 1: हर्बल पार्क का निरीक्षण करते बसपा नेता अतरलाल एडवोकेट।
कनीना क्षेत्र में हुई 10 एमएम बारिश
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कनीना। कनीना क्षेत्र में 10 एमएम बारिश हुई। सोमवार की सुबह से वर्षा होने लगी थी जो दोपहर तब चलती रही। चंद बूंदों से ही पानी सड़क मार्गों पर जमा हो गया। सावन माह में पहली बार दस एमएम बारिश हुई है। अभी तक 30 फीसदी किसान बारिश का इंतजार कर रहे थे ताकि बीजाई की जा सके।
कनीना क्षेत्र के किसान बारिश को लेकर खुश है। खड़ी फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई थी। यही कारण है कि खुशी से पतंगबाजी जोर पकडऩे लगी है।
कनीना क्षेत्र में जहां 19 हजार हेक्टेयर भूमि पर बाजरे की बिजाई की जानी है। किसान सूबे सिंह, रणधीर सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत सिंह आदि ने जून माह ने उन्हें निराश किया वहीं सावन माह का आगमन भी निराशाजनक रहा। अब बारिश ने उन्हें प्रसन्न कर दिया है। उनका कहना है कि कपास की फसल काफी बड़ी हो गई है वहीं बाजरे की फसल भी लहलहाने लगेगी।
किसानों ने बताया कि दो प्रकार की फसल खेतों में उगाई गई है- अगैती तथा पछेती फसल। अगैती अब बड़ी हो चुकी है जबकि पछेती फसल अभी छोटी है। कुल मिलाकर फसल बेहतर है। कृषि अधिकारी भी मौसम को फसल के अनुकूल बता रहे हैं। यद्यपि 1995 जैसी बारिश अभी तक नहीं हुई है किंतु कनीना क्षेत्र में सोमवार को बारिश हुई है। किसान अभी भी बेहतर बारिश का इंतजार कर रहे थे और उनका इंतजार खत्म हो गया है। किसानों का कहना है कि बारिश तो जितनी अधिक होगी उतना लाभ ही लाभ होगा।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भी अपनानी चाहिये सीबीएसई नीति
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कनीना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणाम में इतना अंतर क्यों? ये बात सभी को सोचने पर मजबूर कर देती है सभी ये सोचते होंगे कि हरियाणा बोर्ड से संबंधित सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती होगी लेकिन फिर सोचिये की हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का परिणाम भी इतना अच्छा नहीं रहा। शिक्षकों का कहना है कि पढ़ाई तो सभी स्कूलों में अच्छी करवाई जाती है चाहे वो किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो सभी अध्यापक अपने कार्य का निर्वहन अच्छे से करते हैं बहुत सोचने के बाद पता चला कि परिणाम कम आने का मुख्य कारण बोर्ड द्वारा अपनाई गई नीतियां होती है।
शिक्षक बताते हैं कि दसवीं के गणित विषय को ही लेते हैं जिसमें हरियाणा बोर्ड में कमजोर व होशियार बच्चों के लिए एक तरह का प्रश्न पत्र आएगा इसमें कमजोर बच्चे अक्सर फेल हो जाते है गणित विषय में कमजोर होने व फेल होने के करने उनका पढ़ाई का चैप्टर खत्म ,दूसरी तरफ आप केंद्रीय शिक्षा बोर्ड में दसवीं के गणित विषय के बारे में समझे यहाँ बच्चे पूरे वर्ष एक समान कोर्स पढ़ते हैं लेकिन पेपर के समय उनके पास दो तरीके होते है। एक स्टैण्डर्ड दूसरा नॉर्मल ,बच्चे अपनी इच्छा अनुसार अपना पेपर का चुनाव कर सकते है होशियार बच्चे स्टैण्डर्ड का चुनाव करते है जिसमें प्रश्नपत्र उनकी बुद्धि उपलब्धता के अनुसार होता जबकि गणित में कमजोर बच्चे नॉर्मल प्रश्नपत्र का चुनाव करते है जिसमें गणित का प्रश्नपत्र बहुत ही आसान लेवल का होता हैं और इस तरीके से सभी बच्चे गणित जैसे कठिन विषय में भी पास हो जाते है और आगे की कक्षाओं में अपनी रुचि के अनुसार विज्ञान ,वाणिज्य या कला संकाय ले सकते है। बोर्ड की गलत नीतियों की वजह से ही आप देखिये बड़े बड़े निजी स्कूलों ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड की बजाए केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से ही अपने स्कूलों की मान्यता ली हुई है।
शिक्षकों का कहना है कि दूसरी हरियाणा बोर्ड ने दसवीं में छह विषयों में से दो विषयों में फेल बच्चों को फेल कर दिया जाता है जबकि दो साल पहले तक दो विषयों में फेल बच्चों को कंपार्टमेंट दिया जाता था और बच्चा 11वीं में अपना दाखिला लेकर साथ साथ अपना कंपार्टमेंट भी क्लियर कर लेता था। हरियाणा बोर्ड को चाहिए कि बच्चों के हित में समय समय पर अच्छी रणनीति बनाते रहे या फिर केंद्रीय बोर्ड जो भी रणनीति बनता उसका ही अनुसरण करें ताकि बोर्ड की गलत नीतियों के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो सके।अबकी बार भी दसवीं के परिणाम पर बोर्ड को पुन: विचार करना चाहिए।
त्योहारों केदृष्टिगत बाजारों में बढऩे लगी भीड़ संवाद
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कनीना। ज्यों ज्यों विभिन्न त्योहार नजदीक आ रहे हैं बाजारों में भीड़ बढऩे लग गई है। जिसका परिणाम भविष्य में कोरोना बढऩे का कारण भी बन सकता है। जहां बार-बार रविवार को बाजार बंद रखने के आदेश दिए जाते हैं किंतु दुकानदारों की मजबूरी होती है कि वे त्योहारों के दृष्टिगत दुकान खोलते हैं। रविवार को जहां शिवरात्रि का पर्व मनाया गया जिसके चलते दुकानदारों ने मजबूरन अपनी दुकान खोल कर रोटी रोजी कमाने को मजबूर होना पड़ा। सरकार ने को फैलने से रोकने लिए दुकानें बंद रखने का आदेश दिया था। परंतु दुकानों के सामने सड़क मार्ग की भीड़ देखी जा सकती है।
भीड़ विभिन्न गंतव्य मार्गों पर दिखाई देती है। एक और जहां निकट भविष्य में अब तीज और सिंधारा पर्व आ रहा है वही रक्षाबंधन राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त तथा जन्माष्टमी और गोगा पर भी आएंगे। जिसके चलते दुकानों के बाहर भीड़ देखी जा सकती है।
जहां शिवरात्रि की रात्रि के दिन फलों की मांग होने से सभी फलों की दुकानें खुली पाई गई। यहां तक की सड़क मार्ग पर चलना भी कठिन हो गया है। जब लॉकडाउन था तो सड़के खुली और लोग आराम से सड़कों पर इधर-उधर घूम सकते थे किंतु अब हालात यह बन गए हैं की सड़क पार करने में भी काफी समय लग जाता है।
यहां वाहन चालको का कोई नियम नहीं होता यही कारण है इधर उधर से वाहनों को घुमाते फिराते रहते हैं जिसके कारण दुर्घटनाएं घटने की संभावना बढ़ जाती है। अतिक्रमण भी बढ़ रहे हैं जिसके चलते नगरपालिका पहले ही सतर्क है और किसी भी समय अतिक्रमण को हटाया जा सकता है
पालिका प्रधान सतीश जंलदार का कहना है कि अतिक्रमण हटाना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण कहीं नजर आता है तो उसे जल्द ही हटाया जाएगा।
फोटो कैप्शन: 5,6,7 कनीना बाजार से संबंधित है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भी अपनानी चाहिये सीबीएसई नीति
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कनीना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणाम में इतना अंतर क्यों? ये बात सभी को सोचने पर मजबूर कर देती है सभी ये सोचते होंगे कि हरियाणा बोर्ड से संबंधित सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती होगी लेकिन फिर सोचिये की हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का परिणाम भी इतना अच्छा नहीं रहा। शिक्षकों का कहना है कि पढ़ाई तो सभी स्कूलों में अच्छी करवाई जाती है चाहे वो किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो सभी अध्यापक अपने कार्य का निर्वहन अच्छे से करते हैं बहुत सोचने के बाद पता चला कि परिणाम कम आने का मुख्य कारण बोर्ड द्वारा अपनाई गई नीतियां होती है।
शिक्षक बताते हैं कि दसवीं के गणित विषय को ही लेते हैं जिसमें हरियाणा बोर्ड में कमजोर व होशियार बच्चों के लिए एक तरह का प्रश्न पत्र आएगा इसमें कमजोर बच्चे अक्सर फेल हो जाते है गणित विषय में कमजोर होने व फेल होने के करने उनका पढ़ाई का चैप्टर खत्म ,दूसरी तरफ आप केंद्रीय शिक्षा बोर्ड में दसवीं के गणित विषय के बारे में समझे यहाँ बच्चे पूरे वर्ष एक समान कोर्स पढ़ते हैं लेकिन पेपर के समय उनके पास दो तरीके होते है। एक स्टैण्डर्ड दूसरा नॉर्मल ,बच्चे अपनी इच्छा अनुसार अपना पेपर का चुनाव कर सकते है होशियार बच्चे स्टैण्डर्ड का चुनाव करते है जिसमें प्रश्नपत्र उनकी बुद्धि उपलब्धता के अनुसार होता जबकि गणित में कमजोर बच्चे नॉर्मल प्रश्नपत्र का चुनाव करते है जिसमें गणित का प्रश्नपत्र बहुत ही आसान लेवल का होता हैं और इस तरीके से सभी बच्चे गणित जैसे कठिन विषय में भी पास हो जाते है और आगे की कक्षाओं में अपनी रुचि के अनुसार विज्ञान ,वाणिज्य या कला संकाय ले सकते है। बोर्ड की गलत नीतियों की वजह से ही आप देखिये बड़े बड़े निजी स्कूलों ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड की बजाए केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से ही अपने स्कूलों की मान्यता ली हुई है।
शिक्षकों का कहना है कि दूसरी हरियाणा बोर्ड ने दसवीं में छह विषयों में से दो विषयों में फेल बच्चों को फेल कर दिया जाता है जबकि दो साल पहले तक दो विषयों में फेल बच्चों को कंपार्टमेंट दिया जाता था और बच्चा 11वीं में अपना दाखिला लेकर साथ साथ अपना कंपार्टमेंट भी क्लियर कर लेता था। हरियाणा बोर्ड को चाहिए कि बच्चों के हित में समय समय पर अच्छी रणनीति बनाते रहे या फिर केंद्रीय बोर्ड जो भी रणनीति बनता उसका ही अनुसरण करें ताकि बोर्ड की गलत नीतियों के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो सके।अबकी बार भी दसवीं के परिणाम पर बोर्ड को पुन: विचार करना चाहिए।
एक और मिला कोरोना केस
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना में वार्ड नंबर 12 में एक मध्यप्रदेश से आया श्रमिक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। विगत दिनों से बढ़ते ही जा रहे हैं किंतु अब लोग कोरोना से ज्यादा नहीं घबरा रहे हैं। इस मौके पर कनीना उप नागरिक अस्पताल की ओर से समस्त कार्रवाई करते हुए उन्हें पटीकरा भेजने का निर्णय लिया। विभिन्न घरों में स्क्रीनिंग की गई और ऐतिहात के सभी कदम उठाए गए। इस मौके पर डॉ विनय कुमार के अध्यक्षता में शीशराम एचआई सुपरवाइजर, सुनील कुमार, आशा, सरिता आदि ने मिलकर विभिन्न लोगों की स्क्रीनिंग की गई। डॉ धर्मेंद्र एसएमओ ने बताया कि कनीना के वार्ड 12 में कोंटेंमेंट जोन में 4 घर तथा 16 व्यक्ति शामिल किए गए हैं जबकि बफर जोन में 10 घर तथा 48 व्यक्ति शामिल किए गए हैं। उधर सुनील कुमार ने बताया किन क्षेत्रों में विशेषकर कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में जहां पानी खड़ा हुआ था वहां मच्छरों को नष्ट करने की कार्रवाई की गई। लोगों को जागरूक भी किया गया ताकि वे मच्छरों से बच सके।
फोटो कैप्शन 9: स्क्रीनिंग काटते हुए कनीना सामुदायिक कनीना अपना अस्पताल के कर्मचारी।
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने राजेश कुमार को " कोरोना योद्धा रत्न" सम्मान पत्र से सम्मानित किया
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अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कनीना जनपद के उन्हाणी निवासी शिक्षक एवं सोशल एक्टिवेट राजेश कुमार को " कोरोना योद्धा रत्न सम्मान पत्र " से सम्मानित किया है ।
राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने उन्हें दूरभाष पर सूचना दी कि महासभा ने कोरोनाकाल में जो आपने सेवाएं दी उन सेवाओं को देखते हुए कोरोना यौद्धा रत्न सम्मान के लिए चुना है और आपका सम्मान पत्र आपकी ईमेल पर भेज दिया गया है
जारी बयान के अनुसार लॉक डॉउन में जिला महेंद्रगढ़ के नागरिकों को लॉकडाउन के पालन के लिए प्रेरित करने , राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा समय - समय पर जारी दिशा निर्देशों को नागरिकों तक पहुंचाने और प्रवासी मजदूरों तथा जरूरतमंदों में अन्न भोजन वितरण में महत्वपूर्ण योगदान देने पर राजेश कुमार को सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया । सम्मान पत्र के लिए राजेश कुमार का नाम हिन्दू महासभा हरियाणा प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष आर के शर्मा ने प्रस्तावित किया था ।
सम्मान पत्र प्राप्त करने के बाद राजेश शर्मा ने हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी त्रिदंडी जी महाराज , राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी , राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री अधिवक्ता संजया शर्मा और हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र भाटी का आभार प्रकट किया । उन्होंने कहा कि सम्मान पत्र पाकर वो स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे है और उन्हें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिली है ।
-मिठाई बांट प्रवेश प्रारंभ
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कनीना। ककराला ग्राम में उच्च विद्यालय से वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बनने पर ग्रामवासियों में खुशी की लहर है। सोमवार को 11वीं कक्षा के प्रवेश जब स्कूल स्टाफ ने प्रारम्भ किये तो ग्रामीणों ने मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया।
प्रथम दिन स्कूल में 7 बच्चे प्रवेश लेने हेतु पहुँचे थे। प्रथम दिन खुशी, प्रीति, पूजा, मोनिका, लक्ष्मी, नचिता व प्रवीण ने प्रवेश हेतु आवेदन किया। प्रथम आवेदक खुशी व प्रवीण को ग्राम सरपंच कृष्ण सिंह ने मिठाई खिलाकर स्वागत किया।
इस मौके पर पहुँचे अभिभावकों ने बताया उन्हें बहुत खुशी है कि उनके बच्चों को अब 12वीं कक्षा तक की पढ़ाई के लिये ग्राम से बाहर दूर नहीं जाना पड़ेगा। इससे पहले ग्राम के अधिकतर बच्चे समीपवर्ती कनीना व रामबास के स्कूलों में पढऩे हेतु जाते थे। कई बार यातायात न होने के कारण लड़कियों को आने जाने में बहुत परेशानी होती थी। इसके कारण अभिभावकों को उन्हें लेने व छोडऩे साथ जाना पड़ता था।
संस्था के प्रवक्ता सुनील शर्मा ने बताया कि शैक्षणिक कमेटी आगे भी अपने पूरे प्रयास गांव की शिक्षा पर जारी रखेगी। सरपंच कृष्ण सिंह ने कहा कि स्कूल क्रमोन्नत के बाद अब 10+2 तक की शिक्षा ग्राम में ही मिल जायेगी व लड़कियों को एक सुरक्षित माहौल भी मिलेगा।
मुख्याध्यापक रामकुमार, 10+2 के प्रभारी कर्ण सिंह, बाबा भैया सेवा दल के सदस्य मा. सुनील कुमार, मा. गुलशन, सुंदर लाल, सुनील शर्मा ने बच्चों के स्वागत की पहले से योजना बनाई थी।
इस अवसर पर चौखराम थानेदार, धर्मपाल थानेदार, राजेन्द्र यादव, ईश्वर सिंह, पँचायत सदस्य जयप्रकाश, बाबूलाल, राजबीर, सुनील, रामौतार, एडवोकेट नरेश, सुरेंद्र सिंह, भूतपूर्व सरपंच दलीप सिंह, नरेश कुमार, मनोज कुमार, मा. वीरेन्द्र सिंह, रविन्द्र प्रकाश आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 2: ककराला में स्कूल क्रमोन्नत होने पर मिठाई बांट खुशी जताते हुए।
सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में रही भीड़
-सोमावती अमावस्या भी मनाई
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कनीना। सावन के तीसरे सोमवार को शिवालयों में भारी भीड़ रही। बाघेश्वर धाम पर जलाभिषेक के लिए भीड़ रही वहीं विभिन्न गांवों में भी शिवालयों में भीड़ देखने को मिली। इस बार सोमावती अमावस्या होने से इस दिन का महत्व बढ़ गया। यूं सावन के प्रत्येक सोमवार को यहां भीड़ रहती हैं किंतु कोरोना काल होने के कारण भीड़ अन्य वर्षों की बजाय कम रही।
महिलाओं ने व्रत रखा तथा दिनभर शिवलिंग अभिषेक कार्यक्रम चलता रहा। सावन 6 जुलाई से शुरू हुआ जो तीन अगस्त पूर्णिमा रक्षा बंधन दिन तक चलेगा जिसमें पांच सोमवार 6 जुलाई, 13 जुलाई, 29 जुलाई, 27 जुलाई तथा तीन अगस्त को पड़ रहे हैं। 19 जुलाई की शिवरात्रि भी थी। तीन अगस्त को सावन का अंतिम सोमवार होगा। व्रत करने वाले सावन के समस्त सोमवारों को व्रत रखते हैं और शिवालयों में जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं। बाघोत में इस बार कांवड़ मेला भी नहीं लगा।
सावन के तेीसरे सोमवार को आज विभिन्न शिवालयों में भीड़ रही। भारी संख्या में श्रद्धालु कनीना स्थित 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाले शिवालय में जल अर्पित करते देखे गए। आगामी सोमवार को भी यहां भीड़ रहेगी। बाघेश्वर धाम पर जहां संतान पाने के इच्छुक वटवृक्ष पर धागा बांधते नजर आए वहीं जलाभिषेक करने के लिए भीड़ जमी रही।
महिलाओं ने ग्रामीण क्षेत्रों में व्रत रखा तथा शिवलिंग का अभिषेक किया। जल अर्पित करने वाले भक्तों में महिलाओं की संख्या अधिक थी। पुरुष भी व्रत रखते हैं।
फोटो कैप्शन 3: शिवलिंग पर जल अर्पित करते भक्तजन।
हर्बल पार्कों की हालात बदतर
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कनीना। बहुजन समाज पार्टी के नेता अतरलाल ने कोका, खेड़ी, मोहलड़ा, कारिया तथा बाछौद गांवों में बनाए गए हर्बल पार्कों की दिन प्रतिदिन खराब हो रही हालत पर चिंता प्रकट करते हुए राज्य सरकार तथा वन विभाग से इन हर्बल पार्कों पर पर्याप्त ध्यान देने की मांग की है।
अतरलाल ने उक्त हर्बल पार्कों का दौरा तथा निरीक्षण करने के बाद कहा कि हर्बल पार्क स्थापित करने के समय इनमें में शतावरी, सर्पगंधा, गिलोय, एलोय, तिलचट्टा, पत्थरचटा, नीम, शतावर, कालमेघ, इलायची, बेल पत्र, अर्जुन, सीताफल, नरगिस, कमल आदि के काफी मात्रा में औषधीय पौधे लगाए गए थे और आगे अधिक मात्रा में जड़ी बूटियों के पौधे इन हर्बल पार्कों में लगाने की योजना थी। परन्तु पिछले 5-6 सालों से इन पार्कों की तरफ कोई ध्यान नहीं देने के कारण औषधीय पौधे धीरे-धीरे नष्ट और कम होते जा रहे हैं। राज्य सरकार द्वारा हर्बल पार्कों की ग्रांट में कटौती के कारण रख-रखाव के साधन तथा कर्मचारियों की कमी के चलते ये पार्क बदहाली के कगार पर पहुंच गए हैं। इनकी सुरक्षा तथा देखभाल के लिए एक-एक कर्मचारी जो रखे भी हुए हैं। वे भी अमूमन हाजिर नहीं रहते।
अतरलाल ने कहा कि करोड़ो की पंचायती भूमि तथा करोड़ों की लागत से बने ये हर्बल पार्क रख-रखाव के अभाव तथा सरकार की उदासीनता के चलते बदहाल होते जा रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार से इन हर्बल पार्कों के लिए ग्रांट बढ़ाने रख-रखाव पर विशेष पर्याप्त ध्यान देने और अधिक से अधिक मात्रा में औषधीय पौधे लगाने की मांग की।
फोटो कैप्शन 1: हर्बल पार्क का निरीक्षण करते बसपा नेता अतरलाल एडवोकेट।
कनीना क्षेत्र में हुई 10 एमएम बारिश
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कनीना। कनीना क्षेत्र में 10 एमएम बारिश हुई। सोमवार की सुबह से वर्षा होने लगी थी जो दोपहर तब चलती रही। चंद बूंदों से ही पानी सड़क मार्गों पर जमा हो गया। सावन माह में पहली बार दस एमएम बारिश हुई है। अभी तक 30 फीसदी किसान बारिश का इंतजार कर रहे थे ताकि बीजाई की जा सके।
कनीना क्षेत्र के किसान बारिश को लेकर खुश है। खड़ी फसल सूखने के कगार पर पहुंच गई थी। यही कारण है कि खुशी से पतंगबाजी जोर पकडऩे लगी है।
कनीना क्षेत्र में जहां 19 हजार हेक्टेयर भूमि पर बाजरे की बिजाई की जानी है। किसान सूबे सिंह, रणधीर सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत सिंह आदि ने जून माह ने उन्हें निराश किया वहीं सावन माह का आगमन भी निराशाजनक रहा। अब बारिश ने उन्हें प्रसन्न कर दिया है। उनका कहना है कि कपास की फसल काफी बड़ी हो गई है वहीं बाजरे की फसल भी लहलहाने लगेगी।
किसानों ने बताया कि दो प्रकार की फसल खेतों में उगाई गई है- अगैती तथा पछेती फसल। अगैती अब बड़ी हो चुकी है जबकि पछेती फसल अभी छोटी है। कुल मिलाकर फसल बेहतर है। कृषि अधिकारी भी मौसम को फसल के अनुकूल बता रहे हैं। यद्यपि 1995 जैसी बारिश अभी तक नहीं हुई है किंतु कनीना क्षेत्र में सोमवार को बारिश हुई है। किसान अभी भी बेहतर बारिश का इंतजार कर रहे थे और उनका इंतजार खत्म हो गया है। किसानों का कहना है कि बारिश तो जितनी अधिक होगी उतना लाभ ही लाभ होगा।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भी अपनानी चाहिये सीबीएसई नीति
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कनीना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणाम में इतना अंतर क्यों? ये बात सभी को सोचने पर मजबूर कर देती है सभी ये सोचते होंगे कि हरियाणा बोर्ड से संबंधित सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती होगी लेकिन फिर सोचिये की हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का परिणाम भी इतना अच्छा नहीं रहा। शिक्षकों का कहना है कि पढ़ाई तो सभी स्कूलों में अच्छी करवाई जाती है चाहे वो किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो सभी अध्यापक अपने कार्य का निर्वहन अच्छे से करते हैं बहुत सोचने के बाद पता चला कि परिणाम कम आने का मुख्य कारण बोर्ड द्वारा अपनाई गई नीतियां होती है।
शिक्षक बताते हैं कि दसवीं के गणित विषय को ही लेते हैं जिसमें हरियाणा बोर्ड में कमजोर व होशियार बच्चों के लिए एक तरह का प्रश्न पत्र आएगा इसमें कमजोर बच्चे अक्सर फेल हो जाते है गणित विषय में कमजोर होने व फेल होने के करने उनका पढ़ाई का चैप्टर खत्म ,दूसरी तरफ आप केंद्रीय शिक्षा बोर्ड में दसवीं के गणित विषय के बारे में समझे यहाँ बच्चे पूरे वर्ष एक समान कोर्स पढ़ते हैं लेकिन पेपर के समय उनके पास दो तरीके होते है। एक स्टैण्डर्ड दूसरा नॉर्मल ,बच्चे अपनी इच्छा अनुसार अपना पेपर का चुनाव कर सकते है होशियार बच्चे स्टैण्डर्ड का चुनाव करते है जिसमें प्रश्नपत्र उनकी बुद्धि उपलब्धता के अनुसार होता जबकि गणित में कमजोर बच्चे नॉर्मल प्रश्नपत्र का चुनाव करते है जिसमें गणित का प्रश्नपत्र बहुत ही आसान लेवल का होता हैं और इस तरीके से सभी बच्चे गणित जैसे कठिन विषय में भी पास हो जाते है और आगे की कक्षाओं में अपनी रुचि के अनुसार विज्ञान ,वाणिज्य या कला संकाय ले सकते है। बोर्ड की गलत नीतियों की वजह से ही आप देखिये बड़े बड़े निजी स्कूलों ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड की बजाए केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से ही अपने स्कूलों की मान्यता ली हुई है।
शिक्षकों का कहना है कि दूसरी हरियाणा बोर्ड ने दसवीं में छह विषयों में से दो विषयों में फेल बच्चों को फेल कर दिया जाता है जबकि दो साल पहले तक दो विषयों में फेल बच्चों को कंपार्टमेंट दिया जाता था और बच्चा 11वीं में अपना दाखिला लेकर साथ साथ अपना कंपार्टमेंट भी क्लियर कर लेता था। हरियाणा बोर्ड को चाहिए कि बच्चों के हित में समय समय पर अच्छी रणनीति बनाते रहे या फिर केंद्रीय बोर्ड जो भी रणनीति बनता उसका ही अनुसरण करें ताकि बोर्ड की गलत नीतियों के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो सके।अबकी बार भी दसवीं के परिणाम पर बोर्ड को पुन: विचार करना चाहिए।
त्योहारों केदृष्टिगत बाजारों में बढऩे लगी भीड़ संवाद
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कनीना। ज्यों ज्यों विभिन्न त्योहार नजदीक आ रहे हैं बाजारों में भीड़ बढऩे लग गई है। जिसका परिणाम भविष्य में कोरोना बढऩे का कारण भी बन सकता है। जहां बार-बार रविवार को बाजार बंद रखने के आदेश दिए जाते हैं किंतु दुकानदारों की मजबूरी होती है कि वे त्योहारों के दृष्टिगत दुकान खोलते हैं। रविवार को जहां शिवरात्रि का पर्व मनाया गया जिसके चलते दुकानदारों ने मजबूरन अपनी दुकान खोल कर रोटी रोजी कमाने को मजबूर होना पड़ा। सरकार ने को फैलने से रोकने लिए दुकानें बंद रखने का आदेश दिया था। परंतु दुकानों के सामने सड़क मार्ग की भीड़ देखी जा सकती है।
भीड़ विभिन्न गंतव्य मार्गों पर दिखाई देती है। एक और जहां निकट भविष्य में अब तीज और सिंधारा पर्व आ रहा है वही रक्षाबंधन राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त तथा जन्माष्टमी और गोगा पर भी आएंगे। जिसके चलते दुकानों के बाहर भीड़ देखी जा सकती है।
जहां शिवरात्रि की रात्रि के दिन फलों की मांग होने से सभी फलों की दुकानें खुली पाई गई। यहां तक की सड़क मार्ग पर चलना भी कठिन हो गया है। जब लॉकडाउन था तो सड़के खुली और लोग आराम से सड़कों पर इधर-उधर घूम सकते थे किंतु अब हालात यह बन गए हैं की सड़क पार करने में भी काफी समय लग जाता है।
यहां वाहन चालको का कोई नियम नहीं होता यही कारण है इधर उधर से वाहनों को घुमाते फिराते रहते हैं जिसके कारण दुर्घटनाएं घटने की संभावना बढ़ जाती है। अतिक्रमण भी बढ़ रहे हैं जिसके चलते नगरपालिका पहले ही सतर्क है और किसी भी समय अतिक्रमण को हटाया जा सकता है
पालिका प्रधान सतीश जंलदार का कहना है कि अतिक्रमण हटाना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण कहीं नजर आता है तो उसे जल्द ही हटाया जाएगा।
फोटो कैप्शन: 5,6,7 कनीना बाजार से संबंधित है।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भी अपनानी चाहिये सीबीएसई नीति
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कनीना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणाम में इतना अंतर क्यों? ये बात सभी को सोचने पर मजबूर कर देती है सभी ये सोचते होंगे कि हरियाणा बोर्ड से संबंधित सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती होगी लेकिन फिर सोचिये की हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का परिणाम भी इतना अच्छा नहीं रहा। शिक्षकों का कहना है कि पढ़ाई तो सभी स्कूलों में अच्छी करवाई जाती है चाहे वो किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो सभी अध्यापक अपने कार्य का निर्वहन अच्छे से करते हैं बहुत सोचने के बाद पता चला कि परिणाम कम आने का मुख्य कारण बोर्ड द्वारा अपनाई गई नीतियां होती है।
शिक्षक बताते हैं कि दसवीं के गणित विषय को ही लेते हैं जिसमें हरियाणा बोर्ड में कमजोर व होशियार बच्चों के लिए एक तरह का प्रश्न पत्र आएगा इसमें कमजोर बच्चे अक्सर फेल हो जाते है गणित विषय में कमजोर होने व फेल होने के करने उनका पढ़ाई का चैप्टर खत्म ,दूसरी तरफ आप केंद्रीय शिक्षा बोर्ड में दसवीं के गणित विषय के बारे में समझे यहाँ बच्चे पूरे वर्ष एक समान कोर्स पढ़ते हैं लेकिन पेपर के समय उनके पास दो तरीके होते है। एक स्टैण्डर्ड दूसरा नॉर्मल ,बच्चे अपनी इच्छा अनुसार अपना पेपर का चुनाव कर सकते है होशियार बच्चे स्टैण्डर्ड का चुनाव करते है जिसमें प्रश्नपत्र उनकी बुद्धि उपलब्धता के अनुसार होता जबकि गणित में कमजोर बच्चे नॉर्मल प्रश्नपत्र का चुनाव करते है जिसमें गणित का प्रश्नपत्र बहुत ही आसान लेवल का होता हैं और इस तरीके से सभी बच्चे गणित जैसे कठिन विषय में भी पास हो जाते है और आगे की कक्षाओं में अपनी रुचि के अनुसार विज्ञान ,वाणिज्य या कला संकाय ले सकते है। बोर्ड की गलत नीतियों की वजह से ही आप देखिये बड़े बड़े निजी स्कूलों ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड की बजाए केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से ही अपने स्कूलों की मान्यता ली हुई है।
शिक्षकों का कहना है कि दूसरी हरियाणा बोर्ड ने दसवीं में छह विषयों में से दो विषयों में फेल बच्चों को फेल कर दिया जाता है जबकि दो साल पहले तक दो विषयों में फेल बच्चों को कंपार्टमेंट दिया जाता था और बच्चा 11वीं में अपना दाखिला लेकर साथ साथ अपना कंपार्टमेंट भी क्लियर कर लेता था। हरियाणा बोर्ड को चाहिए कि बच्चों के हित में समय समय पर अच्छी रणनीति बनाते रहे या फिर केंद्रीय बोर्ड जो भी रणनीति बनता उसका ही अनुसरण करें ताकि बोर्ड की गलत नीतियों के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो सके।अबकी बार भी दसवीं के परिणाम पर बोर्ड को पुन: विचार करना चाहिए।
एक और मिला कोरोना केस
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना में वार्ड नंबर 12 में एक मध्यप्रदेश से आया श्रमिक कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। विगत दिनों से बढ़ते ही जा रहे हैं किंतु अब लोग कोरोना से ज्यादा नहीं घबरा रहे हैं। इस मौके पर कनीना उप नागरिक अस्पताल की ओर से समस्त कार्रवाई करते हुए उन्हें पटीकरा भेजने का निर्णय लिया। विभिन्न घरों में स्क्रीनिंग की गई और ऐतिहात के सभी कदम उठाए गए। इस मौके पर डॉ विनय कुमार के अध्यक्षता में शीशराम एचआई सुपरवाइजर, सुनील कुमार, आशा, सरिता आदि ने मिलकर विभिन्न लोगों की स्क्रीनिंग की गई। डॉ धर्मेंद्र एसएमओ ने बताया कि कनीना के वार्ड 12 में कोंटेंमेंट जोन में 4 घर तथा 16 व्यक्ति शामिल किए गए हैं जबकि बफर जोन में 10 घर तथा 48 व्यक्ति शामिल किए गए हैं। उधर सुनील कुमार ने बताया किन क्षेत्रों में विशेषकर कंटेनमेंट जोन और बफर जोन में जहां पानी खड़ा हुआ था वहां मच्छरों को नष्ट करने की कार्रवाई की गई। लोगों को जागरूक भी किया गया ताकि वे मच्छरों से बच सके।
फोटो कैप्शन 9: स्क्रीनिंग काटते हुए कनीना सामुदायिक कनीना अपना अस्पताल के कर्मचारी।
अखिल भारत हिन्दू महासभा ने राजेश कुमार को " कोरोना योद्धा रत्न" सम्मान पत्र से सम्मानित किया
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अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने कनीना जनपद के उन्हाणी निवासी शिक्षक एवं सोशल एक्टिवेट राजेश कुमार को " कोरोना योद्धा रत्न सम्मान पत्र " से सम्मानित किया है ।
राजेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने उन्हें दूरभाष पर सूचना दी कि महासभा ने कोरोनाकाल में जो आपने सेवाएं दी उन सेवाओं को देखते हुए कोरोना यौद्धा रत्न सम्मान के लिए चुना है और आपका सम्मान पत्र आपकी ईमेल पर भेज दिया गया है
जारी बयान के अनुसार लॉक डॉउन में जिला महेंद्रगढ़ के नागरिकों को लॉकडाउन के पालन के लिए प्रेरित करने , राज्य सरकार और केंद्र सरकार द्वारा समय - समय पर जारी दिशा निर्देशों को नागरिकों तक पहुंचाने और प्रवासी मजदूरों तथा जरूरतमंदों में अन्न भोजन वितरण में महत्वपूर्ण योगदान देने पर राजेश कुमार को सम्मान पत्र से सम्मानित किया गया । सम्मान पत्र के लिए राजेश कुमार का नाम हिन्दू महासभा हरियाणा प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष आर के शर्मा ने प्रस्तावित किया था ।
सम्मान पत्र प्राप्त करने के बाद राजेश शर्मा ने हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी त्रिदंडी जी महाराज , राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी , राष्ट्रीय कार्यालय मंत्री अधिवक्ता संजया शर्मा और हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र भाटी का आभार प्रकट किया । उन्होंने कहा कि सम्मान पत्र पाकर वो स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे है और उन्हें बेहतर कार्य करने की प्रेरणा मिली है ।
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