त्योहारों केदृष्टिगत बाजारों में बढऩे लगी भीड़
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कनीना। ज्यों ज्यों विभिन्न त्योहार नजदीक आ रहे हैं बाजारों में भीड़ बढऩे लग गई है। जिसका परिणाम भविष्य में कोरोना बढऩे का कारण भी बन सकता है। जहां बार-बार रविवार को बाजार बंद रखने के आदेश दिए जाते हैं किंतु दुकानदारों की मजबूरी होती है कि वे त्योहारों के दृष्टिगत दुकान खोलते हैं। रविवार को जहां शिवरात्रि का पर्व मनाया गया जिसके चलते दुकानदारों ने मजबूरन अपनी दुकान खोल कर रोटी रोजी कमाने को मजबूर होना पड़ा। सरकार ने को फैलने से रोकने लिए दुकानें बंद रखने का आदेश दिया था। परंतु दुकानों के सामने सड़क मार्ग की भीड़ देखी जा सकती है।
भीड़ विभिन्न गंतव्य मार्गों पर दिखाई देती है। एक और जहां निकट भविष्य में अब तीज और सिंधारा पर्व आ रहा है वही रक्षाबंधन राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त तथा जन्माष्टमी और गोगा पर भी आएंगे। जिसके चलते दुकानों के बाहर भीड़ देखी जा सकती है।
जहां शिवरात्रि की रात्रि के दिन फलों की मांग होने से सभी फलों की दुकानें खुली पाई गई। यहां तक की सड़क मार्ग पर चलना भी कठिन हो गया है। जब लॉकडाउन था तो सड़के खुली और लोग आराम से सड़कों पर इधर-उधर घूम सकते थे किंतु अब हालात यह बन गए हैं की सड़क पार करने में भी काफी समय लग जाता है।
यहां वाहन चालको का कोई नियम नहीं होता यही कारण है इधर उधर से वाहनों को घुमाते फिराते रहते हैं जिसके कारण दुर्घटनाएं घटने की संभावना बढ़ जाती है। अतिक्रमण भी बढ़ रहे हैं जिसके चलते नगरपालिका पहले ही सतर्क है और किसी भी समय अतिक्रमण को हटाया जा सकता है
पालिका प्रधान सतीश जंलदार का कहना है कि अतिक्रमण हटाना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण कहीं नजर आता है तो उसे जल्द ही हटाया जाएगा।
फोटो कैप्शन: 5,6,7 कनीना बाजार से संबंधित है।
विभिन्न शिवालयों में मनाया गया शिवरात्रि का पर्व
- नियमों में बंधकर किया जलाभिषेक
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कनीना। शिवरात्रि का पर्व क्षेत्र में धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर व्रत रखा गया और गंगाजल से शिवलिंग का जलाभिषेक किया गया। देशभर में विख्यात बाघेश्वरी धाम पर दिनभर भक्तों का तांता लगा रहा। स्क्रीनिंग करके तथा नियमों कें बंधकर ही अंदर जाने दिया गया और जल अर्पित करने दिया गया। इस बार कांवड़ पर प्रतिबंध रहने से कोई कांवड़ अर्पित नहीं की गई और न ही लाई गई। शिवलिंग का अभिषेक करके मन्नत मांगी गई। इस बार भारी संख्या में कांवड़ अर्पित की गई।
सुबह से ही चारों ओर बम-बम के जयकारे सुनाई पड़ रहे थे। विभिन्न शिवालयों में सुबह से शाम तक भीड़ रही। कनीना के 21 फुट प्रतिमा वाले शिवालय पर खूब भक्त आये । विभिन्न गांवों में भी जल चढ़ाकर मन्नत मांगने का सिलसिला जारी रहा। व्रत धारण करके स्त्री एवं पुरुषों ने पूजा अर्चना की और ओम नम: शिवाय के जयकारे लगाए।
बाघेश्वरी धाम पर न केवल भक्तों की स्क्रीनिंग की गई अपितु मास्क लगाकर एवं फिजिकल डिस्टेंस में कतार लगाकर जाने दिया गया। सावन के प्रत्येक सोमवार को शिवालयों में भारी भीड़ रहती है। सावन माह के इस सोमवार को कनीना के विभिन्न शिवालयों में शिव को याद किया जाएगा।
भक्तजन शिवलिंग का अभिषेक करते देखे गए। भक्त भरपूर सिंह, रोहित कुमार, शकुंत देवी ने बताया कि दिनभर भक्तों का यहां तांता लगा रहा। कनीना के बाघोत स्थित शिवालय पर और भीड़ रही। सुबह से ही भक्तजन व्रत करके जल अर्पित करते देखे गए। संपूर्ण शिवालय शिवमय बना हुआ था। कनीना के ज्योतिषाचार्य अरविंद जोशी के अनुसार व्रत धारण करने वालों के लिए सावन के सोमवार सबसे बेहतर होता है। सावन माह में शिव की गूंज हर जगह सुनाई पड़ती है। शिवालयों में तो शिव के नारे व जाप गूंजते रहे।
हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड को भी अपनानी चाहिये सीबीएसई नीति
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कनीना। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड व केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के परिणाम में इतना अंतर क्यों? ये बात सभी को सोचने पर मजबूर कर देती है सभी ये सोचते होंगे कि हरियाणा बोर्ड से संबंधित सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती होगी लेकिन फिर सोचिये की हरियाणा बोर्ड से मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों का परिणाम भी इतना अच्छा नहीं रहा। शिक्षकों का कहना है कि पढ़ाई तो सभी स्कूलों में अच्छी करवाई जाती है चाहे वो किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त हो सभी अध्यापक अपने कार्य का निर्वहन अच्छे से करते हैं बहुत सोचने के बाद पता चला कि परिणाम कम आने का मुख्य कारण बोर्ड द्वारा अपनाई गई नीतियां होती है।
शिक्षक बताते हैं कि दसवीं के गणित विषय को ही लेते हैं जिसमें हरियाणा बोर्ड में कमजोर व होशियार बच्चों के लिए एक तरह का प्रश्न पत्र आएगा इसमें कमजोर बच्चे अक्सर फेल हो जाते है गणित विषय में कमजोर होने व फेल होने के करने उनका पढ़ाई का चैप्टर खत्म ,दूसरी तरफ आप केंद्रीय शिक्षा बोर्ड में दसवीं के गणित विषय के बारे में समझे यहाँ बच्चे पूरे वर्ष एक समान कोर्स पढ़ते हैं लेकिन पेपर के समय उनके पास दो तरीके होते है। एक स्टैण्डर्ड दूसरा नॉर्मल ,बच्चे अपनी इच्छा अनुसार अपना पेपर का चुनाव कर सकते है होशियार बच्चे स्टैण्डर्ड का चुनाव करते है जिसमें प्रश्नपत्र उनकी बुद्धि उपलब्धता के अनुसार होता जबकि गणित में कमजोर बच्चे नॉर्मल प्रश्नपत्र का चुनाव करते है जिसमें गणित का प्रश्नपत्र बहुत ही आसान लेवल का होता हैं और इस तरीके से सभी बच्चे गणित जैसे कठिन विषय में भी पास हो जाते है और आगे की कक्षाओं में अपनी रुचि के अनुसार विज्ञान ,वाणिज्य या कला संकाय ले सकते है। बोर्ड की गलत नीतियों की वजह से ही आप देखिये बड़े बड़े निजी स्कूलों ने हरियाणा शिक्षा बोर्ड की बजाए केंद्रीय शिक्षा बोर्ड से ही अपने स्कूलों की मान्यता ली हुई है।
शिक्षकों का कहना है कि दूसरी हरियाणा बोर्ड ने दसवीं में छह विषयों में से दो विषयों में फेल बच्चों को फेल कर दिया जाता है जबकि दो साल पहले तक दो विषयों में फेल बच्चों को कंपार्टमेंट दिया जाता था और बच्चा 11वीं में अपना दाखिला लेकर साथ साथ अपना कंपार्टमेंट भी क्लियर कर लेता था। हरियाणा बोर्ड को चाहिए कि बच्चों के हित में समय समय पर अच्छी रणनीति बनाते रहे या फिर केंद्रीय बोर्ड जो भी रणनीति बनता उसका ही अनुसरण करें ताकि बोर्ड की गलत नीतियों के कारण बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ ना हो सके।अबकी बार भी दसवीं के परिणाम पर बोर्ड को पुन: विचार करना चाहिए।
त्योहारों केदृष्टिगत बाजारों में बढऩे लगी भीड़
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कनीना। ज्यों ज्यों विभिन्न त्योहार नजदीक आ रहे हैं बाजारों में भीड़ बढऩे लग गई है। जिसका परिणाम भविष्य में कोरोना बढऩे का कारण भी बन सकता है। जहां बार-बार रविवार को बाजार बंद रखने के आदेश दिए जाते हैं किंतु दुकानदारों की मजबूरी होती है कि वे त्योहारों के दृष्टिगत दुकान खोलते हैं। रविवार को जहां शिवरात्रि का पर्व मनाया गया जिसके चलते दुकानदारों ने मजबूरन अपनी दुकान खोल कर रोटी रोजी कमाने को मजबूर होना पड़ा। सरकार ने को फैलने से रोकने लिए दुकानें बंद रखने का आदेश दिया था। परंतु दुकानों के सामने सड़क मार्ग की भीड़ देखी जा सकती है।
भीड़ विभिन्न गंतव्य मार्गों पर दिखाई देती है। एक और जहां निकट भविष्य में अब तीज और सिंधारा पर्व आ रहा है वही रक्षाबंधन राष्ट्रीय पर्व 15 अगस्त तथा जन्माष्टमी और गोगा पर भी आएंगे। जिसके चलते दुकानों के बाहर भीड़ देखी जा सकती है।
जहां शिवरात्रि की रात्रि के दिन फलों की मांग होने से सभी फलों की दुकानें खुली पाई गई। यहां तक की सड़क मार्ग पर चलना भी कठिन हो गया है। जब लॉकडाउन था तो सड़के खुली और लोग आराम से सड़कों पर इधर-उधर घूम सकते थे किंतु अब हालात यह बन गए हैं की सड़क पार करने में भी काफी समय लग जाता है।
यहां वाहन चालको का कोई नियम नहीं होता यही कारण है इधर उधर से वाहनों को घुमाते फिराते रहते हैं जिसके कारण दुर्घटनाएं घटने की संभावना बढ़ जाती है। अतिक्रमण भी बढ़ रहे हैं जिसके चलते नगरपालिका पहले ही सतर्क है और किसी भी समय अतिक्रमण को हटाया जा सकता है
पालिका प्रधान सतीश जंलदार का कहना है कि अतिक्रमण हटाना जरूरी होता है। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण कहीं नजर आता है तो उसे जल्द ही हटाया जाएगा।
फोटो कैप्शन: 5,6,7 कनीना बाजार से संबंधित है।
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