सेवानिवृत्ति कर्मी का अहं भाग-कंवरसेन वशिष्ठ
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कनीना। राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला पड़तल प्राथमिक स्कूल हेड टीचर सुरेंद्र कुमार की सेवानिवृत्ति समारोह लॉकडाउन नियमों का पालन करते हुए राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला पड़तल में आयोजित की गई जिसमें मुख्य अतिथि राजकीय वरिष्ठ विद्यालय रामबास डा मुंशी राम रहे जबकि अध्यक्षता ईएसएचएम राज कुमार ने की।
इस मौके पर मुख्य वक्ता कंवर सैन वशिष्ठ प्रधान भारत विकास परिषद शाखा कनीना ने सुरेंद्र कुमार के बारे में बताया कि शिक्षा विभाग का एक अनमोल रत्न अपने 24 साल 7 महीने सर्विस पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो गये हैं जिन्होंने अपने जीवन में शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां दर्ज की है। बच्चों का सर्वांगीण विकास करने विशेषता हासिल है उनका जीवन व अध्यापन कार्य प्रभावी था वहीं ईमानदारी की एक मिसाल रहे हैं। वे सभी अध्यापक व बच्चे उनके प्रेरित थे। इस मौके पर सुरेंद्र कुमार ने विदाई भाषण भावुक होकर कहा सरकार नियमों के अनुसार 58 साल,में रिटायर होना आवश्यक है। इस स्कूल की 14 साल की सर्विस में सभी अध्यापक व छात्र से इतने गहरे संबंध हो गए थे जैसा अपने परिवार हो और उनकी आवश्यकता होगी वे हाजिर रहेंगे। इस मौके पर डा मुंशीराम यादव ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी इमानदारी से अध्यापन कार्य करने वाला, किसी भी कार्य करने के लिए आगे आकर कार्य में सहयोग देना ,कठिन परिस्थितियों में धैर्य रखना, सभी से मिलजुल कर रहना, इनके अमिट कार्य की छाप हमारे दिलों पर डाली है वो भुलाई नहीं जा सकती। उनके बड़े भाई के कैप्टन जसवंत सिंह मुख्याध्यापक रतन सिंह ने सामाजिक कार्य करने वह सुखी जीवन बिताने का आशीर्वाद दिया। इस मौके पर सत्येंद्र शास्त्री,रामनिवास ,बालकुमार ,ब्रह्मानंद ,अनिल ,अंजू ,सतीश, राजेश, अध्यापक अरविंद,हंसराज ,अध्यापक कैलाश चंद्र। फूल माला व पगड़ी से स्वागत व सम्मान किया और सभी सुरेंद्र को उनके घर कनीना तक उनके सम्मान के साथ लाए।
फोटो कैप्शन 2: सुरेंद्र कुमार एचटी के विदाई समारोह का नजारा।
26 जुलाई तक अवकाश घोषित
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कनीना। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया की मांग पर आखिरकार शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 जुलाई से 26 जुलाई तक घोषित कर दिये हैं।
जानकारी देते हुए अध्यापक संघ नेता धर्मपाल शर्मा ने बताया कि एक ओर जहां कोरोना वहीं गर्मी का माहौल था ऊपर से अब बारिश का वक्त भी आ गया है। इन परिस्थितियों में वह बार-बार ज्ञापन देकर मांग कर रहे थे कि आकाश घोषित किया जाए। आखिरकार शिक्षा विभाग हरियाणा ने कदम उठाते हुए अवकाश घोषित कर दिये हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षक दिन रात शिक्षण ऑनलाइन शिक्षण कार्य करवा रहे थे। अब उन्हें थोड़ी राहत महसूस होगी।
सेनिटाइजर एवं मास्क प्रदान करने की मांग
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कनीना। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा ने सामाजिक न्याय अधिकारिता एवं न्याय मंत्री हरियाणा सरकार को ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा अपनी मांगों का ज्ञापन ओमप्रकाश यादव राज्य मंत्री हरियाणा सरकार को सौंपेगी। इस संबंध में एक नोटिस नारनौल कार्यालय इंचार्ज रमेश कुमार को दे दिया है।
महासचिव महेन्द्र सिंह ने ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के महासचिव ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन 28 हजार रुपये देने,सफाई के उपकरण देने, मास्क सेनेटराइजर, ग्लव्ज, साबुन व मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि जोखिम भत्ता 10000 रुपये, वर्दी भत्ता 8000 रुपये प्रति वर्ष दिया जाए। सामाजिक सुरक्षा व पेंशन योजना लागू किया जाए, पहचान पत्र व नियुक्ति पत्र जारी किया जाए, 250 जनों की आबादी पर एक ग्रामीण सफाई कर्मचारी लगाया जाए आदि प्रमुख मांगे हैं। इस मौके पर महेन्द्र सिंह कामरेड, सुभाष चन्द्र एडवोकेट, यूनियन के वरिष्ठ सदस्य कृष्ण कुमार शामिल थे।
कोरोना महामारी व गलवान घाटी में हुई वारदात के बाद से लोगों ने तेजी से चीनी सामान का बहिष्कार करना किया शुरू
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-क्षेत्र की दुकानों पर चीनी सामान की बिक्री 45 प्रतिशत से घटकर हुई करीब 15 प्रतिशत
-उपभोक्तओं द्वारा स्वदेशी वस्तुओं को दिया जा रहा है बढ़ावा
कनीना। बीते कुछ समय से चीन की हरकतें देश के लोगों को गुस्सा दिलाती जा रही हैं। पहले तो चीन ने वुहान शहर से दुनियाभर में कोरोना वायरस को फैलाया और अब भारत की सीमा पर किए गए हमले से लोगों में जमकर आक्रोश भर गया है। अपने गुस्से को बताने के लिए लोग चीन के वस्तुओं के बजाय विकल्प के रूप में स्वदेशी वस्तुओं को खरीदने की तवज्जो दे रहे हैं। इसमें भी कई लोगों की प्राथमिकता है कि लोकल को वोकल किया जाए। कनीना खंड में भी लोगों ने चाइना की वस्तुओं का बहिष्कार कर अपना रोष जताना शुरू कर दिया है। जिसके चलते चाइनिज सामान की खरीददारी पर काफी प्रभाव देखा जा सकता है। कस्बे में इलेक्टॉनिक सामान बेचने वाले व मोबाइल विक्रेताओं ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद से लोगों के द्वारा चाइनीज सामान को काफी कम महत्व दिया जा रहा था। लेकिन अब गलवान में हुई घटना के बाद से इस पर काफी असर देखा जा सकता है। दुकानदारों ने बताया कि इससे पहले प्रतिदिन करीब 40 से 45 प्रतिशत सामान चाइनीज ही बिकता था। लेकिन अब यह केवल 15 से 20 प्रतिशत पर ही रह गया है। ऐसा लगता है कि कुछ समय के बाद यह भी बिलकुल बंद हो जाएगा। दुकानदारों ने सभी गलवान घाटी में हुई घटना को लेकर रोष प्रकट करते हुए लोगों को स्वदेशी सामान को महत्व देने की अपील की है ताकि देश आगे बढ़ सके।
क्या कहते क्षेत्र के लोग व व्यापारी
दीपक सिहोर ने बताया कि गलवान घाटी में चीन के सैनिकों द्वारा धोखे से मारे गए 20 जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के लोगों को इस समय अपनी ताकत देखाकर चीन के बने उत्पादों का बहिष्कार करे व स्वदेश में बनी वस्तुओं के उपयोग पर बल दिया जाए।
कपिल कोटिया ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से लोगों के द्वारा पहले से की चीन से आने वाले सामान का काफी कम उपयोग किया जा रहा था। लेकिन गलवान घाटी में हुई घटना के बाद से लोगों के द्वारा लगभग पूर्ण रूप से ही चीन के सामान का बहिष्कार किया जा रहा है। जो एक सही कदम है इससे जहां स्वदेशी कम्पनियों के सामान की खपत बढ़ेगी वहीं चीन को भी आर्थिक रूप से छति पहुंचेगी।
दुकानदार ओमबीर यादव ने बताया कि उसकी दुकान पर प्रतिदिन चीन की कम्पनी के द्वारा बनाए गए दो से तीन मोबाइल बिकते थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से दुकान पर आने वाले लोगों के द्वारा चीन की कम्पनी के द्वारा बनाए गए मोबाइलों को अनदेखा किया जा रहा है। लोग चीन की कम्पनियों के बजाए अन्य कम्पनियों के मोबाइल को महत्व दे रहे है।
दुकानदार प्रदीप महेश्वरी ने बताया कि कोरोना महामारी व गलवान घाटी में हुई घटना के बाद से क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में ही चीन की कम्पनियों के द्वारा बनाए जाने वाले सामानों की मांग काफी घटी है। इससे पहले चीन की कम्पनियों के सामान ही लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा खरीदा जाता था। लेकिन अब इनकी खरीददारी पर काफी प्रभाव पड़ा है। इससे स्वदेशी उद्योगों व देश को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है।
फोटो कैप्शन: ओमबीर,कपिल, दीपक, प्रदीप।
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कनीना। राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला पड़तल प्राथमिक स्कूल हेड टीचर सुरेंद्र कुमार की सेवानिवृत्ति समारोह लॉकडाउन नियमों का पालन करते हुए राजकीय कन्या प्राथमिक पाठशाला पड़तल में आयोजित की गई जिसमें मुख्य अतिथि राजकीय वरिष्ठ विद्यालय रामबास डा मुंशी राम रहे जबकि अध्यक्षता ईएसएचएम राज कुमार ने की।
इस मौके पर मुख्य वक्ता कंवर सैन वशिष्ठ प्रधान भारत विकास परिषद शाखा कनीना ने सुरेंद्र कुमार के बारे में बताया कि शिक्षा विभाग का एक अनमोल रत्न अपने 24 साल 7 महीने सर्विस पूरी करने के बाद सेवानिवृत्त हो गये हैं जिन्होंने अपने जीवन में शिक्षा के क्षेत्र में अनेक उपलब्धियां दर्ज की है। बच्चों का सर्वांगीण विकास करने विशेषता हासिल है उनका जीवन व अध्यापन कार्य प्रभावी था वहीं ईमानदारी की एक मिसाल रहे हैं। वे सभी अध्यापक व बच्चे उनके प्रेरित थे। इस मौके पर सुरेंद्र कुमार ने विदाई भाषण भावुक होकर कहा सरकार नियमों के अनुसार 58 साल,में रिटायर होना आवश्यक है। इस स्कूल की 14 साल की सर्विस में सभी अध्यापक व छात्र से इतने गहरे संबंध हो गए थे जैसा अपने परिवार हो और उनकी आवश्यकता होगी वे हाजिर रहेंगे। इस मौके पर डा मुंशीराम यादव ने कहा कि उन्होंने अपने जीवन में इतनी इमानदारी से अध्यापन कार्य करने वाला, किसी भी कार्य करने के लिए आगे आकर कार्य में सहयोग देना ,कठिन परिस्थितियों में धैर्य रखना, सभी से मिलजुल कर रहना, इनके अमिट कार्य की छाप हमारे दिलों पर डाली है वो भुलाई नहीं जा सकती। उनके बड़े भाई के कैप्टन जसवंत सिंह मुख्याध्यापक रतन सिंह ने सामाजिक कार्य करने वह सुखी जीवन बिताने का आशीर्वाद दिया। इस मौके पर सत्येंद्र शास्त्री,रामनिवास ,बालकुमार ,ब्रह्मानंद ,अनिल ,अंजू ,सतीश, राजेश, अध्यापक अरविंद,हंसराज ,अध्यापक कैलाश चंद्र। फूल माला व पगड़ी से स्वागत व सम्मान किया और सभी सुरेंद्र को उनके घर कनीना तक उनके सम्मान के साथ लाए।
फोटो कैप्शन 2: सुरेंद्र कुमार एचटी के विदाई समारोह का नजारा।
26 जुलाई तक अवकाश घोषित
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कनीना। हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ संबंधित कर्मचारी संघ हरियाणा एवं स्कूल टीचर फेडरेशन ऑफ इंडिया की मांग पर आखिरकार शिक्षा विभाग ने विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश 1 जुलाई से 26 जुलाई तक घोषित कर दिये हैं।
जानकारी देते हुए अध्यापक संघ नेता धर्मपाल शर्मा ने बताया कि एक ओर जहां कोरोना वहीं गर्मी का माहौल था ऊपर से अब बारिश का वक्त भी आ गया है। इन परिस्थितियों में वह बार-बार ज्ञापन देकर मांग कर रहे थे कि आकाश घोषित किया जाए। आखिरकार शिक्षा विभाग हरियाणा ने कदम उठाते हुए अवकाश घोषित कर दिये हैं। उन्होंने बताया कि शिक्षक दिन रात शिक्षण ऑनलाइन शिक्षण कार्य करवा रहे थे। अब उन्हें थोड़ी राहत महसूस होगी।
सेनिटाइजर एवं मास्क प्रदान करने की मांग
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कनीना। ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा ने सामाजिक न्याय अधिकारिता एवं न्याय मंत्री हरियाणा सरकार को ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा अपनी मांगों का ज्ञापन ओमप्रकाश यादव राज्य मंत्री हरियाणा सरकार को सौंपेगी। इस संबंध में एक नोटिस नारनौल कार्यालय इंचार्ज रमेश कुमार को दे दिया है।
महासचिव महेन्द्र सिंह ने ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन के महासचिव ने बताया कि उनकी मुख्य मांगों में सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम वेतन 28 हजार रुपये देने,सफाई के उपकरण देने, मास्क सेनेटराइजर, ग्लव्ज, साबुन व मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने कहा कि जोखिम भत्ता 10000 रुपये, वर्दी भत्ता 8000 रुपये प्रति वर्ष दिया जाए। सामाजिक सुरक्षा व पेंशन योजना लागू किया जाए, पहचान पत्र व नियुक्ति पत्र जारी किया जाए, 250 जनों की आबादी पर एक ग्रामीण सफाई कर्मचारी लगाया जाए आदि प्रमुख मांगे हैं। इस मौके पर महेन्द्र सिंह कामरेड, सुभाष चन्द्र एडवोकेट, यूनियन के वरिष्ठ सदस्य कृष्ण कुमार शामिल थे।
कोरोना महामारी व गलवान घाटी में हुई वारदात के बाद से लोगों ने तेजी से चीनी सामान का बहिष्कार करना किया शुरू
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-क्षेत्र की दुकानों पर चीनी सामान की बिक्री 45 प्रतिशत से घटकर हुई करीब 15 प्रतिशत
-उपभोक्तओं द्वारा स्वदेशी वस्तुओं को दिया जा रहा है बढ़ावा
कनीना। बीते कुछ समय से चीन की हरकतें देश के लोगों को गुस्सा दिलाती जा रही हैं। पहले तो चीन ने वुहान शहर से दुनियाभर में कोरोना वायरस को फैलाया और अब भारत की सीमा पर किए गए हमले से लोगों में जमकर आक्रोश भर गया है। अपने गुस्से को बताने के लिए लोग चीन के वस्तुओं के बजाय विकल्प के रूप में स्वदेशी वस्तुओं को खरीदने की तवज्जो दे रहे हैं। इसमें भी कई लोगों की प्राथमिकता है कि लोकल को वोकल किया जाए। कनीना खंड में भी लोगों ने चाइना की वस्तुओं का बहिष्कार कर अपना रोष जताना शुरू कर दिया है। जिसके चलते चाइनिज सामान की खरीददारी पर काफी प्रभाव देखा जा सकता है। कस्बे में इलेक्टॉनिक सामान बेचने वाले व मोबाइल विक्रेताओं ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद से लोगों के द्वारा चाइनीज सामान को काफी कम महत्व दिया जा रहा था। लेकिन अब गलवान में हुई घटना के बाद से इस पर काफी असर देखा जा सकता है। दुकानदारों ने बताया कि इससे पहले प्रतिदिन करीब 40 से 45 प्रतिशत सामान चाइनीज ही बिकता था। लेकिन अब यह केवल 15 से 20 प्रतिशत पर ही रह गया है। ऐसा लगता है कि कुछ समय के बाद यह भी बिलकुल बंद हो जाएगा। दुकानदारों ने सभी गलवान घाटी में हुई घटना को लेकर रोष प्रकट करते हुए लोगों को स्वदेशी सामान को महत्व देने की अपील की है ताकि देश आगे बढ़ सके।
क्या कहते क्षेत्र के लोग व व्यापारी
दीपक सिहोर ने बताया कि गलवान घाटी में चीन के सैनिकों द्वारा धोखे से मारे गए 20 जवानों का बलिदान बेकार नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि देश के लोगों को इस समय अपनी ताकत देखाकर चीन के बने उत्पादों का बहिष्कार करे व स्वदेश में बनी वस्तुओं के उपयोग पर बल दिया जाए।
कपिल कोटिया ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से लोगों के द्वारा पहले से की चीन से आने वाले सामान का काफी कम उपयोग किया जा रहा था। लेकिन गलवान घाटी में हुई घटना के बाद से लोगों के द्वारा लगभग पूर्ण रूप से ही चीन के सामान का बहिष्कार किया जा रहा है। जो एक सही कदम है इससे जहां स्वदेशी कम्पनियों के सामान की खपत बढ़ेगी वहीं चीन को भी आर्थिक रूप से छति पहुंचेगी।
दुकानदार ओमबीर यादव ने बताया कि उसकी दुकान पर प्रतिदिन चीन की कम्पनी के द्वारा बनाए गए दो से तीन मोबाइल बिकते थे। लेकिन पिछले कुछ दिनों से दुकान पर आने वाले लोगों के द्वारा चीन की कम्पनी के द्वारा बनाए गए मोबाइलों को अनदेखा किया जा रहा है। लोग चीन की कम्पनियों के बजाए अन्य कम्पनियों के मोबाइल को महत्व दे रहे है।
दुकानदार प्रदीप महेश्वरी ने बताया कि कोरोना महामारी व गलवान घाटी में हुई घटना के बाद से क्षेत्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में ही चीन की कम्पनियों के द्वारा बनाए जाने वाले सामानों की मांग काफी घटी है। इससे पहले चीन की कम्पनियों के सामान ही लोगों के द्वारा सबसे ज्यादा खरीदा जाता था। लेकिन अब इनकी खरीददारी पर काफी प्रभाव पड़ा है। इससे स्वदेशी उद्योगों व देश को काफी लाभ मिलने की उम्मीद है।
फोटो कैप्शन: ओमबीर,कपिल, दीपक, प्रदीप।
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