एक मरा, आया भूकंप
*************************
********************
**************************
कनीना। कनीना में एक बिजली कर्मचारी की बिजली का करंट लगने से शुक्रवार शाम मौत हो गई। उन्हें कनीना के अस्पताल पर लाया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उधर कनीना में शुक्रवार शाम भूकंप के झटके लगे जिसके चलते मोर बोलने लगे, लोग घरों को छोड़ कर बाहर आ गए। ऐसा लगा कि जैसे दीवारें हिल रही हो, लोगों में डर का माहौल था किंतु भूकंप समाप्त होते ही लोग घरों के अंदर चले गए। भूकंप कुछ सेकंड चला। दीवारों के पर्दे हिलने लगे तस्वीरें गिर गई, अलमारी में रखी किताबें गिर गई।
गैस पर आधारित शवदाह गृह शुरू न होने से रोष, - लाखों रुपए की मशीन दो सालों से खा रही है जंग
**************************************
कनीना। कनीना के राजकीय कालेज के पास शमशान घाट पर पूर्व एसडीएम संदीप सिंह द्वारा करीब 25 लाख रुपए की गैस पर आधारित शवदाह गृह बनवाकर मशीन तो स्थापित करवा दी गई थी किंतु दो वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी शवदाह गृह शुरू नहीं हो पाया है जबकि इसके लिए बिजली कनेक्षन तथा गैस सिलेंडर की आपूर्ति हो चुकी है।
मिली जानकारी अनुसार गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) से लाखों रुपए की गैस पर आधारित शवदाह गृह मशीन को एक साल पूर्व मंगवाई गई थी। शमशान घाट पर इसे स्थापित भी कर दिया गया था। इसके लिए बिजली कनेक्शन और सिलेंडरों की व्यवस्था की जानी थी, 6 सिलेंडर तथा बिजली कनेक्शन भी मिल चुका है किंतु लंबे अरसे तक इंतजार करने के बावजूद भी यह गैस पर आधारित शवदाह गृह शुरू नहीं हो पाया है। इसी को लेकर विगत दिनों भारत विकास परिषद ने एक वर्ष पूर्व एसडीएम का अभिषेक मीणा को भी एक मांग पत्र सौंपा था जिसमें शवदाह गृह को शुरू किए जाने की मांग की गई थी।
कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि शवदाह गृह गैस पर आधारित है जिसके लिए छह गैस सिलेंडरों की जरूरत थी जो आपूर्ति हो चुकी है वहीं बिजली कनेक्शन भी मिल चुका है। गोरखपुर से यह मशीन मंगवा कर स्थापित की गई थी ताकि सबको एक गैस सिलेंडर में ही अंतिम संस्कार किया जा सके। इससे पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगेगी वहीं पेड़ों की कटाई भी रुकेगी लेकिन अभी तक गैस पर आधारित शवदाह गृह को शुरू नहीं किया गया है।
उधर का कनीना के महेश बोहरा, रवि कुमार, सुरेश कुमार डॉ सुरेश कुमार तथा कई लोगों ने बताया कि कस्बा कनीना में गैस पर आधारित शवदाह गृह एक बेहतर प्रयास है किंतु इसको नगरपालिका और प्रशासन अभी तक शुरू नहीं कर रहे हैं जिसके चलते शवों के दहन से प्रदूषण बढ़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब शवदाह गृह को शुरू करवाया जाए। जब इस संबंध में नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने मशीन को कंपनी ने अभी तक हैंड ओवर नहीं किया है वहीं कंपनी के करीब छह लाख रुपये बाकी हैं। बार बार नोटिस दिया जा चुका है किंतु इसे हैंड ओवर करने का काम पूरा नहीं किया जा रहा है। उधर जानकारों ने बताया गैस पर आधारित शवदाह गृह शुरू होने से सबसे बेहतर कार्य वायु प्रदूषण से बचना होगा। यह महज एक गैस सिलेंडर में एक शव को जला देगा। इसके चलते प्रदूषण भी कम होगा वहीं अंधाधुंध पेड़ों की कटाई भी रुक जाएगी। वैसे भी क्षेत्र में इस प्रकार के शवदाह गृह है केंद्र की मांग लंबे समय से चल रही थी किंतु एसडीएम संदीप सिंह के तबादले के बाद यह शवदाह गृह अधर में लटक गया था बाद में और भी एसडीएम आये किंतु इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। यहां रखी हुई मशीन जंग खा रही है। जिसे अविलंब शुरू किए जाने की मांग उठने लगी है। इसी मांग को लेकर भारत विकास परिषद के प्रधान कंवरसेन वशिष्ठ ने बताया कि उन्होंने भी इस संबंध में एक ज्ञापन एक वर्ष पूर्व एसडीएम कनीना अभिषेक मीणा को सौंपा था जिसमें उन्होंने इसे शुरू किए जाने की मांग की थी।
सामने फोटो कैप्शन 2: गैस आधारित शवदाह गृह का नजारा।
विश्व हिन्दू परिषद् ने उन्हाणी के राजेश को किया सम्मानित
**************************************
कनीना। कोरोना काल की विकट परिस्थितियों के दौरान इस महामारी को रोकने के लिए करोना योद्धा दिन रात लगे हुए हैं। इन कर्मठ कर्मवीर योद्धाओं का हौसला अफजाई के लिए विभिन्न संस्थाएं इनको सम्मानित कर रही है।
इसी सम्मान की कड़ी में विश्व हिन्दू परिषद् की चंडीगढ़ शाखा ने कनीना उपमंडल के उन्हाणी निवासी राजेश कुमार को करोना योद्धा सम्मान पत्र प्रदान किया है।
राजेश कुमार ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद चंडीगढ़ के मीडिया प्रभारी मनोज शर्मा व परिषद् के मंत्री सुरेश राणा ने उन्हें दूरभाष पर सूचना दी कि करोना महामारी के समय आपके द्वारा दी गई सेवाओं ने मानवता की नई मिसाल कायम की है आपने एक योद्धा की भांति सेवा कार्य किए जिसके लिए विश्व हिन्दू परिषद चंडीगढ़ आपको करोना योद्धा सम्मान पत्र प्रदान करती है और आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है।
गौरतलब है कि शिक्षक राजेश कुमार ने करोना काल के दौरान बच्चों को आनलाइन शिक्षण कार्य के बाद, पशु पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था,लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
इस सम्मान के मिलने पर उन्हें बड़ी खुशी हो रही हैं।
फोटो कैप्शन: राजेश उन्हाणी
आरती राव के जन्मदिन को विधायक सीताराम यादव ने त्रिवेणी रोप कर मनाया
************************************
कनीना। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री आरती राव के जन्म को डीएवी के पास त्रिवेणी लगाकर जन्म दिन मनाया। इस मौके पर मुख्य अतिथि सीताराम यादव विधायक ने त्रिवेणी लगाकर मनाया।
सीताराम ने कहा कि पेड़ पौधे लगाने से धरती का का शृंगार होता है, प्रकृति साफ-सुथरी रहती है। और प्रकृति बचेगी तो इंसान भी बच जाएगा। पेड़ पौधे नहीं होंगे तो इंसान मृत्यु के कगार की ओर चला जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व बनता है कि पर्यावरण को साफ सुथरा रखें। दिनोंदिन पर्यावरण में हो रही छेड़छाड़ के चलते विभिन्न प्रकार की आपदाएं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इंसान की जिंदगी का संबंध सीधे पर्यावरण और पेड़-पौधों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में उन्होंने अपने आसपास जहां भी संभव अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण एवं प्रकृति की देखभाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी भी वक्त है इंसान अपने भविष्य को बचा सकता है। उन्होंने हर इंसान को एक कम से कम हर वर्ष एक पेड़ लगाने और उसकी सुरक्षा करने की अपील की।
इस कार्यक्रम में नगर पालिका प्रधान सतीश जैलदार चेयरमैन अटेली जतिन अग्रवाल, वॉइस चेयरमैन अशोक ठेकेदार उमेश यादव, राजेंद्र सिंह लोढा, सतवीर यादव जिला उपाध्यक्ष, पूर्व नगर पालिका प्रधान अटेली सुगन चंद, पार्षद अशोक जांगड़ा, अटेली मंडल अध्यक्ष थान सिंह, सरपंच भडफ़ महेंद्र सिंह, युवा नेता मनोज यादव, हनुमान सेहलंगिया सहित विभिन्न जन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 1:पौधारोपण करते अटेली विधायक सीताराम यादव।
उगाये जा रहे हैं औषधीय पौधे
-औषधीये पौधों से किसान होने लगे हैं परिचित
**************************************
कनीना। भारतवर्ष में 45 हजार से भी अधिक पादप प्रजातियां पाई जाती हैं। चरक संहिता एवं सुश्रुत संहिता सहित अनेक आयुर्वेदिक ग्रन्थों में स्वस्थ जीवन जीने के अनेक सुझाव दिए गए हैं वहीं दूसरी ओर विभिन्न पेड़-पौधों का उल्लेख भी किया गया है। एक समय था जब किसान इन पौधों से परिचित नहीं था किंतु अब इनको उगाना शुरू कर दिया है।
बुजुर्ग शिक्षक राम अवतार बताते हैं कि रोगों के उपचार में नीम, नीम्बू, बेल, तुलसी, हल्दी, हींग, अदरक, लहसुन, जीरा, सौंफ एवं काली मिर्च सहित अनेक पेड़-पौधों एवं उनके विभिन्न उत्पादों का प्रयोग किये जाते हैं। लेकिन इनके अतिरिक्त भी अनेक पेड़-पौधों ऐसे हैं जिनके औषधीय गुणों की अधिक जानकारी कम है। उनका कहना है कि सर्पगंधा का प्रयोग उच्च रक्तचाप को कम करने, अनियमित हृदय गति को ठीक करने, विभिन्न चर्म रोगों, जैसे- छाले, खुजली, अधिक पसीना आना तथा अनिद्रा व मानसिक विकार को दूर करने के लिए किया जाता है। वहीं अश्वगन्धा शारीरिक दुर्बलता को दूर कर शरीर को हृष्ट-पुष्ट एवं बलवान बनाता है। यह गठिया के दर्द, जोड़ों की सूजनके उपचार में भी किया जाता है। इस पेड़ की पत्तियां शीघ्र घाव भरती हैं।
उधर मोड़ी के अजय कुमार, कांता, गजराज सिंह का कहना है कि अर्जुन हृदय रोग की एक अचूक औषधि है। अर्जुन की छाल हृदय रोगों के साथ-साथ बुखार एवं घाव भरने में भी लाभदायक है। इसके काढ़े से घाव को साफ किया जाता है।इसको उगा रखा है वहींग्वारपाठा भी उगाते हैं जो बुखार, जिगर एवं प्लीहा के बढऩे, त्वचा सम्बन्धी रोगों, कब्ज, बवासीर, पीलिया, सूजाक, मासिक धर्म सम्बन्धी रोगों, गठिया तथा जलोदर में अत्यन्त लाभकारी है।
राजेंद्र सिंह एवं सूबे सिंह किसान बताते हैं कि पत्थरचटा की पत्तियों का रस आँव, पेचिश, खूनी पेचिश, पथरी तथा हैजे में दिया जाता है। इसकी पत्तियाँ जलने, कटने, जहरीले कीट-पतंगों के काटने तथा विभिन्न प्रकार के घावों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। इसी प्रकार सदाबहार पौधा फूलों के लिए उगाकर लाभ उठा रहे हैं। यह जहरीले कीट-पतंगों के काटने पर सदाबहार की पत्तियों का रस लगाने से आराम मिलता है।
वैद्य बालकिशन, एवं श्रीकृष्ण करीरा बताते हैं कि मकोय, चिरचिटा, अरंड,आक, सफेदा आदि पौधे घरों उगाकर उनके औषधीय लाभ लेने चाहिए। विभिन्न प्रकार के रोगों से न केवल छुटकारा मिलता है अपितु लाभकारी हैंं। उनका कहना है कि क्षेत्र में भूमि आंवला, सांटी, चौलाई, कोहेंद्रा, बाथू आदि खूब उगते हैं जिनका लाभ लेना चाहिए।
*************************
********************
**************************
कनीना। कनीना में एक बिजली कर्मचारी की बिजली का करंट लगने से शुक्रवार शाम मौत हो गई। उन्हें कनीना के अस्पताल पर लाया गया। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उधर कनीना में शुक्रवार शाम भूकंप के झटके लगे जिसके चलते मोर बोलने लगे, लोग घरों को छोड़ कर बाहर आ गए। ऐसा लगा कि जैसे दीवारें हिल रही हो, लोगों में डर का माहौल था किंतु भूकंप समाप्त होते ही लोग घरों के अंदर चले गए। भूकंप कुछ सेकंड चला। दीवारों के पर्दे हिलने लगे तस्वीरें गिर गई, अलमारी में रखी किताबें गिर गई।
गैस पर आधारित शवदाह गृह शुरू न होने से रोष, - लाखों रुपए की मशीन दो सालों से खा रही है जंग
**************************************
कनीना। कनीना के राजकीय कालेज के पास शमशान घाट पर पूर्व एसडीएम संदीप सिंह द्वारा करीब 25 लाख रुपए की गैस पर आधारित शवदाह गृह बनवाकर मशीन तो स्थापित करवा दी गई थी किंतु दो वर्ष से भी अधिक समय बीत जाने के बावजूद भी शवदाह गृह शुरू नहीं हो पाया है जबकि इसके लिए बिजली कनेक्षन तथा गैस सिलेंडर की आपूर्ति हो चुकी है।
मिली जानकारी अनुसार गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) से लाखों रुपए की गैस पर आधारित शवदाह गृह मशीन को एक साल पूर्व मंगवाई गई थी। शमशान घाट पर इसे स्थापित भी कर दिया गया था। इसके लिए बिजली कनेक्शन और सिलेंडरों की व्यवस्था की जानी थी, 6 सिलेंडर तथा बिजली कनेक्शन भी मिल चुका है किंतु लंबे अरसे तक इंतजार करने के बावजूद भी यह गैस पर आधारित शवदाह गृह शुरू नहीं हो पाया है। इसी को लेकर विगत दिनों भारत विकास परिषद ने एक वर्ष पूर्व एसडीएम का अभिषेक मीणा को भी एक मांग पत्र सौंपा था जिसमें शवदाह गृह को शुरू किए जाने की मांग की गई थी।
कनीना मंडी के शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि शवदाह गृह गैस पर आधारित है जिसके लिए छह गैस सिलेंडरों की जरूरत थी जो आपूर्ति हो चुकी है वहीं बिजली कनेक्शन भी मिल चुका है। गोरखपुर से यह मशीन मंगवा कर स्थापित की गई थी ताकि सबको एक गैस सिलेंडर में ही अंतिम संस्कार किया जा सके। इससे पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगेगी वहीं पेड़ों की कटाई भी रुकेगी लेकिन अभी तक गैस पर आधारित शवदाह गृह को शुरू नहीं किया गया है।
उधर का कनीना के महेश बोहरा, रवि कुमार, सुरेश कुमार डॉ सुरेश कुमार तथा कई लोगों ने बताया कि कस्बा कनीना में गैस पर आधारित शवदाह गृह एक बेहतर प्रयास है किंतु इसको नगरपालिका और प्रशासन अभी तक शुरू नहीं कर रहे हैं जिसके चलते शवों के दहन से प्रदूषण बढ़ रहा है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब शवदाह गृह को शुरू करवाया जाए। जब इस संबंध में नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार से बात की तो उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने मशीन को कंपनी ने अभी तक हैंड ओवर नहीं किया है वहीं कंपनी के करीब छह लाख रुपये बाकी हैं। बार बार नोटिस दिया जा चुका है किंतु इसे हैंड ओवर करने का काम पूरा नहीं किया जा रहा है। उधर जानकारों ने बताया गैस पर आधारित शवदाह गृह शुरू होने से सबसे बेहतर कार्य वायु प्रदूषण से बचना होगा। यह महज एक गैस सिलेंडर में एक शव को जला देगा। इसके चलते प्रदूषण भी कम होगा वहीं अंधाधुंध पेड़ों की कटाई भी रुक जाएगी। वैसे भी क्षेत्र में इस प्रकार के शवदाह गृह है केंद्र की मांग लंबे समय से चल रही थी किंतु एसडीएम संदीप सिंह के तबादले के बाद यह शवदाह गृह अधर में लटक गया था बाद में और भी एसडीएम आये किंतु इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। यहां रखी हुई मशीन जंग खा रही है। जिसे अविलंब शुरू किए जाने की मांग उठने लगी है। इसी मांग को लेकर भारत विकास परिषद के प्रधान कंवरसेन वशिष्ठ ने बताया कि उन्होंने भी इस संबंध में एक ज्ञापन एक वर्ष पूर्व एसडीएम कनीना अभिषेक मीणा को सौंपा था जिसमें उन्होंने इसे शुरू किए जाने की मांग की थी।
सामने फोटो कैप्शन 2: गैस आधारित शवदाह गृह का नजारा।
विश्व हिन्दू परिषद् ने उन्हाणी के राजेश को किया सम्मानित
**************************************
कनीना। कोरोना काल की विकट परिस्थितियों के दौरान इस महामारी को रोकने के लिए करोना योद्धा दिन रात लगे हुए हैं। इन कर्मठ कर्मवीर योद्धाओं का हौसला अफजाई के लिए विभिन्न संस्थाएं इनको सम्मानित कर रही है।
इसी सम्मान की कड़ी में विश्व हिन्दू परिषद् की चंडीगढ़ शाखा ने कनीना उपमंडल के उन्हाणी निवासी राजेश कुमार को करोना योद्धा सम्मान पत्र प्रदान किया है।
राजेश कुमार ने बताया कि विश्व हिन्दू परिषद चंडीगढ़ के मीडिया प्रभारी मनोज शर्मा व परिषद् के मंत्री सुरेश राणा ने उन्हें दूरभाष पर सूचना दी कि करोना महामारी के समय आपके द्वारा दी गई सेवाओं ने मानवता की नई मिसाल कायम की है आपने एक योद्धा की भांति सेवा कार्य किए जिसके लिए विश्व हिन्दू परिषद चंडीगढ़ आपको करोना योद्धा सम्मान पत्र प्रदान करती है और आपके उज्ज्वल भविष्य की कामना करती है।
गौरतलब है कि शिक्षक राजेश कुमार ने करोना काल के दौरान बच्चों को आनलाइन शिक्षण कार्य के बाद, पशु पक्षियों के लिए दाना पानी की व्यवस्था,लोगों को जागरूक कर रहे हैं।
इस सम्मान के मिलने पर उन्हें बड़ी खुशी हो रही हैं।
फोटो कैप्शन: राजेश उन्हाणी
आरती राव के जन्मदिन को विधायक सीताराम यादव ने त्रिवेणी रोप कर मनाया
************************************
कनीना। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की पुत्री आरती राव के जन्म को डीएवी के पास त्रिवेणी लगाकर जन्म दिन मनाया। इस मौके पर मुख्य अतिथि सीताराम यादव विधायक ने त्रिवेणी लगाकर मनाया।
सीताराम ने कहा कि पेड़ पौधे लगाने से धरती का का शृंगार होता है, प्रकृति साफ-सुथरी रहती है। और प्रकृति बचेगी तो इंसान भी बच जाएगा। पेड़ पौधे नहीं होंगे तो इंसान मृत्यु के कगार की ओर चला जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सभी का दायित्व बनता है कि पर्यावरण को साफ सुथरा रखें। दिनोंदिन पर्यावरण में हो रही छेड़छाड़ के चलते विभिन्न प्रकार की आपदाएं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि इंसान की जिंदगी का संबंध सीधे पर्यावरण और पेड़-पौधों से जुड़ा हुआ है। ऐसे में उन्होंने अपने आसपास जहां भी संभव अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाकर पर्यावरण एवं प्रकृति की देखभाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि अभी भी वक्त है इंसान अपने भविष्य को बचा सकता है। उन्होंने हर इंसान को एक कम से कम हर वर्ष एक पेड़ लगाने और उसकी सुरक्षा करने की अपील की।
इस कार्यक्रम में नगर पालिका प्रधान सतीश जैलदार चेयरमैन अटेली जतिन अग्रवाल, वॉइस चेयरमैन अशोक ठेकेदार उमेश यादव, राजेंद्र सिंह लोढा, सतवीर यादव जिला उपाध्यक्ष, पूर्व नगर पालिका प्रधान अटेली सुगन चंद, पार्षद अशोक जांगड़ा, अटेली मंडल अध्यक्ष थान सिंह, सरपंच भडफ़ महेंद्र सिंह, युवा नेता मनोज यादव, हनुमान सेहलंगिया सहित विभिन्न जन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 1:पौधारोपण करते अटेली विधायक सीताराम यादव।
उगाये जा रहे हैं औषधीय पौधे
-औषधीये पौधों से किसान होने लगे हैं परिचित
**************************************
कनीना। भारतवर्ष में 45 हजार से भी अधिक पादप प्रजातियां पाई जाती हैं। चरक संहिता एवं सुश्रुत संहिता सहित अनेक आयुर्वेदिक ग्रन्थों में स्वस्थ जीवन जीने के अनेक सुझाव दिए गए हैं वहीं दूसरी ओर विभिन्न पेड़-पौधों का उल्लेख भी किया गया है। एक समय था जब किसान इन पौधों से परिचित नहीं था किंतु अब इनको उगाना शुरू कर दिया है।
बुजुर्ग शिक्षक राम अवतार बताते हैं कि रोगों के उपचार में नीम, नीम्बू, बेल, तुलसी, हल्दी, हींग, अदरक, लहसुन, जीरा, सौंफ एवं काली मिर्च सहित अनेक पेड़-पौधों एवं उनके विभिन्न उत्पादों का प्रयोग किये जाते हैं। लेकिन इनके अतिरिक्त भी अनेक पेड़-पौधों ऐसे हैं जिनके औषधीय गुणों की अधिक जानकारी कम है। उनका कहना है कि सर्पगंधा का प्रयोग उच्च रक्तचाप को कम करने, अनियमित हृदय गति को ठीक करने, विभिन्न चर्म रोगों, जैसे- छाले, खुजली, अधिक पसीना आना तथा अनिद्रा व मानसिक विकार को दूर करने के लिए किया जाता है। वहीं अश्वगन्धा शारीरिक दुर्बलता को दूर कर शरीर को हृष्ट-पुष्ट एवं बलवान बनाता है। यह गठिया के दर्द, जोड़ों की सूजनके उपचार में भी किया जाता है। इस पेड़ की पत्तियां शीघ्र घाव भरती हैं।
उधर मोड़ी के अजय कुमार, कांता, गजराज सिंह का कहना है कि अर्जुन हृदय रोग की एक अचूक औषधि है। अर्जुन की छाल हृदय रोगों के साथ-साथ बुखार एवं घाव भरने में भी लाभदायक है। इसके काढ़े से घाव को साफ किया जाता है।इसको उगा रखा है वहींग्वारपाठा भी उगाते हैं जो बुखार, जिगर एवं प्लीहा के बढऩे, त्वचा सम्बन्धी रोगों, कब्ज, बवासीर, पीलिया, सूजाक, मासिक धर्म सम्बन्धी रोगों, गठिया तथा जलोदर में अत्यन्त लाभकारी है।
राजेंद्र सिंह एवं सूबे सिंह किसान बताते हैं कि पत्थरचटा की पत्तियों का रस आँव, पेचिश, खूनी पेचिश, पथरी तथा हैजे में दिया जाता है। इसकी पत्तियाँ जलने, कटने, जहरीले कीट-पतंगों के काटने तथा विभिन्न प्रकार के घावों के लिए बहुत ही उपयोगी हैं। इसी प्रकार सदाबहार पौधा फूलों के लिए उगाकर लाभ उठा रहे हैं। यह जहरीले कीट-पतंगों के काटने पर सदाबहार की पत्तियों का रस लगाने से आराम मिलता है।
वैद्य बालकिशन, एवं श्रीकृष्ण करीरा बताते हैं कि मकोय, चिरचिटा, अरंड,आक, सफेदा आदि पौधे घरों उगाकर उनके औषधीय लाभ लेने चाहिए। विभिन्न प्रकार के रोगों से न केवल छुटकारा मिलता है अपितु लाभकारी हैंं। उनका कहना है कि क्षेत्र में भूमि आंवला, सांटी, चौलाई, कोहेंद्रा, बाथू आदि खूब उगते हैं जिनका लाभ लेना चाहिए।
No comments:
Post a Comment