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Saturday, July 18, 2020

एक रोल मॉडल बन कर उभरे हैं पिता और पुत्री 
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-बेटी ने सरकारी स्कूल में शिक्षा पाकर नाम कमाया तो पिता सरकारी स्कूल से शिक्षा पाकर बने हुये हैं एसडीएम

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 कनीना। कनीना के एसडीएम रणबीर सिंह लोहान और उनकी पुत्री विजेता एक रोल मॉडल बन कर प्रदेश में उभरे हैं। जहां उनकी पुत्री ने सरकारी स्कूल में शिक्षा पाकर 93 सरकारी स्कूलों में अपना प्रथम स्थान हासिल किया है वहीं उनके पिता एसडीएम रणवीर सिंह सरकारी स्कूल में पढ़कर इस मुकाम पर पहुंचे हैं। वे मानते हैं कि कि सरकारी स्कूलों में शिक्षण किसी प्रकार कम नहीं है। वे चाहते हैं कि सरकारी स्कूलों में ही सभी अधिकारियों के बच्चे जाए तो ये सरकारी स्कूल एक बार फिर से प्रदेश में नाम कमा सकते हैं।
  चंडीगढ़ के सेक्टर 22 के राजकीय मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में एसडीएम रणवीर सिंह की पुत्री विजेता दसवीं कक्षा में पढ़ती थी और हाल ही में उन्होंने सीबीएसई के परीक्षा परिणाम में साबित कर दिया कि सरकारी स्कूल किसी भी प्रकार से कम नहीं होते। उन्होंने 96.80 प्रतिशत अंक हासिल करके 93 सरकारी स्कूलों में प्रथम स्थान हासिल किया है। यह एक उदाहरण उन्होंने रोल मॉडल का पेश किया है। एसडीएम रणवीर सिंह खुद सरकारी स्कूल में पढ़ाई की और आज भी वे चाहते हैं कि अधिकारियों के बच्चे यदि सरकारी स्कूलों में पहल करे तो निसंदेह सरकारी स्कूल सरताज बनकर उभरेंगे और सरकारी स्कूल किसी प्रकार कम साबित नहीं होंगे।
विजेता ने बिना किसी ट्यूशन के है परीक्षा पास की। महज घर पर अपने बेहतरीन शिक्षा और समय देकर पढ़ती थी जिसका परिणाम आज सभी के सामने है और आज हर किसी की जुबान पर विजेता का नाम है।
 विजेता ने बताया कि उन्होंने पढ़ाई के लिए कोई निर्धारित शेड्यूल नहीं बनाया था। जब कभी मन करता था तो मन लगाकर पढ़ती थी। महज मन लगाकर पढऩे से ही उन्होंने यह स्थान और यह मुकाम हासिल किया है। उनकी तमन्ना है कि वह भविष्य में डॉक्टर बनकर देश की सेवा करें।
उल्लेखनीय है कि एसडीएम रणवीर सिंह का विजेता से छोटा पुत्र अमन भी है जो मिलिट्री स्कूल में शिक्षा हासिल कर रहा है। उनकी पत्नी आशा  स्नातकोत्तर है किंतु एक गृहिणी के रूप में कार्य कर रही है। उन्होंने भी अपनी शिक्षा सरकारी स्कूलों से हासिल की है
उनकी मां आशा को अब आशा ही नहीं वरन पूर्ण विश्वास भी है कि उनके बच्चे निसंदेह सरकारी स्कूलों से पढ़ कर ही देश में नाम रोशन करेंगे।
 क्या कहते हैं एसडीएम-
 एसडीएम रणवीर सिंह का कहना है कि सरकारी स्कूलों में जहां लिखा पढ़ा स्टाफ होता है वही पढ़ाई किसी मामले में कम नहीं होती। अगर अधिकारी अपने बच्चों का और वहां भेजे तो एक और जहां गरीब और अमीर के बीच बढ़ी खाई समाप्त हो जाएगी वहीं विद्यालयों में सुधार होगा जिसका परिणाम पूरा प्रदेश क्या पूरा देश देखेगा। वैसे भी बतौर एसडीएम उनका कार्य स्कूलों में सुधार करने का रहा है। वे चाहते हैं कि यदि उनकी भांति पूरे ही प्रदेश के अधिकारी अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिल करवाए और विद्यालयों पर ध्यान दें अभिभावक निजी स्कूलों की ओर दौडऩे से बच जाएंगे वहीं पर आर्थिक बोझ भी घट जाएगा।
क्या कहती है आशा देवी-
विजेता की मां आशा गृहिणी होते हुए भी लिखी पढ़ी है और सरकारी स्कूलों से शिक्षा हासिल करने के बाद अब उनका बस यही कहना है कि सरकारी स्कूल उनके जमाने में भी थे और भविष्य में भी रहेंगे। जब निजी स्कूल नहीं होते थे तो भी सरकारी स्कूल ही तो विद्यार्थियों को शिक्षित करते थे। जहां से निकले लोग नेता, देशभक्त एवं मंत्री पदों पर पहुंच देशसेवा करते रहे हैं। अब ऐसा क्या हुआ कि सभी का ध्यान निजी स्कूलों की ओर जा रहा है? उनका कहना है कि कहीं ना कहीं कमी हम सभी अभिभावकों, अधिकारियों और विद्यार्थियों में रह जाती है। यदि इस कमी को पूरा कर दिया जाए तो सरकारी स्कूल एक उदाहरण बनकर उभरेंगे।
क्या कहते हैं अभिभावक और विद्यार्थी ---
क्षेत्र के अभिभावक और विद्यार्थियों की नजर अब एसडीएम पर टिक गई है। जहां निजी स्कूलों की ओर भागने वाले अभिभावक भी कहने लगे हैं कि सचमुच सरकारी स्कूल किसी प्रकार कम नहीं है और एक बड़े अधिकारी भी जब अपने बच्चों को सरकारी स्कूल में पढ़ा सकते हैं तो हम क्यों नहीं? अब तो भी दबी जबान से अभिभावक भी अब मानने लग गए हैं कि स्कूलों का सुधार संभव है। अगर एसडीएम जैसे नेक ईमानदार अधिकारी स्कूलों की ओर गौर करेंगे तो आने वाला समय सरकारी स्कूलों के लिए सुनहरा होगा। उनका कहना है कि सचमुच एसडीएम बधाई के पात्र हैं और पूरे देश में पूरे प्रदेश में एक मिसाल कायम की है। उन्हें हरियाणा का एक रोल मॉडल बनकर सिद्ध कर दिया है कि शिक्षा चाहे निजी और सरकारी कहीं से भी प्राप्त करें ,दिल में लगन और मेहनत हो तो अपना मुकाम हासिल किया जा सकता है।
फोटो कैप्शन: छात्रा विजेता
फोटो कैप्शन 1: एसडीएम कनीना का परिवार विजेता की खुशी में विक्टरी चिह्न बनाते हुए।




 

  सीबीआई जांच की मांग
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कनीना। बहुजन समाज पार्टी के नेता समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने उत्तरप्रदेश के नोएडा स्थित गुरूकुल में जिला के गांव दौंगड़ा अहीर की पढऩे वाली छात्रा की मौत के मामले में नोएडा पुलिस द्वारा बरती जा रही लचर तथा आरोपी गुरूकुल से साठगांठपूर्ण कार्यवाही पर रोश व्यक्त करते हुए उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री से छात्रा की मौत की सी.बी.आई. से जांच करवाने की मांग की है।
                  यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे ज्ञापन में अतरलाल ने कहा है कि गुरूकुल द्वारा बिना पोस्टमार्टम कराए और बिना पुलिस को सूचित किए शव का दाह संस्कार कराना संदेह के घेरे में आता है इसी प्रकार अब तक नोएडा पुलिस द्वारा गुरूकुल के आरोपित प्राचार्य तथा अध्यक्ष को गिरफ्तार न करना भी गुरूकुल तथा पुलिस की सांठगांठ को साबित करता है। इसलिए राज्य सरकार को इस मामले को नोएडा पुलिस से लेकर इसकी हर दृश्टि से सीबीआई. द्वारा जांच करवानी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रा की मौत को लेकर छात्रा के परिजन सदमे में है तथा पूरे इलाके में रोश व्याप्त है। यदि राज्य सरकार ने तत्काल संज्ञान लेकर सी.बी.आई. जांच शुरू नहीं करवाई तो बसपा कार्यकर्त्ता दिल्ली में उत्तरप्रदेश भवन पर धरना देने पर मजबूर होंगे। उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल तथा यू.पी. की पूर्व मुख्यमंत्री बसपा सुप्रीमो मायावती को भी अलग से ज्ञापन भेजकर उत्तरप्रदेश सरकार पर सीबीआई. जांच की घोशणा करने का दबाव डालने की अपील की है।



 अव्वल रहे विद्यार्थियों को किया सम्मानित

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कनीना। जीएल स्कूल में सीबीएसई कक्षा 10वीं और 12वीं की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को फिजिकल दूरी की पद्धति का पालन करते हुए सम्मानित किया।
 विद्यालय के प्राचार्य पृथ्वी सिंह जी ने बोर्ड की मेरिट सूचि में नाम दर्ज कराने वाले विद्यार्थियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। उन्होंने बताया कि स्कूल की छात्रा प्रियांशु लुक्खी ने 12 वीं की परीक्षा में 96.6 प्रतिशत अंक प्राप्त कर कनीना ब्लॉक की टॉपर रही और 10वीं की परीक्षा परिणामों में सेजल ने 96.4 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिले भर में अपने विद्यालय, माता-पिता व अध्यापकगणों का नाम रोशन किया।
वहीं स्कूल के पूर्व छात्र विकास जो कि आईआईटियन है ने छात्रों को मार्ग-प्रदर्शित कर बताया कि वो किस प्रकार मेहनत कर आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण-संस्थानों में प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं और आगे बताया कि मेहनत करने वाले कभी असफल नहीं होते। विद्यालय के चेयरमैन राजेन्द्र सिंह लोढा जी ने भी छात्रों के उत्कृष्ट परिणाम आने पर हार्दिक बधाई दी और बताया कि शिक्षा के द्वारा ही अपने जीवन को सुगम किया जा सकता है।  इस अवसर पर विद्यालय के सीईओ सुभाष लोढा, जीएल महिला कॉलेज के प्राचार्य डा. संजीव कुमार व मनोज, कुलदीप, राकेश, राहुल व कामेश्वर आदि अध्यापकगण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 3: स्कूल के अव्वल रहे विद्यार्थी।


युवाओं द्वारा चलाए गए पौधारोपण में शामिल हुए एसडीएम कनीना 

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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव करीरा में युवा वर्ग द्वारा पौधारोपण अभियान में पहुंचकर एसडीएम कनीना रणवीर सिंह लोहान ने भी अपना एक पौधा लगाया तथा युवाओं का हौसला बढ़ाया।
इस मौके पर एसडीएम ने कहा कि कम से कम एक पौधा हर किसी को कहीं न कहीं लगाना चाहिए, जो एक जन सेवा का कार्य है। पृथ्वी पर अधिक पौधे होंगे तो आक्सीजन अधिक मिलेगी और वायु प्रदूषण घटता चला जाएगा। एक वक्त था जब बहुत अधिक पेड़ पौधे और जंगल होते थे किंतु अब धीरे-धीरे पेड़ पौधे और जंगलों को समाप्त कर दिया गया है परिणामस्वरूप आपदाएं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि हर इंसान को न केवल पौधा लगाना ही चाहिए अपितु उसकी देख-रेख करनी चाहिए तब तक कि वह बड़ा न हो जाए। उन्होंने कहा कि पूर्वजों की देन से हम आज भी कुछ पौधों के फल खा रहे हैं और छाया प्राप्त कर रहे हैं। हम जो पेड़ पौधे लगाएंगे आने वाली पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा स्रोत बनेगा। इस मौके पर युवा वर्ग द्वारा चलाए जा रहे पौधारोपण अभियान को बेहतरीन बताते हुए कहा कि युवा वर्ग का फर्ज बनता है कि पौधे लगाए। उन्होंने युवाओं का उत्साहवर्धन किया। गांव के दो-चार लोगों की शिकायत मिली कि कुछ असामाजिक तत्व आस पड़ोस के गांवों से मंदिर परिसर में तथा गोचर भूमि में शराब जैसे व्यसन में लिप्त रहते हैं। एसएचओ ने भी मौके का दौरा कर गांव ासियों को भरोसा दिलाया कि इस प्रकार के लोगों के खिलाफ कार्रवाई की करेंगे वही इस दिशा में अपनी रणनीति बनाएंगे। इस मौके पर मंदिर कमेटी के प्रधान सेवानिवृत्त निरीक्षक जयराम यादव, पूर्व सैनिक संगठन के अध्यक्ष कैप्टन सुमेर सिंह, गांव के गणमान्य जन उपस्थित थे।
 फोटो कैप्शन 2: पौधा रोपण करते हुए रणवीर सिंह।


शिवरात्रि रविवार को
-घर पर ही रहकर जल अर्पित करेंगे अधिकांश भक्त 

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 कनीना। अधिकांश लोगों के जीवन में यह पहला अवसर है जब कनीना उपमंडल के गांव बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम पर कोई कांवड़ नहीं चढ़ाई जा रही है और जल अर्पित करने वाले भी बहुत कम लोग नजर आएंगे जबकि हर वर्ष इस स्वयंभू शिवलिंग (स्वयं उत्पन्न शिवलिंग) पर लाखों कावड़ चढ़ाई जाती रही है और लाखों की भीड़ शिवरात्रि के दिन मेले के रूप में इक_ी होती आई है। हरिद्वार से बाघेश्वर धाम तक लंबी कतार हर वर्ष देखने को मिलती थी। यह पहला अवसर है जब शंभू शिवलिंग पर गिने चुने लोग ही जल अर्पित करेंगे। अधिकांश लोग अपने घरों में ही जल अर्पित करेंगे।
कैसे करे घर पर पूजा-
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 कनीना के ज्योतिषाचार्य अरविंद जोशी का कहना है कि कोरोना काल के चलते जहां फिजिकल डिस्टेंस के रूप में जल अर्पित किया जा सकता है किंतु बहुत सावधानियां बरतनी पड़ेगी। उन्होंने कहा कि घर पर ही जल को अर्पित किया जा सकता है। उन्होंने बताया की चावल, मीठा, दूर्वा, बेलपत्र, गंगाजल, सफेद आक, धतूरा, भांग आदि घर में शिवलिंग पर अर्पित करके पूजा की जा सकती है। इस दौरान ओम नम: शिवाय या महामृत्युंजय महामंत्र का जाप कम से कम 21 बार वरना 108 बार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि शिव भोले थोड़े से ही प्रसन्न हो जाते हैं। इसलिए घर पर भी जो पूजा अर्चना की जाएगी वो भी कम नहीं होगी। इससे भगवान भोले प्रसन्न होकर सभी को मनोवांछित फल देंगे।
जल अर्पित होगा-
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 कनीना के 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाले शिवालय में जल अर्पित होगा लेकिन भक्तों को सभी नियमों का पालन करते हुए जल अर्पित करने दिया जाएगा। यहां पर प्रबंधन का कार्य करने वाले भरपूर सिंह तथा उनकी पत्नी शकुंतला ने बताया कि वे प्रतिवर्ष भारी भीड़ जुटती है, छोटे मेले लगते हैं किंतु इस बार केवल नियमों में बंध कर भक्तजन जल अर्पित करेंगे। बागेश्वरी धाम पर भी जल अर्पित किया जाएगा परंतु नियमों में बंध कर ही जल अर्पित किया जा सकता है।
क्या कहते हैं भक्त
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 क्षेत्र के भक्त सुमेर सिंह चेयरमैन, अनिल कुमार, रोहित कुमार, योगेश कुमार, मनोज कुमार तथा अन्य भक्तों ने बताया कि कोरोना ने इस बार उनको कावड़ लाने से भी रोक दिया है परंतु वे जल तो अर्पित करेंगे। चाहे वह घर पर ही जल अर्पित करना पड़े या फिर नियमों में बंध कर जल अर्पित करने के लिए जाना पड़े।
व्रत रखा जाएगा -
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वैसे तो सावन माह के सभी सोमवार को व्रत रखने की परंपरा चली आ रही है। वहीं शिवरात्रि के दिन भी व्रत रखा जाता है। महिलाएं विशेषकर इस दिन व्रत करती हैं और पूजा अर्चना के बाद ही जला दिया ग्रहण करती है। शिवालयों में इस दिन भारी भीड़ होती है लेकिन इस बार न तो शिव के भजन गूंजते सुनाई देते हैं ,न हीं बम बम की गूंज सुनाई दे रही है। बस कोरोना कोराना की गूंज सुनाई दे रही है। पतंगबाजी का शोर सुनाई पड़ रहा है।
प्रसिद्ध है बाघेश्वर धाम-
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पूरे प्रदेश में जहां बाघोत के धाम को  बाघेश्वर धाम कहते हैं क्योंकि यहां बाघ के रूप में राजा दिलीप को भोलेनाथ ने दर्शन दिए थे। इसलिए यह स्थान बाघेश्वर धाम नाम से जाना जाता है। यह स्थान कावड़ के रूप में प्रसिद्ध है वही महाशिवरात्रि तथा शिवरात्रि पर भारी भीड़ जुटती आई है परंतु कोरोना के चलते जहां बाघोत की पंचायत ने इस बार मेला नहीं भरवाने का निर्णय पहले ही ले लिया है वहीं इस बार भक्त भी बहुत कम पहुंचेंगे। भारी गर्मी पड़ रही है, बारिश हो नहीं रही जिसके चलते भी लोग परेशान नजर आ रहे हैं।
 फोटो कैप्शन 3: बाघेश्वर धाम का शिवलिंग।

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