Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**: March 2020

Tuesday, March 31, 2020

दो शेल्टरों पर रुके हैं 83 लोग
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 कनीना। कनीना में दूसरे राज्यों से आए हुए लोगों के लिए दो सेंटर बनाए गए जिनमें 83 लोग ठहरे हुए हैं जिनके खाने और भोजन के लिए खाने और रहने के लिए व्यापक प्रबंध किए हुए। विभिन्न अधिकारी उन केंद्रों का दौरा कर रहे हैं। कनीना की आरएस वाटिका में 21 लोग ठहरे हुए हैं जिनके लिए खाने-पीने का और रहने के बेहतर प्रबंध किया हुए है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में
62 लोग ठहरे हुए। इनके लिए भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं। इन लोगों से किसी कमी के बारे में पूछा तो उन्होंने दी जाने वाली सुविधाओं पर संतोष जताया। कोरोनावायरस को लेकर पूरी सावधानियां बरती जा रही है।
 आरएस वाटिका में प्रबंध करने वाले सुशील कुमार मित्तल ने बताया इन लोगों के खाने पीने, चाय, पानी, नाश्ता, रहने सहने आदि सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई है। समय पर भोजन दिया जा रहा है। बार-बार किसी प्रकार की  परेशानी हो तो उनके बारे में पूछा जा रहा है। इन लोगों का कहना है जब तक उन्हें रोकना चाहे वे रुके रहेंगे फिर अगर सुविधाएं उपलब्ध कराई गई तो वे अपने घर को चले जाएंगे।
उधर कनीना की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 62 लोग ठहरे हुए हैं। यहां पर अमरजीत तथा रमन शास्त्री ने बताया कि उनके नहाने के लिए साबुन भी उपलब्ध करवा रखी है वहीं रहने की व्यवस्था बहुत बेहतर है। खाने पीने का प्रबंध नगर पालिका परिसर में किया गया है जहां पर सचिव राजाराम एमई चमनलाल, पालिका प्रधान सतीश जेलदार, पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा,लेखाकार शिवचरण शर्मा सहित कम से कम दो दर्जन समाजसेवी नियमों में बंधकर इनको सुबह-शाम खाना खिला रहे हैं।
 उन्होंने बताया कि प्रतिदिन खाना खाने वाले लोगों की संख्या सुबह-शाम मिलाकर दो हजार के करीब पहुंच गई है। ये वो लोग हैं जिनके पास इस वक्त कोई धंधा नहीं बचा है तथा झुग्गी झोपडिय़ों में रहते हैं। आस-पास किसी पुराने घर में रहते हैं, उनके लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। कनीना में भी कुछ संस्थाएं श्रीश्याम मित्र मंडल, बीइंग ह्यूमेन सेवा मंडल सहित सामाजिक लोग इस कार्य को अंजाम दे रहे हैं ताकि किसी प्रकार की कोई समस्या इन लोगों के सामने न आए।
फोटो कैप्शन 1: राजकीय स्कूल के शेल्टर में रुके हुए लोग एवं उनकी सेवा में खड़े शिक्षक।


  किसानों की नजर गेहूं की ओर 

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कनीना। सरसों की कटाई जहां पूरे यौवन पर है वहीं किसानों की नजर पककर तैयार गेहूं की फसल पर टिकी हुई है। गेहूं की फसल की कटाई दो तीन दिनों में शुरू हो जाने की संभावना है।
  कनीना की बावनी भूमि पर जहां सरसों की बीजाई करीब 19 हजार हेक्टेयर पर की गई थी वहीं गेहूं की बीजाई दूसरे नंबर पर करीब दस हजार हेक्टेयर पर है। सरसों की कटाई पूरे वेग से चल रही है। बाहरी मजदूरों की मदद से किसान कटाई का काम पूरा करवा रहे हैं।  गेहूं की कटाई दो तीन दिनों में शुरू होने की संभावना है। कोरोना के डर से किसानों को शायद इस बार मजदूर कम मिलने के आसार हैं।
  किसान अजी कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि सरसों की पैदावार बेहतर होने के आसार थे किंतु विगत दिनों ओलावृष्टि एवं ठंड ने पैदावार घटा दी है। वहीं मटर की कटाई लगभग हो चुकी है। किसान सुबह खेतों में जाते हैं और देर शाम को ही लौटते हैं। कोरोनावायरस के चलते किसान खेतों में ही अधिक समय बीताना चाहते हैं।
  किसानों ने बताया कि गेहूं की फसल से न केवल अन्न प्राप्त होता है अपितु पशुचारे के रूप में तूड़ी प्राप्त होती है। किसान पशु पालते हैं जिसके चलते गेहूं की फसल का अहं योगदान होता है। सरसों की पैदावार को जहां तक किसान बेचकर लाभ प्राप्त करते हैं वहीं तेल के रूप में भी प्रयोग करते हैं। अब किसानों के खेतों में सरसों हो या गेहूं फसल के सभी भाग उपयोगी हैं तथा उन्हें भी बेचकर आय प्राप्त की जाती है। गेहूं से अन्न एवं तूड़ी तो सरसों से धांसे, सरसों, पदाड़ी आदि सभी उपयोगी हैं।
फोटो कैप्शन 2: गेहूं की पकी हुई खेतों में खड़ी फसल।



अप्रैल फूल भी भेंट चढ़ गया कोरोना की 

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 कनीना। ग्रामीण क्षेत्रों में एक अप्रैल को अक्सर कुछ लोग अप्रैल फूल मनाते आ रहे हैं जो कोरोनावायरस की भेंट चढ़ गया है। इस बार अप्रैल फूल के दिन जहां किसी प्रकार को की कोई हंसी मजाक संभव नहीं हो सकेगी वहीं यदि हंसी मजाक की जाएगी तो वह भारी पड़ सकती है।
अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में 1 अप्रैल को एक दूसरे से हंसी मजाक किए जाते रहे हैं और हंसी मजाक कई बार परेशानी का कारण बनते आए हैं। इस बार अप्रैल फूल पर जहां कोरोनावायरस रही है। पहले ही लोग घरों में छुपे हुए हैं। ऐसे में मजाक भूलकर लोग कोरोनावायरस से लडऩे के तरीके ढूंढ रहे हैं।



विभिन्न संस्थाएं आगे आ रही है, सहायता के लिए 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में दूसरे राज्यों के रह रहे लोग जिनके पास कोई अब काम धंधा नहीं बचा है उनकी सहायतार्थ विभिन्न संस्थाएं आगे आ रही हैं। आर्य समाज मंदिर की ओर से जहां कोरोना राहत कोष में एसडीएम कनीना के मार्फत 11000 रुपये को भेंट किए हैं वहीं उन्होंने 100 बैग आटे, दाल, तेल, चावल आदि भी ऐसे लोंगों के घर घर जाकर प्रदान किए गए। राव मोहर सिंह प्रधान ने बताया कि उन्होंने पहले इन लोगों की सूची बनाई और उनके घर के पास जाकर प्रत्येक परिवार को 10 किलो आटा, 5 किलो चावल, 1 किलो दाल, 1 लीटर तेल प्रदान किया और भविष्य में भी वे इस प्रकार की सहायता करते रहेंगे। इसमें विनय कुमार एडवोकेट 51 हजार रुपये का सहयोग किया है जबकि 25000 रुपये का सहयोग राव मोहर सिंह ने किया है। बाकी अन्य लोगों ने भी सहयोग किया है। कच्ची खाद्य सामग्री राव मोहर सिंह,विनय एडवोकेट,  राम भगत, महावीर सिंह, अभय राव, पवन शर्मा आदि मौजूद थे। उधर बीइंग हुमन सेवा मंडल ने अपनी रसोई कनीना के गाहड़ा रोड के पास शुरू की है। इस रसोई में खाने के पैकेट तैयार कर उन लोगों  तक पहुंचाए जा रहे हैं जिन्हें इसकी जरूरत है। इस कार्य में नवीन कौशिक, राहुल राव, साकेत राव, ऋषिराज जांगिड़, गजे सिंह, हितेंद्र, रणजीत सिंह आदि मदद कर रहे हैं।
 उधर श्रीश्याम मित्र मंडल कनीना की ओर से अटेली टी-प्वाइंट पर बाहर से आकर ठहरे हुए लोगों के लिए खाने का प्रबंध किया गया है। पार्षद मुकेश, रविंद्र बंसल, सचिन शर्मा, मोहित जेलददार, मनोज रोहिल्ला आदि ममद कर रहे हैं। कनीना नगर पालिका में भी ऐसे लोगों के लिए खाने का सुबह-शाम प्रबंध किया गया है। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय तथा आरएस वाटिका में भी इन लोगों के खाने और रहने का प्रबंध किया है जबकि विभिन्न अन्य संस्थाएं और लोग भी इनकी सेवार्थ आगे आ रहे हैं।  उधर पूर्ण सिंह शिक्षक, सचिन कुमार प्रवक्ता ने अपनी बेसिक का दस फीसदी राहत कोष में दिया है।
 फोटो कैप्शन 5: बीइंग ह्यूमेन सेवा मंडल के लोग खाने के पैकेट बांटते हुए
6 आर्य समाज के लोग कच्ची खाद्य सामग्री बांटते हुए आर्य समाज के लोग
7: कनीना पालिका परिसर में खाना खिलाते हुए लोग।


लोकडाउन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने कसी कमर 

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 कनीना। प्रतिदिन लोग सड़कों पर पैदल घूमते रहते हैं जो जिससे लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है। इन हालातों को सख्ती से निपटने के लिए और कोरोनावायरस के भयंकर रूप को ध्यान में रखते हुए एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने गांवों और कस्बे की निगरानी के लिए सुपरवाइजर एवं नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं ताकि वे ग्रामीण क्षेत्रों में कोई पैदल घूमता हो तो  उनको जाने से रोकेगा वही पैदल चलने वाले लोगों के ठहरने व खाने की व्यवस्था ग्राम पंचायत से मिलकर करेंगे।
 मिली जानकारी अनुसार देशबंधु खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कनीना के तहत मोड़ी, गोमला, गोमला, भोजावास, झीगावन, रामबास पड़तल, मानपुरा, ढाणा,  बेवल,खैराना, सुंदराह, नांगल, कोका, रसूलपुर, कपूरी की जिम्मेदारी दी है। प्रत्येक गांव में प्राध्यापक, पटवारी या ग्राम सचिव आदि की तैनाती भी उनके साथ बतौर नोडल अधिकारी लगाई गई है।
 उधर अभयराम खंड शिक्षा अधिकारी कनीना सुपरवाइजर के तहत ककराला, इसराना, मोहनपुर, भडफ़, कोटिया, करीरा, दोंगड़ा अहीर, दौंगड़ा जाट, कलवाड़ी मुंडियाखेड़ा, कनीना,गाहड़ा,धनौंदा, खरकड़ाबास झाड़ली लगाए गए हैं। उधर अमित कुमार यादव नायब तहसीलदार सुपरवाइजर के तहत सीहोर, छीतरौली, बाघोत, चेलावास, गुढ़ा, कैमला, पाथेड़ा, खेड़ी, अगिहार, सेहलंग, तलवाना, स्याणा, पोता एवं नौताना गांव रखे गए हैं। इस संबंध में उन्होंने रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत करनी शुरू कर दी हैं।


दिहाड़ीदार मजदूरों को किसी भी प्रकार से परेशान नहीं होने दी जाएगा- पुलिस कप्तान

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कनीना। दिहाड़ीदार मजदूरों को रहने व खाने-पीने की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, चाहे इसके लिए हमें कितना भी परेशान क्यों न होना पड़े। ये विचार जिला पुलिस कप्तान सुलोचना गजराज नारनौल ने सोमवार कनीना उपमंडल के दर्जन भर गांवों व कस्बों के नाकों के निरीक्षण के दौरान व्यक्त किए।
इस अवसर पर उन्होंने संबधित विभाग के कर्मचारियों एवं जूनियर अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि आज देश में एक कोरोना नामक महामारी के दौर से गुजर रहा है इस लिए हमारे इस क्षेत्र में तथा दूसरे जिलों से आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों के पलायन को रोकना है और उनके खाने-पीने तथा ठहरने की सभी सुविधाएं प्रदान करनी है।           वही कनीना थाना प्रभारी विकास कुमार ने पुलिस कप्तान को बताया कि जो मजदूर लोग रात-बिरात को आते है उनको ठहरने के स्थान तक ले जाने के लिए हमें गाड़ी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि दिहाड़ीदार मजदूरों को बिना किसी कठिनाई के कस्बे में बनाए गए होम सेंटरों पर छोड़ा जा सके। जिला पुलिस कप्तान ने कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह के साथ भी इस समस्या को लेकर बातचीत कर उनको पुलिस के लिए बस उपलब्ध कराने की बात कहीं वही कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह ने भी जिला पुलिस कप्तान को चार बसे उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। वही उपमंडल अधिकारी ने कस्बे में बनाए दो आवास सेंटरों में आई लेबर के मेडिकल परीक्षण के लिए डाक्टरों की ड्यूटी भी लगाई है। वही थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि पुलिस कप्तान के निर्देशानुसार कस्बे के चारों और पुलिस के नाके लगाए है ताकि दिन व रात को आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों का पलायन रोका जा सके और उनको रहने व खाने की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाया जा सके।
फोटो कैप्शन 3: एसपी नारनौल सुलोचना गजराज अधिकारियों से बात करते हुए।

कनीना उपमंडल के विभिन्न
गांवो में किया राशन वितरित
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कनीना। महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी लोकडाउन को सफल बनाने के लिए गर्भवती महिलाओं,दूध पिलाने वाली महिलाओं तथा छोटे बच्चों को उनके घर में ही राशन देने की कवायद शुरू कर दी है।
मिली जानकारी अनुसार पहले तो 31 मार्च तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे लेकिन अब नए आदेश के तहत आगामी 30 अप्रैल तक आंगनबाडिय़ों में लाभ पात्रों को दिए जाने वाले पोषक आहार को डोर टू डोर दिए जाने के आदेश की पालना करने के निर्देश भी जारी किए है तथा इसमें कोताही करने वाले कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही कनीना की सीडीपीओ सीमा ग्रोवर के आदेशानुसार खंड के गांव मोहनपुर, नांगल, कोका, इसराना, चेलावास, गुढ़ा, उन्हाणी, रसूलपुर तथा गाहड़ा आदि गांवों में कनीना द्वितीय की सर्कल सुपरवाइजर मनीषा यादव ने स्वयं सभी आंगनवाड़ी केन्द्रो पर जाकर डोर टू डोर राशन वितरित कराया तथा सर्कल सुपरवाइजर मनीषा यादव ने गांवो में जाकर राशन वितरण के साथ-साथ लोगों से यह अपील भी कि है कि वे आने वाली 14 अप्रैल तक अपने घरों में रहे तथा माननीय प्रधान मंत्री की बात का सम्मान करते हुए घरों से बहार न निकले। मनीषा यादव ने लोगों से यह भी अपील की है कि कोरोना से डरना नही बल्कि इससे लडऩा है और इसको हराना है तथा भारत को विजय बनाना है।
फोटो कैप्शन 4: घर घर सूखा सामान वितरित करती आंगनबाड़ी वर्कर।

Monday, March 30, 2020

 दिहाड़ीदार मजदूरों को किसी भी प्रकार से परेशान नहीं होने दी जाएगा- पुलिस कप्तान
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कनीना। दिहाड़ीदार मजदूरों को रहने व खाने-पीने की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, चाहे इसके लिए हमें कितना भी परेशान क्यों न होना पड़े। ये विचार जिला पुलिस कप्तान सुलोचना गजराज नारनौल ने सोमवार कनीना उपमंडल के दर्जन भर गांवों व कस्बों के नाकों के निरीक्षण के दौरान व्यक्त किए।
इस अवसर पर उन्होंने संबधित विभाग के कर्मचारियों एवं जूनियर अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि आज देश में एक कोरोना नामक महामारी के दौर से गुजर रहा है इस लिए हमारे इस क्षेत्र में तथा दूसरे जिलों से आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों के पलायन को रोकना है और उनके खाने-पीने तथा ठहरने की सभी सुविधाएं प्रदान करनी है।           वही कनीना थाना प्रभारी विकास कुमार ने पुलिस कप्तान को बताया कि जो मजदूर लोग रात-बिरात को आते है उनको ठहरने के स्थान तक ले जाने के लिए हमें गाड़ी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि दिहाड़ीदार मजदूरों को बिना किसी कठिनाई के कस्बे में बनाए गए होम सेंटरों पर छोड़ा जा सके। जिला पुलिस कप्तान ने कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह के साथ भी इस समस्या को लेकर बातचीत कर उनको पुलिस के लिए बस उपलब्ध कराने की बात कहीं वही कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह ने भी जिला पुलिस कप्तान को चार बसे उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। वही उपमंडल अधिकारी ने कस्बे में बनाए दो आवास सेंटरों में आई लेबर के मेडिकल परीक्षण के लिए डाक्टरों की ड्यूटी भी लगाई है। वही थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि पुलिस कप्तान के निर्देशानुसार कस्बे के चारों और पुलिस के नाके लगाए है ताकि दिन व रात को आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों का पलायन रोका जा सके और उनको रहने व खाने की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाया जा सके।
फोटो कैप्शन 3: एसपी नारनौल सुलोचना गजराज अधिकारियों से बात करते हुए।



जिला उपायुक्त ने श्रमिकों के सेल्टरों का निरीक्षण किया
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कनीना। जिला उपायुक्त नारनौल जगदीश शर्मा ने कनीना में श्रमिकों के लिए की जाने वाली भोजन व्यवस्था उनके सेल्टर हाउसों का निरीक्षण किया। अधिकारियों से बातचीत की तथा उन्हें आदेश दिया कि किसी प्रकार भी श्रमिकों को कोई समस्या नहीं आने पाए।
  उन्होंने कनीना की आरएस वाटिका का दौरा किया वहां उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं की जानकारी हासिल की। यहां पर श्रमिकों को ठहरने तथा उनके भोजन की व्यवस्था की गई है। उल्लेखनीय है कि कनीना कस्बे में दूसरे प्रांतों से आने वाले तथा इधर से गुजरने वाले लोगों के लिए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में आश्रय के लिए तथा भोजन के लिए नगरपालिका व्यवस्था की गई है वहीं आरएस वाटिका में भी और रहने की व्यवस्था की गई है। जिला उपायुक्त ने रणवीर सिंह के साथ इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा की तथा सभी सुविधाओं का आवास का जायजा लिया और अपना संतोष व्यक्त किया।
आसपास करीब 800 श्रमिक झुग्गी झोपडिय़ों श्रमिक में ठहरे हुए हैं। जिनमें से कुछ एमपी, यूपी, राजस्थान तथा गाउिय़ा लोहार ठहरे हुए हैं।
जिला उपायुक्त ने सेल्टरों का दौरा कर संतोष व्यक्त किया और आरएस वाटिका कैी  इस अवसर पर एसडीएम कनीना रणवीर बेहतर व्यवस्था पर संतोष जताया। एसएचओ विकास रोहिल्ला तथा विभिन्न अधिकारी मौजूद थे।
 फोटो कैप्शन 5:  आरएस वाटिका में एसडीएम कनीना जिला उपायुक्त से चर्चा करते हुए।


कभी हलआ और फल लाया करो

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कनीना। कभी हलआ और फल लाया करो। यह कहना कनीना के आस पास गाडिय़ा लोहारों का है। उनकी आशाएं भी बढ़ती ही जा रही हैं।
 दिहाड़ीदार मजदूरों और इधर से गुजरने वाले एमपी, बिहार,यूपी, राजस्थान तथा अन्य प्रांतों के श्रमिकों को जहां बेहतरीन भोजन तथा आवास की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है वहीं को बेहतरीन ढंग से बिठाकर खाना खिलाया जा रहा है। इतना होते हुए भी बहुत से मजदूर इधर उधर से निकल जाते हैं और वह खाना खाने से भी मना कर जाते हैं। कनीना क्षेत्र में करीब 800 के करीब मजदूर झुग्गी झोपडिय़ों में तथा इधर-उधर रह रहे हैं उनके पास इस वक्त खाने पीने की सुविधा नहीं उनका सभी कारोबार ठप हो गए है किंतु अब इन दिहाड़ीदारों तथा झुग्गी झोपडिय़ों के अतिरिक्त गाडिय़ां लोहारों की आशाएं भी बढ़ गई है। खाना परोसने जाने वाले मनोज कुमार,दिनेश कुमार मनोज गुप्ता आदि ने बताया कि वे मानवता के नाते सुबह जहां नाश्ता प्रदान करने उनके आवास पर ही जाते हैं वहीं भोजन उपलब्ध करवाते हैं।
 दूसरी ओर नगरपालिका में प्रधान सतीश जेलदार, उपप्रधान अशोक ठेकेदार, पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा, सचिव राजाराम, लेखाकार शिवचरण शर्मा, एमई चमनलाल आदि दिन-रात श्रमिकों की सेवा में जुटे हुए हैं। रविवार एवं अवकाश के दिनों में स्वयं खाना बनाकर और अपने हाथों से खिला रहे हैं किंतु अब उनकी आशय भी बढ़ गई है और झुग्गी झोपडिय़ों में रहने वाले तथा गाडिय़ां लोहारों ने मान लिया है कि सरकार उनके लिए यह बेहतरीन खाना उपलब्ध करवा रही है। इसलिए गाडिय़ां लोहारों एवं श्रमिकों के पास खाना खिलाने गए लोगों को अनेकों उल्हाने सुनने को मिलने लगे हैं। जिन्हें वे हंसकर अपना फर्ज निभाना समझकर टाल देते हैं।
खाना खिलाने उनके आवास पर गए सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि गाडिय़ां लोहारों में एक महिला ने कहा कि कल हमारे लिए हलवा लेकर आना, सरकार बढिय़ा बढिय़ा खो का प्रबंध कर रही है, वही दूसरे एक व्यक्ति ने कहा कि कल खाना कम पका हुआ था अच्छी प्रकार पकवा कर लाया करो। जब यह खाना खिलाने जाते हैं तो जाते ही पूछते हैं कि आज क्या खाना लेकर आए? सब्जी पूरी का नाम लेते हैं तो उनका उत्तर होता है कि सब्जी पूरी खा-खाकर तंग आ गए कभी हलवा पूड़ी भी लाया करो।  यहां तक कि एक महिला ने तो खाना खिलाने वालों से कहा कि मेरा व्रत चल रहा है फल लेकर आया करें।
उल्लेखनीय है कि खाना खिलाने का प्रबंध कनीना क्षेत्र के विभिन्न संस्थाएं, सामाजिक संस्थाएं तथा सामाजिक कार्यकर्ता कर रहे हैं वहीं अब कुछ मजदूरों के नखरे भी बढऩे लगे हैं।
उधर कनीना के पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि वे रोजाना अदल बदल कर खाना बनाकर लोगों को खिलाते। जिनमें कभी कभी तो कभी सब्जी पूरी कभी दाल रोटी तो कभी अन्य सामग्री खिलाई जा रही है। उन्होंने बताया कि आसपास के लोग भी खाने में सहयोग कर रहे हैं ताकि इन लोगों के लिए बेहतरीन खाना खिलाया जा सके और किसी प्रकार की असुविधा महसूस न हो। उन्होंने बताया प्रतिदिन दो हजार के करीब मजदूर सुबह और शाम खाना खा लेते हैं। उनके ठहरने की व्यवस्था की गई है।
 फोटो कैप्शन 6: मजदूरों को नगर पालिका कार्यालय में खाना खिलाते अधिकारी।




नंबरदार देंगे एक माह का मानदेय कोरोना राहत कोष में 

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कनीना। नंबरदार एसोसिएशन जिला महेंद्रगढ़ ने कनीना में आए जिला उपायुक्त नारनौल जगदीश शर्मा तथा एसडीएम रणवीर सिंह से मिलकर अपना एक महीना का मानदेय हरियाणा कोरोनावायरस देने का निश्चय किया।
       इससे पहले सभी नंबरदारों ने मिलकर एक दूसरे से चर्चा की और आखिरकार उन्होंने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि इस विषम परिस्थिति में तथा जब जग वैश्विक समस्या से जूझ रहा है, में जी खोलकर दान दिया जाए। ऐसे में जिला महेंद्रगढ़ के सभी नंबरदार अपना-अपना एक-एक माह का मानदेय कोरोना रिलीफ फंड में देंगे। इस संबंध में मानदेय राहत कोष देने संबंधित एक पत्र जिला उपायुक्त नारनौल को सौंपा।
   इस अवसर पर वेद प्रकाश नंबरदार रामबास ने बताया कि उन्हें प्रतिमाह 3000 मानदेय मिलता है और पूरे जिला में 1450 नंबरदार हैं। सभी स्वेच्छा से मानदेय राहत कोष में दे रहे हैं।
इस मौके पर जगदेव सिंह प्रधान जिला महेंद्रगढ़, दयानंद नंबरदार जिला सचिव गोमली, तहसील प्रधान वेद प्रकाश नंबरदार, ताराचंद नंबरदार उपप्रधान,  राकेश तहसील प्रधान, नरेंद्र नंबरदार आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 7: जिला उपायुक्त नारनौल को पत्र सौंपकर अपने 1 माह का वेतन राहत कोष में देते वेद प्रकाश नंबरदार।


दिहाड़ीदार मजदूरों को किसी भी प्रकार से परेशान नहीं होने दी जाएगा- पुलिस कप्तान

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कनीना। दिहाड़ीदार मजदूरों को रहने व खाने-पीने की कोई समस्या नहीं होनी चाहिए, चाहे इसके लिए हमें कितना भी परेशान क्यों न होना पड़े। ये विचार जिला पुलिस कप्तान सुलोचना गजराज नारनौल ने सोमवार कनीना उपमंडल के दर्जन भर गांवों व कस्बों के नाकों के निरीक्षण के दौरान व्यक्त किए।
इस अवसर पर उन्होंने संबधित विभाग के कर्मचारियों एवं जूनियर अधिकारियों को निर्देश भी दिया कि आज देश में एक कोरोना नामक महामारी के दौर से गुजर रहा है इस लिए हमारे इस क्षेत्र में तथा दूसरे जिलों से आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों के पलायन को रोकना है और उनके खाने-पीने तथा ठहरने की सभी सुविधाएं प्रदान करनी है।           वही कनीना थाना प्रभारी विकास कुमार ने पुलिस कप्तान को बताया कि जो मजदूर लोग रात-बिरात को आते है उनको ठहरने के स्थान तक ले जाने के लिए हमें गाड़ी की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाए ताकि दिहाड़ीदार मजदूरों को बिना किसी कठिनाई के कस्बे में बनाए गए होम सेंटरों पर छोड़ा जा सके। जिला पुलिस कप्तान ने कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह के साथ भी इस समस्या को लेकर बातचीत कर उनको पुलिस के लिए बस उपलब्ध कराने की बात कहीं वही कनीना उपमंडल अधिकारी रणबीर सिंह ने भी जिला पुलिस कप्तान को चार बसे उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। वही उपमंडल अधिकारी ने कस्बे में बनाए दो आवास सेंटरों में आई लेबर के मेडिकल परीक्षण के लिए डाक्टरों की ड्यूटी भी लगाई है। वही थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि पुलिस कप्तान के निर्देशानुसार कस्बे के चारों और पुलिस के नाके लगाए है ताकि दिन व रात को आने वाले दिहाड़ीदार मजदूरों का पलायन रोका जा सके और उनको रहने व खाने की व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाया जा सके।
फोटो कैप्शन 3: एसपी नारनौल सुलोचना गजराज अधिकारियों से बात करते हुए।

कनीना उपमंडल के विभिन्न
गांवों में किया राशन वितरित
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कनीना। महिला एवं बाल विकास विभाग ने भी लोकडाउन को सफल बनाने के लिए गर्भवती महिलाओं,दूध पिलाने वाली महिलाओं तथा छोटे बच्चों को उनके घर में ही राशन देने की कवायद शुरू कर दी है।
मिली जानकारी अनुसार पहले तो 31 मार्च तक पहुंचाने के निर्देश दिए थे लेकिन अब नए आदेश के तहत आगामी 30 अप्रैल तक आंगनबाडिय़ों में लाभ पात्रों को दिए जाने वाले पोषक आहार को डोर टू डोर दिए जाने के आदेश की पालना करने के निर्देश भी जारी किए है तथा इसमें कोताही करने वाले कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वही कनीना की सीडीपीओ सीमा ग्रोवर के आदेशानुसार खंड के गांव मोहनपुर, नांगल, कोका, इसराना, चेलावास, गुढ़ा, उन्हाणी, रसूलपुर तथा गाहड़ा आदि गांवों में कनीना द्वितीय की सर्कल सुपरवाइजर मनीषा यादव ने स्वयं सभी आंगनवाड़ी केन्द्रो पर जाकर डोर टू डोर राशन वितरित कराया तथा सर्कल सुपरवाइजर मनीषा यादव ने गांवो में जाकर राशन वितरण के साथ-साथ लोगों से यह अपील भी कि है कि वे आने वाली 14 अप्रैल तक अपने घरों में रहे तथा माननीय प्रधान मंत्री की बात का सम्मान करते हुए घरों से बहार न निकले। मनीषा यादव ने लोगों से यह भी अपील की है कि कोरोना से डरना नही बल्कि इससे लडऩा है और इसको हराना है तथा भारत को विजय बनाना है।
फोटो कैप्शन 4: घर घर सूखा सामान वितरित करती आंगनबाड़ी वर्कर।


अस्त व्यस्त हो गई है दिनचर्या

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 कनीना। कनीना के एएडीएम रणबीर सिंह ने बताया कि उनकी दिनचर्या पूर्णता अस्त-व्यस्त हो गई है। अब तो जनसेवा में पूरी पूरी रात बीत जाती जाती है। महज कभी कभार एक-दो घंटे ही सो पाते हैं। पहले शाम 5 बजे कार्यालय से अक्सर फ्री हो जाते थे और बैडमिंटन खेलने के अतिरिक्त इधर-उधर घूमते थे परंतु अब वह कार्य भी पूर्णता बंद हो चुका है। इस वक्त केवल जनसेवा नजर आती है, न कोई एक्सरसाइज कर पाते हैं और न ही कोई अन्य कार्य भली-भांति हो पाता है। महज कोरोनावायरस के चलते जन सेवा में ही पूरी पूरी घूमना पड़ रहा है। रणवीर सिंह एसडीएम कनीना


लोकडाउन को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने कसी कमर 

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 कनीना। प्रतिदिन लोग सड़कों पर पैदल घूमते रहते हैं जो जिससे लॉकडाउन का उल्लंघन हो रहा है। इन हालातों को सख्ती से निपटने के लिए और कोरोनावायरस के भयंकर रूप को ध्यान में रखते हुए एसडीएम कनीना रणबीर सिंह ने गांवों और कस्बे की निगरानी के लिए सुपरवाइजर एवं नोडल अधिकारी नियुक्त किए हैं ताकि वे ग्रामीण क्षेत्रों में कोई पैदल घूमता हो तो  उनको जाने से रोकेगा वही पैदल चलने वाले लोगों के ठहरने व खाने की व्यवस्था ग्राम पंचायत से मिलकर करेंगे।
 मिली जानकारी अनुसार देशबंधु खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी कनीना के तहत मोड़ी, गोमला, गोमला, भोजावास, झीगावन, रामबास पड़तल, मानपुरा, ढाणा,  बेवल,खैराना, सुंदराह, नांगल, कोका, रसूलपुर, कपूरी की जिम्मेदारी दी है। प्रत्येक गांव में प्राध्यापक, पटवारी या ग्राम सचिव आदि की तैनाती भी उनके साथ बतौर नोडल अधिकारी लगाई गई है।
 उधर अभयराम खंड शिक्षा अधिकारी कनीना सुपरवाइजर के तहत ककराला, इसराना, मोहनपुर, भडफ़, कोटिया, करीरा, दोंगड़ा अहीर, दौंगड़ा जाट, कलवाड़ी मुंडियाखेड़ा, कनीना,गाहड़ा,धनौंदा, खरकड़ाबास झाड़ली लगाए गए हैं। उधर अमित कुमार यादव नायब तहसीलदार सुपरवाइजर के तहत सीहोर, छीतरौली, बाघोत, चेलावास, गुढ़ा, कैमला, पाथेड़ा, खेड़ी, अगिहार, सेहलंग, तलवाना, स्याणा, पोता एवं नौताना गांव रखे गए हैं। इस संबंध में वे रिपोर्ट संबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत करेंगे।




कनीना पालिका ने दूसरी बार कीटनाशी दवा छिड़कवाई

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कनीना। नगर पालिका प्रशासन त्वरित गति से कोरोना से लडऩे के लिए कार्रवाई में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में दूसरी बार कीटों को मारने के लिए दवा का छिड़काव किया।
नगर पालिका प्रतिदिन सफाई कर्मियों की मदद से पूरे कस्बे की नियमित सफाई कर रही है वहीं विगत दिनों फागिंग भी करवाई गई थी। विगत बुधवार को श्रार कनीना नगरपालिका की ओर से कीटनाशक दवाई छिड़कवाई थी।
 जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार एवं लेखाकार शिवचरण शर्मा ने बताया कि 20 लीटर ब्लीचिंग तरल मंगवाया गया है जिसे 500 लीटर में पानी की टंकी में 250 ग्राम डालकर ट्रेक्टरों द्वारा रेलवे स्टेशन से अटेली मार्ग तथा विभिन्न स्थानों पर छिड़कवाया है। यह कार्रवाई करीब एक सप्ताह पहले की गई थी और रविवार को पुन: की है।  उन्होंने कहा कि इससे कीट विशेषकर मक्खी तथा मच्छर उत्पन्न नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि लोगों को मुनादी करवा जागरूक कर रहे हैं। प्रवासियों, असहयों, श्रमिकों के लिए कनीना पालिका में खाने का प्रबंध किया गया है वहीं पुलिस चौकी में भी यहां से खाना भेजकर गुजरने वाले लोगों को खिला रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस महामारी के समय आप अपना पूरा सहयोग दे, घरों से बाहर न आए तथा हाथों को बार-बार साफ करें। जो ऐतिहात बताई गई हैं उनका पालन जरूर करें।
 फोटो कैप्शन 1: ट्रैक्टर द्वारा कीटनाशी का स्प्रे करते हुए नगर पालिका कर्मचारी।

गांव गाहड़ा ,ककराला को किया गया सैनिटाइज 

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कनीना। गाहड़ा ग्राम पंचायत त्वरित गति से कोरोना से लडऩे के लिए कार्यवाही में जुटा हुआ है। गाहड़ा ग्राम पंचायत के माध्यम से कीटनाशक दवाई छिड़कवाई गई है। गाहड़ा गांव के सरपंच राजू इंदौरा ने जानकारी देते हुए बताया कि 200 ग्राम कीटनाशक को 500 लीटर पानी की टंकी में  डालकर ट्रेक्टर द्वारा गांव के मंदिर से गांव की सभी छोटी बड़ी गलियों में से होते हुए गांव के चारों तरफ इस कीटनाशक का छिड़काव किया गया है। उसके बाद हरिजन बस्ती, बीपीएल कालोनी, घासेडिय़ा की ढाणी, उमराव की ढाणी तथा विभिन्न स्थानों पर छिड़कवाया है।
गांव में कुछ युवाओं ने  एक ग्रुप बनाया हुआ हैं को कोरोना की जानकारी दे रहा है । उधर कनीना खंड के गांव ककराला में कृष्ण कुमार सरपंच ने बताया कि उन्होंने पूरे गांव को सेनिटाइज कर एक सौ मास्क बांटे हैं। वे लोगों को लगातार जागरूक कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 2: गाहड़ा में दवा का छिड़काव करते हुए।


आनलाइन टीचिंग शुरू की

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 कनीना। करोना में स्कूल बंदी के चलते जीआर इंटरनेशनल स्कूल ने आनलाइन टींचिग के माध्यम से घर बैठे शिक्षण शुरू करा दिया है।
देश भर में लॉकडाउन के चलते शिक्षण संस्थाओ के बंद हो जाने के कारण विद्यार्थी एवं अभिभावक वर्तमान सत्र में पढ़ाई लिखाई को लेकर चिंतित है। जहां एक और देशभर में होनहारों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी शिक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो गया है, वही स्कूलों के वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर भी डगमगा गया है।
विद्यालय के संचालक विजयपाल यादव जी ने बताया की लाकडाउन के इस खतरे को भांपते हुए विद्यालय के अनुभवी प्राचार्य दीपक वशिष्ठ के नेतृत्व में विद्यालय की कुशल अध्यापक टीम ने पहले ही एक ई-शिक्षा कार्ययोजना तैयार कर ली है जिस पर काम शुरू कर दिया गया है।
इसके अंतर्गत विद्यालय द्वारा एक एप्प पर एक हजार के लगभग विद्यार्थियों को जोड़ा गया है, जो प्रतिदिन सुबह 9:30 से 1:30 दोहपर तक विभिन्न विषयों की आनलाइन माध्यम से पढ़ाई करते है। अध्यापक निर्धारित समय में, प्रतिदिन होम असाइनमेंट भेजते है एवं जरूरत पडऩे पर फीडबैक लेते हैं।
साथ ही प्राइमरी क्लास में आक्सफोर्ड पब्लिशिंग कंपनी के माध्यम से डिजिटल सेवाएं, ई-लर्निंग, आनलाइन टीचिंग वीडियो आदि निशुल्क प्रदान की जा रही है।
 स्टाफ ने आनलाइन पढ़ाना शुरू किया-
राजकीय खेड़ी तलवाना स्कूल तथा आसपास विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षण के लिए जयपाल भौतिक शास्त्र प्रवक्ता ने स्कूल वेबसाइट पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवानी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जीएसएसएसखेड़ी तलवाना.इन पर जाकर कोई विद्यार्थी पाठ्य सामग्री पढ़ सकता है तथा घर रहकर अपना शिक्षण कार्य पूर्ण कर सकता है।


झुग्गियों में की खाद्य सामग्री वितरित 

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कनीना। बीएमडी क्लब द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देश लाकडाउन की संवेदनशील स्थिति में बीएमडी सेवा मिशन के तहत सोशल डिस्टन्सिंग का ध्यान रखते हुए कनीना क्षेत्र के आस-पास की झुग्गियों में रहने वाले जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरित कर देश को सहयोगिता का संदेश दिया गया।            क्लब के प्रतिनिधियों चेयरमैन लक्की सीगड़ा ,सचिव इन्द्रजीत शर्मा, सदस्य कृष्ण कुमार व हिमांशु द्वारा खाद्य सामग्री वितरित की गई। चेयरमैन लक्की सीगड़ा ने कहा कि देश मे कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी में चलते सभी का सांझा सहयोग दूसरों के लिए अनमोल साबित हो सकता है। नि:स्वार्थ भावना से समाज के हित के लिए किया गया कार्य ही सच्ची सेवा होती है ।
 उधर श्रीश्याम मित्र मंडल कनीना भी लंगर के जरिये लोगों की सेवा में जुटा हुआ है। करीब एक दर्जन संस्थाएं इस काम में आगे आ रही हैं।


शराब से भरी गाड़ी ने एक व्यक्ति को टक्कर मारकर किया घायल

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कनीना। खंड के गांव तलवाना में शराब से भरी बोलेरो गाड़ी से एक व्यक्ति के घायल होने का मामला प्रकाश में आया है। घायल संजय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह गांव में ही अपने घर जा रहा था कि तभी तेज रफ्तार से आ रही एक बोलेरो गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी जिसमें वह घायल हो गया। जिसके बाद उसे उपचार के लिए कनीना अस्पताल में भेज दिया गया। सरपंच प्रतिनिधि रामनिवास बंसल ने बताया कि बोलेरो चालक घटना के बाद गाड़ी को मौके पर ही छोड़कर भाग गया है। जिसके बारे में पुलिस को सूचना देकर गाड़ी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि घायल के ब्यान पर गाड़ी चालक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गाड़ी को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

कोरोना जैसी आपदा से निपटने के लिए संस्था ने लिया प्रण

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कनीना। पूरा देश कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है ऐसे में हर गरीब परिवार व बाहर से आये हुए दिहाड़ी मजदूर सब असहाय महसूस कर रहे हैं ऐसे में लोगों को अंदर रहने की ओर बाहर न निकलने की हिदायत दी गई है ऐसे हालात में आपकी अपनी सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल जिस दिन से हालात बिगड़े है तब से लेकर जब तक हालात न सुधर जाते हैं ऐसे लोगों को जागरूक करना, खाद्य सामग्री, मेडिकल सुविधा आदि से मदद कर रही हैं जिसमें कनीना व आसपास के झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोग तथा गांवों में आर्थिक तंगी से जूझ रहे परिवारों की मदद कर रहे हैं इस दौरान संस्था अध्यक्ष नवीन कौशिक समाजसेवी ने बताया कि असली सेवा करने का वक्त आ गया है कोई भी इंसान भूखा न रहे इसके लिए पूरी टीम कार्यरत हैं और जो साथी इस सेवा में मदद कर रहे हैं उनका दिल से धन्यवाद किया  ये सब बातें संस्था अध्यक्ष ने आज सहायता करने वाले सभी साथियों को निर्देश दिए इस टीम में गजे सिंह, अजय शर्मा, संजय कौशिक, लेखक चेतन कौशिक, कृष्ण फौजी व योगेश शर्मा दिन रात लोगों की सेवा में प्रयासरत हैं।


नियमों में बंधकर किए जा रहे दाह संस्कार

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 कनीना। जहां पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है वही किसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्सव विवाह शादियां आदि नहीं हो रही है वही सरकारी दायित्व के अनुसार लोग भी इक_े नहीं हो रहे हैं। इन परिस्थितियों में भी जब किसी घर में किसी की मृत्यु हो जाती है तो नियमों में बंध कर ही उसका अंतिम संस्कार भी किया जा रहा है। अब मृतक के रिश्तेदारों, यारों और प्यारों को भी नहीं बुलाया जाता। न हीं मातमपुरसी मनाई जाती, रसम पगड़ी के कार्यक्रम भी बंद हो गए हैं तथा 2-4 व्यक्ति पहुंचकर नियमों में बंध कर अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
जहां विगत दिनों ककराला में एक पूर्व पंच चंद्रावली की मृत्यु हुई थी तो उसमें सभी नियमों को बध कर उसका अंतिम संस्कार संस्कार किया गया था। वहीं रविवार को कनीना खंड के गांव रामबास में दो व्यक्तियों की मौत होने पर उनका अंतिम संस्कार भी नियमों में बंधकर तथा दो चार व्यक्तियों ने जाकर ही पूर्ण किया। वेद प्रकाश नंबरदार ने बताया कि उनके गांव रामबास में रामस्वरूप करीब 90 वर्षीय तथा श्योराम 70 वर्षीय व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। जिनके दाह संस्कार गिने-चुने व्यक्ति  पहुंचे और एक एक मीटर फासले पर चलते हुए किया क्रियाकर्म किया गया। किसी प्रकार की सूचना रिश्तेदारों आदि को सूचित किया और नहीं बुलाया। वेद प्रकाश नंबरदार ने बताया कि ये लोग कई दिनों कुछ दिनों से बीमार थे।




Sunday, March 29, 2020

500 मास्क भेंट किए 
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कनीना। कनीना के समाजसेवी मनोज रोहिल्ला ने जिला उपायुक्त जगदीश शर्मा को 500 मास्क भेंट किए ताकि लोगों को वितरित करके कोरोनावायरस से बचा जा सके।
 मनोज कुमार ने यहां बताया कि उन्होंने अब तक तीन हजार के करीब मास्क लोगों को वितरित कर दिए हैं। उनकी इच्छा है कि भविष्य में भी वे इस प्रकार मास्क बांटते रहे ताकि लोगों की जिंदगी सुरक्षित रहें। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वे घरों में रहे,  बाहर न निकलने का प्रयास करें। उन्होंने कहा कि बार बार हाथों को साबुन से धोए ताकि रोगाणु नष्ट हो जाए।



कनीना पालिका ने दूसरी बार कीटनाशी दवा छिड़कवाई
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कनीना। नगर पालिका प्रशासन त्वरित गति से कोरोना से लडऩे के लिए कार्रवाई में जुटा हुआ है। इसी कड़ी में दूसरी बार कीटों को मारने के लिए दवा का छिड़काव किया। पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि सोमवार को कस्बा कनीना सेनिटाइज किया जाएगा।
नगर पालिका प्रतिदिन सफाई कर्मियों की मदद से पूरे कस्बे की नियमित सफाई कर रही है वहीं विगत दिनों फागिंग भी करवाई गई थी। विगत बुधवार को श्रार कनीना नगरपालिका की ओर से कीटनाशक दवाई छिड़कवाई थी।
 जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार एवं लेखाकार शिवचरण शर्मा ने बताया कि 20 लीटर ब्लीचिंग तरल मंगवाया गया है जिसे 500 लीटर में पानी की टंकी में 250 ग्राम डालकर ट्रेक्टरों द्वारा रेलवे स्टेशन से अटेली मार्ग तथा विभिन्न स्थानों पर छिड़कवाया है। यह कार्रवाई करीब एक सप्ताह पहले की गई थी और रविवार को पुन: की है।  उन्होंने कहा कि इससे कीट विशेषकर मक्खी तथा मच्छर उत्पन्न नहीं होंगे।
उन्होंने बताया कि लोगों को मुनादी करवा जागरूक कर रहे हैं। प्रवासियों, असहयों, श्रमिकों के लिए कनीना पालिका में खाने का प्रबंध किया गया है वहीं पुलिस चौकी में भी यहां से खाना भेजकर गुजरने वाले लोगों को खिला रहे हैं। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस महामारी के समय आप अपना पूरा सहयोग दे, घरों से बाहर न आए तथा हाथों को बार-बार साफ करें। जो ऐतिहात बताई गई हैं उनका पालन जरूर करें।
 फोटो कैप्शन 4: ट्रैक्टर द्वारा कीटनाशी का स्प्रे करते हुए नगर पालिका कर्मचारी।


गांव गाहड़ा ,ककराला को किया गया सैनिटाइज 
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कनीना। गाहड़ा ग्राम पंचायत त्वरित गति से कोरोना से लडऩे के लिए कार्यवाही में जुटा हुआ है। गाहड़ा ग्राम पंचायत के माध्यम से कीटनाशक दवाई छिड़कवाई गई है। गाहड़ा गांव के सरपंच राजू इंदौरा ने जानकारी देते हुए बताया कि 200 ग्राम कीटनाशक को 500 लीटर पानी की टंकी में  डालकर ट्रेक्टर द्वारा गांव के मंदिर से गांव की सभी छोटी बड़ी गलियों में से होते हुए गांव के चारों तरफ इस कीटनाशक का छिड़काव किया गया है। उसके बाद हरिजन बस्ती, बीपीएल कालोनी, घासेडिय़ा की ढाणी, उमराव की ढाणी तथा विभिन्न स्थानों पर छिड़कवाया है।
गांव में कुछ युवाओं ने  एक ग्रुप बनाया हुआ हैं को कोरोना की जानकारी दे रहा है । उधर कनीना खंड के गांव ककराला में कृष्ण कुमार सरपंच ने बताया कि उन्होंने पूरे गांव को सेनिटाइज कर एक सौ मास्क बांटे हैं। वे लोगों को लगातार जागरूक कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन 5: गाहड़ा में दवा का छिड़काव करते हुए।


आनलाइन टीचिंग शुरू की
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 कनीना। करोना में स्कूल बंदी के चलते जीआर इंटरनेशनल स्कूल ने आनलाइन टींचिग के माध्यम से घर बैठे शिक्षण शुरू करा दिया है।
देश भर में लॉकडाउन के चलते शिक्षण संस्थाओ के बंद हो जाने के कारण विद्यार्थी एवं अभिभावक वर्तमान सत्र में पढ़ाई लिखाई को लेकर चिंतित है। जहां एक और देशभर में होनहारों के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनकी शिक्षा को भी खतरा उत्पन्न हो गया है, वही स्कूलों के वार्षिक शैक्षणिक कैलेंडर भी डगमगा गया है।
विद्यालय के संचालक विजयपाल यादव जी ने बताया की लाकडाउन के इस खतरे को भांपते हुए विद्यालय के अनुभवी प्राचार्य दीपक वशिष्ठ के नेतृत्व में विद्यालय की कुशल अध्यापक टीम ने पहले ही एक ई-शिक्षा कार्ययोजना तैयार कर ली है जिस पर काम शुरू कर दिया गया है।
इसके अंतर्गत विद्यालय द्वारा एक एप्प पर एक हजार के लगभग विद्यार्थियों को जोड़ा गया है, जो प्रतिदिन सुबह 9:30 से 1:30 दोहपर तक विभिन्न विषयों की आनलाइन माध्यम से पढ़ाई करते है। अध्यापक निर्धारित समय में, प्रतिदिन होम असाइनमेंट भेजते है एवं जरूरत पडऩे पर फीडबैक लेते हैं।
साथ ही प्राइमरी क्लास में आक्सफोर्ड पब्लिशिंग कंपनी के माध्यम से डिजिटल सेवाएं, ई-लर्निंग, आनलाइन टीचिंग वीडियो आदि निशुल्क प्रदान की जा रही है।


झुग्गियों में की खाद्य सामग्री वितरित 
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कनीना। बीएमडी क्लब द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते देश लाकडाउन की संवेदनशील स्थिति में बीएमडी सेवा मिशन के तहत सोशल डिस्टन्सिंग का ध्यान रखते हुए कनीना क्षेत्र के आस-पास की झुग्गियों में रहने वाले जरूरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरित कर देश को सहयोगिता का संदेश दिया गया।   
         क्लब के प्रतिनिधियों चेयरमैन लक्की सीगड़ा ,सचिव इन्द्रजीत शर्मा, सदस्य कृष्ण कुमार व हिमांशु द्वारा खाद्य सामग्री वितरित की गई। चेयरमैन लक्की सीगड़ा ने कहा कि देश मे कोरोना वायरस जैसी वैश्विक महामारी में चलते सभी का सांझा सहयोग दूसरों के लिए अनमोल साबित हो सकता है। नि:स्वार्थ भावना से समाज के हित के लिए किया गया कार्य ही सच्ची सेवा होती है ।
 उधर श्रीश्याम मित्र मंडल कनीना भी लंगर के जरिये लोगों की सेवा में जुटा हुआ है। करीब एक दर्जन संस्थाएं इस काम में आगे आ रही हैं।
 
शराब से भरी गाड़ी ने एक व्यक्ति को टक्कर मारकर किया घायल
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कनीना। खंड के गांव तलवाना में शराब से भरी बोलेरो गाड़ी से एक व्यक्ति के घायल होने का मामला प्रकाश में आया है। घायल संजय ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि वह गांव में ही अपने घर जा रहा था कि तभी तेज रफ्तार से आ रही एक बोलेरो गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी जिसमें वह घायल हो गया। जिसके बाद उसे उपचार के लिए कनीना अस्पताल में भेज दिया गया। सरपंच प्रतिनिधि रामनिवास बंसल ने बताया कि बोलेरो चालक घटना के बाद गाड़ी को मौके पर ही छोड़कर भाग गया है। जिसके बारे में पुलिस को सूचना देकर गाड़ी को पुलिस के हवाले कर दिया गया है। थाना प्रभारी विकास कुमार ने बताया कि घायल के ब्यान पर गाड़ी चालक के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर गाड़ी को कब्जे में लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है।

बे-जुबानों को बचाने के लिए प्रतिदिन खिला रहे हैं केले
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 कनीना। पूरा संसार जहां कोरोना की चपेट में है जगह-जगह गरीबों एवं मजदूरों के खाने पीने के लिए व्यवस्था की जा रही है। आवागमन के साधन बंद है और दिहाड़ी नहीं मिल रही है किंतु कस्बा कनीना के दो युवा बेजुबान प्राणियों को बचाने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। कनीना के महेश बोहरा और मोहन पार्षद का कहना है कि बंदरों की औ
ओर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए। ये बे-जुबान जानवर है। इनको भी खाना देना चाहिए। यही कारण है कि वे विगत कुछ दिनों से बव्वा,बहाला या फिर अपने घर पर जहां कईही बंदर नजर आते हैं तो उनके लिए केले उपलब्ध करवा रहे हैं। उनका कहना है कि यह बहुत बड़ा पुण्य का कार्य ।
फीस न वसूलने का आदेश----
महानिदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला ने सभी स्कूलों निजी स्कूलों में स्कूल खुलने तक किसी प्रकार की फीस नहीं लेने पर रोक लगाई है। उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि लॉकडाउन चल रहा है। इस समय  अभिभावकों से कोई फीस स्कूल खुलने के बाद ही तथा स्थिति सामान्य होने पर ही फीस लेने का आदेश दिया है।
हवन के जरिए कोरोना से छुटकारा पाने की प्रार्थना----
 धनौंदा में समाजसेविका पुष्पा परमार की प्रथम पुण्यतिथि पर हवन करते हुए पूरे देश में कोरोनावायरस वायरस से छुटकारा पाने की प्रभु से अपील की। जहां उन्होंने जहां ठाकुर अतरलाल और उनके परिवार में पुष्पा परमार को हवन के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की वहीं प्रभु से प्रार्थना की कि कोरोनावायरस के रोग से छुटकारा दिलाया जाए।
बाधित पटाई दौरान घर पर ऑनलाइन पढ़े--
 लॉकडाउन के चलते स्कूल शिक्षण संस्थाएं बंद है। पढ़ाई बाधित हो गई है वहीं कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम ने कहा है भिभावकों से अपील की है कि नियमित अपने विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रखें। ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई पूर्ण करवाने का प्रयास करे ताकि किसी प्रकार इस लॉकडाउन की अवधि की बाधित पढ़ाई पूरी हो सके। पूरे प्रदेश में जहां बोर्ड की परीक्षाएं भी बीच अधर में रुक गई है वहीं गृह परीक्षाएं भी नहीं हो पाई है। ऐसे में अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने का समय आ गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने उन साइटस की सूची भी जारी की है जहां से विद्यार्थी को आनलाइन पढ़ाई पूरी करने का अवसर मिल सके।
स्टाफ ने आनलाइन पढ़ाना शुरू किया-
राजकीय खेड़ी तलवाना स्कूल तथा आसपास विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षण के लिए जयपाल भौतिक शास्त्र प्रवक्ता ने स्कूल वेबसाइट पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवानी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जीएसएसएसखेड़ी तलवाना.इन पर जाकर कोई विद्यार्थी पाठ्य सामग्री पढ़ सकता है तथा घर रहकर अपना शिक्षण कार्य पूर्ण कर सकता है।
किसान जुटेे तेजी से लावणी में-----
 में विगत तीन-चार दिनों से मौसम खराब रहने के बाद मौसम साफ हो गया है जिसके चलते किसान एक बार फिर से त्वरित गति से सरसों कटाई में लग गए हैं। हजारों मजदूर दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं जो सरसों कटाई के बाद गेहूं की कटाई भी करेंगे। किसान त्वरित गति से इस कार्य को अंजाम देंगे वहीं प्रदेश सरकार ने गेहूं एवं सरसों की खरीद 15 अप्रैल से शुरू करने की बात कही है।
फोटो कैप्शन 01: बंदरों को केले खिालाते मोहन पार्षद
             02: खेतों में लावणी में जुटे किसान।


श्रमिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ,स्कूलों में किए जाए खाने एवं ठहरने के प्रबंध
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 कनीना। एक और जहां प्रदेश सरकार श्रमिकों और गरीब दिहाड़ीदारों के खाने के लिए प्रबंध करने के आदेश दे रही है वहीं गांव में भी सामाजिक लोग सहायतार्थ सामने आने लगे हैं ताकि गरीब, बेसहारों का सहारा बन सके।
चूंकि व्यापक प्रबंध न होने के कारण भारत विकास परिषद के अध्यक्ष कंवरसेन वशिष्ठ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सभी सरकारी स्कूलों में खाने और ठहरने का व्यापक प्रबंध किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में जहां मिड डे मील का राशन भी उपलब्ध है वही मिड डे मील वर्कर भी कार्यरत है। यदि मिड डे मील वर्कर को काम मिलेगा तो उनसे कि रोटी रोजी भी चल पाएगी वहीं सरकारी स्कूलों में ठहरने के भी व्यापक प्रबंध संभव है क्योंकि प्रत्येक विद्यालय में अनेकों कमरों की व्यवस्था होती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब सभी सरकारी स्कूलों में श्रमिकों, बेरोजगार, असहायों के लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था करवाई जाए जिससे इन श्रमिकों का पलायन रुक सकेगा।  
        उन्होंने कहा कि भारी संख्या में बेरोजगार दूसरे प्रदेशों से लावणी के यहां आए हुए हैं जिनके लिए ठहरने की व्यवस्था भी नहीं है। यहां तक की लावणी करवाने वाले उन्हें अपने घरों में भी नहीं ठहरने दे रहे हैं। या तो वे खंडहरनुमा घरों में ठहरते हैं या फिर दूर खेतों में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। उनके लिए खाने का भी प्रबंध नहीं है। वे अपने वतन को नहीं लौट पा रहे हें क्योंकि आवागमन के साधन भी नहीं हैं। कभी लावणी का काम मिल जाता है या फिर कभी नहीं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इन लोगों के लिए सरकारी स्कूलों में व्यापक प्रबंध कर सकती है क्योंकि सरकारी स्कूल भी इस समय बंद पड़े हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं हो सकेगी। श्रमिकों को ठहरने की व्यवस्था प्राप्त हो सकेगी वहीं खाने का प्रबंध भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बताया कि सरकारी स्कूलों में जहां पेयजल, बाथरूम, कमरे आदि की संपूर्ण व्यवस्था होती है वही रसोईघर भी बने हुए हैं। जहां पर खाने व ठहरने का प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार थोड़ा सा ध्यान दें तो इन स्कूलों में आने वाले कुछ दिनों में श्रमिकों के लिए ठहरने का बेहतरीन प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिनोंदिन भारी संख्या में मजदूर खाने के लिए खेतों से चलकर आते हैं। खाना तो मिल जाता है लेकिन उन्हें ठहरने का कोई विशेष प्रबंध नहीं मिल पाता। सरकार चाहे तो सरकारी स्कूल के कमरों में ठहरने की व्यवस्था कर सकती है जो इन श्रमिकों और गरीब लोगों के लिए बेहतरीन कदम साबित होगा।



पदयात्रा करते हुए सैकड़ों किमी तय कर रहे हैं श्रमिक
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कनीना। भारी संख्या में श्रमिक पैदल लौटकर निज घरों को जा रहे हैं। सड़क, नहर मार्ग के रास्ते या फिर रेलवे लाइन के साथ-साथ इन श्रमिकों की भारी संख्या देखने को मिल सकती । अधिकांश श्रमिक राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश प्रांतों से आए हुए हैं। या तो वे जिन फैक्ट्रियों में काम करते थे वह बंद हो चुकी हैं या लावणी का कार्य नहीं मिल रहा है जिसके चलते उन्हें मजबूरन लौटना पड़ रहा है।
इन श्रमिकों के समक्ष बड़ी मुसीबत यातायात की है। सरकारी या कोई प्राइवेट साधन भी उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि इन परिस्थितियों में उनका लौटना कठिन है परंतु मजबूरी वश वे पैदल यात्रा करने लगे हैं। अधिकांश मजदूर अपना सामान अपने साथ उठाएं लेकर जा रहे हैं जिससे पैदल चलना दूभर हो गया है। मजबूरी है कि उन्हें कोई अपने निजी साधन में भी नहीं बैठाते। एक और कोरोना का डर है वही पुलिस प्रशासन की परेशानी झेलनी पड़ सकती है। यही कारण है कि उनके लिए एकमात्र पैदल चलना ही बचा है। ग्रामीण क्षेत्रों से तो पैदल गुजरना संभव है लेकिन शहरों में पुलिस भी उन्हें रोक रही है।
 धर्म सिंह, भोलू, रामजीवन आदि ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश से आए हैं और अब वापिस अपने वतन को जा रहे हैं क्योंकि जिस फैक्ट्री में काम करते थे वह बंद हो चुकी है। ऐसे लोग दूरदराज, महेंद्रगढ़ चरखी दादरी आदि क्षेत्रों से या ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग कनीना कस्बे से होकर गुजर रहे हैं। कई कई तो कई कई दिनों से खाना भी नहीं खा सके है और पैदल ही गुजर रहे क्योंकि उनके पास पैसे भी नहीं होते। कनीना कस्बे में जहां यहां से गुजर रहे लोगों के लिए व्यापक प्रबंध नगर पालिका, श्रीश्याम मित्र मंडल आदि संस्थाओं ने किए है जिसके चलते उन्हें पुलिस प्रशासन या लोग पकड़कर जबरन खाना खिला रहे हैं ताकि खाना खाकर वे आगे बढ़ सके। ये लोग प्राइवेट साधनों में जाना चाहते हैं परंतु उनके समक्ष एक समस्या पुलिस बन गई है। निजी वाहनों एवं प्राइवेट वाहनों को पुलिस गुजरने नहीं दे रही है। कनीना के मोहन कुमार ने बताया कि प्रतिदिन उन्होंने सैकड़ों लोग ऐसे गुजरते देखे हैं परंतु वे असहाय है क्योंकि वे सिर्फ उनको खाना खिला सकते हैं और खिला कर भेज रहे हैं। महेश बोहरा, अनिल गर्ग, सुशील मित्तल, मोहित इसराना इन लोगों की सेवा करने में जुटे हुए हैं।
फोटो कैप्शन 3: अपने वतन को लौटकर जाते श्रमिक।




नियमों में बंधकर किए जा रहे दाह संस्कार 
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 कनीना। जहां पूरे देश में लॉकडाउन चल रहा है वही किसी प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम उत्सव विवाह शादियां आदि नहीं हो रही है वही सरकारी दायित्व के अनुसार लोग भी इक_े नहीं हो रहे हैं। इन परिस्थितियों में भी जब किसी घर में किसी की मृत्यु हो जाती है तो नियमों में बंध कर ही उसका अंतिम संस्कार भी किया जा रहा है। अब मृतक के रिश्तेदारों, यारों और प्यारों को भी नहीं बुलाया जाता। न हीं मातमपुरसी मनाई जाती, रसम पगड़ी के कार्यक्रम भी बंद हो गए हैं तथा 2-4 व्यक्ति पहुंचकर नियमों में बंध कर अंतिम संस्कार कर रहे हैं।
जहां विगत दिनों ककराला में एक पूर्व पंच चंद्रावली की मृत्यु हुई थी तो उसमें सभी नियमों को बध कर उसका अंतिम संस्कार संस्कार किया गया था। वहीं रविवार को कनीना खंड के गांव रामबास में दो व्यक्तियों की मौत होने पर उनका अंतिम संस्कार भी नियमों में बंधकर तथा दो चार व्यक्तियों ने जाकर ही पूर्ण किया। वेद प्रकाश नंबरदार ने बताया कि उनके गांव रामबास में रामस्वरूप करीब 90 वर्षीय तथा श्योराम 70 वर्षीय व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। जिनके दाह संस्कार गिने-चुने व्यक्ति  पहुंचे और एक एक मीटर फासले पर चलते हुए किया क्रियाकर्म किया गया। किसी प्रकार की सूचना रिश्तेदारों आदि को सूचित किया और नहीं बुलाया। वेद प्रकाश नंबरदार ने बताया कि ये लोग कई दिनों कुछ दिनों से बीमार थे।


अब श्रमिक स्कूलों में रुकेंगे
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कनीना। खंड शिक्षा अधिकारी कनीना ने सभी स्कूल प्राचार्यों और मौलिक मुख्य अध्यापकों को निर्देश दिए है कि औद्योगिक क्षेत्रों से श्रमिक आ रहे हैं जिनके ठहरने, खाने-पीने की व्यवस्था स्कूल में ही की जानी है जिसके मद्देनजर जिला उपायुक्त के निर्देशानुसार सभी स्कूलों में बिजली, पानी एवं टॉयलेट, दरिया अधिकारी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएं। खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम ने बताया कि कोई भी श्रमिक विद्यालय में ठहर सकता है और उनके खाने-पीने और ठहरने का प्रबंध किया जाना सुनिश्चित है।
इस संबंध में उन्होंने बताया कि खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, ग्राम सचिव, प्राचार्य सरपंच आदि की एक कमेटी गठित की गई है।



बे-जुबानों को बचाने के लिए प्रतिदिन खिला रहे हैं केले
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 कनीना। पूरा संसार जहां कोरोना की चपेट में है जगह-जगह गरीबों एवं मजदूरों के खाने पीने के लिए व्यवस्था की जा रही है। आवागमन के साधन बंद है और दिहाड़ी नहीं मिल रही है किंतु कस्बा कनीना के दो युवा बेजुबान प्राणियों को बचाने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। कनीना के महेश बोहरा और मोहन पार्षद का कहना है कि बंदरों की औ
ओर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए। ये बे-जुबान जानवर है। इनको भी खाना देना चाहिए। यही कारण है कि वे विगत कुछ दिनों से बव्वा,बहाला या फिर अपने घर पर जहां कईही बंदर नजर आते हैं तो उनके लिए केले उपलब्ध करवा रहे हैं। उनका कहना है कि यह बहुत बड़ा पुण्य का कार्य ।
फीस न वसूलने का आदेश----
महानिदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला ने सभी स्कूलों निजी स्कूलों में स्कूल खुलने तक किसी प्रकार की फीस नहीं लेने पर रोक लगाई है। उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि लॉकडाउन चल रहा है। इस समय  अभिभावकों से कोई फीस स्कूल खुलने के बाद ही तथा स्थिति सामान्य होने पर ही फीस लेने का आदेश दिया है।
हवन के जरिए कोरोना से छुटकारा पाने की प्रार्थना----
 धनौंदा में समाजसेविका पुष्पा परमार की प्रथम पुण्यतिथि पर हवन करते हुए पूरे देश में कोरोनावायरस वायरस से छुटकारा पाने की प्रभु से अपील की। जहां उन्होंने जहां ठाकुर अतरलाल और उनके परिवार में पुष्पा परमार को हवन के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की वहीं प्रभु से प्रार्थना की कि कोरोनावायरस के रोग से छुटकारा दिलाया जाए।
बाधित पटाई दौरान घर पर ऑनलाइन पढ़े--
 लॉकडाउन के चलते स्कूल शिक्षण संस्थाएं बंद है। पढ़ाई बाधित हो गई है वहीं कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम ने कहा है भिभावकों से अपील की है कि नियमित अपने विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रखें। ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई पूर्ण करवाने का प्रयास करे ताकि किसी प्रकार इस लॉकडाउन की अवधि की बाधित पढ़ाई पूरी हो सके। पूरे प्रदेश में जहां बोर्ड की परीक्षाएं भी बीच अधर में रुक गई है वहीं गृह परीक्षाएं भी नहीं हो पाई है। ऐसे में अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने का समय आ गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने उन साइटस की सूची भी जारी की है जहां से विद्यार्थी को आनलाइन पढ़ाई पूरी करने का अवसर मिल सके।
स्टाफ ने आनलाइन पढ़ाना शुरू किया-
राजकीय खेड़ी तलवाना स्कूल तथा आसपास विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षण के लिए जयपाल भौतिक शास्त्र प्रवक्ता ने स्कूल वेबसाइट पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवानी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जीएसएसएसखेड़ी तलवाना.इन पर जाकर कोई विद्यार्थी पाठ्य सामग्री पढ़ सकता है तथा घर रहकर अपना शिक्षण कार्य पूर्ण कर सकता है।
किसान जुटेे तेजी से लावणी में-----
 में विगत तीन-चार दिनों से मौसम खराब रहने के बाद मौसम साफ हो गया है जिसके चलते किसान एक बार फिर से त्वरित गति से सरसों कटाई में लग गए हैं। हजारों मजदूर दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं जो सरसों कटाई के बाद गेहूं की कटाई भी करेंगे। किसान त्वरित गति से इस कार्य को अंजाम देंगे वहीं प्रदेश सरकार ने गेहूं एवं सरसों की खरीद 15 अप्रैल से शुरू करने की बात कही है।
फोटो कैप्शन 01: बंदरों को केले खिालाते मोहन पार्षद
             02: खेतों में लावणी में जुटे किसान।


श्रमिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ,स्कूलों में किए जाए खाने एवं ठहरने के प्रबंध
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कनीना। एक और जहां प्रदेश सरकार श्रमिकों और गरीब दिहाड़ीदारों के खाने के लिए प्रबंध करने के आदेश दे रही है वहीं गांव में भी सामाजिक लोग सहायतार्थ सामने आने लगे हैं ताकि गरीब, बेसहारों का सहारा बन सके।
चूंकि व्यापक प्रबंध न होने के कारण भारत विकास परिषद के अध्यक्ष कंवरसेन वशिष्ठ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सभी सरकारी स्कूलों में खाने और ठहरने का व्यापक प्रबंध किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में जहां मिड डे मील का राशन भी उपलब्ध है वही मिड डे मील वर्कर भी कार्यरत है। यदि मिड डे मील वर्कर को काम मिलेगा तो उनसे कि रोटी रोजी भी चल पाएगी वहीं सरकारी स्कूलों में ठहरने के भी व्यापक प्रबंध संभव है क्योंकि प्रत्येक विद्यालय में अनेकों कमरों की व्यवस्था होती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब सभी सरकारी स्कूलों में श्रमिकों, बेरोजगार, असहायों के लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था करवाई जाए जिससे इन श्रमिकों का पलायन रुक सकेगा।  
        उन्होंने कहा कि भारी संख्या में बेरोजगार दूसरे प्रदेशों से लावणी के यहां आए हुए हैं जिनके लिए ठहरने की व्यवस्था भी नहीं है। यहां तक की लावणी करवाने वाले उन्हें अपने घरों में भी नहीं ठहरने दे रहे हैं। या तो वे खंडहरनुमा घरों में ठहरते हैं या फिर दूर खेतों में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। उनके लिए खाने का भी प्रबंध नहीं है। वे अपने वतन को नहीं लौट पा रहे हें क्योंकि आवागमन के साधन भी नहीं हैं। कभी लावणी का काम मिल जाता है या फिर कभी नहीं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इन लोगों के लिए सरकारी स्कूलों में व्यापक प्रबंध कर सकती है क्योंकि सरकारी स्कूल भी इस समय बंद पड़े हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं हो सकेगी। श्रमिकों को ठहरने की व्यवस्था प्राप्त हो सकेगी वहीं खाने का प्रबंध भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बताया कि सरकारी स्कूलों में जहां पेयजल, बाथरूम, कमरे आदि की संपूर्ण व्यवस्था होती है वही रसोईघर भी बने हुए हैं। जहां पर खाने व ठहरने का प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार थोड़ा सा ध्यान दें तो इन स्कूलों में आने वाले कुछ दिनों में श्रमिकों के लिए ठहरने का बेहतरीन प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिनोंदिन भारी संख्या में मजदूर खाने के लिए खेतों से चलकर आते हैं। खाना तो मिल जाता है लेकिन उन्हें ठहरने का कोई विशेष प्रबंध नहीं मिल पाता। सरकार चाहे तो सरकारी स्कूल के कमरों में ठहरने की व्यवस्था कर सकती है जो इन श्रमिकों और गरीब लोगों के लिए बेहतरीन कदम साबित होगा।

Saturday, March 28, 2020



पदयात्रा करते हुए सैकड़ों किमी जा रहे हैं श्रमिक
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कनीना। भारी संख्या में श्रमिक पैदल लौटकर निज घरों को जा रहे हैं। सड़क, नहर मार्ग के रास्ते या फिर रेलवे लाइन के साथ-साथ इन श्रमिकों की भारी संख्या देखने को मिल सकती । अधिकांश श्रमिक राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश प्रांतों से आए हुए हैं। या तो वे जिन फैक्ट्रियों में काम करते थे वह बंद हो चुकी हैं या लावणी का कार्य नहीं मिल रहा है जिसके चलते उन्हें मजबूरन लौटना पड़ रहा है।
इन श्रमिकों के समक्ष बड़ी मुसीबत यातायात की है। सरकारी या कोई प्राइवेट साधन भी उपलब्ध नहीं है। यही कारण है कि इन परिस्थितियों में उनका लौटना कठिन है परंतु मजबूरी वश वे पैदल यात्रा करने लगे हैं। अधिकांश मजदूर अपना सामान अपने साथ उठाएं लेकर जा रहे हैं जिससे पैदल चलना दूभर हो गया है। मजबूरी है कि उन्हें कोई अपने निजी साधन में भी नहीं बैठाते। एक और कोरोना का डर है वही पुलिस प्रशासन की परेशानी झेलनी पड़ सकती है। यही कारण है कि उनके लिए एकमात्र पैदल चलना ही बचा है। ग्रामीण क्षेत्रों से तो पैदल गुजरना संभव है लेकिन शहरों में पुलिस भी उन्हें रोक रही है।
 धर्म सिंह, भोलू, रामजीवन आदि ने बताया कि वे उत्तर प्रदेश से आए हैं और अब वापिस अपने वतन को जा रहे हैं क्योंकि जिस फैक्ट्री में काम करते थे वह बंद हो चुकी है। ऐसे लोग दूरदराज, महेंद्रगढ़ चरखी दादरी आदि क्षेत्रों से या ग्रामीण क्षेत्रों से भी लोग कनीना कस्बे से होकर गुजर रहे हैं। कई कई तो कई कई दिनों से खाना भी नहीं खा सके है और पैदल ही गुजर रहे क्योंकि उनके पास पैसे भी नहीं होते। कनीना कस्बे में जहां यहां से गुजर रहे लोगों के लिए व्यापक प्रबंध नगर पालिका, श्रीश्याम मित्र मंडल आदि संस्थाओं ने किए है जिसके चलते उन्हें पुलिस प्रशासन या लोग पकड़कर जबरन खाना खिला रहे हैं ताकि खाना खाकर वे आगे बढ़ सके। ये लोग प्राइवेट साधनों में जाना चाहते हैं परंतु उनके समक्ष एक समस्या पुलिस बन गई है। निजी वाहनों एवं प्राइवेट वाहनों को पुलिस गुजरने नहीं दे रही है। कनीना के मोहन कुमार ने बताया कि प्रतिदिन उन्होंने सैकड़ों लोग ऐसे गुजरते देखे हैं परंतु वे असहाय है क्योंकि वे सिर्फ उनको खाना खिला सकते हैं और खिला कर भेज रहे हैं। महेश बोहरा, अनिल गर्ग, सुशील मित्तल, मोहित इसराना इन लोगों की सेवा करने में जुटे हुए हैं।
फोटो कैप्शन 7: अपने वतन को लौटकर जाते श्रमिक।


श्रमिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए ,स्कूलों में किए जाए खाने एवं ठहरने के प्रबंध

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 कनीना। एक और जहां प्रदेश सरकार श्रमिकों और गरीब दिहाड़ीदारों के खाने के लिए प्रबंध करने के आदेश दे रही है वहीं गांव में भी सामाजिक लोग सहायतार्थ सामने आने लगे हैं ताकि गरीब, बेसहारों का सहारा बन सके।
चूंकि व्यापक प्रबंध न होने के कारण भारत विकास परिषद के अध्यक्ष कंवरसेन वशिष्ठ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि सभी सरकारी स्कूलों में खाने और ठहरने का व्यापक प्रबंध किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में जहां मिड डे मील का राशन भी उपलब्ध है वही मिड डे मील वर्कर भी कार्यरत है। यदि मिड डे मील वर्कर को काम मिलेगा तो उनसे कि रोटी रोजी भी चल पाएगी वहीं सरकारी स्कूलों में ठहरने के भी व्यापक प्रबंध संभव है क्योंकि प्रत्येक विद्यालय में अनेकों कमरों की व्यवस्था होती है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब सभी सरकारी स्कूलों में श्रमिकों, बेरोजगार, असहायों के लिए खाने-पीने और ठहरने की व्यवस्था करवाई जाए जिससे इन श्रमिकों का पलायन रुक सकेगा।          उन्होंने कहा कि भारी संख्या में बेरोजगार दूसरे प्रदेशों से लावणी के यहां आए हुए हैं जिनके लिए ठहरने की व्यवस्था भी नहीं है। यहां तक की लावणी करवाने वाले उन्हें अपने घरों में भी नहीं ठहरने दे रहे हैं। या तो वे खंडहरनुमा घरों में ठहरते हैं या फिर दूर खेतों में अपना गुजर-बसर कर रहे हैं। उनके लिए खाने का भी प्रबंध नहीं है। वे अपने वतन को नहीं लौट पा रहे हें क्योंकि आवागमन के साधन भी नहीं हैं। कभी लावणी का काम मिल जाता है या फिर कभी नहीं। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाहे तो इन लोगों के लिए सरकारी स्कूलों में व्यापक प्रबंध कर सकती है क्योंकि सरकारी स्कूल भी इस समय बंद पड़े हैं। ऐसे में विद्यार्थियों की पढ़ाई भी बाधित नहीं हो सकेगी। श्रमिकों को ठहरने की व्यवस्था प्राप्त हो सकेगी वहीं खाने का प्रबंध भी किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बताया कि सरकारी स्कूलों में जहां पेयजल, बाथरूम, कमरे आदि की संपूर्ण व्यवस्था होती है वही रसोईघर भी बने हुए हैं। जहां पर खाने व ठहरने का प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि सरकार थोड़ा सा ध्यान दें तो इन स्कूलों में आने वाले कुछ दिनों में श्रमिकों के लिए ठहरने का बेहतरीन प्रबंध किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिनोंदिन भारी संख्या में मजदूर खाने के लिए खेतों से चलकर आते हैं। खाना तो मिल जाता है लेकिन उन्हें ठहरने का कोई विशेष प्रबंध नहीं मिल पाता। सरकार चाहे तो सरकारी स्कूल के कमरों में ठहरने की व्यवस्था कर सकती है जो इन श्रमिकों और गरीब लोगों के लिए बेहतरीन कदम साबित होगा।

बे-जुबानों को बचाने का उठा रहे बीडा

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 कनीना। पूरा संसार जहां कोरोना की चपेट में है जगह-जगह गरीबों एवं मजदूरों के खाने पीने के लिए व्यवस्था की जा रही है। आवागमन के साधन बंद है और दिहाड़ी नहीं मिल रही है किंतु कस्बा कनीना के दो युवा बेजुबान प्राणियों को बचाने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं। कनीना के महेश बोहरा और मोहन पार्षद का कहना है कि बंदरों की औ
ओर भी थोड़ा ध्यान देना चाहिए। ये बे-जुबान जानवर है। इनको भी खाना देना चाहिए। यही कारण है कि वे विगत कुछ दिनों से बव्वा,बहाला या फिर अपने घर पर जहां कईही बंदर नजर आते हैं तो उनके लिए केले उपलब्ध करवा रहे हैं। उनका कहना है कि यह बहुत बड़ा पुण्य का कार्य । 

फीस न वसूलने का आदेश----
महानिदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग हरियाणा पंचकूला ने सभी स्कूलों निजी स्कूलों में स्कूल खुलने तक किसी प्रकार की फीस नहीं लेने पर रोक लगाई है। उन्होंने एक आदेश जारी करते हुए कहा है कि लॉकडाउन चल रहा है। इस समय  अभिभावकों से कोई फीस स्कूल खुलने के बाद ही तथा स्थिति सामान्य होने पर ही फीस लेने का आदेश दिया है।
हवन के जरिए कोरोना से छुटकारा पाने की प्रार्थना----
 धनौंदा में समाजसेविका पुष्पा परमार की प्रथम पुण्यतिथि पर हवन करते हुए पूरे देश में कोरोनावायरस वायरस से छुटकारा पाने की प्रभु से अपील की। जहां उन्होंने जहां ठाकुर अतरलाल और उनके परिवार में पुष्पा परमार को हवन के जरिए श्रद्धांजलि अर्पित की वहीं प्रभु से प्रार्थना की कि कोरोनावायरस के रोग से छुटकारा दिलाया जाए।
बाधित पटाई दौरान घर पर ऑनलाइन पढ़े-- लॉकडाउन के चलते स्कूल शिक्षण संस्थाएं बंद है। पढ़ाई बाधित हो गई है वहीं कनीना के खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम ने कहा है भिभावकों से अपील की है कि नियमित अपने विद्यार्थियों की पढ़ाई सुचारू रखें। ऑनलाइन के जरिए पढ़ाई पूर्ण करवाने का प्रयास करे ताकि किसी प्रकार इस लॉकडाउन की अवधि की बाधित पढ़ाई पूरी हो सके। पूरे प्रदेश में जहां बोर्ड की परीक्षाएं भी बीच अधर में रुक गई है वहीं गृह परीक्षाएं भी नहीं हो पाई है। ऐसे में अगला शैक्षणिक सत्र शुरू होने का समय आ गया है। खंड शिक्षा अधिकारी ने उन साइटस की सूची भी जारी की है जहां से विद्यार्थी को आनलाइन पढ़ाई पूरी करने का अवसर मिल सके।
स्टाफ ने आनलाइन पढ़ाना शुरू किया-
राजकीय खेड़ी तलवाना स्कूल तथा आसपास विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षण के लिए जयपाल भौतिक शास्त्र प्रवक्ता ने स्कूल वेबसाइट पर पाठ्य सामग्री उपलब्ध करवानी शुरू कर दी है। उन्होंने बताया कि डब्ल्यूडब्ल्यूडब्ल्यू.जीएसएसएसखेड़ी तलवाना.इन पर जाकर कोई विद्यार्थी पाठ्य सामग्री पढ़ सकता है तथा घर रहकर अपना शिक्षण कार्य पूर्ण कर सकता है।
किसान
लग गए तेजी से लावणी मे-----
 में विगत तीन-चार दिनों से मौसम खराब रहने के बाद शनिवार को मौसम साफ हो गया है जिसके चलते किसान एक बार फिर से त्वरित गति से सरसों कटाई में लग गए हैं। हजारों मजदूर दूसरे प्रदेशों से आए हुए हैं जो सरसों कटाई के बाद गेहूं की कटाई भी करेंगे। किसान त्वरित गति से इस कार्य को अंजाम देंगे वहीं प्रदेश सरकार ने गेहूं एवं सरसों की खरीद 15 अप्रैल से शुरू करने की बात कही है।
फोटो कैप्शन 3: बंदरों को केले खिालाते मोहन पार्षद
             4: खेतों में लावणी में जुटे किसान।




3000 रुपये कोरोना राहत कोष में दिए
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कनीना। कनीना ग्राम पंचायत सुंदरारह की महिला सरपंच  ललिता कुमारी ने 3000 रुपये मुख्यमंत्री कोरोनावायरस राहत कोष में भेजे हैं। इससे पहले भी भारी संख्या में लोग कोरोनावायरस में एक-एक माह का मानदेय या नकद राशि भेजी है।
ललिता कुमारी ने बताया कि राहत कोष में जो राशि जा रही है उससे कोरोना पीडि़तों को लाभ मिल सकेगा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों को इस प्रकार के कोष में दान देने की अपील की है।

अवकाश के दिन भी पूरा पालिका प्रशासन बनाता है खाना और खिलाता है श्रमिकों को
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सरपंच ने बांटे मास्क, गांव में छिड़कवाई दवा, खिला रहे हैं निशुल्क भोजन 
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 कनीना। लॉकडाउन के पांचवें दिन जहां नगरपालिका कार्यालय में मजदूरों और असहायों के लिए खाना पैक कर वितरित किया वहीं विभिन्न संस्थाएं आगे आई। पुलिस ने पांच चालान बनाए।
खाना वितरित-
नगरपालिका कार्यालय में शुक्रवार से कारीगरों एवं मजदूरों के लिए खाने का प्रबंध कर दिया है। दो बार खाना बना कर खिलाया जा रहा है एमीई चमनलाल, राजाराम सचिव और प्रधान सतीश जेलदार, पालिका के पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा, लेखाकार शिवचरण शर्मा आदि स्वयं अपने हाथों से खाना बनाते हैं। जहां कार्यालय का अवकाश है किंतु ये कर्मी सुबह-शाम गरीबों और भूखों कारीगरों को खाना खिला रहे हैं। खाना खाने वालों की संख्या करीब 800 व्यक्ति प्रतिदिन पहुंच गई है।
मित्र मंडल दूर दराज तक खिला रहा है खाना-
कनीना के श्री श्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग अपने साथियों सचिन शर्मा,रविंद्र बंसल, मोहित जैलदार आदि की सहायता से खाना दूर दराज तक खाना खिला रहे हैं। जहां भी कोई झुग्गी झोपड़ी या गरीब व्यक्ति नजर आते हैं या पुलिस चौकी में कोई दूर दराज का व्यक्ति आता है तो उसे बिठाकर खाना खिला रहे हैं। शुक्रवार से यह कार्यक्रम शुरू किया था। कई अन्य सामाजिक संस्थान एवं लोग इस प्रकार खाना खिलाते आ रहे हैं।
पांच चालान काटे-
गोविंद सिंह एसआई एवं विकास कुमार इंस्पेक्टर आदि ने मुख्य मार्ग से गुजरने वाले दुपहिया वाहनों को रोका और कारण जाना किंतु अकारण ही घूमने वाले पांच लोगों के चालान हेलमेट आदि न पहनने पर काट दिए हैं
सरपंच आए आगे-
कोरोनावायरस से दो-दो हाथ करने के लिए अब सरपंच भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कनीना उपमंडल के गांव ढाणा में सरपंच सुशील कुमार ने कोरोना से बचने के लिए लोगों को जागरूक, पूरे ही गांव में दवा का छिड़काव करवाया ,सेनिटाइजर वितरित किए। वहींगांव में बाहर से आए और मजदूर ,गरीब, दिहाड़ीदार लोगों के लिए पूरे ही गांव एवं पंचायत की ओर से भोजन कराया जा रहा है।












  खंड के गांव मोड़ी में कोरोनावायरस को भगाने के लिए सरपंच महेंद्र सिंह ने अपने सहयोगियों कुलदीप, कर्मवीर, अजय आदि की सहायता से गांव मोड़ी व गांव गोमली में तथा सीमा क्षेत्र की ढाणियों में दवाई स्प्रे करवाई।
युवा आए आगे-
खंड के गांव इसराना और नांगल के युवा समाजसेवियों ने खाद्य सामग्री एकत्र कर कनीना के आसपास बसी झुग्गी झोपडिय़ों में वंचित लोगों तक पहुंचाया खाद्य सामग्री के अलावा जरूरी दवाइयां और मास्क भी उपलब्ध करवाएं। रेशम मेडिकल स्टोर ने चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं।  पिछले 3 दिन से युवा लगातार गरीब लोगों तक खाद्य पहुंचा रहे हैं(
फोटो कैप्शन 1:मास्क बांटेते हुए सरपंच ढाणा
   2: कनीना पालिका में गरीबों के लिए भोजन तैयार करते एमई चमनलाल एवं अन्य।