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Wednesday, September 3, 2025
याद दिला दी है 2022 की जब बाजरे भुट्टों में हो गया था अंकुरित
-1995 के हालात भी बने हैं जब खेतों में पानी ही पानी
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कनीना की आवाज। कनीना और आसपास क्षेत्रों में जमकर वर्षा हो रही है। जहां इस वर्ष करीब 500 एमएम वर्षा हो चुकी है जो विगत वर्षों की तुलना में अधिक है। वर्षा के चलते बाजरे की फसल खड़ी तथा काटकर डाली गई दोनों ही रूपों में अंकुरित हो गई है। कपास की फसल पूर्णरूप से बर्बाद हो गई है। वर्ष 2022 में सितंबर माह में ही वर्षा होने से फसल बर्बाद हो गई थी। उस समय लगातार 100 एमएम वर्षा के करीब हुई थी जब किसानों ने बाजरे की फसल को काटकर डाल दिया था तथा फसल पैदावार के अंतिम दौर में थे। जिसके चलते बाजार अंकुरित हो गया था। बाजरे के भुट्टे काट कर डाले गए थे वो नीचे से सब गए अंकुरित हो गए थे। इस वर्ष भी वैसी ही हालात हैं। कपास की फसल के टिंडे काले पड़ गए हैं या अंकुरित हो गए हैं। बाजरे के भुट्टे जमीन के संपर्क में आने से अंकुरित हो चुके हैं या बदरंग हो चुके हैं वहीं खड़ी फसल के भुट्टों में भी बाजरा अंकुरित हो चुका है। किसान वर्षा के चलते चलते 1995 की बाढ़ तथा 2022 दोनों को याद करते हैं। किसान बताते हैं कि 1995 में खूब वर्षा हुई थी। भूमिगत जलस्तर भी बढ़ गया था। पूरे हरियाणा में बाढ़ आ गई थी किंतु जिला महेंद्रगढ़ में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई थी। एक बार फिर से खेतों में पानी ही ही पानी नजर आता है और बाढ़ जैसी हालत बन गई है। वर्षा भूमि के जलस्तर को बढ़ाने में कारगर सिद्ध हो सकती है किंतु फसल के लिए कहर बनकर आई है। फसल बर्बाद होती जा रही है। यदि वर्षा लगातार चली तो शायद ही कोई फसल बच पाएगी और चारा भी नहीं बचेगा।
इस समझ में कुछ किसानों से चर्चा की गई जिनके विचार इस प्रकार हैं।
किसान सत्यवीर सिंह ने बताया कि 2022 में भी किसानों की फसल यूं ही मिट्टी में बर्बाद हो गई थी। एक बार फिर से वही हालात बन गए हैं। इस बार कपास और बाजरे की फसल दोनों की बर्बाद होने की हो चुकी है। ई-पोर्टल खोल खोल दिया गया जिससे सहारा मिल सकता है बशर्ते अधिक मुआवजा प्रति एकड़ दिया जाए।
किसान रामकिशन का कहना है कि लगातार बादलों के बरसने से किसानों की आंखों में आंसू आ गये हैं। बाजरे का इस बार एसपी 2275 रुपये प्रति क्विंटल का है जो अच्छा भाव रखा गया है लेकिन अब लगता है कि यह भाव किसी काम का नहीं रहा क्योंकि जब फसल ही नहीं बचेगी तो एमएसपी का क्या लाभ होगा। उन्होंने सरकार से अधिक से अधिक मुआवजा देने की मांग की है।
कर्ण सिंह किसान ने बताया कि वैसे तो 1995 के बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। जब खेतों में दूर-दूर तक पानी ही पानी था। इस वक्त भी खेतों में पानी पानी भरा हुआ है। इस पानी का भूमिगत जल स्तर को अच्छा लाभ मिल सकता है लेकिन फसल पूर्णतया मिट्टी में मिल गई है। ऐसा ही हाल रहा तो लावणी करने की ही जरूरत नहीं रहेगी। उन्होंने सरकार से मुआवजा मांगा है।
किसान हनुमान सिंह का कहना है कि 2022 में जहां लगातार 100 एमएम वर्षा उस समय हुई थी जब किसानों ने अपने खेतों में काटकर फसल डाल दी थी। इस बार फसल कुछ काटी गई है बाकी खेतों में खड़ी है। जो खेतों में खड़ी है उसके भुट्टे भी अंकुरित हो गए हैं। अब तो एकमात्र सहारा सरकार है जो मुआवजा देगी तो कुछ क्षति की पूर्ति हो पाएगी।
फोटो कैप्शन: सत्यवीर सिंह, रामकिशन करण सिंह और हनुमान सिंह
जिन किसानों की फसलों का इंश्योरेंस है वो भेजें व्हाट्सएप पर शिकायत
-तीन विकल्पों में से एक को अपनाए
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कनीना की आवाज। क्षेत्र में लगातार वर्षा के कारण जहां कपास और बाजरे की फसल जहां नष्ट हो गई है वही ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल भी खुल गया है। लेकिन जिन किसानों ने फसलों का बीमा करवा रखा है वे अपना क्लेम डालने के लिए तीन तरीकों में से किसी एक को अपना सकते हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए उप मंडल कृषि अधिकारी महेंद्रगढ़ डा. अजय यादव ने बताया कि या तो किसान टोल फ्री नंबर 14447 पर शिकायत दर्ज करा सकते हैं या क्रोप इंश्योरेंस ऐप डाउनलोड करके उसे पर अपनी शिकायत भेज सकते हैं। शिकायत भेजने के लिए इंश्योरेंस की प्रति भेजनी होगी। उन्होंने बताया कि जो किसान व्हाट्सएप के जरिए क्लेम करना चाहते हैं वह 0765514447 पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं। केवल आनलाइन ही शिकायत ली जाएंगी, ऐसे में किसानों को अपना क्षतिपूर्ति का क्लेम पाने के लिए आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलने से किसानों ने ली राहत की सांस
-10 सितंबर तक दे सकते हैं ब्यौरा,मेरी फसल मेरा ब्यौरा की भी तिथि बढ़ाई
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कनीना की आवाज। कई दिनों से अधिक वर्षा होने के कारण जिला महेंद्रगढ़ में कपास और बाजरे की फसल लगभग तबाह हो चुकी है। इसके चलते ही ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोले जाने की बार-बार मांग चल रही थी, आखिरकार क्षतिपूर्ति पोर्टल सरकार ने खोल दिया है। किसानों ने खुशी जताई और ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर आवेदन करने के लिए किसानों की लंबी कतार जमा हो गई।
किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह ,सतीश कुमार, गजराज सिंह, महावीर सिंह,अजय कुमार, कांता देवी आदि ने बताया कि पोर्टल खुलने की सूचना उन्हें मिली है और उन्हें खुशी है कम से कम सरकार ने पोर्टल खोल दिया है लेकिन उनकी मांग है कि अधिक से अधिक मुआवजा सरकार दे ताकि किसानों की फसल की क्षति की पूर्ति हो। सके। किसानों ने बताया कि उनकी फसल पूर्ण रूप से बर्बाद हो गई है, कपास के मुकाबले बाजरे की फसल कम बर्बाद हुई है। ऐसे में एकमात्र सहारा किसानों को सरकार से है और सरकार उनको यदि अधिक मुआवजा देगी तो ही उनकी समस्या हल हो पाएगी। इस संबंध में ई पोर्टल पर क्षतिपूर्ति का ब्यौरा भरने के लिए विभिन्न इंटरनेट सेवाओं, सीएससी सेंटरों पर किसान पहुंचने लग गए हैं। नारायण इंटरनेट , विनीत इंटरनेट, छोटूराम सीएससी सेंटर ने बताया की उन्होंने कुछ आवेदन भी अब तक कर दिए हैं तथा जिला महेंद्रगढ़ के सभी किसानों के लिए पोर्टल खुला है।
इस संबंध में अनूप पटवारी ने बताया कि पूरे जिला में महेंद्रगढ़ के लिए यह सेवा उपलब्ध हो गई है। ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोल दिया है किंतु अभी तक 10 सितंबर तक ही अंतिम तिथि है। अभी फिलहाल 10 सितंबर तक ही पोर्टल पर ब्यौरा अपलोड किया जा सकता है। साथ में किसानों के लिए एक बार फिर से फसल रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर ब्यौरा देने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 10 सितंबर कर दी गई है। जिन किसानों ने अभी तक फसल मेरी फसल मेरा भी और नहीं दिया है वे भी अपनी फसल का पंजीकरण 10 सितंबर तक करवा सकते हैं।
फोटो कैप्शन 3: इंटरनेट पर क्षतिपूर्ति पोर्टल ब्यौरा भरवाते हुए किसान
उद्यमिता पखवाड़ा के अवसर पर विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित
--उन्हाणी कालेज में चले कई कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। उद्यमिता पखवाड़ा के अवसर पर राजकीय कन्या महाविद्यालय, उन्हाणी में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम प्राचार्य डा. विक्रम सिंह यादव के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ। आयोजन का मुख्य उद्देश्य छात्राओं में उद्यमिता की भावना का विकास करना तथा उनके नवाचार एवं कौशल को प्रोत्साहित करना था।
इस मौके पर महाविद्यालय परिसर में आयोजित नारा लेखन, पोस्टर मेकिंग और भाषण प्रतियोगिता में छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
नारा लेखन प्रतियोगिता में प्रतिभागियों ने उद्यमिता और आत्मनिर्भर भारत से जुड़े प्रभावशाली नारे प्रस्तुत किए। पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता में मेक इन इंडिया और स्टार्ट अप संस्कृति जैसे विषयों को आकर्षक रंगों और डिजाइनों के माध्यम से उकेरा गया। भाषण प्रतियोगिता में छात्राओं ने उद्यमिता के महत्व, भारत के भविष्य में उसकी भूमिका और युवाओं की जिम्मेदारी पर सारगर्भित विचार व्यक्त किए।
विजेताओं को प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान पर पुरस्कृत एवं सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम के समापन पर प्लेसमेंट सेल प्रभारी डॉ. कविता ने प्राचार्य एवं निर्णायकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजन करता रहेगा ताकि छात्राओं में उद्यमिता कौशल का निरंतर विकास हो सके। साथ ही उन्होंने जोर देकर कहा कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में युवतियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं और हमारा महाविद्यालय इस दिशा में सतत प्रयासरत रहेगा।
फोटो कैप्शन 01: उद्यमिता दिवस पर छात्राएं पोस्टर दिखाते हुए
मातृशक्ति को दिया नायब सरकार ने लाडो लक्ष्मी योजना का सम्मान-चौधर रामनिवास
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कनीना की आवाज। दूरसंचार सलाहकार समिति सदस्य एवं भाजपा नेता चौधरी रामनिवास खेड़ी ने कहा कि सीएम नायब सिंह सैनी द्वारा दीन दयाल लाडो लक्ष्मी योजना लागू कर मातृ शक्ति का मान- सम्मान बढ़ाया है। 25 सितंबर से इस योजना का प्रदेश की महिलाओं को लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि नायब सरकार द्वारा चुनाव में किए गए वादों को लगातार पूरा किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार द्वारा देश व प्रदेश में 2047 तक विकसित भारत -विकसित हरियाणा के सपने का साकार करने की दिशा में ऐतिहासिक व सराहनीय कार्य किया जा रहे हैं। भाजपा नेता चौधरी रामनिवास खेड़ी ने कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लेकर उनकी दिवंगत मां के खिलाफ अपशब्द कहना न केवल राजनैतिक गिरावट है, कल की भारतीय संस्कृति और मर्यादा का भी अपमान है।
चौधरी रामनिवास खेड़ी ने कहां की नायब सरकार सबका साथ-सबका विकास- सबका प्रयास -सबका विश्वास की नीति पर कार्य कर रही है। पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति तक सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। सीएम ने साबित कर दिया कि वो जो कहते हैं करके दिखाते हैं, चुनाव में भाजपा सरकार की गई घोषणा को पूरा किया है।
वर्षा से खराब फसल की स्पेशल गिरदावरी करवाए सरकार- सुनिल राव
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कनीना की आवाज। बार एसोसिएशन कनीना के पूर्व उप-प्रधान सुनिल राव ककरालिया ने पिछले कई दिनों से लगातार हो रही वर्षा के कारण बाजरे व कपास की फसल में हुए नुकसान के लिए सरकार को जिले में क्षतिपूर्ति पोर्टल खोलना चाहिए । सरकार को फसलों के नुकसान की स्पेशल गिरदावरी करवा कर किसानों को जल्द से जल्द उचित मुआवजा देना चाहिए। सरकार महेंद्रगढ़ जिले के लिए फसल नुकसान की बाबत क्षतिपूर्ति पोर्टल ना खोल कर जिले के साथ भेदभाव कर रही है। हम सरकार से मांग करते है कि सरकार बीमा कंपनियों को भी आदेश दे की बीमाकृत फसलों का जल्द से जल्द और उचित मुआवजा किसानों दे।
फोटो कैप्शन: सुनील राव
प्रशासन की लापरवाही से कनीना बस स्टैंड तालाब बना, यात्रियों का जीना दुश्वार
बस स्टैंड द्वार पर बना तालाब
-आवागमन प्रभावित, अधिकारी मौन
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कनीना की आवाज। कनीना का मुख्य बस स्टैंड यात्रियों की सुविधा के बजाय अब उनकी मुसीबत बन चुका है। बाहर भरे गंदे पानी और कीचड़ से बस पकडऩा किसी चुनौती से कम नहीं। यह समस्या महीनों से बनी हुई है लेकिन प्रशासन पूरी तरह से आंखें मूंदकर बैठा है। बरसात के बाद भी पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं की गई। सड़क तालाब का रूप धारण कर चुकी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि विभाग और प्रशासन को बार-बार शिकायतें दी गईं, लेकिन न तो कोई अधिकारी मौके पर आया और न ही समस्या का समाधान किया गया।
यात्री सुनील कुमार ने गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि प्रशासन सिर्फ कागजों में सफाई दिखाता है, जमीनी हकीकत यही है कि यात्रियों को गंदगी और बदबू में खड़ा होना पड़ रहा है।
वहीं राजेश यादव का कहना है कि बरसात में यह जगह बस स्टैंड नहीं, तालाब बन जाता है। महिलाएं और बुजुर्ग फिसल कर गिरने से कई बार चोटिल हो चुके हैं।
महिला यात्री नीलम देवी ने कहा कि अधिकारियों को बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। शायद प्रशासन यात्रियों की तकलीफों से बेखबर रहना चाहता है।
स्थानीय दुकानदार मोहनलाल ने आरोप लगाया कि गंदे पानी से मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है और ग्राहक भी इधर आना बंद कर रहे हैं। प्रशासन की नाकामी का खामियाजा हम भुगत रहे हैं।
लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही जलभराव हटाने और निकासी की पक्की व्यवस्था नहीं की गई तो वे मजबूर होकर सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
फोटो कैप्शन 02: बस स्टैंड द्वार पर बना वर्षा के जल का तालाब
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