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Thursday, September 18, 2025


 




सेवा पखवाड़ा: डीएसपी दिनेश कुमार ने कनीना में सुनीं नागरिकों की समस्याएं
--संवाद कार्यक्रम का हुआ आयोजन
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कनीना की आवाज।
डीएसपी दिनेश कुमार ने सदर थाना कनीना में सेवा पखवाड़ा के तहत विशेष जन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य नागरिकों का पुलिस के साथ सीधे संवाद करने और उनकी समस्याओं का त्वरित समाधान करना था।
डीएसपी दिनेश कुमार ने स्वयं इस कार्यक्रम की अध्यक्षता की और नागरिकों की शिकायतों और सुझावों को गंभीरता से सुना। कार्यक्रम के दौरान, कनीना क्षेत्र के कई निवासियों ने सामुदायिक समस्याओं को उनके सामने रखा। डीएसपी ने सभी शिकायतों को धैर्यपूर्वक सुना और मौके पर ही संबंधित अधिकारियों को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए।
इस अवसर पर, डीएसपी दिनेश कुमार ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हम जनता के साथ मिलकर काम करें ताकि समाज में शांति और सौहार्द बना रहे। उन्होंने नागरिकों से पुलिस पर भरोसा रखने और किसी भी अवैध गतिविधि की सूचना तुरंत देने का आग्रह किया। इस दौरान मौजूद लोगों के साथ नशे की लत से मुक्ति, नशा ना करने व ना करने देने, स्वच्छता, पौधारोपण विषय पर चर्चा की। सदर थाना कनीना के एसएचओ और अन्य पुलिस अधिकारी सहित क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 09: डीएसपी कनीना जन समस्याएं सुनते हुए।






बलिदानी किसी जाति विशेष के नहीं होते- डिप्टी कमांडेंट गुप्ता
-बलिदानी डिप्टी कमांडेंट लाल सिंह को किया याद
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कनीना की आवाज।
 बलिदानियों की शहादत की बदौलत ही हम आज खुली हवा में सांस ले रहे है, और सुख शांति के साथ आनन्द से जीवन जी रहे है। उक्त विचार सोनीपत से आये सीआरपीएफ के डिप्टी कमांडेंट साहिल गुप्ता ने कनीना में डिप्टी कमांडेंट बलिदानी लाल सिंह की पुण्य तिथि के अवसर पर बोलते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अगर देश में जवान न हो तो हम अपने घरों में भी सुरक्षित नहीं होते और हमें आए दिन भय के साये में जीने पर मजबूर होना पड़ता।
 उन्होंने कहा कि बलिदानियों के जाने के पश्चात उनके परिवार को संभालना हम सबकी ड्यूटी बन जाती है, जिसे हमें बखूबी निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बलिदानी किसी एक जाती विशेष के नहीं होते वे सभी  के होते है। उन्होंने बताया कि लाल सिंह वर्ष 1999 में अपनी ड्यूटी के दौरान चुड़ा चांदपुर में गश्त पर थे तो उग्रवादियों ने उनके दस्ते पर ताबड़तोड़ हमला कर दिया जिसमें डिप्टी कमांडेंट लाल सिंह घायल हो गए लेकिन इसके बाद भी जांबाज कमांडेंट ने हार नही मानी और उग्रवादियों से लोहा लेते हुए उनको मौत के घाट उतार दिया और बाद में आप भी खुद भारत माता की जय बोलते हुए हमेशा-हमेशा के लिए धरती माता की गोद में सो गए।
बलिदानी की पत्नी संतोष यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि शहीद लाल सिंह 29 मार्च 1949 में मोहर सिंह के घर में जन्में तथा 1971 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए और 18 सितंबर 1999 में उग्रवादियों का मुंहतोड़ जवाब देते हुए शहीद हो गए। संतोष यादव ने बताया कि आज शहीद का बेटा सुनील कुमार भी सीआरपीएम में अपने पिता की तरह डिप्टी कमांडेंट के पद पर जम्मू काश्मीर में तैनात हो कर देश सेवा कर रहा है। इस अवसर पर अविराज इंस्पेक्टर, सीआरपीएफ के जवान, मनफूल आर्य, प्रधान भगत सिंह, बलवान सिंह आर्य, राव मोहर सिंह, चंद्रावती, कृष्णा, संजय, अजय कुमार, संतरा देवी, हर्षित, बलिदानी की पत्नी संतोष देवी, पवन कुमार सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 07: डिप्टी कमांडेंट साहिल गुप्ता को स्मृति चिह्न भेंट करते हुए बलिदानी की पत्नी संतोष यादव व अन्य



फोन से खबर बनाकर भेजने वाले करते हैं अनेकों गलतियां
--खबरों को एक बार पढ़कर भेजे
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कनीना की आवाज।
 आज के भागदौड़ के युग में जहां हर इंसान अपनी खबर को मोबाइल से बोलकर लिख लेता है जिसमें अनेकों गलतियां रह जाती है, वहीं फोन से व्हाट्सएप पर भेज कर पत्रकारों को यहां तक की सूचना तक भी नहीं देते कि उन्होंने कोई खबर भेजी है। यही कारण है बहुत सी खबरें पड़ी रह जाती हैं, लग नहीं पाती क्योंकि पत्रकारों के पास सैकड़ों संदेश प्रतिदिन आते हैं। ऐसे में जो खबर भेजता है वह फोन करके कम से कम  संबंधित पत्रकार को सूचना जरूर दे कि उन्होंने खबर भेजी है। आजकल एक नया दौर शुरू हो गया है, जो फोटो भेजते हैं जिसमें लोकेशन/स्थान का लोगो लगा होता है जिससे फोटो की मौत हो जाती है। ऐसी फोटो प्रकाशित नहीं हो पाती। आजकल समाचार फोटो पर निर्भर करते हैं। यदि फोटो अच्छी है तो पूरी खबर लगेगी वरना खबर भी खत्म हो जाती है। कुछ गलतियां करते हैं जो निम्न है-
01- फोन से टाइप की हुई खबर को एक बार अवश्य पढ़ ले वरना यह फोन न जाने कितने अपशब्द लिख देता है और कितनी गलतियां कर देता है।
02- किसी भी खबर में बहन और भाई शब्द प्रयोग नहीं होता। कुछ लोगों की आदत है कि बहन जी, भाई जी लगाते हैं जबकि समाचारपत्र में ये शब्द नहीं लगते।
03: प्रतिनिधि नाम से कोई खबर नहीं लगती। हाई कोर्ट का भी आदेश है प्रतिनिधि कोई हो नहीं सकता। वरना इसका मतलब यह हुआ कि कोई भी अपने नजदीकी को भेज कर प्रतिनिधि कहलाए। अब स्त्री का प्रतिनिधि पुरुष भेजने का रिवाज चल पड़ा है। खबरों में प्रतिनिधि कभी प्रयोग नहीं करना चाहिए।
04:लोग श्रीमान, श्रीमती आगे पीछे कितनी बार लगा देते हैं जो गलत है। ये शब्द भूलकर भी प्रयोग न करें। आजकल  अखबारों में डाक्टर पर चंद्रमा लगाने का रिवाज खत्म कर दिया, चंद्रबिंदु भी नहीं लगाया जाता।
05: सबसे बड़ी खबरों में कमी देखने को मिली कि जी का बहुत प्रयोग करते हैं। जी लगाते रहते हैं इसका मतलब ऐसे लोग जी हुजूरी अधिक पसंद करते हैं। एक गाना भी है जिसके आगे जी, पीछे जी.....। तो ऐसे जी नहीं लगाइए वरना अर्थ का अनर्थ बन जाता है।
6. सबसे बड़ी भूल होती है की खबरों को मोबाइल से बोलकर लिख लेते हैं और भेज देते हैं जो उनकी बहुत बड़ी भूल साबित होती है। उसे पढ़कर जरूर देखे।
7. खबरों में कहीं भी अंग्रेजी शब्द प्रयोग नहीं किया जाता। लोग अंग्रेजी शब्द प्रयोग करते हैं जिससे खबर नहीं जा सकती। कुछ लोग अंग्रेजी के शब्दों को हिंदी में लिखते हैं जैसे गवर्नमेंट, मैसेज, रूम,सीनियर, सेकेंडरी आदि वहीं सरकारी शब्द प्रयोग नहीं करना चाहिए बल्कि राजकीय प्रयोग करें।


वर्षा ने फिर डाला किसानों की पैदावार लेने में विघ्र
- कनीना क्षेत्र में हुई 6 एमएम वर्षा
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कनीना की आवाज।
 कनीना क्षेत्र में गुरुवार की शाम को 6 एमएम वर्षा हुई जिससे किसानों की बाजरे की फसल पैदावार लेने में विघ्र पड़ गया है। जहां किसान इस समय बाजरे की लगभग कटाई कर चुके हैं तथा पैदावार लेने में व्यस्त है वही बाजरे के चारे को अपने घरों में डालने के लिए आतुर है तभी अचानक तेज वर्षा आने से किसानों के कार्य में विघ्न पड़ गया है। अब किसान फिर से अपनी फसल पैदावार लेने के लिए एक दो दिन का इंतजार करेंगे ताकि बाजरे के भुट्टे अच्छी प्रकार सूख सके ।क्योंकि अधिकांश किसानों ने अपने बाजरे के भुट्टे खुले में डाल रखे थे और उनको ढका नहीं गया था। किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि इस वर्ष जहां वर्षा अधिक होने से किसान पहले ही परेशान है, उस पर फिर से वर्षा होने से किसानों की बाजरे की फसल पैदावार लेने में विघ्न पड़ गया है। किसान जैसे तैसे बाजरे की पैदावार लेना चाह रहे हैं परंतु बार-बार वर्षा उनके कार्यों में बाधा डाल रही है।
  उधर गर्मी से कुछ राहत मिली है किंतु होलीवाला जोहड़ का गंदा जल फिर से गली में दूर तक फैल गया है। इस समय वर्षा का कोई लाभ नहीं है। इस बार जहां प्योइद लगाने वाले किसानों की प्योद ही वर्षा ने नष्ट कर दी है।
फोटो कैप्शन 08: कनीना क्षेत्र में वर्षा का नजारा


लंबे  स्वस्थ जीवन के लिए पौधारोपण अति आवश्यक- मनीषा यादव
-डीएसपी दिनेश कुमार के नेतृत्व में कनीना थाना सदर में किया गया पौधारोपण
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कनीना की आवाज।
स्वस्थ रहने व लंबे जीवन जीने के लिए पौधे लगाना अति आवश्यक क्योंकि पौधे नहीं होंगे तो मानव जीवन भी मुश्किल में आ जाएगा। ये विचार महिला एवं बाल विकास विभाग की सीनियर सुपरवाइजर मनीषा यादव ने अपने अधीन आने वाले दो सेंटरों का निरीक्षण किया तथा पौधारोपण करवाया।
 मनीषा यादव ने बताया कि उन्होंने दो सेंटरों का निरीक्षण किया था जिसमें वर्कर वह हेल्पर के अलावा ग्रामीण महिलाओं को मोटे अनाज तथा पौधों व गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की बचाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने महिलाओं को कहा गर्भवती महिलाओं को सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए और समय-समय पर अपने नजदीक के स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर जांच करानी चाहिए ताकि उनके पेट में पल रहे शिशु तथा उनकी माता स्वस्थ रह सके। वही  उन्होंने बताया वृक्ष हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है अगर वृक्ष नहीं होंगे तो हमारा जीवन भी अधूरा हो जाएगा। क्योंकि जिस प्रकार से प्रदूषण रूपी भस्मासुर दिन दोगुनी रात चौगुनी बढ़ रहा है ठीक उसको रोकने व मारने के लिए हमें वृक्षों का सहारा लेना पड़ेगा। तभी जाकर यह प्रदूषण रूपी भस्मासुर से बचाव हो सकता है। श्रीमती यादव ने यह भी बताया आज विभिन्न प्रकार की बीमारियों से मानव ग्रस्त हो रहा है जिससे बचने के लिए उनको मोटे अनाज को अपने खाने में शामिल करना चाहिए तब जाकर ही मानव स्वस्थ रह सकता है।
डीएसपी दिनेश कुमार के नेतृत्व में कनीना थाना सदर में किया गया पौधारोपण-
उधर डीएसपी दिनेश कुमार के मार्गदर्शन में, कनीना के थाना सदर परिसर में 'सेवा पखवाड़ा' कार्यक्रम के तहत एक विशेष पौधारोपण अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाना और पुलिस-जनता के बीच समन्वय स्थापित करना था।
डीएसपी दिनेश कुमार ने इस पहल का नेतृत्व करते हुए, थाना परिसर में विभिन्न प्रकार के फलदार और छायादार पौधे लगाए। इस दौरान, थाना प्रभारी सहित सभी पुलिसकर्मियों और स्थानीय गणमान्य व्यक्तियों ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण को संतुलित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है और पुलिस विभाग भी समाज के प्रति अपनी इस जिम्मेदारी को बखूबी समझता है।
यह पौधारोपण अभियान 'सेवा पखवाड़ा' के एक हिस्से के रूप में आयोजित किया गया है, जिसके तहत पुलिस विभाग द्वारा विभिन्न सामाजिक कार्य किए जा रहे हैं। डीएसपी दिनेश कुमार ने इस अवसर पर कहा कि पौधे लगाना सिर्फ एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण निवेश है। हमें आने वाली पीढिय़ों के लिए एक स्वस्थ और हरा-भरा वातावरण सुनिश्चित करना होगा।
थाना प्रभारी ने सभी से अपील की कि वे अपने घरों और आसपास के क्षेत्रों में अधिक से अधिक पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें। इस दौरान सभी ने संकल्प लिया कि वे न केवल इन पौधों की देखभाल करेंगे, बल्कि भविष्य में भी ऐसे सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेंगे।
फोटो कैप्शन 05: मनीषा सुपरवाइजर पौधारोपण करते हुए
             06: डीएसपी कनीना में पौधारोपण करते हुए
            


लोक नृत्य में कनीना मंडी स्कूल ने मारी बाजी
--खंड स्तरीय कल्चरल फेस्टिवल का हुआ आयोजन
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कनीना की आवाज।
समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत खंड स्तरीय कल्चरल फेस्टिवल का आयोजन राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि कनीना नगर पालिका की प्रधान उपस्थित थी।
    विद्यालय की छात्रा कुमारी गुंजन ने मनोहरी राजस्थानी नृत्य के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की ,वही 11वीं कक्षा की छात्रा  कुमारी भारती ने हरियाणवी नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों से सराहना पाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य नरेश कुमार कौशिक ने की तथा बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत इस कार्यक्रम में शास्त्रीय संगीत नृत्य व वाद्य यंत्रों से युक्त एकल व समूह  नृत्य और समूह गान मुकाबले होंगे खंड स्तर पर विजेता टीमों को जिला स्तर पर भाग लेने का मौका मिलेगा तथा जिला स्तर पर  विजेता टीम राज्य स्तर पर शिरकत करेंगी ।
   इस मौके पर लोक नृत्य में प्रथम स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को दूसरा स्थान राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना को तथा तीसरा स्थान राजकीय उच्च विद्यालय भडफ़ को मिला रामचंद्र स्कूल कनीना को सांत्वना पुरस्कार मिला। समूह नृत्य में प्रथम स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को दूसरा स्थान रामचंद्र स्कूल कनीना को तथा तीसरा स्थान माडल संस्कृति स्कूल कनीना को मिला परंपरागत कहानी सुनाओ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सुंदरह को दूसरा स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को तथा तीसरा स्थान कन्या उच्च विद्यालय कनीना को मिला। स्वर संगीत में प्रथम स्थान रामचंद्र स्कूल कनीना को दूसरा स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला। क्लासिकल गायन एकल वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला । खिलौना बनाओ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान कन्या उच्च विद्यालय कनीना को तथा दूसरा स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला  त्रिआयामी कला प्रतियोगिता में प्रथम स्थान रामचंद्र स्कूल कनीना को मिला, द्वि-आयामी दृश्य प्रतियोगिता में प्रथम स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को, दूसरा स्थान रामचंद्र स्कूल कनीना को तथा तीसरा स्थान माडल स्कूल कनीना को मिला। दृश्य कला एकल प्रतियोगिता में प्रथम स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी मंडी स्कूल को दूसरा स्थान रामचंद्र स्कूल को तथा तीसरा स्थान माडल स्कूल कनीना को मिला।
फोटो कैप्शन 04: प्रस्तुति देते हुए छात्रा।


-राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार-
-महिला एवं बाल विकास कार्यालय में 30 अक्टूबर तक कर सकते हैं आवेदन -सुमन यादव
-अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर प्रदान किए जाएंगे पुरस्कार
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कनीना की आवाज।
हरियाणा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से राज्य स्तरीय महिला पुरस्कार 2025-26 के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं। विभिन्न क्षेत्रों में उपलब्धियां प्राप्त करने वाली इच्छुक महिलाएं पुराना लघु सचिवालय प्रथम तल पर स्थित महिला एवं बाल विकास कार्यालय में 30 अक्टूबर तक आवेदन जमा करवा सकती हैं। यह पुरस्कार प्रत्येक वर्ष अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 8 मार्च को प्रदान किए जाते हैं।
यह जानकारी देते हुए महिला एवं बाल विकास अधिकारी सुमन यादव ने बताया कि इंदिरा गांधी महिला शक्ति पुरस्कार के लिए 1 लाख 50 हजार रुपए व प्रशस्ति पत्र, कल्पना चावला शौर्य पुरस्कार के लिए 1 लाख रुपए व प्रशस्ति पत्र, बहन शन्नो देवी पंचायती राज पुरस्कार के लिए 1 लाख रुपए प्रशस्ति पत्र, लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए 51 हजार व प्रशस्ति पत्र, एएनएम/नर्स/ महिला एमपीडब्ल्यू (पुरस्कार संख्या दो) के लिए 21 हजार व प्रशस्ति पत्र, महिला खिलाड़ी के लिए 21 हजार व प्रशस्ति पत्र, सरकारी कर्मचारी (पुरस्कार की संख्या दो) के लिए 21 हजार व प्रशस्ति पत्र, सामाजिक कार्यकर्ता (पुरस्कार की संख्या दो) के लिए 21 हजार व प्रशस्ति पत्र तथा महिला उद्यमी ( पुरस्कार की संख्या दो) के लिए 21 हजार रुपए व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आवेदन के लिए अभ्यर्थी अपना संपूर्ण बायोडाटा साथ लेकर आएं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अन्य किसी जानकारी के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग के दूरभाष नंबर 01282-252331 पर फोन कर जानकारी ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि आवेदन से संबंधित जानकारी डब्लूसीडीएचआरवाई डॉट जीओवी डॉट इन  वेबसाइट पर देख सकते हैं।



राजकीय महाविद्यालय कनीना में सेवा पर्व का आयोजन
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कनीना की आवाज।
राजकीय महाविद्यालय कनीना में आज प्राचार्य डा. विनोद कुमार के मार्गदर्शन में सेवा पर्व का आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों को जीवन में वृक्षों एवं पर्यावरण के महत्व से अवगत कराया गया।
प्राचार्य डा. विनोद कुमार ने कहा कि वृक्ष मानव जीवन के अस्तित्व की आधारशिला हैं। ये न केवल पर्यावरण को स्वच्छ बनाते हैं, बल्कि मानव जीवन को स्वस्थ एवं संतुलित बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से आह्वान किया कि प्रत्येक छात्र-छात्रा पर्यावरण संरक्षण के लिए सक्रिय योगदान दे।
इस अवसर पर प्रो. डा. कांता यादव, प्रो. भारती यादव, प्रो. हरिओम भारद्वाज,  संदीप कुमार सहित अन्य संकाय सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित रहे। सभी ने पर्यावरण संरक्षण की दिशा में मिलकर कार्य करने का संकल्प लिया।
फोटो कैप्शन 01: पौधारोपण करते हुए स्टाफ एवं विद्यार्थी




वेबसाइट बना धर्मेन्द्र ने किया विद्यालय का नाम रोशन
-अल्प संसाधनों के चलते मेहनत रंग लाई
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कनीना की आवाज।
राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना के कक्षा 12वीं के मेधावी छात्र धर्मेन्द्र ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता/एआई के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करते हुए पारो-एआई वेबसाइट का सफल निर्माण किया है। यह उपलब्धि न केवल विद्यालय के लिए गौरव का विषय है, बल्कि सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थियों के लिए एक प्रेरणादायी भी है।
 धर्मेन्द्र ने बताया कि पढ़ाई के दौरान जब कठिन सवाल सामने आते थे, तो उन्हें तत्काल और सटीक उत्तर प्राप्त करने में कठिनाई होती थी। इसी चुनौती ने उनके मन में एक ऐसी वेबसाइट बनाने की प्रेरणा दी, जो विद्यार्थियों की हर जिज्ञासा का सही उत्तर तुरंत दे सके। पारो-एआई वेबसाइट कृत्रिम बुद्धिमत्ता की मदद से प्रश्नों का सटीक समाधान उपलब्ध कराती है।
सीमित संसाधनों में बड़ी उपलब्धि
धर्मेन्द्र की यह उपलब्धि इस दृष्टि से और भी सराहनीय है कि उन्होंने सरकारी विद्यालय जैसी सीमित संसाधनों वाली परिस्थिति में रहते हुए यह कार्य किया। यह साबित करता है कि मेहनत, लगन और सही मार्गदर्शन के बल पर कोई भी विद्यार्थी किसी भी क्षेत्र में उत्कृष्ट स्थान हासिल कर सकता है।
विद्यालय के कंप्यूटर विज्ञान प्रवक्ता सुरेन्द्र सिंह ने धर्मेन्द्र का मार्गदर्शन करते हुए उन्हें तकनीकी ज्ञान और दिशा प्रदान की। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के प्रयोग विद्यार्थियों में नवाचार और सृजनात्मकता को बढ़ावा देते हैं और भविष्य की चुनौतियों का सामना करने की क्षमता विकसित करते हैं।
विद्यालय के प्राचार्य श्री सुनील खुडानिया ने इस उपलब्धि पर धर्मेन्द्र को प्रार्थना सभा में सम्मानित किया और कहा कि नई पीढ़ी का यह नवाचार, नव भारत निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सीमित संसाधनों के बावजूद इस तरह का कार्य सरकारी विद्यालयों की क्षमता को दर्शाता है और यह विद्यार्थियों की लगन व मेहनत का परिणाम है।
धर्मेन्द्र की इस उपलब्धि पर पूरे विद्यालय परिवार ने गर्व प्रकट किया और उनके उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं।
फोटो  कैप्शन 02: धर्मेंद्र को सम्मानित करते हुए प्राचार्य
 

माडल स्कूल में कला उत्सव संपन्न
-नृत्य में रही दौंगड़ा अहीर की टीम प्रथम
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कनीना की आवाज।
खंड स्तरीय कला उत्सव का शुभारंभ राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में उप मंडल अधिकारी(ना.) डा. जितेंद्र दहिया ने दीप प्रज्वलित करके किया। उन्होंने खंड के सभी क्लस्टर से आई टीमों को संबोधित करते हुए कहा कि यह उत्सव हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवंत रखने तथा विद्यार्थियों में नैतिकता की भावना को बढ़ाते हुए उन्हें बेहतर जीवन जीने की कला सिखाता है। उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थी पढऩे की आदत को पीछे छोड़कर मोबाइल के दीवाने हो रहे हैं। जिसका उन्हें जीवन में अनेक स्पर्धाओं  में असफलता हाथ लगती है। विद्यार्थी को स्कूली समय के पश्चात कम से कम दिन में 6 घंटे अध्ययन करना चाहिए ताकि वे निजी स्कूलों के विद्यार्थियों से मुकाबला कर सके। कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह ने की तथा बताया कि खंड स्तर की विजेता टीमें अगले सप्ताह जिला स्तरीय प्रतिस्पर्धा में भाग लेंगी।
आज हुई प्रतिस्पर्धा में समूह नृत्य प्रतियोगिता 9 से 12 कक्षा वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दौगड़ा अहीर को मिला वही दूसरा स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला कक्षा 5 से 8 वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह को मिला दूसरा स्थान पीएमश्री स्कूल भोजावास को तथा तीसरा स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला । लघु नाटिका में कक्षा 5 से 8 वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना को तथा दूसरा स्थान राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना को मिला ।
9 से 12 कक्षा वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय उच्च विद्यालय भडफ को दूसरा स्थान राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना को तथा तीसरा स्थान राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना को मिला । रागिनी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय डोंगरा अहिर को द्वितीय स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कन्या मंडी को तथा तीसरा स्थान मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना को मिला वही कक्षा 5 से 8 वर्ग में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह को दूसरा स्थान राजकीय उच्च विद्यालय छितरोली को तथा तीसरा स्थान मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना को मिला । एकल नृत्य में प्रथम स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सुंदरह को दूसरा स्थान राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दौंगड़ा अहीर को तीसरा स्थान मॉडल संस्कृति स्कूल कनीना को तथा चौथा स्थान राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी को मिला ।
आज के कार्यक्रम में अमर सिंह प्राचार्य  , नरेश कुमार कौशिक प्राचार्य  कनीना मंडी रामस्वरूप करीरा मॉडल स्कूल के प्राचार्य सुनील खुडानिया राजकुमार जिला कल्चरल कोऑर्डिनेटर मंच संचालक नरेश कुमार प्रवक्ता हिंदी ओमप्रकाश सहायक पंकज यादव ,ओमरती ,मनोज कुमार, गुलशन यादव ,निर्णायक दीपक कुमार , शुभ लता ,सुशीला, रमेश चंद्र, चेतन शर्मा, सत्य प्रकाश, प्रीति ,कुसुम बाला, तथा सुरेंद्र मोरवाल ,अनीता यादव, रिंकी यादव ,शकुंतला, राजकुमार श्री भगवान लिपिक सहित दर्जनों विद्यालयों के अध्यापक व विद्यार्थी उपस्थित थे
फोटो कैप्शन 03: नृत्य करती बालाएं





तर्पण
राजेश कुमार
सबके भलाई की सोच बनी मां की शिक्षा से
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कनीना की आवाज।
समाज सेवा मां के संस्कारों का ही प्रतिफल
मेरी मां जो 2020 में स्वर्ग सिधार गई थी धार्मिक विचारों व सबके भलाई की सोच रखने वाली एक स्वतन्त्रता सेनानी की वीरांगना थी।
उनको जब भी समय मिलता सबकी भलाई के लिए कुछ न कुछ कार्य करती रहती थी। जब गांव में किसी को भी मोतीझरा, छोटी, बड़ी माता(खसरा )निकल आता था तब मेरी माता जी के पास आते और माता जी उनको देखकर बता देती थी की मोतीझरा ढ़ल गया है या नहीं और कुछ सावधानियां भी बताती थी । उनके सर्व कल्याणकारी जीवन से ही मुझे समाज सेवा की प्रेरणा मिली। उनकी प्रेरणा से आज मैं जीवन में सफल तथा ऊंचाइयों को छू रहा हूं।
राजेश कुमार
  फोटो: राजेश तथा स्व बादाम देवी


तर्पण

             सवाई सिंह, कनीना
ईमानदारी की शिक्षा दादा से पाई
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कनीना की आवाज।
बात उन दिनों की है जब मैं स्कूल में पढ़ता था।  उन दिनों मेरे दादा जी के मूल गांव सिहमा में उनकी छवि नेक, ईमानदार एवं कर्मठ के रूप में होती थी। जब किसान गेहूं आदि बेचते थे तो हिसाब किताब उन्हीं से करवाते थे क्योंकि वे मुंशी का काम करते आ रहे थे। एक दिन मेरे दादा जी मेरी दादी मां को समझा रहे थे कि ईमानदार व्यक्ति को सदा सम्मान मिलता है। साथ में भक्ति भाव में मन लग जाए तो स्वर्ग के द्वार खुल जाते हैं। अचानक मेरे दादा जी जनवरी 1988 में चल बसे किंतु उनकी वो बात मेरे जहन में गहरा प्रभाव छोड़ गई। उन्हीं के बताए राह पर मैं चल रहा हूं।  
            सवाई सिंह, कनीना निवासी,
फोटो सवाई सिंह एवं श्योताज सिंह।   


















अमीश कुमार
सफलता की सीख मां ने दी
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कनीना की आवाज।
बात उन दिनों की है जब मैं स्कूल में पढ़ता था। मेरी मां मुझे स्कूल तक छोडऩे जाती थी और मेरे आने का बड़ा इंतजार करती थी परंतु कोई गलती हो जाती उसके लिए सजा देती थी। पर जितनी सजा मिलनी उससे कहीं आदि उनका प्यार मिलता था। वो मुझे छोटा ही छोड़कर 17 नवंबर 2000 में स्वर्ग सिधार गई। वो तब अकेला छोड़ गई जब मुझे उनकी बहुत जरूरत थी। आज भी कभी-कभी एहसास होता है कि वह मेरे पास है, सदा मेरे पास रहेगी। उनकी बातें, उनका प्यार उनका, खाना तैयार करने का अंदाज आज भी याद है। काश आज वो जिंदा होती तो मुझे कितनी प्रसन्नता मिलती। वह जहां भी है मैं उन्हें बहुत याद करता हूं। यदि पुनर्जन्म होता है तो मेरी इच्छा है एक बार मेरी वही मां मुझे जरूर मिले, जिनके कारण आज में अपनी शराफत से जीवन जी रहा हूं।
--अमीश कुमार
फोटो कैप्शन: अमीश कुमार तथा स्व. सुमन यादव





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