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Friday, September 26, 2025


 



बलिदानी सज्जन सिंह अशोक चक्र विजेता को किया याद
-जलूराह शौर्य समिति द्वारा आयोजित किया समारोह
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कनीना की आवाज।
शहीद सज्जन सिंह की 31वीं पुण्यतिथि जलूराह शौर्य समिति द्वारा मनाई गई। इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि मेजर जनरल अरविंद यादव थे। वही कार्यक्रम की अध्यक्षता बलिदानी सज्जन सिंह की धर्मपत्नी कौशल्या देवी ने की।
इस मौके पर जनरल मेजर अरविंद यादव ने कहा कि शहीद सज्जन सिंह जांबाज सैनिक थे। 1994 में वह आतंकवादियों से लोहा लेते हुए शहीद हुए। 1995 में तत्कालीन राष्ट्रपति डा. शंकर दयाल शर्मा द्वारा मरणोउपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं पर हमारे सैनिक भारत मां की रक्षा कर रहे हैं। इस मौके पर उन्होंने बलिदानी सज्जन सिंह को अपनी श्रद्धांजलि दी।
मोलडऩाथ आश्रम समक्ष बलिदानी सज्जन सिंह की प्रतिमा पर सुबह मुख्य अतिथि सहित अन्य पूर्व सैनिकों ने भी पुष्प कर अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर हवन यज्ञ का भी आयोजन किया गया तथा प्रसाद भी वितरित किया गया।
बलिदानी सज्जन सिंह का जन्म कनीना के एक साधारण किसान परिवार मंगल सिंह के घर हुआ था। शहीद सज्जन सिंह 1971 में सेना में भर्ती हुए थे। सूबेदार सज्जन सिंह 26 सितंबर 1994 को जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा में जलुराह के निकट आतंकवादियों के विरुद्ध  तलाशी अभियान के दौरान एक तलाशी टोली के कमांडर थे। आतंकवादियों के छिपने के दो स्थानों को पहचान कर सूबेदार सज्जन सिंह दबे पांव उन तक पहुंचने वाले थे कि आतंकवादियों ने 15 मीटर दूरी से गोलियां बरसानी शुरू कर दी। उधर सूबेदार सज्जन सिंह ने अपने कंपनी कमांडर जवानों को इस तरफ आगे बढ़ते देखा तो मौके का मूल्यांकन करते हुए भांप लिया कि उनकी जान खतरे में हैं।  सूबेदार सज्जन सिंह ने जान की परवाह न करते हुए शत्रु पर धावा बोल दिया और गोली बरसाते हुए आगे बढ़ते गए। उनके हेलमेट को शत्रु की कई गोलियां छेदती हुई सिर के पार निकल गई और वो वीरगति को प्राप्त हो गये। उनके साहस के कारण चार आतंकवादी तथा उनका बटालियन कमांडर मारा गया। भारी मात्रा में गोला बारूद, हथियार बरामद हुए। सूबेदार सज्जन सिंह के पराक्रम को देखते हुए 26 जनवरी 1995 को डा. शंकर दयाल शर्मा महामहिम राष्ट्रपति ने उन्हें अशोक चक्र से सम्मानित  किया। यह सम्मान उनकी पत्नी कौशल्या देवी ने ग्रहण किया।
इस अवसर पर नगर पालिका प्रधान , पार्षद दीपक चौधरी, नरेंद्र फौजी, विजेंद्र सिंह, नगर पालिका उप-प्रधान सूबे सिंह, पार्षद होशियार सिंह,  राकेश कुमार ,मनीष कुमार ,बिजेंद्र सिंह, सुमेर साहब करीरा मास्टर सुरेंद्र सिंह परिजन, पूर्व सैनिकों सहित नगर के गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 07: बलिदानी सज्जन सिंह को याद कते हुए उपस्थित अधिकारी व अन्य
            08: मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न भेंट करते हुुए।


शहीद सज्जन सिंह अशोक चक्र विजेता को किया याद
-जलूराह शौर्य समिति ने मनाया शौर्य दिवस
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कनीना की आवाज।
जलूरा शौर्य दिवस  का 31वां बलिदान दिवस समारोह आज धूमधाम से शहीद सूबेदार सज्जन सिंह मेमोरियल पार्क में आयोजित  किया गया ।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त महानिदेशक मेजर जनरल अरविंद यादव रहे तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता वीर नारी शहीद सूबेदार सज्जन सिंह की धर्मपत्नी कौशल्या देवी रही ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ सूबेदार सज्जन सिंह की प्रतिमा पुष्प  चक्र अर्पित कर मुख्य अतिथि द्वारा उन्हें नमन किया गया ।
कार्यक्रम का शुभारंभ राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना की छात्राओं द्वारा स्वागत नृत्य से किया गया जलूरा समिति की तरफ से स्वागत कप्तान जगराम सिंह सदस्य ऑपरेशन रक्षक द्वारा किया गया ।
उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मेजर जनरल अरविंद यादव ने कहा कि सूबेदार सज्जन सिंह का बलिदानी पराक्रम व उनकी बटालियन द्वारा किया गया शौर्य  प्रदर्शन हमार बच्चों के लिए प्रेरणा स्रोत है तथा हमारा सदैव मार्ग प्रशस्त करेगा उनकी प्रेरणा से ही यहां के जवान बढ़-चढ़कर सेना में भर्ती हो रहे हैं ,हमारी सीमाएं हमारे जवानों के द्वारा पूरी तरह से सुरक्षित बनाई हुई है आप लोग अपने परिवेश में अपने आसपास के क्षेत्र में ईमानदारी से अपना काम करते हुए करें तथा अपनी जिम्मेदारियां को निभाएं सीमा पर हमारी सेनाएं आपकी सेवा  व रक्षा के लिए मुस्तैद है उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लोगों को के दिलों में देशभक्ति की जो भावना है वह बेमिसाल है तथा देश के सम्मान के लिए लड़ी गई सभी लड़ाईया में यहां के जवानों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया ।
समिति को वीर नारी कौशल्या देवी ने एक लाख रुपये का चेक भेंट किया वहीं संरक्षक डा. टीसी राव, कप्तान वीरेंद्र सिंह, कैप्टन सुशील ,सूबेदार सुंदरलाल व चंदूलाल ने 11000 दान किया। कार्यक्रम का संचालन राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी के प्राचार्य नरेश कुमार कौशिक ने किया तथा
राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी की छात्राओ ने देशभक्ति पूर्ण लघु नाटिका शहीद भगत सिंह , देशभक्ति नृत्य जलवा जलवा तथा समूह मेरा तिरंगा प्रस्तुत किया तथा दर्शकों का मनमोहा। श्रीमती कौशल्या देवी ने शहीद सूबेदार सज्जन सिंह स्मृति बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पुरस्कार योजना के अंतर्गत दसवीं और 12वीं कक्षा में खंड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को दस हजार रुपये नकद प्रदान किए। इस अवसर पर डा. टीसी राव द्वारा रचित  मेरी पहचान एक सैनिक की कहानी पुस्तक का विमोचन  भी मुख्य अतिथि व अतिथियों द्वारा किया गय । इस अवसर पर ऑपरेशन रक्षक की वीरांगनाओं को भी मुख्य अतिथि द्वारा शाल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया आज के कार्यक्रम में कर्नल ओम प्रकाश यादव  कैप्टन विनोद कुमार नगर पार्षद , कर्नल हर्षवर्धन छिबर आइटीबीपी जाटूसना के इंस्पेक्टर हरिकिशन कैप्टन विश्वनाथ तथा उत्तर प्रदेश से 40 कुमाऊं रेजीमेंट के सेवानिवृत अधिकारि पार्षद दीपक चौधरी एडवोकेट, पार्षद प्रतिनिधि नरेंद् सिंह फ़ौजी, समर सिंह यादव कैप्टन चंदन सिंह  हनुमान सिंह  अनिता कुमारी संगीत अध्यापिका अनीता यादव, रिंकी यादव, सरोज देवी  शाहिद सैकड़ों की संख्या में शहीदों के परिजन  व नगर के लोग उपस्थित थे ।
बलिदानी सूबेदार सज्जन सिंह ने जिला महेंद्रगढ़ के कनीना कस्बा में 30 मार्च 1953 में मंगल सिंह-सरती देवी के साधारण परिवार में जन्म लिया। जन्म से ही वे अति कुशाग्र बुुद्धि के धनी थे जिसके चलते वे जब कनीना के राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में शिक्षा ग्रहण करते हुए 27 मई1971 में 13 कुमाऊं रेजिमेंट की बच्चा कंपनी में भर्ती हो गए।
    उनकी वीरता को देखते हुए 26 सितंबर 1994 को उन्हें जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा क्षेत्र में उग्रवादियों की तलाश में भेजे गए। उन्हें अपनी टुकड़ी के कमांडर की भूमिका दी थी। उनकी टुकड़ी उग्रवादियों का पीछा करते हुए उनके करीब पहुंच गए। उग्रवादी घात लगाए बैठे थे कि टुकड़ी उनकी ओर ही बढ़ रही थी। जब सूबेदार सज्जन सिंह की नजर उग्रवादियों पर पड़ी तो वे आगे बढ़ते हुए उनसे जा भिड़े ताकि पूरी टुकड़ी की जान बचाई जा सके। महज उग्रवादियों से 15 मीटर दूरी पर भीषण युद्ध चला। उग्रवादियों के पास भारी मात्रा में गोले, हथियार आदि होने के कारण तथा उनकी संख्या अधिक होने के कारण शहीद सज्जन सिंह छह उग्रवादियों को अकेने ही मार गिराने में सफल हो गए थे किंतु एक और उग्रवादी घात लगाकर बैठा हुआ था जिसकी गोली सूबेदार सज्जन सिंह के सिर में लगी। गोली सिर के पार गुजर गई किंतु उस उग्रवादी को भी मार गिराया।
  इस प्रकार सूबेदार सज्जन सिंह ने अपनी जान पर खेलते हुए पूरी टुकड़ी के प्राणों की रक्षा की। उनकी बहादुरी एवं वीरता पर तत्कालीन राष्ट्रपति डा शंकर दयाल शर्मा ने मरणोपरांत उनकी पत्नी कौशिल्या देवी को 26 जनवरी 1995 को अशोक चक्र से नवाजा जो शांति समय का सबसे बड़ा पुरस्कार होता है। ऐसे वीरों एवं देशभक्तों पर समस्त राष्ट्र को नाज है।  कनीना के बाबा मोलडऩाथ आश्रम स्थित पार्क में शहीद की प्रतिमा लगी हुई है जो आने वाली पीढिय़ों को प्रेरणा का काम करती रहेगी।
 फोटो कैप्शन 07: बलिदानी सज्जन सिंह को याद कते हुए उपस्थित अधिकारी व अन्य
            08: मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न भेंट करते हुुए।



एक दिन मार्केट कमेटी अध्यक्ष की खुशियां मनाई
-अगले दिन दूसरा अध्यक्ष बना दिया
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कनीना की आवाज।
 कनीना  मार्केट कमेटी की चेयरमैन की सूचना पाकर अरुणा कौशिक ने जमकर खुशियां मनाई किंतु अगले दिन जयप्रकाश कोटिया को खुशियां मनाते पाया।
 हुआ यूं कि अरुणा कौशिक को मार्केट कमेटी का अध्यक्ष बनाने की सूचना मिली और उन्होंने जमकर खुशियां मनाई। अगले दिन जयप्रकाश कोटिया को कनीना मार्केट कमेटी का अध्यक्ष बना दिया गया। यह सूचना फैली तो उन्होंने आतिशबाजी की और मिठाइयां बांटी। जयप्रकाश कोटिया ने राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय मंत्री का आभार जताया उनसे आशीर्वाद लेने भी पहुंचे। इस प्रकार जहां दोनों लोगों अरुणा कौशिक और जेपी कोटिया ने खूब आतिशबाजी की और मिठाई बांटकर खुशियां मनाई। आखिरकार अरुण कौशिक की खुशियां गम में बदल गई और जयप्रकाश कोटिया को मार्केट कमेटी का अध्यक्ष बना दिया गया।
फोटो कैप्शन 05: जयप्रकाश कोटिया केंद्रीय मंत्री इंद्रजीत सिंह का आशीर्वाद लेते हुए


दशहरे तक चलता है सांझी पर्व
-प्रतिदिन बच्चियां गीत गाकर प्रसन्न करती हें सांझी को
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कनीना की आवाज। 
गांवों में दशहरे तक चलने वाला सांझी का पर्व शुरू हो चुका है। एकता और भाईचारे का पर्व सांझी भगवान् राम के गुणों को बखान करने वाली रामलीला की भांति मनाया जाता है। गांवों में गोबर तथा सरकंडों से सांझी दिवार पर बनाई जाती है जिसे बच्चियां सिंझा कहती हैं। प्रतिदिन गीत गाकर और भोजन कराकर बच्चियों का समूह अपने घर चला जाता है। दस दिनों तक शाश्वत चलने वाली क्रिया का अंत दशहरे पर होता है।
     भाद्रपद अमावस्या के दिन गांवों में छोटे-छोटे बच्चे एवं बच्चियां मिलकर गोबर, चूड़ी के टुकड़े, कपड़ों की कतरन व कई साजोसामान से देवी मां की  झलक देने वाली सांझी दिवार पर बना देती हैं। तत्पश्चात प्रतिदिन शाम के वक्त पास पड़ोस की बच्चियां इक_ïी होकर सांझी को खाना खिलाती हैं तथा गीत गाती हैं।
    सांझी के निर्माण में बच्चियां अपनी बुद्धि व कौशल का परिचय देती हैं। जिस प्रकार सांझी मां के हाथ व पैरों को सजाया और संवारा जाता है।  बाल कलाकारों की यह अनोखी कलाकारी मन को मोह लेती है। भोजन कराने की क्रिया अश्विन शुक्ल दशमी अर्थात दशहरे तक चलती है। दशहरे के दिन सांझी को भोजन कराकर एक मटकी में डाला जाता है और मटकी के किनारों पर छेद करके मोमबत्ती जलाकर अंदर रख दी जाती है। छुपते छुपाते किसी जोहड़ में सांझी को बहा दिया जाता है।
  एक अनोखी परम्परा के अनुसार सांझी के समक्ष जितने भी बच्चे एवं बच्चियां मिलकर गीत गाते हैं वे प्रतिदिन अपनी बारी के अनुसार गीत समाप्त होने के बाद बाकली या बतासे बांटते हैं। बारी-बारी से प्रत्येक घर का बच्चा यह प्रसाद लाता है और बांटकर खाते हैं। सांझी को जोहड़ में प्रवाहित करने का फैसला भी सामूहिक होता है।  
क्यों करते हैं नौ दिन पूजा-
मां जगदंबा के नौ रूप होते हैं। प्रतिदिन बच्चे मां के एक रूप को पूजते हुए उसे खाना खिलाते हैं और बाद में स्वयं खाना खाते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
फोटो कैप्शन  06: दीवार पर बनी हुई सांझी




सम्मान रैली में पहुंचने पर जताया आभार
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कनीना की आवाज।
चौधरी देवीलाल पूर्व उप-प्रधानमंत्री ने सभी वर्गों के लिये अनेकों योजनाएं बनाई। हलका अटेली वेद प्रकाश नम्बदार प्रदेश उपाध्यक्ष एससी सैल ने ये विचार व्यक्त किये।
 उन्होंने कहा कि हलका अटेली से ताऊ चौधरी देवीलाल जी का 112वें सम्मान दिवस समारोह में हजारों लोग खुद के अपने अपने साधनों से रोहतक सम्मान दिवस समारोह में पहुंचे। वेद प्रकाश नम्बरदार रामबास  जनरल प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य ने सभी का आभार जताया।
  इस मौके पर आनन्द श्योराण हलका अटेली प्रभारी व प्रदेश सचिव ,चौधरी सत्यपाल उन्हाणी जिला प्रधान महासचिव , अमर सिंह जागडां  ,ज्ञानेश्वर निंभल जिला प्रधान आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: चौ. देवीलाल को याद करते हुए वेउदप्रकाश।





गौशाला की 21 गाये ली जयप्रकाश ने गोद
-गौशाला में देने पहुंचे दान
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कनीना की आवाज।
श्री कृष्ण गौशाला कनीना में जयप्रकाश निवासी कनीना ने 21 गाये गोद ली हैं। जिनकी राशि एक लाख रुपये गौशाला में दान की।
इस मौके पर प्रधान भगत सिंह, मास्टर रामप्रताप दिलावर सिंह, ओमप्रकाश ठेकेदार, जयप्रकाश, जगदीश, प्रमोद सहित विभिन्न लोगों ने जयप्रकाश का आभार जताया। गौशाला प्रधान भगत सिंह ने आशा जताई कि प्रकार लोग गायों को गोद लेते रहेंगे जिससे गायों का भी सम्मान बढ़ेगा वहीं लोगों की मनोकामना भी पूर्ण होंगी।
फोटो कैप्शन 04: गाये गोद लेते हुए जयप्रकाश













लक्ष्मण परशुराम संवाद से दहला मंच
-वर्षों पुराना रामलीला कलाकार शिब्बू पंसारी मंच पर रावण के रोल में नजर आये
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कनीना की आवाज।
श्री आदर्श रामलीला के तत्वाधान में पंचम रजनी धनुष यज्ञ का आयोजन हुआ। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में श्रीधर गुप्ता , महंत बुलबुल व डाक्टर रीतिका यादव ने शिरकत की । मंचन में सीता माता के स्वयंवर का बड़ा ही शानदार दृश्य चित्रित किया गया । मंचन का मुख्य आकर्षण लक्ष्मण - परशुराम संवाद रहा।
संवाद में परशुराम की भूमिका में महेंद्र शर्मा झाड़ली ने जानदार अभिनय किया। प्रवक्ता सचिन कुमार लक्ष्मण की भूमिका में नजर आए जिनको देखने के लिए हजारो की भीड़ जुटी। प्रवक्ता सचिन कुमार ने लक्ष्मण के किरदार
में जीवंत अभिनय करते हुए दर्शकों की जमकर वाही वाही लूटी। उनके द्वारा बोले गए एक-एक संवाद पर दर्शकों में जमकर तालियां बजायी व प्रभु श्रीराम के नारे लगाए।
  लगातार 5 दिनों तक कार्यक्रम का शानदार मंच संचालन करने के बाद आज मंच पर लक्ष्मण के पात्र का अभिनय करने के लिए उतरे। प्रवक्ता ने यह पुन: साबित किया कि वो रंग मंच की दुनिया के माहिर व मंझे हुए कलाकार है। उनके शानदार अभिनय ने हजारों की भीड़ को अंत तक बांधे रखा।
मंचन में प्रभु श्रीराम के द्वारा शिव धनुष को तोडऩे का दृश्य आलोकित करने वाला था जिसमे शिव कुमार शर्मा ने दर्शनीय व जीवंत अभिनय किया। परशुराम जी के किरदार में महेंद्र शर्मा झाड़ली का दर्शकों के बीच से आना रोमांच पैदा करने वाला था। बानासुर के किरदार में वंश मित्तल तथा रावण के किरदार में सिब्बू पंसारी ने शानदार संवाद प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का शानदार मंच संचालन प्राचार्य सुनील यादव ने किया। गौरतलब है कि प्रतिवर्ष रामलीला के इस मंचन से कनीना व आस पास के क्षेत्र की युवा पीढ़ी प्रेरित हो रही है जिससे रामलीला के मंचन का उद्देश्य पूरा होता हुआ दिखाई दे रहा है।
इस अवसर पर श्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग , रवींद्र बंसल , विनोद मित्तल , महेंद्र मित्तल , सुभाष मित्तल , मुकुट मित्तल , दिनेश यादव , प्रधान मोहित जेलदार उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01 व 02: लक्ष्मण-परशुराम संवाद करते हुए


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