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Friday, October 17, 2025


 

निजी स्तर पर खरीद पहुंची 120880 क्विंटल
-अब तक 4113 गेट पास काटे गये
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कनीना की आवाज।
 कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में सरकारी तौर अभी तक बाजरा नहीं खरीदा गया है लेकिन निजी स्तर पर 120880 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। यह बाजरा 1900 रुपये से लेकर 1950 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा गया है। कुल आवक 120880 क्विंटल हो चुकी है। शुक्रवार को 504 किसान 16652 क्विंटल बाजरे की पैदावार लेकर अनाज मंडी पहुंचे।
 विस्तृत जानकारी देते हुए सचिव मार्केट कमेटी मनोज पाराशर ने बताया कि अब तक 4113 टोकन किसानों के काटे जा चुके हैं और किसान अपनी बाजरे की पैदावार अनाज मंडी में ला रहे हैं किंतु उनके सैंपल फेल होने के कारण सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पा रही है।
हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रतिदिन सैंपल रेवाड़ी भेजे जाते हैं किंतु मानकों पर खरे नहीं उतरने के कारण सभी सैंपल फेल हो जाते हैं। ऐसे में सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पा रही है।






बीआर स्कूल सेहलंग में दिवाली मेले का होगा आयोजन
-लगेंगे विभिन्न पंडाल
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कनीना की आवाज।
 बीआर स्कूल सेहलंग में 18 अक्टूबर को दिवाली मेले का आयोजन किया जाएगा। यह मेला विद्यालय परिवार के साथ-साथ विद्यार्थियों, अभिभावकों और स्थानीय समुदाय के लिए एक विशेष उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। आयोजन में सांस्कृतिक, शैक्षिक और मनोरंजन से जुड़ी विविध गतिविधियां प्रस्तुत की जाएंगी, जो सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
मेले में आगंतुकों के लिए विभिन्न प्रकार के झूले लगाए जाएंगे, जिनमें बच्चे और बड़े सभी आनंद ले सकेंगे। स्वादिष्ट मिठाइयों के स्टॉल पर पारंपरिक व्यंजनों का स्वाद चखने का अवसर मिलेगा। सजावट से जुड़े आकर्षक स्टॉल विद्यालय की सृजनात्मकता को दर्शाएंगे। फूड स्टॉल पर स्थानीय और आधुनिक दोनों प्रकार के व्यंजन उपलब्ध रहेंगे। इसके साथ ही इलेक्ट्रानिक बाइक और स्कूटर की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। पारंपरिक कला को बढ़ावा देने के लिए मेहंदी स्टॉल पर मनमोहक डिजाइन प्रस्तुत किए जाएंगे।
विद्यार्थियों द्वारा विशेष रूप से तैयार की गई विज्ञान प्रदर्शनी इस मेले की मुख्य विशेषता होगी। इसमें छात्र अपनी वैज्ञानिक सोच और नवाचार को प्रदर्शित करेंगे।'बेस्ट आउट ऑफ वेस्टÓ गतिविधि के माध्यम से छात्र बेकार की चीजों से उपयोगी व आकर्षक वस्तुएँ बनाकर अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करेंगे। इसके अतिरिक्त, सजावटी दीयों के स्टॉल पर विद्यार्थियों द्वारा हाथ से बनाए गए रंग-बिरंगे दीये प्रदर्शित और विक्रय किए जाएंगे, जो दीपावली की पारंपरिक भावना को जीवंत करेंगे।
विद्यालय की प्राचार्या ज्योति भारद्वाज ने बताया कि दिवाली मेला विद्यार्थियों की प्रतिभा को मंच देने के साथ-साथ विद्यालय और समुदाय के बीच संबंधों को मजबूत बनाने का एक उत्कृष्ट अवसर है। उन्होंने कहा कि इस आयोजन के माध्यम से विद्यार्थियों में संगठन, अनुशासन और नेतृत्व के गुण विकसित होते हैं।
विद्यालय के चेयरमैन हरीश भारद्वाज ने कहा कि यह मेला विद्यालय की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक मूल्यों को बढ़ावा देने का माध्यम है। उन्होंने सभी अभिभावकों और स्थानीय निवासियों से अपील की कि वे इस उत्सव में शामिल होकर बच्चों का उत्साहवर्धन करें। उन्होंने बताया कि यह दिवाली मेला विद्यालय और समुदाय के लिए एक यादगार अवसर साबित होगा।
विद्यालय प्रशासन ने सभी को इस मेले में पधारकर उत्सव की खुशियों में सहभागी बनने का आमंत्रण दिया है।
फोटो कैप्शन 08: बी आर स्कूल सेहलंग में आयोजित होने वाले मेले की तैयारी करते हुए।





दीपावली पर्व नहीं महापर्व है
 -पंचपर्वों का महापर्व है दीपावली    
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कनीना की आवाज।
दीपावली का पर्व एक पर्वों का समूह है। इस पर्व से पहले तथा बाद में भी दीपावली की धूम रहती है। शनिवार से ही दीपावली पर्व की शुरूआत हो जाएगी। धन तेरस का पर्व मनाया जा रहा है जिसके बाद तो एक के बाद एक पर्व लगातार चलते रहेंगे।
    ग्रामीण अचल में 10 नवंबर धन तेरस के दिन से ही दिवाली के दीये जलाने शुरू कर दिए जाते हैं। इस दिन माना जाता है कि बर्तन खरीदना लाभकारी है। यही कारण है कि इस दिन बर्तनों की दुकानों पर भारी भीड़ मिलती है। धन तेरस के दिन ही बर्तन क्यों खरीदे जाते हैं। इसके विषय में माना जाता है कि देवताओं और दानवों के द्वारा समुद्र मंथन के पश्चात इसी दिन ही धनवंतरि अमृत कलश लेकर समुद्र से बाहर आए थे। अमृत पाने के लिए देवता बर्तन लेकर दौड़े थे। इसी कारण से यह दिन धनवंतरि त्रयोदशी कहलाता है। लोगों का मानना है कि धनवंतरि इस दिन ही सभी को अमृत बांटते हैं और अमृत पाने की लालसा को लेकर नए बर्तन खरीदे जाते हैं। प्रार्थना की जाती है कि उनका यह नया बर्तन अमृत से भरा रहे और परिवार खुश एवं खुशहाल रहे। वैद्य के लिए यह दिन अति शुभ माना जाता है।
   दिवाली के एक दिन पूर्व यानी 18 अक्टूबर नरक चतुर्दशी व छोटी दीपावली का त्योहार आएगा। यह पर्व श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया जाता है। इस दिन सुबह सवेरे स्नान करना लाभप्रद माना जाता है। अत: लोग सूर्योदय से पूर्व ही स्नान करते हैं। इस पर्व को ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी दिवाली का पर्व कहा जाता है। नरक चतुर्दशी का पर्व असुर नरकासुर की याद दिलाता हैं। अति अभिमानी और देवताओं को सताने वाला नरकासुर राक्षस का भगवान् श्रीकृष्ण ने इसी दिन वध किया था। कहीं मृत्यु का देवता उन्हें नरक न प्रदान करे। इस भय के मारे लोग यमराज की पूजा करते हैं। इसे दूसरे दिन की दिवाली भी कहा जाता है।
19 एवं 20 अक्टूबर दिवाली का पर्व अंधेरे को मिटाने वाला तथा प्रकाश रूपी पुष्प भेजने वाला हिन्दुओं का महान पर्व है। जब भगवान् श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास भेजा गया था तभी से प्रजाजन अति दु:खी थे और पल.पल उनको याद करते रहते थे। आखिरकार एक दिन रावण ने सीता का ही हरण कर लिया और उन्हें लंका ले गया। हनुमान की सहायता से जब सीता का पता लगाया तो भगवान् श्रीराम ने लंका पर धावा बोलकर रावण का वध कर दिया जिसे दशहरा नाम दिया गया । उस दिन पश्चात श्रीराम अयोध्या के लिए लौट चले थे। जब श्रीराम अयोध्या लौटे तो लोगों ने खुशी के मारे तीन दिन देशी घी के दीये जलाए थे। तभी से यह त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। अमावस्या के दिन घोर अंधेरा होता है किंतु दीप जलाकर इस अंधेरे को नष्ट कर दिया जाता है। इस त्योहार पर घरों और आवास को चमकाया जाता है। लक्ष्मी सरस्वती और गणेशजी की पूजा की जाती है।
   दिवाली के अगले दिन अर्थात 21 अक्टूबर अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है। इसे गोवर्धन नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में खिचड़ी व कढ़ी बांटी जाती हैं जिसे प्रत्येक जन चाव से खाता है। गोवर्धन पर्व से जुड़ी है श्रीकृष्ण और इन्द्र देव के बीच का प्रसंग। एक बार इंद्र देव भगवान् श्रीकृष्ण से कुपित हो गए और मूसलाधार वर्षा करने लगे। गोकुल में इतनी भारी वर्षा देखकर ग्रामीण भयभीत हो गए और चारों ओर त्राहि.त्राहि मच गई। जीव जल में डूबकर मरने लगे तो ग्रामीण दौड़कर भगवान् श्रीकृष्ण के पास आए। भगवान् श्रीकृष्ण ने उस वक्त गोवर्धन पर्वत ही अपनी अंगुली पर उठा लिया और गोकुलवासियों को उसके नीचे आने का आदेश दिया। इस प्रकार इंद्र का गर्व चूर.चूर हो गया और खुश होकर ग्रामीणों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की। इसी दिन आजकल गाय आदि की पूजा करने का विधान भी है। विश्वकर्मा जयंती भी मनाई जा रही है।
   दिवाली के दूसरे दिन यानी 22 अक्टूबरको भैया दूज नाम से जाना जाता है। यह पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने भाई को बुलाकर उनका आदर सत्कार करती हैं। तथा उनके दर्शन किए बगैर अन्न भी ग्रहण नहीं करती हैं। बहन भाई को तिलक करके उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए यमराज की पूजा करती हैं। इस प्रकार दिवाली का पर्व पूरे पांच दिनों तक चलने वाला पर्व हैजिसका महत्व आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में उतना ही है जितना पहले कभी होता था।





दो दिवसीय दिव्यांग शिविर संपन्न
--आरपीडब्ल्यूडी एक्ट पर डाला प्रकाश
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कनीना की आवाज।
हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद के तत्वाधान में दिव्यांग जागरूकता शिविर के दूसरे दिन प्राचार्य सुनील खुडानिया ने सभी को संबोधित करते हुए कार्यक्रम का आगाज किया। शिविर में नारनौल से आए एपीसी डा. विक्रम ने सभी अभिभावकों और शिक्षकों को संबोधित किया। रिसोर्स पर्सन धर्मेंद्र ने आरपीडब्ल्यूडी एक्ट/दिव्यांगता के अधिकार पर प्रकाश डाला तथा सभी अभिभावकों ओर शिक्षकों को इससे अवगत कराया। प्राचार्य सुनील खुडानिया ने दिव्यांग के प्रकार पर प्रकाश डाला। इस शिविर में अमृत सिंह राघव विशेष शिक्षक सरिता विशेष शिक्षिका  विशेष रूप से उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: प्राचार्य श्री खुडानिया अभिभावकों को जानकारी देते हुए।





सतवीर और राम सिंह ने गोद ली दो-दो गायें, श्रीकृष्ण गौशाला को 11-11 हजार की राशि भेंट
--भगत सिंह प्रधान ने किया अभिनंदन
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कनीना की आवाज।
शुक्रवार को श्रीकृष्ण गौशाला कनीना में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें क्षेत्र के कई श्रद्धालुओं ने गोसेवा में अपना योगदान दिया। इस अवसर पर कनीना निवासी सतवीर ने दो गायें गोद लेकर 11,000 रुपये की राशि, वहीं राम सिंह कनीना ने भी दो गायें गोद लेकर 11,000 रुपये का सहयोग किया। गौसेवकों के इस योगदान का स्वागत करते हुए श्रीकृष्ण गौशाला प्रधान भगत सिंह यादव ने कहा कि क्षेत्र के लोग अब धीरे-धीरे गौशाला के विकास के लिए आगे आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में श्रीकृष्ण गौशाला को हाइटेक और आदर्श गौशाला के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां गायों के लिए उत्तम चारे, चिकित्सीय सुविधा और स्वच्छ वातावरण की व्यवस्था होगी। भगत सिंह यादव ने यह भी कहा कि गौशाला में समय-समय पर धार्मिक, सामाजिक और जनजागरण से जुड़ी गतिविधियों का आयोजन किया जाता है ताकि अधिक से अधिक लोग गोसेवा से जुड़ सकें। कार्यक्रम में मास्टर रामप्रताप, दिलावर सिंह, सूबेदार दीनदयाल, सूबेदार मेजर महेंद्र सिंह, मदनलाल गेरा, तोताराम ठेकेदार, रामकिशन, सूबेदार दुलीचंद यादव, दिनेश यादव, सूबेदार बद्रीनारायण, मनीष जांगड़ा, राज सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 07: गायों को गोद लेते हुए।



होलीवाला जोहड़ बन गया आफत
-साल भर बिखेरता रहता है गंदा जल
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कनीना की आवाज।
होलीवाला जोहड़ पर गंदे पानी की निकासी के लिए नगर पालिका प्रशासन ध्यान देना चाहिए।  ये विचार दीपक चौधरी पार्षद वार्ड 2 ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि जहां दीपावली के अवसर पर एक तरफ तो नगर के सभी वार्डों में सफाई अभियान चलाया जा रहा है दूसरी ओर पिछले एक महीने से होलीवाला जोहड़ का पानी आम रास्ते जल भराव की समस्या से लोग परेशान है जो कि गंदा पानी आने जाने वाले राहगीरों और स्कूली बच्चों के लिए समस्या बना हुआ है। नगर पालिका प्रशासन और प्रधान  इस तरफ कोई  ध्यान नहीं दे रहे हैं। बार-बार अवगत कराने के बावजूद भी इस पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है।
 उन्होंने कहा कि होलीवाला जोहड़ की छटाई के लिए टेंडर भी लगा हुआ है। जब तक इसकी छटाई  नहीं होती तब तक अस्थाई रूप से इस पानी का समाधान किया जाए। ताकि आमजन और स्कूली बच्चों और महिलाओं को आने जाने में परेशानी ना हो  आवागमन के लिए पर साफ करवाया जाए ताकि दीपावली के अवसर पर साफ सफाई की व्यवस्था से आसपास के आम लोगों को परेशानी ना हो।
फोटो कैप्शन 09: गंदा जल दिखाते हुए दीपक चौधरी


अतर सिंह कैमला को बनाया ट्रस्ट का प्रदेश उपाध्यक्ष, मिली बधाइयां
--अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट के बने हैं उपाध्यक्ष
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कनीना की आवाज।
ठाकुर अतर सिंह तंवर कैमला को अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ट्रस्ट भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष हरियाणा नियुक्त किया है। उनकी संगठन के प्रति निष्ठा और लगन देखते हुए संगठन ने प्रदेश उपाध्यक्ष हरियाणा नियुक्ति की है।
उल्लेखनीय है कि अतर सिंह  इलाके के बड़े जमींदार और कनीना मंडल अध्यक्ष भाजपा रह चुके हैं।  उनके पिता गांव के सरपंच रह चुके हैं तथा बैंक के चेयरमैन और एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में याद किया जाता है। उनकी बेटी एमबीबीएस है और एक बेटा इंजीनियर और दूसरा वकालत पूरी चुका है। उनके उपाध्यक्ष बनाये जाने पर विभिन्न लोगों ने बधाई दी है तथा अतर सिंह ने मुख्यमंत्री सहित भाजपा के पदाधिकारियों का आभार जताया है।




पवन कुमार को मिली संस्कृत में पीएचडी की उपाधि
--कनीना मंडी निवासी है पवन कुमार
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कनीना की आवाज।
कनीना निवासी वार्ड नंबर 07 से डा. पवन कुमार को मिली पीएचडी की उपाधि।
यह प्रतिष्ठित उपाधि बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय रोहतक के चतुर्थ दीक्षांत समारोह के दौरान प्रदान की गई। यह समारोह विश्वविद्यालय और उपाधि प्राप्त कर्ताओं दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण अवसर था। समारोह में हरियाणा राज्य के शीर्ष नेतृत्व की उपस्थिति रही। मुख्य अतिथि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और विशिष्टअतिथि हरियाणा सरकार में शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति महंत बालक नाथ योगी की उपस्थिति में संस्कृत विषय में पीएचडी की उपाधि से सम्मानित किया गया। इस अवसर के मौके पर एसडीएम विजय कुमार यादव, मास्टर सत्यवीर सिंह, डॉ दिनेश कुमार, जेपी कोटिया, उमेश यादव, प्रवीण सेन, राजकुमार यादव, देवेंद्र गोयल,शिव कुमार,तेजपाल सेन, मुकेश कुमार,राजेश कुमार, अजय यादव आदि ने पवन कुमार को इस उपलब्धि पर बधाई दी है।
फोटो कैप्शन 04: पवन कुमार पीएचडी उपाधि लेेते हुए।



नपा के कर्मियों को दी दीवाली की शुभकामनाएं
--अंकुर यादव












के नेतृत्व में हुआ कार्यक्रम

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कनीना की आवाज।
दीवाली पर कनीना नगरपालिका के कर्मचारियों को शिवा इंडस्ट्री की तरफ से दीवाली की हार्दिक बधाई दी। इस मौके पर कनीना नगरपालिका के सचिव और समस्त वार्ड पार्षद मौजूद रहे।
कंपनी के द्वारा भेजे गई भेंट महेंद्र सैन द्वारा बाटे गए। सभी कर्मचारियों के द्वारा साफ सफाई में दिया जाने वाला योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण है। ये  विचार अंकुर यादव कनीना चेयरमैन शिवा ग्रुप के हैं। उन्होंने कहा कि जो जान को जोखिम में डालकर सेवा करते हैं उनको कभी नहीं भुलाना चाहिए।
फोटो कैप्शन 05: नगरपालिका कर्मियों को दीवाली की शुभकामनाएं देते हुए।

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