60 एकड़ की कड़बी जलकर राख
-दमकल विभाग की गाडिय़ों ने पाया आग पर काबू
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल के गांव गुढ़ा में बिजली की तार टूटने से सैकड़ों मण कड़बी जलकर राख हो गई। दमकल विभाग की दो गाडिय़ां पहुंची जिन्होंने आग पर काबू पाया। एक गाड़ी महेंद्रगढ़ से तो दूसरी चेलावास से आई।
मिली जानकारी अनुसार दोपहर पश्चात योगेश कुमार की करीब 60 एकड़ की इकट्ठी की गई कड़बी में आग लग गई। आग बिजली के तार के टूटने से लगी। कड़बी धू-धूकर जलने लगी। पुलिस एवं फायर ब्रिगेड को सूचित किया जिन्होंने आग पर काबू पाया। आग पर काबू पाने के लिए
सुनील कुमार, विकास महेंद्रगढ़ फायर स्टेशन से तथा चेलावास फायर स्टेशन से कुलदीप,नवीन एवं शैलेंद्र पहुंचे। योगेश कुमार ने मुआवजा देने की मांग की है।
फोटो कैप्शन 08: गुढ़ा में लगी आग से जली कड़बी।
-श्रीराम तिलक के साथ संपन्न हुआ रामलीला का मंचन
-51 फुट ऊंचे रावण दहन
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कनीना की आवाज। श्री आदर्श रामलीला समिति के तत्वाधान में आयोजित हुई रामलीला के भव्य मंचन का समापन रावण दहन एवं राम राजतिलक के साथ हुआ। इससे पहले प्रभु श्री राम जी की सेना व रावण की सेना रथ में सवार होकर पूरे नगर की परिक्रमा करते हुए रामलीला मैदान में पहुंची व नगर के मुख्य चौराहों पर युद्ध का दृश्य दिखाया गया जिसको देखने के लिए अपार जनसमूह उमड़ा। इसके बाद मंच पर रावण व श्रीराम के बीच भीषण युद्ध देखने को मिला व अंत में रावण का संहार करके श्री राम जी ने 51 फुट ऊंचे रावण का दहन किया। राम का रजतिलक किया गया। कार्यक्रम के अंत में सभी कलाकारों को सम्मानित किया गया। प्रधान मोहित जेलदार व उप-प्रधान दिनेश यादव ने सभी का धन्यवाद किया। लीला का समापन राजतिलक का मनमोहक दृश्य के साथ हुआ। इस दौरान श्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग , महेंद्र मित्तल , पिन्नू मित्तल , मुकुट मित्तल , निट्टू ठेकेदार , विक्की पंसारी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: राम का राजतिलक करते हुए
धर्मवीर यादव कोटिया को सर्वसम्मति से बनाया कनीना ब्लाक सरपंच एसोसिएशन का प्रधान
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कनीना की आवाज। कनीना ब्लाक के सरपंच एसोसिएशन की बैठक कनीना में आयोजित हुई जिसमें सरपंच एसोसिएशन प्रधान हरिओम पोता को निजी समस्याओं के चलते प्रधान पद से हटकर सरपंच धर्मवीर यादव को कोटिया को सर्वसम्मति से ब्लाक सरपंच एसोसिएशन का नया प्रधान चुना गया। इस मौके पर कन्या ब्लाक के काफी सरपंच मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: धर्मवीर यादव का सम्मान करते हुए सरपंच
जगह-जगह गंदगी, ओवरफ्लो नाले, गलियों में फैला वर्षा का गंदा जल बना आफत
-कनीना नगरपालिका के पास नहीं है समाधान
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के तहत वार्डों में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। वहीं कई जगह कूड़ेदान हटा दिए गए हैं, यहां तक की वर्षा का जल भी गलियों में खड़ा है और लोगों का आवागमन भी गंदे जल से हो रहा है। नगरपालिका असहाय नजर आ रही है। करीब 40 सफाई कर्मचारी है लेकिन सभी वार्डों की प्रतिदिन सफाई नहीं हो पा रही है। कहने को तो नगर पालिका है किंतु हालत देखकर लगता है कि एक गांव से भी बदतर हालत है। न कोई सुनने वाला और न ही कोई कूड़ा उठाने वाला है।
गंदे नाले और नालियां ओवरफ्लो होने से दूर दराज तक गंदाजल फैल रहा है। यदि अंधेरे में कोई दोपहिया वाहन इनमें गिर गया तो बचना भी मुश्किल हो जाएगा। लोगों का कहना है कि नगरपालिका कोई सुध नहीं ले रही है। आरती सिंह राव मंत्री एवं उच्च अधिकारियों ने होलीवाला जोहड़ की पैमाइश करके जोहड़ की सफाई करने का आदेश दे रखा है लेकिन नगर पालिका ने अभी तक न तो पैमाइश करवाई है और न जोहड़ सफाई करवाई है। परिणाम यह है कि इस जोहड़ का गंदा जल दूर दराज तक फैलकर समस्या बना हुआ है।
क्या कहते हैं अधिकारी -
कनिष्ठ अभियंता राकेश कुमार नगर पालिका कनीना से इस संबंध में चर्चा की। उन्होंने बताया कि अभी कालरवाली जोहड़ का पानी साफ किया जा रहा है। इसमें करीब 10 दिन लगेंगे। तत्पश्चात होलीवाला जोहड़ के पानी को साफ करके खोदाई की जाएगी। यह गंदा पानी दूर हो पाएगा। उन्होंने बताया कि सफाई से संबंधित 35 सफाई कर्मचारी है। 4 एचकेआरएन के है तथा प्रतिदिन सभी वार्डों में नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में गंदगी मिलना स्वाभाविक है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इन समस्याओं से निजात पाया जा सकेगा। उच्च अधिकारियों कुछ और कर्मचारी लगाने के लिए भी पत्र प्रेषित किया है।
फोटो कैप्शन 03:होलीवाला जोहड़ का फैला गलियों में गंदा जल
04: ओवरफ्लो नालों की फैली गंदगी की हालात
05: कूड़े के लगे ढेर
कोलकाता से आई संतोष देवी ने ली 10 गाये गोद
- 51000 की नकद राशि दी भेंट
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कनीना की आवाज। संतोष देवी अग्रवाल मोहनपुर निवासी हालआबाद कोलकाता ने कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में आकर दस गाये गोद ली और 51000 रुपये गौशाला को भेंट की। इस मौके पर उनके परिवार से संजय अग्रवाल, श्याम अग्रवाल, किशन अग्रवाल शामिल हुये। इस मौके पर भगत सिंह श्रीकृष्ण गौशाला प्रधान ने उनका अभिनंदन किया तथा इस कार्य की सराहना की।
उन्होंने कहा कि जो कोलकाता में रह रहे हैं वो भी कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला के प्रति गहन लगाव रखते हैं। उन्होंने इस पुनीत कार्य के लिए उनका आभार जताया। इस मौके पर उनके साथ रविंद्र बंसल, हरि किशन बंसल, हरीश बंसल, कमला देवी, अनिता बंसल, जीविका, रामपाल यादव, दिलावर सिंह यादव, बलवान सिंह आर्य, कृष्ण प्रकाश गुरुजी, मास्टर रामप्रताप, प्रवीन कुमार मुनीम आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: श्रीकृष्ण गोशाला में गाये गोद लेते हुए संतोष देवी बंसल
ऐसा भी एक स्कूल जहां कोई शिक्षक नहीं-
कोटिया स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं
-30 विद्यार्थी पा रहे हैं शिक्षा
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कनीना की आवाज। शहीद हनुमान सिंह राजकीय माध्यमिक विद्यालय कोटिया में वर्तमान में एक भी स्थायी शिक्षक नहीं है। 39 विद्यार्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है। एक मुख्य अध्यापक जरूर कार्यरत था जो 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में बिना शिक्षकों के कैसे पढ़ाई हो?
एसएमसी सदस्य देशराज यादव ने बताया कि उनके कोटिया स्कूल में लंबे समय से एक मुख्य अध्यापक कार्यरत था जो 30 सितंबर को सेवानिवृत्त हो चुका है। अब कोई शिक्षक विद्यालय में कार्यरत नहीं है। बिना शिक्षकों का यह इकलौता माध्यमिक स्कूल है। इस संबंध में ग्रामीणों ने कई बार शिक्षा अधिकारियों से शिक्षक भेजने की मांग की है किंतु सब बेकार गया।
अगर शिक्षा अधिकारियों की माने तो उनका कहना है कि एक संस्कृत शिक्षक डेपूट कर रखा है जो कार्यरत सीहोर में है किंतु पढ़ाने के लिए यहां आता है लेकिन वह भी नियमित रूप से नहीं आ पाता। उनको भी कभी कभार कार्य होता है। ऐसे में जिस दिन डेपूट किया हुआ शिक्षक नहीं आ पाता उस दिन विद्यार्थी कैसे पढ़ पाए? कम से कम यहां तीन शिक्षकों की जरूरत है।
कभी कभार सेवानिवृत्त शिक्षक भी दुखी विद्यार्थियों की समस्या हल करने के लिए विद्यालय में आ जाते हैं। ऐसे में अब बेचारे विद्यार्थी क्या करें? अभिभावक भी अब तो परेशान हो चले हैं। नजदीक दूसरा स्कूल कम से कम 3 किलोमीटर दूर पड़ता है। जहां तक बच्चों को भेजना भी कठिन होता है।
क्या कहते अधिकारी-
खंड शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह से बात कि तो उनका कहना है कि शिक्षकों का प्रबंध कर दिया है तथा उनकी समस्या को हम उच्च अधिकारियों तक भी प्रेषित कर दिया है। ऐसे में जब उच्च अधिकारी किसी स्थायी शिक्षक को भेज पाएंगे तभी समस्या का समाधान हो पाएगा।
फोटो कैप्शन 01: कोटिया स्कूल जहां कोई शिक्षक नहीं
किसान जुटे रबी फसल की तैयारी में
-खेतों की चल रही है सिंचाई एवं जुताई
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कनीना की आवाज।
कनीना क्षेत्र की बावनी अर्थात 52 हजार हेक्टेयर भूमि मानी जाती है। इस पर खरीफ फसल किसानों द्वारा लेने के पश्चात रबी फसल की तैयारी में किसान जुट गए हैं। त्वरित गति से अपने खेतों की सिंचाई फव्वारों द्वारा कर रहे हैं क्योंकि रबी फसल पूर्ण रूप से ट्यूबवेलों पर निर्भर करती है। किसान सरसों और गेहूं और गेहूं उगते हैं। सरसों की अच्छी पैदावार लेने के लिए अच्छे बीजों एवं खादों की तलाश कर रहे हैं। 10 अक्टूबर से सरसों की बीजाई प्रारंभ हो जाती है जबकि 1 नवंबर से गेहूं की बिजाई शुरू कर दी जाती है। वर्तमान में किसान बीजों की दुकानों पर जहां खाद एवं बीज लाकर खेतों में डाल रहे हैं वही बीजों को बीजाई करने के लिए अपने घर में सुरक्षित रख रहे ताकि समय आते ही बिजाई कर दी जाए।
किसान सुरेंद्र सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने बताया कि जल्द ही बिजाई का समय आने वाला है। अभी दिन के समय तापमान अधिक होने से बीजाई संभव नजर नहीं आ रही है।
क्या कहते हैं पूर्व कृषि अधिकारी-
पूर्व कृषि अधिकारी डा. देवराज यादव बताते हैं कि सरसों की बिजाई 10 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाती है जो 25 अक्टूबर तक जारी रहती है। इसके लिए तापमान 28 से 30 डिग्री होना चाहिए। तत्पश्चात 1 नवंबर से गेहूं की बिजाई शुरू हो जाती है। देसी किस्म सी-306 सात नवंबर तक बीजाई की जा सकती है तथा बाद में गेहूं की बीजाई 25 नवंबर तक जारी रहेगी जिसके लिए तापमान 22 डिग्री चाहिए। गेहूं के लिए सरसों के मुकाबले तापमान कम चाहिए। अभी मौसम में बदलाव नहीं हुआ है, आने वाले समय में मौसम में बदलाव होने की संभावना है। तत्पश्चात किसान तेजी से बीजाई का काम करेंगे। वर्तमान समय में किसान खेतों की तैयारी कर रहे और खेतों की सिंचाई करके बीजाई के लिए तैयार रहेंगे।
कई समस्याओं से जूझ रहे हैं किसान--
क्षेत्र के किसान कई समस्याओं से जूझते आ रहे हैं। पैदावार लेने के लिए बिजली, पानी, खाद, गिरते जलस्तर, बीजों की जानकारी अभाव तथा कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में रबी फसल पैदावार लेना तलवार की धार के समान है।
कनीना क्षेत्र का किसान यूं तो सदा ही मेहनत के बलबूते पर जीवित रहा है। कठिन परिश्रम करके अपनी आजीविका कमा रहा है। उसकी मुख्य फसलें खरीफ एवं रबी की होती है। खरीफ की फसल वर्षा पर आधारित होती है। पहले ही भू-स्तर गिरता जा रहा है ऊपर से डार्क जोन घोषित होने से नलकूप खोदना आसान नहीं रहा है। वैसे भी नलकूप लगाना लाखों रुपये का खर्चा होता है। यह भी सत्य है कि प्रतिवर्ष उसके बिजली के उपकरण जलने की समस्या रहती है। जैसे तैसे उपकरण ऋण लेकर लगा भी देता है तो पानी की समस्या फिर भी आड़े आ जाती है क्योंकि बिजली कम आती है जिसके चलते पर्याप्त खेतों की सिंचाई नहीं हो पाती है। इस संबंध में कुछ किसानों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्र हैं--
**कनीना क्षेत्र में नहरों की संख्या काफी है किंतु या तो उनमें पानी आता ही नहीं या फिर वह पानी पीने के लिए ही सप्लाई होता है। इस पानी को किसान ले नहीं सकते। खादों की कमी विगत वर्ष से अधिक चल रही है। बीज और दवाइयां भी तो अच्छे नहीं मिलते हैं। मिल भी जाते हैं तो अति महंगे होते हैं। किसान रूढि़वादी होने के कारण भी परेशान हैं क्योंकि वे नए बीजों का उपयोग करने की बजाए पूर्व में उपयोग करते आ रहे बीजों का ही उपयोग करना श्रेष्ठ समझते हैं।
---भरत सिंह किसान
किसानों के सामने गिरते जलस्तर की समस्या भी तो विकराल बन रही है क्योंकि किसान प्रत्येक वर्ष डीप बोर करवाता है किंतु अगले वर्ष वह जलस्तर भी घट जाता है। ऐसे में दक्षिण हरियाणा का किसान हताश व निराश लगता है। उससे बात करने पर कृषि को घाटे का सौदा बताता है। इन हालातों में उसके लिए फसल पैदावार लेना तलवार की धार पर चलने के समान है।
---देवेंद्र किसान
फोटो कैप्शन 01: किसान ट्रैक्टरों से करते जुताई
साथ में देवेंद्र, भरत सिंह एवं डा. देवराज









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