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Friday, October 24, 2025


 




डीएवी अकादमी को पुन: शुरू करवाने संबंधित दिया जिला उपायुक्त को ज्ञापन
--कई सालों से बंद पड़ी है अकादमी
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कनीना की आवाज।
हरेंद्र शर्मा समाजसेवी एवं कुछ अन्य लोगों ने नारनौल जिला उपायुक्त को ज्ञापन देकर कनीना की डीएवी अकादमी को पुन: शुरू करवाने की मांग की है। ज्ञापन में कहा गया है कि डीएवी अकादमी कनीना कई वर्षों से बंद पड़ी है। इसका भवन खंडहर बनने जा रहा है। भवनों में जंगली जानवरों ने शरण ले ली है। यह संस्थान विश्व स्तरीय शिक्षा संस्थान है। इसके आने से कनीना में खुशियां छा गई थी जिसको क्षेत्र को बहुत गर्व हुआ था लेकिन बाद में बंद कर दिया गया है। इस अकादमी के कारण कनीना क्षेत्र की 50 एकड़ कीमती जमीन बेकार हो गई है। यहां विभिन्न कार्यालय स्थापित किये जा सकते हैं। इसको जल्द से जल्द पुन: खुलवाने का कष्ट करें।
फोटो कैप्शन 07: कनीना की बंद पड़ी डीएवी अकादमी





360 किसान मंडी में लेकर आये 23022 क्विंटल बाजरा
--खरीद पहुंची 195483 क्विंटल ,सरकारी तौर पर नहीं हो पाई खरीद
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कनीना की आवाज।
 कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में सरकारी तौर अभी तक एक दाना भी बाजरा नहीं खरीदा गया है लेकिन निजी स्तर पर 195483 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। यह बाजरा कम से कम 1900 रुपये और अधिकतम 1950 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा गया है। शुक्रवार को 360 किसान 23022 क्विंटल बाजरा लेकर आये।
 विस्तृत जानकारी देते हुए सचिव मार्केट कमेटी मनोज पाराशर ने बताया कि अब तक 6309 टोकन किसानों के काटे जा चुके हैं और किसान अपनी बाजरे की पैदावार अनाज मंडी में ला रहे हैं किंतु उनके सैंपल फेल होने के कारण सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पा रही है।
हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रतिदिन सैंपल रेवाड़ी भेजे जाते हैं किंतु मानकों पर खरे नहीं उतरने के कारण सभी सैंपल फेल हो जाते हैं। ऐसे में सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पा रही है।
फोटो कैप्शन 08: कनीना की नई अनाज मंडी में बाजरे की आवक।






कूड़ा बीनने वाले बिखेर देते कूड़े को
-नगरपालिका नहीं उठाती समय पर
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कनीना की आवाज।
 कनीना के विभिन्न वार्डों में जहां समय पर नगरपालिका कूड़ा नहीं उठा पाती जिसका लाभ कुड़ा बीनने वाले उठा रहे हैं। वे कूड़े से विभिन्न उपयोगी तथा कबाड़ में बेचे जाने वाले पदार्थों को इकट्ठा कर लेते हैं जिसके कारण कूड़े को दूर तक बिखेर देते हैं।
 कूड़ा बीनने वाले आए दिन सुबह सवेरे कूड़े के ढेरों बिखेरकर उनमें उपयोगी एवं कबाड़ में बेचे जाने वस्तु को उठा लेते हैं। उन पर आवारा जंतु भी मंडराते रहते हैं। कनीना के कई स्थानों पर कूड़ादान नहीं रखे गए हैं, परिणाम कूड़ा दूर दराज तक फैल जाता है और बदबू देता है।
   बार-बार प्रशासन से लोग गुहार लगते हैं कि समय पर कूड़ा उठाया जाए किंतु नगर पालिका अधिकारी एवं कर्मचारी कूड़ा उठाने वाले कर्मियों की कमी बता देते हैं। और मानते हैं कि सभी वार्डों में प्रतिदिन कूड़ा नहीं उठाया जा सकता। एक और जहां कूड़े के ढ़ेर लग जाते हैं वहीं कुत्ते उन पर मल मूत्र त्याग जाते हैं जिसके कारण गंदगी और भी बढ़ जाती है। कनीना में कुत्तों की संख्या भी बढ़ती जा रही है परिणाम यह निकलता है की गंदगी को और गंदा करने में ये आवारा जंतु मदद कर रहे हैं।
 फोटो कैप्शन 6: गंदगी के लगे हुए ढेर और पास बैठा कूड़ा बीनने वाला






खेड़ी में कलश यात्रा के बाद राम कथा की शुरू
--अतरलाल पहुंचे मुख्य अतिथि बतौर
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कनीना की आवाज।
खेड़ी (तलवाना) गांव के राम मन्दिर में आठ दिवसीय संगीतमय रामकथा विधि विधान से शुरू हुई। सुबह कलश यात्रा निकाली गई। जिसका शुभारम्भ प्रमुख समाजसेवी अतरलाल एडवोकेट तथा कथावाचक आचार्य दास मोहित ने भगवा झंडा दिखाकर किया। अतरलाल ने कहा कि राम विश्व के आराध्य देव हैं। उनकी कथा से समाज में प्रेम, करूणा, सद्भावना, त्याग, तपस्या, परोपकार व भाईचारा की प्रेरणा मिलेगी। उन्होंने कथा आयोजन के लिए ग्रामवासियों का धन्यवाद किया। आचार्य दास मोहित ने बालकांड की कथा सुनाते हुए राम की बाल लीलाओं का संगीतमय बखान कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर दिया। इस दौरान बाल लीलाओं की शानदार झांकियां प्रस्तुत की गई। इस अवसर पर रोतान सिंह, सरपंच पकंज, धूम सिंह चेयरमैन, सुखपाल सिंह, औमप्रकाश, रामबीर सिंह, रामनिवास, पवन कुमार, चमनलाल, विजय सिंह, राजेश देवी, निन्दू, गीता, राजेश, पूनम, सोनू, विजय सिंह, धर्मपाल, अजय सिंह, योगराज सिंह आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 05:कलश यात्रा का शुभारम्भ करते समाजसेवी अतरलाल





संत रामेश्वर दास जोहड़ पर छठ पूजा की तैयारी
-विगत वर्ष सैकड़ों लोगों ने मनाई थी यहां छठ पूजा
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कनीना की आवाज।
 कनीना के की बड़ी बणी स्थित संत रामेश्वर दास पर विगत वर्ष सैकड़ों महिला और पुरुषों ने छठ पूजा का पर्व मनाया था। इस जोहड़ को सिरसवाला जोहड़ नाम से जाना जाता है। क्योंकि यह जोहड़ प्राचीन जोहड़ है तथा सदा नहर के पानी से लबालब भरा रहता है। पास में जहां खड़े होने, ठहरने, कपड़े बदलने आदि का भी प्रबंध है। इसलिए विगत वर्ष जहां सैकड़ो महिला और पुरुष इस जोहड़ पर छठ पूजा मनाते देखे गये। जहां इससे पहले इस जोहड़ के पास से गुजरने वाली नहर में छठ पूजा का पर्व मनाया गया था।
 यद्यपि प्रशासन के पास कोई सूचना न होने से न कोई प्रबंध किया है और न ही इन लोगों ने अपनी ओर से कोई प्रबंध किया है। बिहार और यूपी से आए लोग शेर सिंह, देशपाल, सुंदर सिंह आदि ने बताया कि वे अपने प्रांतों में छठ पूजा के पर्व पर नहीं जा सके क्योंकि ट्रेनों में कोई जगह नहीं है, जिसके चलते अब उन्होंने निर्णय लिया है कि अब कनीना में ही पर्व मनाएंगे या फिर मिलकर रेवाड़ी जाएंगे।
 उन्होंने यह भी बताएं कि विगत वर्ष रामेश्वर दास जोहड़ पर उन्होंने छठ पूजा का पर्व पूर्ण किया था। इस वर्ष भी यहीं पर छठ पूजा का पर्व मनाया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कनीना में हजारों की संख्या में बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि से लोग आए हुए हैं। जिनमें बिहार और उत्तर प्रदेश के लोग यह पर्व मानते ह। महिलाएं सज धज कर इस जोहड़ में ही पर्व की गतिविधियां पूर्ण करती हैं। ये वे लोग होते हैं जो किसी कारण से अपने प्रांत में नहीं जा सके। ये अधिकांश वे लोग है जो आसपास क्षेत्र में रोटी रोजी के लिए आते हैं और इनको जब पर्व मानना होता है तो वापस अपने प्रांत जाते हैं। परंतु इस बार ट्रेनों में सीटों का प्रबंध न होने से ये मायूस है और बहुत से लोग यहीं पर छठ पूजा का पर्व मनाएंगे। छठ पूजा का पर्व 27 अक्टूबर और 28 अक्टूबर को देखने लायक होगा क्योंकि 28 अक्टूबर को यह पर संपन्न किया जाएगा।
 फोटो कैप्शन: दो और तीन: वह जोहड़ जहां छठ पूजा का पर्व पूर्वांचल के लोग मानते हैं






देसी गायों में मिलता है मालिक से आत्मिक लगाव
-खूंटा बदलने से चारा देती हैं छोड़, रखे ध्यान-डा. कांगड़ा
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कनीना की आवाज।
 कनीना के पशु चिकित्सक डा. पवन कांगड़ा ने श्रीकृष्ण गौशाला में गायों और उन्नत नस्ल के बैलों का निरीक्षण करने के पश्चात बताया कि देसी नस्ल की गायों का मालिक से आत्मिक लगाव अधिक होता है। जिस घर और जिस खूंटे से ये बंधी होती हैं उसे छोडऩा नहीं चाहती। यदि किसी कारणवश गौशाला में भेज दिया जाता है या खूंटा बदल दिया जाता है तो अक्सर वह खाना तक छोड़ देती है। ऐसे उन्होंने उदाहरण भी बताये। जिसमें पशु ने चलना फिरना भी छोड़ दिया। यदि उस समय ध्यान नहीं दिया जाए तो उनकी मौत तक हो सकती है। उन्होंने कहा कि ऐसे में देसी गायों का खूंटा नहीं बदलना चाहिए या किसी गौशाला में नहीं छोडऩा चाहिए। गौशाला में अगर छोड़ जाता है तो उन पर नजर रखने की जरूरत है, यदि वह चारा नहीं चरती तो उन्हें पुराने स्थल पर ही भेजने से वो ठीक हो सकती है। उउन्होंने गौशाला के प्रधान भगत सिंह से कहा कि जो गायों को बाहर से लोग छोड़कर जाते हैं उन पर जरूर नजर रखे। यदि वह खाना एवं चलना फिरना छोड़ देती है तो किसी वह किसी भी प्रकार की बीमारी से पीडि़त नहीं होती अपितु आत्मिक लगाव रखती है।
पांच गाये ली गोद और दिया दान-
 कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में 5 विभिन्न गायों को गोद लिया और दान दक्षिणा दी। दिन में दो गाये विमला देवी वार्ड नंबर एक निवासी ने गोद लेकर लेकर 10200 रुपये दान दिया। वही एक गाय अमित कुमार ने गोद ली। इस मौके पर उनके साथ भगत सिंह प्रधान के अलावा नवीन यदुवंशी, नवीन पार्षद, रामप्रताप मास्टर, दिलावर सिंह, डा. किरण चौधरी, डा. महेश यादव, हरेंद्र शर्मा आदि मौजूद रहे।  उधर एक गाय डा. अजय सिंगला ने तथा एक गाय बजरंगलाल कनीना ने गोद ली। गौशाला प्रधान भगत सिंह ने उनका अभिनंनदन किया।
फोटो कैप्शन 04: डा. पवन कांगड़ा गायों का निरीक्षण कर हिदायत देते हुए।





अगिहार स्कूल में संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया गया
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कनीना की आवाज।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अगिहार में शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय की प्राचार्या पूनम यादव ने की।
 विद्यालय में अंग्रेजी के प्रवक्ता मदन मोहन कौशिक ने विद्यार्थियों को संयुक्त राष्ट्र संघ के कार्य तथा अंगों के बारे में विस्तार से बताया तथा आधुनिक विश्व के परिप्रेक्ष्य में संयुक्त राष्ट्र संघ की प्रासंगिकता पर चर्चा की। इस अवसर पर विद्यार्थियों ने संयुक्त राष्ट्र संघ के विभिन्न अंगों व कार्यों को अपने अभिनय के द्वारा प्रस्तुत किया  जिसमें मानवी,नव्या,नरगिस, कल्पना, कंचन, शशि, यश्विनी,साक्षी,मीनाक्षी तथा रीतिका आदि ने भाग लिया।
 इस अवसर पर विद्यालय में गणित के प्रवक्ता अजय बंसल राजेंद्र कटारिया निशा जांगड़ा, कैलाश देवी, धर्मेंद्र डीपीई, वंदना जांगिड़, शशि कुमारी पूनम कुमारी,सुरेंद्र सिंह,प्रमोद कुमार राकेश कुमार,चंद्रशेखर सहित विद्यालय के समस्त स्टाफ एवं विद्यार्थी उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 01: अगिहार में संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाते हुए।






छठ पूजा का









सार्वजनिक अवकाश की मांग
-हजारों लोग बिहार एवं यूपी के आते हैं कनीना क्षेत्र में
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कनीना की आवाज।
 क्षेत्र में बिहार एवं उत्तरप्रदेश के भारी संख्या में आए हुए लोग या तो छठ पूजा से वंचित रह गए हैं या फिर अपने क्षेत्र में लौट गए हैं। इस वर्ष छठ पूजा 27 अक्टूबर को मनाई जा रही है।
  कनीना क्षेत्र में करीब दो हजार लोग दूसरे राज्यों से भारी संख्या में मजदूर एवं मिस्त्री आए हुए हैं जिनके यहां छठ पूजा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। ऐसे में ये लोग या तो छठ पूजा के लिए अपने वतन को लौट गए हैं या फिर जो नहीं जा पाए वो मायूस हैं और छठ पूजा से वंचित रह रहे हैं। कनीना के आस पास रेवाड़ी में छठ पूजा मनाए जाने की प्रथा अधिक है। ऐसे में कुछ लोग तो रेवाड़ी जाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। कनीना में भी ये लोग छठ पूजा मनाते हैं।
  कई उत्तरप्रदेश एवं बिहार के लोगों ने बताया कि उनका यह प्रमुख पर्व होता है। इस दिन वे अकसर अपने गांव चले जाते हैं किंतु मजबूरी वश वे जब गांव नहीं जा पाते हैं तो यहीं पर पर्व मना लेते हैं। उन्होंने हरियाणा सरकार से मांग की है कि प्रदेश में भी इस दिन का सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए ताकि यह पर्व बेहतर ढंग से मनाया जा सके। मजदूरी करने बिहार से आए रमलू, शौनक, दानू तथा उत्तर प्रदेश से आए मुन्नीलाल, धर्मा, खेताराम तथा रेवती ने बताया कि उनके साथी उत्तर प्रदेश तथा बिहार जा चुके हैं। 27 अक्टूबर को छठ पूजा का पर्व मनाया जा रहा है। इस पर्व में शामिल होने चले गए हैं किंतु मजदूरी अभी जारी है ऐसे में वे मजदूरी छोड़कर अपने प्रदेश को नहीं जा सके और वे या तो पर्व कनीना में ही मनाएंगे या फिर रेवाड़ी जैसे शहर में जाकर पर्व का मना सकेंगे।


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