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Sunday, October 5, 2025


 





गंगा सफाई अभियान में बढ़ चढ़कर भाग लेने के तैयार है धनौंदा की टीम
---गंगा माता के पास पड़े कूड़े के ढेर
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कनीना की आवाज।
उत्तराखंड सरकार केवल कागजी वायदा करती है जबकि धरातल पर कोई कार्य नहीं करती। ये विचार धनौंदा के स्वामी शिवानंद महाराज ने हरिद्वार में गंगा स्नान के उपरांत  धनौंदा में पहुंचने के बाद पत्रकार वार्ता में व्यक्त किये। इस अवसर उन्होंने कहा गत  दिवस हम अपने सैकड़ों अनुयायियों के साथ गंगा स्नान करने के लिए हरिद्वार गए थे, जहां गंगा के  आसपास की सफाई न होने के कारण वहां के हालात देखकर मन बड़ा ही दुखी हुआ की वर्तमान पुष्कर सिंह धामी सरकार गंगा सफाई के नाम पर केवल लोगों को गुमराह कर रही है जबकि सच्चाई इससे कोसो दूर है।
 उन्होंने बताया कि गंगा स्नान के लिए हरिद्वार ऋषिकेश वह अन्य स्थानों पर लाखों श्रद्धालु लोग हर वर्ष उत्तराखंड जाकर मां गंगा में स्नान करते हैं और अपनी मन्नत मांगते हैं। लेकिन गंगा माता के पास पड़े कूड़े के ढेर इस बात की गवाही देते हैं कि यहां सफाई नाम की कोई चीज नहीं है।  वो जल्दी ही भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर गंगा सफाई अभियान को सुचारु रूप से आगे बढ़ाने तथा उत्तराखंड के देव स्थानों पर सफाई  कराने की गुहार लगाएंगे ताकि गंगा में स्नान करने जाने वालों के लिए शुद्धता का माहौल मिल सके।
 उन्होंने कहा कि धनौंदा हरियाणा के सैकड़ो सदस्यों की टीम सफाई अभियान को सफल बनाने में पूरा सहयोग करेगी। वही उनके साथ गंगा स्नान के लिए गए अनिल यादव, आनंद सिंगल दिल्ली विजय कुमार आर्य, ठाकुर कर्मवीर सिंह, जूनियर इंजीनियर सत्येंद्र यादव के अलावा अन्य ने आश्रम सदस्यों ने कहा कि जब भी उत्तराखंड में गंगा सफाई अभियान चलेगा तो हमारे आश्रम की टीम के सभी सदस्य अपने खर्चे पर उत्तराखंड जाएंगे और वहां गंगा सफाई अभियान में बढ़-चढ़कर भाग लेंगे।
 फोटो कैप्शन 05: आचार्य शिवानंद महाराज अपनी टीम के साथ गंगा स्नान करके आये






100 वर्ष पूर्ण होने पर कनीना में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भव्य पथ संचलन
-कनीना में देशभक्ति और एकता का संदेश देता आरएसएस पथ संचलन
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कनीना की आवाज।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा कनीना की बाबा मोलडऩाथ परिसर में भव्य पथ संचलन का आयोजन किया गया। संघ की परंपरा के अनुरूप यह कार्यक्रम अनुशासन, संगठन और राष्ट्रभक्ति का सशक्त प्रदर्शन देता है। इस अवसर पर स्वयंसेवक पूर्ण गणवेश में अनुशासित पंक्तियों के साथ नगर के प्रमुख मार्गों से होकर गुजरे। नगरवासियों ने इस पथ संचलन को देखकर न केवल संगठन की शक्ति का अनुभव किया, बल्कि समाज में एकता और सद्भाव का सशक्त संदेश भी प्राप्त किया।
पथ संचलन का शुभारंभ 9 बजे बाबा मोलडऩाथ परिसर  से किया गया तथा यह बस स्टैंड , अंबेडकर चौक से शहीद स्मारकों से होकर गुजरते हुए  बाबा मोलडऩाथ परिसर  पर संपन्न हुआ। मार्ग में शहरवासियों के लिए आकर्षण का केंद्र स्वयंसेवकों की दृढ़ चाल, अनुशासनबद्ध कदम और राष्ट्रगीतों की धुन थी। कार्यक्रम की भव्यता में और वृद्धि इस तथ्य से हुई कि इसमें विभिन्न आयु वर्ग के स्वयंसेवकों ने एक साथ कंधे से कंधा मिलाकर भाग लिया और राष्ट्रहित के प्रति अपने संकल्प को प्रकट किया।
इस विशेष अवसर पर संघ द्वारा आयोजित उत्सव सभा भी रखी गयी, जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में श्रीमान जी धर्मवीर जी उपस्थित रहें। उन्होंने संघ की विचारधारा, राष्ट्र निर्माण में स्वयंसेवकों की भूमिका तथा समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने की आवश्यकता पर अपने विचार व्यक्त किये। मुख्य अतिथि के रूप में  दिलावर समाजसेवी, उपस्थित रहे। उन्होंने सामाजिक समरसता, शिक्षा और संस्कृति के माध्यम से राष्ट्र को सशक्त बनाने के मुद्दों पर प्रकाश डाला। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता खंड  संघचालक शिवकुमार ने की। उन्होंने संघ की गतिविधियों और महेंद्रगढ़ जिले में चल रहे सेवा कार्यों के विषय में संक्षिप्त विवरण दिया तथा समाज के सभी वर्गों से सक्रिय सहयोग का आह्वान किया।
पथ संचलन का उद्देश्य केवल एक अनुशासनबद्ध प्रदर्शन नहीं है, बल्कि यह एक जीवंत संदेश है कि संगठित समाज ही मजबूत राष्ट्र की नींव रख सकता है। आज के दौर में जब समाज अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का यह आयोजन हमें एकजुट रहने और अपनी परंपराओं, संस्कृति तथा मूल्यों के संरक्षण की प्रेरणा देता है। इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने देशभक्ति गीतों के माध्यम से वातावरण को देशभक्ति की भावना से ओत-प्रोत किया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ विगत कई दशकों से समाज जीवन के विविध क्षेत्रों में सेवा, संस्कार और संगठन का कार्य कर रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्राम विकास, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में संघ के स्वयंसेवक सदैव सक्रिय रहते हैं। भिवानी में आयोजित यह पथ संचलन संघ की इन्हीं सेवाभावी गतिविधियों का प्रतीक है और नगरवासियों को यह विश्वास दिलाता है कि एक संगठित समाज ही चुनौतियों का सामना कर सकता है और आत्मनिर्भर राष्ट्र के निर्माण में योगदान दे सकता है।
नगरवासियों ने  इस पथ संचलन के मार्गों पर उपस्थित होकर स्वयंसेवकों का उत्साहवर्धन किया। समाज के विभिन्न वर्गों की सहभागिता से यह आयोजन और अधिक प्रभावशाली एवं सफल रहा। यह अवसर न केवल देखने योग्य था, बल्कि इसमें निहित संदेश को जीवन में उतारना भी प्रत्येक नागरिक का दायित्व है।
  इस कार्यक्रम में शिव कुमार  ,जगदीश आचार्य जी,सुरेश शर्मा ,श्याम सुंदर महाशय,  एडवोकेट दीपक चौधरी पार्षद, अनिल सरपंच, देसराज,राजेश साहब, मनीष सेन, पूजा पार्षद, अरुणा कोशिश, नीलम, संदीप कुमार, वीरेंद्र मंडल अध्यक्ष, राकेश गुप्ता आदि लोग गणवेश पहन कर इस यात्रा में हिस्सा लिया
फोटो कैप्शन 06 व 07: आरएसएस का पथ संचलन






वार्ड एक में जगह-जगह लगे मिलते हैं गंदगी के ढेर
-दो जोहड़ आते हैं वार्ड एक में
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कनीना की आवाज।
 कनीना नगरपालिका के प्रशासनिक अधिकारी बतौर संदीप सिंह पूर्व एसडीएम कनीना होते थे तब कनीना के विभिन्न स्थानों पर कूड़ादान लगाए गए थे जिनमें लोग प्रतिदिन कूड़ा डालते हैं। अब अधिकांश कूड़ादन जर्जर हो चुके हैं या फिर पेंदा  निकल गया है जिसके चलते कूड़ेदान ही लगभग खत्म हो गए हैं और उनके स्थान पर अब लोग खुलेआम कूड़ा डालने लग गए हैं। ऐसा कई स्थानों पर देखने को मिलता है। वार्ड एक इनमें सबसे प्रमुख है जहां सड़के अधूरी, सीवर मैनहोल उबड़ खाबड़, गलियों में वर्षा का जल खड़ा होना,नालो ओवरफ्लो मिलते हैं।
 जिस प्रकार होलीवाला जोहड़, प्राथमिक पाठशाला कनीना के बाहर तथा कई अन्य स्थानों पर खुले में लोग कूड़ा डाल रहे हैं। इस कूड़े को जब कभी नगरपालिका की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी आती है और कर्मी आते हैं तो उठाया जाता है। प्रतिदिन यह कूड़ा नहीं उठाया जा रहा है जिससे न केवल प्रदूषण फैलता है अपितु कुत्ते और छूटी गाये, सुअर आदि बिखेर जाते हैं। लोगों में रोष है। सभी स्थानों पर नये कूड़ादान लगाए जाने की मांग उठ रही है। वार्ड एक के कुछ लोगों से चर्चा हुई जिनके विचार इस प्रकार हैं-
 **कूड़ादान न होने के कारण आवारा जंतु इधर-उधर मंडराते रहते हैं। कई बार तो कुत्ते आपस में लड़ते रहते हैं वहीं सूअर, बंदर ,छूटे हुए पशु घूमते हैं जिनके पास से गुजरने वाले लोगों को भी भय का माहौल होता है। कभी भी जानवर इंसान पर धावा बोल सकते हैं। पास से गुजरने वाले दुपहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा होता है। कूड़ेदान होंगे तो लोग उनमें कूड़ा डालते रहेंगे और उनके दूर तक बिखरने की संभावना कम हो जाएगी।
---धर्मवीर ,कनीना
नाले एवं नालियां ओवरफ्लों हो रही हैं। होलीवाला जोहड़ में गिरने वाला चौड़ा नाला इसका जीता जागता प्रमाण है। कोई भी दुपहिया वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है। नालों को ढका नहीं गया है जिससे बदबू दूर दराज तक फैल रही है।
--नवीन यदुवंशी,कनीना
वार्ड एक में दो जोहड़ पड़ते हैं जिनमें से एक होलीवाला का गंदा जल दूर दराज तक फैला हुआ है। आवागमन भी गंदे जल से हो रहा है। सीवर के मैनहोल भी उबड़ खाबड़ बने हुए हैं। सड़क मार्ग अधूरे होने से गंदा जल दूर दराज तक फैल रहा है। नालियां ढकी न होने से प्रदूषण बढ़ रहा है।
  --अनूप कुमार,कनीना
वार्ड एक में जगह-जगह कूड़े के ढेर लगने से बदबू फैल रही है। कूड़े के पास से गुजरना भी मुश्किल हो गया है क्योंकि कूड़ादान नहीं लगाए गए हैं। प्रदूषण के कारण जहां नाक ढककर इनके पास ही गुजरना होता है। नगर पालिका को कूड़ा दान जरूर लगानी चाहिए ताकि लोग कूड़े को पात्रों में डाल सके।
--भरपूर सिंह ,कनीना
 क्या कहते हैं कनिष्ठ अभियंता -
उन्होंने कहा कि कनीना को साफ-सुथरा रखने के लिए कूड़ा उठाकर ले जाने वाली गाडिय़ां घरों के पास से गुजरती है जिसमें कूड़ा डाला जा सकता है। कनिष्ठ अभियंता राकेश कुमार नगर पालिका कनीना से इस संबंध में चर्चा की। उन्होंने बताया कि अभी कालरवाली जोहड़ का पानी साफ किया जा रहा है। इसमें करीब 10 दिन लगेंगे। तत्पश्चात होलीवाला जोहड़ के पानी को साफ करके खोदाई की जाएगी। यह गंदा पानी दूर हो पाएगा। उन्होंने बताया कि सफाई से संबंधित 35 सफाई कर्मचारी है। 4 एचकेआरएन के है तथा प्रतिदिन सभी वार्डों में नहीं जा पा रहे हैं। ऐसे में गंदगी मिलना स्वाभाविक है। उन्होंने बताया कि जल्द ही इन समस्याओं से निजात पाया जा सकेगा। उच्च अधिकारियों कुछ और कर्मचारी लगाने के लिए भी पत्र प्रेषित किया है।
 फोटो कैप्शन 03: ओवरफ्लो नालों की फैली गंदगी की हालात
04: वार्ड एक में कूड़े के लगे ढेर
साथ में धर्मवीर सिंह, अनूप कुमार, नवीन यदुवंशी, भरपूर सिंह






बीआर स्कूल सेहलंग में अभिभावक-शिक्षक बैठक का आयोजन
---व्यक्तित्व विकास की दिशा में एक ठोस आधार स्थापित हुआ।
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कनीना की आवाज।
बीआर आदर्श सीनियर सेकेंडरी स्कूल, सेहलंग में सत्र 2025-26 की टर्म-1 परीक्षाओं के परिणाम के उपलक्ष्य में अभिभावक-शिक्षक बैठक का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया। बैठक में कक्षा नर्सरी से 12वीं तक के विद्यार्थियों के अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों के परिणामों पर विस्तारपूर्वक चर्चा करना तथा उनके भविष्य की  शैक्षिक विकास की दिशा तय करना था। सभी अध्यापकों ने अभिभावकों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और बच्चों की शैक्षणिक प्रगति, व्यवहार तथा कक्षा में सहभागिता पर विस्तृत संवाद किया।
विद्यालय प्राचार्या ज्योति भारद्वाज ने अभिभावकों को संबोधित करते हुए कहा कि विद्यालय और अभिभावकों का संयुक्त प्रयास ही विद्यार्थियों को बेहतर भविष्य की ओर ले जा सकता है। प्रत्येक बच्चे की विशेष क्षमताओं को पहचानकर उन्हें सही मार्गदर्शन देना हमारा साझा लक्ष्य होना चाहिए। विद्यालय के चेयरमैन हरीश भारद्वाज ने भी अभिभावकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आपका सहयोग ही बच्चों की निरंतर प्रगति की नींव है। विद्यार्थियों की कमजोरियों पर मिलकर कार्य कर हम उन्हें उत्कृष्ट भविष्य दे सकते हैं।
अभिभावक शिक्षक बैठक के दौरान छात्रों के प्रदर्शन की समीक्षा के साथ-साथ आगामी टर्म के लिए व्यक्तिगत अध्ययन योजनाओं, विशेष गतिविधियों और सहयोगात्मक प्रयासों पर भी चर्चा की गई। कार्यक्रम का समापन शिक्षकों और अभिभावकों के बीच सकारात्मक संवाद के साथ हुआ, जिससे छात्रों के शैक्षिक और व्यक्तित्व विकास की दिशा में एक ठोस आधार स्थापित हुआ।
फोटो कैप्शन 01:अभिभावक-शिक्षक बैठक के दौरान अध्यापकों से चर्चा करते अभिभावक







वाल्मीकि जयंती 7 अक्टूबर को, धनौंदा में
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कनीना की आवाज।
वाल्मीकि समाज धनौंदा के तत्वावधान में आगामी 6-7 अक्टूबर को आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी। समारोह समिति के सदस्य रामकरण बाल्मीकि तथा शेरसिंह बाल्मीकि ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि 6 अक्टूबर को रात्रि जागरण तथा 7 अक्टूबर को भंडारा आयोजित किया जाएगा। जागरण में रेवाड़ी कला मंच के कलाकारों द्वारा भव्य झांकियों से भगवान वाल्मीकि की महिमा का गुणगान किया जाएगा।


एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर धरना 7 को
-कई गांवों में जनसंपर्क चलाया
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कनीना की आवाज।
आगामी 7 अक्टूबर को कनीना स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर दिए जा रहे धरने को लेकर जनसंपर्क चलाया। धरने का नेतृत्व प्रमुख समाजसेवी नेताजी अतरलाल एडवोकेट करेंगे।
करीरा, सिहोर, कोटिया, गाहड़ा, कनीना, भडफ़, ककराला, उन्हाणी, चेलावास, इसराना, मोहनपुर व नांगल आदि अनेक गांवों में जनसंपर्क कर धरना का निमंत्रण देते हुए रेल यात्री संघ के सदस्य डा. मुकेश, कैलाश सेठ व राकेश यादव ने कहा कि इस रेल लाइन से होकर रोजाना आठ एक्सप्रेस ट्रेन गुजरती हैं, परंतु उनमें से एक भी एक्सप्रेस ट्रेन का ठहराव कनीना स्टेशन पर नहीं है। सरकार तथा रेल प्रशासन इस रेलवे स्टेशन की उपेक्षा कर रहा है। इसलिए सरकार के भेदभाव पूर्ण रवैये के खिलाफ तथा एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव की मांग को लेकर आगामी 7 अक्टूबर को कनीना खास रेलवे स्टेशन पर धरना दिया जाएगा। उन्होंने लोगों से धरने में भारी संख्या में पहुंचने की अपील की।


एसीपी में तदर्थ सेवा का दिया जाए लाभ
-दस-दस सालों की तदर्थ सेवा कर सेवानिवृत्त हो रहे हैं शिक्षक
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कनीना की आवाज।
सरकारी स्कूलों में कार्यरत कर्मचारियों की तदर्थ/एडहाक सेवा का लाभ उनकी एसीपी(सुनिश्चित सेवा प्रगति) में शामिल किया जाए। यह मांग अध्यापक नेताओं ने सरकार से यहां की है।
  यहां जारी एक बयान में अध्यापक नेताओं कंवरसेन वशिष्ठ एवं धर्मपाल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में करीब 30 हजार ऐसे शिक्षक हैं जिनको 20-20 वर्षों की सेवा पर एक ही एसीपी लग पाया है। सरकार पहले दस, बीस एवं तीस वर्ष पर तो अब आठ, सोलह एवं 24 वर्षों के बाद एसीपी का लाभ दे रही है। ऐसे में उनकी एसीपी लाभ में तदर्थ या अस्थाई नौकरी का लाभ नहीं दिया गया है। इस बात को लेकर शिक्षकों में रोष है और वे वर्षों से एसीपी के लाभ में अस्थाई एवं तदर्थ सेवा का लाभ देने की मांग कर रहे हैं। बार बार सरकार से मांग की जाती है किंतु सिरे नहीं चढ़ पाती है।
इस संबंध में एडवोकेट रमेश कुमार ककराला का कहना है कि इस संबंध में अगर न्यायालय में केस डाला जाए तो हो सकता है कोई समाधान निकल आये वरना सरकार तदर्थ सेवा को एसीपी देते वक्त नहीं मानती । यह दुर्भाग्य है कि कई कई वर्षों की सेवा का उन्हें कोई लाभ नहीं मिल पाता है।  इस संबंध में कुछ पूर्व शिक्षकों ने उच्चाधिकारियों को भी पत्र प्रेषित किया है तथा मांग की है कि उनकी तदर्थ सेवा को एसीपी में जोड़ा जाए।















रात के रात के वक्त न तो बसों की सुविधा और न हीं ट्रेन
- रात्रिकालीन कोई बस सेवा नहीं
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कनीना की आवाज।
कनीना उपमंडल होते हुए भी यहां न तो रात्रिकालीन कोई बस सेवा उपलब्ध है और न हीं कोई ट्रेन उपलब्ध है। ऐसे में यदि कोई रात के समय कनीना में फंस जाता है तो उसे सुबह का इंतजार करना पड़ेगा।
 कनीना खास रेलवे स्टेशन 1939 में निर्मित किया गया था किंतु यहां फास्ट एवं सुपरफास्ट ट्रेन नहीं रुकती, महज एक फास्ट तथा पैसेंजर ट्रेन से ही गुजारा करना पड़ता है। रेवाड़ी से कनीना की ओर 8:55 पर रेवाड़ी से ट्रेन चलती है वहीं कनीना से रेवाड़ी की ओर 9:48 पर चलती है। तत्पश्चात कोई ट्रेन सुबह होने तक नहीं है जिसके चलते अगर कोई चरखी दादरी, रोहतक ,अटेली एवं नारनौल आदि की ओर जाना चाहे तो नहीं जा सकता क्योंकि यह ट्रेन केवल महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी की और देर शाम तक ही चलती हैं। तत्पश्चात सुबह होने का इंतजार करना पड़ता है।
 कनीना के रेलयात्री रविंद्र बंसल, सुरेश कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र शर्मा, महेश कुमार आदि ने बताया कि ट्रेन की कोई बेहतर सुविधा नहीं है। बार-बार आंदोलन किए गए ज्ञापन भी उच्च अधिकारियों को भेजे लेकिन का नीना खास रेलवे स्टेशन जो अहीरवाल एवं सैनिकों को गढ़ है किंतु यहां कोई ट्रेन सुविधा उपलब्ध नहीं है। फास्ट और सुपरफास्ट ट्रेन यहां ठहराव किए बगैर आगे निकल जाती है। यदि यहां एक मिनट का ठहराव कर लिए दिया जाए तो न केवल रेलवे को लाभ मिलेगा अपितु सैनिकों और यात्रियों को भारी लाभ मिल सकता है। वैसे भी कनीना उपमंडल हैं जहां से ट्रेन उपलब्ध होनी चाहिए, हर फासट ट्रेन रुकनी चाहिए ताकि लोगों को लाभ मिल सके।
 कुछ इसी प्रकार की हालत बस स्टैंड की है। कनीना बस स्टैंड से नारनौल, रेवाड़ी, कोसली आदि के लिए रात्रिकालीन कोई सेवा नहीं है जहां विभिन्न मार्गों पर आठ बजे तक बस या निजी साधन उपलब्ध हो सकते हैं तत्पश्चात कोई साधन उपलब्ध नहीं होता। यदि कोई व्यक्ति कनीना में फस जाए तो उसे न तो बस उपलब्ध हो पाएगी और न ही ट्रेन अपितु सुबह होने पर ही बस एवं ट्रेन ट्रेन उपलब्ध हो पाएंगी। ऐसे में सबसे बड़ी विकट समस्या यात्रियों के लिए है।
 उल्लेखनीय की कनीना एक और जहां रेवाड़ी, रोहतक ,चरखी दादरी, नारनौल, अटेली एवं महेंद्रगढ़ आदि शहरों से जुड़ा हुआ है और उनके बीच में स्थित है किंतु यहां कोई ट्रेन और बस सेवा उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते कनीना वाचक बेहद परेशान हैं। कनीनावासी बार-बार मांग कर रहे हैं कि अलवर से चरखी दादरी वाया कनीना जो रेल मार्ग प्रस्तावित है उसे अभिलंब बनाया जाए यही नहीं कोसली से कनीना भी रेलवे लाइन प्रस्तावित है उसको बनाया जाए ताकि कनीना एक जंक्शन बन सके और यहां ट्रेनों का ठहरा हो सके। सभी की नजरें जंक्शन बनने पर टिकी हुई है। उधर कनीना के बस स्टैंड से रात्रि कालीन सेवाएं चलती थी किंतु आपके सभी सेवाएं बंद है। कभी चंडीगढ़, दिल्ली एवं बीकानेर आदि के लिए रात्रि कालीन सेवाएं उपलब्ध थी। अब कोई सेवा उपलब्ध नहीं है। ऐसे में लोगों की मांग है की रात्रिकालीन बस सेवाएं शुरू की जाए और कनीना में सभी ट्रेनों का ठहराव किया जाए



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