विद्यार्थियों को मोबाइल के दुरुपयोग की जानकारी दी
-नशे से होने वाले दुष्परिणाम भी बताये
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कनीना की आवाज। थाना शहर कनीना की पुलिस टीम ने राजकीय प्राथमिक पाठशाला में विद्यार्थियों और विद्यालय स्टाफ को राष्ट्र की एकता, अखंडता और सद्भावना बनाए रखने का संकल्प दिलाया। टीम ने विद्यार्थियों को मोबाइल के दुरुपयोग, नशे से होने वाले दुष्परिणामों तथा साइबर सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियाँ दीं। टीम ने छात्रों को मोबाइल लत एक गंभीर समस्या के बारे में जागरूक किया, साथ ही उन्हें मोबाइल स्क्रीन पर समय न गवांकर शारीरिक, मानसिक और शैक्षिक विकास हेतु प्रोत्साहित किया गया। टीम ने बताया कि मोबाइल की लत से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मोबाइल की स्क्रीन से निकलने वाली हानिकारक किरणें आंखों को नुकसान पहुंचा सकती हैं। विद्यार्थियों को सुरक्षा, अनुशासन और एकता बनाए रखने की शपथ दिलवाई गई।
फोटो कैप्शन 06: पुलिस बच्चों को मोबाइल लत की जानकारी देते हुए
565 किसान मंडी में लेकर आये 16566 क्विंटल बाजरा, लगने लगी किसानों की कतारें
--खरीद पहुंची 236228 क्विंटल ,सरकारी तौर पर नहीं हो पाई खरीद
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कनीना की आवाज। कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में सरकारी तौर अभी तक एक दाना भी बाजरा नहीं खरीदा गया है लेकिन निजी स्तर पर 236228 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। यह बाजरा समर्थन मूल्य से कम भावों पर खरीदा गया है। सोमवार को 565 किसान 16566 क्विंटल बाजरा लेकर आये।
मिली जानकारी अनुसार अब तक 7700 टोकन किसानों के काटे जा चुके हैं और किसान अपनी बाजरे की पैदावार अनाज मंडी में ला रहे हैं किंतु उनके सैंपल फेल होने के कारण सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पा रही है।
हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रतिदिन सैंपल रेवाड़ी भेजे जाते हैं किंतु मानकों पर खरे नहीं उतरने के कारण सभी सैंपल फेल हो जाते हैं। ऐसे में सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पा रही है।
विश्व स्ट्रोक दिवस- 29 अक्टूबर
समय पर डाक्टर के पास न पहुंचने पर मिलते हैं बुरे परिणाम -डा. राहुल सिंगला
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कनीना की आवाज। स्ट्रोक भारत में सड़क दुर्घटनाओं के बाद मृत्यु दर का सबसे प्रमुख कारण माना जाता है। यह एक ऐसी स्थिति है जब मस्तिष्क को पर्याप्त आक्सीजन या पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं और जिसके कारण मस्तिष्क कोशिकाएं मर जाती हैं। शोध से पता चलता है कि दिनों दिन इसके मरीज बढ़ते जा रहे हैं। भविष्य में इसका और भी बुरा प्रभाव मिल सकता है। जिसे संक्षेप में सीवीए के रूप में भी जाना जाता है जिसे सेरेब्रोवास्कुलर दुर्घटना मानते हैं। यह घटना तब घटती है मस्तिष्क का एक हिस्सा रक्त की आपूर्ति को खो देता है और काम करना बंद कर देता है, इससे शरीर का वह हिस्सा जिसे घायल मस्तिष्क नियंत्रित करता है काम करना बंद कर देता है। रक्त आपूर्ति में यह कमी रक्त प्रवाह में कमी के कारण उत्तकों में रक्तस्राव के कारण रक्त स्रावी हो सकती है । यह एक चिकित्सीय आपात स्थिति है क्योंकि स्ट्रोक से मृत्यु या स्थायी विकलांगता बन सकती है।
इस संबंध में वरिष्ठ कार्डियोलोजिस्ट डा. राहुल सिंगला से बात की। उन्होंने बताया कि जब तक वास्तव में यह घटना घटित ना हो तब तक कोई चेतावनी संकेत नहीं मिलते। कुछ लक्षण ऐसे हो सकते हैं जो चेतावनी दे सकते हैं कि आपको स्टॉक हो सकता है। जिनमें इंसान मुस्कुराने की कोशिश करता है तो चेहरा एक तरफ झुक जाता है, दोनों भुजाएं उठाने का प्रयास करें तो एक नहीं उठ पाती, जब बोलता है तो वाणी अस्पष्ट होती और समझना कठिन होता है। उन्हें स्ट्रोक के समय हर मिनट मायने रखता है कि इनमें से कोई लक्षण दिखाई दे तुरंत डाक्टरी सहायता देनी चाहिए।
उन्होंने बताया कि अक्सर लोग झोलाछाप डाक्टर के पास जाते हैं जिससे जीवन को खतरा बढ़ जाता है। अन्य लक्षणों में रोगी को चक्कर आना, उल्टी की शिकायत हो सकती है। दाएं मस्तिष्क का स्ट्रोक शरीर के बाएं हिस्से को कमजोर कर देता है। स्ट्रोक मस्तिष्क के किस हिस्से में हुआ है उसी के आधार पर शरीर पर प्रभाव दिखाई देता है। बोलना, सुनना आदि को नियंत्रित करना भी इन्हीं का कार्य होता है जो प्रभावित होता है।
डा. राहुल सिंगला ने बताया स्ट्रोक के खतरे को कई कारक बढ़ाते हैं जिनमें वजन अधिक होना, शारीरिक निष्क्रियता, अत्यधिक शराब पीना, उच्च रक्तचाप, सिगरेट पीना, उच्च कोलेस्ट्राल, मधुमेह हृदय रोग आदि प्रमुख हैं। यह 55 वर्ष या अधिक उम्र में अधिक होता है महिलाओं की तुलना पुरुषों में स्ट्रोक अधिक होता है।
डाक्टर की एक बार स्ट्राक हो जाता है उसमें मस्तिष्क कोशिकाएं मर जाती उन्हें वापस ठीक नहीं किया जा सकता। ऐसे में तुरंत चिकित्सीय की सुविधा देने से भावी हानि को रोका जा सकता है।
मस्तिष्क का सीटी स्कैन और एमआरआई से मस्तिष्क स्ट्रोक का पता लग सकता है, उसी के आधार पर ही रोगी की चिकित्सा की जाती है। स्ट्रोक से उभरने के लिए लंबा समय लग सकता है।
फोटो कैप्शन: डाक्टर राहुल सिंगला वरिष्ठ कार्डियोलाजिस्ट
एसडी विद्यालय ककराला में बेटी बचाओ गतिविधि का आयोजन
--पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग आदि आयोजित
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कनीना की आवाज। एसडी विद्यालय ककराला में बेटी बचाओ गतिविधि का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में बेेटियों के प्रति सम्मान, सुरक्षा समानता की भावना को जागृत करना है।
कार्यक्रम की शुरुआत चेयरमैन जगदेव के प्रेरणादायक संबोधन से हुई, जिसमें उन्होंने बच्चों को बताया कि बेटियां हमारे समाज की शान और राष्ट्र की शक्ति हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि हर बच्ची को शिक्षा, सम्मान और अवसर मिलना चाहिए। प्रधानाचार्य ओम प्रकाश यादव, सीईओ और कोर्डिनेटर स्नेहलता, प्रियंका और बिंदु भी उपस्थित रही। सभी ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे इस अभियान का संदेश अपने घरों और समाज तक पहुंचाएं।
बच्चों ने उत्साहपूर्वक पोस्टर मेकिंग, स्लोगन राइटिंग और छोटे भाषणों के माध्यम से बेटियों की शिक्षा और सुरक्षा का महत्व प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का समापन बच्चों द्वारा लिए गए संकल्प के साथ हुआ- हम हर बेटी का सम्मान करेंगे, उसकी रक्षा करेंगे और समान व सशक्त समाज के निर्माण मे ंअपना योगदान देंगे।
कार्यक्रम का संदेश था- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ - यही सच्ची प्रगति की राह है। यह गतिविधि बेटी पढ़ाओ योजना के उद्देश्यों के अनुरूप थी, जिसका उद्देश्य लड़कियों के गिरते लिंगानुपात में सुधार, शिक्षा और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
फोटो कैप्शन 05: बचची बचाने की अपील करते बच्चे।
कर्मचारियों ने यूपीएस को नकारा ओपीएस के लिए जारी रहेगा संघर्ष-धर्मपाल शर्मा
-एनपीएस से यूपीएस में महज 97,09 कर्मी हुये शिफ्ट
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कनीना की आवाज। अखिल भारतीय राज्य सरकारी पेंशनर्स फेडरेशन के राज्य प्रेस सचिव धर्मपाल शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों ने युनाइटेड पेंशन स्कीम (यूपीएस) को लगभग नकार दिया है और ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) के राष्ट्रीय स्तर पर आंदोलन जारी रखने का ऐलान किया है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने पीएफआरडीए एक्ट रद्द कर पुरानी पेंशन लागू करने की मांग को अनदेखा कर एकतरफा तरीके से पहली अप्रैल,2025 से यूपीएस को लागू किया था। लेकिन सरकार के भारी भरकम प्रचार के बावजूद 30 सितंबर 2025 तक 24,66,314 एनपीएस केन्द्रीय कर्मचारियों में से केवल 97,094 ने ही यूपीएस में शिफ्ट किया है। यह संख्या मात्र 3.93 ही है। इससे बिल्कुल स्पष्ट है कि कर्मचारियों ने यूपीएस को लगभग नकार दिया है।
श्री शर्मा ने बताया कि जिन राज्य सरकारों ने यूपीएस को लागू किया है वहां भी कर्मचारियों ने इस नकारते हुए ओपीएस की मांग की है। उन्होंने बताया कि यूपीएस में कर्मचारी के वेतन का दस प्रतिशत और सरकार के खाते से 18.5 प्रतिशत की कटौती होती है और इस 28.5 प्रतिशत, प्रति कर्मचारी, प्रति महीने एकत्रित होने वाली राशि को निजी क्षेत्र में निवेश किया जाता है। इसी प्रकार एनपीएस में कटौती होने वाली 24 प्रतिशत राशि को निजी क्षेत्र में निवेश किया जाता है। जबकि ओपीएस में जीपीएफ की कटौती होती है और उस राशि का इस्तेमाल सरकार विकास कार्यों में खर्च कर सकती हैं। उन्होंने कहा कि अब यह बिल्कुल स्पष्ट हो गया है कि यूपीएस की मांग कर्मचारियों नहीं थी,यह मांग कारपोरेट क्षेत्र की थी, क्योंकि उसे कर्मचारियों और सरकार से कटौती होने वाली राशि इस्तेमाल के लिए आसानी से उपलब्ध हो रही है। उन्होंने बताया कि जब तक केन्द्र सरकार पेंशन फंड रेगुलेटरी डवलमेंट अथोरिटी एक्ट ( पीएफआरडीए) को रद्द कर पुरानी पेंशन लागू नही करेंगे, कर्मचारियों का आन्दोलन रहेगा। उन्होंने बताया कि अखिल भारतीय राज्य सरकारी पेंशनर फेडरेशन के बैनर तले देशभर में इस मांग को लेकर जन जागरण अभियान चल रहा है और जिला एवं खंड स्तर पर धरने प्रदर्शन चल रहे हैं और भविष्य राष्ट्रीय स्तर पर बड़े आंदोलन करने की योजना बनाई जा रही है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और हिमाचल प्रदेश सरकार ने एनपीएस से ओपीएस लागू की है। लेकिन छत्तीसगढ़ व राजस्थान में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सत्ता में आई है। राजस्थान सरकार ने बोर्डों, निगमों, नगर निगमों, विश्वविद्यालयों को ओपीएस की जगह एनपीएस लागू करने की छूट प्रदान कर दी है और छत्तीसगढ़ में भी ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं। राजस्थान के इस कदम के खिलाफ आंदोलन का बिगुल बजा दिया है।
छठ पूजा पर्व संपन्न
प्रशासन की अनदेखी पर भारी पड़ा आस्था का सागर
- गंदे पानी में तीन घंटे सूरज निकलने का किया इंतजार, 36 घंटे का व्रत पूर्ण,किया पारण ग्रहण
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कनीना की आवाज। कनीना के सिरसवाला तालाब पर प्रशासन की अनदेखी पर आस्था का सागर भारी पड़ गया। कई कई महीनो से भरे गंदे जल में पूर्वांचल के छठ पूजा करने वाले कम से कम 3 घंटे तक पानी में खड़े उदयीमान सूरज के दर्शन हेतु अनुशासनबद्ध अघ्र्य देने को खड़े रहे। सूर्यदेव के निकलने का इंतजार करते रहे लेकिन मौसम खराब होने और बादल छाए जाने के कारण सूरज ने भी निकालने में देरी की सूरज ने भी देरी की। अल्प समय के लिए दर्शन दिए और फिर से बादलों में ओझल हो गये। लेकिन आस्था में कोई कमी नहीं आई। जहां सोमवार की सांयकालीन बेला अस्ताचल भास्कर को अघ्र्य देकर ये भक्त निज घरों में चले गये थे और मंगलवार को सुबह चार बजे से ही उदयमान सूरज को अघ्र्य देने के लिए कतारबद्ध आतुर खड़े रहे। सूरज देरी से उदय हुआ जिसके चलते बार-बार जल में खड़े भक्तों ने बार बार धूप एवं अगरबत्ती जलानी पड़ी, बार-बार दीये जला रहे थे लेकिन आखिरकार थोड़े समय के लिए सूरज ने दर्शन दिए। तत्पश्चात सैकड़ों भक्तों ने अघ्र्य देकर सूर्य षष्ठी/छठ पूजा का 36 घंटे निर्जल एवं निराहार रहकर घोर व्रत पूर्ण किया और पारण ग्रहण किया। तत्पश्चात भक्तों ने प्रसाद बांटा और घरों को रवाना हो गये। गुरुचरण पोद्दार, अखिलेश, शिवचरण, कृष्णा, अनिल, दामोदर, उत्तम सिंह, हनुमान, चांदनी, दुलारचंद, पार्वती ,महिमा, रीना यादव, भूपेंद्र यादव, मोहित, आशा यादव, यथार्थ, अमीशा, अमीश, लालबच्ची, अदविक, मुनीलाल यादव, सीमा आदि ने बताया कि वे अपनी मनोकामना लेकर सूर्य षष्ठी/छठ मइया के पास आये हैं और उन्हें विश्वास है कि वो मइया मनोकामना आवश्य पूर्ण करेगी। बहुत से भक्तों की मनोकामना पूर्ण होने पर यहां आये हैं। इस मौके पर महिमा, रीना यादव, भूपेंद्र यादव, मोहित, आशा यादव, यथार्थ, अमीशा, अमीश, लालबच्ची, अदविक, मुनीलाल यादव, सीमा आदि ने बताया कि वे अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर छठ पूजा पर्व कर रहे हैं। लालबच्ची ने बताया कि उनके पति मुन्नीलाल यादव बहुत बीमार थे। कई जगह ईलाज चला फिर छठ माता का पर्व मनाने तथा कोसी भरने की माता से प्रार्थना की और मुन्नीलाल यादव ठीक हो गये जिसके चलते यह पर्व मनाया गया है। आशा यादव, महिमा,सीमा, रीना ने बताया कि वे 500 किमी दूर से चलकर अपने पिता के ठीक होने पर पर्व में शामिल हुये हैं। अमीश कुमार, अमीशा, यथार्थ,अदवित आदि ने बताया कि उनके नाना बीमारी से ठीक हो गये इसलिये छठ पूजा में शामिल हुए हैं। इनमें से बहुत से महिलाएं 400 से 500 किलोमीटर दूर से चलकर आए हुए हैं। उनके लिए छठ पूजा सबसे महत्वपूर्ण पर्व है। कमल, पूजा एवं सुरभि ने बताया कि वे हर वर्ष इस पर्व में भाग लेते हैं। छठ पूजा का पर्व कई अनुत्तरित प्रश्र छोड़ गया-
गंदा जल-
तालाब में झाड़ झंखाड़ खड़े हैं और लंबे समय से गंदा पानी भरा हुआ है जिसमें बोतल, कपड़े, पशुओं का गोबर, काई एवं शैवाल से आच्छादित हैं। जल का हरा रंग हो चुका है। चूंकि अन्य किसी भी तालाब पर न तो घाट बना है और न ही अघ्र्य देने का कोई स्थान है। परिणाम यह निकला कि मजबूरन ये लोग गंदे पानी में ही डुबकी लगा रहे थे और अपनी छठ मैया के गीत गाते हुए मनोकामना पूर्ण होने का इंतजार करते रहे।
नहीं बना है कोई घाट -
वर्षों से पूर्वांचल के छठ पूजा करने वाले लोग कभी मोलडऩाथ तालाब में तो कभी नहर में तो कभी सिरसवाला तालाब पर छठ पूजा पर्व मनाते आ रहे हैं लेकिन कनीना पालिका या किसी भी दानी लोगों द्वारा इनके लिए घाट तक नहीं बनाया गया है। न ही पुलिस प्रशासन का कोई प्रबंध किया गया था। अगर तालाब में कोई अनहोनी हो जाए तो उस बचाने वाले मिलना मुश्किल था। प्रशासन की ओर से कोई प्रबंध नहीं किया गया और न कोई गोताखोर रखा और प्रशासन की ओर से कोई भी मौजूद नहीं रहा। इनमें से कइयों के वोट बने हुए हैं परंतु लोग वोट पाने के लिए इनके पास चले जाते हैं लेकिन इनकी सुध किसी ने नहीं ली। साफ पानी नहीं भरा गया। तालाब में नहीं पता कितने ही महीना से यह गंदा जल भरा हुआ है। न तो इस तालाब की सफाई करवाई गई और न ही साफ पानी भर गया। अगर इसमें साफ पानी भर दिया जाता और घाट बना दिया जाता तो सोने पर सुहागा नजर आता। लेकिन इन लोगों के हौसले बुलंद देखे गए और अपने अथक अनुशासन में रहकर इन्होंने पूजा अर्चना संपूर्ण की। अधिकांश लोग बिहार और उत्तर प्रदेश के रहने वाले थे।
लाइट की व्यवस्था भी नहीं-
जिस तालाब पर जहां छठ पूजा मनाई जा रही थी वहां लाइट का प्रबंध भी नहीं किया था। विगत वर्ष भी छठ पूजा यही पर चली थी। इन लोगों ने माइक एवं साज सामान लगाकर घाट का रूप दिया हुआ था और पूजा अर्चना में लीन रहे।
दर्शकों की संख्या रही अधिक -
छठ पूजा करने वाले लोगों को देखने वाले लोगों की संख्या कम नहीं रही। सबसे बड़ी बात यह थी कि महिलाएं एकटक ठंडे जल में गोता लगाकर कतारबद्ध खड़ी रहीं किंतु आपस में कोई बात नहीं कर रही थी। केवल सूर्य देव का ध्यान लगाए हुए थी। अति शांत अनुशासन इन महिलाओं में देखने को मिला। छठ पूजा का 36 घंटे का व्रत पूर्ण हुआ और इन्होंने पारण ग्रहण किया। पारन ग्रहण करने से पहले प्रसाद वितरित किया। ये वो लोग हैं जिनके पास संसाधन कम रहे और अपने प्रदेशों में नहीं जा सके लेकिन प्रसाद वितरण में इन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी। छोटे बच्चे से लेकर बड़े-बूढ़े तक अपने काम में तल्लीन मिले। कोई पटाखे चला रहा था तो कोई दीये जला रहा था, कोई प्रसाद को सिर पर धारण किए हुए था तो कोई अपने मोपेड आदि पर ही प्रसाद बांटने के लिए ला रहा था। देखकर ऐसा लगा कि आस्था का सागर हिलोरे ले रहा हो।
फोटो कैप्शन 01: अघ्र्य देने को आतूर भक्त
02: सूर्यदेव की झलक पाने का इंतजार
03: पूरा परिवार ही अघ्र्य देने को जाते हुए
ऐसा भी होता है
-ढूंढा भी नहीं मिला भीख मांगने वाला
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कनीना की आवाज। छठ पूजा का पर चल रहा था। उत्तरप्रदेश और बिहार के लोग अपनी छठ पूजा पर्व में लगे हुए थे। जिनमें कई पत्रकार भी कवरेज के लिए पहुंचे। एक हाथ में डंडा लिए पैर से लडख़ड़ाते हुए शराबी टाइप का व्यक्ति आया और कहा कि मुझे भी कुछ भिक्षा दे दो। एकटक उसकी और देखा कि यह तो शराबी टाइप का व्यक्ति है। जब वह पत्रकार तक आया तो पत्रकार ने कहा कि जरूर भिक्षा दूंगा लेकिन आपका समाचार फोटो सहित छापना चाहूंगा कि भला चंगा व्यक्ति भीख मांग रहा है। उसने देखा कि यह तो पत्रकार है फिर क्या था, वह झटपट इधर-उधर भीड़ में छुप गया। पत्रकार उसे ढूंढता ही रह गया। एक तरफ जहां आस्था की लहर वही इस प्रकार के भीख मांगने वाले लोग। उसे लोग प्रसाद दे रहे थे लेकिन प्रसाद नहीं उसे तो सिर्फ शराब का प्रसाद चाहिए। ऐसे ही कितने लोग जो भीख मांग कर शराब पीते हैं। इनको भीख नहीं देनी चाहिए अपितु भोजन या काम देना चाहिए।
ठगी की पराकाष्ठा
-ऐसे हैं दुकानदार जो मशीन छूते ही 200 रुपये लेते हैं
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कनीना की आवाज। गैस का बर्नर का सिरा खराब हो गया। एक लेखक उसे दुकान पर ले गया। उस दुकानदार ने कहा कि 100 रुपये लगेंगे। उसने भरसक प्रयास किया और कम से कम एक सौ बर्नर के तांबे के सिरे लगाने का प्रयास किया किंतु कोई भी सहीं फिट नहीं हुआ। लेखक ने कहा कि इस पूरे बर्नर को ही बदल दो। दुकानदार ने सज्जनता से बताया पूरे की कीमत 400 रुपये के आसपास है। जब 100- 150 रुपये में काम चल जाएगा तो क्यों इतने खर्च करते हैं। आप आगे जाइए और एक दुकान की ओर इशारा किया।
लेखक उस दुकान तक पहुंचा। वह दुकानदार ऐसे व्यस्त था जैसे करोड़ों रुपये प्रतिदिन की आमदनी करता हो। कभी एक सामान को इधर तो दूसरे सामान को उधर रख रहा था। उससे पूछा कि गैस स्टोव का सिरा बदलना है। दुकानदार ने उत्तर दिया- अभी इंतजार करो। करीब आधे घंटे बाद लेखक ने उसके पास दोबारा से गैस स्टोव रखा। उसने इधर-उधर से गैस स्टोव का सिरा ढूंढा और लगा दिया। लेखक ने जब पैसे पूछे तो दुकानदार ने कहा सिर्फ 380 रुपये दे दो।
लेखक ने आश्चर्य से कहा कि पिछली दुकान पर तो 100 रुपये मांग रहा था। इस दुकानदार का कहना था यह तो सिर्फ सामान के है, सर्विस चार्ज 150-200 अलग होते हैं और यदि हम स्टोव को हाथ लगाते तो भी हम 150-200 लेते हैं। लेखक ने नम्रता से कहा तो फिर वह राशि भी लगा लो। उसने कहा कि इससे तो 600 रुपये बनेंगे। लेखक ने कहा कि कोई बात नहीं 600 रुपये में इस पुराने गैस स्टोव को ही ले लो। दुकानदार ने कोई जवाब नहीं दिया। लेखक ने कहा कि अधिक पैसे मांग रहे तो दुकानदार टस से मस भी नहीं हुआ। और कहा कि इतने ही लगेंगे। लेखक ने पैसे दिए और सोचता हुआ आ गया कि एक दो मिनट के काम और 100 रुपये का सामान उसके अगर करीब 400 रुपये ले रहा है तो यह दुकानदार कितने लोगों को काटते हैं जबकि उसकी दुकान पर खड़ा होना भी कठिन था क्योंकि वह बड़े सिलेंडरों से गैस छोटे सिलेंडरों में भर रहा था और वायु को बहुत अधिक दूषित कर रहा था। जब लेखक पहले वाली दुकान पर गया और कहा कि उसने 380 रुपये लिये है तो वह आश्चर्य में पड़ गया कि ऐसे भी दुकानदार है जो मुश्किल से 100 की चीज के 380 रुपये लेकर ग्राहकों को काटते हैं। लेखक ने कहा अब दुकानदार नहीं रहे। अब तो इनका एक उद्देश्य है पूरे दिन की कमाई एक ग्राहक से निकल ले परंतु इनका वश नहीं चलता।
क्विज में भाग लेकर जीत सकते हैं हजारों इनाम, गीता पर चलेगी क्विज
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कनीना की आवाज।
अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव- 2025 के अवसर पर ऑनलाइन गीता प्रश्नोत्तरी मे भाग लेकर जीतें पुरस्कार और पाएं प्रमाण-पत्र
ऑनलाइन क्विज शुरू होने की तिथि:-
04th नवंबर से 14th नवंबर 2025 तक
*क्विज के लिए रजिस्ट्रेशन 25th अक्टूबर यानि कल से शुरू होने की संभावना है
रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक👇🏻
http://igmquiz.in/
Participants Category
i) Student
ii) Public
Cash Prizes / Certificate:
A) हर रोज 1000-1000 रुपए के 20 ईनाम
B) क्विज के समापन पर लाखों रूपए के ईनाम
C) किसी भी जिले, राज्य या देश के नागरिक, विद्यार्थी व उनके मातापिता कोई भी इसमें भाग ले सकते हैं।
विशेष
1. Registration करते समय Referral/Motivator Contact Number में Motivator. का मोबाइल नंबर 9416348400 भरें।
2. आपके Registration के समय जो OTP आएगा वो आपका पासवर्ड रहेगा तथा आपका फोन न. आपका लॉगिन आईडी रहेगा।
3. प्रतिदिन 5 वैकल्पिक प्रश्न पूछे जाएँगे जिनका उत्तर आपको देना होगा ।
4. यह प्रतियोगिता भगवदगीता के प्रति रुचि उत्पन्न करने व जागरुकता फैलाने के उद्देश्य से आयोजित की जा रही है। स्वयं भी भाग लें और अन्य को भी प्रेरित करें।
5-Join Gita Prashnamala Quiz - https://igmquiz.in
6 हर बार की भांति इस बार भी संभावित उत्तर आपको समय पर मिल जाएंगे। उत्तर कितनी बार भी बदल सकते हैं। बस रजिस्ट्रेशन करते वक्त मोटिवेटर में 9416348400 ही भरे।








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