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Tuesday, October 21, 2025
नगर पालिका द्वारा बनाई गई सड़क पर भरा है पानी
-बने हुए छह माह ही बीते हैं, हो चली है जर्जर
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कनीना की आवाज। जहां नगर पालिका कनीना ने करोड़ों रुपये खर्च कर रेवाड़ी रोड से नहर के साथ लगते हुए अटेली रोड तक सड़क बनाने का कार्य पूर्ण किया था जिसको लगभग 6 महीने भी पूरे नहीं हुए हैं लेकिन सड़क पर जगह जगह गंदा पानी रुकता है। लोगों का कहना है सड़क तो बनी लेकिन उसके नीचे से जा रही सीवर लाइन तथा वाटर सप्लाई की लाइन लीक होने के कारण इतना पानी निकलता है मानो बाढ़ आ गई हो। जिसके कारण सड़क टूट कर बिखर गई है लेकिन इस समस्या की तरफ न तो नगर पालिका ही ध्यान दे रही है और ना ही जन स्वास्थ्य विभाग।
लोगों का कहना है अगर जन स्वास्थ्य विभाग अपने कार्य को समय पर निपटा दें तो आज करोड़ों रुपये से बनी इस सड़क का सत्यानाश नहीं होता लेकिन बार-बार शिकायत करने के बावजूद भी जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हंै। लोगों ने नगर पालिका प्रशासन से तथा जिला उपायुक्त नारनौल से मांग की है कि जन स्वास्थ्य विभाग से सड़क में लीक हो रही वाटर सप्लाई लाइन तथा सीवर लाइन को तुरंत ठीक कराया जाए।
फोटो कैप्शन 05: सड़क पर लीक हुए वाटर सप्लाई का पानी
गौ-सेवा ही गोविंद सेवा है-भगत सिंह
-कनीना गौशाला में भगत सिंह दिखाई पड़ रहे हैं एक देव रूप में
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कनीना की आवाज। पैैसे कमाने वाले तो बहुत हैं और कितने ही लोग ऐसे हैं जिनके पास अनाप शनाप पैसे हैं किंतु गायों के लिए सेवा करने वाले कम हैं। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में भगत सिंह एक देवरूप में नर आने लगे हैं। उनकी चलाई हुई गौशाला की परिपाटी गाये गोद लेने की सिर चढ़कर बोल रही है। तीन माह में 20 लाख रुपये की आय करवाना अपने आप में रिकार्ड है। गौशाला के मूल चूल परिवर्तन में वो दिनरात लगे हुए हैं। उनसे बात हुई तो उनका कहना था कि पैसे तो पूरी उम्र कमाते हैं किंतु गायों की सेवा करने का मौका कम मिलता है। यही कारण है कि अपना काम धाम छोड़कर गायों की सेवा में लीन हैं।
वहीं कस्बे कनीना में चल रही गौशाला में गौशाला प्रधान भगत सिंह यादव व उनकी टीम तथा क्षेत्र वासियों की कड़ी मेहनत के कारण श्रीकृष्ण गौशाला कनीना दिन दुगनी रात चौगुनी उन्नति कर रही है। जिसके कारण गौशाला में हजारों गायों की सेवा उनके द्वारा की जा रही है। इसी कड़ी में गौशाला प्रधान भगत सिंह यादव अपने सारे निजी कार्य को छोड़कर गौ सेवा में लगे हुए हैं तथा क्षेत्र के लोगों वह गौशाला में आने वाले को भक्तों को गांव की महिमा के बारे में बताते हैं और उनको गौ सेवा करने की प्रेरणा भी देते हैं। जिसके कारण
सैकड़ों गाये गोद लेने के लिए लोग घरों से चलकर आये हैं। न केवल कनीना अपितु आस पास के गांवों के लोग भी गौशाला में आकर गायों को गोद ले रहे हैं और दान दे रहे हैं।
इस अवसर पर गौशाला प्रधान भगत सिंह यादव का कहना है अपने लिए तो पशु और पक्षी भी जिंदा रहता है। लेकिन हमें भगवान ने यह मानव का शरीर दिया है इसे हम सदुपयोग कर गौ सेवा करे तो सभी पाप दोष दूर हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि कस्बावासियों के साथ-साथ क्षेत्र के सभी लोगों का भरपूर सहयोग मिल रहा है जिसके कारण गौशाला जल्द ही क्षेत्र की नंबर वन गौशाला होगी।
फोटो कैप्शन 06: श्रीकृष्ण गौशाला में सेवा में तल्लीन भगत सिंह प्रधान
प्रदूषण बढ़ा, बादल छाने जैसा आभास
-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये-डाक्टर
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में हर वर्ष दीपावली के बाद प्रदूषण इतना बढ़ जाता है की सांस लेना भी दूभर हो जाता है। यहां तक की सूरज के दर्शन भी नहीं हो पाते। मंगलवार को कनीना एवं आस पास दिन भर कभी बादल छाने जैसा आभास होता रहा लेकिन यह धूल और प्रदूषण का प्रभाव है। दीपावली के दिन काफी पटाखे चलाए गए। यद्यपि पटाखे बेचने पर प्रतिबंध था परंतु चोरी चुपके पटाखे चलाने का सिलसिला जारी रहा,परिणाम यह निकला कि अब सांस लेना भी कठिन हो गया है।
कनीना क्षेत्र में सुबह अधिक प्रदूषण था जो धीरे-धीरे कम होता चला गया। सूरज के सुबह से दर्शन नहीं हुए, धुंधला प्रकाश जरूर नजर आया। प्रदूषण के बारे में डा.जितेंद्र मोरवाल से चर्चा की गई उन्होंने बताया कि प्रदूषण से
श्वसन संबंधी बीमारियां जैसे अस्थमा और ब्रोंकाइटिस, हृदय संबंधी समस्याएं जैसे हार्ट अटैक और स्ट्रोक, आंखों में जलन और लंबे समय में फेफड़ों के कैंसर का खतरा शामिल है। पटाखों से निकलने वाले महीन कण और जहरीली गैसें जैसे सल्फर डाइआक्साइड और कार्बन मोनोआक्साइड फेफड़ों की गहराई तक पहुंचकर नुकसान पहुंचाती हैं।
डाक्टर ने बताया कि पटाखों के धुएं से फेफड़ों में जलन, सूजन और आक्सीजऩ का आदान-प्रदान कम हो जाता है। यह अस्थमा, ब्रोंकाइटिस और अन्य पुरानी श्वसन संबंधी बीमारियों को बढ़ा सकता है। वायु प्रदूषण से धमनियां कड़ी हो सकती हैं, जिससे हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी हृदय संबंधी समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। हवा में मौजूद जहरीले कण आंखों में जलन और अन्य समस्याएं पैदा कर सकते हैं। प्रदूषित हवा में मौजूद कार्सिनोजेनिक तत्व फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।
बच्चों और बुजुर्गों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है, जिससे वे बीमारियों से जल्दी घिर जाते हैं।
डा. मोरवाल ने प्रदूषण से निजात पाने के लिए बताया कि बाहर निकलते समय उच्च गुणवत्ता वाले मास्क पहनें,घर में एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें,पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर और पौष्टिक आहार लेकर शरीर को हाइड्रेटेड रखें। अनुलोम-विलोम जैसे श्वास व्यायाम करें। बच्चों और बुजुर्गों की डाइट में विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां शामिल करें।
वायु गुणवत्ता सूचकांक पर नजर रखें और जब प्रदूषण अधिक हो तो बाहर की गतिविधियां सीमित करें। नाक और गले में जमने वाले पदार्थ की सफाई करते रहे।
फोटो कैप्शन 04: प्रदूषण भरा वातावरण
साथ में डा. जितेंद्र मोरवाल
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव की पहल पर नागरिक अस्पताल नारनौल को मिली अत्याधुनिक अल्ट्रासाउंड मशीन
--हजारों लोगों को होगा लाभ
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कनीना की आवाज। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के नेतृत्व में राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को निरंतर मजबूत करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। इसी क्रम में महेंद्रगढ़ जिले के निवासियों को इस दिवाली पर स्वास्थ्य का एक बेहतरीन तोहफा मिला है।
राज्य की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव के प्रयासों से नागरिक अस्पताल, नारनौल को लगभग एक करोड़ रुपए की अत्याधुनिक कलर डॉपलर अल्ट्रासाउंड मशीन उपलब्ध कराई गई है।
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि इस आधुनिक मशीन के नारनौल नागरिक अस्पताल में स्थापित होने से जिले के लोगों को अब बेहतर और सटीक डायग्नोस्टिक सुविधाएं मिलेंगी।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी जी के मार्गदर्शन में हम हर जिले और हर नागरिक को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह मशीन गर्भवती महिलाओं, हृदय रोगियों और अन्य गंभीर बीमारियों के निदान में गेम चेंजर साबित होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि प्रदेश के नागरिकों को इलाज के लिए बड़े शहरों की ओर रुख न करना पड़े।
उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता है कि सिविल अस्पतालों में आधुनिक उपकरण और विशेषज्ञ डॉक्टर उपलब्ध हों।
यह मशीन शीघ्र ही नागरिक अस्पताल नारनौल में कार्य करना शुरू कर देगी जिससे क्षेत्र के हजारों लोगों को तत्काल लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि आगामी समय में भी प्रदेश के अस्पतालों को आधुनिक उपकरणों और संसाधनों से सुसज्जित किया जाएगा, ताकि हर नागरिक को सही, सुरक्षित और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उनके निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर ही उपलब्ध हो सकें।
14 गाये ली गोद और दिया दान
--लोगों का रुझान श्रीकृष्ण गौशाला की ओर
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कनीना की आवाज। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में रविवार दीपावली के दिन चार गाये गोद ली और दान दक्षिणा दी।
भगत सिंह गौशाला प्रधान ने बताया कि बसंत लाल शर्मा चांगरोड वाले ने एक गाय गोद ली और 5600 रुपये की राशि दान दी। जबकि धोकलमल पार्क सत्संग मंडल की सोमवती देवी, राजेश देवी, सुमन, कमलेश, सविता देवी आदि ने दो गाये गोद ली और 11000 रुपये दान दिया। उधर एडवोकेट देवेंद्र ने अपनी पुत्री के जन्मदिन पर एक गाय गोद ली और 5100 रुपये दान दिया। इस समय बच्ची की दादी सविता देवी भी मौजूद रही।
गौशाला के प्रधान भगत सिंह ने कहा कि गायों को गोद लेना एक शुभ कार्य है। हो सके उतना गायों को गोद लेना चाहिए ताकि गायों की कदर बढ़े।
उधर कृष्ण गौशाला कनीना में सतीश कुमार कोकाराम व आशा रानी कनीना मंडी ने अपने पौत्र मेघांश कुमार के जन्मदिन के उपलक्ष्य में 11000 रुपये नगद दान देकर दो गायें गोद ली। इस मौके पर अशोक ठेकेदार, दिलावर सिंह, पूर्व शिक्षक राम प्रताप, कृष्ण गुरु जी, सूबेदार मेजर महेंद्र सिंह, सूबेदार दुलीचंद ,सूबेदार अभय सिंह, मास्टर रतन सिंह, मास्टर विजेंद्र सिंह यादव, मदन लाल गेरा, तोताराम ठेकेदार, नित्यानंद शर्मा, नरेंद्र ठेकेदार, राजेश वर्मा, नवीन यादव, एडवोकेट दीपक प्रधान, नरेंद्र पार्षद, मनीष पार्षद, योगेश पार्षद, अतर सिंह थानेदार, रामपाल यादव व मानसिंह पूर्व पार्षद आदि मौजूद रहे।
उधर दलीप सिंह कनीना ने एक, जितेंद्र कनीना एक, सुदेश कनीना एक,कविंद्र सिंह कनीना एक, आशा कोटिया ने एक, दलीप पुत्र सिंहराम गुढ़ा ने एक,श्रीभगवान कनीना ने एक, प्रवीण भडफ़ ने एक गाय गोद ली है।
फोटो कैप्शन 02: गायों को गोद लेते हुए
गोवर्धन पूजा 22 को-ऋषिराज
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कनीना की आवाज। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिराज शिति कंठा का कहना है कि,
गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को होती है। इस साल प्रतिपदा
तिथि 22 अक्टूबर को है। यह रात्रि 8:15 बजे तक रहेगी। इसके बाद द्वितीया तिथि प्रारंभ हो जाएगी।
सूर्योदय समय प्रतिपदा तिथि 22 अक्टूबर को पड़ रही है। उदय तिथि के अनुसार गोवर्धन पूजा 22 अक्टूबर को है।
उन्होंने बताया कि गोवर्धन पूजा हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्र के घंमड को चूर-चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली में उठा लिया था। इसलिए आज भी लोग कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा पर इस घटना के उपलक्ष्य में गोवर्धन पूजा की जाती है।
गोवर्धन पूजा के लिए घर के मुख्य द्वार पर या आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत और ग्वाल-बालों की आकृति बनाएं। पर्वत के बीच में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापित करें।
एक थाली में रोली, अक्षत, बताशे, खीर, दूध, जल, फूल, फल, मिठाई और पान रखें। दीपक जलाएं और पूजा सामग्री अपने पास रखें। गोवर्धन पर्वत की नाभि में एक छोटा दीपक रखें और उसमें दूध, दही, शहद, शक्कर और गंगाजल मिलाकर पंचामृत तैयार करें। इस पंचामृत से गोवर्धन और कृष्ण की पूजा करें। इसके बाद, फल और मिठाई का भोग लगाएं। गोवर्धन पर्वत की 7 बार परिक्रमा करें, परिक्रमा के दौरान लोटे से गंगाजल और जौ के बीज गिराते हुए चलें। पूजा के बाद, नाभि वाले दीपक का प्रसाद और अन्नकूट सभी में बांटें।
फोटो कैप्शन: ऋषिराज
मोहर सिंह आर्य का पौत्र सचिन आर्य बना सब इंस्पेक्टर
-उनको मिली है यह तीसरी नौकरी
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कनीना की आवाज।आर्य समाज कनीना के प्रधान मोहर सिंह आर्य के पौत्र सचिन आर्य का दिल्ली पुलिस मे सब इंस्पेक्टर के पद पर चयन हुआ है। सचिन को बहुत बहुत बधाइयां मिल रही हैं।
सचिन का जन्म 25 नवंबर 2001 में जन्में सचिन आर्य को यह तीसरी नौकरी मिली है। पहले डी-ग्रुप में 9 माह सेवा दी फिर पुलिस में हैड कांस्टेबल की नौकरी 9 माह की और अब उनका चयन दिल्ली में एसआई पर हो गया है। उसने अपनी सफलता का श्रेय अपनी माता पिता एवं दादा के अतिरिक्त गुरुजनों को दिया है। वे 12वीं तक कनीना में पढ़े हैं फिर कालेज महेंद्रगढ़ गये थे।
सचिन कि पिता प्रमोद लोढ़ा कनीना नपा में ट्रैक्टर चालक हैं वहीं मां रिंकी कनीना मंडी के स्कूल में कंप्यूटर शिक्षक है। उनके दादा राव मोहर सिंह आर्य समाज कनीना के प्रधान हैं।
फोटो कैप्शन : सचिन आर्य
गो संवर्धन हेतु लाए गए उन्नत नस्ल के दो सांड
-खूब किया गया पूजन
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कनीना की आवाज। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में गायों की उन्नत नस्लें तैयार करने के लिए और गो संवर्धन हेतु थारपर नस्ल का एक सांड तथा हरियाणा नस्ल का एक सांड लाये गये और उनका विधि विधान से पूजन कर गौशाला में छोड़ा। उनके नाम राम एवं श्याम रखे गये हैं।
विस्तृत जानकारी देते हुए श्रीकृष्ण गौशाला कनीना के प्रधान भगत सिंह ने बताया कि 25 सालों से गो संवर्धन पर काम कर रही संस्था तथा पूरे भारत में उन्नत नस्ल की गायें एवं सांड प्रदान करने वाली संस्था खांडवा से ये सांड लाये गये हैं। संचालक कृष्णस्वरूप महाराज से संपर्क कर सांड की मांग की तो उन्होंने सहर्ष देने का निर्णय किया। दोनों ही सांडों का विधि विधान से पूजन किया गया। ये नस्ले 18 से 22 लीटर तक दूध देती हैं।
भगत सिंह प्रधान ने बताया कि उनकी हार्दिक इच्छा है कि कनीना श्रीकृष्ण गौशाला ऊंचाइयों को छुए तथा उन्नत नस्ल की गायें तैयार हो ताकि लोग गौशाला से उन्नत नस्ल की गायों को अपने घर में रखने के लिए बाध्य हो जाए। उन्होंने कहा कि यह दिन अब दूर नहीं है और जल्द ही उनकी यह तमन्ना पूरी हो जाएगी। इस मौके पर अशोक ठेकेदार, दिलावर सिंह, पूर्व शिक्षक राम प्रताप, कृष्ण गुरु जी, सूबेदार मेजर महेंद्र सिंह, सूबेदार दुलीचंद ,सूबेदार अभय सिंह, मास्टर रतन सिंह, मास्टर विजेंद्र सिंह यादव, मदन लाल गेरा, तोताराम ठेकेदार, नित्यानंद शर्मा, नरेंद्र ठेकेदार, राजेश वर्मा, नवीन यादव, एडवोकेट दीपक प्रधान, नरेंद्र पार्षद, मनीष पार्षद, योगेश पार्षद, अतर सिंह थानेदार, रामपाल यादव व मानसिंह पूर्व पार्षद आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 1: उन्नत नस्ल सांडों का पूजन करते हुए
अन्नकुट का पर्व 22 अक्टूबर को
--दीवाली के एक दिन बाद मनेगा पर्व
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में 22 अक्टूबर को अन्नकुट का पर्व मनाया जाएगा। इसे गोवर्धन नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में खिचड़ी व कढ़ी बांटी जाती हैं जिसे प्रत्येक जन चाव से खाता है। अक्सर यह पर्व दीपावली के दूसरे दिन आता है किंतु विगत वर्ष की भांति दीपावली के अगले दिन अमावस्या मनाई जा रही है और अन्नकुट 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
गोवर्धन पर्व से जुड़ी है श्रीकृष्ण और इन्द्र देव के बीच का प्रसंग। इस संबंध में लालदास महाराज ने बताया कि -
एक बार इंद्र देव भगवान् श्रीकृष्ण से कुपित हो गए और मूसलाधार वर्षा करने लगे। गोकुल में इतनी भारी वर्षा देखकर ग्रामीण भयभीत हो गए और चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई। जीव जल में डूबकर मरने लगे तो ग्रामीण दौड़कर भगवान् श्रीकृष्ण के पास आए। भगवान् श्रीकृष्ण ने उस वक्त गोवर्धन पर्वत ही अपनी अंगुली पर उठा लिया और गोकुलवासियों को उसके नीचे आने का आदेश दिया। इस प्रकार इंद्र का गर्व चूर-चूर हो गया और खुश होकर ग्रामीणों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की। इसी दिन आजकल गाय आदि की पूजा करने का विधान भी है। विश्वकर्मा जयंती भी मनाई जा रही है। इस दिन विभिन्न मंदिरों में अन्नकूट बनाकर वितरित किया जाएगा।
अन्नकुट का पर्व मनाया जाता है। इसे गोवर्धन नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में खिचड़ी व कढ़ी बांटी जाती हैं जिसे प्रत्येक जन चाव से खाता है। गोवर्धन पर्व से जुड़ी है श्रीकृष्ण और इन्द्र देव के बीच का प्रसंग। एक बार इंद्र देव भगवान् श्रीकृष्ण से कुपित हो गए और मूसलाधार वर्षा करने लगे। गोकुल में इतनी भारी वर्षा देखकर ग्रामीण भयभीत हो गए और चारों ओर त्राहि-त्राहि मच गई। जीव जल में डूबकर मरने लगे तो ग्रामीण दौड़कर भगवान् श्रीकृष्ण के पास आए। भगवान् श्रीकृष्ण ने उस वक्त गोवर्धन पर्वत ही अपनी अंगुली पर उठा लिया और गोकुलवासियों को उसके नीचे आने का आदेश दिया। इस प्रकार इंद्र का गर्व चूर-चूर हो गया और खुश होकर ग्रामीणों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की। इसी दिन आजकल गायों की पूजा करने का विधान भी है। विश्वकर्मा जयंती भी मनाई जा रही है।
कनीना और आस पास गांवों में गोवर्धन पूजा का पर्व 22 अक्टूबर को मनाया जाएगा। कनीना में आाधा दर्जन विभिन्न स्थानों पर अन्नकुट का पर्व मनेगा। यह लंबे समय के बाद दूसरी बार देखने को मिला है कि दीपावली के बाद अमावस्या और अब दीवाली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा होगी। कनीना के संदीप राठी ने बताया कि खाटू श्याम मंदिर, बड़ा मंदिर, कनीना मंडी के विश्वकर्मा मंदिर एवं कई अन्य स्थानों पर पर्व मनाया जाएगा।
कनीना क्षेत्र में मनाई दीपावली
पटाखे कम चले, प्रदूषण के दृष्टिगत जागरूक हुए लोग
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में तीन दिनों से लगातार दीपावली की धूम मची हुई थी और दीपावली दीयों की दीपावली धूमधाम से मनाई गई, पटाखे चलाए गए किंतु बहुत कम संख्या में। सरकार द्वारा बार-बार पटाखों पर प्रतिबंध लगाने लोगों की जागरूकता के चलते पटाखे बिक्री नहीं हो पाए। इसलिए पटाखे नहीं चल पाए और पटाखों के न चलने से प्रदूषण इस बार क्षेत्र में कम हो पाया है। विभिन्न जगह फुलझडिय़ां, छोटे पटाखे बच्चे चलते देखे गए और चेहरे पर खुशियां देखने को मिली। नए-नए कपड़ों में बच्चे, बूढ़े, पूजा अर्चना करते देखे गए। पूजा अर्चना के बाद प्रसाद वितरित किया गया तथा दीपों की कतार दूर तक दीवारों पर दिखाई दे रही थी। लंबे समय से दीपावली का इंतजार कर रहे थे आखिरकार वह दिन भी आ ही पहुंचा और दीपावली हंसी खुशी से मनाई गई।
महंगी रही दीपावली--
दीपावली के दिन जमकर भीड़ विभिन्न सड़क मार्गों पर देखने को मिली वही दुकानदारों ने जमकर महंगे दामों पर वस्तुएं बेची जहां सेब 100 रुपये किलो वहीं केले 100 रुपये दर्जन बेचे गये। आनानास 100 रुपये प्रति पीस बेचा वहीं विभिन्न स्थानों पर भीड़ देखने को मिली। जहां ग्राहकों को जमकर घटियां वस्तुएं खाने को मिली। लौकी 40 रुपये किलो वहीं गोभी 80 रुपये किलो के हिसाब से बिकी। विभिन्न सड़क मार्गों पर भारी भीड़ देखने को मिला। घिसा पिटा माल बेचा गया वहीं पनीर भी 400 रुपये किलो तक बेचा गया। मिठाइयों की दुकानों पर भारी भीड़ देखने को मिली।
60 रुपये का मिला एक गन्ना-
कनीना बस स्टैंड पर दीपावली के दिन जमकर गन्ने बेचे गए। यद्यपि गन्ने कनीना क्षेत्र और आसपास नहीं उगाये जाते, अधिकांश गन्ने उत्तर प्रदेश में उगाए जाते हैं किंतु यहां के लोग उत्तर प्रदेश के लोगों के पदचिह्नों पर चलने लग गये हैं। यहां अधिक संख्या में उत्तर प्रदेश के लोग किराये पर रहने के कारण गन्ने की खरीददारी करते हैं। उनको गन्ना खरीदता देख अब कितने ही घरों में गन्ने लेने शुरू कर दिये हैं। करीब 5 साल पहले दीपावली के दिन कोई गन्ना नहीं खरीदता था किंतु जब से ये उत्तर प्रदेश के लोग आए हैं और गन्ना खरीदते देखा है तब से यहां के लोग भी गन्ना खरीदने लग गये हैं। कई क्विंटल गन्ना एक ही दिन में बेच दिया गया और अच्छे दामों पर बेचा गया। एक-एक गाना 50-50 रुपये तक बेचा गया।
फोटो कैप्शन 03: छोटी बच्ची दीपावली पर फुलझड़ी चलाते हुए।
रामरतन गोमली को बनाया समिति प्रदेश संयोजक
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कनीना की आवाज। सनातन धर्म उत्थान समिति के प्रदेश संयोजक हरियाणा बतौर राम रतन गोमली जेई को बनाया गया है। समिति ने कहा है कि सनातन धर्म उत्थान समिति द्वारा समाज में शांति और लोगों के कल्याण के लिए, समाज में धार्मिक मूल्यों को अंकित करने और समाज को नई दिशा दिखाने के रामरतन गोमली का अहम योगदान है। ऐसे में प्रदेश संयोजक नियुक्त किया जाता है। उनके नियुक्ति पर विभिन्न लोगों ने खूब बधाई दी है।
फोटो कैप्शन: राम रतन गोमली
दीपावली मनी शांतिपूर्वक
-कोई अप्रिय घटना नहीं
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में इस बार शांतिपूर्वक एवं फीकी दीपावली मनाई गई। किसी प्रकार की अप्रिय घटना की कोई सूचना नहीं है। फायर ब्रिगेड की ओर से मिली सूचना अनुसार भी कहीं कोई आगजनी की घटना नहीं घटी। अधिकांश दुकानदारों का कहना है कि इस बार की दीवाली फीकी रही है। केवल मिठाई की बिक्री सबसे अधिक रही। बहुत सी ऐसी मिठाइयां थी जो दीवाली के एक दिन बाद ही सडऩे लग गई हैं।
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