हरे वृक्षों की कटाई जारी, रोकने वाला कोई नहीं
- सरेआम ट्रैक्टर ट्राली भरकर ले जाते हैं
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कनीना की आवाज। जहां एक तरफ सरकार मां के नाम एक पेड़ लगाने के लिए गांव-गांव में कार्यक्रम कर लोगों को प्रेरित कर रही है ताकि प्रदूषण को रोका जा सके। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग आए दिन हरे वृक्षों पर निर्दयपूर्वक आरा तथा कुल्हाड़ी चला कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों द्वारा इनको रोका तक नहीं जाता।
यहां गौरतलब है कि सुबह शाम दोपहर को सड़कों पर ट्रैक्टर ट्राली पिकअप, ऊंट गाड़ी के अलावा अन्य साधनों में हरे वृक्षों को काटकर भरकर ले जाते देखा जा सकता हैं।
वही पर्यावरण प्रेमी अनिल यादव, नरेंद्र शर्मा घनश्याम शास्त्री, पूर्व पंच ठाकुर घनश्याम सिंह, प्रदीप चौहान मोहनपुर, विक्रम सिंह, नरेश कुमार जगबीर सिंह, महेश कुमार, विनय चौहान, योगेंद्र शर्मा, योगेश कुमार के अलावा अन्य लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि अगर सरकार हरे वृक्ष काटने पर स्थायी कानून बना दे तो मां के नाम व अन्य किसी के नाम पर वृक्ष लगाने की शायद जरूरत ही ना पड़े। लेकिन वृक्षमाफिया वृक्षों को काटकर मोटा धन कमा रहे हैं। साथ ही सरकार व प्रशासन को ठेंगा दिखा रहे हैं।
लोगों का यह भी कहना है सरकार तथा प्रशासन अगर सख्त हो जाए तो अवश्य ही हरे वृक्षों पर चलने वाली कुल्हाड़ी को रोका जा सकता है। सरकार व प्रशासन हरे वृक्षों के कटान को नहीं रोक पाएगा तो जल्द ही इस क्षेत्र को रेगिस्तान बनने से कोई नहीं रोक सकता।
फोटो कैप्शन 04: हरे वृक्षों की कटाई कर बेचे ले जाते हुए लोग
44 गेट पास काटे, अब तक कुल गेट पास 778 पहुंचे
-बाजरे की कोई सरकारी खरीद नहीं हुई
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कनीना की आवाज। कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में जहां सोमवार को भी 44 गेट पास काटे गए। कुल गेट पास 778 पहुंच गए। किसानों का बाजरा फड़ों पर पड़ा हुआ है लेकिन सरकारी तौर पर एक भी ढेरी की खरीद नहीं हो पाई है क्योंकि बाजरा मानकों को पर खरा नहीं उतर पा रहा है।
सचिव मार्केट कमेटी मनोज पाराशर ने बताया कि सोमवार को वर्षा के चलते फड़ों पर पड़े हुए तथा टीन शेड के बाहर जो भी अनाज पड़ा था उसे अच्छी प्रकार ढक दिया गया है ताकि वर्षा का कोई कुप्रभाव नहीं पड़ सके। उन्होंने बताया कि अभी तक सरकारी खरीद बाजरे की नहीं हो पाई है। निजी स्तर पर जरूर बाजरा खरीदा गया है वह भी एमएसपी से कम भाव पर खरीदा गया है।
उधर दिन भर सोमवार को वर्षा चलती रही जिसके चलते अनाज को ढक कर रखना पड़ा। पहले ही अनाज वर्षा के कारण खराब हो चुका है और अभी भी वर्षा प्रभाव डाल रही है। यह वर्षा भावी फसल के लिए बेहतर मानी जा रही है।
फोटो कैप्शन 5: वर्षा के कारण फड़ों पर पड़ा ढका हुआ बाजरा
अब रोवर से होगी जमीन की पैमाइश
-राजस्व कर्मियों को दिया रोवर आधारित भूमि पैमाइश का प्रशिक्षण
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कनीना की आवाज। अब हरियाणा में जमीनी पैमाइश रोवर तकनीक के आधार पर होगी। इसी तकनीक के बारे में जानकारी देने के लिए आज लघु सचिवालय में जि़ला राजस्व अधिकारी राकेश कुमार की अध्यक्षता में राजस्व विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को रोवर का प्रशिक्षण दिया गया।
डीआरओ ने बताया कि यह जिला स्तरीय प्रशिक्षण हरियाणा सरकार की महत्त्वाकांक्षी लार्ज स्केल मैपिंग हरियाणा परियोजना का एक अभिन्न अंग है। इस तकनीक का उद्देश्य राज्य में भूमि रिकॉर्ड को आधुनिक और त्रुटिरहित बनाना है।
प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य राजस्व अधिकारियों, जैसे पटवारी और कानूनगो, को रोवर उपकरण के संचालन और इसके उपयोग से अत्यधिक सटीकता के साथ भूमि की पैमाइश करने में दक्ष बनाना है। रोवर एक उन्नत सक्षम उपकरण है जो राज्य भर में स्थापित कंटीन्यूअसली आपरेटिंग रेफरेंस स्टेशन नेटवर्क के सहयोग से कार्य करता है, जिससे पैमाइश की सटीकता और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
जिला राजस्व अधिकारी राकेश कुमार ने सभी प्रतिभागियों से इस प्रशिक्षण को गंभीरता से लेने और नई तकनीक का उपयोग कर राजस्व संबंधी कार्यों को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने का आह्वान किया।
जोहड़ की हो अविलंब पैमाइश, तत्पश्चात खुदाई
सरकार ने पहले दिया हुआ पैैमाइश का आदेश
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कनीना की आवाज। कनीना के होलीवाला जोहड़ ने यूं तो लाखों रुपये की क्षति लोगों की पहुंचाई है। वहीं सड़क मार्ग को भारी नुकसान हुआ है। इसका गंदा जल दूरदराज तक फैला हुआ है। अनेक दुर्घटनाएं घट चुकी हैं। अब तो कनीनावासी एक बार फिर से इसकी पैमाइश करने पर अडिग हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ माह पहले इस जोहड़ की पैमाइश करने की मांग प्रबल हुई थी और दो वार्डों के सदस्य आरती सिंह राव मंत्री से मिले थे। आरती सिंह राव ने भी इस जोहड़ की खोदाई करने से पहले पैमाइश करने का आदेश दिया था लेकिन अभी तक नगर पालिका ने पैमाइश नहीं करवाई है। नगरपालिका की माने तो उसका कहना है कि तहसीलदार को पत्र प्रेषित है। पैमाइश तहसीलदार की तरफ से नहीं हुई है। ऐसे में अब लोगों में रोष पनप रहा है। क्या कहना है लोगों का --
होलीवाला जोहड़ वर्षों पुराना है। इसके एक सिरे पर होलिका दहन वर्षों पहले से चला रहा है। उसकी जगह को घेरकर संकीर्ण किया हुआ है। यहां तक की जोहड़ में भी र्इंंधन डालकर कब्जा किया हुआ है। ऐसे में जोहड़ की पैमाइश करवाई जाए तथा तिक्रमण हो तो उसे अविलंब हटाया जाए। तत्पश्चात की खोदाई की जाए।
-- लेख राम, कनीना
होलीवाला जोहड़ एक गांव के लोगों के लिए नहीं अपितु कई गांवों को आने जाने वाले लोगों के लिए समस्या बना हुआ है। विशेषकर करीरा,भडफ़ तथा लोग जो इस रास्ते से गुजरते हैं उन्हें भारी परेशानी होती है। दूध दोहने वाले, दोपहिया वाहन चालक और रोटी रोजी कमाने के लिए जाने वाले लोगों के लिए आफत बनी है। सुबह और शाम गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है। इसकी पैमाइश और खोदाई का आदेश मंत्री आरती सिंह राव ने दिया हुआ है। ऐसे में पहले पैमाइश और फिर खोदाई करवाई जाए।
--नरेंद्र सिंह,कनीना
वार्ड एक कनीना की प्रमुख समस्या होलीवाला जोहड़ है। इस पर प्रतिक्रमण भी किया हुआ है। अगर इस जोहड़ की पैमाइश करवा दी जाए और अतिक्रमण हटवा दिया जाए तो यह जोहड़ लोगों के लिए सुरक्षित बन सकता है। वरना इसका जल घरों की दीवारों एवं सड़क मार्गों को नुकसान पहुंचाता रहेगा। जोहड़ की पैमाइश करवाकर अतिक्रमण छुड़वाया जाए, तत्पश्चात ही जोहड़ को साफ किया जाए।
-- राजेंद्र सिंह, करीरा
वर्षा से समस्या बना हुआ, अतिक्रमण का शिकार तथा आवागमन में बाधक बना हुआ होलीवाला जोहड़ की पैमाइश बहुत जरूरी बन गई है। इसके बाद ही इसकी खोदाई करवा कर लोगों को राहत देनी चाहिए वरना आए दिन दुर्घटनाएं बढ़ती चली जाएगी।
-- अशोक कुमार,कनीना
इस संबंध में कनिष्ठ अभियंता नगर पालिका राकेश कुमार ने बताया कि जोहड़ की पैमाइश करवाने के लिए पत्र तहसीलदार को लिखा हुआ है। लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। उनका मानना है कि खोदाई तो करवानी ही है ताकि लोगों को राहत मिल सके।
फोटो कैप्शन 03: होलीवाला जोहड़
साथ में लेखराम, राजेंद्र सिंह, अशोक कुमार और नरेंद्र सिंह
शरद पूर्णिमा व्रत 7 अक्टूबर को
--आज रात्रि को बनेगी खीर
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कनीना की आवाज। ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषि राज शर्मा के अनुसार आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि 06 अक्तूबर को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से लग जाएगी जो 7 अक्तूबर को सुबह 09 बजकर 17 मिनट पर खत्म होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार शरद पूर्णिमा का खीर का प्रसाद 06 अक्तूबर को रात्रि को ही बनेगा
पूर्णिमा का व्रत 7 अक्टूबर को रखा जाएगा 7
आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। इस पूर्णिमा का विशेष महत्व है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। इस दिन स्नान, दान करने के साथ-साथ मां लक्ष्मी की पूजा करने का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर आती है। इसलिए इस दिन पूजा अर्चना करने के साथ जागरण किया जाता है। इसके अलावा रात को खुले आसमान के नीचे खीर रखी जाती है ।
फोटो कैप्शन: ऋषिराज शर्मा
कनीना क्षेत्र में हुई 12 एमएम वर्षा
- वर्षा रबी फसल के लिए लाभप्रद- कृषि वैज्ञानिक
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में सोमवार को 12 एमएम वर्षा हुई। जगह जगह गंदा जल भर गया। सबसे बुरी हालत कनीना के होलीवाला जोहड़ की रही जहां दूर दराज तक गंदा जल खड़ा हो गया है। जिन किसानों की फसल काटकर डाली हुई है उसे नुकसान होने का अंदेशा है वरना वर्षा का लाभ होगा। इस समय 95 प्रतिशत किसानों ने अपने खेतों से बाजरे और कपास की फसल की इक_ी कर ली है तथा पैदावार मंडियों तक बेचने के लिए लालायित हैं लेकिन अभी तक किसानों की बाजरे की पैदावार नहीं बिक पा रही है। न ही कपास की फसल बिक पा रही है। गर्मी राहत मिली है।
कोई समाधान नहीं निकला है-
कनीना के होलीवाला जोहड़का कोई समाधान नहीं निकल रहा है। उच्च अधिकारी और मंत्री इस जोहड़ की पैमाइश करके इसकी खोदाई करने का आदेश दे चुकेे हैं लेकिन नगर पालिका इस कार्य में सुस्ती बरत रही है जिसके कारण आवागमन गंदे पानी से हो रहा है। सड़क मार्ग के साथ से गुजरने वाले दोपहिया वाहन बहुत परेशान है क्योंकि बड़े वाहन गंदे पानी के छींटे मारते हुए गुजर रहे हैं। इस समय कपास, बाजरे की पैदावार अनाज मंडियों में कुछ मात्रा में पड़ी हुई है वरना किसानों के घरों में रखी हुई है।
वर्षा का होगा लाभ-
एसडीओ कृषि विभाग महेंद्रगढ़ डा. अजय यादव ने बताया कि वर्षा लाभप्रद है। जिन किसानों ने अपने खेतों में अभी तक बाजरा या कपास की फसल काट कर डाल रखी है उसे बेशक नुकसान हो सकता है वरना यह वर्षा रबी फसल के लिए लाभप्रद होगी। यदि नामी भूमिगत नमी से मिल जाए तो किसानों के वारे न्यारे हो जाएंगे। उन्होंने बताया कि 10 अक्टूबर के बाद सरसों के बिजाई की जाती है लेकिन यह सरसों की बिजाई तापमान पर निर्भर करती है। यदि तापमान 30 डिग्री सेंटीग्रेड से कम हो तो बिजाई उत्तम रहती वरना सरसों की फसल गर्मी से जल जाती है। सर्वोत्तम ताप 25 डिग्री सेंटीग्रेड होता है। गेहूं की फसल अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या नवंबर माह में उगाई जाएगी। किसान खेत की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
फोटो कैप्शन 02: होलीवाला जोहड़ का भरा हुआ गंदा जल साथ में एसडीओ कृषि विभाग डा. अजय यादव
शरद पूर्णिमा 7 अक्टूबर को
- खीर बनाकर खिलाने की तैयारी शुरू
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कनीना की आवाज। 7 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन चांदनी रात में रखी हुई खीर काो प्रसाद के रूप में बांटा जाएगा। कम से कम एक दर्जन स्थानों पर खीर बांटने का प्रबंध किया हुआ है। स्वास्थ्य के लिए सर्वोत्तम मानी जाती है। विभिन्न प्रकार के मरीज इस खेल को खाकर स्वस्थ होने की बात कही जाती है। यूं तो हर गांव और मोहल्ले में खीर बनाई जाती है किंतु अकेले कनीना में ही चार विभिन्न स्थानों पर खीर बनाई जाती है और भक्तों को खिलाई जाती है। दिनेश कुमार मोलडऩाथ आश्रम ट्रस्ट प्रधान ने बताया कि कनीना में जहां मोलडऩाथ आश्रम पर, लाल गिरी महाराज आश्रम तथा राधे धाम आश्रम पर खीर बनाई जाती है वहीं उधोदास आश्रम पर तो विशेष प्रकार की दवाइयां डालकर विशेष खीर बनाई जाती है जो विभिन्न रोगियों को खिलाई जाती है। लालदास महाराज अपने हाथों से यह खीर बांटते हैं। इस दिन से माना जाता है ठंड शुरू हो जाती है। उल्लेखनीय की ठंड का सिलसिला अभी से शुरू हो गया है। सुबह सवेरे कुछ ठंड महसूस होने लगी है। 7 अक्टूबर से ठंड का सिलसिला तेज हो जाएगा। यही वक्त सरसों उगाने के लिए उत्तम माना जाता है वहीं सेहत बनाने के लिए भी यह वक्त सबसे उत्तम माना जाता है।
उधोदास आश्रम के महंत लालदास ने बताया कि उनके यहां तो जो खीर बनाई जाती है उस मखमल के कपड़े से ढककर रख दिया जाता है ताकि अधिक मात्रा में चंद्रमा की किरणें गिर सके। इन्हीं किरणों के कारण खीर का स्वाद मधुर बन जाता है। तत्पश्चात इस खीरा को रात के बारह बजे बाद ही प्रसाद बतौर खिलाया जाता है। इस खीर का श्वास रोगियों के लिए बेहद लाभ होता है। उन्होंने बताया कि इस खीर में डालने के लिए कई प्रकार की औषधियां व पदार्थ मंगवाएं हैं ताकि खीर के प्रसाद से उनका रोग ठीक हो सके। रातभर भजन कीर्तन करते हुए ठाकुर जी का भोग लगाकर प्रसाद चखते हंै।
क्या कहते हैं वैद्य-
वैद्य बालकिशन एवं श्रीकिशन का कहना है कि शरद पूर्णिमा का पर्व बहुत अहमियत रखता है। यह पर्व कई रोगों से छुटकारा दिलाने वाला ही नहीं अपितु इंसान में नया संचार जगाने वाला होता है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने भी इस पर्व का विशेष महत्व बताया है तथा इस पर्व से सर्दी का मौसम जुड़ा है। सर्दी प्रारंभ होने से सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन से जल्दी उठकर स्नान ध्यान करने से सभी कष्टï स्वत: छूट जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
सुरेंद्र शर्मा ज्योतिषाचार्य ने बताया कि इसी पर्व से जुड़ी है कार्तिक स्नान करने की परंपरा। महिलाएं पूरे एक माह तक चलता रहता है। एक माह बाद इसे संपन्न करती हैं। स्वास्थ्य की दृष्टिï से भी यह समय अनुकूल माना जाता है।
पुत्री होने पर किया कुआं पूजन
-माता की कढ़ाई
करके खिलाया प्रसाद
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी मुकुल यादव के यहां पुत्री होने पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल है। पूरे परिवार ने मिलकर बच्ची का कुआं पूजन किया वहीं बड़े स्तर पर माता की कढ़ाई करके लोगों को मुंह मीठा किया।
जगमोहन ने बताया कि उनके घर में मुकुल कुमार एवं ललिता के तेजस्विनी नाम की पुत्री के पैदा होने पर कुआं पूजन किया है। बच्ची की मां ललिता को भी हुई बेटी होने पर खुशी है। उन्होंने कहा कि बेटी बेटों से किसी प्रकार कम नहीं होती हैं। हरियाणा सरकार का नारा है बेटी बचाओ तथा बेटी पढ़ाओ जिसे सार्थक कर रहे हैं। बच्ची के दादा जगमोहन और दादी संतोष देवी को भी हुई पोती होने पर खुशी हुई और उन्होंने बच्ची का कुआं पूजन करने की बात कही जिस पर सभी सहमत हो गये। समस्त निर्बाण परिवार ने बड़ी धूम धाम से कुआं पूजन किया और जितने भी लोग पहुंचे उनका माता की कढ़ाई करके मुंह मीठा किया। उनका कहना है कि लड़की पैदा होना गर्व की बात होती है। पूरे देश ही नहीं विदेशों में भी लड़कियों ने अपनी प्रतिभा से धूम मचा रखी है।
इस मौके पर विजयपाल प्राचार्य, महेंद्र सिंह प्राध्यापक, शिक्षा विभाग के ताजपाल सिंह, कृष्ण कुमार, सुनील कुमार, देशराज, मा. कंवर सिंह आदि ने खुशी जताई और बच्ची को आशीर्वाद दिया।
फोटो कैप्शन 01: बच्ची के पैदा होने पर कुआं पूजन करते हुए।













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