निजी स्तर पर खरीद पहुंची 50,000 क्विंटल
-अब तक 2174 गेट पास काटे गये
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कनीना की आवाज। कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में सरकारी तौर पर एक दाना भी खरीदा नहीं गया है लेकिन निजी स्तर पर 50,000 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। यह बाजरा 1900 रुपये से लेकर 2200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा गया है। कुल आवक 59,000 क्विंटल हो चुकी है।
विस्तृत जानकारी देते हुए सचिव मार्केट कमेटी मनोज पाराशर ने बताया कि अब तक 2174 टोकन किसानों के काटे जा चुके हैं और किसान अपनी बाजरे की पैदावार अनाज मंडी में ला रहे हैं किंतु उनके सैंपल फेल होने के कारण सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पा रही है।
हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रतिदिन सैंपल रेवाड़ी भेजे जाते हैं किंतु मानकों पर खरे नहीं उतरने के कारण सभी सैंपल फेल हो जाते हैं। ऐसे में सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पा रही है।
फोटो कैप्शन 05: कनीना की नई अनाज मंडी में बाजरे की आवक
श्रद्धा और विश्वास सफलता की जननी-हेमराज भारद्वाज
--धनौन्दा गांव में चल रही संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव धनौन्दा गांव में चल रही संगीतमय श्रीमद् देवी भागवत कथा के छठे दिन व्यासपीठ पर विराजमान आचार्य हेमराज भारद्वाज ने देवी भगवती के क्षमा, दया, दान, करुणा, श्रद्धा, विश्वास आदि गुणों का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धा और विश्वास सफलता की जननी है। देवी मां के इन गुणों को धारण करने से जन्म जन्मांतर का बेड़ा पार हो जाता है। कथा में सती विवाह तथा राम सीता स्वयंवर की मनमोहक झांकियों ने श्रद्धालुओं को भक्तिरस से सरोबार कर दिया। इस दौरान अतरलाल एडवोकेट ने कथा में पहुंचकर आचार्य हेमराज भारद्वाज को साफा पहनाकर तथा प्रशस्ति पत्र भेंट कर सम्मानित किया। अतरलाल ने कहा कि कथाओं से भक्तों तथा श्रद्धालुओं को प्रेरणा मिलती है। इन कथाओं से आदमी बुरी आदतों को छोड़कर सदमार्ग की तरफ बढ़ता है। उन्होंने कथा करवाने के लिए बालाजी मंदिर कमेटी के श्रद्धालुओं का धन्यवाद किया। इस अवसर पर कैलाश सेठ, सुभाष, हवासिंह, सतप्रकाश, हेमा, कविता, सरोज, लाली, धनवती, प्रेम, गुड्डी, कमलेश, लक्ष्मी आदि अनेक श्रद्धालु व भगतजन उपस्थित थे।
रिटायर्ड कर्मचारी संघ की मासिक बैठक आयोजित हुई
-विभिन्न मुद्दों पर हुई चर्चा
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कनीना की आवाज।रिटायर्ड कर्मचारी संघ हरियाणा की जिला महेंद्रगढ़ की इकाई की बैठक यादव धर्मशाला नारनौल में घनश्याम शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक में प्रदेश सचिव धर्मपाल शर्मा व पूर्व राज्य उपप्रधान जगलाल निनानिया विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक का संचालन रोशन लाल जिला सचिव ने विधिवत रूप से किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए प्रदेश सचिव धर्मपाल शर्मा ने कहा कि सार्वजनिक उपकरणों का निजीकरण कारपोरेटाइजेशन बंद हो। सरकारी विभागों को सिकोडऩा बंद करें। आठवां केंद्रीय वेतन आयोग गठित किया जाए। हर 5 वर्ष में वेतन संशोधित अनिवार्य हो। लंबित महंगाई भत्ता दिए और जप्त की गई डीए की सभी बकाया किश्तें जारी की जाए। नई शिक्षा नीति को रद्द किया जाए । संविधान की धारा 310 और 311(2) ए ,बी ,सी को निरस्त किया जाए। संविधान में निहित धर्मनिरपेक्षता की रक्षा हो। सांप्रदायिकता के हर रूप से संघर्ष किया जाए । केंद्र व राज्य वित्तीय संबंधों को पुन परिभाषित किया जाए । सहकारी संघवाद की रक्षा की जाए। रिटायर्ड कर्मचारियों को आठवें वेतन आयोग का लाभ दिया जाए तथा कोरोना काल से पहले की तरह रेलवे हवाई जहाज में किराए में 50 फीसदी छूट दी जाए।इस धरना-प्रदर्शन को रिटायर्ड कर्मचारी संघ के जिला प्रधान घनश्याम दास शर्मा,ताराचंद सैनी व बनीसिंह ने भी संबोधित बैठक में निम्नलिखित प्रस्ताव पारित किए गये। सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया सदस्यता अभियान चलाकर सदस्य संख्या बढ़ाई जाए और नियम अनुसार जिला व स्टेट का शेयर समय-समय पर भुगतान किया जाए। संघर्ष फंड सभी ब्लाक नियम अनुसार जिला व स्टेट का भुगतान करें ।सभी ब्लॉक व जिला अपने-अपने स्तर पर बैंक में खाता खुलवाना सुनिश्चित करें ताकि आय व्यय का हिसाब किताब सुरक्षित रह सके। सभी ब्लाक अपने सदस्यता की सूची जिला कमेटी में प्रदान करें। सभी ब्लाक अपना अपना आडिट जिला आडिटर सतपाल शर्मा से करवा कर जिला आडिटर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करें। जगनलाल निनानिया ने बैठक मे बताया कि स्टेट कार्यकारिणी की मीटिंग एक अक्टूबर 2025 को सैनी धर्मशाला कुरुक्षेत्र में होने निश्चित की गई है। जिसमें जिला प्रधान सचिव व कोषाध्यक्ष भाग लेंगे। दिनांक 22- 23 फरवरी को अखिल भारतीय राज्य सरकारी पेंशनर फेडरेशन का सम्मेलन सैनी धर्मशाला कुरुक्षेत्र में होगा। जिले का चुनाव लगभग 1 साल पहले हुआ था। जिला कोषाध्यक्ष आय व्यय का बोरा जिला की बैठक में प्रस्तुत करें तथा जिस भी सदस्य या पदाधिकारी के पास बकाया राशि है वह तुरंत बकाया राशि जिला कोषाध्यक्ष से पास जमा करवाएं।
फोटो कैप्शन 04: श्रीमद् देवी भागवत कथा सुनाते आचार्य हेमराज भारद्वाज।
किसान लगे सरसों की बिजाई में
- सरसों के लिए उचित समय- एसडीओ कृषि
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कनीना की आवाज। बाजरे की पैदावार वर्षा द्वारा खराब होने के साथ साथ जहां सरकारी तौर पर बाजरे की खरीद नहीं हो पाई। किसान मायूस हैं और मायूसब किसान सरसों की बिजाई में लग गए हैं। वैसे भी सरसों की बिजाई का समय 10 अक्टूबर से प्रारंभ हो जाता है। अनुमान है कि कम से कम 20000 हेक्टेयर पर सरसों की बिजाई की जाएगी। चूंकि बाजरे की पैदावार से कोई लाभ नहीं मिला जिसकीभरपाई करने के लिए सरसों अधिक उगाये जाने की संभावना है।
किसान भी 10 दिनों पहले से जहां खेतों की तैयारी में लग रहे थे। अब अचानक मौसम बदलने और तापमान कम होने के कारण सरसों के बिजाई में लग गए हैं। रात को के समय भी अब तो ट्रैक्टरों की आवाज सुनाई पड़ रही है। किसान सूबे सिंह राजेंद्र सिंह, मनोज कुमार, गजराज सिंह, सोनू,कांता देवी आदि ने बताया कि अब सरसों के बिजाई में लग गए हैं। सरसों की बिजाई पूर्ण होने के बाद 1 नवंबर से गेहूं की बिजाई शुरू हो जानी है। ऐसे में जी जान से किसान बिजाई कर रहे हैं। खेतों की तैयारी के लिए जहां खेतों में पानी देना, हल चलाकर खेत तैयार कर रखा था।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
एसडीओ कृषि विभाग महेंद्रगढ़ डा. अजय यादव ने बताया कि मौसम सरसों की बिजाई के लिए अनुकूल हो गया है। इसके लिए तापमान 30 डिग्री सेंटीग्रेड से कम चाहिए लेकिन उन्होंने साथ में सलाह दी है कि किसानों को मौसम का ध्यान रखना चाहिए। निकट भविष्य में जहां वर्षा होने की संभावना जताई जा रही है। ऐसे में अगर वर्षा होती है और बिजाई कर दी गई तो बिजाई खराब हो जाएगी और फिर से बिजाई करनी पड़ेगी। उन्होंने किसानों को हिदायत दी कि मौसम को ध्यान में रखकर बिजाई करना उचित रहेगा।
कई हैं डीएपी के विकल्प -
डा. अजय यादव ने बताया कि किसान डीएपी ज्यादा पसंद करते हैं जबकि डीएपी के अलावा कई विकल्प हैं जो डीएपी से भी ज्यादा बेहतर साबित हो सकते हैं। उन्होंने बताया टीएसपी/ट्रिपल सुपरफास्फेट का प्रयोग किया जाए। टीएसपी के एक बोरे के साथ 20 किलोग्राम यूरिया और 15 से 20 किलोग्राम पोटाश जरूर मिलाकर डाले जो सरसों के लिए ज्यादा लाभप्रद है। उन्होंने बताया कि एनपीके प्रयोग किया जा सकता है जिनके अलग-अलग ग्रेड हैं। यदि ग्रेड 12:32:16 है तो उसके एक बोरे में 20 किलोग्राम यूरिया और एक 10 किलोग्राम सल्फर जरूर मिलाये। यदि एनपीके 20:29:013 है तो उसके एक बोरे में 20 किलो पोटाश प्रति बैग मिलना जरूरी है।
एसएसपी/सिंगल सुपरफास्फेट का भी प्रयोग कर सकते जिसके एक बोरे में 20 किलोग्राम यूरिया और 20 किलोग्राम पोटाश मिलना चाहिए। जिससे पैदावार अच्छी होगी। क्षेत्र में जहां डीएपी की मांग बढ़ रही है किंतु खाद की कमी नहीं है।
तत्पश्चात एक नवंबर से गेहूं की बीजाई शुरू हो जाती है। किसान सुनील कुमार,रमेश, अजीत कुमा, सूबे सिंह, दिनेश, सुरेश, राजू आदि ने बताया कि अभी तक डीएपी की कोई कमी नहीं है। देरी से बीजाई करने से फसल पैदावार पर बुरा प्रभाव पड़ता है ऐसे में जितना जल्दी हो बीजाई कर रहे हैं। कनीना क्षेत्र में इस बार करीब 20000 हेक्टेयर पर सरसों की तथा 8000 हेक्टेयर पर गेहूं की बिजाई की जाने की संभावना है। अधिक ताप पर बिजाई करने से बचे वरना सरसों अंकुरित होते ही जल जाएगी।
उधर पूर्व कृषि अधिकारी डा. देवराज का कहना है कि कनीना क्षेत्र करीब 20000 हेक्टेयर पर सरसों की बीजाई तथा 8000 हेक्टेयर के करीब गेहूं की बीजाई की जानी है। अधिकांश किसान सरसों की बीजाई में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि वैसे तो 25 अक्टूबर तक सरसों की बीजाई करना उचित है। इसके बाद तो प्रतिदिन प्रति एकड़ 18 किलो सरसों पैदावार कम होती चली जाती है। ऐसे में देरी से बीजाई करना नुकसानदायक साबित होता है। उन्होंने बताया कि अधिकांश किसान सरसों की बीजाई में लगे हुए हैं। 60 फीसदी किसानों ने सरसों की बीजाई कर दी है । इसके बाद गेहूं की बिजाई चलेगी। बीजाई पूर्णरूप से ट्यूबवेलों की सिंचाई पर निर्भर है। चने की खेती लगभग खत्म हो चुकी है। चना पैदावार नहीं देता है। अधिक ताप पर बिजाई करने से अगर बीज अंकुरित हो जाता है तो उसमें सफेद रतुवा रोग होने की ज्यादा संभावना होती है। साथ में बीज उपचार करके ही बिजाई करें। उन्होंने बताया कि 2 ग्राम प्रति किलोग्राम सरसों में बावस्टीन दवा से उपचारित करना चाहिए लेकिन याद रहे कि यह दवा सूखे पाउडर के रूप में आती है, पानी आदि न मिलाये, सीधा सूखा उपचार करना चाहिए। इससे पैदावार में लाभ और रोगों से बचा जा सकेगा।
फोटो कैप्शन 03: सरसों की बिजाई करता किसान
फोटो कैप्शन: डा. अजय कुमार यादव
बयाना की राशि अदा न करने पर दी पुलिस में शिकायत
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव तलवाना निवासी सुमन लता धर्मपत्नी रतन सिंह के ने उनके साथ धोखाधड़ी करने की शिकायत पुलिस में की है।
रतन सिंह ने बताया कि गांव बेवल में करीब 10 मरला जमीन बेचने के लिए प्रदीप, राजेश कुमार व ईश्वर 20 सितंबर 2025 को बयाना किया था। जिस वक्त उन्होंने बयाने में 4.50 लाख रुपये लिखवा दिए लेकिन एक लाख रुपये ही अदा किया बाकी के 3.50 लाख रुपये के लिए फोन पे से अदा करने की बात कह रहे थे किंतु अब उन्होंने कहा कि हमने पूरा पैसा आपको दे दिया है। जिसकी शिकायत पुलिस थाना कनीना में एक अक्टूबर 2025 को करवाई है। उन्होंने बताया कि राशि 3.50 लाख रुपये देने में आनाकानी कर रहे हैं। वह धोखाधड़ी कर रहे हैं। 20 अक्टूबर को रजिस्ट्री का दबाव बना रहे हैं। झूठा और उल्टा ही मुकदमा करवाने की धमकी भी दे रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
हजारों व्यक्ति गठिया से पीडि़त मिलते हैं -डाक्टर विनय
-जागरूकता कार्यक्रम किये जाते हैं आयोजित
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कनीना की आवाज। दुनिया भर में 12 अक्टूबर विश्व गठिया दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन लोगों में हड्डियों से जुड़ी गंभीर स्थिति के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। इसे अंग्रेजी में अर्थराइटिस कहते हैं। गठिया के बारे डा. विनय शर्मा उप नागरिक अस्पताल कनीना से चर्चा हुई।
डा. शर्मा ने बताया कि गठिया एक जोड़ों में दर्द एवं जकडऩ का कारण बनता है। बड़ी उम्र के साथ-साथ यह स्थिति खराब होती चली जाती है। जागरूकता फैला कर ही इस रोग से बचा जा सकता है। 1996 से इस रोग से बचने के लिए लोगों को जागरूक किया जाता रहा है।
गठिया बीमारी विटामिन-सी, विटामिन-डी और कैल्शियम की कमी से ज्यादा परेशान करती हैं। इन चीजों की कमी से हड्डियां कमजोर होती चली जाती है और अंदर से खोखली हो जाती है। गठिया का अर्थ जोड़ों में सूजन,दर्द एवं लालिमा उत्पन्न होना। उसे स्थान पर गर्मी अनुभव होती है, हड्डी के जोड़ सूज जाते हैं जो दर्द का कारण बनता है। गठिया के कारण होने वाली अधिकांश बीमारियां स्वप्रतिरक्षा के कारण होती है। उन्होंने बताया कि यह दर्द असहनीय होता है। आमतौर पर कई हफ्तों से कई महीनो में हाल होता है।
गठिया में विशेष कर आलू खाने का परहेज करना चाहिए, आलू में मौजूद केमिकल है जो गठिया रोग का कारण बनता है। गठिया को जड़ से खत्म करने के लिए आयुर्वेद की दवाई काफी लाभप्रद जिनमें अश्वगंधा आता है, ठंडी जगह जाने से परहेज करें, नशीले पदार्थ का सेवन न करें। उन्होंने बताया कि सेब खाने से इस रोग में सूजन में कमी आती है और गठिया के लक्षण कम होते हैं। साथ में एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर फल एवं सब्जियां ज्यादा खानी चाहिए जिनमें ब्रोकली, पपीता, शिमला मिर्च, संतरा, अंगूर, स्ट्राबेरी विटामिन-सी के स्रोत, पालक ,चेरी आदि खाने चाहिए। गठिया से छुटकारा पाने के लिए सर्दी के मौसम में अदरक के तेल अदरक का प्रयोग करें जोड़ों पर मालिश करनी चाहिए। गठिया वैसे तो 100 से अधिक प्रकार है पर डब्ल्यूएचओ अनुसार विश्व की लगभग एक प्रतिशत आबादी गठिया रोग से पीडि़त है। यह रोग 40 से 60 वर्ष की उम्र में शुरू हो जाता है पुरुषों की तुलना महिलाओं में अधिक होता है। गठिया के कारण दर्द ,कठोरता, सूजन तीन प्रमुख लक्षण होते हैं। गठिया रोग में शराब पीना, ग्लूटेन फूड, प्रोसेस्ड भोजन, मीट, नमक का सेवन कम करें, गठिया में दूध नहीं पीना चाहिए।
फोटो कैप्शन: डा. विनय कुमार शर्मा
दिवाली पर दे विज्ञापन ताकि समाचार होते रहे प्रकाशित
-साल में एक विज्ञापन तो देना चाहिए
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कनीना की आवाज। प्रतिदिन समाचार संकलित करके न केवल ब्लाग के जरिये अपितु समाचारों के जरिये लोगों की सेवा की जा रही किंतु समाचार पत्र समय-समय पर हमसे विज्ञापन मांगते हैं। ऐसे में विज्ञापनदाता इस बार जरूर मदद करें ताकि खबरें लगातार प्रकाशित होती रहे। विज्ञापन के लिए कम से कम 5000 रुपये का विज्ञापन दिया जा सकता है। ताकि समाचार भी प्रकाशित होते रहे और विज्ञापन भी प्रकाशित होते रहे। समाचार पत्र अभी तक कोई पारिश्रमिक नहीं देता है, एकमात्र विज्ञापन जरिया है जिसके जरिए कुछ कमीशन मिलता है वरना सारी मेहनत मुफ्त में चलती है। ऐसे में जो भी व्यक्ति अपनी दुकान, स्कूल या अन्य किसी प्रकार का विज्ञापन देना चाहे जरूर 9416348400 पर संपर्क करें या फिर दूसरे मोबाइल नंबर 9306300700 पर संपर्क कर अपना विज्ञापन बुक करवा सकता है।
उप जिला शिक्षा अधिकारी ने बीइओ कनीना को दी बधाई
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कनीना की आवाज। कनीना के नव पदोन्नत खंड शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह गोठवाल को जिला परियोजना समन्वयक एवं उप जिला शिक्षा अधिकारी कौशिक ने खंड कार्यालय में आकर पदोन्नति की बधाई व शुभकामनाएं दी।
खंड स्तरीय विकसित भारत बिल्डथान की समीक्षा बैठक के लिए पहुंचे जिला शिक्षा अधिकारी ने कहा कि दिलबाग सिंह एक कर्मठ अधिकारी रहे हैं तथा प्राचार्य के रूप में इनका कार्यकाल श्रेष्ठ रहा है तथा खंड शिक्षा अधिकारी के रूप में भी बेहतर तरीके से कार्य कर रहे हैं। इस अवसर पर राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी के प्राचार्य नरेश कुमार कौशिक,सहायक ओम प्रकाश, गुलशन कुमार,पंकज यादव, सुनील कुमार,राजेश कुमार बीआरपी सोमबीर सिंह उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: उप जिला शिक्षा अधिकारी बीइओ को बधाई देते हुए
आईपीएस कैडर के अधिकारी वाई पूरन कुमार द्वारा की गई आत्महत्या की निष्पक्ष जांच हो-वेद
- निष्पक्ष जांच नहीं की तो इनेलो पार्टी न्याय दिलाने के लिए उतरेगी सड़कों पर
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कनीना की आवाज। इनेलो के वेद प्रकाश नंबरदार ने देश और प्रदेश में दलितों के साथ लगातार हो किए जा रहे उत्पीडऩ की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि दलितों पर अत्याचार बेतहाशा बढ़ गए हैं। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर द्वारा निर्मित संविधान की लगातार सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। बीआर गवई सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस होने के साथ साथ दलित समुदाय से भी आते हैं। एक दलित चीफ जस्टिस पर जूता फेंकना बेहद निंदनीय है और देश के संविधान का अपमान है। ऐसा ही दलित उत्पीडऩ का एक मामला हरियाणा के आइपीएस वाई पूरन कुमार द्वारा आत्महत्या करने का है जिन्होंने जातिवादी भेदभाव के चलते आत्महत्या कर ली।
वेद प्रकाश ने कहा कि हरियाणा के आईपीएस कैडर के अधिकारी वाई पूरन कुमार के परिवार को न्याय मिल सके उसके लिए इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों को कड़ी सजा देने की मांग की। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर बीजेपी सरकार ने इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की तो इनेलो पार्टी आइपीएस वाई पूरन कुमार के परिवार को न्याय दिलाने के लिए सड़कों पर उतरेगी।
फोटो कैप्शन: वेद प्रकाश रामबास
यूरो स्कूल में अभिभावक-अध्यापक संगोष्ठी का आयोजन
--प्राचार्य सुनील यादव ने किया अभिभावकों का धन्यवाद
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कनीना की आवाज।यूरो स्कूल कनीना में शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमे अभिभावकों ने अपने बच्चों की अर्ध वार्षिक परिणाम की रिपोर्ट प्राप्त की। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील यादव एवं उप-प्राचार्या संजू यादव ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षा विद्यार्थी को जीवन जीने के लिए नई दिशा प्रदान करती है। उन्होनें कहा कि शिक्षा विद्यार्थी को न केवल शिक्षित बनाती है, बल्कि उसे संस्कृति और सभ्यता से परिचित करवाकर उसे राष्ट्र निर्माण की ओर प्रेरित करती है। शिक्षा अध्यापक व अभिभावक दोनो के दिशा-निर्देशन व सहयोग से ही संपूर्ण होती है। एक विद्यार्थी को शिक्षित करने में जितना योगदान एक गुरु का होता है, उतनी ही भूमिका माता-पिता की होती है। सभी विद्यार्थियों को अपने गुरू व अभिभावकों का सम्मान करना चाहिए। अभिभावकों ने अध्यापकगण से अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड एवं उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त करते हुए अध्यापकों का धन्यवाद किया और कहा कि समय पर अभिभावक-अध्यापक संगोष्ठी का आयोजन करना बहुत ही आवश्यक है जिससे बच्चों की कमियों को शिक्षक व अभिभावक मिलकर दूर करके उन्हें संमार्ग पर ले जाए और उनके भविष्य को उज्ज्वल बना सके।
फोटो कैप्शन 02: पीटीएम का नजारा।









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