बहादुरगढ़ से पेट के बल जा रहा है खाटूश्याम
-22 जुलाई को शुरू की थी यात्रा, पहुंचा है कनीना
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कनीना की आवाज। बहादुरगढ़ निवासी हरिओम मुदगिल पांचवीं पेट के बल निशान यात्रा बहादुरगढ़ से खाटू श्याम के लिए रवाना हो रही है। विगत 5 वर्षों से हर वर्ष खाटू श्याम जाता है। इस बार 22 जुलाई को उन्होंने यात्रा शुरू की थी अभी कनीना पहुंचे हैं। अनुमान है कि 3 महीने में खाटू श्याम पहुंच जाएंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए हरिओम मुद्गल ने बताया कि वह 22 जुलाई को अपनी यात्रा पर निकले हैं। सारा खाना दाना तथा अन्य वस्तुएं अपने ट्रैक्टर द्वारा लेकर चल रहे हैं। उन्हें विश्वास है कि 3 महीने के करीब वे खाटू श्याम पहुंच जाएंगे। विगत वर्ष 84 दिन में पहुंचे थे।
फोटो कैप्शन: 12 पेट के बोल जाते हुए मुदगिल
13: आगे-आगे चल रहा वाहन
कनीना में स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने की जनता जनार्दन से मुलाकात
-कनीना से मेरा है पुराना संबंध-आरती
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कनीना की आवाज। हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव कनीना में दीपक चौधरी के यहां आम जनता और कार्यकर्ताओं से सीधी मुलाकात की।
इससे पहले पितामह कान्ह सिंह धर्मशाला में भी कार्यकर्ताओं से मुलाकात की तथा उन्हें संबोधित किया।
आरती सिंह राव मंत्री ने कहा कि कनीना से हमारा 45 साल पुराना रिश्ता है। यहां के लोग हमारे अपने है और जो भी विकास कार्यों पाईप लाइन में है उनको जल्द शुरू करवाया जाएगा। स्वास्थ्य सेवाओं में सरकार द्वारा अनेक नीतियां लागू की गई है उनके बारे में आम है
जन को जागरूक किया जाएगा ताकि आम जनता को उन सुविधाओं का फायदा मिल सके। लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि किसी प्रकार की कोई समस्या हो तो उनके अटेली कार्यालय पर मिल कर समस्या बता सकते हैं। इस अवसर पर गांव के बुजुर्गों ने आरती सिंह राव को साफा पहनाकर और गुलदस्ते भेंट कर खूब ढोल बजाकर स्वागत किया।
इस मौके पर दीपक चौधरी पार्षद, नरेंद्र फौजी, नवीन यदुवंशी, मुकेश नंबरदार, मनीष पार्षद ,देशराज, बिजेंद्र पूर्व मुख्याध्यापक, सतीश जांगिड़, कैलाश एडवोकेट, जानी जांगिड़, संजय जांगिड़, संदीप, बिल्लू , आमप्रकराश लिसानिया आदि अनेक कार्यकर्ता मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 10 व 11: आरती सिंह राव कनीना में संबोधित करते हुए।
स्पीड ब्रेकर बनवाने के लिए आरती सिंह राव को दिया ज्ञापन
--पहले भी उच्चाधिकारियों को दे चुके हैं ज्ञापन
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कनीना की आवाज। कनीना की संगम कालोनी के तथा आसपास के लोगों ने संगम कालोनी और रेवाड़ी सड़क मार्ग क्रासिंग पर स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए मंत्री आरती सिंह राव को कनीना में ज्ञापन दिया। इससे पहले भी ये लोगों ने जिला उपायुक्त सहित विभिन्न अधिकारियों को समय-समय पर शिकायत देकर सड़क मार्ग पर अवरोध बनाने की मांग की थी किंतु अभी तक उनकी सुनवाई न होने कारण आखिरकार शनिवार को कनीना में आयी आरती सिंह राव को सतराज यादव ,दिलीप सिंह, अतर सिंह, राजवीर सिंह, हमीर सहित कई लोगों ने मिलकर आरती सिंह राव को ज्ञापन दियाऔर मांग की है कि यहां पर स्पीड ब्रेकर बनाया जाए।
उनका कहना है कि संगम कालोनी को जाने वाली सड़क तथा रेवाड़ी मुख्य मार्ग आपस में क्रास करते हैं, यहां कई दुर्घटनाएं घट चुकी है। ऐसे में स्पीड ब्रेकर बना दिया जाए तो अेावागमन सुविधाजनक हो जाएगा वरना भविष्य में किसी भी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता।
नांगल मोहनपुर में मनाया 15 अगस्त
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नांगल मोहनपुर में स्वतंत्रता दिवस की धूम रही। इस मौके पर सबसे बुजुर्ग भूतपूर्व सैनिक शिवलाल व फूल सिंह द्वारा ध्वजारोहण किया गया। रंगारंग एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत किए गए। इस मौके पर एसएमसी प्रधान अनिल कुमार, प्राचार्य सुरेंद्र सिंह भालखी ने स्कूल से संबंधित रिपोर्ट पढ़कर सुनाई। 10वीं व 12वीं कक्षा मेरिट पाने वाले विद्यार्थियों को पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर महेंद्र सिंह पूर्व इंस्पेक्टर, जोगेंद्र सिंह, रोशन लाल, विजय सिंह पूर्व मैनेजर, सरला कुमारी, जयवीर प्रवक्ता, प्रीति, छोटेलाल, गुलशन कुमार सहित स्टाफ उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 09: नांगल मोहनपुर में स्वतंत्रता दिवस मनाते हुए
जगह जगह मनाया गया स्वतंत्रता दिवस
-चले देशभक्ति कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। कनीना एवं आस पास क्षेत्रों में विभिन्न शिक्षण संस्थानों में स्वतंत्रता दिवस की धूम रही। देशभक्ति कार्यक्रम चले तथा विभिन्न प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया।
79वां स्वतंत्रता दिवस पर राजकीय उच्च विद्यालय छिथरोली में सरपंच बलवान सिंह आर्य की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि भूतपूर्व सैनिक सीनियर सिटीजन हवलदार ओमप्रकाश ने ध्वजारोहण किया।
मुख्याध्यापक सुमेर सिंह के द्वारा भूतपूर्व सैनिकों को पटका पहना कर और मोमेंटो देकर सम्मानित किया। बच्चों के द्वारा सांस्कृतिक प्रोग्राम पेश किया गया और ग्रामवासियों ने स्वतंत्रता दिवस का भरपूर आनंद लिया।
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेवल में 79वां स्वतंत्रता दिवस समारोह बड़े ही धूमधाम से मनाया गया जिसकी अध्यक्षता प्राचार्य प्यारे लाल कटारिया ने की तथा कार्यक्रम की मुख्य अतिथि सूबेदार गजे सिंह रहे।
ग्राम पंचायत सरपंच योगेंद्र सिंह व पूर्व प्राचार्य धर्मपाल अति विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की। धर्मपाल की तरफ अपनी माता की स्मृति में से बोर्ड परीक्षाओं में प्रथम व द्वितीय स्थान पर आने वाले विद्यार्थियों को नगद राशि पुरस्कार के रूप में दी। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ने स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर सभी ग्राम वासियों वह बच्चों को शुभकामनाएं दी व ग्राम से आने वाले सभी अतिथियों का धन्यवाद किया। मंच का संचालन प्रवक्ता आशा यादव व प्रवक्ता दीपक शर्मा ने किया।
यूरो स्कूल कनीना में विद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील यादव एवं उप-प्राचार्या संजू यादव ने सबसे पहले स्कूल प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण आए हुए अभिभावकों व स्कूल के समस्त सदस्यों को आजादी के 79वें स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
एस डी विद्यालय ककराला में 79वां स्वतन्त्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया गया। सर्वप्रथम विद्यालय चेयरमैन जगदेव यादव, अभिभावकगण व अन्य प्रबन्धन समिति सदस्यों ने राष्ट्रीय ध्वजारोहण किया व एनसीसी टुकडुी के द्वारा मार्च पास्ट करते हुए राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी गई। मां सरस्वती की पूजा अर्चना के बाद सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
फोटो कैप्शन 05: छीथरोली राजकीय स्कूल में ध्वजारोहण करते हुए।
दिन भर गौशालाओं में चला हवन एवं गाय गोद लेने का सिलसिला
-कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में 400 गाये ली गई गोद
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कनीना की आवाज। कनीना और आसपास विभिन्न गौशालाओं में दिनभर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर हवन चला, गायों की सेवा की। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में जहां सतीश आर्य रसूलपुर ने हवन पूर्ण करवाया। इस मौके पर मोहर सिंह प्रधान, बलवान आर्य, ओमप्रकाश, प्रधान भगत सिंह, कृष्ण प्रकाश, अभय साहब, रतनलाल शर्मा, अशोक ठेकेदार, सुनील, दरियाव सिंह आदि अनेक जन मौजूद रहे। हवन के बाद उन लोगों को सम्मानित किया जिन्होंने गाये गोद ली है। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला से 400 गाये गोद ली जा चुकी है जिनके लिए खर्च गोद लेने वाले करेंगे। प्रधान गौशाला भगत सिंह ने बताया कि 200 गए उन्होंने स्वयं गोद ली है वही एक सौ गाये किन्नर समाज खुशी महंत ने ली है। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में करीब सो गए विभिन्न लोगों ने भी गोद ली हैं तथा कुल 1470 गए हैं और 700 सांड हैं। उधर उधोदास गौशाला में महाराज लाल दास ने स्वयं हवन पूर्ण किया। इससे पहले सत्संग, भजन आयोजित हुए, भंडारा भी चला।
विस्तृत जानकारी देते हुए रणधीर सिंह समाजसेवी ने बताया कि 2008 में गौशाला स्थापित हुई थी तब से हर वर्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर यह पर्व मनाया जाता है। इस मौके पर संतोष कुमार, राजकुमार, पूर्ण थानेदार, सूबे सिंह, मास्टर प्रताप सिंह, रणधीर सिंह आदि अनेक जन उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 6: उधोदास गौशाला में हवन करते महाराज
07: कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में गाय गोद लेने वालों को सम्मानित करते हुए
गोगा नवमी पर होती है पेड़ों की पूजा
-जाटी एवं गोगा पौधों की भित्तिचित्र भी बनाये जाते हैं
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कनीना की आवाज। हर वर्ष साथ साथ आने वाले जन्माष्टमी एवं गोगा पर्व बेशक किसी देवों से जुड़े हुए पर्व होते हैं किंतु इन दोनों दिनों में एक-एक पौधे की पूजा इन देवों के साथ साथ की जाती है। यही नहीं अपितु पूजा किए गए पौधों को विधि विधान से जल में प्रवाहित किया जाता है।
जन्माष्टमी के दिन यूं तो भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है तथा इस पर्व को ग्रामीण क्षेत्र में जाटी नाम से ही जाना जाता है। यही कारण है कि इस दिन जाटी पेड़ की पूजा की जाती है। पूर्वज बताते हैं कि वर्षों से जन्माष्टमी के दिन सुख दु:ख का साथी जाटी अर्थात खेजड़ी की पूजा चली आ रही है। पूर्वजों के अनुसार जब कुकिंग गैस सिलेंडर नहीं होते थे उस वक्त किसानों का सुख दुख का साथी जाटी ही थी। खेतों से जाटी को उखाड़कर लकड़ी को ही सुख दुख में जलाकर काम में लेते थे वहीं हवन में इसी वृक्ष की लकड़ी का प्रयोग आज भी हो रहा है। जाटी के पत्तों एवं फलों पर इंसान से लेकर पशु तक आश्रित हैं और जाटी पेड़ खाद की पूर्ति कर अपने नीचे फसल पैदावार को बढ़ाता है। ऐसे में जाटी की पूजा करके उसे जोहड़ में प्रवाहित किया जाता है।
गोगा पर्व जाहर वीर गोगा देव की याद में भाद्रपद कृष्ण नवमी को मनाया जाता है। गोगा जिसे जाहर वीर गोगा कहा जाता है। उस देव के गुणों की चर्चा हर जगह है। हरियाणा में गोगा एक पेड़ को कहते हैं जो शाक है जिसे अपामार्ग, लटजीरा, चिरचिटा आदि नामों से जाना जाता है। वैज्ञानिक भाषा में इसे अचिरांथिस अस्पेरा कहते हैं। इसमें इतने अधिक औषधीय गुण है कि इसे गोगा देव के रूप में पूजा जाता है। यही कारण है कि गोगा देव के साथ साथ गोगा पौधे की भी पूजा की जाती है जो कई बीमारियों में सहायक है वहीं घर के आस पास मिल जाता है।
कौन है जाहरवीर गोगा--
गोगाजी राजस्थान के लोक देवता हैं। राजस्थान के हनुमानगढ़ जिले का एक शहर गोगामेड़ी है। जहां भाद्रपद शुक्लपक्ष की नवमी को गोगा का मेला भरता है।
गोगा जी गुरु गोरक्षनाथ के शिष्य थे। उनका जन्म चुरू जिले के ददरेवा गांव में हुआ था। ददरेवा में सभी धर्म और सम्प्रदाय के लोग मत्था टेकने के लिए दूर-दूर से आते हैं। गोगाजी का जन्म राजस्थान के ददरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जेवर सिंहकी पत्नी बाछल के गर्भ से गुरु गोरक्षनाथ के वरदान से भादो सुदी नवमी को हुआ था। चौहान वंश में राजा पृथ्वीराज चौहान के बाद गोगा वीर और ख्याति प्राप्त राजा थे। उन्हें सांपों के देवता के रूप में भी पूजा जाता है।
गोगादेव की जन्मभूमि पर आज भी उनके घोड़े का अस्तबल है। उनके जन्म स्थान पर गुरु गोरक्षनाथ का आश्रम भी है और वहीं है गोगादेव की घोड़े पर सवार मूर्ति है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोगाजी के प्रतीक के रूप में पत्थर या लकड़ी पर सर्प मूर्ती उत्कीर्ण की जाती है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष तथा कृष्ण पक्ष की नवमी को गोगा की स्मृति में मेला लगता है।
हनुमानगढ़ जिले के नोहर उपखंड में स्थित गोगाजी के पावन धाम गोगामेड़ी स्थित है। प्रतिवर्ष लाखों लोग गोगा जी के मंदिर में मत्था टेक तथा छडिय़ों की विशेष पूजा करते हैं।
राजस्थान के महापुरूष गोगाजी का जन्म गुरू गोरखनाथ के वरदान से हुआ था। गोगाजी की मा़ बाछल देवी नि:संतान थी। संतान प्राप्ति के सभी यत्न करने के बाद भी संतान सुख नहीं मिला। गुरू गोरखनाथ गोगामेडी के टीले पर तपस्या कर रहे थे। बाछल देवी उनकी शरण में गईं तथा गुरू गोरखनाथ ने उन्हें पुत्र प्राप्ति का वरदान दिया और एक गुगल नामक फल प्रसाद के रूप में दिया। प्रसाद खाकर बाछल देवी गर्भवती हो गई और तदुपरांत गोगाजी का जन्म हुआ। गुगल फल के नाम से इनका नाम गोगाजी पड़ा।
नृत्य करती टोली अपने साथ गोगा पीर की छड़ी लेकर जब घर-घर आती है तो पर्व की याद ताजा हो जाती है। यूं तो मेले तथा दंगल गांवों में लगते हैं किंतु त्योहार पर अनोखे रिवाज प्रचलित हैं। इस पर्व पर वृक्षों की पूजा भी की जाती है।
किसान के खेतों में खड़ी जाटी पौधे की टहनी तथा गोगा नामक पौधे को उखाड़कर प्रत्येक घर में लाया जाता है जिसकी विधि विधान से पूजा की जाती है। ग्रामीण महिलाओं का कहना है जाटी किसानों की सुख-दुख की साथी होने के बाद ही इसे पूजा जाता है। हरियाणा में जाटी हर किसान के खेत में मिलता है जो हर सुख एवं दु:ख में काम आता रहा है और इसके इतने अधिक उपयोग हैं कि इसे कृष्ण जन्माष्टमी पर पूजा जाता है। राजस्थान का राज्य पेड़ खेजड़ी भी जाटी ही है।
दीवार पर हल्दी व चंदन से गोगा पीर व जाटी पौधे की तस्वीर बनाई जाती हैं। तवे की कालिख से तस्वीरों को रंग भरा जाता है। गोगा व जाटी पौधों की टहनी तस्वीर के पास रख दी जाती हैं और विधि विधान से पूजा की जाती है। शाम होने के बाद उन्हें जोहड़ में बहा दिया जाता है। रक्षा बंधन पर बहन द्वारा भाई की कलाई पर बांधा गया धागा भी जोहड़ में बहाने का रिवाज है।
फोटो कैप्शन 03: जाटी का पौधा
04:लटजीरा या गोगा का पौधा।
गोगा नवमी मेला व खेल प्रतियोगिता 17 अगस्त को
--सिरसवाला जोहड़ के पास होंगी प्रतियोगिताएं
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कनीना की आवाज। कनीना में सिरसवाला जोहड़ पर श्रीकृष्ण गौशाला के पास गोगा नवमी का मेला एवं खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। विस्तृत जानकारी देते हुए प्रीतम जोनू ने बताया कि लड़कों की 100 मीटर, 400 मीटर तथा 1600 मीटर दौड़ आयोजित होगी वहीं लड़कियों की भी 100 मीटर, 400 मीटर तथा 1600 मीटर दौड़ आयोजित होगी। इन सभी दौड़ प्रतियोगिताओं में इनाम दिया जाएगा वहीं बूढ़ों की भी ईनामी दौड़ आयोजित होगी। हरियाणा स्टाइल कबड्डी जिसमें प्रथम पुरस्कार 35000 रुपये,दूसरा पुरस्कार 25000, तीसरा पुरस्कार 15000 रुपये तथा चौथा पुरस्कार 11000 रुपये का होगा। बेस्ट कैचर और बेस्ट रैडर 3100-3100 रुपये दिए जाएंगे। कबड्डी अंडर-19 में प्रथम पुरस्कार 21 हजार, दूसरा पुरस्कार 11000 तथा तीसरा पुरस्कार 7100 रुपये का दिया जाएगा। लंबी कूद में 2100 रुपये, 1500 रुपये तथा 1100 रुपये क्रमश: प्रथम द्वितीय और तृतीय पुरस्कार दिया जाएगा। ऊंची कूद में भी 2100 रुपये,1500 रुपये तथा 1100 रुपये का क्रमश: प्रथम ,द्वितीय और तृतीय को इनाम दिया जाएगा।















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