खरीद पहुंची 325325 क्विंटल ,सरकारी तौर पर नहीं हो पाई खरीद
-215 किसान लेकर आये 5569 क्विंटल बाजरा, किसानों के वाहनों की लगी कतार
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कनीना की आवाज। कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में सरकारी तौर अभी तक एक दाना भी बाजरा नहीं खरीदा गया है लेकिन निजी स्तर पर 325325 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। मंगलवार को किसानों के वाहनों की लंबी कतार लगी तथा 215 किसान 5560 क्विंटल बाजरा लेकर आये।
मिली जानकारी अनुसार अब तक 10554 टोकन किसानों के काटे जा चुके हैं और किसान अपनी बाजरे की पैदावार अनाज मंडी में ला रहे हैं किंतु उनके सैंपल फेल होने के कारण सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पाई है।
हैफेड मैनेजर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि सैंपल मानकों पर खरे नहीं उतरने के कारण इस बार सभी सैंपल फेल होते रहे हैं। ऐसे में सरकारी तौर पर खरीद नहीं हो पाई है।
फोटो कैप्शन 08: किसानों के वाहनों की लंबी कतार
फाइलों में अटकी हुई है राहगीरों की जिंदगी
-कई हादसे हो चुके हैं उन्हाणी नहर के पुल पर, नहीं चेती है अभी तक सरकार
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कनीना की आवाज। कनीना उप मंडल मुख्यालय से 3 किलोमीटर दूर उन्हाणी गांव के पास से गुजरने वाली रामगढ़ डिस्ट्रीब्यूट्री महेंद्रगढ़-कनीना सड़क मार्ग को काट रही है। वर्षों से इस नहर का जल रिसाव हो रहा है जिससे बार-बार सड़क मार्ग जर्जर हो जाता है। कम से कम आधा दर्जन लोगों की जान यह नहरी पुल ले चुका है, जो करीब 1 किलोमीटर नहर के दोनों तरफ जर्जर हालात में है। दो माह पहले भेजी हुई ब्रिज निर्माण की फाइल उच्चाधिकारियों की मेज पर पड़ी है लेकिन लगता है कोई बड़े हादसे का इंतजार है ताकि वह फाइल अप्रूव होकर आये। सड़क इतनी जर्जर है कि पैदल चलना भी कठिन हो जाता है। नहर के दोनों तरफ करीब एक किलोमीटर दूर तक बनाई गई टाइलों की सड़क करीब आधा दर्जन लोगों की जान ले चुकी है। जहां करीब अगस्त माह में चार लोगों की मौत हुई थी वही इसी जगह भारतीय नौसेना के एक जवान की यहीं पर सड़क हादसे मौत हो गई थी। सड़क हादसों की सूचना पाकर भी प्रशासन एक बार जरूर हलचल में आया था किंतु फिर से शांत हो चुका है। जब दुर्घटना घटती है तब कुछ समय के लिए प्रशासन सचेत होता है किंतु फिर से गहरी निंद्रा में सो जाता है। यहां आसपास के ग्रामीण बेहद परेशान है लेकिन असहाय हैं। बार-बार आवाज उठाते हैं ,आंदोलन चलाते हैं किंतु वही ढाक के तीन पात, कोई सार्थक परिणाम नहीं आता। पुल पर वाहनों का जमावड़ा हो जाता है और मंथर गति से चलते हैं। वहीं रात के वक्त कुछ दिखाई नहीं पड़ता और दुर्घटनाएं घट जाती हैं।
क्या कहते हैं लोग-
**नहर के पुल का रिसाव कोई एक दिन की समस्या नहीं है, कई वर्षों से यहां नहर का पुल रिसाव कर रहा है। जब-जब नहर में पानी आता है रिसाव करके दूर तक फैल जाता है जो सड़क मार्ग को क्षति पहुंचाता है। इस नहर के पुल को दुरुस्त करवाने पर ही लीकेज मिटेगी और सड़क खराब होने से बच पाएगी। वरना यूं ही हादसों को निमंत्रण देती रहेगी। खराब सड़क का न कोई संकेत है जिससे भी तेज रफ्तार से वाहन आते हैं और हादसा हो जाता है। यदि सड़क मार्ग और नहर के पुल को ठीक नहीं किया तो कितनी ही जाने और जा सकती हैं। बार-बार प्रशासन को चेताया जा रहा है किंतु जाग नहीं रहा है। परिणाम राहगीर भुगत रहे हैं जिनको सड़क मार्ग का पता नहीं होता। एक किलोमीटर का मार्ग जर्जर है बाकी ठीक होने से तेज रफ्तार से वाहन आते हैं। रात के वक्त दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। इसे अविलंब दुरुस्त किया जाए।
----राजेश कुमार, उन्हाणी
नहर के पुल को जब तक ठीक नहीं किया जाएगा तब तक लोग इसी प्रकार की परेशानियों से जूझते रहेंगे और जान भी जोखिम में डालते रहेंगे। नहर के पुल को दुरुस्त नहीं किया जा रहा है और दोष राहगीरों पर मंढा जा रहा है। राहगीरों को यह नहीं पता लगता की नहर के पुल बहुत जर्जर है तथा सड़क जर्जर हो चुकी है जिसके कारण तेजी से दौड़ते हुए वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। कम से कम 1 किलोमीटर सड़क मार्ग को बेहतरीन बनाया जाए ताकि पानी से भी वह सुरक्षित रहे या नहर पर स्लोप भी बनाकर नहर के पुल के पानी से बचा जा सकता है। दूर तक संकेत एवं चेतावनी, स्पीड बे्रकर लगवाये जाएं। एक ओर निर्दोष लोगों की जान जा रही है। वहीं सरकार अभी तक नहीं चेती है। बेचारे राहगीर बेवजह प्रशासन की बेरुखी के चलते मौत के मुंह में जा रहे हैं।
--सत्यवीर सिंह, उन्हाणी
क्या कहते हैं एक्सईन नहरी विभाग-
एक्सईन नहरी विभाग महेंद्रगढ़ नितिन भार्गव से बात हुई तो उन्होंने बताया कि नरी पुल रिसाव कर रहा है वहां एक ब्रिज का निर्माण करवाया जाना है। दो माह पहले एक करोड़ 87 लाख रुपये का एस्टीमेट बनाकर मुख्यालय पंचकुला भेजा हुआ है तत्पश्चात एसीएस के पास फाइल जानी है। जब अप्रूव होकर आ जाएगी तो यह ब्रिज का निर्माण करवाया जाएगा ताकि सड़क से निर्बाध गति से वाहन चलते रहेंगे और जल रिसाव जैसी समस्या से निजात मिल जाएगा।
फोटो कैप्शन 4 से 7 जर्जर नहरी पुल एवं सड़क मार्ग
साथ में राजेश कुमार एवं सत्यवीर सिंह पीपी
8 व 9 नवंबर को आर्य समाज गाहड़ा का होगा उत्सव
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव गाहड़ा में आर्य समाज गाहड़ा एवं वेद प्रचार मंडल जिला महेंद्रगढ़ के तत्वावधान में 8 व 9 नवंबर 2025 को आर्य समाज मंदिर प्रांगण में भव्य वार्षिक उत्सव का आयोजन किया जाएगा। यह आयोजन महर्षि दयानंद सरस्वती के 200वें जन्मोत्सव एवं आर्य समाज स्थापना के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में किया जा रहा है।
आर्य समाज गाहड़ा के प्रधान रामेश्वर दयाल शास्त्री ने बताया कि दो दिवसीय यह आयोजन वैदिक विचारधारा, धर्म, संस्कृति और संस्कारों के प्रचार-प्रसार को समर्पित होगा। कार्यक्रम में धार्मिक, सांस्कृतिक और शैक्षणिक सत्रों के माध्यम से महर्षि दयानंद सरस्वती की शिक्षाओं को जन-जन तक पहुंचाने का संदेश दिया जाएगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जयप्रकाश यादव चेयरमैन, पंचायत समिति कनीना एवं भगत सिंह यादव प्रसिद्ध समाजसेवी एवं प्रधान, श्रीकृष्ण गौशाला कनीना शिरकत करेंगे। इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में पूज्य स्वामी समर्पणानंद सरस्वती भगवत भक्ति आश्रम, दड़ोली, स्वामी एकतानंद नेहरू मुनि, मालडा, डा. मोहन मनीषी अंतरराष्ट्रीय कवि, कनीना, आचार्य अनुज शास्त्री युवा वैदिक प्रवक्ता, उत्तराखंड गौरव अलंकृत, देहरादून, भजनोपदेशिका कल्याणी आर्या, महाशय सत्यवीर सिंह दताल, एवं अन्य सन्यासी, वानप्रस्थी और समाजसेवी उपस्थित रहेंगे।
कार्यक्रम की अध्यक्षता डा. प्रेमराज आर्य प्रधान, वेद प्रचार मंडल, जिला महेंद्रगढ़ करेंगे। आयोजन के दौरान वैदिक भजन, प्रवचन, यज्ञ एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से आर्य समाज की महान परंपरा और वैदिक संस्कृति के प्रसार का संदेश दिया जाएगा।
अपने जमाने के प्रसिद्ध फुटबाल खिलाड़ी थे राव भगवान सिंह
--दूसरी पुण्यतिथि पर दी भवभीनी श्रद्धांजलि, पूर्व मंत्री राव बंसी सिंह के रहे थे करीबी
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव गुढ़ा निवासी एवं शिक्षा के क्षेत्र में नाम कमाने वाले राव भगवान सिंह की दूसरी पुण्यतिथि पर हवन एवं प्रसाद वितरण किया गया। उनका 2023 में निधन हो गया।
वे राजकीय विद्यालय ककराला से बतौर मुख्य अध्यापक पद से 2004 में सेवानिवृत्त हुए थे। आज के दिन सभी भाइयों की मौत हो चुकी है। जिनमें से दो भाई सेना में, एक गुजरात पुलिस, एक सीआरपी तथा एक जमींदार थे।
राव बहादुर सिंह चेयरमैन ने बताया कि 1942 के में मेघनवास में जन्मे भगवान सिंह ने हर क्षेत्र में नाम कमाया है। पूर्व मंत्री राव बंशी सिंह के बहुत करीबी रहे। उनका एक पुत्र पवनवीर भडफ़ स्कूल कार्यरत है वहीं दूसरा पुत्र रविंद्र डाक्टर है तथा तीसरा पुत्र जयपाल डेरी के नाम से विख्यात है। उनकी एक पोती एमबीबीएस कर चुकी है तथा एक पुत्रवधू कालेज कनीना में प्रोफेसर है। उनकी एक अन्य पोती शैली है। उनकी पत्नी संतरा देवी आज भी स्वस्थ है।
इस मौके पर पूर्व शिक्षामंत्री रामबिलास शर्मा ने राव भगवान सिंह को पुष्प अर्पित किये तथा बताया कि राव भगवान सिंह संयुक्त पंजाब के समय फुटबाल के अग्रणी खिलाड़ी रहे हैं। कालेज के दौरान भी अन्तर विश्वविद्यालय फुटबाल खेलों में कालेज का प्रतिनिधित्व किया है।
राव भगवान सिंह मेघवनवास गांव के प्रथम शिक्षक लगे थे, तत्पश्चात प्रथम प्रथम ही प्राध्यापक एवं प्रथम मुख्याध्यापक के रूप में जाने जाते हैं। उनकी एक पुत्रवधू नीतू राष्ट्रपति से सम्मानित है। दूरदराज तक पुत्र जयपाल की डेरी प्रसिद्ध है। अति सौम्य प्रकृति तथा सीधी बात को रखाने वाले राव भगवान सिंह का दूर दराज तक नाम रहा है। कितने ही अध्यापकों को उन्होंने अपनी प्रयास से सेवा में तथा एनसीसी दिलवाने में अहं भूमिका निभाई। वह करीब 30 साल तक शिक्षा विभाग से जुड़े रहे। कनीना में लंबे समय तक प्राध्यापक बतौर रहे हैं। वे गौशाला, गरीब एवं दीन दुखियों के लिए अपनी पेंशन का अधिक भाग दान दे देते थे।
इस मौके पर यज्ञमान के रूप में पवनवीर एवं उनकी पत्नी नीतू सिंह रहे जबकि हवन बबलू शर्मा गुढ़ा ने पूर्ण करवाया। इस मौके पर अभय सिंह, अशोक ठेकेदार, रोशनलाल चेयरमैन, सुरेश मानपुरा, पवन शास्त्री, जय सिंह सरपंच लिसान, वीरेंद्र सिंह कैमला, यादवेंद्र सिंह, जगदीश कुमार, बाबूलाल, राजकुमार पूर्व मुख्याध्यापक, धर्मपाल सरपंच गुढ़ा, संतरा देवी, सुमित्रा, सुमन देवी, इंद्रा, बिमला आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: हवन करते हुए जन
देव दीवाली पर्व- 5 नवंबर
दीवाली के 15 दिन बाद मनाया जाता है देव दीवाली का पर्व
-ग्रामीण क्षेत्रों में कार्तिक स्नान को किया जाता है पूर्ण
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कनीना की आवाज। देव दीवाली कार्तिक पूर्णिमा का प्रमुख पर्व है। वैसे तो उत्तर प्रदेश के वाराणसी में प्रमुख रूप से मनाया जाता रहा है किंतु इसका शुभ संकेत धीरे-धीरे पूरे देश में फैलता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में भी अब देव दीवाली के पर्व पर दीप जलाए जाते हैं। वाराणसी में गंगा नदी के किनारे रविदास घाट से लेकर राजघाट लाखो-करोड़ों दिए जलाए जाते हैं। देव दीवाली के परंपरा पहले पंचगंगा घाट 1915 में हजारों दीये जलाकर शुरुआत की गई थी। प्राचीन परंपरा आज भी कायम है। यह विश्व विख्यात आयोजन है जो धीरे-धीरे ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवेश कर गया है। यह माना जाता है किसी दिन तीनों लोकों के देवता दीवाली मनाते हैं और इसी दिन देवताओं का काशी में प्रवेश हुआ था। कनीना क्षेत्र में देव दीवाली का पर्व विभिन्न गांवों में श्रद्धा एवं भक्ति से मनाया जाता है। इस मौके पर मंदिरों में पूजा अर्चना चलती है तथा एक माह से चला आ रहा कार्तिक स्नान पूर्ण किया जाता है। कार्तिक पूर्णिमा का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
देव दीवाली कार्तिक पूर्णिमा का त्योहार है जो यह उत्तर प्रदेश के वाराणसी में मनाया जाता है। यह काशी शहर में दीपावली के पंद्रह दिन बाद मनाया जाता है। देव दीवाली की परम्परा पंचगंगा घाट 1915 मे हजारों दीये जलाकर की गयी थी। माना जाता है कि देवता भी इस उत्सव में भाग लेते हैं। दीये जलाकर शहर जगमग हो उठता है जैसे काशी में पूरी आकाश गंगा ही उतर आयी हो।
एक कथा अनुसार तीनों लोकों में त्रिपुरासुर राक्षस का राज चलता था। देवतागणों ने भगवान शिव के समक्ष त्रिपुरासुर राक्षस से उद्धार की विनती की। भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन राक्षस का वध कर उसके अत्याचारों से सभी को मुक्त कराया और त्रिपुरारि कहलाये। इससे प्रसन्न देवताओं ने स्वर्ग लोक में दीप जलाकर दीपोत्सव मनाया था तभी से कार्तिक पूर्णिमा को देव दीवाली मनायी जाने लगी। इस दिन सभी देवताओं ने काशी में प्रवेश कर दीप जलाकर दीपावली मनाई थी। देवदीवाली एक दिव्य त्योहार है।
क्या कहते संत लालदास महाराज-
संतलाल दास बताते हैं कि दीये जलाना एक शुभ कार्य होता है जो अंधेरे को मिटाने में अहम योगदान देता है। देव दिवाली के दिन दीये जलाकर कम से कम मन को शुद्ध किया जाता है और जिस प्रकार दीये धरती पर अंधकार को दूर करते हैं वैसे ही पहले अपने मन के अंधकार को दूर करना चाहिए,तत्पश्चात आसपास के अंधेरे को बुराइयों को नष्ट करना चाहिए। देव दीवाली का पर्व बहुत बड़ा पर्व है। पर्व की लंबे समय से यह परंपरा चली आ रही है। जहां पहले एक निश्चित क्षेत्र में ही देव दीवाली का पर मनाया जाता था परंतु अब तो पूरे ही देश में देव दीवाली मनाई जाती है। लाल दास महाराज बताते के राजा कार्तिक पूर्णिमा को देवताओं की विजय दिवस के रूप में यह पर मनाया जाता है। इस पर्व को त्रिपुरारी पूर्णिमा भी कहा जाता है। माना जाता है कि भगवान शिव ने काशी के पंचगंगा घाट पर जाकर गंगा स्नान का ध्यान किया था। देवताओं की दिवाली को में भाग लेकर लोग अपने को खुशनसीब समझते हैं। देवदीवाली के पर्व पर ग्रामीण क्षेत्रों में विभिन्न परंपराएं शुरू हो गई है हवन भंडारे आयोजित होते हैं। वहीं देव दीवाली के दिन कार्तिक स्नान प्रमुख रूप से किया जाता है। एक महीने से चला आ रहा कार्तिक स्नान पूर्ण हो जाता है।
क्या है कार्तिक स्नान -
महिलाएं दिवाली से 15 दिन पहले से किसी घाट पर स्नान करना शुरू करती है और दिवाली के 15 दिनों बाद तक सुबह सवेरे जल्दी उठकर स्नान करने की परंपरा को जारी रखती है। देवदीवाली के दिन कार्तिक माह का अंतिम स्नान करती है। तत्पश्चात सज धज कर महिलाएं पूरे गांव एवं कस्बे में देव दीवाली के पर्व पर हंसी खुशी से जुलूस निकलती हैं। विभिन्न धार्मिक स्थानों, गंगा आदि नदियों पर घाटों पर भारी संख्या में लोग स्नान करने जाते हैं।
धनौंदा से गाहड़ा मार्ग के बीच खड़े पोल हटाये जाए
-एक दर्जन पोल दे रहे हैं परेशानी
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कनीना की आवाज। बसपा नेता प्रमुख समाजसेवी अतरलाल ने धनौन्दा से गाहड़ा संपर्क सड़क मार्ग के बीच में खड़े बिजली के खंभो को तत्काल हटाने की मांग की है। अतरलाल ने गांवों के लोगों की शिकायत पर सड़क का निरीक्षण करने के बाद कहा कि धनौन्दा से गाहड़ा संपर्क सड़क के बीच में खड़े बिजली के 11 खंभों के कारण आने जाने वाले यात्री व वाहनों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। ये खंभे सड़क के बीचों बीच में खड़े हैं। जिससे कई बार दुर्घटनाएं हो चुकी। रात को वाहन चालकों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है। परेशान व पीडि़त लोगों की बार-बार गुहार के बाद भी बिजली बोर्ड के अधिकारी कुंभकरणी नींद में सोए हुए हैं। बिजली के खंभे सड़क के बीच से हटाकर सड़क किनारों पर स्थानांतरित करने की मांग की। अतरलाल ने लोगों की मांग को जायज बताते हुए उनके ज्ञापन को तत्काल विद्युत मंत्री अनिल विज को भेजने का भरोसा दिया।
इस अवसर पर उन्होंने बिजली निगम के एस.सी, एक्सईन तथा एसडीओ से तत्काल सड़क का निरीक्षण कर सड़क के बीच में खड़े खंभो को हटाने की मांग की।
फोटो कैप्शन 01: सड़क बीच में खड़े खंभे को दिखाते हुए ग्रामीण।
निपुण मिशन के अंतर्गत पाठ्यक्रम आधारित क्रिया-कलापों का किया निरीक्षण
-दिलबाग सिंह पहुंचे स्कूल
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कनीना की आवाज। राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में खंड शिक्षा अधिकारी दिलबाग सिंह राज्य शिक्षक अवार्ड से सम्मानित निपुण मिशन के अंतर्गत पाठ्यक्रम आधारित क्रिया-कलापों का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे।
सभी विद्यार्थियों द्वारा बनाये गए माडल, चार्ट आदि नवाचार शिक्षण क्रियाकलापों को विस्तार से देखा और बताया कि पाठ्यक्रम आधारित सभी प्रकार की गतिविधियां सीखने में निरन्तर सहायक होती हैं। आप सभी विद्यार्थी संस्कारवान एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को नियमित रूप से अनुशासित रहते हुए ग्रहण करें। क्योंकि सीखना कभी भी व्यर्थ नहीं जाता है परिश्रम ही सफलता की कुंजी है। जो विद्यार्थी लगन, निष्ठा, समर्पण भाव से अभ्यास व शिक्षण कार्य करते हैं वही आगे बढ़ते हैं ।
विद्यालय की ओर से मौलिक मुख्याध्यापक वीरेंद्र सिंह जांगिड़ ने सभी का स्वागत करते हुए विद्यार्थी को निरंतर नवीन और नूतन सीखने के लिए हमेशा जिज्ञासु रहना चाहिए। और प्रत्येक प्रकार की पाठ्यक्रम आधारित सहगामी गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। जिससे आत्मविश्वास की भावना जागृत होती है।
आठवीं की छात्रा सवीना ने कृषि विषय पर आधारित सुंदर सा माडल प्रस्तुत किया जो ज्ञानवर्धक और प्रेरणादायक रहा। इस अवसर पर राजू सिंह मुख्य शिक्षक कनीना और संजीत कुमार एबीआरसी क्लस्टर बूचावास सहित सुनील कुमार शास्त्री, मनवीर सिंह विज्ञान अध्यापक, देवेंद्र अंग्रेजी अध्यापक , सुनील कुमार डीपीई, राजेश कुमार, भगत सिंह, गरिमा रानी, सुबे सिंह ,सुनील कुमार ,तारामणि देवी, पिंकी देवी, बबली देवी आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: दिलबाग सिंह को सम्मानित करते हुए स्कूल मंखिया एवं अन्य
4 नवंबर 2025 पहला दिन गीता प्रश्रमाला
संभावित उत्तर
1D 2D 3D 4B 5A
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कनीना की आवाज।आज से गीता प्रश्नमाला शुरू हो गई है। पांच प्रश्र प्रतिदिन 14 नवंबर तक पूछे जाएंगे। अगर आप भाग लेना चाहे तो
https://igmquiz.in/
पर जाये लाग इन करे। फोन नंबर व ओटीपी प्रयोग करना है। ओटीपी या पासवर्ड एक ही बात समझे। यदि पासवर्ड भूल गये तो फारगेट को दबाये पुन: मोबाइल पर पासवर्ड आएगा। फोन व पासवर्ड लगाने पर पहला प्रश्र आएगा जिसके चार आप्शन हैं। एक पर टिक लगाकर अगले पर जाए और फिर टिक लगाकर अगले पर जाये। पांचवें प्रश्र के उत्तर पर टिक लगार फाइनल सबमिट कर दे। यदि किसी उत्तर में गलती नजर आये तो पुन: लागइन करके सही भर दे। रात के 12 बजे तक कितनी ही बार उत्तर बदल सकते हैं।
अगर आपने रजिस्ट्रेशन नहीं किया है तो
https://igmquiz.in/
क्लिक करे। न्यू यूजर पर जाए। पांच प्वाइंट बारी बारी से भरे। ध्यान दे मोटिवेटर में 9416348400 ही भरें। यह फोन कनीना के होशियार सिंह का है जो आपके उत्तरों के चयन में मदद करेगा।
थोड़ा इंतजार करें। सभी के संभावित उत्तर 1D 2D 3D 4B 5 A है । हो सके तो स्वयं भी उत्तर ढूंढें, गीता पढ़े,मनन करें। धन्यवाद
डा. होशियार सिंह यादव
मोटिवेटर फोन 9416348400

















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