जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा पूर्व छात्र मिलन समारोह 7 को
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कनीना की आवाज। जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा जिला- महेंद्रगढ़ में दिसम्बर माह के प्रथम रविवार (7 दिसम्बर 2025) को पूर्व छात्रों का सम्मेलन//एलमिनी मीट आयोजित किया जाएगा। जिसमें प्राचार्य बीएम रावत द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय महेंद्रगढ़ के सभी पूर्व छात्र / छात्राओं को सम्मेलन आमंत्रित किया है ताकि पूर्व छात्र अपनी सफलताओं के अनुभव को वर्तमान विद्यार्थियों से साझा कर सकेंगे।
अज्ञात वाहन की टक्कर से व्यक्ति की मौत
-परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की
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कनीना की आवाज। कनीना थाना क्षेत्र के गांव बवाना में शनिवार सुबह सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई। इस बारे में मृतक के पुत्र ने थाना सदर कनीना में शिकायत दर्ज कराते हुए अज्ञात वाहन चालक पर लापरवाही से गाड़ी चलाने का आरोप लगाया है।
मृतक के पुत्र जोगेन्द्र सिंह ने थाना सदर कनीना में दी शिकायत में बताया कि उसका पिता सज्जन सिंह करीब एक माह पहले गुजरात अपने बड़े भाई (ताऊ) के पास गए हुए थे। परिजनों को जानकारी थी कि वे घर आने की तैयारी में हैं। शनिवार सुबह उसको फोन पर सूचना मिली कि बवाना गांव से सेहलंग की ओर सड़क किनारे एक व्यक्ति मृत अवस्था में पड़ा है, जिसकी पहचान सज्जन सिंह के रूप में हुई है।
सूचना मिलते ही जोगेन्द्र अपने परिवार के सदस्यों के साथ मौके पर पहुंचा। जोगेन्द्र ने बताया कि उन्होंने आसपास मौजूद लोगों से पूछताछ की, जहां जानकारी मिली कि उसके पिता पैदल ही घर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान किसी अज्ञात वाहन चालक ने तेज रफ्तार और लापरवाही से गाड़ी चलाते हुए उन्हें टक्कर मार दी और मौके से फरार हो गया। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सज्जन सिंह की मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सुबह काल मिलने पर पुलिस सरकारी वाहन सहित मौके पर पहुंची। तलाशी लेने पर मृतक के पास से आधार कार्ड मिला, जिसमें उनका नाम सज्जन सिंह निवासी पोता दर्ज था। इसके बाद पुलिस ने गांव पोता के परिजनों से संपर्क किया। कुछ देर बाद मृतक के पुत्र जोगेन्द्र मौके पर पहुंचे और शव की पहचान की।
अज्ञात वाहन की टक्कर से व्यक्ति की मौत
-परिजनों की शिकायत पर पुलिस ने अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की
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कनीना की आवाज। अज्ञात वाहन की टक्कर से एक व्यक्ति की मौत हो गई। परिजनों की शिकायत पर सदर थाना कनीना पुलिस ने अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की।
गांव पोता निवासी जोगिंद्र ने पुलिस में दी शिकायत में बताया कि वे दो भाई है। एक महीना पहले उसके पिता सज्जन सिंह उसके ताऊ के पास गुजरात में गया हुआ था। शनिवार को सुबह उसे फोन पर सूचना मिली कि गांव बवाना से सेहलंग की तरफ उसके पिता की लाश सड़क किनारे पड़ी हुई है। वह अपने परिवार के साथ मौके पर पहुंचा तो पहले से ही काफी लोग मौका पर खड़े थे तथा पुलिस भी मौके पर थी। अपने तौर पर पूछताछ कि तब मालूम हुआ कि उसका पिता पैदल-पैदल अपने घर कि तरफ जा रहा था। कोई अज्ञात वाहन टक्कर मारकर भाग गया। जिससे चोटें लगने से उसके पिता कि मृत्यु हो गई। परिजनों ने कहा कि अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करवाई की जाएं।
बनाते ही नहीं खाते भी गोंद के लड्डू
-सर्दियों में विशेष आहार होता है ग्रामीण क्षेत्रों का
- विदेशों तक भेजे जा रहे हैं गोंद के लड्डू
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कनीना की आवाज। सर्दी आते ही गोंद के लड्डू बनाने की परंपरा लगभग हर घर में शुरू हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में गोंद के लड्डू बड़े ही चाव से खाये जाते हैं। सर्दी जब तक रहती है घरों में विशेष कर ड्राई फू्रट डालकर बनाए हुए गोंद के लड्डू खाए जाते हैं। ये इतने प्रसिद्ध हैं कि विदेशों तक इस क्षेत्र के गोंद के लड्डू की मांग है। बवानिया की बनारसी देवी विदेशों तक गोंद के लड्डू भेजती है। उन्होंने तो कई पुरस्कार भी गोंद के लड्डू एवं अन्य खाद्य पदार्थ बनाकर जीते हैं। गोंद के लड्डू बनाने के लिए महिलाएं बहुत ही ट्रेंड होती हैं और वे घर पर ही गोंद के लड्डू बना लेती हैं। विशेषकर जब कोई घर से बच्चा दूर दराज पढऩे के लिए जाता है नौकरी में जाता है तो उसको भी गोंद के लड्डू दिए जाते हैं। जो सुबह सवेरे बड़े चाव से दूध या चाय के साथ खाये जाते हैं। जब भी घरों में कोई मेहमान आता है तो गोंद के लड्डू परोसे जाते हैं बाद में उनसे घर आने का कारण पूछा जाता है।
गुढ़ा निवासी प्रसिद्ध कवि राम अवतार के बच्चे जहां अमेरिका में वैज्ञानिक हैं। जब भी कभी राम अवतार अमेरिका जाते है तो अपने बच्चों के लिए गोंद के लड्डू जरूर ले जाते हैं।
कैसे बनाए जाते हैं गोंद के लड्डू-
गोंद के लड्डू बनाने के लिए बाजरा का आटा या गेहूं का आटा, घी, खांडसारी, ड्राई फ्रूट, गोंद, तिल, गोखरू, खंरीटी आदि की जरूरत होती है। गोद के लड्डुओं की मांग इस कदर होती है कि दुकानदार भी गोंद के लड्डू दुकानों पर बेचते हैं और उनके इनकी मांग अच्छी होती है। गोंद के लड्डू की कीमत 500 रुपए प्रति किलो तक मिलती है।
विदेश तक भेज रही है बवानिया की बनारसी देवी-
कनीना उप-मंडल के गांव बवानिया की बनारसी देवी सर्दियों में जहां 10 क्विंटल तक गोंद के लड्डू बनाती है। वे बाजरे और देसी घी के साथ खांडसारी एवं तिल डालती है जो 500 से 600 रुपए किलो के हिसाब से बेचती है तथा अब तक उन्हें दो बार मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने बवानिया पिकल्स के नाम से एक एनजीओ बना रखा है जिसमें 24 महिलाओं को रोजगार मिला हुआ है। उन्होंने बताया कि वह प्रतिवर्ष सर्दियों में 10 क्विंटल तक गोंद के लड्डू बनती है और उनके गोंद के लड्डू की भारी मांग है। पूरे भारत में जाते हैं वहीं उन्होंने कई देशों में भी उन्होंने अपने गोंद के लड्डू भेजे हैं। उन्होंने बताया विदेश में 5000 रुपए किलो के हिसाब से बिकते हैं।
क्या कहते हैं ग्रामीण-
ग्रामीण क्षेत्र के लोगों से गोंद के लड्डू के बारे में बात की गई। अजीत कुमार, मोहन सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण कुमार आदि ने बताया कि वे सुबह उठते ही गोंद के लड्डू गर्म चाय या गर्म दूध के साथ लेते हैं ताकि दिनभर उनके शरीर में ऊर्जा भरी रहे। और वे दिनभर बड़े प्रसन्नचित मिलते हैं। जब भी उनके घर में कोई मेहमान आता है तो गोंद के लड्डू से स्वागत करते हैं। इसलिए सर्दियों में किसी के मेहमान आता है तो सबसे पहले गोंद के लड्डू और दूध दिया जाता है।
जहां सर्दियों में भोजन में बदलाव आ जाता है वहां गोंद के लड्डू का विशेष स्थान है।
क्या कहते हैं डाक्टर-
कनीना उप-नागरिक अस्पताल के डाक्टर जितेंद्र मोरवाल ने बताया गोंद के लड्डू लाभप्रद होते हैं। इनमें कैल्शियम, फाइबर ,आयरन बहुत अधिक होता है क्योंकि सर्दियों में सर्दी से बचाते हैं तथा भूख को भी कम करते हैं। इनमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। गोंद के लड्डू लजीज भी होते हैं जो इंसान को पसंद होते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में गर्म दूध के साथ इन्हें पसंद किया जाता है जो स्वास्थ्यवर्धक होते हैं।
फोटो कैप्शन 4 एवं 5: गोंद के लड्डू बनाती हुई बनारसी देवी
श्रीकृष्ण गौशाला से दो गाय ली गोद
- 11000 रुपये दान भी दिया
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कनीना की आवाज। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में जगमाल सिंह यादव ने दो गाये गोद लेकर 11000 रुपए दान दिया। इस मौके पर प्रधान गौशाला भगत सिंह ने उनका सम्मान किया तथा कहा कि गायों की सेवा ही प्रभु की सेवा है। जो गायों की सेवा में तल्लीन रहता है उसके शोक संताप समाप्त हो जाते हैं। गायों को हर घर में पालना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बुजुर्ग घरों में अनेक गाये पालते थे। धीरे-धीरे गायों को पालने की परंपरा कम होती चली गई है। एक बार फिर से गायों को पालने की जरूरत है ताकि अमृतमय दूध, घी, मक्खन आदि प्राप्त हो सके। उन्होंने कहा कि कनीना श्रीकृष्ण गौशाला में गायों की विशेष सेवा की जा रही है। अब तक जो रोटियां इकट्ठी करके गायों को दी जाती थी उनसे गायों के बीमार होने की संभावना अधिक होती थी। अब इन रोटियों को पकाकर चारे के साथ दिया जाएगा। इसके लिए व्यापक प्रबंध किए हैं।
इस मौके पर मास्टर राम प्रताप, मुख्य अध्यापक महिपाल यादव, मास्टर सुरेंद्र सोनी, अंकुर गुप्ता, दिलावर सिंह, मनीष सेन पार्षद, योगेश, रामपाल यादव आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02:गायों को गोद लेते हुए जगमाल सिंह
40 दिव्यांग विद्यार्थियों को ब्लेजर वितरित
--केनरा बैंक शाखा कनीना द्वारा किये वितरित
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कनीना की आवाज। केनरा बैंक शाखा कनीना के द्वारा राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल कनीना के 40 विद्यार्थियों को ब्लेजर वितरित किए गए। केनरा बैंक कनीना के मैनेजर अजीत सिंह यादव ने बताया कि जो बच्चे ब्लेजर लेने में सक्षम नहीं है केनरा बैंक उनकी आर्थिक मदद करता है। इस सोशल एक्टिविटीज के अंतर्गत ही केनरा बैंक ने दिव्यांग विद्यार्थियों व राजकीय माडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों को ब्लेजर वितरित की है। प्राचार्य सुनील खुडानिया इस कार्य को बहुत ही बेहतरीन कार्य बताया उन्होंने बताया कि केनरा बैंक ने जो यह ब्लेजर वितरण का कार्य किया है यह अत्यंत ही सराहनीय कार्य है। इससे गरीब बच्चों को मदद मिलती है बैंक मैनेजर अजीत कुमार यादव ने अपने स्टाफ के साथ विद्यालय के बच्चों को ब्लेजर वितरित किए। इस कार्यक्रम के कोआर्डिनेटर अमृत सिंह विशेष शिक्षक का भी उन्होंने बहुत धन्यवाद किया। इस अवसर पर ब्लेजर वितरण कार्यक्रम में एमसी के प्रधान दीपक एसएमसी मेंबर राज सिंह विशेष रूप से उपस्थित रहे। अमित सिंह राघव व सरिता विशेष शिक्षिका भी अपने दिव्यांग बच्चों के साथ उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आगाज सुनील खुडानिया ने मां सरस्वती के चित्र के आगे दीप प्रज्वलित करके किया। केनरा बैंक की तरफ से मैडम मोनिका ,दीपक आदि उपस्थित रहे। प्राचार्य ने सभी बच्चों अभिभावकों व केनरा बैंक के स्टाफ का बहुत ही तहेदिल से धन्यवाद किया। आगे इस तरह के कार्यक्रम हमेशा आयोजित होते रहने चाहिए। ताकि गरीब बच्चों को उसमें आर्थिक मदद मिल सके।
फोटो कैप्शन 01: ब्लेजर वितरित करते हुए बैंक अधिकारी
गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी
-पुलिस ने किया मामला दर्ज
-किसी मुद्दे को लेकर बात बहस में बदल गई
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव नौताना में एक व्यक्ति की स्कार्पियो गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी गई। इस बारे में मृतक के भाई ने पुलिस में शिकायत की है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। वहीं मृतक का कनीना के अस्पताल से पोस्टमार्टम करवा शव परिजनों को सौंप दिया।
पुलिस को दी गई शिकायत में मृतक के भाई जोगेंद्र ने बताया कि 28 नवंबर की रात करीब 10 बजे उसका भतीजा हैप्पी अपने दोस्तों कुलदीप और नवीन के साथ गांव की मुख्य गली में नरेंद्र के घर के सामने खड़ा था। इसी दौरान गांव के ही नीरज उर्फ जश्शु, अंकित, सतेन्द्र और विशाल उर्फ छोटू एक स्कार्पियो गाड़ी में वहां पहुंचे। मिली जानकारी अनुसार आपस में किसी मुद्दे को लेकर बहस चली औक्र बात बढ़ गई।
वहां पर नीरज और उसके साथियों ने हैप्पी, कुलदीप और नवीन पर डंडों से हमला कर दिया। शोर सुनकर जोगेंद्र और उनका बड़ा भाई सूबे सिंह मौके पर पहुंचे। उनकी मौजूदगी देखकर आरोपी वहां से चले गए।
शिकायत के अनुसार थोड़ी देर बाद वही आरोपी दोबारा गाड़ी लेकर तेज रफ्तार में लौटे। गाड़ी नीरज ही चला रहा था। परिजनों का आरोप है कि उसने सीधे सूबे सिंह पर गाड़ी चढ़ा दी। जिससे वह सड़क पर गिर पड़ा और गंभीर रूप से घायल हो गए। सूबे सिंह की मौके पर ही मौत हो गई। आरोपियों ने टक्कर मारने के बाद गाड़ी पीछे ली और जोगेंद्र को धमकी दी कि अभी तो एक को मारा है, पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा। इसके बाद आरोपी गाड़ी लेकर स्याणा गांव की ओर फरार हो गए।
घटना के बाद परिजन सूबे सिंह को एम्बुलेंस से कनीना के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। वहीं लड़ाई झगड़े में घायल हैप्पी, कुलदीप और नवीन का इलाज सेहलंग सरकारी अस्पताल में करवाया गया।
परिजनों ने नीरज, सतेन्द्र, विशाल उर्फ छोटू और अंकित पर हत्या, मारपीट और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कहां गए वे लोग ........
-इससे तो चक्की भली जो पीस खाए संसार
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कनीना की आवाज। संत कबीर ने कहा है कि पत्थर पूजे हरि मिले तो मैं पूजू पहाड़, इससे तो चक्की भली जो पीस खाए संसार। आज वे लोग प्रत्येक गांव में इक्का-दुक्का ही रह गए जो हाथ की चक्की से आटा तैयार करके घर में भोजन बनाते हैं। सेहत के लिए आटा चक्की को ज्यादा बेहतर माना जाता है। आज भी महिलाओं के हाथ, कमर आदि दर्द के लिए इस चक्की को चलाने की सलाह दी जाती है।
घरों में महिलाएं जल्दी उठकर अपने शरीर को स्वस्थ बनाने के लिए आटे की चक्की चलाने, दूध मथने, पशुओं की देखरेख करने का कार्य करती थी किंतु अब धीरे-धीरे ये कार्य लुप्त होते जा रहे हैं जिसके चलते महिलाओं में भी रोग। होते जा रहे हैं सबिता, संतरा, जीवली आदि कुछ महिलाओं से आटे की पुरानी चक्की के बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि उन्होंने जीवन में इस चक्की से बहुत अधिक गेहूं, चने, जौ आदि पीसे है और प्रतिदिन सुबह सूर्य उदय होने से पहले 3 से 5 किलो तक आटा पीस देती थी। वह स्वास्थ्य के लिए
अधिक लाभप्रद होती थी। डा वेद प्रकाश, डाक्टर अजीत कुमार, वैद्य श्रीकृष्ण, वैद्य बालकिशन आदि से संबंध में चर्चा की तो उन्होंने कहा कि चक्की चलाना महिलाओं के सेहतमंद होती थी और उन्हें रोगों से बचाती थी। यही नहीं जब अनाज इस चक्की से पिसता था तो पौष्टिकता बची रह जाती थी। इस संबंध में चंद महिलाओं से चर्चा की जिनके विचार इस प्रकार हैं-
**आजकल मशीनों से आटा बनाया जाता है जो इतना बारीक होता है कि जिसमें पौष्टिकता खत्म हो जाती है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में महिलाएं रोगी कम होती थी किंतु अब अधिक रोगी हो रही है।
ऐसे में पत्थर की बनी हाथ की चक्की फिर से याद आने लगी किंतु वे लोग धीरे-धीरे खत्म हो गए हैं तथा भगवान को प्यारे हो गए हैं। याद आता है संत कबीर जो मूर्ति पूजा के कट्टर विरोधी थे। उन्होंने भी स्पष्ट कहा है कि इससे तो चक्की भली जो पीस खाए संसार।
बड़ी चकिक्कयों से अनाज को इतना अधिक बारिक पीसा जाता है कि उसमें पौष्टिक तत्व कम हो जाते हैं। विज्ञान साबुत अनाज खाने पर बल दे रहा है किंतु लोग मैदा की ओर अधिक आकर्षित हो रहे हैं जो रोगों का अहं कारक है।
लोगों को एक बार फिर से पुराने समय की ओर जाना पड़ेगा ताकि वे अपनी सेहत कायम रख सके। इसके लिए हाथ की चक्की, हाथ की मथनी, ऊखल मूसल का प्रयोग आदि सेहत को बरकरार रख सकते हैं वरना रोगों को बुलाना होगा।








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