Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, November 19, 2025



 




कई समस्याओं से जूझ रहे हैं कनीना के किसान
-रबी फसल पैदावार लेना तलवार की धार  
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कनीना की आवाज।
क्षेत्र के किसान कई समस्याओं से जूझते आ रहे हैं। पैदावार लेने के लिए बिजली, पानी, खाद, गिरते जलस्तर, बीजों की जानकारी अभाव तथा कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में रबी फसल पैदावार लेना तलवार की धार के समान है।
   कनीना क्षेत्र का किसान यूं तो सदा ही मेहनत के बलबूते पर जीवित रहा है। कठिन परिश्रम करके अपनी आजीविका कमा रहा है। उसकी मुख्य फसलें खरीफ एवं रबी की होती है।  खरीफ की फसल वर्षा पर आधारित होती है। पहले ही भू-स्तर गिरता जा रहा है ऊपर से डार्क जोन घोषित होने से नलकूप खोदना आसान नहीं रहा है। वैसे भी नलकूप लगाना लाखों रुपये का खर्चा होता है। यह भी सत्य है कि प्रतिवर्ष उसके बिजली के उपकरण जलने की समस्या रहती है। जैसे तैसे उपकरण ऋण लेकर लगा भी देता है तो पानी की समस्या फिर भी आड़े आ जाती है क्योंकि बिजली कम आती है जिसके चलते पर्याप्त खेतों की सिंचाई नहीं हो पाती है। इस संबंध में कुछ किसानों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्र हैं--
 **कनीना क्षेत्र में नहरों की संख्या काफी है किंतु या तो उनमें पानी आता ही नहीं या फिर वह पानी पीने के लिए ही सप्लाई होता है। इस पानी को किसान ले नहीं सकते। खादों की कमी विगत वर्ष से अधिक चल रही है। बीज और दवाइयां भी तो अच्छे नहीं मिलते हैं। मिल भी जाते हैं तो अति महंगे होते हैं। किसान रूढि़वादी होने के कारण भी परेशान हैं क्योंकि वे नए बीजों का उपयोग करने की बजाए पूर्व में उपयोग करते आ रहे बीजों का ही उपयोग करना श्रेष्ठ समझते हैं।
---भरत सिंह किसान
 किसानों के सामने गिरते जलस्तर की समस्या भी तो विकराल बन रही है क्योंकि किसान प्रत्येक वर्ष डीप बोर करवाता है किंतु अगले वर्ष वह जलस्तर भी घट जाता है। ऐसे में दक्षिण हरियाणा का किसान हताश व निराश लगता है। उससे बात करने पर कृषि को घाटे का सौदा बताता है। इन हालातों में उसके लिए फसल पैदावार लेना तलवार की धार पर चलने के समान है।
---रोहित कुमार, किसान
कई कई सालों तक ट्यूबवेल कनेक्षन नहीं मिलता है जिससे कुछ पैदावार लेना चाहे वो नहीं ले पाता है। किसान कुआं खोद ले तो कनेक्षन के लिए मारे मारे फिरते रहो। परेशान होकर बैठ जाता है।
---सूबे सिंह, किसान
आवारा जंतु फसल को तबाह कर जाते हैं। अब तो बंदर, नीलगाय, कुछ सुअर, कुछ अन्य आवारा जंतु भी खड़ी फसल पर धावा बोल देते हैं। किसान मायूस मिलता है। इन पर काबू करना कठिन है।
 --अजीत कुमार, किसान
 फोटो कैप्शन 04: संबंधित है


किसानों की मेहनत को मिट्टी में मिला रहीे हैं नील गाय
--कई आवारा जानवर फसल करते हैं बर्बाद
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कनीना की आवाज।
किसानों की पैदावार को कुछ आवारा जंतु एवं जंगली जंतु बिना किसी मेहनत किए ही चट कर जाते हैं। किसान दिन रात अपनी  फसल को इन जंतुओं से बचाने के लिए प्रयासरत रहता है।
चूहे,मोर, नील गाय, आवारा गाएं, पक्षी, कीट, बंदर और शशक आदि  किसान के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं। किसान को तो इन जीवों से फसल को बचाए रखने के लिए भारी धन खर्च करना पड़ रहा है। आवारा जंतुओं से फसल को बचाने के लिए रखवालें भी रखने पड़ते हैं जो रखवाली के बदले अनाज लेते हैं।  
   किसान के लिए नील गाय और आवारा गायें सबसे बड़ी समस्या बनी हुई है।  नील गाय झुंड के रूप में चलती हैं और जिस किसी खेत में घुस जाती हैं उसे तबाह करके ही दम लेती हैं।  किसान को सबसे अधिक रखवाली इन्हीं जीवों से करनी होती है। इन्हीं जीवों से फसल को बचाने के लिए रखवालों का प्रबंध भी करना पड़ता है। आवारा गायों और नील गायों से बचने के लिए खेत में टाओ खड़ा करता है तथा फाटक में उन्हें बंद करता है किंतु फिर भी ये गाएं फसल को नुकसान पहुंचाए बगैर नहीं रह सकती हैं। फसल को नुकसान पहुंचाने में शशक, आवारा गायें, गिलहरी, कीट,बंदर, सुअर, तोता, कौवा, फाख्ता और चिडिय़ां जैसे कितने ही पक्षी न केवल खेत में खड़ी अपितु काटकर डाली गई फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
क्या कहते हैं कृषि अधिकारी-
पूर्व कृषि अधिकारी डा देवराज ने कहा कि यूं तो पूरे हरियाणा की ही यह समस्या है और समस्या अधिक विकराल दक्षिण हरियाणा की है जहां मेहनत अधिक करके ही किसान फसल उगाता है और उस पर पानी फेर नील गाय चपत हो जाती है। सर्वाधिक सरसों की खेती सर्दी के मौसम में होती है। सर्दी से बचने के लिए किसान जब घर में जाता है तभी ये नील गाय नुकसान पहुंचा जाती है। इनका नुकसान भारी है जो दस फीसदी को पार कर जाता है। जब ये नील गाय खेत से दौड़ती है तो उनके पैरों से सरसों की खड़ी फसल टूट जाती है। ये जीव खाते कम हैं और खराब अधिक करते हैं।
अब तो सरकार ने नीलगायों को मारने का आदेश भी दे दिया है।
फोटो कैप्शन 03: संबंधित है


स्कूल परिसर के 100 मीटर दूरी दायरे में नहीं बेच सकते तंबाकू एवं इसके उत्पाद
-- तंबाकू एक बुराई है-शीशराम
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कनीना की वाल्मीकि धर्मशाला में में तंबाकू से संबंधित बुराइयों के बारे में जागरूक किया। इस मौके पर उप-प्रधान नगर पालिका सूबे सिंह मुख्य अतिथि रहे।
 उन्होंने बताया कि एनटीसीपी/ नेशनल तंबाकू कंट्रोल प्रोग्राम-2007-08 ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना में लागू किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्य जोखिम जैसे कैंसर, हृदय रोग, श्वास संबंधित समस्याओं के बारे में लोगों को जागरूक करना है।
 उन्होंने कहा कि तंबाकू एवं उसके उत्पादों की बिक्री से संबंधित कोई प्रचार प्रचार नहीं कर सकता। भारत सरकार द्वारा सार्वजनिक स्थानों पर तंबाकू का प्रयोग करना दंडनीय अपराध घोषित किया हुआ है। कोई भी दुकानदार 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को तंबाकू तथा तंबाकू से बने उत्पाद नहीं बेच सकता। किसी भी शिक्षण संस्थान के 100 मीटर दायरे में तंबाकू या तंबाकू से बने उत्पाद बेचना दंडनीय अपराध है। उन्होंने सभी वार्डवासियों से तंबाकू और तंबाकू उत्पाद सेवन करने से रोकने की मांग की। इस मौके पर शीशराम हेल्थ इंस्पेक्टर ने धूम्रपान के कु-प्रभावों के बारे में जानकारी दी। इस मौके पर सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू, सुनीता एएनएम, खुशवंत आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर सरला, ममता तथा ग्रामवासी मौजूद रहे।
 फोटो कैप्शन 02: तंबाकू की बुराइयों के बारे में जागरूक करते हुए


कनीना की छात्रा याशिका ने राज्य स्तरीय विज्ञान निबंध प्रतियोगिता में बनाई जगह
-जिला की टाप-10 में है नाम
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राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना की कक्षा 12 की मेधावी छात्रा याशिका ने जिला स्तरीय विज्ञान निबंध लेखन प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए टाप-10 में नाम कमाया है जिसके चलते राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए अपनी जगह पक्की कर ली है। यह उपलब्धि  सम्मान की बात है।
इस वर्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, हरियाणा के निर्देशन में आयोजित निबंध प्रतियोगिता का उद्देश्य छात्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण, सृजनात्मकता और समाज में विज्ञान की प्रासंगिकता के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। प्रतियोगिता में 800 से 1000 शब्दों की सीमा में विद्यार्थियों को विभिन्न वैज्ञानिक विषयों पर अपने विचार प्रस्तुत करने थे।
याशिका ने अपने निबंध के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता के नैतिक पहलू  विषय चुना, जिसमें उसने आधुनिक तकनीकों के नैतिक पक्ष, उपयोगिता और संभावित जोखिमों पर गहन एवं प्रभावशाली विश्लेषण प्रस्तुत किया। उसकी लेखन शैली, मौलिक विचारों और विषय की स्पष्ट समझ ने मूल्यांकन समिति को विशेष रूप से प्रभावित किया।
इस सफलता में स्कूल के शिक्षकों का मार्गदर्शन महत्वपूर्ण रहा। याशिका ने बताया कि उसके उत्कृष्ट प्रदर्शन में कंप्यूटर साइंस लेक्चरर सुरेंद्र यादव तथा केमिस्ट्री लेक्चरर नितिन मुद्गिल का विशेष सहयोग और प्रेरणा रही। दोनों शिक्षकों ने विषय की समझ, लेखन संरचना और अभिव्यक्ति कौशल को निखारने में निरंतर मार्गदर्शन दिया।
विद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील खुडानिया ने याशिका की उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए उसे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि विद्यालय के छात्र लगातार विभिन्न प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं, जो विद्यालय के शैक्षणिक वातावरण और शिक्षकों की निष्ठा को दर्शाता है। उन्होंने याशिका को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता के लिए पूर्ण समर्थन और प्रोत्साहन देने का आश्वासन भी दिया।
राज्य स्तरीय विज्ञान निबंध प्रतियोगिता भविष्य में आयोजित की जाएगी, जिसमें याशिका जिला महेंद्रगढ़ का प्रतिनिधित्व करेगी।
फोटो कैप्शन: याशिका



गायों की सेवा ईश्वर की सेवा -प्रधान भगत सिंह
-इंसान को गायों की सेवा करके पुण्य कमाना चाहिए-विनीता राव
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रामबास निवासी स्वर्गीय सूबेदार रोहताश सिंह की आत्मा की शांति के लिए श्रीकृष्ण गौशाला कनीना में उनके परिजन सुनील यादव, विनीता राव एवं बच्चों ने गायों को गुड़ खिलाया तथा 5100 रुपये का दान दिया। भगत सिंह प्रधान ने दिवंगत आत्मा की शांति की प्रार्थना की।
उल्लेखनीय है कि कनीना के माडल स्कूल में में लंबे समय तक सेवा दे चुके एवं हसला के पूर्व प्रधान सुनील यादव, गणित प्राध्यापक के पिता सूबेदार रोहताश साहब का 71 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया था। वे 28 सालों की सेना में सेवा करके कनीना में रह रहे थे। विगत दिनों से बीमार थे जिसके बाद उन्हें अस्पताल भर्ती करवाया गया था। आज उनका निधन हो गया। उनके निमित्त यह गायों की सवामणि लगाई गई एवं दान पुण्य किया।
  कस्बे कनीना में चल रही गौशाला में गौशाला प्रधान भगत सिंह यादव व उनकी टीम तथा क्षेत्र वासियों की कड़ी मेहनत के कारण श्रीकृष्ण गौशाला कनीना दिन दुगनी रात चौगुनी उन्नति कर रही है। जिसके कारण गौशाला में हजारों गायों की सेवा उनके द्वारा की जा रही है। इसी कड़ी में गौशाला प्रधान भगत सिंह यादव अपने सारे निजी कार्य को छोड़कर गौ सेवा में लगे हुए हैं तथा क्षेत्र के लोगों वह गौशाला में आने वाले को भक्तों को गायों की महिमा के बारे में बताते हैं और उनको गौ सेवा करने की प्रेरणा भी देते हैं। जिसके कारण
सैकड़ों गाये गोद लेने के लिए लोग घरों से चलकर आये हैं। न केवल कनीना अपितु आस पास के गांवों के लोग भी गौशाला में आकर गायों को गोद ले रहे हैं और दान दे रहे हैं।
इस मौके पर भगत सिंह प्रधान के अलावा, वरिष्ठ प्राध्यापक सुनील कुमार, वरिष्ठ प्राध्यापिका विनीता राव, मानवी, कनिका, काश्वी, पूर्व शिक्षक रामप्रताप, दिलावर सिंह, नवीन यदुवंशी, नरेंद्र , मुकेश नंबरदार ,रामपाल यादव आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: सुनील कुमार यादव अपने परिवार सहित गायों की सेवा करते हुए


बाजरे से संबंधित किसानों की मांगों को लेकर बसपा मिलेगी राज्यपाल से
-मिलने का मांगा समय
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************************************************************    कनीना की आवाज।
बसपा ने बाजरे से संबंधित किसानों की मांगों को लेकर हरियाणा के राज्यपाल से मिलने का निर्णय लिया है। इस सम्बन्ध में बसपा नेता अतरलाल ने राज्यपाल को पत्र लिखकर प्रतिनिधि मंडल को मिलने का समय देने की मांग की है।
  अतरलाल ने जिला के गांव कपूरी ककराला, रामबास, इसराणा में किसानों से मिलकर कहा कि राज्य सरकार ने बाजरा का भाव 2200 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित कर 575 रुपये प्रति क्विंटल भावांतर देने की घोषणा की थी परन्तु राज्य सरकार ने बाजरा की 2200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरकारी खरीद न करके किसानों के साथ धोखा किया। जिससे किसानों को 1800-1900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से निजी विक्रेताओं को बाजरा बेचना पड़ा और किसानों को 400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हानि उठानी पड़ी। किसानों की बार-बार मांग करने के बावजूद भी राज्य सरकार भावांतर राशि नहीं बढ़ा रही है और न ही किसानों के खातों में अब तक भावांतर राशि भेजी है। इसलिए बहुजन समाज पार्टी ने बाजरा की भावांतर राशि 975 रुपये बढ़ाकर देने, भावांतर राशि का तत्काल भुगतान करने और किसानों की अनेक समस्याओं तथा मुद्दों को लेकर राज्यपाल से मिलने के लिए समय मांगा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों की जायज मांगों की अनदेखी कर किसानों को आंदोलन के लिए मजबूर कर रही है। इस अवसर पर उनके साथ शेर सिंह यादव, भाग सिंह चेयरमैन, राकेश यादव, दान सिंह प्रजापत, नरेन्द्र शर्मा आदि पार्टी पदाधिकारी मौजूद थे।



अपना पता अपडेट करें








-जिन-जिन को गीत प्रश्नोत्तरी में नाम आया है वे जरूर ध्यान दें

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************************************************************    कनीना की आवाज।
कनीना से डाक्टर होशियार सिंह यादव लेखक एवं पत्रकार ने बतौर मोटीवेटर 757 गीता भक्तों को प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता से जोड़ा था। जिसमें कुछ लोगों की इनाम भी आई हैं। ऐसे में कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड एवं हरियाणा सरकार की ओर से मिली सूचना अनुसार विजेता सभी  गीता प्रश्नोत्तरी लिंक पर जाकर फोन नंबर तथा ओटीपी डालकर अपना पता अपडेट कर दे। जिस किसी के खाते में अपडेट मांगा गया है वह जरूर अपडेट कर दे ताकि उनका गिफ्ट उन्हें घर पर कोरियर द्वारा मिल सके। मिली जानकारी अनुसार इस बार गीता प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विजेताओं को नकद राशि न देकर के गिफ्ट दिया जाएगा जो पहले ही मैं बता चुका हूं। अपना पता, फोन नंबर, पिन कोड आदि सहित वांछित सूचना भर दे। जिनके खाते में अपडेट नहीं आया है उनका कोई इनाम नहीं है।

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