पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय, करीरा में राजभाषा कार्यान्वयन का सफल निरीक्षण
--दिये कुछ दिशा निर्देश
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कनीना की आवाज। राजभाषा विभाग के सहायक निदेशक (कार्यान्वयन) जेके मंडल ने पीएमश्री जवाहर नवोदय विद्यालय, करीरा, महेंद्रगढ़ में हिंदी राजभाषा नीति के कार्यान्वयन संबंधी विस्तृत निरीक्षण किया। विद्यालय के प्राचार्य बीएम रावत, उप-प्राचार्य धर्मेंद्र आर्य, हिंदी विभाग के शिक्षकों तथा अन्य शिक्षकों व कर्मचारियों ने श्री मंडल का सत्कारपूर्वक स्वागत किया। विद्यालय स्तरीय राजभाषा कार्यान्वयन समिति की प्रभारी सुदेश कुमारी ने निरीक्षण कार्यक्रम का समन्वय कर पूर्ण सहयोग प्रदान किया।
इसके अलावा, एनसीसी कैडेटों ने गोविंद नारायण सैन के नेतृत्व में अतिथि का भव्य स्वागत एवं एस्कार्ट किया।
निरीक्षण के दौरान श्री मंडल ने हिंदी में किए गए कार्यों का विवरण, नवीनतम त्रैमासिक प्रगति प्रतिवेदन, राजभाषा कार्यान्वयन समिति की बैठकों के मिनट्स, राजभाषा अधिनियम की धारा 3(3) के तहत जारी दस्तावेजों का रिकार्ड, डिस्पैच रजिस्टर, राजभाषा कार्यान्वयन से संबंधित कार्यालय के उल्लेखनीय कार्यों का विवरण, हिंदी प्रशिक्षण रजिस्टर आदि की गहन जांच की। सभी दस्तावेज एवं रिकार्ड पूर्णत: मानकों पर खरे पाए गए।
निरीक्षण के अंत में श्री मंडल ने विद्यालय की राजभाषा संबंधी उत्कृष्ट कार्यान्वयन की सराहना की तथा आगे की दिशा-निर्देश दिए।
यह निरीक्षण केंद्रीय राजभाषा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन को मजबूत करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था।
फोटो कैप्शन 03: श्री मंडल का स्वागत करते नवोदय शिक्षक एवं विद्यार्थी
चंद वर्षों से बढ़ा है कच्ची हल्दी का सेवन
-कोरोना काल सीखा गया कच्ची हल्दी प्रयोग करना
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कनीना की आवाज। सर्दी से बचने के लिए तथा शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कच्ची हल्दी प्रयोग कर रहे है। सब्जी की दुकानों पर कच्ची हल्दी देखी जा रही है। 2019 के कोरोना काल के बाद इस हल्दी की मांग बढ़ी ही जा रही है। हर वर्ष सर्दियों में दुकानों पर उपलब्ध होने लगी है।
वैसे तो सभी घरों में हल्दी सब्जी में डाल कर प्रयोग करते हैं परंतु कोरोना काल के समय डाक्टरों ने इसका प्रयोग समझाया। उसके बाद से बाद से हर वर्ष सर्दियों में कच्ची हल्दी प्रयोग की जाती है, मांग बढ़ी है। ग्रामीण क्षेत्रों में सब्जी बेचने वाले अनेश, सुंदर, इंद्रजीत आदि ने बताया कि सर्दियों में चंद वर्षों से ग्राहक कच्ची हल्दी मांगने लग गए हैं। प्रतिदिन 5 से 7 किलो हल्दी कच्ची हल्दी बेच देते हैं। कच्ची हल्दी को भी दूध में तथा चाय में डालकर पी रहे हैं।
शिक्षिका लक्ष्मी देवी का कहना है कि वे वर्षों से कच्ची हल्दी दूध में डालकर प्रयोग करती आ रही है। यह सेहत के लिए अच्छी होती है वहीं सर्दी एवं जुकाम से बचाती है। इसे प्रतिदिन प्रयोग कर रही हूंं। करीरा के बाल किशन और श्रीकिशन वैद्य का कहना है कच्ची हल्दी बहुत लाभप्रद होती है। यह सेहतमंद होती है। यहां तक कि कैंसर में भी लाभ पहुंचाती है, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है। वही कच्ची हल्दी चटनी के रूप में भी प्रयोग किया जा सकता है, सोजन रोकने, इंसुलिन के स्तर को संतुलित करने में अहम भूमिका निभाती है।
क्या कहते हैं डाक्टर-
डा. विनय शर्मा का कहना है कि कच्ची हल्दी से एंटीसेप्टिक ,एंटीबायोटिक गुण भी पाया जाता है तथा त्वचा चमकदार बनती तथा इसकी चाय शरीर में रोग रोधक क्षमता बढ़ाती है, वजन कम करने में कारगर है वही लीवर को भी स्वस्थ रखती है। कच्ची हल्दी को दूध में डालकर सोते वक्त पीना लाभप्रद है। इससे गले का रोग, अस्थमा, वातरोग, हड्डियां रोग आदि में बेहतर साबित हो सकती है।
--डा. विनय शर्मा
फोटो कैप्शन 02: कच्ची हल्दी तथा साथ में डा. विनय शर्मा
स्कूल में विद्यार्थियों के लिए सेफ्टी जागरूकता गोष्ठी का हुआ आयोजन
--कनीना मंडी में चला कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में बीकानेर मंडल के रेलवे विद्युत एवं अभियांत्रिकी विभाग की ओर से विद्यार्थियों के लिए एक सेफ्टी जागरूकता गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सेफ्टी काउंसलर नवीन कुमार विद्युत व राधेश्याम मैकेनिकल ने कनीना स्टेशन अधीक्षक दलीप सिंह यादव व सतीश कुमार ने छात्राओं व छात्रों को रेलवे परिचालन, रेल लाइनों के निकट सावधानियां तथा विद्युत संबंधी सुरक्षा उपायों की विस्तृत जानकारी प्रदान की।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य नरेश कुमार कौशिक ने की तथा बताया कि सुरक्षा मानकों में सबसे बड़े प्रचार का माध्यम हमारे विद्यार्थी ही हैं जो जनमानस में जागरूकता फैलाते हैं। उन्होंने विद्यालय परिवार की ओर से रेलवे अधिकारियों को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया तथा उनके प्रयासों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर पर प्रवक्ता प्रवीण कुमार, पन्नालाल, पवन कुमार, रेखा यादव, अंजू यादव, ममता शर्मा, सरोज यादव, अनीता यादव एवं समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
गोष्ठी के दौरान छात्राओं व छात्रों को अग्निशमन यंत्र के प्रयोग, आपात स्थिति में बचाव के उपाय, विद्युत लाइनों से दूरी बनाए रखने एवं रेलवे ट्रैक के आसपास सुरक्षा नियमों की विशेष प्रशिक्षणात्मक जानकारी दी गई। कार्यक्रम का उद्देश्य छात्राओं व छात्रों में सुरक्षा चेतना बढ़ाना तथा दुर्घटनाओं की रोकथाम के प्रति जागरूक करना था।
फोटो कैप्शन 01: कनीना स्कूल में सेफ्टी जागरूकता गोष्ठी
कनीना के डीएवी कालेज से हुई चोरी
-कनीना पुलिस में मामला दर्ज, चार गिरफ्तार
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कनीना की आवाज। महेंद्रगढ़ जिला में कनीना के डीएवी कालेज में चोरी की वारदात सामने आई है। घटना 26 नवंबर की रात को हुई है। इस बारे में कालेज के चौकीदार ने पुलिस में शिकायत की है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस को दी गई शिकायत में चौकीदार संदीप ने बताया कि वह कालेज में करीब ढाई साल से चौकीदार है। बीती रात को जब वह नियमित रूप से कॉलेज के राउंड पर था तो उसे एक कमरे का दरवाजा टूटा हुआ मिला। जिस पर उसे चोरी का शव हुआ। इसके बाद उसने वहां पर कई जगह जांच की।
राउंड के दौरान उन्हें कालेज के अंदर स्थित लड़कों के हास्टल के मैस का एल्यूमीनियम दरवाजा टूटा हुआ मिला। इसके साथ ही मैस की खिड़की का पल्ला भी उखड़ा हुआ था। अंदर जांच करने पर पता चला कि कमरे में रखा कंप्यूटर का एलसीडी मानिटर गायब है। संदीप ने तुरंत परिसर में तलाश की, लेकिन चोरी हुआ सामान कहीं नहीं मिला।
घटना की सूचना चौकीदार द्वारा थाना शहर कनीना में लिखित शिकायत के माध्यम से दी गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
चोरी करने के आरोप में चार गिरफ्तार-
डीएवी कालेज कनीना के ब्वॉयज हास्टल से मेस का दरवाजा, खिड़की और एलसीडी मानिटर चोरी करने वाले कनीना निवासी चार आरोपियों मनो, साहिल, आतिश और मोहित के रूप में हुई। जिनसे पूछताछ में पुलिस ने चोरी का सामान बरामद कर लिया है। आरोपियों को स्थानीय लोगों ने पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। शिकायतकर्ता संदीप वासी कनीना ने बताया कि वह डीएवी कालेज कनीना में लगभग 2 साल 6 महीने से संस्था की तरफ से चौकीदार लगा हुआ है और सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक चौकीदार की ड्यूटी करता है, उसके बाद दूसरा चौकीदार ड्यूटी करता है। दिनांक 26 नवम्बर को वह डीएवी कालेज में चौकीदार की ड्यूटी पर तैनात था, समय करीब पीएम पर उसने कॉलेज का राउंड लिया तो कॉलेज के अंदर बने ब्वायज होस्टल का मैस का दरवाजा एलुमिनियम का व मैस की खिड़की पल्ला व कमरे में रखी कंप्यूटर की स्क्रीन चोरी हुए मिले, जिन्हें कोई नाम पता नामालुम व्यक्ति चोरी कर ले गया। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
डाक्टरी सलाह-
सर्दी से करें बचाव, वरना होंगे बीमार -मोरवाल
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कनीना की आवाज। सर्दी बढै़ चली है। सर्दी से बचाव करना बहुत जरूरी होता है। जहां सेहत का ध्यान रखना भी जरूरी है वही सर्दी से बचाव भी बहुत जरूरी है। इस संबंध में कनीना उप-नागरिक अस्पताल में कार्यरत आयुर्वेद संबंध रखने वाले डाक्टर विनय कुमार शर्मा तथा डा. जितेंद्र मोरवाल से चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि सर्दियों में आयरन भरपूर मात्रा में हरी पत्तेदार सब्जियों में उपलब्ध होता है। हरी पात्तेदार सब्जियां जमकर खाई जाती है जो सेहत के लिए लाभप्रद है तथा हीमोग्लोबिन/खून को भी बढ़ती है। उन्होंने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार च्यवनप्राश बहुत लाभप्रद होता है। सर्दियों में च्यवनप्राश जरूर खाए। दूध के साथ प्रयोग किया जा सकता है और चाय के साथ भी ले सकते हैं। छोटे बच्चों को सर्दी से बचाना बहुत जरूरी होता है। पुराने समय से बुजुर्ग जायफल को घिसकर छोटे बच्चों को देते आए हैं वह विधि भी कारगर है। उन्होंने बताया कि गिलोय शरीर में प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है अपितु बहुत लाभप्रद है। कच्ची हल्दी को दूध में डालकर पीने से भी लाभ होता है। डाक्टर ने बताया कि सर्दियों से बचाव के लिए जब गर्म कपड़े पहनना चाहिए और सर्दी से बचना चाहिए। गर्म पानी बहुत लाभप्रद होता है। उन्होंने बताया कि यह प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है और शरीर में रोगों से भी बचाया जा सकता है। इसलिए सर्दियों में गुनगुना/गर्म पानी जरूर पिये। यदि सर्दी लग भी जाए तो जहां गुडू़ची घनवटी तथा गिलोय घनवटी आदि विभिन्न आयुर्वेद की गोलियां उपलब्ध हैं। उनका उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि सर्दियों में जहां बुजुर्ग और छोटे बच्चे ज्यादा परेशान रहते हैं। छोटे बच्चों को निमोनिया से बचाना चाहिए। समय-समय पर उन्हें गर्म पानी पिलाना चाहिए तथा गर्म कपड़े लपेट रखना चाहिए। उनके पैरों हाथों तथा सिर को जरूर ढककर रखे ताकि सर्दी से बचाया जा सके। सर्दी से बचने के लिए जहां बाजरे की रोटी बहुत प्रसिद्ध है खाई जा सकती है तथा सेहत के लिए भी यह लाभप्रद होती है। वाहन पर जाते समय हेलमेट जरूर पहने, माथे को हल्का गर्म रखे। नंगे पैर कभी न घूमे।
उन्होंने बताया कि कच्ची हल्दी को दूध में डालकर सोते वक्त पीना लाभप्रद है। इससे गले का रोग, अस्थमा, वातरोग, हड्डियां रोग आदि में बेहतर साबित हो सकती है।
फोटो कैप्शन : डा. जितेंद्र मोरवाल









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